Health and fitness यह ब्लॉग आयुर्वेदिक ज्ञान , औषधियों और जडी-बूटी की पूरी जानकारी के बारे में है ।
Guru Ayurveda
शनिवार, 30 अप्रैल 2022
अंजीर गर्मी के दिनों में अधिक खायें तो क्या होगा? In hindi.
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022
क्रोध आपका क्या क्या बिगाड़ सकता है?डा०वीरेंद्र मढान.in hindi.
# क्रोध आपका क्या क्या बिगाड़ कर सकता है?
Dr.Virender Madhan.
क्रोध {krodh} | ANGER.
क्रोध या गुस्सा एक भावना है। दैहिक स्तर पर क्रोध करने/होने पर हृदय की गति बढ़ जाती है.श्वास की गति तेज हो जाती है। रक्त चाप बढ़ जाता है। यह भय से पैदा हो सकता है। भय व्यवहार में स्पष्ट रूप से व्यक्त होता है जब व्यक्ति भय के कारण को रोकने की कोशिश करता है।तब क्रोध हो सकता है।
- क्रोध आने का प्रमुख कारण व्यक्तिगत या सामाजिक अवमानना है। उपेक्षित तिरस्कृत समझे जाने वाले लोग अधिक क्रोध करते है। क्योंकि वे क्रोध जैसी नकारात्मक गतिविधी के द्वारा भी समाज को दिखाना चाहते है कि उनका भी अस्तित्व है। क्रोध का ध्येय किसी व्यक्ति विशेष या समाज से प्रेम की अपेक्षा करना भी होता है।
क्रोध कैसे उत्पन्न होता है?
* जब अपमान होता है तब क्रोध आता है, जब नुकसान हो जाता है, तब क्रोध आता है।
* क्रोध आने का कारण होता है जब हमारे अनुकूल परिस्थितिया नही होती जैसा हम चाहते है या क्रोध हम उनके ऊपर करते है जिन्हें हम कमजोर समझते है जिन्हें हम अपने से शक्तिशाली समझते है उन पर हम क्रोध नही करते।
#क्रोध हवा का वह झोंका है,
जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है ।
- अधिक क्रोध के चलते अवसाद, चिंता, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग के साथ ही कई और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है।
#क्रोध से किसे परेशानी होती है?
लेकिन क्रोध को न्यायोचित ठहराना किसी भी हाल में समझदारी नहीं है। क्रोध को एक शक्ति के रूप में मानकर कई लोगों ने उसे हथियार बना लिया है। लेकिन दूसरों के ऊपर उस अस्त्र का इस्तेमाल करने पर वह अस्त्र घूमकर फेंकने वाले पर ही वार करता है। क्रोध करने वाले को स्वयं की बहुत हानि होती है।
उसने जिस नतीजे की कल्पना की थी, वह पूरा नहीं होता, और मामला बिगड़ भी जाता है।
#क्रोध के शारीरिक लक्षण (Physical signs of anger)
- उच्च रक्तचाप ब्लड प्रेशर बढने लगता है ।
- सिरदर्द रहने लगता है।प्यास बढ जाती है।
- अनिद्रा का रोग पैदा हो जाता है।रात भर ठीक से सो नही पाता है।
- त्वचा की स्थिति जैसे एक्जिमा,इरीटेबल बाउल सिंड्रोम जैसे पाचन विकार
- अवसाद होने लगता है।
-चिंता Stress हो जाती है।
#क्रोध के कौन से दुष्परिणाम होते हैं?
- गुस्सा करने से आपके स्वास्थ्य पर अत्यधिक बूरा असर होता है,
- क्रोध आने पर मस्तिष्क में ऐसे रासायनिक तत्व बनते हैं, जिनका शरीर और मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- आंखें लाल हो जाती हैं तथा हार्ट में जलन हो सकती है।और छाती में दर्द बन सकता है।
- ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
- आक्रामक भावनाएं उत्पन्न होती हैं।
- सोच-विचार की शक्ति कमजोर हो जाती है।दैनिक व्यवस्था करने में, तथा लक्ष्य प्राप्ति मे असफल होने लगता है।
- मानसिक तनाव बढ़ जाता है।
#क्रोध पर नियंत्रण के उपाय
10 उपाय जो गुस्से को कंट्रोल करने में कर सकते हैं.
