आयुर्वेदिक रसोन सुरा क्या है?In hindi.
रसोन सुरा एक वात रोगों की उत्तम औषधि है।
By:-Dr.VirenderMadhan.
आयुर्वेद में लहसुन को रसोन कहते है यह एक रसायन होता है।इसकी सुरा बनाकर रोगी के लिऐ बहुत तेज औषधि का काम करती है। आयुर्वेद के अनुसार बनाई गई सुरा मे सेल्फ जरनेटीड ऐल्कोहल बनती है जो मात्रा के अनुसार देने से शरीर को किसी प्रकार की हानि नही होती है।
#भैषज्य रत्नावली के अनुसार रसोन सूरा बनाने की विधि:-
सामग्री व विधि:-
2- 5 लिटर बक्कल नामक सूरा,
2- निस्तुष लहसुन-2500 ग्राम,
3- पीपल- 12ग्राम,
4-पीपलामूल- 12ग्राम,
5- जीरा- 12ग्राम,
6- कूठ- 12ग्राम,
7- चित्रक- 12ग्राम,
8- सौठ- 12ग्राम,
9- मरिच- 12ग्राम,
10 - चव्य - 12ग्राम,
इन सब को कुट पीसकर लहसुन, सुरा सहित एक बडे बर्तन कांच या चीनीमिट्टी के बर्तन में भर लें।बर्तन का मुंह अच्छी तरह से बन्द कर लें।इस बर्तन को 10- 15 दिन रख दे देते है ।बाद मे कपडे से छानकर किसी सुरक्षित कांच के बर्तन मे रख ले।
रोगी को 10-10 मि०ली० खाने के खाने के बाद बराबर पानी मिलाकर सवेरे शाम दे दे।
उपयोग:-
रसोन सूरा-वातरोग, आमवात, कृमि, क्षय, अनाह, गुल्मरोग, अर्श, प्लीहारोग,
प्रमेह, और पाण्डू रोगो को नष्ट कर देता है।यह अग्निबर्द्धक है।
मात्रा:- 10-10 मि०ली०,
अनुपान:-जल से
गंध:- मधगंधी
स्वाद:-तीक्ष्ण,
उपयोग:- आमवात, समस्त वातरोग।
ग्रंथ:- भैषज्य रत्नावली।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें