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बुधवार, 16 मार्च 2022

यकृतशोथ [Hepatitis]|कारण|लक्षण|उपाय।in hindi.

 #घरेलूउपाय #लीवरकीसुजन #आयुर्वेदिकउपाय 

#यकृतशोथ [Hepatitis]|कारण|लक्षण|उपाय।in hindi.



#Hepatitis लीवर बढ़ना क्या है?In hindi.

By- Dr.Virender Madhan.


लीवर का सामान्य से ज़्यादा बड़ा आकार हो जाना लीवर बढ़ने की समस्या है। 

- लीवर बढ़ना कोई बीमारी नहीं है। परन्तु ये किसी होने वाली बीमारी का कारण हो सकता है जैसे, लीवर खराब होना,

 लिवर कैंसर या

 कंजेस्टिव हार्ट फेल होना (congestive heart failure​: हृदय का ढंग से शरीर में खून न भेज पाना जिससे सांस लेने में परेशानी, थकान, टांगों में दर्द आदि हो सकता है)। 

*लिवर बढ़ने [ यकृतशोथ]के लक्षण - Enlarged Liver Symptoms in Hindi


#लिवर बढ़ने के लक्षण क्या हैं?


अगर आपका लिवर किसी अन्य लिवर की बीमारी के कारण बढ़ रहा है तो उससे निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं :


- पेट में दर्द 

- थकान 

- उलटी आना 

-.त्वचा और आँखों के सफ़ेद हिस्से का पीला पड़ना (पीलिया होना)


* लीवर बढ़ने के कारण और जोखिम कारक - Enlarged Liver Causes and risk factors in Hindi

[लीवर बढ़ने के कारण क्या हैं?]


लीवर एक बड़े के आकार का अंग है। ये हमारे शरीर में पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में होता है। लिवर का आकार आपकी उम्र, लिंग और शरीर के आकार पर निर्भर करता है। ये निम्नलिखित वजहों से बढ़ सकता है :

लीवर की बीमारियां :


1-सिरोसिस 

वायरस के कारण हेपेटाइटिस होना - हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी - या फिर ये संक्रमित मोनोन्यूक्लिओसिस (mononucleosis) के कारण भी हो सकता है।  

फैटी लिवर की बीमारी होना 

- लीवर में असामान्य रूप से अधिक मात्रा में प्रोटीन एकत्रित होना (अमीलॉइडोसिस)

- लीवर में अधिक मात्रा में कॉपर इकठ्ठा होना (विलसन्स डिसीज)

 - लीवर में अधिक मात्रा में आयरन इकठ्ठा होना (हेमाक्रोमैटोसिस)

-लिवर में वसा इकठ्ठा होना (गोचरस डिसीज)

- लिवर में तरल पदार्थ से भरे खाने होना (लिवर सिस्ट)

- लिवर ट्यूमर जिससे कैंसर होने का जोखिम ना हो

- पित्त की थैली या बाईल डक्ट में रूकावट होना ।

-टॉक्सिक हेपेटाइटिस (Toxic hepatitis)


2. कैंसर :

कैंसर जो किसी अन्य अंग में शुरू हो कर लीवर तक फैल जाए 

ल्युकेमिया 

लीवर कैंसर 

लिंफोमा 


3. हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोग :


* लिवर बढ़ने के क्या कारण होते हैं?


- अगर आपको लीवर की बीमारी है तो आपका लिवर आकार में बढ़ सकता है। 


 - बहुत ज़्यादा शराब पीना -

अत्यधिक शराब पीने से आपके लिवर को हानि पहुँच सकती है। 

- संक्रमण -

वायरस, बैक्टीरिया या अन्य जीवाणुों के कारण होने वाली बिमारियों से आपके लिवर को हानि पहुँच सकती है। 


- हेपेटाइटिस वायरस -

हेपेटाइटिस ए, बी या सी से लिवर खराब हो सकता है। 

ढंग से खाना न खाना -

ज़्यादा वजन होने से आपको लिवर की बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है,

-  पौष्टिक खाना न खाने से और ज़्यादा वसा या चीनी वाला खाना खाने से भी आपको लिवर की बीमारी होने का खतरा है। 


- लीवर बढ़ने से बचाव उपाय। 

#लीवर बढ़ने से कैसे बचें?


-परहेज:-

-----------

- कोई भी दवाई, विटामिन या शरीर में कमी की पूर्ति करने वाली दवाइयां लेते समय ध्यान रखें - आपको जितनी दवाई लेने के लिए कहा गया है उतनी ही लें। 

 - केमिकल से दूर रहें - सफाई करने वाले स्प्रे, कीटनाशक और अन्य केमिकल का इस्तेमाल हवादार इलाकों में करें। केमिकल का इस्तेमाल करते समय पूरी बाजू के कपड़े, दस्ताने और मास्क पहने। 

 

 -जिन खाद्य पदार्थों में ज़्यादा चीनी या वसा होती है उन्हें ना खाएं। 

-चिकनाई वाले पदार्थ न लें ।

-गरिष्ठ भोजन, मांस, मछली, अण्डा न लें .

