Guru Ayurveda

शुक्रवार, 23 जून 2023

मटर खाने के फायदे और नुकसान,

 #मटर खाने के फायदे और नुकसान,

मटर (Peas) एक प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं जो खुशबूदार और स्वादिष्ट होते हैं। इसका उपयोग विभिन्न भोजनों, सलादों, सब्जियों, पुलाव, परांठों, अपेटाइज़र और डिशों में किया जाता है। मटर में कई पोषक तत्वों की मात्रा होती है, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं। हालांकि, कुछ लोगों को मटर के सेवन से एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

यहां कुछ मटर खाने के फायदे और नुकसान हैं:

फायदे:–

*पोषण:–

 मटर में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन (विटामिन सी, विटामिन के और बी के) और मिनरल्स (आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम) होते हैं। ये पोषक तत्व हमारे शरीर के विभिन्न गुणों को बढ़ाते हैं, जैसे मजबूत हड्डियाँ, स्वस्थ रक्त, सही पाचन प्रक्रिया, ऊर्जा आपूर्ति और शारीरिक विकास।

*विटामिन सी का स्रोत:– 

मटर विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है। विटामिन सी एंटीऑक्सिडेंट होता है और शरीर के रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। इसके सेवन से आपको सामान्य सर्दियों और इन्फेक्शन से बचाने में मदद मिल सकती है।

*एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा:–

 मटर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को कैंसर और दिल के रोगों से बचाने में मदद कर सकते हैं। इन एंटीऑक्सिडेंट्स आपके शरीर को आंतरिक और बाह्य रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

*पाचन क्रिया:–

 मटर में पाचन को सुधारने और उच्च फाइबर की मात्रा के कारण इसका सेवन आपको पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। यह आपको कब्ज की समस्याओं से राहत दिला सकता है।

*वजन नियंत्रण:–

 मटर कम कैलोरी और फैट की मात्रा के कारण वजन नियंत्रण करने में मदद कर सकता है। इसमें ऊर्जा आपूर्ति और भोजन से बाधा करने की क्षमता होती है, जो सही वजन प्राप्ति और उसे बनाये रखने में मदद करती है।


नुकसान:–

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*एलर्जी:–

 कुछ लोगो को मटर के सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है। यदि आपको मटर खाने के बाद त्वचा लालिमा, खुजली, सांस लेने में कठिनाई, चकत्ते, या उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, तो आपको मटर के सेवन करने से बचना चाहिए।

* अच्छे तरीके से पकाना:–

 मटर को अच्छे तरीके से पकाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि अधिकतर मटर को रॉ या अपक्षेत्र में तोड़ने से पहले पकाने की आवश्यकता होती है। रॉ मटर खाने से पेट में, गैस, और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।


उच्च पेशेवरता आहार:–

 यदि आप डायबिटीज़ हैं या उच्च पेशेवरता आहार पर हैं, तो मटर के खाने की मात्रा को नियंत्रित करना आवश्यक हो सकता है। मटर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा मध्यम से उच्च हो सकती है, जिससे आपका रक्त शर्करा स्तर बढ़ सकता है। अपने आहार योजना में मटर के सेवन के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

यदि आप मटर का सेवन करना चाहते हैं, तो सर्वोत्तम रूप से ताजे मटर का चयन करें। ताजा मटर अधिक पोषण संपत्ति रखते हैं और स्वादिष्ट होते हैं। आप इसे पककर, सब्जी बनाकर, सूप या सलाद में शामिल करके खा सकते हैं।

Q:–मटर में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

 Ans:– मटर में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. मटर को फाइबर के गुणों से भी भरपूर माना जाता है. मटर में कैलोरी की मात्रा कम और प्रोटीन, आयरन और फोलेट की मात्रा अधिक पाई जाती है.

Q:–मटर की तासीर गर्म होती है?

Ans:– हाँ...मटर की तासीर गर्म होती है, इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है तथा फाइबर प्रति 100g में 5g होता है।

Q:–मटर किसे नहीं खाना चाहिए?

Ans:– हरी मटर का उच्च जीआई मान होता है, जो उन्हें मधुमेह रोगियों के लिए अनुपयुक्त बनाता है।नही खाना चाहिए,

Q:–क्या सफेद मटर से गैस होती है?

