Guru Ayurveda

रविवार, 21 मई 2023

लिपिड गडबड हो जाये तो क्या होता है?


 #लिपीड विकार समस्याएं (Lipid Vikar Samasyaen)

#लिपिड गडबड हो जाये तो क्या होता है?

What happens if lipids get messed up?


लिपिड एक प्रकार का वसा है जो शरीर में पायी जाती है। यह शरीर के लिपिड मेटाबोलिज़म के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें खाद्य से प्राप्त होने वाले तत्वों को उन्हें संग्रहित करना और उन्हें उपयोग करना शामिल है।

लिपीड गडबड होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अधिक वसा खाना, आंतरिक रोग, यहां तक कि आनुवंशिक प्रभाव भी हो सकता है। इन्हें आमतौर पर "लिपीड विकार" कहा जाता है।

लिपीड गडबड हो जाने पर निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:–

*हार्ट रोग:–

 अधिक लिपीड उपलब्ध होने के कारण, आपकी धमनियों में तकलीफ हो सकती है और आपको हार्ट अटैक, दिल की बीमारी और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


* उच्च रक्तचाप:–

 अधिक लिपीड रक्तवाहिनियों को जमा कर सकती है जिससे आपके रक्तचाप में बढ़ोतरी हो सकती है। यह आपको हृदयाघात कर सकता है

*शरीर का वजन वृद्धि:–

 अधिक लिपीड आपके शरीर में जमा होने से आपका वजन बढ़ सकता है, जो ओबेसिटी या मोटापा की एक मुख्य कारण है।

*मेटाबोलिक सिंड्रोम:–

 यह एक समूह का रोग है जिसमें उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा स्तर, अधिक वजन, लिपीड विकार और मधुमेह के लक्षण शामिल हो सकते हैं।

* घातक फेफड़ों की बीमारियां:–

लिपीड गड़बडी के कारण, अनुचित लिपीड संघटकों की उपस्थिति श्वसन प्रणाली को प्रभावित कर सकती है, जिससे दमा, अस्थमा और अन्य श्वसन रोग हो सकते हैं।

*गंदगी वाली शरीर:–

 अधिक लिपीड के कारण, शरीर में वसा जमा हो सकती है, जिससे त्वचा की स्वास्थ्य बिगड़ सकती है और आपको त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे चर्बी की गाठें, एक्जिमा, और दाद आदि।

#लिपिड खराब होने के लक्षण:–

कुछ लक्षण इस प्रकार हो सकते है, जैसे–

- चलते हुए पैरों में दर्द या सूजन होना (Leg Pain or Swelling)

- छाती में दर्द और सीने में जकड़न (Chest Pain and Tightness)

- सांस लेने में तकलीफ होना (Shortness of Breath)

- गर्दन और पीठ में दर्द होना (Neck and Back Pain)

- अनिद्रा और थकावट (Insomnia and Exhaustion)

- अपच की समस्या और चक्कर आना (Indigestion and Dizziness)

- गर्दन की नसों में सूजन (Swelling of Neck Veins)

- दिल घबराना और उल्टी आना (Heartburn and Vomiting


** यदि आपको लगता है कि आपकी लिपीड में गड़बडी है, तो आपको अपने चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और उपयुक्त विशेषज्ञ सलाह देंगे। आपके चिकित्सक द्वारा निर्धारित उपचार आपकी स्थिति के आधार पर निर्धारित किए जाएंगे। यह उपचार आपके लिपीड स्तर को सामान्य करने और संतुलित रखने के लिए शामिल हो सकते हैं।

#कुछ सामान्य उपचार विकल्प शामिल हो सकते हैं:

आहार परिवर्तन:–

 स्वस्थ आहार व्यवस्था अपनाना और तैल, मक्खन, ग्रीसी और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की मात्रा को कम करना जैसे उच्च फाइबर और पौष्टिक भोजन लेना।

व्यायाम:–

 नियमित शारीरिक गतिविधि करना, जैसे योग, वॉकिंग, धावन, या अन्य व्यायाम आपके लिपीड स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकता है।

दवाइयाँ:–

 आपके चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाइयाँ लेना, जैसे कि स्टेटिन या फिब्रेट्स, लिपीड स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।

पक्षाघात, किडनी समस्याएं, गंभीर लिपीड विकार या अन्य संबंधित समस्याओं की जांच और उपचार के लिए विशेषज्ञ सलाह लेना महत्वपूर्ण हो सकता है। वे आपके स्वास्थ्य परिस्थितियों का मूल्यांकन करेंगे और आपके लिए उपचार की सलाह देंगे।

लिपीड विकार को संभालने के लिए स्वस्थ जीवनशैली परिवर्तन भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जैसे कि:-

नियमित वजन प्रबंधन:–

 स्वस्थ वजन पर नियंत्रण रखना लिपीड स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। आपके चिकित्सक के साथ एक संतुलित आहार योजना बनाने और वजन प्रबंधन करने के लिए सलाह लें।

नियमित प्रशिक्षण:–

 योग, ध्यान, प्राणायाम और अन्य शारीरिक एक्सरसाइज लिपीड स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, नियमित व्यायाम आपके सामान्य स्वास्थ्य और कार्डियोवास्कुलर स्वास्थ्य को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

स्वस्थ आहार:-

 हेल्दी आहार व्यवस्था अपनाना लिपीड स्तर को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण होता है। अपने आहार में निम्नलिखित सामग्री को शामिल करें:-

हेल्दी फैट:–

 अच्छी गुणवत्ता वाले तेलों का उपयोग करें, जैसे कि जैतून का तेल, कानोला तेल, और अवोकाडो तेल। अंडे, मछली, नट्स, और सीड्स जैसे भोजन में भी स्वस्थ फैट पाया जाता है।

फाइबर:–

 फल, सब्जियाँ, पूरे अनाज, और दालों में अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। फाइबर खाद्य सामग्री को पचाने में मदद करता है और लिपीड स्तर को नियंत्रित करने में सहायता प्रदान कर सकता है।

पूर्ण अनाज:–

 अनाज की एक अच्छी स्रोत होने के कारण, गेहूं, चावल, बार्ली, और ओट्स को अपने आहार में शामिल करें। इनमें उच्च फाइबर होती है जो लिपीड स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

संक्रामक्षिप्त खाद्य पदार्थों से बचें:–

 प्रोसेस्ड और तला हुआ खाद्य पदार्थ जैसे कि चिप्स, नमकीन, बिस्किट, और अन्य जंक फूड लिपीड स्तर को बढ़ा सकते ह

Q:- लिपिड प्रोफाइल बढ़ने से क्या होता है?

