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बुधवार, 2 नवंबर 2022

कब्ज Constipation किसे कहते है?हिंदी में.

 #कब्ज Constipation किसे कहते है?हिंदी में.

What is called Constipation?In hindi.



#क्यों होता है कब्ज?

Why does constipation happen?

#मलावरोध होने से क्या नुकसान होता है?

What are the disadvantages of having constipation?

कब्ज|मलावरोध|Constipation|बद्धकोष्ठता

* कब्ज Constipation किसे कहते है?

कब्ज पाचन तंत्र की वह स्थिति हैं जिसमें कोई व्यक्ति (या जानवर) का मल कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में परेशानी होती है। मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, 

*क्यों होता है कब्ज?

(कब्ज होने के कारण )

- मैदे से बने एवं तले हुए  -मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन करना।

- समय पर भोजन ना करना।

- पानी कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना।

- रात में देर से भोजन करना।

- अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना।

- देर रात तक जागने की आदत।

- भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना।

* कब्ज के नुकसान — Side Effects of Constipation.

- पेट में भारीपन व जलन होना

- भूख न लगना

- उलटी होना

- छाती में जलन होना

- बवासीर, भगंदर, फिशर रोग होने की संभावना बढ़ जाना

- आंतों में जख्म व सूजन हो जाना

#कब्ज के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय:-

- त्रिफला, काली हरड,सनाय, गुलाब के फुल, मुन्नका, बादाम गिरी, काला दाना, बनफशा, 

सभी 25-25 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें।रात्रि में सोते समय 6 ग्राम दवा गर्म दूध के साथ फांक लें।प्रातःकाल मे पेट साफ हो जाता है।कुछ दिनो तक लेने से कब्ज समूल नष्ट हो जाती है।

- प्रतिदिन 10-15 मुन्नका दूध मे उबालकर लेने से कब्ज ठीक हो जाती है।

-- एक काबली हरड (पीली हरड) रात्रि में पानी में भिगोकर रख दें प्रातः हरड को थोड़ा सा पानी मे घीसकर पी जाये (एक हरड 6-7 दिनों तक पर्याप्त होती है) इससे कब्ज दूर हो जाती है।इसका प्रयोग एक माह तक करना चाहिए।

-20 ग्राम केस्ट्रोल आईल मिश्री से मीठे दूध मे पीने से मलावरोध ठीक हो जाता है।

#कब्ज के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा?

- दशमूल क्वाथ,

- त्रिफला,

- वैश्वनार चूर्ण,

- पंचसकार चूर्ण,

- कब्जहर चूर्ण,

- हिंगु त्रिगुणा तेल,

- अभयारिष्ट और

- इच्छाभेदी रस शामिल हैं. 

*सावधानी:-

व्यक्ति की प्रकृति और कारण के आधार पर चिकित्सा पद्धति चुनी जाती है. उचित औषधि और रोग के निदान के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

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