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गुरुवार, 15 सितंबर 2022

ओवरथिंकिंग क्या बीमारी है? अगर बीमारी बन गई है तो इसका हल क्या है?In hindi.

 ओवरथिंकिंग क्या बीमारी है? अगर बीमारी बन गई है तो इसका हल क्या है?  



Dr.VirenderMadhan.

ओवरथिंकिंग कोई बीमारी नहीं बल्कि एक नकारात्मक आदत है। इसका प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य जोखिमों का कारण होने के साथ आपके इमोशनल और फिजिकल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। नियमित रूप से ओवरथिंकिंग करने की आदत आपको एंग्जाइटी, पैनिक अटैक और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से ग्रसित कर देती हैं।

- ऐसी सोच या विचार आना जो आपके हाथ मे न हो जैसे:-

- बोस क्या कहेंगे, 

-पडौसी क्या सोचेंगे, 

- बारिश हो गई तो ओफिस कैसे जाऊंगा. 

- अगर नौकरी से निकाल दिया जाऊं तो घर कैसे चलेगा 

आदि आदि। 

ऐसी सोच या विचार आना जिसका समाधान किसी के हाथ मे नही हो.

“सडक पर चलते हुए मेरे ऊपर पेड गिर गया तो”

ऐसे विचार ओवरथिंकिंग कहलाते है।

जो व्यक्ति प्रभु मे विश्वास करता है जो व्यक्ति आत्मा व प्रमात्मा के बारे मे थोड़ा ज्ञान रखता है.

इस श्रृष्टि मे नित्य क्या है, अनित्य क्या है, इसका ज्ञान रखता है अपने को अनित्य मानने वाला व्यक्ति ओवरथिंकिंग तो क्या वह किसी भी मानसिक रोगों का शिकार नही होता है।

[A person who considers himself to be impermanent (कभी तो अंत होगा)is overthinking, then does he not fall prey to any mental diseases.]

ओवरथिंकिंग बीमारी नही है यह अन्य भयंकर बीमारियों की जड है।

[Overthinking is not a disease, it is the root of other terrible diseases.]

ओवरथिंकिंग के कुछ कारण भी होते है।

#ओवरथिंकिंग के कारण

- पर्सनैलिटी (व्यक्तित्व)

ज्यादा सोचना किसी के व्यक्तित्व (पर्सनैलिटी) का हिस्सा हो सकता है। कई लोग हर काम में खूब सोच-विचार करते हैं। ऐसे लोगों की संख्या 60 से 70 फीसदी होती है।कुछ लोगों को बहुत सोचने की जन्मजात आदत होतीहै।

-इनमें से कई लोग ऐसे होते हैं जो जाने-अनजाने ज़िंदगी को शतरंज की तरह जीने लगते हैं। (हार हो या जीत कोई बात नही)ऐसे लोगों को ज्यादा सोचने से कभी भी परेशानी नहीं होती।

- Stress (मानसिक तनाव)

जीवन मे स्ट्रेस तो हर कोई को होती है, लेकिन स्ट्रेस जब किसी के लिए हर काम मे रुकावट पैदा करने लगे तब स्ट्रेस की स्थिति आदमी के लिए गलत होती है परेशानी होती है व्यक्ति को कोई बीमारी जाती है।

- एंग्जाइटीAnxiety चिंता;-

किसी भी चीज के होने या न होने की एंग्जाइटी हमें ओवरथिंकिंग की तरफ ले जाती है। वैसे चिंता होना आम बात है। हर शख्स किसी न किसी चीज को लेकर चिंतित होता है। अगर चिंता सही कारण से हो और चंद क्षणों तक विचलित करे, फिर धीरे-धीरे खत्म हो जाए तो इसे सामान्य ही कहेंगे। 

लेकिन जब यही चिंता घबराहट के रूप में हो, छोटी वजहों से या फिर बिना किसी कारण के इस कदर परेशान करे कि नींद ही उड़ जाए। काम में उसका मन न लगे, हमेशा कुछ न कुछ सोचने की जरूरत महसूस हो तो यह एंग्जाइटी की ओवरथिंकिंग है। जब एंग्जाइटी का उपाय करेंगे तो ओवरथिंकिंग का भी निदान हो जाएगा।

