Guru Ayurveda

मंगलवार, 15 मार्च 2022

विरोधी आहार| विरूद्ध आहार।Incompatible Foods.in hindi.


 #Health tips

#विरोधी आहार| विरूद्ध आहार।Incompatible Foods.in hindi.

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By:- #Dr_Virender_Madhan.

बिषय:-

# विरुद्ध आहार क्या है

# विरुद्ध आहार कौन-कौन से हैं

# एक साथ क्या नहीं खाना चाहिए।

# विरुद्ध आहार से हानि।


</> विरूद्ध आहार क्या है (What is Incompatible Foods) :

जबकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो अकेले तो बहुत गुणकारी और स्वास्थ्य-वर्धक होते हैं, लेकिन जब इन्हीं पदार्थों को किसी अन्य खाद्य-पदार्थ के साथ लिया जाए तो ये फायदे की बजाय सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं। ये ही विरुद्धाहार कहलाते हैं।इन्हें एक साथ कभी ना खाएं 

विरुद्ध आहार’ के नियमों के अनुसार, कुछ चीज़ों का सेवन एकसाथ कभी नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इन चीज़ों को बार-बार एकसाथ खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं। कभी कभी मृत्यु भी हो सकती है।


#विरूद्ध आहार करने से क्या होता है?

विरूद्ध आहार करने से होने वाले रोग

नपुंसकता, अन्धापन, विसर्प, जलोदर, विस्फोट, उन्माद, भगन्दर, मूर्च्छा, मद नशा, आध्यान ,गले के रोग, पान्डुरोग , अलसक, विसूचिका, श्वेत कुष्ठ, ग्रहणी रोग ,रक्तपित्त, ज्वर, प्रतिश्याय, गर्भपात, मृत्यु ये सब ऋषि वांड्भट् जी ने अपने शास्त्रो मे बताई है।


» मुख्य विरुद्ध भोजन कौन कौन से है?

--खट्टाई ,करेला के साथ दूध।

--कुलथी, कंगनी, मठर, बैंगन, तुरई , दही,मोंठ के साथ दूध नही ले।

-दही के साथ दूध, पनीर, खीर, और खारा विरुद्ध है।

- मछली और दूध:

 यह बात सब जानते हैं कि सी-फूड और दूध एकसाथ नहीं खाना चाहिए। 

--खट्टे फल, मांस, उडद,मधू, दूध, अंकुरित धान्य आपस मे विरुद्ध है

- गर्म दूध के साथ शहद,नही लेते है।

--मूली,गुड विरुद्ध है।

--खीर,खोया, मलाई के साथ 

खिचडी न ले,न ही शराब ले।

- अंकुरित धान्यों के सार पका भोजन न ले।

--तैल,या तली चीज के साथ जल न ले।

-चाय और लहसुन: 

कूमारिन चाय में मिलने वाले एंटीकोएग्युलेंट (anticoagulants) हैं, जिनकी अधिक मात्रा से ब्लीडिंग का ख़तरा बढ़ जाता है। लहसुन में एंटीकोएग्युलेंट भी होते हैं, इसलिए 2 चीज़ों का साथ ख़तरनाक साबित हो सकता है। 

- अनार और चकोतरा का रस: 

ये दोनों फल आंतों के कुछ एंजाइम्स सिस्टम को ब्लॉक कर सकते हैं, जिसकी वजह से आपके रक्त में कुछ दवाओं की मात्रा बढ़ सकती है। अगर इन दोनों के जूस को मिलाकर या कॉकटेल के तौर पर पिया जाए, तो यह ख़तरनाक साबित हो सकता है। 

- कच्चे टमाटर, आलू और अल्कोहल: 

टमाटर और आलू खतरनाक नाइटशेड परिवार की सब्ज़ियां हैं, जिनमें सॉलनिन नाम का एक ग्लाइकोलकोलॉयड (glycoalkaloid) विष काफी अधिक होता है। यह केमिकल शराब के साथ मिलकर नशे या बेहोशी की स्थिति बनाता है

- दूध और नमक: 

क्या आपने कभी सोचा है कि हमेशा दूध में चीनी मिलायी जाती है,नमक क्यों नहीं? दरअसल आयुर्वेद के अनुसार नमक और दूध पारस्परिक रूप से असंगत हैं। 

- दूध के साथ फलों का मिल्कशेक पीना कई लोगों को पसंद आता है। लेकिन, पके हुए आम जैसे कुछ चुनिंदा फलों के अलावा किसी अन्य फल के साथ दूध का सेवन वर्जित माना जाता है। इससे पेट की समस्याएं हो सकती हैं। 

- शहद और घी- 

आयुर्वेद में कहा गया है कि घी (Ghee) और शहद (Honey) का समान मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।  