सफेद मटर और कुछ अन्य फलियां, जैसे मटर और मसूर, गैस उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। बीन्स में उच्च मात्रा में जटिल चीनी होती है जिसे रैफिनोज कहा जाता है, जिसे शरीर को तोड़ने में कठिनाई होती है। सफेद मटर भी फाइबर से भरपूर होते हैं, और उच्च फाइबर का सेवन गैसीयता को बढ़ा सकता है।

Q:– क्या हरी मटर से यूरिक एसिड बढ़ता है?

Ans:– बहुत सारी हरी सब्जियां और अन्य मांसाहारी प्रोटीन का सेवन करें। यानी मटर, बीन्स, दाल, टोफू के साथ-साथ पत्तेदार और स्टार्च वाली सब्जियां। वे यूरिक एसिड के स्तर को नहीं बढ़ाते हैं


Q:– शुगर में हरा मटर खा सकते हैं क्या?

नही.. हरी मटर में अधिक मात्रा में शुगर और स्टार्च पाया जाता है। अगर इसे जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाए, तो यह आपके शुगर बढ़ने का कारण बन सकता है। इसके साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी हाई होता है। इसलिए डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को बहुत कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए

*** ध्यान दें कि यह एक सामान्य सूची है और यह व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकती है। यदि आप किसी खाद्य पदार्थ के प्रति एलर्जी या पाचन संबंधी समस्या रखते हैं, तो सलाह के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

धन्यवाद!

#डा०वीरेन्द्रमढान,

बुधवार, 21 जून 2023

जीवन भर हेल्दी रहने के लिये क्या खाये?

 जीवन भर हेल्दी रहने के लिये क्या खाये?

प्रश्न:-

#हमे स्वस्थ रहने के लिए क्या खाना चाहिए

#स्वस्थ रहने के 10 उपाय 

#फिट रहने के लिए क्या नही खाना चाहिए

#स्वस्थ रहने के लिए हमें क्या क्या करना चाहिए

“स्वस्थ रहने के उपाय”

जीवन भर हेल्दी रहने के लिए सही आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जो आपको स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं:

#फिट रहने के लिए क्या नही खाना चाहिए?

*फल और सब्जियां:–

 आपको प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां खाने चाहिए। ये आपको विटामिन, मिनरल और फाइबर प्रदान करते हैं और आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

*पूरी अनाज:–

 अनाज जैसे गेहूं, चावल, दलिया, जौ, आदि को अपने आहार में शामिल करें। ये आपको कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल प्रदान करते हैं और ऊर्जा का स्रोत होते हैं।

*प्रोटीन:– 

अपने आहार में प्रोटीन को सम्मिलित करें, जैसे कि दूध उत्पाद, मांस, मछली, अंडे, दालें, नट्स और बीन्स। प्रोटीन मसल्स बिल्डिंग, रीकवरी और ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।

* नियमित पौष्टिक नाश्ता:–

 दिन की शुरुआत एक पौष्टिक नाश्ते से करें। इससे आपको ऊर्जा मिलेगी और आप भोजन के दौरान अधिक खाने की आवश्यकता कम होगी। एक स्वस्थ नाश्ता आपको फल, दूध उत्पाद, प्रोटीन शेक, ओटमील, अंडे, शाकाहारी सैंडविच आदि का सेवन करने के लिए प्रेरित कर सकता है।

*हाइड्रेशन:–

 पानी पीना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि आपके शरीर को शुद्ध रखने और सुषमता बनाए रखने में मदद मिले। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं और अन्य तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, नींबू पानी, चाय, संतरे का रस आदि शामिल करें।

*ताजगी:–

 संरक्षित खाद्य पदार्थों से बचें और संभवतः ताजा और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। अपनी भोजन प्रणाली में सब्जियों, फलों, अंडों, दूध उत्पादों और पूरी अनाज का उपयोग करें।

*बार-बार खाने की व्यवस्था करें:–

 बड़े भोजन की बजाय छोटे-छोटे खानों को प्राथमिकता दें। इससे आपका पाचन तंत्र अच्छी तरह से काम करेगा और आपको ऊर्जा की अवधि बनी रहेगी।

#फिट रहने के लिए क्या नही खाना चाहिए

*परहेज़ करें:–

 आपको मांस, मसालेदार और तली हुई चीजें, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड आहार, और अधिक मिठाई और तला हुआ खाना से परहेज करना चाहिए। इन आहारों में अधिक तेल, चीनी, नमक, और प्रसंस्करण एजेंट्स होते हैं जो आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