-शराब छोड दें.

 -धूम्रपान न करें - 

 -कुछ दवाइयां आपके लिवर को हानि पहुंचाती हैं।


* जीवनशैली

--------------

-सवेरे उठकर घूमने की आदत डालें।

-शराब पीना छोड़ दें

- स्वास्थ्य आहार खाएं 

-नियमित रूप से एक्सरसाइज करें 

-अगर आपका वजन ज्यादा है तो वजन कम करें .

- भुख लगने ही खाये

-अत्यधिक मात्रा में भोजन न करें.

-जल्दी सोना व जल्दी उठने की आदत बनाए.


#Ayurvedic treatment of Hepatitis#

*यकृतशोथ का आयुर्वेदिक चिकित्सा*

-मुकोलिव सीरप की 2-2 चम्मच दिन में 2-3 बार देने से लीवर के रोग शीध्र शांत हो जाते है।

-त्रिफला कषाय -रात्रि मे त्रिफला पानी मे डालकर छोड़ दें सवेरे छानकर पीलायें.

-भूमिआमला का 2-2 चम्मच रस सवेरे शाम पीलायें.

-ऊटनी का दूध मे यवक्षार मिलाकर पीने से यकृतशोथ मे आराम मिलता है।

-पीपल चूर्ण 5 ग्राम प्रतिदिन देने से लीवर के रोग ठीक होते है.

 शास्त्रीय योग:-


- रोहितकारिष्ट

Rohitakarishta

-पुनर्नवारिष्ट

Punarnavarishtha  

- द्राक्षादि लेह

Drakshadi Leha

-Sri Sri Tattva Sudarshan Vati Tablet

- कासीसभस्म

Kasis Bhasma

-पुनर्वादिमण्डूर

Punarnavadi Mandoor

-आरोग्यबर्ध्दिनी बटी

 Arogyavardhini Bati  


< अपनी चिकित्सा खुद न करें किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।>


~ क्या यह लेख आपके लिए उपयोगी है कृपा कोमेंट मे बताये।

धन्यवाद!

 


 


 





मंगलवार, 15 मार्च 2022

विरोधी आहार| विरूद्ध आहार।Incompatible Foods.in hindi.


 #Health tips

#विरोधी आहार| विरूद्ध आहार।Incompatible Foods.in hindi.

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By:- #Dr_Virender_Madhan.

बिषय:-

# विरुद्ध आहार क्या है

# विरुद्ध आहार कौन-कौन से हैं

# एक साथ क्या नहीं खाना चाहिए।

# विरुद्ध आहार से हानि।


</> विरूद्ध आहार क्या है (What is Incompatible Foods) :

जबकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो अकेले तो बहुत गुणकारी और स्वास्थ्य-वर्धक होते हैं, लेकिन जब इन्हीं पदार्थों को किसी अन्य खाद्य-पदार्थ के साथ लिया जाए तो ये फायदे की बजाय सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं। ये ही विरुद्धाहार कहलाते हैं।इन्हें एक साथ कभी ना खाएं 

विरुद्ध आहार’ के नियमों के अनुसार, कुछ चीज़ों का सेवन एकसाथ कभी नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इन चीज़ों को बार-बार एकसाथ खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं। कभी कभी मृत्यु भी हो सकती है।


#विरूद्ध आहार करने से क्या होता है?

विरूद्ध आहार करने से होने वाले रोग

नपुंसकता, अन्धापन, विसर्प, जलोदर, विस्फोट, उन्माद, भगन्दर, मूर्च्छा, मद नशा, आध्यान ,गले के रोग, पान्डुरोग , अलसक, विसूचिका, श्वेत कुष्ठ, ग्रहणी रोग ,रक्तपित्त, ज्वर, प्रतिश्याय, गर्भपात, मृत्यु ये सब ऋषि वांड्भट् जी ने अपने शास्त्रो मे बताई है।


» मुख्य विरुद्ध भोजन कौन कौन से है?

