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बुधवार, 27 सितंबर 2023

सायटिका का दर्द|Sciatica pain|“गृध्रसी रोग”

 सायटिका का दर्द|Sciatica pain|“गृध्रसी रोग”

[Sciatica pain]

By:- Dr.VirenderMadhan

सायटिका में पैरों में झनझनाहट होती है तथा खाल चढ़ने लगती है। पैर के अंगूठे व अंगुलियां सुन्न हो जाती हैं। कभी-कभी कुछ पलों के लिए पैर बिल्कुल निर्जीव से लगने लगते हैं। इस समस्या के लगातार बढ़ते रहने पर यह आंतरिक नसों पर भी बुरा असर डालना प्रारंभ कर देती है।

#साइटिका का दर्द कहां से शुरू होता है?

Where does sciatica pain start?

कटिस्नायुशूल तब होता है जब कटिस्नायुशूल तंत्रिका पर दबाव पड़ता है या क्षति होती है। यह तंत्रिका पीठ के निचले हिस्से से शुरू होती है और प्रत्येक पैर के पीछे तक जाती है। यह तंत्रिका घुटने के पिछले हिस्से और निचले पैर की मांसपेशियों को नियंत्रित करती है।

यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ी ऐसी स्थिति है जिससे कमर में दर्द की शिकायत आती है। यह तब उत्पन्न होती है जब कोई एक कशेरूका (vertebrae) जो कि पीठ की हड्डी है, अपनी जगह से खिसक कर उसके नीचे वाली कशेरूका पर चली जाती है। इसकी वजह से साईटिका के होने की संभावना बढ़ जाती है

#साइटिका की शुरुआत कैसे होती है?

'सायटिका' का आगमन जब यह चिकनी सतह घिसने लगती है तब हड्डियों पर इसका बुरा असर होता है जो असहनीय दर्द का कारण बनता है। सायटिका की समस्या मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी व कमर की नसों से जुड़ी हुई है जिसका सीधा संबंध पैर से होता है। इसीलिए सायटिका में पैरों में तीव्र दर्द उठने लगता है।

#साइटिका में क्या नहीं करना चाहिए?

* साइटिका में तेज दर्द होने पर काम न करें। इसके अलावा 

 * हाई हील्स या चप्पल न पहनें और

* आगे झुकने वाले कार्यों को करने से बचें।

* जंक फूड और पैकेज्ड फूड के साथ मैदा और चीनी से बनी चीजों का सेवन न करें क्योंकि ये नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाती हैं।

#साइटिका का सबसे अच्छा इलाज कौन सा है?

साइटिका का सबसे कारगर इलाज है मालिश।

* नारियल तेल या सरसों के तेल के अलावा

* प्रसारिणी तेल,

* निर्गुन्डी औषधि,

* महानारायण तेल,

* दशमूल तेल,

* सहचारी तेल,

* तिल का तेल का उपयोग कर सकते हैं। 

साइटिका का दर्द ठंड के दिनों में ज्यादा परेशान करता है। ऐसे में सरसों के तेल को थोड़ा गर्म करके इस्तेमाल करें।


#साइटिका का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

–अदरक,कपूर,पिप्पली का पेस्ट, जायफल का चूर्ण, तिल के तेल का पेस्ट,

– अश्वगंधा का चूर्ण,तिल के तेल का पेस्ट।

 – साथ ही लहसुन का कल्प लगाएं,

– लहसुन की कली खाएं। –बालारिष्ट,

– दशमूलारिष्ट,

– अश्वगंधारिष्ट,

– खाने के बाद लें।  साथ में –अश्वगंधा का चूर्ण,

– सिंहनाद गुग्गुल,

– योगराज गुग्गुल दर्द कम करने के लिए लें।

#साइटिका दर्द के लिए चलना अच्छा है या बुरा?

भले ही इससे कुछ हद तक दर्द होता है, लेकिन चलना वास्तव में साइटिका के लिए अच्छा है ।  चलने से पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ावा मिलता है, और यह नसों को अधिक लचीला भी बना सकता है। 

यदि आप पुनरावृत्ति को रोकने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव नहीं करते हैं, 

जैसे कि व्यायाम बढ़ाना और आवश्यक आहार परिवर्तन करना, तो कटिस्नायुशूल वापस आ सकता है। यदि कोई पुरानी स्थिति - जैसे स्पाइनल स्टेनोसिस - आपके कटिस्नायुशूल का कारण है, तो इस स्थिति का अनुचित प्रबंधन आपके दर्द को फिर से शुरू कर सकता है।

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