Guru Ayurveda

शनिवार, 4 जून 2022

घुटने के दर्द की छुट्टी करेंगे ये 10 कारगर उपाय.in hindi.

 

धुटने के दर्द की छुट्टी करेंगे ये 10 कारगर उपाय



#जोड दर्द के घरेलू उपाय।

Dr.Virender Madhan.

 #घरेलू उपाय:

1. बराबर मात्रा में नीम और अरंडी के तेल को हल्का गर्म करके सुबह-शाम जोड़ों पर मालिश करें।

2.  दालचीनी, जीरा, अदरक और हल्दी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा भोजन में करें। गर्म तासीर वाले इन पदार्थो के सेवन से घुटनों की सूजन और दर्द कम होता है।

3. सौंठ ,हल्दी, और मेथी दाना,  बराबर मात्रा में मिला कर  कढ़ाई में भून कर पीस लें। रोजाना एक चम्मच चूर्ण गर्म पानी के साथ सुबह-शाम भोजन करने के बाद  लें।

4. रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच मेथी के दानों में एक ग्राम कलौंजी मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लें। दोपहर और रात में खाना खाने के बाद आधा-आधा चम्मच लेने से जोड़ मजबूत होंगे और  दर्द मे आराम मिलेगा।

5. सुबह खाली पेट लहसुन की एक कली दही के साथ खाएं।

6. हल्दी चूर्ण, गुड़, मेथी दाना पाउडर और पानी सामान मात्रा में मिलाएं। थोड़ा गर्म करके इनका लेप रात को घुटनों पर लगाएं और  हल्की पट्टी बांधकर लेटें।

7. अलसी के दानों के साथ दो अखरोट की गिरी सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

8. कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर बनाए पैड से सिंकाई करने से घुटने के दर्द में आराम मिलता है।

9. मालिश के लिए आप इन चीजों से भी तेल बना सकते हैं। 50 ग्राम लहसुन, 25 ग्राम अजवायन और10 ग्राम लौंग 200 ग्राम सरसों के तेल में पका कर जला दें। ठंडा होने पर कांच की बोतल में छान कर रख लें। इस तेल से घुटनों या जोड़ों की मालिश करें।

10. 90 दिन तक ,कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए गेहूँ के दाने के आकार का चूना दही या दूध में घोलकर दिन में एक बार खाएं। 

Artho- G Capsule अपने चिकित्सक की सलाह से प्रयोग करें।

अन्य उपाय

मेथी दाने (Fennel Seed) दर्द से राहत पाने के लिए मेथी दाने (Fennel Seed) को रात मे भिगोकर सवेरे खायें और उसका पानी भी पीलें।

रात मे हल्दी वाला दूध(Turmeric Milk)पीयें।

अदरक (Ginger) का प्रयोग करें।

एलोवेरा (Aloe Vera) जूस पी सकते है।

Neumos oil लगायें।



अपने चिकित्सक से सलाह जरुर करें।

धन्यवाद!



शुक्रवार, 3 जून 2022

#जीवन शैली कैसी होनी चाहिए? In hindi

 #जीवन शैली कैसी होनी चाहिए? In hindi.



#स्वस्थ जीवनशैली:-

आयुर्वेद मे जीवन को स्वस्थ एवं सुख पूर्वक व्यतीत करने की विधि विधान का वर्णन है ।

जिस प्रकार सडक पर चलने के नियम होते है उनका पालन कर सुरक्षित रहते है । अधिकतर दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहते है ।

आयुर्वेद मे दिनचर्या, रात्रिचर्या, ऋतुचर्या आदि भागों मे बांट कर जीवनशैली के नियमों का निर्देश दिया है ।

#Lifestyle|जीवनशैली का वर्णन---

#दिनचर्या

.............