--खट्टाई ,करेला के साथ दूध।

--कुलथी, कंगनी, मठर, बैंगन, तुरई , दही,मोंठ के साथ दूध नही ले।

-दही के साथ दूध, पनीर, खीर, और खारा विरुद्ध है।

- मछली और दूध:

 यह बात सब जानते हैं कि सी-फूड और दूध एकसाथ नहीं खाना चाहिए। 

--खट्टे फल, मांस, उडद,मधू, दूध, अंकुरित धान्य आपस मे विरुद्ध है

- गर्म दूध के साथ शहद,नही लेते है।

--मूली,गुड विरुद्ध है।

--खीर,खोया, मलाई के साथ 

खिचडी न ले,न ही शराब ले।

- अंकुरित धान्यों के सार पका भोजन न ले।

--तैल,या तली चीज के साथ जल न ले।

-चाय और लहसुन: 

कूमारिन चाय में मिलने वाले एंटीकोएग्युलेंट (anticoagulants) हैं, जिनकी अधिक मात्रा से ब्लीडिंग का ख़तरा बढ़ जाता है। लहसुन में एंटीकोएग्युलेंट भी होते हैं, इसलिए 2 चीज़ों का साथ ख़तरनाक साबित हो सकता है। 

- अनार और चकोतरा का रस: 

ये दोनों फल आंतों के कुछ एंजाइम्स सिस्टम को ब्लॉक कर सकते हैं, जिसकी वजह से आपके रक्त में कुछ दवाओं की मात्रा बढ़ सकती है। अगर इन दोनों के जूस को मिलाकर या कॉकटेल के तौर पर पिया जाए, तो यह ख़तरनाक साबित हो सकता है। 

- कच्चे टमाटर, आलू और अल्कोहल: 

टमाटर और आलू खतरनाक नाइटशेड परिवार की सब्ज़ियां हैं, जिनमें सॉलनिन नाम का एक ग्लाइकोलकोलॉयड (glycoalkaloid) विष काफी अधिक होता है। यह केमिकल शराब के साथ मिलकर नशे या बेहोशी की स्थिति बनाता है

- दूध और नमक: 

क्या आपने कभी सोचा है कि हमेशा दूध में चीनी मिलायी जाती है,नमक क्यों नहीं? दरअसल आयुर्वेद के अनुसार नमक और दूध पारस्परिक रूप से असंगत हैं। 

- दूध के साथ फलों का मिल्कशेक पीना कई लोगों को पसंद आता है। लेकिन, पके हुए आम जैसे कुछ चुनिंदा फलों के अलावा किसी अन्य फल के साथ दूध का सेवन वर्जित माना जाता है। इससे पेट की समस्याएं हो सकती हैं। 

- शहद और घी- 

आयुर्वेद में कहा गया है कि घी (Ghee) और शहद (Honey) का समान मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।  

आयुर्वेद अनुसार इनको असमान मात्रा में लेना चाहिए ।


विरुध्द फल और सब्जियां

-संतरे के साथ गाजर नही ,

- अमरूद के साथ केला नही,

-पपीता और नींबू साथ नही,

अनार और खुबानी साथ नही खानी चाहिए।

-आम के साथ खीरा नही,


» बेमेल यानि विरूद्ध भोजन

*खाने के साथ साथ फल न खायें।

*खाने के साथ साथ पानी या जूस न पीयें।

* भोजन के बीच कोल्डड्रिंक न पीयें।

*कोल्डड्रिंक क बाल मिंट च्युंइगम या मिंट वाली चीचों का प्रयोग न करें अन्यथा मृत्यु हो सकती है क्योंकि इससे साइनाइड बनता है।(किसी विशेषज्ञ से सलाह जरुर ले यह लेख केवल जानकारी के लिए है )

विशेष जानकारी के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से भी सलाह ले।

लेख आपके लिए उपयोगी है या नही कोमेंट मे जरूर बतायें।

धन्यवाद!




#पेट की गैस|कारण|उपाय।आयुर्वेदिक चिकित्सा in hindi.

 #पेट की गैस|कारण|उपाय।आयुर्वेदिक चिकित्सा in hindi.



By:- Dr.VirenderMadhan.

पेट की गैस

आजकल आहार और जीवनशैली  खराब होने के कारण पेट की गैस की समस्या होना आम बात हो गई है। 

* गैस की बीमारी  कोई स्वतंत्र रोग न होकर पाचनतंत्र की कमजोरी से उत्पन्न होने वाली एक लक्षण मात्र है।पाचनतंत्र मे विकार या विकृत पाचकरस के कारण पेट मे गैस बन जाती है।

पेट मे गैस बनने से पेट या आँतों की गैस भर कर फूलने लगता है। 

#गैस बनने के लक्षण क्या है?

पेट मे दर्द होना।

एसिडिटी होना।

सिरशूल होना।

पेट का फूलना।

वोमिटिगं टैंडंसी (उल्टी जैसा होना।

आलस्य मे रहना।

डकारें आना।

हृदय की धडकन बढ जाना।

भोजन के बाद पेट भारी होना 

बार बार मुहं मे पानी आना आदि गैस बनने के लक्षण होते हैं।

< अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-

https://youtu.be/ZPVyzcf8N98

#गैस बनने के कारण क्या क्या है?