#स्वस्थ रहने के लिए हमें क्या क्या करना चाहिए

*संतुलित लाइफस्टाइल:–

 स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ आहार ही महत्वपूर्ण नहीं होता है, बल्कि एक संतुलित और नियमित जीवनशैली भी जरूरी है। नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, स्ट्रेस प्रबंधन, और नशे और धूम्रपान से बचाव आपके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।

>>याद रखें, हर व्यक्ति की आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं अलग हो सकती हैं। अपने आहार और जीवनशैली पर ध्यान देने के लिए एक पेशेवर चिकित्सक या    विशेषज्ञ से परामर्श लेना सबसे अच्छा विचार होगा। वे आपके स्वास्थ्य स्तर, व्यक्तिगत आवश्यकताओं और संभवतः उपस्थित रोगों के माध्यम से आपके लिए सही आहार निर्धारित कर सकेंगे। उन्हें आपके व्यक्तिगत स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपके लिए एक व्यक्तिगत आहार योजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

***साथ ही, अपने आहार में विभिन्न पोषक तत्वों को समाहित करने के लिए विविधता और संतुलन महत्वपूर्ण है। एक सामग्री के प्रति अत्यधिक भावनात्मकता के बजाय, विभिन्न प्रकार के आहारों का सेवन करने का प्रयास करें और समय-समय पर अपने आहार में परिवर्तन करें।

→यदि आप किसी विशिष्ट स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं या किसी विशेष परहेज के लिए उपाय ढूंढ़ रहे हैं, तो उचित प्रोफेशनल सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। वे आपको विशेष रूप से आपकी स्थिति के अनुसार सलाह दे सकते हैं 

धन्यवाद!

#डा०वीरेन्द्रमढान,

सोमवार, 19 जून 2023

दूध पीने के फायदे और नुकसान?

 “दूध के फायदे”

#रोज दूध पीने के 5 फायदे

#दूध पीने के फायदे और नुकसान? Ko

#Dr.VirenderMadhan,

दूध पीने के 5 फायदे

दूध पीना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई फायदे प्रदान करता है। यहां आपको दूध पीने के पांच मुख्य फायदों के बारे में बताया जा रहा है:

*पौष्टिकता और ऊर्जा की आपूर्ति:–

 दूध विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी, रिबोफ्लेविन, विटामिन बी12, आदि जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करके शक्तिशाली रखता है और सामान्य विकास के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करता है।

*हड्डियों के लिए गुणकारी:–

 दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। कैल्शियम न हिमोग्लोबिन उत्पादन में मदद करता है न ही यह शरीर के ऊर्जा संतुलन और न्यूरो-मस्कलर कार्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।

*मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए उपयोगी:–

 दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे कि प्रोटीन, विटामिन बी12 और आयरन मस्तिष्क के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। इन पोषक तत्वों की उपस्थिति से, दूध मस्तिष्क को शक्तिशाली रखता है, मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है और दिमागी कार्य को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही, दूध में मौजूद डोपामाइन और सीरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर भी मूड को सुधारने में मदद करते हैं।

*मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण:–

 दूध गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली मां के लिए विशेष महत्व रखता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है और स्तनपान कराने वाली मां के शरीर में उच्च गुणवत्ता वाला दूध उत्पन्न करने में मदद करता है। यह बच्चे को शक्तिशाली बनाने में मदद करता है और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारता है।

*मधुमेह के नियंत्रण में मददगार:–

 दूध में मौजूद विटामिन डी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और विटामिन बी12 मधुमेह के नियंत्रण में मददगार साबित हो सकते हैं। इन तत्वों की उपस्थिति मे मधुमेह के नियंत्रण में मददगार होती है क्योंकि ये तत्व इंसुलिन के संश्लेषण और उपभोग को समर्थन करते हैं। विटामिन डी के साथ कैल्शियम का संयोजन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। मैग्नीशियम इंसुलिन संश्लेषण को सुधारता है और ग्लूकोज के संचय को नियंत्रित करता है। विटामिन बी12 रक्त में होमोसिस्टीन नामक एक उच्च स्तर के तत्व को कम करने में मदद करता है, जो मधुमेह के जोखिम को कम करने में मददगार होता है।