- ब्रह्ममुहूर्त मे उठे

*************

#ब्रह्ममुहूर्त:-

 रात्रि के अन्तिम दो घडी को ब्रह्ममुहूर्त कहते है यानि सूर्योदय से डेढ घण्टे पहले का समय ब्रह्मा का समय है क्योंकि उस समय के स्वामी ब्रह्मा होते है ऐसा माना जाता है। इस समय उठ कर जो व्यक्ति जल पीता है, ध्यान -पूजा आदि करता है वह सुख और आरोग्यता को प्राप्त कर लेता है

सरल भाषा में-

सुब‍ह के 4 बजे से लेकर 5:30 बजे तक का जो समय होता है उसे ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

-  प्रातः काल में दिनचर्या का पालन करने से आप की दिन की शुरुआत आनंदमय होती है। आपकी सुबह ताज़गीमय हो जाती है।

 ध्यान करने से मानसिक कर्मो में सुधार होता है। यह सत्वगुण बढ़ाने में सहायक है।

-  फिर परमात्मा का या जिसे शक्ति को आप मानते है उसका नाम,जप, मन्त्र करें।

> सफाई | 

व्‍यक्तिगत स्‍वच्‍छता एवं स्‍वास्‍थ्‍य के लिए शुद्व जल शुद्व वायु, संतुलित आहार के साथ-साथ शारीरिक स्‍वच्‍छता पर नियमित रूप से ध्‍यान देना अति आवश्‍यक है। शरीर की बाहरी स्‍वच्‍छता में त्‍वचा, बाल, नाखुन, मुंह, मसूढे, दांत, जीभ, ऑंख, कान, नाक आदि की नियमित सफाई पर विशेष ध्‍यान देना जरूरी है।

ठंडे पानी से कुल्ला कर ले। ठंडे पानी से या मौसमानुसार जल से हाथ, चेहरा, मुंह और आँखों को धो ले। नाक, दांत और जीभ को साफ कर ले। 

प्राणायाम,ध्यान और व्यायाम करें :--

 – प्राणायाम तब तक करे जब तक दोनों नासिकाओं से श्वास बराबरी से प्रवाहित होना शुरू हो जाये। अपनी ऊर्जा को हृदय के चक्र या तीसरी आँख की ओर केंद्रित करके ध्यान करे। 

--छोटी और धीमी गति से सुबह की ताज़ी हवा में चले। अपने आप को सरल और सुखदायक दृश्यों में अनुभव करें ।

व्यायाम या शारीरक कसरत में सामान्यता कुछ योग मुद्रायें होती है जैसे

-  सूर्यनमस्कार और श्वास प्रक्रियायें जैसे नाड़ीशोधन प्राणायाम।  इसमें सैर करना और तैरना भी सम्मलित हो सकता है।

-  सुबह के व्यायाम से शरीर और मन की अकर्मण्यता समाप्त होती है, 

- पाचन अग्नि मजबूत होती है, वसा में कमी आती है। आपके शरीर में अच्छे प्राण की वृद्धि हो जाने से आपको हल्केपन और आनंद की अनुभूति होती है। 

व्यायाम अर्धबल तक करना चाहिए यानि जब हल्का सा पसीना आने लगे व्यायाम धीरे धीरे बन्द कर दे।

-- मालिस| 

अपने शरीर की तिल के तेल या सरसौ तैल से मालिश करे (अभ्यंग)। खोपड़ी, कनपटी, हाथ और पैर की २-३ मिनिट की मालिश पर्याप्त है। 

- स्नान:-

-- ठीक से स्नान करे |  

ऐसे पानी से स्नान करे जो न तो ज्यादा गर्म या ठंडा हो। 

#दोपहर के समय की चर्या| 

दोपहर का भोजन १२ से १ बजे के बीच करना चाहिये क्योंकि यह समय उस उच्च समय से मेल खाता जो पाचन के लिये जिम्मेदार है। आयुर्वेद पूरे दिन में दोपहर के भोजन को सबसे भारी पुष्ट  करने का निर्देश करता है। 