And:– ये फैट कोशिकाओं की हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है लेकिन इनका खराब रूप खून की धमनियों को ब्लॉक करने लगता है और उसमें सूजन बनाने का कारण बनने लगता है. इससे हार्ट की क्षमता प्रभावित होती है और हार्ट से संबंधित कई बीमारियों को प्रोत्साहन मिलती है.

Q:-लिपिड से कौन सी बीमारी होती है?

Ans:–यदि रक्त में किसी कारण से बहुत अधिक लिपिड हो तो, तो यह रक्तवाहिकाओं में जमा होकर उसे संकुचित कर देता है या फिर अवरोधित भी कर देता है। इसको एथ्रोसक्लेरोसिस कहते हैं और यह समय के साथ और बढते जाता है। अंत में यह विभिन्न अंगों में रक्त-प्रवाह को कम करके हानि पहुँचाता है, जैसे कि हृदयाघात या पक्षाघात आदि।

Q:–लिपिड प्रोफाइल को कैसे ठीक करें?

Ans:– खट्टे फल जैसे कि संतरा और अंगूर आदि का सेवन हाई कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद साबित हो सकता है। इन सबके अलावा, अगर आपके कोलेस्टेरॉल का स्तर बढ़ गया है तो आपको रोजाना सुबह और शाम में कुछ समय के लिए पैदल टहलना चाहिए। कोलेस्टेरॉल को कम करने का यह सबसे रामबाण इलाज माना जाता है।

Q:–लिपिड की कमी होने पर क्या होता है?

Ans:- यदि आपको अपने आहार में पर्याप्त वसा नहीं मिलती है, तो आपको सूखे चकत्ते, बालों का झड़ना, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और विटामिन की कमी से संबंधित समस्याएं जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद के लिए, आपके द्वारा खाए जाने वाले अधिकांश वसा मोनोअनसैचुरेटेड या पॉलीअनसेचुरेटेड वसा होने चाहिए।

Q:– लिपिड ज्यादा हो तो क्या करें?

Ans:–आपके लिपिड स्तर को कम करने के पहले तरीके हैं (1) कम वसा खाना , (2) नियमित रूप से व्यायाम करना और (3) वजन कम करना यदि आपका वजन बहुत अधिक है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो धूम्रपान बंद कर दें। यदि ये कदम आपके एलडीएल स्तर को पर्याप्त रूप से कम नहीं करते हैं, तो आपका डॉक्टर आपके रक्त से वसा को बाहर निकालने के लिए दवा ले सकता है।

Q:–लिपिड प्रोफाइल ज्यादा होने पर क्या होता है?

Ans:- अधिक मात्रा में रक्त लिपिड आपकी धमनी की दीवारों में वसा जमा कर सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

Q:-लिपिड शरीर में क्या कार्य करता है?

Ans:– लिपिड वसायुक्त यौगिक होते हैं जो आपके शरीर में विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं। वे आपकी कोशिका झिल्लियों का हिस्सा हैं और आपकी कोशिकाओं के अंदर और बाहर क्या जाता है इसे नियंत्रित करने में मदद करते हैं । वे ऊर्जा को स्थानांतरित करने और संग्रहीत करने, विटामिन को अवशोषित करने और हार्मोन बनाने में सहायता करते हैं। कुछ लिपिड का अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक होता है।

गुरुवार, 18 मई 2023

 

आम के पत्तों के फायदे?

क्यों खाये आम के पत्ते?

#आम के पत्तों खाने के अद्भुत लाभ

#आम के पत्तों को कैसे खाये?

#How to eat mango leaves?

इस लेख मे  “आम के पत्तों खाने के अद्भुत लाभ” और “आम के पत्तों को कैसे खाये”

के बारे मे वर्णन करते है,

 यहां कुछ मुख्य आम के पत्तों के फायदे हैं:

पर्याप्‍त मात्रा में पोषक तत्‍व होने के कारण आम के पत्ते हमें बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्रदान करते हैं। आम के पत्तों का औषधीय उपयोग कर हम पथरी, कान का दर्द, त्‍वचा की जलन, पेट की समस्‍याओं आदि परेशानियों से बच सकते हैं। आइए जाने आम के पत्‍तें के फायदे 

*पाचन प्रणाली को सुधारे:-

Improve digestive system

 आम के पत्तों में एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइबर्स की मात्रा होती है, जो पाचन प्रणाली को सुधारकर अच्छा डाइजेस्टिव सिस्टम सुनिश्चित करते हैं। इसके लिए, आप ताजा आम के पत्तों का रस पी सकते हैं या कच्चे ताजे पत्ते सलाद में शामिल कर सकते हैं।

*वजन कम करने में मददगार:-

weight loss aid–

 आम के पत्तों में कम कैलोरी होती है और वे फाइबर से भरपूर होते हैं, जो भोजन को पूरा करने में मदद करता है और बढ़ते वजन को नियंत्रित करता है।


#डायबिटीज को नियंत्रित करे:-

Control Diabetes:-

 आम के पत्तों में प्री-बायोटिक्स होते हैं, जो इंसुलिन संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये पत्ते अपनी कार्बोहाइड्रेट की गणना में मदद करके शरीर में ग्लूकोज के स्तर को सामान्य रख सकते हैं।

* श्वासनली संबंधी समस्याओं को कम करे:- 

Reduce respiratory problems –

आम के पत्तों में विटामिन सी और अन्य पोषकों की मात्रा होती है, जो श्वसनली संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए, आप आम के पत्तों का रस पी सकते हैं या इन्हें शहद के साथ मिश्रित करके सेवन कर सकते हैं।

#चर्बी को कम करने में सहायक:-

Aids in reducing fat–

 आम के पत्तों में हाइड्रोक्सीसिट्रिक एसिड (HCA) होता है, जो चर्बी के ऊतकों को जलाने में मदद कर सकता है। यह शरीर की मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर वसा प्रबंधन में मदद कर सकता है।

* मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा दें:-

Promote brain health

 आम के पत्तों में विटामिन ए और विटामिन एस होते हैं, जो मस्तिष्क के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये विटामिन एंटीऑक्सीडेंट्स के रूप में कार्य करते हैं और मस्तिष्क के न्यूरोन्स को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।

*दांतों की स्वच्छता को बढ़ावा दें:-

Promote dental hygiene:-

 आम के पत्तों का चबाने से मुंह में ताजगी और श्वेतता आती है, जो दांतों की स्वच्छता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा, आम के पत्तों में मौजूद एंटी-बैकटीरियल गंदगी के विरोधी गुण भी होते हैं, जो मुंह में बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। आम के पत्तों को चबाने से मसूड़ों की मजबूती और दंतों की मजबूत सजगता के साथ-साथ मुंह के रोगों से बचाव भी होता है।

*त्वचा की सुरक्षा:-

Skin protection

 आम के पत्तों में विटामिन सी होता है, जो त्वचा को उज्ज्वल, ग्लोइंग और सुंदर बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही, आम के पत्तों में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को रखते हैं दर्द के बिना।

– ये थे कुछ मुख्य आम के पत्तों के फायदे। ध्यान दें कि ये सामग्री केवल सामान्य सूचना के लिए हैं और किसी भी चिकित्सा सलाह के बदले नहीं हो सकती हैं। यदि आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो एक चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा अच्छा विचार होगा।

#आम के पत्तों को कैसे खाये?

#How to eat mango leaves?

आम के पत्तों को खाने के कई तरीके हो सकते हैं। यहां कुछ आसान तरीके हैं आम के पत्तों का सेवन करने के लिए:

* स्वादिष्ट सलाद:-

Yummy salad–

 आम के पत्तों को ताजा सलाद में शामिल करके सेवन कर सकते हैं। आप इन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर बारीक टमाटर, ककड़ी, प्याज़, हरी मिर्च और नींबू रस के साथ मिला सकते हैं।

* पत्तों का रस:-

 आप आम के पत्तों का रस निकालकर पी सकते हैं। इसके लिए, ताजा पत्तों को धोकर मिक्सर या जूसर में पीस लें और छानकर उसे पीने के लिए तैयार करें। आप इसे थोड़ी मधुरता के साथ पी सकते हैं या शहद जोड़कर स्वादिष्ट बना सकते हैं।

* चबाना:-

 आप आम के पत्तों को सीधे चबा सकते हैं, जिससे आपको इसके स्वाद का आनंद मिलेगा और इसके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होंगे।

*टी बनाना:-

 आम के पत्तों के सूखे पत्ते को उबालकर टी के रूप में उपयोग किया जा सकता है। आप इन्हें पानी में उबालें और उसे गर्म करके पी सकते हैं, या फिर उन्हें दूध और चीनी के साथ मिलाकर मसालेदार आम की पत्ती चाय बना सकते हैं। आप चाय के पत्तों के साथ आम के पत्तों को उबालकर उन्हें अपने पसंदीदा चाय पाउडर के साथ मिलाकर पी सकते हैं।

* तड़का या सब्जी में शामिल करना:-

 आम के पत्तों को तड़के में शामिल करने के लिए आप उन्हें तेल में तल सकते हैं और उन्हें धनिया, लाल मिर्च, नमक और अन्य मसालों के साथ मिला सकते हैं। यह तड़का दाल, सब्जी, खिचड़ी आदि में एक मजेदार तत्व के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

* रोटी के लिए पेस्ट बनाएं:- 

आप आम के पत्तों को पीसकर पेस्ट बना सकते हैं और इसे रोटी के साथ सेव कर सकते हैं। यह रोटी को स्वादिष्टता और पोषण के साथ-साथ आपको आम के पत्तों के लाभ भी प्रदान करेगा।

– आप इन विभिन्न तरीकों से आम के पत्तों का सेवन कर सकते हैं। जब भी आप आम के पत्तों का सेवन करें, ध्यान दें कि आप स्वच्छ और ताजगी से पके हुए पत्ते का चयन करें और उन्हें अच्छी तरह से धोएं।

*अगर आप आम के पत्तों को और रोचक बनाना चाहते हैं, तो आप उन्हें इन तरीकों से उपयोग कर सकते हैं:

*आम के पत्तों की पकोड़ी:– 

आप आम के पत्तों को एक बेटर में डुबोकर गर्म तेल में तल सकते हैं और इन्हें आम के चटपटे स्वाद के साथ खा सकते हैं। यह एक मजेदार व्यंजन होता है।

* आम पत्तों की चटनी:-

 आप आम के पत्तों को पीसकर ताजगी और धनिये के पत्ते के साथ मिलाकर चटनी बना सकते हैं। यह चटनी भापी चाव, ताजगी और आम के पत्तों के स्वाद को मिलाकर बनती है।