-अत्यधिक भोजन करना।गरिष्ठ भोजन करने से।

-बैक्टीरिया का पेट में ज्यादा उत्पादन होना।आंतों में सुजन होने के कारण।

-भोजन करते समय बातें करना और भोजन को ठीक तरह से चबाकर न खाना।

- पेट में अम्ल का निर्माण होना।

- किसी-किसी दूध के सेवन से भी गैस की समस्या हो सकती है।

- अधिक शराब पीना

- मानसिक चिंता या स्ट्रेस

एसिडिटी, बदहजमी, विषाक्त खाना खाने से,  

-सुबह नाश्ता न करना या लम्बे समय तक खाली पेट रहना।

- जंक फूड या तली-भुनी चीजें खाना।

- बासी भोजन करना।

- अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल न करना।

- बीन्स, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल का अधिक सेवन करना।

- कुछ खाद्य पदार्थों से कुछ लोगों को गैस बन जाता है जबकि कुछ लोगों को उससे कोई गैस नहीं बनता है जैसे; सेम, गोभी, प्याज, नाशपाती, सेब, आडू, दूध और दूध उत्पादों से अधिकांश लोगों को गैस बनती है।

- खाद्य पदार्थ जिनमें वसा या प्रोटीन के बजाय कार्बोहाइड्रेट का प्रतिशत ज्यादा होता है, के खाने से ज्यादा गैस बनती है।

- उम्र बढ़ती है, कुछ एंजाइमों का उत्पादन कम होने लगता है अधिक गैस भी बनने लगती है।

 - निठल्ला रहने से भी गैस का कारण बनता है।


#गैस बनने पर जीवनशैली -

 इसको रोकने के लिए अपने आहार योजना और जीवन शैली में बदलाव लाना चाहिए।

-  उदरवायु वात दोष के कारण होने वाली समस्या है अत वातशामक आहार एवं उचित जीवनशैली के द्वारा गैस की समस्या से राहत मिलती है।

- सुबह उठकर प्राणायाम एवं योगासन करें।

-भोजन को चबा-चबा कर खाएं, जल्दी-जल्दी भोजन न खाएं।

- पवनमुक्तासन, वज्रासन तथा उष्ट्रासन करें।

- वज्रासन, खाने के बाद करने से गैस होने से रोका जा सकता है। इसको करने के लिए घुटने मोड़कर बैठ जाएं। दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें। गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन शक्ति बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।

वज्रासन करने से पेट में गैस नहीं बनती। योग की अग्निसार क्रिया से आँतों की ताकत बढ़कर पाचन में सुधार होता है।

#गैस रोगी क्या खायें क्या न खायें?

० तले भोजन न खायें।

० सोडा और प्रीजरवेटिव युक्त जूस न पिएं।

० पानी अधिक पिएं।

० जंक फूड, बासी भोजन तथा दूषित पानी से जितना हो सके बचें।

०भोजन करने से पहले और बाद मे 1धण्टे तक पानी न पीयें।

०कोल्डड्रिंक न पीयें।

०वातबर्द्धक आहार जैसे मठर चना, गोभी आदि न लें।

०मैदे से बनी हुई चीचों को न खायें।

०साप्ताहिक व्रत भी करे।

०समय पर ही भोजन करें।

#गैस की आयुर्वेदिक दवा।

*हिंग्वाष्टक चूर्ण

*शिवाक्षार पाचन चूर्ण

*लवणभास्कर चूर्ण

स्वादिष्ट पाचन चूर्ण

मुकोलिव सिरप

मुकोजाईम सिरप

मुकोलिव टेब 

एलासिड टेब

#गैस के लिए घरेलू उपाय।

-सौठ और हरड को सम मात्रा में लेकर चूर्ण बनालें उसमे से 1-1 चम्मच सवेरे साय पानी से लें।

-भोजन के एक घण्टे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानों को 1/2 चम्मच लेकर चूर्ण बना कर 1/2 से 1चम्मच पानी के साथ मिला कर पिएं।

-करेले का रस या करेले की सब्जी खाने से गैस मे राहत मिलती है।

-1/2 चम्मच सूखा अदरक पाउडर लें और उसमें एक चुटकी हींग और सेंधा नमक मिला कर एक कफ गरम पानी में डाल कर पीएं। 

- एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।

- हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खाना चाहिए।

- अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें।

 बड़ों के लिए 2 से 6 ग्राम, खाने के तुरन्त बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।

- अदरक 

अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हल्का होगा और भूख खुलकर लगेगी। 

- भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर  काला नमक डालकर खायें ।

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-

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सोमवार, 14 मार्च 2022

रूसी|दारूणक|Dandruff का आयुर्वेदिक इलाज in hindi.

 रूसी|दारूणक|Dandruff का आयुर्वेदिक इलाज in hindi.

#Dr_Virender_Madhan.



Dandruff | रूसी |दारूणक।

Dandruff Cure:लोग रूसी से छुटकारा पाने के लिए कई तरह के शैम्पू का इस्तेमाल करते है, फिर भी डैंड्रफ जाने का नाम नहीं लेता। तो आयुर्वेदिक चीजों के इस्तेमाल करें।

#क्यों होती है डैंड्रफ की समस्या ?