आयुर्वेद अनुसार इनको असमान मात्रा में लेना चाहिए ।


विरुध्द फल और सब्जियां

-संतरे के साथ गाजर नही ,

- अमरूद के साथ केला नही,

-पपीता और नींबू साथ नही,

अनार और खुबानी साथ नही खानी चाहिए।

-आम के साथ खीरा नही,


» बेमेल यानि विरूद्ध भोजन

*खाने के साथ साथ फल न खायें।

*खाने के साथ साथ पानी या जूस न पीयें।

* भोजन के बीच कोल्डड्रिंक न पीयें।

*कोल्डड्रिंक क बाल मिंट च्युंइगम या मिंट वाली चीचों का प्रयोग न करें अन्यथा मृत्यु हो सकती है क्योंकि इससे साइनाइड बनता है।(किसी विशेषज्ञ से सलाह जरुर ले यह लेख केवल जानकारी के लिए है )

विशेष जानकारी के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से भी सलाह ले।

लेख आपके लिए उपयोगी है या नही कोमेंट मे जरूर बतायें।

धन्यवाद!




#पेट की गैस|कारण|उपाय।आयुर्वेदिक चिकित्सा in hindi.

 #पेट की गैस|कारण|उपाय।आयुर्वेदिक चिकित्सा in hindi.



By:- Dr.VirenderMadhan.

पेट की गैस

आजकल आहार और जीवनशैली  खराब होने के कारण पेट की गैस की समस्या होना आम बात हो गई है। 

* गैस की बीमारी  कोई स्वतंत्र रोग न होकर पाचनतंत्र की कमजोरी से उत्पन्न होने वाली एक लक्षण मात्र है।पाचनतंत्र मे विकार या विकृत पाचकरस के कारण पेट मे गैस बन जाती है।

पेट मे गैस बनने से पेट या आँतों की गैस भर कर फूलने लगता है। 

#गैस बनने के लक्षण क्या है?

पेट मे दर्द होना।

एसिडिटी होना।

सिरशूल होना।

पेट का फूलना।

वोमिटिगं टैंडंसी (उल्टी जैसा होना।

आलस्य मे रहना।

डकारें आना।

हृदय की धडकन बढ जाना।

भोजन के बाद पेट भारी होना 

बार बार मुहं मे पानी आना आदि गैस बनने के लक्षण होते हैं।

< अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-

https://youtu.be/ZPVyzcf8N98

#गैस बनने के कारण क्या क्या है?

-अत्यधिक भोजन करना।गरिष्ठ भोजन करने से।

-बैक्टीरिया का पेट में ज्यादा उत्पादन होना।आंतों में सुजन होने के कारण।

-भोजन करते समय बातें करना और भोजन को ठीक तरह से चबाकर न खाना।

- पेट में अम्ल का निर्माण होना।

- किसी-किसी दूध के सेवन से भी गैस की समस्या हो सकती है।

- अधिक शराब पीना

- मानसिक चिंता या स्ट्रेस

एसिडिटी, बदहजमी, विषाक्त खाना खाने से,  

-सुबह नाश्ता न करना या लम्बे समय तक खाली पेट रहना।

- जंक फूड या तली-भुनी चीजें खाना।

- बासी भोजन करना।

- अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल न करना।

- बीन्स, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल का अधिक सेवन करना।

- कुछ खाद्य पदार्थों से कुछ लोगों को गैस बन जाता है जबकि कुछ लोगों को उससे कोई गैस नहीं बनता है जैसे; सेम, गोभी, प्याज, नाशपाती, सेब, आडू, दूध और दूध उत्पादों से अधिकांश लोगों को गैस बनती है।

- खाद्य पदार्थ जिनमें वसा या प्रोटीन के बजाय कार्बोहाइड्रेट का प्रतिशत ज्यादा होता है, के खाने से ज्यादा गैस बनती है।

- उम्र बढ़ती है, कुछ एंजाइमों का उत्पादन कम होने लगता है अधिक गैस भी बनने लगती है।

 - निठल्ला रहने से भी गैस का कारण बनता है।


#गैस बनने पर जीवनशैली -

 इसको रोकने के लिए अपने आहार योजना और जीवन शैली में बदलाव लाना चाहिए।

-  उदरवायु वात दोष के कारण होने वाली समस्या है अत वातशामक आहार एवं उचित जीवनशैली के द्वारा गैस की समस्या से राहत मिलती है।

- सुबह उठकर प्राणायाम एवं योगासन करें।

-भोजन को चबा-चबा कर खाएं, जल्दी-जल्दी भोजन न खाएं।

- पवनमुक्तासन, वज्रासन तथा उष्ट्रासन करें।

- वज्रासन, खाने के बाद करने से गैस होने से रोका जा सकता है। इसको करने के लिए घुटने मोड़कर बैठ जाएं। दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें। गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन शक्ति बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।

वज्रासन करने से पेट में गैस नहीं बनती। योग की अग्निसार क्रिया से आँतों की ताकत बढ़कर पाचन में सुधार होता है।

#गैस रोगी क्या खायें क्या न खायें?