भोजन के उपरांत थोड़े देर चलना अच्छा होता है जिससे भोजन के पाचन में सहायता मिलती है। 

--  दोपहर की नींद को टालना चाहिये क्योंकि आयुर्वेद में दिन में सोना प्रतिबंधित है। 

-- संध्या का समय | 

दिन और रात के संतुलन के लिये यह विशेष समय है। यह समय शाम की प्रार्थना और ध्यान के लिये होता है। 


रात्रि चर्या

- रात्रि का भोजन | Dinner

रात का भोजन शाम को ६-७ बजे करना चाहिये। यह दोपहर के भोजन से हल्का होना

चाहिये। रात्रि का भोजन सोने से करीब तीन घंटे पहले लेना चाहिये जिससे भोजन के पाचन के लिये पर्याप्त समय मिल सके। रात्रि के भोजन के तुरंत बाद भारी पेट से साथ सोना नही चाहिये। भोजन के बाद १०-१५ मिनिट चलने से पाचन में सहायता मिलती है। 

- सोने का समय | Bedtime

रात्रि १० बजे तक सो जाने का सबसे आदर्श समय है। तंत्र को शांत करने के लिये, सोने से पहले पैर के तलवे की मालिश की जा सकती है।

*अच्छी नींद के लिए-

- सोने और जागने का समय निर्धारित करें .

- माहौल ऐसा बनाये जिसमे आपको आसानी से नींद आ जाये .

- आरामदायक बिस्तर पर सोएँ .

- नियमित व्यायाम करे .

कैफीन वाली चीजों को कम लें .

- जरूरत से ज्यादा खाना न खायें .

धन्यवाद!




 

Eyesight||दृष्टि कैसे तेज करें?In Hindi.

 Eyesight||दृष्टि कैसे तेज करें?In Hindi.



#आंखों की दृष्टि कैसे तेज करें?In Hindi.

Dr.VirenderMadhan

#नजर कमजोर होने के क्या लक्षण है?

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*आंखों या सिर में भारीपन 

*आंखें लाल होना और उनसे पानी आना।

*आंखों में खुजली होना,

* रंगों का साफ दिखाई न देना।

* धुंधला दिखाई देना।

* Dry or watery eyes आंखों की खुश्की या आंखों से पानी बहते रहना।

*लगातार सिरदर्द की शिकायत रहना और आंखों में थकावट होना।

#आंखों की दृष्टि कमजोर होने के कारण?

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 दैनिक चर्या की छोटी-छोटी गलतियों से हमारी आंखें खराब हो सकती हैं. आंखों को सही रखने के लिए हमें इन गलतियों को करने से बचना चाहिए.

* आंखों की सफाई न करना:  

* बाइक ड्राइव के दौरान सनग्‍लास ना लगाना: 

* आंखों को आराम नहीं देना: 

* आई ग्‍लास ना लगाना: 

* आंखों को मसलना: 

* कॉन्‍टैक्‍ट लेंस लगाकर सोना और दूसरे का चश्‍मा या सनग्‍लास यूज करना: 

* लेपटॉप और मोबाइल पर अधिक काम करते रहना।

* तेज रोशनी,तेज हवाओं के

कारण।

* कम लाईट मे पढाई करना।

* चिंता करना,रोते रहने के कारण ।


* आंखों की रोशनी कम होने का कारण कुछ खास पोषक तत्वों जैसे- जिंक, कॉपर, विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन का शरीर में कम होना होता है।

* मधुमेह, रक्तचाप बृद्धि जैसे रोग से भी आंखों की नजर कमजोर हो जाती है।

#आंखों की ज्योति बढाने के घरेलू उपाय.?

* कमजोर आंखों की रोशनी हो रही है तो आजमाएं ये 9 घरेलू उपाय .

