Guru Ayurveda

शनिवार, 4 नवंबर 2023

यूरिक एसिड का रसौई मे समाधान


 यूरिक एसिड का रसौई मे समाधान

Kitchen Solution For Uric Acid

[Uric acid control tips]

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण:-

 – यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण होते हैं, जैसे-

- पानी का कम सेवन, 

- शराब ज्यादा पीना, 

- सोडा और फ्रक्टोज का सेवन, 

- हाई ब्लड प्रेशर दवाईयों का सेवन, 

- किडनी की परेशानी, 

- मोटापा, अधिक वजन,

-High protin

- प्यूरीन फूडस ज्यादा खाना. 

 इनके कारण आपके यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाती हैं. 

#कितना होना चाहिए यूरिक एसिड

आपको बता दें कि आमतौर पर पुरुषों में 2.5 से 7 एमजी प्रति डीएल और महिलाओं में 1.5 से 6 एमजी प्रति डीएल होता है. 

इससे ज्यादा यूरिक गठिया, किडनी की बीमारी और अन्य सेहत संबंधी परेशानियां पैदा कर सकते हैं. 

#यूरिक एसिड कंट्रोल करने के

 नुस्खा

अगर आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ गया है तो फिर आपको अजवाइन और अदरक 2 ऐसे मसाले हैं जिनका सेवन करने से बढ़े यूरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. ये दोनों ही चीजें जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करते हैं. 

* अजवाइन के गुण- 

 असल में इस मसाले में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिसके सेवन से यूरिक के बढ़े हुए स्तर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है,

अजवायन जोड़ों में जमे क्रिस्टल को तोड़ता है. यह यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकल आता है. ये जोड़ों के दर्द और सूजन को भी कम करता है.

*अदरक के गुण - 

  अदरक भी यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में कारगर साबित होता है. यह एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती है. इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. यह बीमारियों को दूर करता है. 

कैसे करें अदरक और अजवाइन का सेवन,

आप एक चम्मच अजवाइन और कसा हुआ अदरक एक गिलास पानी में अच्छे से उबाल लीजिए. फिर आप इसमें स्वाद के लिए शहद मिलाकर चाय की तरह पी लीजिए. आप इसको सुबह और रात में सोने से पहले पी लीजिए. यह आपके बढ़े यूरिक को कंट्रोल करने में सक्षम हैं.

रविवार, 29 अक्तूबर 2023

आयुर्वेद में त्रिदोष किसे कहते है?.In hindi.

 #आयुर्वेद में त्रिदोष किसे कहते है?.In hindi.



* What is called Tridosha in Ayurveda?.In Hindi.

Dr.VirenderMadhan.

आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्‍त, कफ इन तीनों को दोष कहते हैं। 

Q:- वात,पित्त और कफ को दोष क्यों कहते है?

Ans:- यहां "दोष" शब्द का मतलब सामान्य भाषा में ‘विकार’ नहीं है। इसी प्रकार, "त्रिदोष" का अर्थ- वात, पित्त, कफ की विकृति या विकार नहीं है। आयुर्वेद में कहा है कि [दुषणात दोषाः, धारणात धातवः]

अर्थात वात, पित्त व कफ जब दूषित होते है तो रोग उत्पन्न कर देते हैं तथा जब वे अपनी स्वाभाविक अवस्था में रहते हैं तो सप्त धातु व शरीर को धारण करते व संतुलित रखते हैं।

- आयुर्वेद में शरीर की मूल धारक शक्ति को व शरीर के त्रिगुणात्मक (वात, पित्त, कफ रूप) मूलाधार को ‘त्रिदोष’ कहा गया है। 

- इसके साथ 'दोष' शब्द इसलिए जुड़ा है कि सीमा से अधिक बढ़ने या घटने पर यह स्वयं दूषित हो जाते हैं तथा धातुओं को दूषित कर देते हैं।

Q:- शरीर के निर्माण मे प्रधान तत्व क्या है?