० तले भोजन न खायें।

० सोडा और प्रीजरवेटिव युक्त जूस न पिएं।

० पानी अधिक पिएं।

० जंक फूड, बासी भोजन तथा दूषित पानी से जितना हो सके बचें।

०भोजन करने से पहले और बाद मे 1धण्टे तक पानी न पीयें।

०कोल्डड्रिंक न पीयें।

०वातबर्द्धक आहार जैसे मठर चना, गोभी आदि न लें।

०मैदे से बनी हुई चीचों को न खायें।

०साप्ताहिक व्रत भी करे।

०समय पर ही भोजन करें।

#गैस की आयुर्वेदिक दवा।

*हिंग्वाष्टक चूर्ण

*शिवाक्षार पाचन चूर्ण

*लवणभास्कर चूर्ण

स्वादिष्ट पाचन चूर्ण

मुकोलिव सिरप

मुकोजाईम सिरप

मुकोलिव टेब 

एलासिड टेब

#गैस के लिए घरेलू उपाय।

-सौठ और हरड को सम मात्रा में लेकर चूर्ण बनालें उसमे से 1-1 चम्मच सवेरे साय पानी से लें।

-भोजन के एक घण्टे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानों को 1/2 चम्मच लेकर चूर्ण बना कर 1/2 से 1चम्मच पानी के साथ मिला कर पिएं।

-करेले का रस या करेले की सब्जी खाने से गैस मे राहत मिलती है।

-1/2 चम्मच सूखा अदरक पाउडर लें और उसमें एक चुटकी हींग और सेंधा नमक मिला कर एक कफ गरम पानी में डाल कर पीएं। 

- एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।

- हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खाना चाहिए।

- अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें।

 बड़ों के लिए 2 से 6 ग्राम, खाने के तुरन्त बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।

- अदरक 

अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हल्का होगा और भूख खुलकर लगेगी। 

- भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर  काला नमक डालकर खायें ।

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-

https://youtu.be/ZPVyzcf8N98


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सोमवार, 14 मार्च 2022

रूसी|दारूणक|Dandruff का आयुर्वेदिक इलाज in hindi.

 रूसी|दारूणक|Dandruff का आयुर्वेदिक इलाज in hindi.

#Dr_Virender_Madhan.



Dandruff | रूसी |दारूणक।

Dandruff Cure:लोग रूसी से छुटकारा पाने के लिए कई तरह के शैम्पू का इस्तेमाल करते है, फिर भी डैंड्रफ जाने का नाम नहीं लेता। तो आयुर्वेदिक चीजों के इस्तेमाल करें।

#क्यों होती है डैंड्रफ की समस्या ?

सिर में तेल के रहने से बालों में गंदगी जमा हो जाती है और पपडी सी बन जाती है ।ये गंदगी ही डेंड्रफ को बुलावा देती है. इस गंदगी की वजह से बाल भी टूटने लगते हैं. इतना ही नहीं सही खानपान न होने के कारण भी बाल ऑयली हो जाते हैं, जिसके कारण सिर में रूसी की समस्या हो जाती है

रूसी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे शुष्क त्वचा, अक्सर पर्याप्त सफाई नही रखना, शैंपू का ज़्यादातर उपयोग, सोरायसिस, एक्जिमा, बालों की देखभाल के उत्पादों के प्रति संवेदनशीलता, या एक खमीर की तरह कवक, सूखी त्वचा रूसी का सबसे आम कारण है।

 ग्रंथियों के अधिक सक्रिय होने से डैंड्रफ होता है. युवाओं में अधिक मात्रा में हॉर्मोन्स रिलीज होने से भी डैंड्रफ हो सकती है

गंजापन की जानकारी के लिए क्लिक करें-

https://youtu.be/c8fztYUNu5w

  #डैंड्रफ हटाने का घरेलू इलाज।

 आयुर्वेदिक चीजों के इस्तेमाल से रूसी भी दूर होगी (Ayurvedic Treatment of Dandruff) और बालों को कोई नुकसान भी नहीं होगा।  

#रूसी काआयुर्वेदिक उपाय?

* रीठा

रीठा का इस्तेमाल से बालों को जड़ से पोषण और मजबूती मिलती है। रीठा को शिकाकाई के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से अधिक फायदा करता है। 

रूसी यानी डैंड्रफ {रूसी } के लिए घरेलू उपाय-

 रीठा से तैयार पेस्ट बालों में लगाएं। इसके लिए रात भर पानी में रीठा को भिगाकर रख दें। सुबह उबाल कर पेस्ट बना लें। आप इसमें आंवला जूस भी मिला सकते हैं। इस पेस्ट को सिर पर लगाकर एक घंटा के लिए छोड़ दें। फिर किसी अच्छी क्वालिटी वाले शैंपू से बालों को साफ कर लें।  

* मेथी

मेथी से भी रूसी के साथ ही बालों का टूटना-गिरना भी कम किया जा सकता है। मेथी में एंटीफंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं ।