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* आंवला का प्रयोग करें।

* भीगे हुए बादाम का सेवन करें

* किशमिश और अंजीर का सेवन करें

* बादाम, सौंफ और मिश्री का मिश्रण

*मछली

 आंखों की रोशनी तेज करने के लिए तैलीय मछलियों का सेवन फायदेमंद होता है। इन्हें खाने से ओमेगा-3 मिलता है। इसका सबसे अच्छा स्त्रोत टूना, सैल्मन, ट्राउट, सार्डिन और छोटी समुद्री मछलियां हैं।

नट्स

काजू, बादाम और अखरोट जैसे नट्स में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं। नट्स में उच्च स्तर का विटामिन ई भी होता है, जो आंखों को नुकसान से बचाता है।

बीज

नट और फलियों की तरह कुछ खास बीज भी ओमेगा -3 से भरपूर होते हैं। ये विटामिन ई का भी समृद्ध स्रोत होते हैं। ऐसे में कमजोर नजर वालों को चिया सीड, फ्लैक्स सीड खाने चाहिए।

खट्टे फल

आप अपने मेन्यू में नींबू और संतरे जैसे फलों को शामिल करें।

हरी पत्तेदार सब्जियां

 इनमें विटामिन सी भी पाया जाता है। इसलिए पालक, पत्तागोभी, बथुआ आदि सब्जियों के सेवन से आंखों की रौशनी बढ़ती है।


#कमजोर दृष्टि की आयुर्वेदिक चिकित्सा?

» आंखों के लिए त्रिफला:-

> त्रिफला घृत:-

आंखों की कमजोरी, आंखों में मैल आना, नजर कमजोर हो तो त्रिफला घृत खाने से ठीक हो जाता है

> त्रिफला कषाय (त्रिफला के पानी) से आंखों को धोने से नेत्ररोगों मे आराम मिलता है।

> सत्यानाशी की जड को नींबू के रस धीसकर आंखों में आंजने से फूला,जाला ,धुंधलापन दूर होता है।

> सौफ को गाजर के रस मे भिगोकर रख दे सुखने पर 6-6 ग्राम खाने से आराम मिलता है।

> सौफ,खाण्ड मिलाकर खाने से भी आराम मिलता है।

> शतावरी के चूर्ण को 3 महिने तक खाने से दृष्टि बढ जाती है।

> गोरखमुंडी का अर्क 25-30 ग्राम रोज पीने से नेत्रज्योति बढती है।

> अश्वगंधा, आंवला और मुलहठी सम मात्रा मे मिलाकर 5-6ग्राम रोज खाने से नेत्रज्योति बढ जाती है।

धन्यवाद!

गुरुवार, 2 जून 2022

कब्ज(Constipation) है तो जान ले क्या क्या हो सकता है? I'm hindi.

 कब्ज(Constipation) है तो जान ले क्या क्या हो सकता है? In hindi.

Dr.VirenderMadhan.

</>कब्ज|मलावरोध|Constipation, किसे कहते हैं in hindi



कब्ज तब बनती है जब पाचन तंत्र खराब हो जाता है. पाचन में गड़बड़ की वजह से व्यक्ति जो भी खाना खाता है, उसे वह पचा नहीं पाता है. 

आयुर्वेद ने इसे वात दोष का असंतुलन बताया है. वात दोष में असंतुलन की वजह से आंतों में विषाक्त पदार्थ (अमा) और मल (पुरिष) जमने लगता है.

कुछ मामलों में कफ और पित्त दोष के कारण भी कब्ज की शिकायत हो सकती है

कब्ज होने पर मल (विष्ठा) सख्त हो जाता है, मल विसर्जन में मुश्किल होती है या पाचन तंत्र में से बहुत धीरे से निकलता है। यह मल विसर्जन को नियमित रूप से कम कर सकता है

#कब्ज होने के लक्षण क्या होते है?

कब्ज में लक्षण दिखाई देते हैं जैसे- पेट दर्द, सिर में जलन, प्यास लगना और बहती नाक शामिल है. 

बेहोशी, पेशाब और मल ना आना, एडिमा, तेज दर्द की शिकायत हो सकती है. आयुर्वेदिक इलाज के पहले यह जांच की जाती है कि कब्ज की समस्या किस वजह से है.

