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गुरुवार, 2 जून 2022

कब्ज(Constipation) है तो जान ले क्या क्या हो सकता है? I'm hindi.

 कब्ज(Constipation) है तो जान ले क्या क्या हो सकता है? In hindi.

Dr.VirenderMadhan.

</>कब्ज|मलावरोध|Constipation, किसे कहते हैं in hindi



कब्ज तब बनती है जब पाचन तंत्र खराब हो जाता है. पाचन में गड़बड़ की वजह से व्यक्ति जो भी खाना खाता है, उसे वह पचा नहीं पाता है. 

आयुर्वेद ने इसे वात दोष का असंतुलन बताया है. वात दोष में असंतुलन की वजह से आंतों में विषाक्त पदार्थ (अमा) और मल (पुरिष) जमने लगता है.

कुछ मामलों में कफ और पित्त दोष के कारण भी कब्ज की शिकायत हो सकती है

कब्ज होने पर मल (विष्ठा) सख्त हो जाता है, मल विसर्जन में मुश्किल होती है या पाचन तंत्र में से बहुत धीरे से निकलता है। यह मल विसर्जन को नियमित रूप से कम कर सकता है

#कब्ज होने के लक्षण क्या होते है?

कब्ज में लक्षण दिखाई देते हैं जैसे- पेट दर्द, सिर में जलन, प्यास लगना और बहती नाक शामिल है. 

बेहोशी, पेशाब और मल ना आना, एडिमा, तेज दर्द की शिकायत हो सकती है. आयुर्वेदिक इलाज के पहले यह जांच की जाती है कि कब्ज की समस्या किस वजह से है.

#कब्ज होने के क्या क्या कारण होते है?

इसके कई प्रमुख कारण हो सकते हैं जैसे- शरीर में पानी की कमी होना, शारीरिक मेहनत का अभाव, फाइबर युक्त आहार की कमी,  जैसे फल, सब्जियां और अनाज

आपकी दिनचर्या या जीवन शैली में बदलाव, जैसे आपके खाने की आदतों में बदलाव

शौच जाने की जरूरत को अनदेखा करना

कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव

पर्याप्त तरल पदार्थ न लेना

चिंता या अवसाद

बच्चों में पौष्टिक आहार की कमी.

#कब्ज का इलाज (Treatment of constipation)

 प्राथमिक उपचार के रूप में आहार और जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है।

- इसमें फाइबर के अपने दैनिक सेवन को धीरे-धीरे बढ़ाना शामिल है, सुनिश्चित करें कि आप बहुत सारे तरल पदार्थ ले रहे हों, और अधिक व्यायाम करने की कोशिश करें।

#कब्ज के घरेलू इलाज के लिए  घरेलू उपाय ( Home Remedies to Cure Constipation in Hindi)

- रोज 2 चम्मच गुड़ गर्म दूध के साथ लें।

- दूध में सूखे अंजीर को उबाल कर खाएं, और दूध को पी लें।

- रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ लें।

- सुबह उठकर नींबू के रस में काला नमक मिलाकर सेवन करें।

#तुरंत पेट साफ करना है तो प्रयोग करें

- अंजीर का करें सेवन अंजीर कब्ज की समस्या को दूर करने में लाभकारी है। 

- सेब का सिरका सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। ... 

- सौंफ और जीरा पाउडर सौंफ और जीरा पाउडर सेवन करने से कब्ज नही रहती है. 

-मुलेठी का करें सेवन' इससे मलावरोध दूर होता है।

- पानी का सेवन खुब करें।

#आयुर्वेद में कब्ज की चिकित्सा.

वात असंतुलन है तो हल्की मालिश की जाती है. यदि पित्त की वजह से कब्ज हुआ है तो ऐसे मालिश की जाती है.

- स्वेदन में पसीना निकालने की प्रक्रियाओं को अपनाते हैं जिसमें सिकाई, गर्म भाप देना या पूरी शरीर पर औषधीय गर्म तेल को डालना शामिल है.

यह पंचकर्म के अन्तर्गत आता है.

#कब्ज की आयूर्वेदिक औषधियां:-

गुरु सरलचूर्ण, पंचसकार चूर्ण, त्रिफला रस,

कब्ज के लिए आयुर्वेदिक औषधियों में दशमूल क्वाथ, त्रिफला, वैश्वनार चूर्ण, हिंगु त्रिगुणा तेल, अभयारिष्ट और इच्छाभेदी रस शामिल हैं. व्यक्ति की प्रकृति और वजहों के आधार पर चिकित्सा पद्धति चुनी जाती है. 

#कब्ज होने पर क्या खायें?

- फल एवं सब्जियां: हरी सब्जियां, पपीता, लौकी, तरोई, परवल, करेला, कददू, गाजर, मूली, खीरा, गोभी, हरे पत्तेदार सब्जियां, अत्याधिक पानी पिएं. - रेशेदार (फाइबर युक्त) फल खाएं. - खाने के साथ एक चम्मच घी का सेवन करें.

[उचित औषधि और रोग के निदान के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.]

जटिलताएँ (Complications)

- लंबे समय से कब्ज वाले लोगों में ये विकसित होते हैं.

- बवासीर (haemorrhoids (piles))

 - फ़ीकल इम्पैक्शन (जहां सूखा, कठोर मल मलाशय में इकट्ठा होता है)

- आंत्र पर नियंत्रण कम होना 

धन्यवाद!


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