सिर में तेल के रहने से बालों में गंदगी जमा हो जाती है और पपडी सी बन जाती है ।ये गंदगी ही डेंड्रफ को बुलावा देती है. इस गंदगी की वजह से बाल भी टूटने लगते हैं. इतना ही नहीं सही खानपान न होने के कारण भी बाल ऑयली हो जाते हैं, जिसके कारण सिर में रूसी की समस्या हो जाती है

रूसी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे शुष्क त्वचा, अक्सर पर्याप्त सफाई नही रखना, शैंपू का ज़्यादातर उपयोग, सोरायसिस, एक्जिमा, बालों की देखभाल के उत्पादों के प्रति संवेदनशीलता, या एक खमीर की तरह कवक, सूखी त्वचा रूसी का सबसे आम कारण है।

 ग्रंथियों के अधिक सक्रिय होने से डैंड्रफ होता है. युवाओं में अधिक मात्रा में हॉर्मोन्स रिलीज होने से भी डैंड्रफ हो सकती है

गंजापन की जानकारी के लिए क्लिक करें-

https://youtu.be/c8fztYUNu5w

  #डैंड्रफ हटाने का घरेलू इलाज।

 आयुर्वेदिक चीजों के इस्तेमाल से रूसी भी दूर होगी (Ayurvedic Treatment of Dandruff) और बालों को कोई नुकसान भी नहीं होगा।  

#रूसी काआयुर्वेदिक उपाय?

* रीठा

रीठा का इस्तेमाल से बालों को जड़ से पोषण और मजबूती मिलती है। रीठा को शिकाकाई के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से अधिक फायदा करता है। 

रूसी यानी डैंड्रफ {रूसी } के लिए घरेलू उपाय-

 रीठा से तैयार पेस्ट बालों में लगाएं। इसके लिए रात भर पानी में रीठा को भिगाकर रख दें। सुबह उबाल कर पेस्ट बना लें। आप इसमें आंवला जूस भी मिला सकते हैं। इस पेस्ट को सिर पर लगाकर एक घंटा के लिए छोड़ दें। फिर किसी अच्छी क्वालिटी वाले शैंपू से बालों को साफ कर लें।  

* मेथी

मेथी से भी रूसी के साथ ही बालों का टूटना-गिरना भी कम किया जा सकता है। मेथी में एंटीफंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं ।

- रातभर मेथी को पानी में डालकर छोड़ दें। सुबह पेस्ट बनाकर इसमें ऐप्पल साइडर वेनेगर डाल दें। इसे सिर पर लगाएं और आधे घंटे के बाद बालों को शैंपू से साफ कर लें।  

* ऐलोवेरा जेल

ऐलोवेरा में भी एंटीफंगल तत्व मौजूद होते हैं, जो खुजली, दाने, रूसी आदि को कम करते हैं। 

* नीम

नीम से बना हेयरपैक लगाने से भी रूसी की समस्या कम होती है। इसके लिए ¼ कप नीम का जूस, चुकंदर का जूस और नारियल का दूध लें। तीनों को मिला लें। इसमें एक चम्मच नारियल तेल भी डाल दें। इस पैक को सिर पर लगाकर लगभग 30 मिनट तक रखें, उसके बाद बालों को धो लें।

शैंपू

 - हफ्ते में दो या तीन बार हर्बल शैंपू से बालों को धोना चाहिए और अच्छी तरह कण्डीशनिंग करनी चाहिए.

- बालों की जड़ो में लगाएं सरसों तेल।

- रात को बालों की जड़ो में सरसों की तेल से मालिश करनी चाहिए. 

विटामिन ई

- विटामिन ई ऑयल और गुलाब जल बालों की जड़ों में लगाने से समस्या दूर हो सकती है. 

जैतून का तैल

- जैतून के तेल में अदरक के रस की कुछ बूंदे मिलाकर इसे बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे के लिए छोड़ दें और फिर शैंपू से धो दें।

अंडे

- अंडे के पीले भाग को खट्टे दही को मिला कर बालों में कम से कम आधे घंटे तक लगाने से डैंड्रफ दूर किया जा सकता है।

नींबू

- नीबू का रस और काली मिर्च पाउडर मिलकर बालों की जड़ों में लगाना काफी फायदेमंद है. 

नारियल तेल

- नारियल के तेल में कपूर मिलाकर लगाने से भी डैंड्रफ दूर होता है.

#रुसी की आयुर्वेदिक शास्त्रीय चिकित्सा।

त्रिफलादि तैल:- 

इस तैल की मालिस करने से अरूंसिका,दारुणक (रुसी) सिर की फुंसियां ,पीला पीला चिपचिपा पूय ठीक हो जाता है।

निलिकादि तैल:- 

अकालपलित ,दारुणक(रुसी) की चिकित्सा के लिए इस तैल की मालिस करनी चाहिए।

भृंगराज तैल:- 

यह आयुर्वेद की सुप्रसिद्ध औषधी है।यह बालों और सिर की त्वचा के अनेक रोगो मे उपयोगी है।

गंजापन की जानकारी के लिये यहां क्लिक करें-

https://youtu.be/c8fztYUNu5w

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रविवार, 13 मार्च 2022

Health |हेल्थ |Fitness|निरोगता।in hindi.