#कब्ज होने के क्या क्या कारण होते है?

इसके कई प्रमुख कारण हो सकते हैं जैसे- शरीर में पानी की कमी होना, शारीरिक मेहनत का अभाव, फाइबर युक्त आहार की कमी,  जैसे फल, सब्जियां और अनाज

आपकी दिनचर्या या जीवन शैली में बदलाव, जैसे आपके खाने की आदतों में बदलाव

शौच जाने की जरूरत को अनदेखा करना

कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव

पर्याप्त तरल पदार्थ न लेना

चिंता या अवसाद

बच्चों में पौष्टिक आहार की कमी.

#कब्ज का इलाज (Treatment of constipation)

 प्राथमिक उपचार के रूप में आहार और जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है।

- इसमें फाइबर के अपने दैनिक सेवन को धीरे-धीरे बढ़ाना शामिल है, सुनिश्चित करें कि आप बहुत सारे तरल पदार्थ ले रहे हों, और अधिक व्यायाम करने की कोशिश करें।

#कब्ज के घरेलू इलाज के लिए  घरेलू उपाय ( Home Remedies to Cure Constipation in Hindi)

- रोज 2 चम्मच गुड़ गर्म दूध के साथ लें।

- दूध में सूखे अंजीर को उबाल कर खाएं, और दूध को पी लें।

- रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ लें।

- सुबह उठकर नींबू के रस में काला नमक मिलाकर सेवन करें।

#तुरंत पेट साफ करना है तो प्रयोग करें

- अंजीर का करें सेवन अंजीर कब्ज की समस्या को दूर करने में लाभकारी है। 

- सेब का सिरका सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। ... 

- सौंफ और जीरा पाउडर सौंफ और जीरा पाउडर सेवन करने से कब्ज नही रहती है. 

-मुलेठी का करें सेवन' इससे मलावरोध दूर होता है।

- पानी का सेवन खुब करें।

#आयुर्वेद में कब्ज की चिकित्सा.

वात असंतुलन है तो हल्की मालिश की जाती है. यदि पित्त की वजह से कब्ज हुआ है तो ऐसे मालिश की जाती है.

- स्वेदन में पसीना निकालने की प्रक्रियाओं को अपनाते हैं जिसमें सिकाई, गर्म भाप देना या पूरी शरीर पर औषधीय गर्म तेल को डालना शामिल है.

यह पंचकर्म के अन्तर्गत आता है.

#कब्ज की आयूर्वेदिक औषधियां:-

गुरु सरलचूर्ण, पंचसकार चूर्ण, त्रिफला रस,

कब्ज के लिए आयुर्वेदिक औषधियों में दशमूल क्वाथ, त्रिफला, वैश्वनार चूर्ण, हिंगु त्रिगुणा तेल, अभयारिष्ट और इच्छाभेदी रस शामिल हैं. व्यक्ति की प्रकृति और वजहों के आधार पर चिकित्सा पद्धति चुनी जाती है. 

#कब्ज होने पर क्या खायें?

- फल एवं सब्जियां: हरी सब्जियां, पपीता, लौकी, तरोई, परवल, करेला, कददू, गाजर, मूली, खीरा, गोभी, हरे पत्तेदार सब्जियां, अत्याधिक पानी पिएं. - रेशेदार (फाइबर युक्त) फल खाएं. - खाने के साथ एक चम्मच घी का सेवन करें.

[उचित औषधि और रोग के निदान के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.]

जटिलताएँ (Complications)

- लंबे समय से कब्ज वाले लोगों में ये विकसित होते हैं.

- बवासीर (haemorrhoids (piles))

 - फ़ीकल इम्पैक्शन (जहां सूखा, कठोर मल मलाशय में इकट्ठा होता है)

- आंत्र पर नियंत्रण कम होना 

धन्यवाद!