 एंग्जाइटी में ओवरथिंकिंग की स्थिति तब भी बनती है जब हम किसी चीज की सबसे बुरी संभावना के बारे में ज्यादा सोचने लगते हैं।



 - डिप्रेशनdepression अवसाद या खिन्नता:-

तनाव, घबराहट, मूड ऑफ होना ये सब लक्षण ज़िंदगी में एक बार नहीं आते। ये हर दिन आते-जाते रहते हैं। इनके आने और जाने का सिलसिला चलता रहता है। लेकिन इन वजहों से हमारे काम, हमारी रुटीन, हमारी बॉडी लैंग्वेज अमूमन ज्यादा प्रभावित नहीं होता। जब ऐसे इमोशंस आकर ठहर जाएं और मन में अपना घर बनाने लगें तो परेशानी होती है।जब मन के भीतर से ऐसी भावनायें आने लगे कि अब कुछ भी ठीक नहीं हो सकता। इस स्थिति में यह ओवरथिंकिंग का अहम कारण बन जाता है।


गंभीर मानसिक बीमारियों में भी होती है ओवरथिंकिंग

अगर ओवरथिंकिंग गंभीर मानसिक बीमारी, जैसे: -बाइपोलर डिसऑर्डर, 

- मेनिया, 

- सिजोफ्रेनिया आदि बीमारियों की वजह से हो रही है तो फिर इसके लिए किसी सायकायट्रिस्ट की मदद लेनी चाहिए। 

 इस तरह की ओवरथिंकिंग की वजह न्यूरोट्रांसमीटर(सेरेटोनिन, डोपामाइन आदि) की कमी हो सकती है। इसलिए इनमें दवा और काउंसलिंग की जरूरत हो सकती है।

#ओवरथिंकिंग के 10 लक्षण.



1. छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत देर तक सोचते रहना. है

जैसे कल ऑफिस में खाने में क्या लेकर जाना है या फिर मेरी पत्नी या पति ने मुझे उलटा जवाब क्यों दिया।

2.  दूसरे के बारे मे कल्पना करके खुद ही सोचते रहना जैसे:-

 किसी दोस्त ने या फिर किसी संबंधी ने मेरे बारे में क्या कहा होगा? 

3. वर्तमान के बारे में बहुत कम, भविष्य के बारे में ज्यादा और अतीत के बारे में बहुत ज्यादा सोचतते रहना।

4. कल्पना करते हुए बार-बार यह सोचना कि अगर ऐसा हो गया तो क्या होगा।

5. अपने बीते दिनों के बारे में यह सोचते हैं कि काश यह न किया होता तो अच्छा होता यानी खुद पर बार-बार पछतावा करते रहना।

6. किसी की कोई बात बार-बार दिमाग में आना। किसी व्यक्ति ने मजाक में कोई बात बोल दी, फिर भी क्या उसके बारे में सोचते रहना।

7. दिमाग में किसी बात को लेकर खुद को बार-बार दुख महसूस करते हैं? अतीत की किसी घटना को लेकर दुख महसूस करते हैं?

8. उन चीजों के बारे में क्या ज्यादा सोचते हैं जिन घटनाओं पर आपका कोई कंट्रोल नहीं हैजैसे:-

अगर चीन या पाकिस्तान से भारत की लड़ाई हो गई तो कहां जाकर रहेंगे। 

9. किसी बात को सोचते सोचते गुस्सा या डर लगता है 

10.  गहरी नींद न आना, लगातार 6 से 8 घंटे की नींद पूरी न होना, सुबह उठने पर बहुत ज्यादा थकान महसूस होना, शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना, चिड़चिड़ापन होना, बिना मतलब परिवार या फिर ऑफिस में गुस्सा करना, अपने काम में बार-बार गलतियां करना, जैसी समस्याएं होती है।

उपरोक्त परेशानी है तो फिर आप ओवरथिंकिंग से परेशान हैं 

अधिक जानकारी के लिए किसी मनोचिकित्सक से मिले

#ओवरथिंकिंग है तो क्या करें उपाय:-

नशा न करें

मडिटेशन न करें

अकेले व खाली न बैठे

क्या करें?

प्राणायाम करें

योगासन करें

पुस्तक पढें

संगीत सुने

गहरी सांस ले

उल्टी गिनती करें।

माला जपे

लाईफ स्टाईल बदले

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