 #Health |हेल्थ |Fitness|निरोगता।in hindi.



Dr.VirenderMadhan.

> Health Meaning in Hindi - हेल्थ का मतलब हिंदी में।

 [संज्ञा पुल्लिंग] स्वास्थ्य ; सेहत ; तंदुरुस्ती।

#फिटनेस क्या है ?

नीरोग या स्वस्थ होने की अवस्था । निरोगता । आरोग्य । तंदुरुस्ती ।

शारीरिक फिटनेस को काम और अवकाश की गतिविधियों के समय दक्षतापूर्वक और प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए ‘शरीर की क्षमता’ के माप के रूप में माना जाता है।

#शारीरिक फिटनेस के प्रकार (पहचान)

- चपलता या फुर्ती

- संतुलन

- ऊर्जा

- गति

- प्रतिक्रिया समय

#शारीरिक फिटनेस के घटक क्या है?

- स्वास्थ्य से संबंधित शारीरिक फिटनेस घटक में :-

* कार्डियोरेस्परेटरी सहनशक्ति, * शारीरिक संरचना, 

* मांसपेशी क्षमता, 

* मांसपेशी सहनशक्ति और  

* लचीलापन है। 

#आयुर्वेद के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा

जिन कारकों के आधार पर व्यक्ति को स्वस्थ कहा जाता है, वे हैं।

 - दोषों का संतुलन (3 प्रमुख शारीरिक कारक), 

- अग्नि (चयापचय स्वास्थ्य),

 - धातु (ऊतक स्वास्थ्य), 

- मल (उत्सर्जक कार्य), 

* साथ ही साथ एक खुशहाल (सुख) अवस्था जिसमे आत्मा, इंद्रिया (इंद्रिय अंग) और मानस (मन) का संतुलन हो।

* आहार, विहार और निद्रा - स्वास्थ्य, आरोग्यता, और सुखी जीवन का आधार है।

उचित मात्रा में आहार एवं निद्रा का सेवन उत्तम एवं स्वास्थ्य प्रद होता है, अधिक मात्रा में आहार तथा निद्रा का सेवन स्थूलताकारक होता है और अल्पमात्रा में इनका सेवन कृशता का कारण देखा गया है क्योंकि शरीर को धारण करने के लिए जो तीन उपस्तम्भ कहे गये है। उनमें आहार, निद्रा और स्वप्न का प्रमुख स्थान है।

#आयुर्वेदिक हेल्थ टिप्स -

- अंग्रेजी में एक कहावत है 

‘हेल्थ इज वेल्थ’

 अर्थात सेहत ही पूंजी है,

- काम की व्यस्तता के कारण तनाव और कई तरह की शारीरिक परेशानियों से लोग घिरे रहते हैं। ऐसे में लोग स्वास्‍थ्य को ही नजरअंदाज करते हैं। नतीजा, सब कुछ पाकर भी लोग खुश नहीं हैं। रहन-सहन, खानपान और साफ-सफाई के तौर-तरीकों पर ध्यान देकर तंदुरुस्ती और फिटनेस को अपनी जिंदगी में शामिल कर सकते हैं।

- बेहतर सेहत, स्वच्छता और फिटनेस हमें बीमारियों से दूर रखते हैं। हेल्दी लाइफ जीना चाहते हैं, तो शारीरिक रूप से स्वस्‍थ रहने के लिए सक्रिय रहना जरूरी है। मेहनत करते हुए शरीर का ध्यान रखना ही अपने आप में योग है। 


{उत्तम जीवनशैली हेल्दी फिटनेस के लिए उत्तम पथ है।}

इसलिए अपनी जीवनशैली को सरल बनाएं, साथ ही मानसिक तौर पर भी आप स्वस्‍थ रहेंगे।

 - संयमित खानपान लें।

  - पर्याप्त नींद लें। 

- यदि प्रतिदिन नियमित रूप से कुछ मिनट दौड़ते हैं, उनमें हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों के होने का खतरा कम रहता है। 

- स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ रोगमुक्त होना नहीं है, बल्कि पूरी तरह से फिट होना भी है। फिट रहने के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है। संतुलित आहार यानी आपके खानपान में सुपाच्य सब्जी, दालें, दूध, दही उचित मात्रा में शामिल हों।   - सूर्योदय के समय उठें। 

- योग करें। प्रतिदिन 10 से 20 मिनट प्रणायाम करें।

- काम के साथ-साथ शरीर को आराम भी देना भी जरूरी है। 

*स्वच्छता से मिले सेहत।

- स्वच्छता अपनाने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है। हैजा, पेचिश, टायफॉइड जैसी बीमारियां हाइजीन का ख्याल नहीं रखने के कारण होती हैं,

 - बाल और नाखूनों की सफाई करें। अपने शरीर की और घर की साफ-सफाई रखकर स्वस्‍थ रह सकते हैं।

*जल्दी उठे जल्दी सो जाये।

* ऋतुकाल, आयु, स्थान, बल के अनुसार ही कार्य ,आहार, विहार ,और निद्रा सेवन करें।


लेख कैसा लगा कोमेंट मे जरुर लिखें।

धन्यवाद !

