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बुधवार, 16 मार्च 2022

यकृतशोथ [Hepatitis]|कारण|लक्षण|उपाय।in hindi.

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#यकृतशोथ [Hepatitis]|कारण|लक्षण|उपाय।in hindi.



#Hepatitis लीवर बढ़ना क्या है?In hindi.

By- Dr.Virender Madhan.


लीवर का सामान्य से ज़्यादा बड़ा आकार हो जाना लीवर बढ़ने की समस्या है। 

- लीवर बढ़ना कोई बीमारी नहीं है। परन्तु ये किसी होने वाली बीमारी का कारण हो सकता है जैसे, लीवर खराब होना,

 लिवर कैंसर या

 कंजेस्टिव हार्ट फेल होना (congestive heart failure​: हृदय का ढंग से शरीर में खून न भेज पाना जिससे सांस लेने में परेशानी, थकान, टांगों में दर्द आदि हो सकता है)। 

*लिवर बढ़ने [ यकृतशोथ]के लक्षण - Enlarged Liver Symptoms in Hindi


#लिवर बढ़ने के लक्षण क्या हैं?


अगर आपका लिवर किसी अन्य लिवर की बीमारी के कारण बढ़ रहा है तो उससे निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं :


- पेट में दर्द 

- थकान 

- उलटी आना 

-.त्वचा और आँखों के सफ़ेद हिस्से का पीला पड़ना (पीलिया होना)


* लीवर बढ़ने के कारण और जोखिम कारक - Enlarged Liver Causes and risk factors in Hindi

[लीवर बढ़ने के कारण क्या हैं?]


लीवर एक बड़े के आकार का अंग है। ये हमारे शरीर में पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में होता है। लिवर का आकार आपकी उम्र, लिंग और शरीर के आकार पर निर्भर करता है। ये निम्नलिखित वजहों से बढ़ सकता है :

लीवर की बीमारियां :


1-सिरोसिस 

वायरस के कारण हेपेटाइटिस होना - हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी - या फिर ये संक्रमित मोनोन्यूक्लिओसिस (mononucleosis) के कारण भी हो सकता है।  

फैटी लिवर की बीमारी होना 

- लीवर में असामान्य रूप से अधिक मात्रा में प्रोटीन एकत्रित होना (अमीलॉइडोसिस)

- लीवर में अधिक मात्रा में कॉपर इकठ्ठा होना (विलसन्स डिसीज)

 - लीवर में अधिक मात्रा में आयरन इकठ्ठा होना (हेमाक्रोमैटोसिस)

-लिवर में वसा इकठ्ठा होना (गोचरस डिसीज)

- लिवर में तरल पदार्थ से भरे खाने होना (लिवर सिस्ट)

- लिवर ट्यूमर जिससे कैंसर होने का जोखिम ना हो

- पित्त की थैली या बाईल डक्ट में रूकावट होना ।

-टॉक्सिक हेपेटाइटिस (Toxic hepatitis)


2. कैंसर :

कैंसर जो किसी अन्य अंग में शुरू हो कर लीवर तक फैल जाए 

ल्युकेमिया 

लीवर कैंसर 

लिंफोमा 


3. हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोग :


* लिवर बढ़ने के क्या कारण होते हैं?


- अगर आपको लीवर की बीमारी है तो आपका लिवर आकार में बढ़ सकता है। 


 - बहुत ज़्यादा शराब पीना -

अत्यधिक शराब पीने से आपके लिवर को हानि पहुँच सकती है। 

- संक्रमण -

वायरस, बैक्टीरिया या अन्य जीवाणुों के कारण होने वाली बिमारियों से आपके लिवर को हानि पहुँच सकती है। 


- हेपेटाइटिस वायरस -

हेपेटाइटिस ए, बी या सी से लिवर खराब हो सकता है। 

ढंग से खाना न खाना -

ज़्यादा वजन होने से आपको लिवर की बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है,

-  पौष्टिक खाना न खाने से और ज़्यादा वसा या चीनी वाला खाना खाने से भी आपको लिवर की बीमारी होने का खतरा है। 


- लीवर बढ़ने से बचाव उपाय। 

#लीवर बढ़ने से कैसे बचें?


-परहेज:-

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- कोई भी दवाई, विटामिन या शरीर में कमी की पूर्ति करने वाली दवाइयां लेते समय ध्यान रखें - आपको जितनी दवाई लेने के लिए कहा गया है उतनी ही लें। 

 - केमिकल से दूर रहें - सफाई करने वाले स्प्रे, कीटनाशक और अन्य केमिकल का इस्तेमाल हवादार इलाकों में करें। केमिकल का इस्तेमाल करते समय पूरी बाजू के कपड़े, दस्ताने और मास्क पहने। 

 

 -जिन खाद्य पदार्थों में ज़्यादा चीनी या वसा होती है उन्हें ना खाएं। 

-चिकनाई वाले पदार्थ न लें ।

-गरिष्ठ भोजन, मांस, मछली, अण्डा न लें .

-शराब छोड दें.

 -धूम्रपान न करें - 

 -कुछ दवाइयां आपके लिवर को हानि पहुंचाती हैं।


* जीवनशैली

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-सवेरे उठकर घूमने की आदत डालें।

-शराब पीना छोड़ दें

- स्वास्थ्य आहार खाएं 

-नियमित रूप से एक्सरसाइज करें 

-अगर आपका वजन ज्यादा है तो वजन कम करें .

- भुख लगने ही खाये

-अत्यधिक मात्रा में भोजन न करें.

-जल्दी सोना व जल्दी उठने की आदत बनाए.


#Ayurvedic treatment of Hepatitis#

*यकृतशोथ का आयुर्वेदिक चिकित्सा*

-मुकोलिव सीरप की 2-2 चम्मच दिन में 2-3 बार देने से लीवर के रोग शीध्र शांत हो जाते है।

-त्रिफला कषाय -रात्रि मे त्रिफला पानी मे डालकर छोड़ दें सवेरे छानकर पीलायें.

-भूमिआमला का 2-2 चम्मच रस सवेरे शाम पीलायें.

-ऊटनी का दूध मे यवक्षार मिलाकर पीने से यकृतशोथ मे आराम मिलता है।

-पीपल चूर्ण 5 ग्राम प्रतिदिन देने से लीवर के रोग ठीक होते है.

 शास्त्रीय योग:-


- रोहितकारिष्ट

Rohitakarishta

-पुनर्नवारिष्ट

Punarnavarishtha  

- द्राक्षादि लेह

Drakshadi Leha

-Sri Sri Tattva Sudarshan Vati Tablet

- कासीसभस्म

Kasis Bhasma

-पुनर्वादिमण्डूर

Punarnavadi Mandoor

-आरोग्यबर्ध्दिनी बटी

 Arogyavardhini Bati  


< अपनी चिकित्सा खुद न करें किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।>


~ क्या यह लेख आपके लिए उपयोगी है कृपा कोमेंट मे बताये।

धन्यवाद!

 


 


 





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