Ans:-- आयुर्वेद में शरीर के निर्माण में दोष, धातु और मल को प्रधान माना है 

[दोषधातुमल मूलं हि शरीरम्' ]

अर्थात दोष, धातु और मल - ये शरीर के तीन मूल हैं। आयुर्वेद का प्रयोजन शरीर में स्थित इन दोष, धातु एवं मलों को साम्य अवस्था में रखना जिससे स्वस्थ व्यक्ति का स्वास्थ्य बना रहे 

Q:-दोष धातु मलों का शरीर में महत्व क्या है?

Ans:-- दोष धातु मलों की असमान्य अवस्था होने पर उत्पन्न विकार या रोग की चिकित्सा करना है। शरीर में जितने भी तत्व पाए जाते हैं, वे सब इन तीनों में ही जुडे हैं। इनमें भी दोषों का स्थान सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

- त्रिदोष को शरीर की उत्पत्ति, स्थिति और विनाश का कारण, 

अथवा शरीर के स्तम्भ माने जाते हैं। इसके पश्चात शरीर को स्वास्थ बनाए रखने और रोगों को समझने एवं उनकी चिकित्सा के लिए भी त्रिदोषों को समझना बहुत आवश्यक है। इन तीनों दोषों के सम होने से ही शरीर स्वस्थ रहना संभव है। परन्तु जब इनकी सम अवस्था में किसी प्रकार का विकार या असंतुलन आ जाता है तो रोग जन्म ले लेता है।

Q:- त्रिदोष सिद्धांत क्या है?

Ans:-  त्रिदोष का सिद्धांत महत्त्वपूर्ण है आयुर्वेद में। वात, पित्त और कफ जब कुपित हो जाते हैं तो शरीर असंतुलित और रोग बढ़ने लगते हैं। इसलिए इन तीनों दोषों का सम रहना ही स्वस्थ होने की पहचान है। 

त्रिदोष को समझने के लिये पंचमहाभूत, वात,पित्त,और कफ के बारे मे जानना होगा. 

धन्यवाद!

सोमवार, 23 अक्तूबर 2023

खजुर|what happens when eat dart|खजुर खाने के फायदे नुकसान,

 खजुर|what happens when eat dart|खजुर खाने के फायदे नुकसान,



“खजुर का फल”

खजूर एक प्रकार का फल ☺️ है जो खजूर के पेड़ से प्राप्त होता है। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल होता है, जो अक्सर डेसर्ट के रूप में खाया जाता है और विभिन्न खाद्य उपयोगों के लिए उपयोगी होता है। खजूर से अनेक प्रकार के पौष्टिक भोजन और मिठाई तैयार की जाती हैं। यह उच्च गुड़ और फाइबर की धरोहर देता है, जिससे यह स्वस्थ खाद्य होता है।

खजुर के 7 फायदे

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खजूर के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं:

*खजूर खाने से क्या फायदा करता है?

खजूर (डेट) में कॉपर, सेलेनियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं जो आपकी हड्डियों को मजबूत रखने और उनसे जुड़े रोगों से बचाने के लिए बेहद ज़रूरी हैं। इसमें विटामिन K भी भरपूर मात्रा में होता है जो खून को गाढ़ा होने से रोकता है और आपकी हड्डियों को मेटाबोलाइज करने में मदद करता है।

पौष्टिकता:–

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 खजूर में अनेक पौष्टिक तत्व जैसे कि विटामिन, खनिज तत्व, आयरन, पोटैशियम, और फाइबर होते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।

पाचनतंत्र स्वास्थ्य:– 

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खजूर का सेवन पाचन तंतु के स्वास्थ्य को सुधार सकता है और कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है।

ऊर्जा:–

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 खजूर में प्राकृतिक शुगर होती है, जो त्वरित ऊर्जा प्रदान कर सकती है, खासकर जब आपको थकान महसूस हो रही हो।

गुड़ विकल्प:–

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 खजूर के साथ गुड़ तैयार किया जा सकता है, जो एक स्वास्थ्यवर्धक मिठास का स्रोत होता है।

खून :-–

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 खजूर में पोटैशियम और आयरन होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं.