>>यदि आप मानसिक तनाव से पीड़ित हैं या मधुमेह से पीड़ित हैं, तो दूध पीना आपके लिए उपयोगी हो सकता है। हालांकि, ध्यान दें कि इन फायदों का आनंद लेने के लिए, आपको समान्य रूप से अच्छी गुणवत्ता वाले और कम या निम्न वसा वाले दूध का सेवन करना चाहिए। यदि आप किसी विशेष चिकित्सा स्थिति में हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

#दूध के आयुर्वेद के अनुसार गुण–

आयुर्वेद में दूध को एक महत्वपूर्ण पदार्थ माना जाता है और इसे विभिन्न गुणों से युक्त माना जाता है। यहां कुछ मुख्य आयुर्वेदिक गुणों की संक्षेप में दूध के बारे में बताया जा रहा है:

*शरीरिक पौष्टिकता:–

 दूध पौष्टिकता का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन बी12, और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।

*धातुओं का उत्पादन:–

 दूध धातुओं के उत्पादन में मददगार होता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन बी12 और विटामिन डी धातुओं की गठन प्रक्रिया को समर्थन करते हैं।

*नर्वस सिस्टम के लिए मददगार:–

 दूध में पाया जाने वाला शॉर्ट-चेन फैट एसिड नर्वस सिस्टम के लिए उपयोगी होता है। यह न्यूरोट्रांस्मीटर्स के उत्पादन को सुधारता है और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

*शरीर को स्वच्छ रखने की क्षमता:– 

दूध में मौजूद लैक्टोफेरिन एंटीमाइक्रोबियल गुणों से युक्त होता है जो शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। यह बैक्टीरिया और वायरसों के विरुद्ध लड़ने में मदद करता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।

*स्वास्थ्यप्रद ग्रहणशक्ति:–

 दूध में पाया जाने वाला विटामिन डी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है जो स्वस्थ ग्रहणशक्ति को बढ़ावा देते हैं। यह रोगों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है और सामान्य स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मददगार होता है।

ध्यान दें कि आयुर्वेदिक उपचार व्यक्ति के शारीरिक प्रकृति, दोषों और विकृतियों के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। दूध के सेवन से पहले, यदि आप किसी विशेष चिकित्सा स्थिति में हैं या किसी खाद्य प्रतिक्रिया के प्रति संवेदनशील हैं, तो आपको अपने वैद्य से परामर्श लेना चाहिए।

धन्यवाद!

#डा०वीरेन्द्रमढान,

शुक्रवार, 16 जून 2023

बालों को कैसे काला रखें?

 

#बालों_को_काला_बनाये_रखने_के_लिए_क्या_करें?

#Dr.VirenderMadhan.

#बालों को कैसे काला रखें?

घरेलू विधि:–

 * बालों को काला रखने के कई घरेलू उपाय है | घरेलू नुस्खे बालों को नुकसान भी नहीं पहुंचायेंगे क्यूंकि इनमे किसी भी प्रकार का रसायन नहीं रहता है |

1– चायपत्ती को एक कप पानी में कम से कम २० मिनट तक उबालें | अब पानी को छान ले और इसमें मेहँदी भिगोये ; १-२ घंटे बाद यह मेहँदी अपने बालों पर लगा लें | यह उपाय हर सात दिन में कम से कम २ बार करें, इससे बाल भी कुदरती काले बने रहेंगे व मेहँदी कंडीशनर का भी काम करेगी |


2– दानामेथी के चूर्ण को नारियल के तेल व एक चम्मच निम्बू के रस में मिलाकर के बालों पर १-२ घंटे तक लगा रहने दे व फिर गुनगुने पानी से बाल धो ले|

3–रात को सोने से पहले बालों पर तिल्ली का तेल लगाएं व सुबह धो ले |

4– इनके अलावा जैतून का तेल, नारियल का तेल भी बालों को काला रखते है |

बालों को काला करने के लिए घरेलू उपाय,

कुछ घरेलू उपाय;-

5–हेना- महेंदी:–

 हेना प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले पौधों के पाउडर होते हैं जो बालों को काला बनाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए, आप हेना और इंदिगो पाउडर को नींबू के रस के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे बालों पर लगाएं। इसे करीब 2-3 घंटे तक लगाए रखें और फिर बालों को धो लें। यह प्रक्रिया काफी बार दोहरानी पड़ सकती है ताकि आपके बालों की चाहीं काली चमक आ जाए।


6–आमला (Indian Gooseberry):–

 आमला बालों को काला करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। आप आमला पाउडर को नारियल तेल के साथ मिश्रित करके मास्क बना सकते हैं और इसे बालों में लगा सकते हैं। इसे 1-2 घंटे तक लगाए रखें और फिर धो लें। नियमित रूप से इस्तेमाल करने से बाल काले होने लगेंगे।

Q :-काले बाल कैसे रखें?