*आम पत्तों की पुदीने की चाय:-

आप आम के पत्तों को पुदीने के साथ मिलाकर एक चाय का मिश्रण तैयार कर सकते हैं। इसे गर्म पानी के साथ मिलाकर पीने से आपको एक रेफ़्रेशिंग और मसालेदार चाय का आनंद मिलेगा।

* आम पत्तों का स्वादिष्ट राइता:-

 आप आम के पत्तों को दही, नमक, काली मिर्च और जीरा के साथ मिलाकर राइता बना सकते हैं। यह आपके भोजन को स्वादिष्ट बनाएगा और आम के पत्तों के स्वास्थ्य लाभ और विटामिन सी का लाभ भी प्रदान करेगा।

* आम पत्तों की सब्ज़ी:-

 आप आम के पत्तों को धनिये, प्याज़, टमाटर, हरी मिर्च और मसालों के साथ मिलाकर सब्ज़ी बना सकते हैं। यह एक मसालेदार साथी के रूप में आपके भोजन में शामिल होगी।

* आम पत्तों का पकोड़ा:-

 आप आम के पत्तों को बेसन, हरी मिर्च, हरा धनिया, नमक और मसालों के साथ मिलाकर पकोड़े बना सकते हैं। यह आपके नाश्ते को मजेदार बनाएगा और आम के पत्तों का स्वाद आपको आनंद देगा।

* आम पत्तों का आचार:-

 आप आम के पत्तों को तेल, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, नमक और मसालों के साथ मिलाकर आचार बना सकते हैं। इससे आपके भोजन को उच्च रसीलापन और आम के पत्तों के स्वाद का आनंद मिलेगा।

- - - आप इन विभिन्न तरीकों से आम के पत्तों का सेवन करके उनके लाभ और स्वाद का आनंद ले सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आप स्वच्छ, ताजगी और स्वस्थ पत्ते का उपयोग कर रहें हैं और सेवन से पहले उन्हें अच्छी तरह से धोएं।

धन्यवाद!

बुधवार, 17 मई 2023

वजन न बढ़ने के कारण और उपाय

 

#वजन न बढ़ने के कारण और उपाय 

#खाना खाने के बाद भी वजन क्यों नहीं बढता

#शरीर का वजन न बढने के कारण?

इस लेख मे “वजन न बढ़ने के कारण” “किन रोगों के कारण वजन नही बढता?”और “वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा”के बारे मे बात करगें.

Dr.ViernderMadhan.

#वजन न बढ़ने के कारण क्या है?

वजन न बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ प्रमुख कारण देखें-


*कम खाना:-

 अगर आपकी खुराक काफी कम है या आपके खाने में पर्याप्त पोषक तत्व नहीं हैं, तो आपका वजन नहीं बढ़ सकता है। शरीर को उपयोग करने के लिए पर्याप्त कैलोरी नहीं मिलती है, तो यह अपने मांसपेशियों को तरोताजा करने की जगह वजन बढ़ाने के बजाय खर्च करने मे इस्तेमाल करता है।

*तनाव और चिंता:-

 तनाव और चिंता भी वजन बढ़ाने में बाधाकारक हो सकते हैं। जब हम तनाव या चिंता में होते हैं, तो हार्मोनल प्रभाव के कारण खाने की प्रवृत्ति बदल सकती है ठीक से भोजन नही किया जाता और वजन नहीं बढ़ता है।

* थाइरॉयड:-

 थाइरॉयड ग्रंथि के अधिक निष्क्रिय हो जाने के कारण भी वजन में कमी हो सकती है। इसे हाइपोथायराइडिज़्म कहा जाता है, और इसमें मेटाबोलिज़्म कम हो जाता है, जिसके कारण वजन बढ़ने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

*बीमारी या दवाओं का सेवन:-

 कुछ बीमारी मे या उनकी दवाओं के कारण वजन नही बढता,

*मेडिकल कॉन्डीशन्स:-

 कुछ मेडिकल कॉन्डीशन्स, जैसे-

 डायबिटीज, 

कैंसर, 

हार्ट रोग,

 गैस्ट्रोइंटेस्टिनल रोग, 

कुछ एलर्जी, और अन्य रोग, वजन बढ़ाने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। इन रोगों के कारण आपके शरीर की मेटाबोलिक गतिविधियों में परिवर्तन हो सकता है और वजन नहीं बढ़ता है।

*एल्कोहल और नशीली दवाएं:-

 अधिक मात्रा में एल्कोहल का सेवन या नशीली दवाओं का उपयोग वजन न बढ़ने का कारण बन सकता है। ये तत्व आपके शरीर के उपाय सिस्टम को प्रभावित करके खाने की प्रवृत्ति को बदल सकते हैं और वजन नहीं बढ़ा सकते हैं।

*अनियमित और अस्वस्थ आहार:-

 अनियमित और अस्वस्थ आहार भी वजन न बढ़ने का कारण हो सकता है। अगर आपके आहार में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं हैं या आपका आहार तेजी से पाचन हो जाता है, तो वजन नहीं बढ़ता है।

*व्यायाम की कमी:-

 अगर आप रोज व्यायाम नहीं करते हैं या आराम

पूर्वक में रहते हैं, तो यह वजन न बढ़ने का कारण बन सकता है। व्यायाम शरीर के मेटाबोलिज़्म को बढ़ाता है, स्ट्रेंथ बढ़ाता है और संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है। यदि आप व्यायाम नहीं करते हैं, तो आपका वजन नहीं बढ़ सकता है।

*जीवनशैली और दिनचर्या:- 

आपकी जीवनशैली और दिनचर्या भी वजन न बढ़ने का प्रभाव डाल सकती है। यदि आप अधिक समय बैठे रहते हैं, सक्रिय नहीं रहते हैं, नियमित नींद नहीं लेते हैं, और स्वास्थ्यप्रद आदतों को अनदेखा करते हैं, तो वजन नहीं बढ़ सकता है।

*आनुवंशिक कारण:-

 कुछ लोगों में आनुवंशिक गुणों के कारण वजन नहीं बढ़ता है। यदि आपके परिवार में इस समस्या से संबंधित कोई इतिहास है, तो इसका भी प्रभाव हो सकता है।

#किन रोगों के कारण वजन नही बढता?

वजन कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि यदि किसी व्यक्ति का वजन नहीं बढ़ रहा है, तो इसके पीछे कुछ संभावित कारण शामिल हो सकते हैं। यहां कुछ ऐसे रोग या स्थितियाँ हैं जिनके कारण वजन नहीं बढ़ सकता है:

*थायराइड प्रशमन (हाइपोथायराइडिज्म):- 

थायराइड ग्रंथि की समस्या से प्रभावित होने पर वजन बढ़ने में कठिनाई हो सकती है। थायराइड हार्मोन की कमी वजन बढ़ाने के प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।

*डायबिटीज (मधुमेह):-

 मधुमेह रोगी जो इंसुलिन की कमी के कारण उपचार करते हैं, उनका वजन कम हो सकता है। इंसुलिन की कमी वजन नियंत्रण में असमर्थता ला सकती है और वजन बढ़ाने को रोक सकती है।

*कैंसर:-

 कुछ कैंसर प्रकार वजन कम होने का कारण बन सकते हैं। अस्थायी या स्थायी सर्जरी, रेडिएशन या कीमोथेरेपी द्वारा उपचार के दौरान व्यक्ति का वजन घट सकता है।

*खाना खाने की स्थिति मे न होना:-

 कई रोग या स्थितियाँ व्यक्ति को खाने जाने मे असमर्थ बना सकती हैं, जिसके कारण उनका वजन नहीं बढ़ता है। इसमें दांतों के संबंधित समस्याएं, मुंह और गले के संक्रमण, पाचन तंत्र की समस्याएं शामिल हो सकते हैं।

*गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग (GI Disorders):-

 कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग जैसे कि क्रोन रोग और कोलाइटिस आहार को प्रभावित कर सकते हैं और इससे वजन कम हो सकता है।


*मनोचिकित्सा रोग:-

 चिंता, डिप्रेशन, अवसाद और अन्य मनोचिकित्सा रोग व्यक्ति के भोजन प्रवृत्तियों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे वजन बढ़ने में कठिनाई हो सकती है।

*इंफेक्शन और परजीवी संक्रमण:-

 कुछ इंफेक्शन और परजीवी संक्रमण जैसे कि टीबी, एचआईवी, मलेरिया, टॉपिकल स्प्रू, परजीवी जीनेरा इत्यादि व्यक्ति का वजन बढ़ने में असमर्थता ला सकते हैं।

#वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा:-

आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप इन्हें किसी प्रशिक्षित आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के सलाह पर ही उपयोग करें, क्योंकि हर व्यक्ति की प्रकृति और अवस्था अद्वितीय होती है। आयुर्वेद में, वजन बढ़ाने के लिए व्यक्ति की आहार और जीवनशैली में परिवर्तन करने की सलाह दी जाती है।

यहां कुछ आयुर्वेदिक दवाएं हैं जिन्हें वजन बढ़ाने के लिए सुझाया जा सकता है, लेकिन इनका उपयोग करने से पहले अपने वैद्य से परामर्श करें:

*अश्वगंधा (Ashwagandha):-

 यह जड़ी-बूटी तंत्रिका को पौष्टिक बढ़ावा देने और वजन बढ़ाने में मदद करने के लिए जाना जाता है। इसका सेवन वजन बढ़ाने के लिए संक्रमण व संप्रेषण को बढ़ा सकता है।

*शतावरी (Shatavari):-

 यह पौष्टिक जड़ी-बूटी होती है जिसे वजन बढ़ाने में उपयोग किया जाता है। इसे वजन बढ़ाने के लिए आहार में शामिल करने के लिए ताजगी से उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा शतावरी प्रोटीन और विटामिन्स को बढ़ाने में भी मदद कर सकती है, जो वजन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

*अजवाइन (Ajwain):- 

अजवाइन वजन बढ़ाने के लिए उपयोगी हो सकती है। इसे तवा में भूनकर और फिर उसे पीसकर शहद के साथ सेवन किया जा सकता है। अजवाइन में पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं जो पाचन प्रक्रिया को सुधारकर वजन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

*अंजीर (Anjeer):-

 अंजीर में ऊर्जा, प्रोटीन, और पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है। इसे रोजाना सोखकर खाने से वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

*आमला (Amla):-

 आमला शक्तिशाली वजन बढ़ाने और पोषण प्रदान करने वाली आयुर्वेदिक दवा है। इसे स्वास्थ्य बढ़ाने, पाचन प्रक्रिया को सुधारने, और वजन बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।


यदि आप वजन बढ़ाने के लिए किसी आयुर्वेदिक दवा का सेवन करना चाहते हैं, तो इसे अपने आयुर्वेदिक वैद्य से परामर्श करें। वे आपकी प्रकृति, मेडिकल हिस्ट्री, और वर्तमान स्थिति के आधार पर आपको सबसे उपयुक्त दवा और खाद्य सामग्री की सलाह देंगे। वे आपको सही मात्रा, दिशा, और समय के साथ सेवन करने की भी दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।

इसके अलावा, वजन बढ़ाने के लिए आप निम्नलिखित सामान्य सुझावों का अनुसरण कर सकते हैं:

#वजन बढाने के लिए क्या करें?