बुधवार, 1 जून 2022

घर पर बालों का आयुर्वेदिक टोनिक भृंगराज तैल कैसे बनाये? In hindi.

 घर पर बालों का आयुर्वेदिक टोनिक भृंगराज तैल कैसे बनाये? In hindi

भृंगराज तेल,



Dr.VirenderMadhan.

#बालों की हर समस्‍या दूर हो जाएगी जब लगाएंगे भृंगराज तेल,

भृंगराज तेल तनाव और तनाव के कारण बालों के झड़ने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। 

भृंगराज तेल बालों की जड़ों को हेल्दी बनाने में मदद करता है। यह बालों के झड़ने से रोकने के लिए प्रयोग किया जाता है।

यह आपके बालों को पोषण देकर उन्‍हें मजबूत बनाता है। यह स्‍कैल्‍प में ब्‍लड सुर्केलेशन बढ़ाता है और बालों को पुनः उगने मे मदद भी काम करता #भृंगराज तेल उपयोग

-- तेल को गर्म करें और इसे बालों में लगाकर रातभर के लिए रखना चाहिए। फिर इसे अगली सुबह धोना चाहिए। इससे स्कैल्प पर हेयर ग्रोथ एक्टिविटी बढ़ जाती है। इसे पहले सप्ताह में दो से तीन बार लगाया जाना चाहिए। फिर, कुछ हफ्तों के बाद इसे सप्ताह में एक बार कम किया जा सकता है। तेल में सभी प्रकार के प्राकृतिक तत्व होते हैं, यह बालों के विकास के लिए सबसे अच्छे तेलों में से एक बनाते हैं।

* ​बालों में कितने देर के लिए लगाएं रखें भृंगराज तेल?

 इस तेल के प्रभाव थोड़े समय के भीतर दिखाई देते हैं। यदि आप रातभर अपने बालों में तेल लगाकर नहीं छोड़ सकते हैं, तो परेशान न हों। शुरूआत में इसे कुछ घंटों के लिए ही बालों में रखें।

#​भृंगराज तेल के अन्य लाभ

- यह तैल शिर मे ठंडक पहुचाता है।

- भृंगराज तेल बालों में कलर लाता है। कुछ लोगों के बाल कम उम्र में ही सफेद हो जाते हैं,  भृंगराज का उपयोग डाई के रूप में किया जा सकता है।लेकिन कुछ महीनों तक प्रयोग करना पडता है।

- भृंगराज तैल के उपयोग करने से बालों मे चमक आ जाती है।

- रुसी के लिऐ भी यह लाभकारी है।



#घर पर ही साधारण भृंगराज हेयर ऑयल कैसे बनायें।

- भृंगराज पाउडर या पत्तियां का पेस्ट, नारियल तेल,तिल का तैल या सरसों का तेल और मेथी के बीज की जरूरत होगी. एक पैन में तिल का तेल या सरसों का तेल डालें. अब इसमें भृंगराज के पत्ते या पाउडर डालें. इसे तब तक पकाएं जब तक कि मिश्रण का रंग हरा न हो जाए.

इसमें आप नीम,एलोवेरा, आंवला मिक्स कर सकते है।

ठंडा करके इसे कांच की बोतल मे भरकर रख दें।

बालों के हिसाब से तैल की मात्रा लेकर बालों मे अंगुलियों के पोरवो से मालिस करें।

धन्यवाद!


 

मंगलवार, 31 मई 2022

क्या आपको बार बार प्यास लगती है? तुरंत उपाय ? In hindi.

 क्या आपको बार बार प्यास लगती है? तुरंत उपाय ? In hindi.



#तुरंत प्यास को शांत करने के उपाय?In hindi.

क्या है प्यास?

Dr.VirenderMadhan.