- रातभर मेथी को पानी में डालकर छोड़ दें। सुबह पेस्ट बनाकर इसमें ऐप्पल साइडर वेनेगर डाल दें। इसे सिर पर लगाएं और आधे घंटे के बाद बालों को शैंपू से साफ कर लें।  

* ऐलोवेरा जेल

ऐलोवेरा में भी एंटीफंगल तत्व मौजूद होते हैं, जो खुजली, दाने, रूसी आदि को कम करते हैं। 

* नीम

नीम से बना हेयरपैक लगाने से भी रूसी की समस्या कम होती है। इसके लिए ¼ कप नीम का जूस, चुकंदर का जूस और नारियल का दूध लें। तीनों को मिला लें। इसमें एक चम्मच नारियल तेल भी डाल दें। इस पैक को सिर पर लगाकर लगभग 30 मिनट तक रखें, उसके बाद बालों को धो लें।

शैंपू

 - हफ्ते में दो या तीन बार हर्बल शैंपू से बालों को धोना चाहिए और अच्छी तरह कण्डीशनिंग करनी चाहिए.

- बालों की जड़ो में लगाएं सरसों तेल।

- रात को बालों की जड़ो में सरसों की तेल से मालिश करनी चाहिए. 

विटामिन ई

- विटामिन ई ऑयल और गुलाब जल बालों की जड़ों में लगाने से समस्या दूर हो सकती है. 

जैतून का तैल

- जैतून के तेल में अदरक के रस की कुछ बूंदे मिलाकर इसे बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे के लिए छोड़ दें और फिर शैंपू से धो दें।

अंडे

- अंडे के पीले भाग को खट्टे दही को मिला कर बालों में कम से कम आधे घंटे तक लगाने से डैंड्रफ दूर किया जा सकता है।

नींबू

- नीबू का रस और काली मिर्च पाउडर मिलकर बालों की जड़ों में लगाना काफी फायदेमंद है. 

नारियल तेल

- नारियल के तेल में कपूर मिलाकर लगाने से भी डैंड्रफ दूर होता है.

#रुसी की आयुर्वेदिक शास्त्रीय चिकित्सा।

त्रिफलादि तैल:- 

इस तैल की मालिस करने से अरूंसिका,दारुणक (रुसी) सिर की फुंसियां ,पीला पीला चिपचिपा पूय ठीक हो जाता है।

निलिकादि तैल:- 

अकालपलित ,दारुणक(रुसी) की चिकित्सा के लिए इस तैल की मालिस करनी चाहिए।

भृंगराज तैल:- 

यह आयुर्वेद की सुप्रसिद्ध औषधी है।यह बालों और सिर की त्वचा के अनेक रोगो मे उपयोगी है।

गंजापन की जानकारी के लिये यहां क्लिक करें-

https://youtu.be/c8fztYUNu5w

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रविवार, 13 मार्च 2022

Health |हेल्थ |Fitness|निरोगता।in hindi.

 #Health |हेल्थ |Fitness|निरोगता।in hindi.



Dr.VirenderMadhan.

> Health Meaning in Hindi - हेल्थ का मतलब हिंदी में।

 [संज्ञा पुल्लिंग] स्वास्थ्य ; सेहत ; तंदुरुस्ती।

#फिटनेस क्या है ?

नीरोग या स्वस्थ होने की अवस्था । निरोगता । आरोग्य । तंदुरुस्ती ।

शारीरिक फिटनेस को काम और अवकाश की गतिविधियों के समय दक्षतापूर्वक और प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए ‘शरीर की क्षमता’ के माप के रूप में माना जाता है।

#शारीरिक फिटनेस के प्रकार (पहचान)

- चपलता या फुर्ती

- संतुलन

- ऊर्जा

- गति

- प्रतिक्रिया समय

#शारीरिक फिटनेस के घटक क्या है?

- स्वास्थ्य से संबंधित शारीरिक फिटनेस घटक में :-

* कार्डियोरेस्परेटरी सहनशक्ति, * शारीरिक संरचना, 

* मांसपेशी क्षमता, 

* मांसपेशी सहनशक्ति और  

* लचीलापन है। 

#आयुर्वेद के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा

जिन कारकों के आधार पर व्यक्ति को स्वस्थ कहा जाता है, वे हैं।

 - दोषों का संतुलन (3 प्रमुख शारीरिक कारक), 

- अग्नि (चयापचय स्वास्थ्य),

 - धातु (ऊतक स्वास्थ्य), 

- मल (उत्सर्जक कार्य), 

* साथ ही साथ एक खुशहाल (सुख) अवस्था जिसमे आत्मा, इंद्रिया (इंद्रिय अंग) और मानस (मन) का संतुलन हो।

* आहार, विहार और निद्रा - स्वास्थ्य, आरोग्यता, और सुखी जीवन का आधार है।

उचित मात्रा में आहार एवं निद्रा का सेवन उत्तम एवं स्वास्थ्य प्रद होता है, अधिक मात्रा में आहार तथा निद्रा का सेवन स्थूलताकारक होता है और अल्पमात्रा में इनका सेवन कृशता का कारण देखा गया है क्योंकि शरीर को धारण करने के लिए जो तीन उपस्तम्भ कहे गये है। उनमें आहार, निद्रा और स्वप्न का प्रमुख स्थान है।