बालों को काला करने के लिए आंवला और मेथी से तैयार हेयर पैक का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 3 बड़े चम्मच आंवला पाउडर लें। इसमें मेथी का पाउडर और थोड़ा सा पानी डालकर मिक्स करके कुछ समय के लिए छोड़ दें। अब बाल धोने से करीब 1 घंटा पहले बालों को आंवला और मेथी को लगाने कुछ देर बाद पानी से धो लेंँ।

Q:- ब्राउन बालों को काला कैसे करें?

शिकाकाई (Acacia concinna): –

*शिकाकाई (Acacia concinna) ब्राउन बालों को काला बनाने में मदद कर सकता है। आप इसे हेना पाउडर के साथ मिश्रित करके एक पेस्ट तैयार कर सकते हैं और इसे बालों में लगा सकते हैं। इसे करीब 1-2 घंटे तक लगाए रखें और फिर धो लें। यह प्रक्रिया नियमित रूप से करने से आपके ब्राउन बाल काले दिखने लगेंगे।

Q:-इंद्र जौ से बाल काले होते है क्या?

#इंद्रजौ (Indigofera tinctoria):–

 इंद्रजौ भी बालों को काला करने के लिए उपयोगी है। आप इंद्रजौ पाउडर को हेना पाउडर के साथ मिश्रित करके पेस्ट बना सकते हैं और इसे बालों पर लगा सकते हैं। इसे 2-3 घंटे तक लगाए रखें और फिर बालों को धो लें। नियमित उपयोग से आपके बाल धीरे-धीरे काले होने लगेंगे।

Q:-बालों को तुरंत काला कैसे करें?

बिना डाई बाल काले करने के 5 तरीके- 

आंवला से करें बाल काले १-सफेद बालों को काला करने के लिए आप आंवला को एक हेयर पैक की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। 

२-प्याज के रस से करें बाल काले  हो जाते है.

३-अंडा लगाएं.

४-एलोवेरा और तेल मिलाकर लगाएं.

५-सब्जियों का जूस पिएं


Q:–बाल सफेद हो रहे हैं तो क्या करें?

–एलोवेरा जेल और घी से बालों में मसाज करें. 

इससे सफेद बाल काले होने लगेंगे. 


–करी पत्ता और नारियल तेल को हल्की आंच पर गर्म करें और इसे ठंडा कर बालों में लगाएं. 

–नारियल तेल और आंवले को 2-3 मिनट तक गर्म करें और इसे ठंडा कर बालों में 15 मिनट के लिए लगाएं.


👌प्राकृतिक रूप से बालों को काला रखने के कई घरेलू उपाय घरेलू नुस्खे बालों को नुकसान भी नहीं पहुंचायेंगे क्यूंकि इनमे किसी भी प्रकार का रसायन नहीं रहता है |


–चायपत्ती को एक कप पानी में कम से कम २० मिनट तक उबालें | अब पानी को छान ले और इसमें मेहँदी भिगोये ; १-२ घंटे बाद यह मेहँदी अपने बालों पर लगा लें | यह उपाय हर सात दिन में कम से कम २ बार करें, इससे बाल भी कुदरती काले बने रहेंगे व मेहँदी कंडीशनर का भी काम करेगी |

–दानामेथी के चूर्ण को नारियल के तेल व एक चम्मच निम्बू के रस में मिलाकर के बालों पर १-२ घंटे तक लगा रहने दे व फिर गुनगुने पानी से बाल धो ले|

–रात को सोने से पहले बालों पर तिल्ली का तेल लगाएं व सुबह धो ले |

– जैतून का तेल, नारियल का तेल भी बालों को काला रखते है |

ध्यान दें–

 कि इन प्रक्रियाओं का परिणाम व्यक्ति के बालों की प्राकृतिक रंग, गुण, और प्रभाव पर निर्भर करेगा। इसलिए, सुरक्षित तरीके से इन उपायों का उपयोग करें और पहले किसी छोटे भाग पर टेस्ट करें ताकि आपको किसी तरह की तकलीफ या अवांछनीय प्रतिक्रिया न हो

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

बुधवार, 14 जून 2023

वात रोगों की पहचान क्या

 

वात रोगों की पहचान क्या है

आयुर्वेदिक वात रोगों की पहचान:–

#वातरोगों की पहचान कैसे करें?