#तृष्णा|प्यास|पियास|पिपासा|Thirst

हमारे दर्शन शास्त्रों में तृष्णा का अर्थ 'प्यास, इच्छा या आकांक्षा' से है। 

* मन में होनेवाली वह प्रबल वासना जो बहुत अधिक कुछ विकल रखती हो और जिसकी प्राप्ति में तृप्ति न होती हो। प्रायः अधिक समय तक बनी रहनेवाली कामना।

* यहां उस तृष्णा का वर्णन है जो हमारे पानी पीने की अत्यधिक इच्छा को दर्शाती है जिसे Thirst, प्यास,पिपासा या पियास के नाम से जाना जाता है।

#Thirst प्यास लगने के कारण,

- पानी की वजह से ही रक्त का पीएच स्तर बना रहता है,  --दिमाग और शरीर के अन्य अंगों के बीच संतुलन बनाए रखने में भी पानी की अहम भूमिका होती है. 

- प्यास लगना भी एक पूरी प्रक्रिया है. शरीर में जब एक प्रतिशत पानी की कमी होती है तो प्यास महसूस होने लगती है.

-जब बार-बार प्यास लगे तो कोई बीमारी हो सकती है। 

-डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं. मेडिकल टर्म में इसे पॉलीडेप्सिया (polydipsia) कहते हैं. जब डायबिटीज के कारण जब इंसुलिन काम नहीं करता तब ग्लूकोज पेशाब से निकलने लगता है. पेशाब में ग्लूकोज के कारण पानी की ज्यादा जरूरत होती है

- शरीर में खून की कमी है तो बार-बार प्यास लग सकती है. यानी जब खून में आरबीसी (red blood cells) की कमी हो जाए तब भी बार-बार प्यास लगती है.

-क्षयरोग मे प्यास बढ जाती है।

 - जब ज्यादा चक्कर आ रहा हो तब भी आपको बार-बार प्यास लगती है. 

- अगर अधिक थकान हो या बहुत ज्यादा कमजोर हैं तब भी बार-बार प्यास लगती है

- किसी कारण से वात या पित्त बढ जाये या विकृत हो जाता है तब भी प्यास मे बृद्धि हो सकती है।

- शराब जैसे मादक पदार्थों के लेने से प्यास बढ सकती है।

-कुछ औषधियों के कारण भी मुंह सुख जाता है प्यास बढ जाती है।


तृष्णा [ प्यास] का तुरन्त कैसे करें ईलाज।

- वातोत्पन्न प्यास मे,

गुड के साथ दही,पानी लेने से प्यास शांत हो जाती है।

- गिलोय का रस पीने से

- पिपासातुर व्यक्ति की प्यास को तुरंत नही रोकना चाहिए उसे धीरे धीरे शांत करें।

- पितज तृष्णा मे दाख,शक्कर, मुलहठी, चंदन, खस,कमलगट्टा  आदि  मे किसी एक या दो द्रव्य को पानी मे पकाकर ठंडा करके पीलाना चाहिए।

-सारिवादिगण के साथ तृणपंचमूल,उत्पलादिगण या मधुरगण मे उनके कषाय तथा महुआ के फुल आदि के कल्क को बेल,शमी, धान्य, पंचकोल और डाभ मे पकाकर सेवन करें

- जल मे जीरा पकाकर उसमें कच्चा अदरक,और काला नमक मिलाकर पान करें.

- लावा [खील] का 8गुणा जल मे डालकर छोड़ दे बाद मे इस लावा के जल मे शक्कर मिलाकर लें इसमें पुष्करमूल के रस को भी मिला सकते है।

- सुखे कृश व्यक्ति को दूध पिलाने से शीध्र प्यास दूर होती है।

-बकरी के दूध पीने से पियास ठीक हो जाती है।

- जिसको बार बार प्यास लगती है उसे भोजन के बाद पानी के साथ गुड खाना चाहिए।

शराब के कारण प्यास वाले लोगों को धृत पान करना चाहिए।

- बरगद,पिलखन,लोध्र,अनार मुलहठी, शक्कर, आदि को चावल के धोवन के साथ लेने से प्यास नष्ट हो जाती है।

अत्यधिक दुर्बल व्यक्ति को प्यास लगने पर तुरन्त अकेले जल ना दे कोई औषधि साथ मे चिकित्सक की सलाह लेकर दें।

किसी भी औषधि या द्रव्य का सेवन चिकित्सक की सलाह लेकर ही करें

#प्यास मे क्या न करें?