#आयुर्वेदिक हेल्थ टिप्स -

- अंग्रेजी में एक कहावत है 

‘हेल्थ इज वेल्थ’

 अर्थात सेहत ही पूंजी है,

- काम की व्यस्तता के कारण तनाव और कई तरह की शारीरिक परेशानियों से लोग घिरे रहते हैं। ऐसे में लोग स्वास्‍थ्य को ही नजरअंदाज करते हैं। नतीजा, सब कुछ पाकर भी लोग खुश नहीं हैं। रहन-सहन, खानपान और साफ-सफाई के तौर-तरीकों पर ध्यान देकर तंदुरुस्ती और फिटनेस को अपनी जिंदगी में शामिल कर सकते हैं।

- बेहतर सेहत, स्वच्छता और फिटनेस हमें बीमारियों से दूर रखते हैं। हेल्दी लाइफ जीना चाहते हैं, तो शारीरिक रूप से स्वस्‍थ रहने के लिए सक्रिय रहना जरूरी है। मेहनत करते हुए शरीर का ध्यान रखना ही अपने आप में योग है। 


{उत्तम जीवनशैली हेल्दी फिटनेस के लिए उत्तम पथ है।}

इसलिए अपनी जीवनशैली को सरल बनाएं, साथ ही मानसिक तौर पर भी आप स्वस्‍थ रहेंगे।

 - संयमित खानपान लें।

  - पर्याप्त नींद लें। 

- यदि प्रतिदिन नियमित रूप से कुछ मिनट दौड़ते हैं, उनमें हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों के होने का खतरा कम रहता है। 

- स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ रोगमुक्त होना नहीं है, बल्कि पूरी तरह से फिट होना भी है। फिट रहने के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है। संतुलित आहार यानी आपके खानपान में सुपाच्य सब्जी, दालें, दूध, दही उचित मात्रा में शामिल हों।   - सूर्योदय के समय उठें। 

- योग करें। प्रतिदिन 10 से 20 मिनट प्रणायाम करें।

- काम के साथ-साथ शरीर को आराम भी देना भी जरूरी है। 

*स्वच्छता से मिले सेहत।

- स्वच्छता अपनाने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है। हैजा, पेचिश, टायफॉइड जैसी बीमारियां हाइजीन का ख्याल नहीं रखने के कारण होती हैं,

 - बाल और नाखूनों की सफाई करें। अपने शरीर की और घर की साफ-सफाई रखकर स्वस्‍थ रह सकते हैं।

*जल्दी उठे जल्दी सो जाये।

* ऋतुकाल, आयु, स्थान, बल के अनुसार ही कार्य ,आहार, विहार ,और निद्रा सेवन करें।


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शनिवार, 12 मार्च 2022

Kidney pain |गुर्दे का दर्द in hindi.

 {#Health_care #kidney_diseased #गुर्दों_का_आयुर्वेदिक_इलाज}

{Kidney pain |गुर्दे का दर्द}

#गुर्दे का दर्द कहाँ होता है?

Dr.VirenderMadhan.

वृक्क या गुर्दे का जोड़ा एक मानव अंग हैं, जिनका प्रधान कार्य मूत्र उत्पादन (रक्त शोधन कर) करना है। ये मूत्र-प्रणाली के अंग हैं। 

> गुर्दे का दर्द-

पेल्विक एरिया में दर्द

यानी आपकी नाभि के नीचे  -किडनी इंफेक्शन होने की स्थिति में व्यक्ति को पेल्विक एरिया में दर्द हो सकता है। यह दर्द हल्का भी हो सकता है तेज भी।

- पथरी होने की दशा में गुर्दे के आसपास कमर में पीछे की तरह दर्द होता है। इस दर्द की तीव्रता हल्की से बहुत गंभीर हो सकती है। 

- मितली या उल्टी हो सकती है।

- पेशाब नली में गंभीर संक्रमण होने पर भी गुर्दे में दर्द की शिकायत हो सकती है।


#Kidney Failure: किडनी खराब होने के पूर्वरुप,5शुरुआती लक्षण?

- काम करना मुश्किल हो जाता है ।

- ​भूख में कमी आना शरीर में विषाक्त पदार्थों और वेस्ट का संचय भी आपकी भूख को कम कर सकता है, जिससे वजन घटने लगता है। 

- ​टखने और पैरों में सूजन हो सकती है

- ​त्वचा में सूखापन और खुजली होने लगती है।

-​कमजोरी और थकान महसूस होना ।

- ​बार-बार पेशाब आना।

#किडनी खराब होने पर लक्षण?