*पौष्टिक आहार:-

 अपने आहार में पौष्टिक और कैलोरी भरपूर खाद्य सामग्री शामिल करें। अधिक प्रोटीन, सही प्रकार के प्रतिस्थापनीय पदार्थ, गर्म तेल, नट्स, दूध, पनीर, और दालें शामिल करें।

*स्वस्थ तेलों का सेवन:-

 घी, सरसों का तेल, और नारियल का तेल जैसे स्वस्थ तेलों का उपयोग करें। इनमें प्राकृतिक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है जो वजन बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।

*व्यायाम:-

 वजन बढ़ाने के लिए बार बेल, वजन ट्रेनिंग, और मसल टोनिंग व्यायाम करें। यह मांसपेशीय बढ़ाने और मांसपेशियों को स्थूलता देने में मदद कर सकते हैं। आपके आयुर्वेदिक वैद्य आपके लिए सही व्यायाम प्रणाली और संशोधित कार्यक्रम सिफारिश करेंगे।

*विश्राम और निद्रा:-

 पर्याप्त आराम और निद्रा प्राप्त करें। यह शरीर को स्थायीकृत करने और मांसपेशियों का विकास करने में मदद करेगा।

*स्ट्रेस का प्रबंधन:-

 स्ट्रेस को संयंत्रित करने के लिए योग, ध्यान, और प्राणायाम जैसी तकनीकों का उपयोग करें। स्ट्रेस के कारण वजन घट सकता है, इसलिए इसे प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है।

धन्यवाद!

सोमवार, 15 मई 2023

आंवला जूस और उसके गुण ,


 आंवला जूस और उसके गुण ,

आंवला जूस पीने के फायदे ? इन हिंदी.

आज इस लेख मे “आंवला जूस” बनाने व  “आंवला जूस पीने का तरीका” – “Amla जूस पीने से क्या होता है?” तथा “आंवला जूस कब पीना चाहिए” के बारे मे जानकारी दी जायेगी.

#Dr.virenderMadhan.

<आंवला जूस>

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आंवला (अमला) एक प्राकृतिक फल है जिसे विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं और उपायों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह एक पूर्ण खाद्य औषधि है और विटामिन सी, ए, और इंफलेमेटरी एंजाइम, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। यहां आपको आंवला जूस पीने के कुछ मुख्य फायदे बताए गए हैं:

* इम्यून सिस्टम को मजबूत करें.

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 आंवला जूस एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जिसमें विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। इससे आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।


* त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा दें:–

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 आंवला जूस त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा को चमकीला बनाता है, झुर्रियों को कम करता है और त्वचा को निखारता है। इसका नियमित सेवन करने से त्वचा की ग्लो बढ़ती है और त्वचा के झुर्रियों का प्रतिरोध बढ़ता है।

*आंवला जूस बालों के लिए फायदेमंद

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आपके बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी आंवला जूस मददगार साबित होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी, आंवला जूस कोलाजन के उत्पादन में मदद करता है जो बालों के लिए आवश्यक होता है। इससे बालों की मजबूती बढ़ती है, बाल झड़ना कम होता है और बालों का विकास स्वस्थ रूप से होता है।

* पाचन को सुधारें:–

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 आंवला जूस पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है। यह पेट को संतुलित करके आपके खाद्य पदार्थों को अच्छे से पचाने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन करने से अपच और अन्य पाचन संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं।


* वजन को कंट्रोल में रखता है:–

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 आंवला जूस वजन नियंत्रण के मामले में भी लाभकारी हो सकता है। यह वजन घटाने में मदद करने के साथ-साथ, शरीर को पोषण देता है और भूख को कम करने में मदद करता है। इससे आपको अधिकतम पोषण मिलता है और अधिक खाने की इच्छा कम होती है।

*एंटी-एजिंग गुण:–

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आंवला एक रसायन द्रव्य है,

आंवला जूस शरीर को एंटी-एजिंग लाभ प्रदान करने में भी सहायक हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट प्रदान करने वाले तत्व शरीर के कोशिकाओं को मुक्त करते हैं और रेडिकल के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं। इससे त्वचा के लक्षणों को ठीक करने, झुर्रियों और उम्रके छिद्रों को कम करने, और चमकदार और जवां त्वचा को प्रोत्साहित करने में मदद मिलती है।

* डायाबिटीज को कंट्रोल करता है:– 

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आंवला जूस मधुमेह (डायाबिटीज) के प्रबंधन में भी सहायक हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य रखने में मदद कर सकते हैं। यह इंसुलिन संबंधी प्रशंसा में सुधार करके मधुमेह के प्रकोप को कम कर सकता है।

* नेत्र स्वास्थ्य का संरक्षण:–

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 आंवला जूस आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। यह आंतरिक रूप से रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर और नेत्र में पोषण पहुंचाकर आंखों की रोशनी बढ़ा सकता है। आंवला जूस में पाए जाने वाले विटामिन सी नेत्रों के लिए महत्वपूर्ण होता है और आंखों की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है, जैसे कि अंधापन, आंखों में सूजन, रात्रिभोजन देखने की समस्या, और आंखों की दृष्टि की कमजोरी।

* हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दें:– 

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आंवला जूस में प्राकृतिक ऐंटीऑक्सिडेंट्स और पोषक तत्व होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित कर सकता है, रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है, और हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को कम कर सकता है।

* शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करें:–

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 आंवला जूस शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व स्ट्रेस को कम करने, मनोभाव स्थिति को सुधारने और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।

#आंवला जूस की मात्रा:-

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आंवला जूस - 3-4 चम्मच दिन में एक या दो बार । आंवला पाउडर - ¼- ½ चम्मच दिन में दो बार।


आमतौर पर, आंवला जूस को सुरक्षित और उमदा तरीके से लिया जा सकता है, लेकिन कृपया ध्यान दें कि हर किसी के शरीर की आवश्यकताएं  भिन्न हो सकते हैं। अधिक मात्रा में आंवला जूस का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेना अच्छा होगा, विशेष रूप से यदि आपको किसी विशेष मेडिकल कंडीशन या दवाओं के साथ संबंधित समस्या है। 