हड्डियों के लिए लाभकारी:– 

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  खजूर के सेवन से हड्डियों को मजबूती मिल सकती है क्योंकि इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, और पोटैशियम होता है.

विटामिन स्तर:–

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 खजूर में विटामिन बी, विटामिन क, और फॉलिक एसिड होते हैं, जो स्वास्थ्य तंतु और त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.

#खजुर के कितने नुकसान होते है.

खजूर सेहत के लिए :–

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खजुर स्वास्थ्यकर हो सकते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में खाने के चंद नुकसान हो सकते हैं:

*शरीर वजन को बढ़ा सकते हैं:–

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 खजूर में शुगर (ग्लूकोज) होता है, इसलिए अधिक मात्रा में खाने से आपका वजन बढ़ सकता है।

*कैलोरी की मात्रा:–

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 खजूर में कैलोरी भरपूर मात्रा में होती है, इसलिए अधिक मात्रा में खाने से यदि आपका कैलोरी संतुलन बिगड़ जाता है, तो यह वजन बढ़ सकता है.

*सूजन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएँ:–

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 कुछ लोगों को खजूर खाने से पेट में गैस बन सकती है और सूजन हो सकती है, खासतर पेट की समस्याओं वाले व्यक्तियों को.

*शुगर के रोगियों के लिए सावधानी:–

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 खजूर में शुगर होने के कारण, शुगर के रोगियों को अधिक मात्रा में खजूर नहीं खाने चाहिए.

†* सामान्य रूप से, खजूर को सेहत के लिए मध्यम मात्रा में खाने में कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन सब कुछ मात्रा में होना चाहिए और संतुलन बनाए रखना चाहिए। यदि आप किसी खास स्वास्थ्य समस्या के साथ हैं, तो डॉक्टर से सलाह ले

*खजुर किस समय खा सकते है:–

  खजूर को आप किसी भी समय खा सकते हैं, 

*खजुर कितना खा सकते है

खजूर की मात्रा:–

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 आपके आदतों, स्वास्थ्य स्तर, और आयु के हिसाब से भिन्न हो सकती है। एक सामान्य तौर पर आप दिन में 4 से 6 खजूर खा सकते हैं। ध्यान दें कि खजूर की अधिक मात्रा में खाने से अतिरिक्त कैलोरी और शुगर की समस्या हो सकती है,

ये भी देखे

https://youtu.be/pyZiic1p3Kc?si=UXXt9THIs7BONe9Z


गुरुवार, 19 अक्तूबर 2023

Garam Pani Peene Se Kya Hota Hai


 Garam Pani Peene Se Kya Hota Hai

गर्म पानी पीने के 5 फायदे

Benefits Of Hot Water

By:- Dr.virenderMadhan

गर्म पानी पीने के कई फायदे होते हैं:–

पाचन को सुधारना:–

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 गर्म पानी पीने से पाचन तंत्र को सुधारकर भोजन का पाचन बेहतर होता है और पेट साफ रहता है.

वजन नियंत्रण:–

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 गर्म पानी पीने से पेट कम होने लगता है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है.

शरीर का शुद्धिकरण:–

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 गर्म पानी से शरीर के अंदर की गंदगी बाहर निकलती है, जिससे त्वचा की स्वच्छता बनी रहती है.

तंत्रिका स्वास्थ्य:–

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 गर्म पानी पीने से तंत्रिका स्वास्थ्य में सुधार होती है और दर्द कम होता है.

बुढ़ापे के लक्षण कम करना:–

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 गर्म पानी पीने से शरीर की ऊर्जा बनी रहती है, जिससे बुढ़ापे के लक्षणों को कम किया जा सकता है.

** गर्म पानी पीने के इन फायदों के बावजूद, ध्यान देना चाहिए कि गर्म पानी को बहुत उचितता के साथ पीना चाहिए और उसकी गर्मी को सही तरीके से संयमित रखना चाहिए. अत्यधिक गर्म पानी पीने से शरीर को हानि हो सकती है, 

#गर्म पानी पीने के कुछ नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:

 पेट की समस्याएँ:–

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 अधिक गर्म पानी पीने से पेट की समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि एसिडिटी या पेट में जलन.