-  बगल में एक तरफ दर्द

आपके पीठ के निचले हिस्से में और जननांगों के आस-पास दर्द और असुविधा होती है।

-कंपकंपी,ठंड लगना

- बहुत कमजोर या थका हुआ महसूस करना

-भूख में कमी

- मचली महसूस करना

#गुर्दे में दर्द होने का क्या कारण है?

इसका कारण यह होता है कि लाल रक्त कणों के निर्माण के चलते गुर्दे ठीक तरह से काम नहीं कर पाते। किसी भी कारण से गुर्दे में चोट लगने पर किडनी टिश्यू में खून रिसने लगता है। खून आने से गुर्दे के अंदरूनी हिस्सों पर दबाव बढ़ जाता है और हाइपरटेंशन भी हो सकता है। इसके अलावा कमर के आसपास के हिस्से में तेज दर्द भी हो सकता है।

मुख्य कारण:-

1. चोट के कारण : 

2. पथरी के कारण : 

3. सूजन के कारण : 

4. मूत्र पथ संक्रमण के कारण : 

5. थक्के जमने के कारण :  

6. किडनी से खून बहने से :  

अधिक जानकारी के लिए:-

https://youtu.be/o67_IoIQFtU

#किडनी में दर्द का इलाज-(Kidney Pain Treatment In Hindi)

1. त्रिफला के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

- त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए। आप त्रिफला चूर्ण को एक बड़ी चम्मच की मात्रा में रात के समय सोने से पहले हल्के गर्म पानी के साथ लें। 

2. अंगूर की बेल के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

-  आप थोड़ी सी अंगूर के बेल के पत्ते लेकर उन्हें पीस लें और छान लें। अब इसमें थोडा सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें इससे आपकी किडनी में दर्द की समस्या ठीक हो जाएगी।

3. तुलसी के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

- तुलसी की पत्तियां, अजवाइन को समान मात्रा में लें और सेंधा नमक अजवाइन की आधी मात्रा में लेकर इन सभी को छाया में सुखा लें।

अब इन सभी को पीसकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण का सेवन दिन में दो बार करें। 

4. खीरे के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

- खीरे का नियमित रूप से सेवन करने के लिए दे सकते हैं क्योंकि खीरा में लीवर और किडनी को ठीक रखने के गुण पाए जाते हैं।

5. तरबूज के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

-तरबूज का सेवन कर सकते हैं। आप तरबूज और आलू का रस मिला लें और इसका सेवन दिन में दो बार करें इससे आपकी किडनी की समस्या भी ठीक हो जाएगी।

6. लौकी के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

 आप लौकी का सेवन कर सकते हैं क्योंकि लौकी में पोटैशियम श्रेष्ठ मात्रा में पाया जाता है जो किडनी के दर्द में बहुत फायदेमंद होता है और पेशाब के खुलकर आने में भी मदद करता है।


#किडनी में दर्द पर क्या खाएं-(Eat In Kidney Pain In Hindi) :

जिन्हें किडनी में दर्द की समस्या हो जाती है उन्हें त्रिफला, पुनर्नवा, अंगूर की बेल, सेंधा नमक, तुलसी, अजवाइन, जौ, करेला, परवल, नारियल पानी, लौकी, खीरा, तरबूज, आंवला, गन्ने का रस, जामुन, तरबूज आदि का सेवन करना चाहिए।

#किडनी में दर्द पर क्या न खाएं-(Do Not Eat In Kidney Pain In Hindi)

- नमक, मांस, मछली, अंडा, तंबाकू, बीडी-सिगरेट, शराब, दही, टमाटर, नींबू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

धन्यवाद!


 


शुक्रवार, 11 मार्च 2022

आप ब्रकफास्ट नही करते तो...क्या होगा?Dr.Virender Madham.in hindi.






 #Health care #lifestyle #Ayurvedictreatment #घरेलू_उपाय

#ब्रेकफास्ट in hindi.

#Dr_Virender_Madhan.



ब्रेकफास्ट को हिंदी में 'सुबह का जलपान' और 'सुबह का नाश्ता' कहते हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में इसे 'कलेवा' भी कहा जाता है।

#ब्रेकफास्ट क्यों जरूरी है?

* रातभर से खाली पेट रहने के कारण Breakfast दिनभर का सबसे जरूरी आहार है। यह आपको दिनभर energy और शक्ति देता है। Breakfast body के लिए fuel की तरह काम करता है। Body के लिए जरूरी energy और nutrition का लगभग 25 प्रतिशत भाग केवल breakfast से ही मिलता है।

- दिन का सबसे जरूरी भोजन

यह मेटाबॉलिज्म को काम शुरू करने में मदद करता है और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है जिससे आप दिनभर कैलोरी बर्न करते हैं। डिनर और ब्रेकफास्ट में बहुत अधिक अंतर हो जाता है जिससे बॉडी को एनर्जी के लिए फ्यूल की जरूरत होती है जो ब्रेकफास्ट से मिलता है। सुबह का नाश्ता आपको दिन भर ऊर्जा देता रहता है

#सबसे अच्छा नाश्ता कौन सा है?

दलिया 

दलिया एक हल्का व स्वस्थ पकवान है जो इसे सबसे बेहतर नाश्ता बनाता है। ... 

मूंग दाल का चीला

 मूंग दाल को सभी हेल्दी दालों में से एक माना जाता है। ... 

- ढोकला 

-मिक्स वेज पराठा 

- इडली सांभर 

- उपमा

-अंडा 

- बादाम - सुबह खाली पेट भिगाए हुए बादाम लेना चाहिए, इसके पोषक तत्व शरीर को मजबूत करने में सहायक होती है

#खाली पेट क्या क्या नही खायें?

- सुबह खाली पेट में ज्यादा मसालेदार नाश्ता नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह पेट में जलन के साथ ही पेट में दर्द, ऐंठन भी पैदा करती है 

- खाली पेट कभी भी खट्टे फल का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह एसिड बनाता है ।

- खाली पेट कच्ची सब्जी लेने से बचना चाहिए, क्योंकि कच्ची सब्जी मे फाइबर ज्यादा होता है, यह पेट दर्द एवं ऐंठन का कारण बनता है। 

- सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने लगते हैं, जो गैस का कारण बनता है, इसलिए कुछ खाने के बाद ही चाय या कॉफी लेनी चाहिए। 

- सुबह खाली पेट में कभी भी ठंडी ड्रिंक्स नहीं पीना चाहिए। 

- खाली पेट कभी भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सीधे आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

#सुबह खाली पेट कौनसे फल खाएं?

फल:-

- पपीता, तरबूज, बादाम, कीवी खाएं

 कीवी आपके लिए एक सुपर फूड है। इसमें फाइबर होता है और यह आपकी स्किन के लिए भी बहुत अच्छा होता है।

- सेब खाएं,

सेब फाइबर का भी बहुत अच्छा स्रोत होती है। सेब का छिलका आपको कैंसर से बचाने में मदद करता है और आपको हृदय बीमारियों से भी दूर रखता है।

धन्यवाद!




क्या आपका यूरिक एसिड बढा है ..?Dr.Virender Madhan.in hindi.

 #यूरिक एसिड UricAcid.?In hindi.


#Uric acid क्या है?

#Dr_Virender_Madhan.

यह कार्बनिक पदार्थ है जो शरीर में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है. इसकी जितनी मात्रा बनती है उसे किडनी द्वारा फिल्टर कर शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है लेकिन अगर यह जरूरत से ज्यादा शरीर में बनने लगे तो हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों में दर्द, उठने-बैठने में परेशानी और सूजन समेत कई तकलीफों को न्योता देता है.

* अगर किसी के जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है? या उनके पैरों की उंगलियों, एड़ियों और घुटनों में दर्द और सूजन रहती है? या फिर वे गठिया के शिकार हैं ? तो ये सभी लक्षण उनके शरीर में यूरिक एसिड (Uric Acid in Hindi) के बढ़ने के कारण हो सकते हैं।

यूरिक एसिड अत्यधिक मात्रा अनको बीमारियां लाती है। 

 – यूरिक एसिड क्या होता है?

यूरिक एसिड खाद्य पदार्थों के पाचन से उत्पन्न एक प्राकृतिक अपशिष्ट उत्पाद है जिसमें प्यूरिन होता है। जब हमारे शरीर में प्यूरिन टूटता है तो यूरिक एसिड पाया जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों में उच्च स्तर में प्यूरिन पाए जाते हैं जैसे:

- कुछ मीट

- एक प्रकार की मछली

- सूखे सेम

- बीयर

- इसके अलावा हमारे शरीर में भी प्यूरिन बनते और टूटते हैं।

* आम तौर पर हमारा शरीर किडनी की सहायता से यूरिक एसिड को मूत्र के द्वारा बाहर निकलता रहता है यदि आप अपने भोजन में बहुत अधिक प्यूरिन का सेवन करते हैं,या 

- यदि आपका शरीर इस यूरिक एसिड को बाहर निकलने मे असमर्थ है, तो यूरिक एसिड का लेवल बहुत बढ़ जाता है । * उस स्थिति को हाइपर्यूरिसीमिया के रूप में जाना जाता है।

-  यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की विभिन्न मांसपेशियों में सूजन आ जाती है,जिसके कारण दर्द होने लगता है और यह दर्द बढ़ने लगता है इससे गाउट नामक बीमारी हो सकती है जो दर्दनाक जोड़ों का कारण बनती है। यह ब्लड और मूत्र को भी एसिडिक बना सकता है।

अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें-

https://youtu.be/X6IwM_tgCyM

#यूरिक एसिड के इक्क्ठा होने के कारण – Uric Acid Ke Karan :-

* आहार

- कुछ प्रकार के आहार के कारण शरीर में यूरिक एसिड इकट्ठा हो सकता है

* आनुवंशिक:-

कुछ मामलो में यह आनुवंशिक होता है

* मोटापा 

 अधिक वजन होने के कारण भी यह समस्या हो सकती है

* तनाव:-

यदि आप बहुत अधिक तनावग्रस्त रहते हैं तो भी आपके शरीर में यूरिक एसिड इकट्ठा हो सकता है