#आंवला जूस को स्वदेशी तरीका–

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 आंवले को छोटे टुकड़ों में काटें और उन्हें मिक्सर या ब्लेंडर में पीस लें। इसे सीधे पीने से पहले थोड़ी मात्रा में पानी या शहद जोड़ें, यदि आवश्यक हो। आप इसे बाजार से तैयार किए गए आंवले का रस भी खरीद सकते हैं, लेकिन सुनिश्चित करें कि वह प्राकृतिक और निष्पक्ष है।


ध्यान रखें कि आंवला जूस का सेवन एकमात्र उपाय नहीं है, बल्कि स्वस्थ और संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त पानी पीना और अन्य स्वस्थ जीवनशैली अनुसार रहने का हिस्सा होना चाहिए।

धन्यवाद!

असली चाय पत्ती की पहचान

 

#असली चाय पत्ती की पहचान

#चाय असली है या नकली?

असली चाय पत्ती की पहचान करने के लिए निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना चाहिए:

1- पत्ती का रंग: –

 असली चाय पत्ती का रंग हरा या चमकदार होता है। ध्यान दें कि यह न कि वर्णमाला के पत्ते की तरह संयोजित होता है।

2-पत्ती की संरचना:–

 असली चाय पत्ती अपने आप में संकर होती है और संयोजित नहीं होती है। पत्ती में टुकड़े हो सकते हैं, लेकिन वे स्पष्ट रूप से पत्ती के हिस्सों से अलग होंगे।


4-बौछार:–

 असली चाय पत्ती को गर्म पानी में डालने पर यह देशी चाय के रूप में बौछारें उत्पन्न करेगी। ये छोटी छोटी गोल गोल बौछारें होती हैं जो आपको चाय के बनाने के दौरान दिखेंगी।

5-गंध:–

 असली चाय पत्ती की गंध ताजगी और आकर्षक होती है। जब आप इसे अपनी हाथों में लेंगे, तो उससे आपको मिलने वाली सुगंध को महसूस कर सकते हैं।

परीक्षा:-

* चायपत्ती लेकर उसे गीले लिटमस या कागज पर ही घिसे यदि रंग छोड़ती है तो पक्का मिलावटी चायपत्ती है।

* असली चाय पत्ती को एक परीक्षा के रूप में बना सकते हैं। आप एक छोटे से टुकड़े को हाथों में लेकर उसे पूरी तरह से पीसें और उसे अपनी उंगलियों के बीच में रगड़ें। असली चाय पत्ती की पहचान के लिए, आपको एक मधुर और ताजगी भरी गंध महसूस होनी चाहिए। असली चाय पत्ती जब आप इसे तोड़कर महसूस करेंगे, तो यह आपको एक अन्य दृष्टि और गंध का एक अनुभव देगी।

चाय की पत्ती की पहचान कैसे करें?

1- चाय की पत्ती में मिलावट की पहचान करने के लिए सबसे पहले एक टिश्यू पेपर लें और उस पर 2 चम्मच चाय की पत्तियां रखें. इसके बाद पत्तियों पर कुछ बूंदें पानी डालकर थोड़ी देर धूप में रख दें. अब टिश्यू पेपर से चाय की पत्तियों को हटा लें. अगर चाय की पत्तियों में मिलावट होगी तो, टिश्यू पेपर पर दाग के निशान पड़ जाएंगे.


*हालांकि, मुझे यह बताना महत्वपूर्ण है कि असली चाय पत्ती की पहचान करना आदिकारी रूप से या विशेषज्ञ के बिना कठिन हो सकता है। चाय पत्ती की अच्छी गुणवत्ता और प्रकाशित ब्रांडों के उपयोग करके आप एक अच्छी और परखी हुई चाय का आनंद ले सकते हैं।


रविवार, 14 मई 2023

सोने से क्या लाभ होता है?

 


सोने से क्या लाभ होता है?

“निद्रा” 

#drVirenderMadhan.

#नीदं क्या है?

आयुर्वेद में स्वास्थ्य के तीन 

उपस्तम्भ बताये है,

आहार,निद्रा,और ब्रह्मचर्य,

निद्रा–

दूसरा उपस्तम्भ है,

अब हम बताने वाले है कि 

- सोने से हमें क्या लाभ है

और क्या हानि होती है,

- दिन मे सोने से क्या होता है

- गर्मीयों मे दोपहर मे हमें सोना

चाहिए या नही

<उल्टा सोने के फायदे>

और अधिक सोने से क्या नुकसान है

या कम सोने से क्या होता है।

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*नींद न आने से– 

दुखः मिलता है

शरीर सूख जाता है

दुर्बलता आती है,

अज्ञानता बढती है,

मृत्यु निकट आ जाती है,

* सुखद नीदं आने से –

सुख,मिलता है

शरीर बलवान होता है,

ज्ञान बढता है

लम्बा जीवन मिलता है,


* अत्यधिक नीदं लेने से–

सुख और आयु दोनों नष्ट हो जाते है

#दिन मे सोने से क्या होता है?

- दिन मे सोनेसे कफदोष बढता है,

- शरीर मे स्निग्धता बढती है

- वजन बढता है,

रात्रिजागण:-

रात मे जागने से रुक्षता बढती है वातदोष बढता है,

बैठ कर सोने से, झपकी लेकर सोने से न रुक्षता आती है न स्निग्धता आती है,

*गर्मियों के दोनों में वातदोष का संचय होता है आदानकाल के कारण रुक्षता आती है,

रात छोटी होती है,इसलिए दिन मे सोना हितकर है,

*अन्य ऋतुओं मे कफ विकार होते है दिन मे सोना कफकारक होता है।

#दिन मे कौन लोग सो सकते है?