नशा न करें।

अधिक श्रम न करें.

धुप मे न रहे।

तली भुनी चीचें न खायें।

घुम्रपान न करें.

तेज मिर्च मसाले न लें.

प्यास के कारण का पता करें

धन्यवाद!



क्यों आती है मुंह से बदबू? Dr.Virender Madhan in hindi.

 


#healthcare. #ayurvedictreatment. #Ghereluupay.

साँस की बदबू|Bad breath



#क्यों आती है मुंह से बदबू?in hindi.

Dr.Virender Madhan.

क्यों आती है मुंह से बदबू?in hindi.

किसी व्यक्ति के मुहं से बदबु आती है तो लोग उसके पास बैठना भी पंसद नही करते है उसे कई बार शर्मिंदा होना पडता है इस समस्या का समाधान करने के लिए पहले कारण जान लेना चाहिए।

मुंह से बदबू आने के अनेक कारण हैं :

 - भोजन के बाद मुंह या दांतों के अंदर बचा हुआ खाना, जो आमतोर पर जीभ के पिछले हिस्से में जमा होता है। 

- दांतों और जीब पर जमा हुआ सफेद रंग का प्लाग । 

- मसूड़ों में आने वाली सूजन के कारण भी मुंह से बदबू आती है 

- कभी कभी किडनी रोग के कारण शरीर में मेटाबॉलिक बदलाव आने लगते हैं. इससे शरीर में ड्राई माउथ यानी मुंह सूखने की समस्या होती है, जिसने सांसों में बदबू आने लगती है. 

- अधिकतर फेफड़े, साइनस या वायुमार्ग में संक्रमण भी सांस की बदबू का कारण बन सकता है. फेफड़ों का संक्रमण होने पर जब बलगम बाहर निकलता है तो इससे मुंह से सडन जैसी बदबू आने लगती है.

जब व्यक्ति को साइनस की प्रोब्लम होती है उसके कारण भी मुंह में बदबू की समस्या हो सकती है।     

- पानी कम पीने की वजह से भी मुंह की बदबू की समस्या पैदा हो जाती है।

- धूम्रपान करने से मुहं मे गन्ध हो जाती है।

 - जो लोग लहसुन प्याज खाते है उनके मुहं से खाने के बाद बदबू आने लगती है।

- दांत व मसुडो के रोग के कारण मुहं से गंध आने लगती जैसे पाईरिया रोग मे।

#मुहं से बुदबू आती है तो क्या करें?

#क्या है घरेलू उपाय?

- पान में पुदीना के पत्ते रख कर इस्तेमाल करें।

- नीबू और गरम पानी का घोल पियें।

- तुलसी के पत्ते और जामुन के पत्ते को बराबर मात्रा में लेकर चबाने से राहत मिलती है।

- मुलेठी के टूकडे मुहं मे रखकर चूसें।

-लौंग एक खुशबूदार आयुर्वेदिक जडी है मुहं मे रखकर चूसने से फायदा मिलता है।

-  खाना खाने से पहले और बाद मे पानी न पिएं।

- दिन मे एक बार इलायची चबा चबा चबा कर खाएं।

-भोजन के बाद अक्सर सौंफ खाएं।

-मुहं मे बुदबू आने पर धनिया चबायें

- बेकिंग पाउडर को पानी में घोलकर सप्ताह में एक बार कुल्ले करें

- सवेरे और रात मे आप गरुपायोरि टुथपाउडर को सरसौ के तैल मे मिलाकर अपने दांतों और मसुडों पर हल्के हाथों से मलें।

धन्यवाद!