 गले में कठिनाइयाँ:–

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 बहुत गर्म पानी पीने से गले में दर्द और कठिनाइयाँ हो सकती हैं.

पीठ में चिपचिपा निकलना:– 

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अधिक गर्म पानी पीने से शरीर में ज्यादा आपका पास और पैर के पांव में चिपचिपा निकल सकता है.

 अधिक तप्त पानी के साथ ज़हरी खत्म:–

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 अगर पानी बहुत तप्त हो तो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.

  तंत्रिका स्वास्थ्य को प्रभावित करना:–

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 बहुत गर्म पानी पीने से तंत्रिका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर यदि व्यक्ति किसी तंत्रिका समस्या से पीड़ित है.

बुधवार, 18 अक्तूबर 2023

अदरक के 10 मुख्य फायदे Adrak ke khane se kya hota hai


 अदरक के 10 मुख्य फायदे

Adrak ke khane se kya hota hai

पहले जान ले कि अदरक में कौन कौन से तत्व पाए जाते हैं?

अदरक में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक, कॉपर, मैंगनीज और क्रोमियम पाए जाते हैं। अदरक में बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की अद्भुत क्षमता होती है। इसलिए इसका नियमित सेवन करने से यह गले के संक्रमण से बचाता है। यह शरीर में पैदा होने वाले फ्री-रेडिकल्स को खत्म कर देता है।

“अदरक की तासीर”–

अदरक की तासीर गर्म होती है। सर्दी के मौसम में इसे अपनी डाइट में शामिल करने से ठंडक का अहसास कम होता है।

अदरक के फायदे

– अदरक कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में सक्षम माना जाता है.

– अदरक मधुमेह में लाभदायक तत्व होने से मधुमेह कंट्रोल होता है

–अदरक हृदय के लिए लाभकारी होता है

– पेट के लिए अदरक बहुत फायदे होता है

–अदरक का काढा मोशन सिकनेस को कम करती है

– अदरक जोड़ों के दर्द और आर्थराइ‍टिस में राहत देती है 

–अदरक माइग्रेन और मासिक धर्म की पीड़ा को कम करती है

** अदरक शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

–हार्ट के लिए फायदेमंद है

–पाचन तंत्र दुरुस्त करता है

–गठिया रोग में कारगर होता है

–सर्दी जुकाम में राहत देता है

–घने, चमकदार बाल और

स्किन से जुड़ी समस्याएं दूर करता है

#अदरक कौन सी बीमारी में काम आता है?

दक्षिण पूर्व एशिया में उत्पन्न जिंजर राइज़ोम का चीन, भारत और अमेरिका में

– खांसी, मितली, उल्टी, डायरिया इत्यादि विभिन्न बीमारियों को ठीक करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता रहा है। 

–अदरक तीन रूप में दैनिक उपयोग हेतु बाजार में उपलब्ध है

 – ताजा जड़ी वाला अदरक, –सिरप के रूप में डिब्बाबंद अदरक और

– सूखा अदरक मसाला।



#अदरक लेने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

अदरक का सेवन करने का सबसे अच्‍छा तरीका चाय के रूप में है।

पानी में कटी या कद्दूकस अदरक डालें।

पानी को कुछ देर के लिए उबाल लें।

चाय को धीरे-धीरे पिएं।

आप चाय को टेस्‍टी बनाने के लिए शहद या नींबू जैसी चीजें मिला सकती हैं।

–अदरक के साथ क्या खायें?

अदरक और शहद (Ginger and Honey) दो ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनके सेवन से सेहत को अनगिनत फायदे होता हैं। ऐसा माना जाता है कि जब इन दोनों को एक साथ लिया जाता है, तो इनकी ताकत और फायदे दोगुने हो जाते हैं। शहद और अदरक का पावरफुल कॉम्बिनेशन सर्दी और खांसी जैसी सांस की समस्याओं के इलाज कर सकता है।

–गुड़ और अदरक का मिश्रण शरीर में पित्त दोष को दूर करता है, जिससे स्किन पर चमक आती है। स्किन की समस्याओं को दूर करने के लिए आप रोजाना 1 इंच अदरक के टुकड़े को गर्म करके गुड़ के साथ इसका सेवन

#अदरक कब नहीं खाना चाहिए?