आयुर्वेद में वात दोष एक महत्वपूर्ण रोगी दोष है जिसकी पहचान करने के लिए कुछ लक्षणों का ध्यान दिया जाता है। वात दोष को विभिन्न प्रकार के शारीरिक और मानसिक लक्षणों के माध्यम से पहचाना जा सकता है। ये लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:–


शारीरिक लक्षण:–

*ठंडी और सूखी त्वचा

*शारीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द और सूजन

*आवाज में रुकावट या खराबी

*खुजली और त्वचा में लाल दाने

* स्वेदन की कमी या बढ़ोतरी

* जोड़ों में दर्द और स्थिरता की कमी

#मानसिक लक्षण:

* चिंता, उत्पीड़न, अवसाद या तनाव

* नींद की कमी या   *अनियमितता

* मन में चंचलता और अवस्थाएं बदलना

* अविरत और अस्थिर मानसिक गतिविधियां

* विस्तारित मन की अवस्था और चिंता से निपटने की क्षमता की कमी

* वात दोष के संकेतों की समय पर पहचान करने के लिए आपको एक प्रशिक्षित आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह लेनी चाहिए।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

सोमवार, 12 जून 2023

कैल्शियम युक्त आहार की सूची

 

कैल्शियम युक्त आहार की सूची

<कैल्शियम बढाने वाले फ्रूट>

यदि आप कैल्शियम युक्त आहार की सूची जानना चाहते हैं, तो निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में कैल्शियम की मात्रा प्राप्त की जा सकती है:–

>>दूध और दूध उत्पाद:–


 दूध, दही, पनीर, छाछ, दूध का पाउडर, केसर, चीज़, लासी, बटरमिल्क, आदि।

>>सब्जियां:–

 सरसों का साग, पालक, बथुआ, ब्रोकोली, फेनेल, लौकी, टमाटर, हरी मिर्च, गोभी, मटर, बैंगन, तोरी, आदि।

>>अंडे:–

 अंडे भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं।

>>दालें:–

 चना, मसूर दाल, तूर दाल, मूंग दाल, उड़द दाल, राजमा, चोले, आदि।

>>द्रव्यपान:–

 खजूर का दूध, बादाम का दूध, नारियल पानी, शाकाहारी दूध, सोया मिल्क, आदि।

>>नट्स और बीज:–

 बादाम, अखरोट, चिया बीज, सेसम बीज, खजूर, पिस्ता, कद्दू के बीज, आदि।

>>अन्य खाद्य पदार्थ:–

<कैल्शियम बढाने वाले फ्रूट>

 संतरा, केला, अमरूद, आंवला, अंगूर, आम, खरबूजा, अनार, टिंडा, आदि।


**यह सूची केवल सामान्य दिशा-निर्देश है और अलग-अलग स्रोतों की कैल्शियम मात्रा भिन्न हो सकती है। कैल्शियम की अधिक मात्रा उपलब्ध कराने के लिए, आप विविध पदार्थों को संयोजित भोजन रूप में सम्मिलित कर सकते हैं। आपके आहार में कैल्शियम की आवश्यकता के अनुसार आप डेयरी उत्पाद, ग्रीन लीफी green leafy, वनस्पतियां, फल, बीज, अंडे आदि का सेवन कर सकते हैं।


आपके चिकित्सक के साथ परामर्श करके अपने आहार में कैल्शियम की संतुलित मात्रा को निर्धारित करने के लिए सभी विकल्पों को सम्मिलित करें। वे आपके स्वास्थ्य, आयु, रोगों और विशेष परिस्थितियों के आधार पर आपको सटीक मार्गदर्शन प्रदान कर सकेंगे।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

शनिवार, 10 जून 2023

नाक बंद रहने के 5 कारण और नाक बंद होने पर उपाय क्या करें

 

#नाक बंद रहने के 5 कारण

और नाक बंद होने पर उपाय क्या करें?

यहाँ पांच मुख्य कारण दिए गए हैं,

#नाक बंद क्यों होता है?