अष्ठांग हृदय के श्लोक न०56 से 60 तक वर्णन है कि

अधिक बोलने से,

सवारी करने से,

शराब पीने पर,

नवविवाहित को,

क्रोध से,  भय से , शोक से,

थके हुये परुष को,

श्वास, कास ,अतिसार के रोगी को,

बृद्ध , बालक , दुर्बल ,

क्षीण ,क्षयरोगी,  प्यास रोग, 

शूलरोग से पीडित को,

अजीर्ण रोगी , घायल ,पागल आदि को दिन में सोने की अनुमति है

#उल्टा सोने से क्या होता है?

पेट के बल सोन से पीठ में दर्द की शिकायत भी हो सकती है,वातदोष बढ जाता है,

#कुसमय सोने से कौन से रोग होते है?

मोह,  ज्वर ,क्लेद ,पीनस

बहने वाला जुकाम, शिरोरोग

यानि शिर के रोग,

सुजन,  जीमचलना,

तथा मन्दाग्नि  हो जाती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 13 मई 2023

गर्मी के दिनों में क्या खायें?

 

<गर्मियों का खाना>

#गर्मी के दिनों में क्या खायें?

#garmi ke dino me kya khana chahiye,?

#Dr.VirenderMadhan.

गर्मियों के दिनों में शरीर को स्वस्थ और ठंडा रखने के लिए, सही तरह से पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी होता है। 

#garmi ke dinon mein kya kya khana chahie,

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ आपको गर्मी के दिनों में ठंडा और ताजगी से भर देंगे:-


#फल और सब्जियां:-

 गर्मियों में खाने के लिए, आप कच्चे फल और सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि तरबूज, खरबूजा, आम, अनार, खीरा, टमाटर, प्याज, स्पिनेच, ककड़ी आदि। ये फल और सब्जियां आपके शरीर को ठंडा और ताजगी देंगे और आपको गर्मियों में हाइड्रेटेड रखेंगे।


#ठंडे पेय:–

 गर्मियों में पानी, नारियल पानी, लेमनेड, जलजीरा, नींबू-पानी, फलों का शेक, आदि ठंडे पेय शरीर को ताजगी देते हैं 

#ठंडे दूध के उत्पाद:-

 दूध, दही और पनीर जैसे थंडे दूध के उत्पाद भी आपको गर्मियों में ठंडा रखते हैं। लस्सी, छाछ, कुल्हड़ वाला दूध, फलों

और नट्स के साथ दही खाना बहुत स्वास्थ्यप्रद होता है।

#ठंडे खाद्य पदार्थ:-

 गर्मियों में आपको ठंडा और ताजगी देने वाले खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं, जैसे फलों का सलाद, चावल, सूप, सेवईयों का सलाद आदि। आप इन पदार्थों को ठंडे रखने के लिए फ्रिज में भी रख सकते हैं।


#प्रोटीन स्रोत:-

 गर्मियों में प्रोटीन स्रोत भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। दाल, सोयाबीन, अंडे और फिश आपको प्रोटीन देते हैं और आपको ताजगी और ऊर्जा देते हैं।

इन आहार विकल्पों के साथ-साथ, आप अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडी छत, ठंडी जलवायु नियंत्रण, विश्राम और नियमित व्यायाम के लिए भी जानकारी होना चाहिए।

#garmi me kya khaye kya na khaye,?

* ताजा शिकंजी:–

 ताजा शिकंजी एक और बहुत अच्छा विकल्प होता है गर्मियों में। यह एक सुगंधित नींबू पानी होता है जो आपको ताजगी देता है और आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।

* फलों और सब्जियों का उपयोग:–

 गर्मियों में फलों और सब्जियों का उपयोग करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। फल और सब्जियां आपको ऊर्जा देते हैं और आपके शरीर को विटामिन, मिनरल और फाइबर प्रदान करते हैं। आप आम, केले, तरबूज, खीरा, ककड़ी, तरबूज, अमरूद, अनार, संतरे, आम, पपीता, गाजर, टमाटर, ककड़ी, तोरी, बैंगन आदि जैसे फल और सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं।


* ठंडे पानी का उपयोग:–

 गर्मियों में आपको ताजगी और ऊर्जा देने के लिए ठंडे पानी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप ठंडे पानी के साथ नींबू, मिर्च और पुदीना का रस मिलाकर पी सकते हैं।

#गर्मियों में क्या न खाएं?

– कैफीन से परहेज करें, –चाय-कॉफी का कम से कम सेवन करें.

– गर्मी के मौसम में बासी खाना बिल्कुल भी न खाएं, इससे फूड प्वाइजनिंग खतरा हो सकता है.

– जंक फूड, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड खाने से परहेज जरूरी है.

– रेड मीट के सेवन से बचें, क्योंकि गर्मियों में प्रोटीन को पचाने में काफी समय लग जाता है.

Q:-गर्मी से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?

* खीरा रोज खाएं

– खीरा खीरा का सेवन गर्मी के दिनों में करना बहुत ही लाभदायक माना जाता है,

* नींबू पानी का करें

- सेवन गर्मी आते ही शरीर में पानी की कमी होने लगती है.

* बेल का शर्बत

– गर्मियों में खासतौर से लोगों को बेल का शर्बत जरूर पीना चाहिए. 

* आमपन्ना

- आमपन्ना फायदेमंद होता है.

* तरबूज

- तरबूज खाने से यह गर्मी से बचाएगा,

Q:- शरीर के लिए कौन सा फल ठंडा है?

आम के अलावा तरबूज एक और ऐसा फल है जो भारत में गर्मी के मौसम में अक्सर खाया जाता है। आमतौर पर तरबूज पीने में पानी की मात्रा 92% तक होती है, जो डिहाइड्रेशन को रोकने और शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगा। अगर नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,