आप अगर शुगर और हाइपरटेंशन के मरीज़ हैं तो अदरक के गुण आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। ऐसी हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ अदरक खाना अच्छा नहीं हो सकता। दरअसल अदरक में खून को पतला करने वाले गुण मौजूद होते हैं और ये गुण ब्लड में शुगर लेवल को सामान्य से कम करने में मदद कर सकते हैं।

#क्या अदरक के साइड इफेक्ट होते हैं?

अदरक से दुष्प्रभाव होना दुर्लभ है । उच्च खुराक में यह हल्की सीने में जलन, दस्त और मुंह में जलन पैदा कर सकता है। कैप्सूल में अदरक की खुराक लेने या भोजन के साथ अदरक लेने से आप पेट के कुछ हल्के दुष्प्रभावों, जैसे डकार, सीने में जलन या पेट खराब होने से बच सकते हैं।

शुक्रवार, 6 अक्तूबर 2023

Balon ka Jhedna|बालों का ईलाज |गंजापन,


 Balon ka Jhedna|बालों का ईलाज |गंजापन,

✒️By:- Dr.VirenderMadhOan.

बालों के टूटने के कारण और  उपचार

 - सिर की मालिश 

स्थानीय रूप से जो उपलब्ध हो उस तेल के साथ दैनिक मालिस करें.

 ठंडी विधि से तैयार तैल से, सर्दियों में तिल का तेल, गर्मियों में नारियल का तेल या एलोवेरा गूद्दे के साथ मिलाकर मालिस करें,

तेल मालिश करने के लिए सबसे पहले अपनी पसंद के तेल को हल्का सा गुनगुना करना ज़रूरी है. इससे तेल बालों और स्कैल्प (सिर की त्वचा) में आसानी से पहुंच जाता है. तेल गर्म करने के लिए आप चाहें तो माइक्रोवेव की मदद ले सकते हैं. अगर ऐसा नहीं पॉसिबल है तो गर्म पानी में बोल को रखकर उसमें तेल रख कर गुनगुना कर सकते हैं.


 -कंघी करना


बाल झड़ने लगते हैं।बाल झड़ने के मामले में लकड़ी की कंघी प्लास्टिक या धातु की कंघी से थोड़ी बेहतर होती है।

विटामिन की कमी, हार्मोन असंतुलन, इसलिए गीले बालों में कंघी करना बालों के झड़ने का एकमात्र कारण होने की संभावना नहीं है. कई बार बहुत गर्म या गंदे पानी से बाल धोने से भी बाल झड़ने लगते हैं. बालों का झड़ना एक नैचुरल प्रक्रिया है जो बालों के विकास चक्र के हिस्से के रूप में होती है.

 – टाइट हेयरस्टाइल से बचें



इसमें बालों में गंजापन हो सकता है। इससे आपके बाल क्षतिग्रस्त होने के साथ वहां की स्कैल्प भी चोटिल हो जाता है और बालों के रोम इतने क्षतिग्रस्त हो सकते हैं कि नए बाल नहीं निकल पाते हैं। इसलिए आपको इन तमाम समस्याओं से बचने के लिए टाइट चोटी बनाने से बचना चाहिए

कई बार बालों को टाइट बांधने से आपके बालों (Hairs) की जड़ों में खिंचाव होता है और नसों में सूजन आ जाती है. ऐसे में बालों की जड़ों में दर्द होने लगता है. यहां तक कि यह बालों को नुकसान भी पहुंचाते हैं. इससे बाल पतले भी हो जाते हैं.

 -अत्यधिक हीट स्टाइलिंग opसे बचें



अधिक हीट स्टाइलिंग के कारण बाल डैमेज हो जाते हैं. Hair Care: बालों को गर्मी से होने वाली क्षति (heat styling damage )तब होती है जब बालों पर अत्यधिक गर्मी लगाई जाती है, जिससे वे ड्राई और हो जाते हैं और इनके टूटने की अधिक संभावना होती है.