* वृक्कों के रोग:-

किडनी की बीमारी से यूरिक एसिड बढ़ सकता है

*मधुमेह:-

मधुमेह/डायबिटीज के कारण भी यूरिक एसिड बढ़ता है

* कीमोथेरेपी के कारण 

भी यूरिक एसिड के बढ़ने का कारण होती हैं

* सोरायसिस;-

सोरायसिस – जो एक त्वचा रोग होता है के कारण यूरिक एसिड बढ़ सकता है


#यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण – Uric Acid Ke Lakshan-


* आपको किडनी की समस्याएं (गुर्दे की पथरी), या पेशाब के साथ समस्याएं हो सकती हैं

* जोड़ों के दर्द के साथ उठने बैठने में परेशानी होना।

* हाथ और पैर की उँगलियों में सूजन के साथ दर्द होना।

* उंगलियों टेढी मेढी हो जाती है।

अधिक जानकारी के लिए:-

https://youtu.be/X6IwM_tgCyM


#क्या खायें?

* एप्पल साइडर सिरका: 

एक गिलास पानी के साथ 3 बड़े चम्मच एप्पल साइडर सिरका लेना चाहिए।

* फ्रेंच बीन जूस: 

यह सबसे प्रभावी घरेलू उपाय है, इसे दिन में दो बार लेने से आराम मिलता है।

*चेरी: 

चेरी मे एंटी-इंफ्लेमेटरी पदार्थ होते हैं जो यूरिक एसिड के क्रिस्टलीकरण और इसे जोड़ों में जमा होने से रोकता है।जिससे दर्द और सूजन होती है।

* जामुन: 

चेरी के अलावा, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और जामुन जो एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों से समृद्ध होते हैं, ।

* दूध

आप दूध के स्थान पर सोया या बादाम का दूध पी सकते हैं जो कि प्रोटीन से भरपूर होता है।

* भरपूर मात्रा में पानी पियें:

 इससे आप अपने शरीर से यूरिक एसिड को आसानी से निकल सकते हैं ।

*ऑलिव ऑयल:

 कोल्ड-प्रेस्ड तकनीक से बने ऑलिव ऑयल से खाना पकाने से आपके गाउट को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।  

*  बीन्स:

 पिंटो बीन्स में फोलिक एसिड होता है जो यूरिक एसिड के लेवल को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण पदार्थ है। 

 * सूरजमुखी के बीज और दाल 

दाल, ताजा सब्जियों का रस, निम्बू, अजवाइन, उच्च फाइबर वाले भोजन, केले , ग्रीन टी, ज्वार और बाजरा जैसे अनाज, टमाटर, ककड़ी और ब्रोकोली,आदि का प्रयोग कर सकते हैं। 

-एरण्ड तैल , लहसुन, करेला, गोखरू, पुनर्नवा, विधारा ,गोमूत्र आदि का प्रयोग जरूर करें।

#क्या न खायें ?

प्यूरिन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे रेड मीट, समुद्री भोजन, ऑर्गन मीट 

-सेम और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और सब्जियां जैसे शतावरी, मटर, मशरूम और गोभी खाने से बचें।

- फ्रक्टोज युक्त पदार्थों का सेवन कम करें।

- व्यायाम करें।

-अधारणीय वेग न रोकें।

-रात्रि जागरण न करें।

#आयुर्वेदिक उपाय?

- गिलोय और सौठ को सम मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें उसकी 2 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ कुछ दिनों तक लेने से आराम हो जाता है।

-कचूर और सौठ का सम मात्रा में चूर्ण बना कर 2-3ग्राम लेते रहने से कुछ दिन मे आराम हो जाता है।

-एरण्ड के बीज का छिलका उतारकर 25ग्राम को 500 मि०ली० दूध में खीर बनाकर खाने से कुछ दिनों में लाभ मिल जाता है।

-अश्वगन्धा, चोबचीनी, काली मिर्च समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर रात्रि में 5-6 ग्राम दूध से कुछ दिनों तक लेने से आराम मिलता है।

बथुआ के 25ग्राम रस रोज लेने से गठिया मे भी राहत मिल ती है।

#शास्त्रोंक्त आयुर्वेदिक चिकित्सा?

-पुनर्नवादि चूर्ण,

-अजमोदादि वटक

-रास्नासप्तक

-चित्रकादि चूर्ण

-महारास्नादि क्वाथ

-आमवारि रस

- त्रिफलादि लौह

- सर्वतोभद्र रस आदि

अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें-

https://youtu.be/X6IwM_tgCyM


(नोट:-किसी भी औषधि के प्रयोग से पहले अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर करें।)

आयुर्वेद की अधिक जानकारी के लिए:-
https://youtu.be/o67_IoIQFtU