शनिवार, 12 मार्च 2022

Kidney pain |गुर्दे का दर्द in hindi.

 {#Health_care #kidney_diseased #गुर्दों_का_आयुर्वेदिक_इलाज}

{Kidney pain |गुर्दे का दर्द}

#गुर्दे का दर्द कहाँ होता है?

Dr.VirenderMadhan.

वृक्क या गुर्दे का जोड़ा एक मानव अंग हैं, जिनका प्रधान कार्य मूत्र उत्पादन (रक्त शोधन कर) करना है। ये मूत्र-प्रणाली के अंग हैं। 

> गुर्दे का दर्द-

पेल्विक एरिया में दर्द

यानी आपकी नाभि के नीचे  -किडनी इंफेक्शन होने की स्थिति में व्यक्ति को पेल्विक एरिया में दर्द हो सकता है। यह दर्द हल्का भी हो सकता है तेज भी।

- पथरी होने की दशा में गुर्दे के आसपास कमर में पीछे की तरह दर्द होता है। इस दर्द की तीव्रता हल्की से बहुत गंभीर हो सकती है। 

- मितली या उल्टी हो सकती है।

- पेशाब नली में गंभीर संक्रमण होने पर भी गुर्दे में दर्द की शिकायत हो सकती है।


#Kidney Failure: किडनी खराब होने के पूर्वरुप,5शुरुआती लक्षण?

- काम करना मुश्किल हो जाता है ।

- ​भूख में कमी आना शरीर में विषाक्त पदार्थों और वेस्ट का संचय भी आपकी भूख को कम कर सकता है, जिससे वजन घटने लगता है। 

- ​टखने और पैरों में सूजन हो सकती है

- ​त्वचा में सूखापन और खुजली होने लगती है।

-​कमजोरी और थकान महसूस होना ।

- ​बार-बार पेशाब आना।

#किडनी खराब होने पर लक्षण?

-  बगल में एक तरफ दर्द

आपके पीठ के निचले हिस्से में और जननांगों के आस-पास दर्द और असुविधा होती है।

-कंपकंपी,ठंड लगना

- बहुत कमजोर या थका हुआ महसूस करना

-भूख में कमी

- मचली महसूस करना

#गुर्दे में दर्द होने का क्या कारण है?

इसका कारण यह होता है कि लाल रक्त कणों के निर्माण के चलते गुर्दे ठीक तरह से काम नहीं कर पाते। किसी भी कारण से गुर्दे में चोट लगने पर किडनी टिश्यू में खून रिसने लगता है। खून आने से गुर्दे के अंदरूनी हिस्सों पर दबाव बढ़ जाता है और हाइपरटेंशन भी हो सकता है। इसके अलावा कमर के आसपास के हिस्से में तेज दर्द भी हो सकता है।

मुख्य कारण:-

1. चोट के कारण : 

2. पथरी के कारण : 

3. सूजन के कारण : 

4. मूत्र पथ संक्रमण के कारण : 

5. थक्के जमने के कारण :  

6. किडनी से खून बहने से :  

अधिक जानकारी के लिए:-

https://youtu.be/o67_IoIQFtU

#किडनी में दर्द का इलाज-(Kidney Pain Treatment In Hindi)

1. त्रिफला के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

- त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए। आप त्रिफला चूर्ण को एक बड़ी चम्मच की मात्रा में रात के समय सोने से पहले हल्के गर्म पानी के साथ लें। 

2. अंगूर की बेल के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

-  आप थोड़ी सी अंगूर के बेल के पत्ते लेकर उन्हें पीस लें और छान लें। अब इसमें थोडा सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें इससे आपकी किडनी में दर्द की समस्या ठीक हो जाएगी।

3. तुलसी के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

- तुलसी की पत्तियां, अजवाइन को समान मात्रा में लें और सेंधा नमक अजवाइन की आधी मात्रा में लेकर इन सभी को छाया में सुखा लें।

अब इन सभी को पीसकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण का सेवन दिन में दो बार करें। 

4. खीरे के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

- खीरे का नियमित रूप से सेवन करने के लिए दे सकते हैं क्योंकि खीरा में लीवर और किडनी को ठीक रखने के गुण पाए जाते हैं।