1- सामान्य सर्दी जुकाम:–

 सर्दी जुकाम के दौरान नाक के मुख्य रोगाणुओं से नाक में संक्रमण होता है जिससे नाक बंद हो सकती है। इसमें नाक की खांसी, ज्यादा मूँदना और पानी बहना शामिल हो सकते हैं।

2– नजला:–

 नजला या साइनसिटिस, नाक में संक्रमण होता है जिससे नाक बंद हो सकती है। इसमें नाक में सूजन, दर्द, मुँह से बदबू, माथे की और आंखों की दर पाए जा सकते हैं।

3– नाक में अतिरिक्त स्राव:–

कभी-कभी नाक में बंदी हुई नाक द्वारा नाक की तरफ से अतिरिक्त स्राव हो सकता है। इसे पोस्टनासल ड्रिप कहा जाता है और इसका मुख्य कारण गले में संक्रमण, एलर्जी, साइनसिटिस या अन्य नाक की समस्याएं हो सकती हैं।

4–अलर्जी:–

 जैसे कि फूलों, धूल, बाल, खाने के तत्व, पशुओं की बाल आदि के प्रति अलर्जी हो सकती है और इससे नाक के ऊपरी भाग में सूजन और बंद रहती है,

5–नाक में गांठें:–

 कभी-कभी नाक के अंदर में गांठें बन जाती हैं, जो नाक को बंद कर सकती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे नाक के पश्चात्तल अंगों की समस्याएं, नाक के प्रवाह में रुकावट या नाक में अव्यवस्था के कारण गांठों का उत्पन्न होना। ये गांठें नाक के बंद होने का एक मुख्य कारण हो सकती हैं।

ध्यान दें कि ये सामान्य कारण हैं और हर व्यक्ति की स्थिति अलग हो सकती है। अगर आपको नाक बंद रहने की समस्या है, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ताकि उन्हें आपकी स्थिति का ठीक से मूल्यांकन करके उचित उपचार सुझा सकें।

#नाक बंद होने पर उपाय ?

[नाक बंद रहने के 5 उपाय]

नाक बंद रहने की समस्या काफी आम होती है और यह अनुकरणीय है। यह आपको असहज महसूस कराता है और साँस लेने में परेशानी पैदा कर सकता है। नाक बंद रहने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे नजला, साइनसिटिस, एलर्जी, वायरल इन्फेक्शन, नाक में खुजली, नाक की हड्डी में विकार आदि।

अब यहां कुछ उपाय हैं जो आपकी बंद नाक को सुखाने और सांस लेने में आपकी मदद कर सकते हैं,

** गर्म पानी और नमक का इस्तेमाल:–

 एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और इस मिश्रण को नाक में डालकर धीरे से धोएं। यह नाक की जमी हुई मल को निकालने में मदद कर सकता है।

** नासिका स्नान (नेती ):–

 नेती एक प्रकार की जलक्रिया होती है जिसे नाक में उत्तेजना प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल नाक के उपास्थि और गले की सफाई के लिए किया जाता है।

**  गर्म भाप:–

 नाक खोलने के लिए, आप गर्म पानी के एक बर्तन में पानी गर्म करें और उसके बाद अपने चेहरे को उस पानी के ऊपर झुकाकर धीरे से सांस लें। इससे गर्म पानी की धुंधली गरमी आपकी नाक में पहुंचेगी और जमे हुए संक्रमण को कम करने में मदद मिलेगी।

** उपयुक्त दवाओं का उपयोग करें:–

 अगर नाक बंद होने का कारण एलर्जी, साइनसिटिस या नजला है, तो आपके चिकित्सक द्वारा सलाह लेकर दवाओं का सेवन करें। यह आपकी नाक के बंद होने को कम करने में मदद करेगी।

**आपातकालीन उपाय:– 

अगर आपकी नाक बंद हो रही है और आप तत्परता से ठीक होना चाहते हैं, तो कुछ आपातकालीन उपाय आजमा सकते हैं। आप मसूर दाल और शहद का मिश्रण बना सकते हैं और इसे रात को सोते समय नाक में लगा सकते हैं। यह आपकी नाक को सुखाने और खोलने में मदद कर सकता है।


यदि आपकी बंद नाक लंबे समय तक जारी रहती है या यह समस्या नियमित रूप से होती है, तो आपको चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपकी विशेष स्थिति के आधार पर उपयुक्त उपचार प्रदान कर सकते हैं।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,