 -धूप से सुरक्षा

धूप में बाल की नमी खत्म हो जाती है और हेयर फॉलिकल्स कमजोर होने लगते हैं. ऐसे में बालों को नारिशमेंट की जरूरत होती है इसके लिए आप बालों की जड़ों में गुनगुना नारियल या जैतून का तेल लगाएं. अगर हेयर फॉल की समस्या हो रही होगी तो इससे छुटकारा मिलेगा. हीट में रहने की वजह से बालों की चमक कहीं खो सी जाती है.

 -हाइड्रेटेड रहना

सुबह पानी जरूर पिएं - वहीं, दिन की शुरूआत आप पानी पीने के साथ करें. एक गिलास पानी न केवल आपको हाइड्रेशन प्रदान करेगा बल्कि आपको तरोताजा भी महसूस कराएगा. यह पाचन में सुधार करने में मदद करता है और आपकी आंत को साफ करता है. आप चाहें तो नारियल पानी के साथ भी शुरू कर सकते हैं.


 -अच्छा आहार



विटामिन ए वाले फूड्स में गाजर, दूध, टमाटर, शकरकंद, तरबूज, लाल शिमला मिर्च, अंडा, मछली आदि शामिल है. यह बात तो आप जानते ही होंगे कि बाल प्रोटीन से बने होते हैं. यानी कि अगर पर्याप्त प्रोटीन का सेवन किया जाए तो बालों की ग्रोथ तो अच्छी रहेगी ही, साथ ही साथ उनके झड़ने और रूखे होने में भी कमी आएगी.


 -गहरी नींद

नींद कम लेने से हमारे बालों के फॉलिकल्स कमजोर हो जाते हैं जिससे हमारे बाल झड़ने (Hair Fall)शुरू हो जाते हैं। हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी खतरनाक बीमारियां भी हमारे कम मात्रा में सोने का कारण बन सकती हैं।

 

 -हेयर मास्क (तेल लगाने के बाद बालों को कुछ देर के लिए तौलिए में रखें)

हॉट टॉवल ट्रीटमेंट करने के फायदे

अपने बालों को गर्म तौलिये से भाप देने से बालों के रोम खुलने में मदद मिलेगी । इससे बालों का तेल सिर की गहराई तक पहुंचेगा और बालों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। गर्म तौलिया उपचार का उपयोग करने से आपको अपने सिर पर किसी भी जमाव को हटाने में मदद मिलेगी।

 -गर्म तेल उपचार

जब आप तेल को गर्म करके लगाते हैं तो ये बालों के विकास को तेज करती है। इससे बाल नहीं झड़ते, डैंड्रफ की समस्या नहीं होती और लंबे बाल पाने में मदद मिलती है। इसके अलावा ये सफेद बालों की समस्या को भी कम करने में मददगार है। साथ ही इस तरह से तेल लगाने से बाल आपके स्कैल्प को गर्मी और धूल से भी बचाते हैं।

 - हल्के गैर-रासायनिक/हर्बल शैम्पू के बिना नियमित धुलाई

करें

*साइडर विनेगर यानी सेब का सिरका बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पानी में मिलाकर सफाई करें

*एलोवेरा बालों के एलोवेरा बहुत फायदेमंद होता है।इसकी मालिस के बाद सादा पानी से धोयें

*आंवला के काढे का प्रयोग कर सकते है

*नींबू के रस को पीनी डालकर प्रयोग करें

*रीठा और शिकाकाई बालों के धोने के लिए बहुत लाभदायक प्रयोग है


-योगासन करें

1 उत्तानासन

2 मत्स्यासन

3  शीर्षासन

4 बालासन

बुधवार, 27 सितंबर 2023

सायटिका का दर्द|Sciatica pain|“गृध्रसी रोग”

 सायटिका का दर्द|Sciatica pain|“गृध्रसी रोग”

[Sciatica pain]

By:- Dr.VirenderMadhan

सायटिका में पैरों में झनझनाहट होती है तथा खाल चढ़ने लगती है। पैर के अंगूठे व अंगुलियां सुन्न हो जाती हैं। कभी-कभी कुछ पलों के लिए पैर बिल्कुल निर्जीव से लगने लगते हैं। इस समस्या के लगातार बढ़ते रहने पर यह आंतरिक नसों पर भी बुरा असर डालना प्रारंभ कर देती है।

#साइटिका का दर्द कहां से शुरू होता है?