5. तरबूज के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

-तरबूज का सेवन कर सकते हैं। आप तरबूज और आलू का रस मिला लें और इसका सेवन दिन में दो बार करें इससे आपकी किडनी की समस्या भी ठीक हो जाएगी।

6. लौकी के सेवन से किडनी के दर्द का इलाज :

 आप लौकी का सेवन कर सकते हैं क्योंकि लौकी में पोटैशियम श्रेष्ठ मात्रा में पाया जाता है जो किडनी के दर्द में बहुत फायदेमंद होता है और पेशाब के खुलकर आने में भी मदद करता है।


#किडनी में दर्द पर क्या खाएं-(Eat In Kidney Pain In Hindi) :

जिन्हें किडनी में दर्द की समस्या हो जाती है उन्हें त्रिफला, पुनर्नवा, अंगूर की बेल, सेंधा नमक, तुलसी, अजवाइन, जौ, करेला, परवल, नारियल पानी, लौकी, खीरा, तरबूज, आंवला, गन्ने का रस, जामुन, तरबूज आदि का सेवन करना चाहिए।

#किडनी में दर्द पर क्या न खाएं-(Do Not Eat In Kidney Pain In Hindi)

- नमक, मांस, मछली, अंडा, तंबाकू, बीडी-सिगरेट, शराब, दही, टमाटर, नींबू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

धन्यवाद!


 


शुक्रवार, 11 मार्च 2022

आप ब्रकफास्ट नही करते तो...क्या होगा?Dr.Virender Madham.in hindi.






 #Health care #lifestyle #Ayurvedictreatment #घरेलू_उपाय

#ब्रेकफास्ट in hindi.

#Dr_Virender_Madhan.



ब्रेकफास्ट को हिंदी में 'सुबह का जलपान' और 'सुबह का नाश्ता' कहते हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में इसे 'कलेवा' भी कहा जाता है।

#ब्रेकफास्ट क्यों जरूरी है?

* रातभर से खाली पेट रहने के कारण Breakfast दिनभर का सबसे जरूरी आहार है। यह आपको दिनभर energy और शक्ति देता है। Breakfast body के लिए fuel की तरह काम करता है। Body के लिए जरूरी energy और nutrition का लगभग 25 प्रतिशत भाग केवल breakfast से ही मिलता है।

- दिन का सबसे जरूरी भोजन

यह मेटाबॉलिज्म को काम शुरू करने में मदद करता है और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है जिससे आप दिनभर कैलोरी बर्न करते हैं। डिनर और ब्रेकफास्ट में बहुत अधिक अंतर हो जाता है जिससे बॉडी को एनर्जी के लिए फ्यूल की जरूरत होती है जो ब्रेकफास्ट से मिलता है। सुबह का नाश्ता आपको दिन भर ऊर्जा देता रहता है

#सबसे अच्छा नाश्ता कौन सा है?

दलिया 

दलिया एक हल्का व स्वस्थ पकवान है जो इसे सबसे बेहतर नाश्ता बनाता है। ... 

मूंग दाल का चीला

 मूंग दाल को सभी हेल्दी दालों में से एक माना जाता है। ... 

- ढोकला 

-मिक्स वेज पराठा 

- इडली सांभर 

- उपमा

-अंडा 

- बादाम - सुबह खाली पेट भिगाए हुए बादाम लेना चाहिए, इसके पोषक तत्व शरीर को मजबूत करने में सहायक होती है

#खाली पेट क्या क्या नही खायें?

- सुबह खाली पेट में ज्यादा मसालेदार नाश्ता नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह पेट में जलन के साथ ही पेट में दर्द, ऐंठन भी पैदा करती है 

- खाली पेट कभी भी खट्टे फल का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह एसिड बनाता है ।

- खाली पेट कच्ची सब्जी लेने से बचना चाहिए, क्योंकि कच्ची सब्जी मे फाइबर ज्यादा होता है, यह पेट दर्द एवं ऐंठन का कारण बनता है। 

- सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने लगते हैं, जो गैस का कारण बनता है, इसलिए कुछ खाने के बाद ही चाय या कॉफी लेनी चाहिए। 

- सुबह खाली पेट में कभी भी ठंडी ड्रिंक्स नहीं पीना चाहिए। 

- खाली पेट कभी भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सीधे आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

#सुबह खाली पेट कौनसे फल खाएं?

फल:-

- पपीता, तरबूज, बादाम, कीवी खाएं

 कीवी आपके लिए एक सुपर फूड है। इसमें फाइबर होता है और यह आपकी स्किन के लिए भी बहुत अच्छा होता है।

- सेब खाएं,

सेब फाइबर का भी बहुत अच्छा स्रोत होती है। सेब का छिलका आपको कैंसर से बचाने में मदद करता है और आपको हृदय बीमारियों से भी दूर रखता है।

धन्यवाद!