क्या आपको बार बार प्यास लगती है? तुरंत उपाय ? In hindi.
#तुरंत प्यास को शांत करने के उपाय?In hindi.
क्या है प्यास?
Dr.VirenderMadhan.
#तृष्णा|प्यास|पियास|पिपासा|Thirst
हमारे दर्शन शास्त्रों में तृष्णा का अर्थ 'प्यास, इच्छा या आकांक्षा' से है।
* मन में होनेवाली वह प्रबल वासना जो बहुत अधिक कुछ विकल रखती हो और जिसकी प्राप्ति में तृप्ति न होती हो। प्रायः अधिक समय तक बनी रहनेवाली कामना।
* यहां उस तृष्णा का वर्णन है जो हमारे पानी पीने की अत्यधिक इच्छा को दर्शाती है जिसे Thirst, प्यास,पिपासा या पियास के नाम से जाना जाता है।
#Thirst प्यास लगने के कारण,
- पानी की वजह से ही रक्त का पीएच स्तर बना रहता है, --दिमाग और शरीर के अन्य अंगों के बीच संतुलन बनाए रखने में भी पानी की अहम भूमिका होती है.
- प्यास लगना भी एक पूरी प्रक्रिया है. शरीर में जब एक प्रतिशत पानी की कमी होती है तो प्यास महसूस होने लगती है.
-जब बार-बार प्यास लगे तो कोई बीमारी हो सकती है।
-डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं. मेडिकल टर्म में इसे पॉलीडेप्सिया (polydipsia) कहते हैं. जब डायबिटीज के कारण जब इंसुलिन काम नहीं करता तब ग्लूकोज पेशाब से निकलने लगता है. पेशाब में ग्लूकोज के कारण पानी की ज्यादा जरूरत होती है
- शरीर में खून की कमी है तो बार-बार प्यास लग सकती है. यानी जब खून में आरबीसी (red blood cells) की कमी हो जाए तब भी बार-बार प्यास लगती है.
-क्षयरोग मे प्यास बढ जाती है।
- जब ज्यादा चक्कर आ रहा हो तब भी आपको बार-बार प्यास लगती है.
- अगर अधिक थकान हो या बहुत ज्यादा कमजोर हैं तब भी बार-बार प्यास लगती है
- किसी कारण से वात या पित्त बढ जाये या विकृत हो जाता है तब भी प्यास मे बृद्धि हो सकती है।
- शराब जैसे मादक पदार्थों के लेने से प्यास बढ सकती है।
-कुछ औषधियों के कारण भी मुंह सुख जाता है प्यास बढ जाती है।
तृष्णा [ प्यास] का तुरन्त कैसे करें ईलाज।
- वातोत्पन्न प्यास मे,
गुड के साथ दही,पानी लेने से प्यास शांत हो जाती है।
- गिलोय का रस पीने से
- पिपासातुर व्यक्ति की प्यास को तुरंत नही रोकना चाहिए उसे धीरे धीरे शांत करें।
- पितज तृष्णा मे दाख,शक्कर, मुलहठी, चंदन, खस,कमलगट्टा आदि मे किसी एक या दो द्रव्य को पानी मे पकाकर ठंडा करके पीलाना चाहिए।
-सारिवादिगण के साथ तृणपंचमूल,उत्पलादिगण या मधुरगण मे उनके कषाय तथा महुआ के फुल आदि के कल्क को बेल,शमी, धान्य, पंचकोल और डाभ मे पकाकर सेवन करें
- जल मे जीरा पकाकर उसमें कच्चा अदरक,और काला नमक मिलाकर पान करें.
- लावा [खील] का 8गुणा जल मे डालकर छोड़ दे बाद मे इस लावा के जल मे शक्कर मिलाकर लें इसमें पुष्करमूल के रस को भी मिला सकते है।
- सुखे कृश व्यक्ति को दूध पिलाने से शीध्र प्यास दूर होती है।
-बकरी के दूध पीने से पियास ठीक हो जाती है।
- जिसको बार बार प्यास लगती है उसे भोजन के बाद पानी के साथ गुड खाना चाहिए।
शराब के कारण प्यास वाले लोगों को धृत पान करना चाहिए।
- बरगद,पिलखन,लोध्र,अनार मुलहठी, शक्कर, आदि को चावल के धोवन के साथ लेने से प्यास नष्ट हो जाती है।
अत्यधिक दुर्बल व्यक्ति को प्यास लगने पर तुरन्त अकेले जल ना दे कोई औषधि साथ मे चिकित्सक की सलाह लेकर दें।
किसी भी औषधि या द्रव्य का सेवन चिकित्सक की सलाह लेकर ही करें
#प्यास मे क्या न करें?
नशा न करें।
अधिक श्रम न करें.
धुप मे न रहे।
तली भुनी चीचें न खायें।
घुम्रपान न करें.
तेज मिर्च मसाले न लें.
प्यास के कारण का पता करें
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