Where does sciatica pain start?

कटिस्नायुशूल तब होता है जब कटिस्नायुशूल तंत्रिका पर दबाव पड़ता है या क्षति होती है। यह तंत्रिका पीठ के निचले हिस्से से शुरू होती है और प्रत्येक पैर के पीछे तक जाती है। यह तंत्रिका घुटने के पिछले हिस्से और निचले पैर की मांसपेशियों को नियंत्रित करती है।

यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ी ऐसी स्थिति है जिससे कमर में दर्द की शिकायत आती है। यह तब उत्पन्न होती है जब कोई एक कशेरूका (vertebrae) जो कि पीठ की हड्डी है, अपनी जगह से खिसक कर उसके नीचे वाली कशेरूका पर चली जाती है। इसकी वजह से साईटिका के होने की संभावना बढ़ जाती है

#साइटिका की शुरुआत कैसे होती है?

'सायटिका' का आगमन जब यह चिकनी सतह घिसने लगती है तब हड्डियों पर इसका बुरा असर होता है जो असहनीय दर्द का कारण बनता है। सायटिका की समस्या मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी व कमर की नसों से जुड़ी हुई है जिसका सीधा संबंध पैर से होता है। इसीलिए सायटिका में पैरों में तीव्र दर्द उठने लगता है।

#साइटिका में क्या नहीं करना चाहिए?

* साइटिका में तेज दर्द होने पर काम न करें। इसके अलावा 

 * हाई हील्स या चप्पल न पहनें और

* आगे झुकने वाले कार्यों को करने से बचें।

* जंक फूड और पैकेज्ड फूड के साथ मैदा और चीनी से बनी चीजों का सेवन न करें क्योंकि ये नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाती हैं।

#साइटिका का सबसे अच्छा इलाज कौन सा है?

साइटिका का सबसे कारगर इलाज है मालिश।

* नारियल तेल या सरसों के तेल के अलावा

* प्रसारिणी तेल,

* निर्गुन्डी औषधि,

* महानारायण तेल,

* दशमूल तेल,

* सहचारी तेल,

* तिल का तेल का उपयोग कर सकते हैं। 

साइटिका का दर्द ठंड के दिनों में ज्यादा परेशान करता है। ऐसे में सरसों के तेल को थोड़ा गर्म करके इस्तेमाल करें।


#साइटिका का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

–अदरक,कपूर,पिप्पली का पेस्ट, जायफल का चूर्ण, तिल के तेल का पेस्ट,

– अश्वगंधा का चूर्ण,तिल के तेल का पेस्ट।

 – साथ ही लहसुन का कल्प लगाएं,

– लहसुन की कली खाएं। –बालारिष्ट,

– दशमूलारिष्ट,

– अश्वगंधारिष्ट,

– खाने के बाद लें।  साथ में –अश्वगंधा का चूर्ण,

– सिंहनाद गुग्गुल,

– योगराज गुग्गुल दर्द कम करने के लिए लें।

#साइटिका दर्द के लिए चलना अच्छा है या बुरा?

भले ही इससे कुछ हद तक दर्द होता है, लेकिन चलना वास्तव में साइटिका के लिए अच्छा है ।  चलने से पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ावा मिलता है, और यह नसों को अधिक लचीला भी बना सकता है। 

यदि आप पुनरावृत्ति को रोकने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव नहीं करते हैं, 

जैसे कि व्यायाम बढ़ाना और आवश्यक आहार परिवर्तन करना, तो कटिस्नायुशूल वापस आ सकता है। यदि कोई पुरानी स्थिति - जैसे स्पाइनल स्टेनोसिस - आपके कटिस्नायुशूल का कारण है, तो इस स्थिति का अनुचित प्रबंधन आपके दर्द को फिर से शुरू कर सकता है।