- अपने गुस्से का इजहार करें।हां मुझे गुस्सा आ जाता है।
- गुस्सा पंचिंग बैग पर या किसी सामान पर न निकालें।
- तीन बार गहरी सांसें लें।
गुस्से के कारण को समझें, गुस्सा हर हाल मे हमारा ही नुकसान करेगा यह बात अपने दिमाग मे रखें।
- क्रोध में आपा ना खोएं नही तो बाद मे पछतावा होगा.बडी हानि भी उठानी पड़ सकती है।
- दूसरी जगह टहलने निकल जाएं क्रोध को शांत करें,जितनी देर तक गुस्से में रहोगे आपके शरीर को आपकी जिंदगी को खाता रहेगा।
- जीवन मे कुछ करना है तो आत्मनियंत्रण का हुनर सीखना पडेगा।
- गुस्से के लक्षणों को पहचानें
#एंगर|क्रोध की चिकित्सा?
#क्रोध को कैसे काबू करें,क्रोध या गुस्सा कम कैसे करें?
- जब आप क्रोध महसूस करते हैं तो आप अधिक सांस लेते हैं। सुनिश्चित करें कि आप सांस अंदर लेने से ज्यादा समय तक सांस बाहर छोड़ें और सांस छोड़ते समय रिलैक्स (शांति )मन मे बोलें। यह आपको शांत करने और स्पष्ट रूप से सोचने में मदद करेगा।
#क्या करे जब आपको गुस्सा आये?
- उल्टी गिनती करना उल्टी गिनती गिनने से आपको अपने गुस्से को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यह कुछ दिनों तक दिन में एक बार जरूर करें।
- टहलें थोड़ा बहुत टहल कर आप अपने अपने क्रोध पर अंकुश लगा सकते है।
- मैडिटेशन करें मैडिटेशन का अभ्यास करने से गुस्सा कम करने में मदद मिल सकती है ।
- गहरी सांस लें प्राणायाम करें।
- अपनी पसंद का संगीत सुनें ।
- चुप रहने का अभ्यास करें।मौन रहने से मानसिक शक्ति बढती है।
- रात मे जल्दी सोने की आदत डालें , अच्छी नींद लेने से शारिरीक व मानसिक दोनों तरह की शक्ति मिलती है।
#क्या खायें क्या न खायें?
तामसिक भोजन न करें, -अधिक मसालों का प्रयोग न करें
- किसी भी प्रकार का नशा न करें।
- उग्रता वेग वाले व हिंसक दृश्य या फिल्में, वीडियो न देखें।
सात्विक व पौष्टिक आहार ले।
- परमात्मा का ध्यान,भजन,प्रार्थना करें।
ध्यान रखें ..आपके साथ जो घटित होता है वह आपके ही कर्मो का परिणाम है।शांति के साथ भुगतान करने की कोशिश करें,
- अपने हाथों से दूसरों का भला करते चलो आपका भला स्वतः ही होगा।
धन्यवाद!
मंगलवार, 26 अप्रैल 2022
वजन कैसे बढायें|कृशता किसे कहते है?In hindi.
#वजन कैसे बढायें?
#पतलापन|कृशता किसे कहते है?In hindi.
* कृशता क्या है?
By:-Dr.Virender Madhan.
दुबले व्यक्ति के नितम्ब, पेट और ग्रीवा शुष्क होते हैं। अंगुलियों के पर्व मोटे तथा शरीर पर शिराओं का जाल फैला होता है, जो स्पष्ट दिखता है। शरीर पर ऊपरी त्वचा और अस्थियाँ ही शेष दिखाई देती हैं।
#शरीर में दुबलापन क्यों आता है?
मानसिक, भावनात्मक तनाव, चिंता की वजह से व्यक्ति दुबला हो सकता है। यदि शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाए तो व्यक्ति दुबला हो सकता है। चयापचयी क्रिया में गड़बड़ी हो जाने के कारण व्यक्ति दुबला हो सकता है। बहुत अधिक या बहुत ही कम व्यायाम करने से भी व्यक्ति दुबला हो सकता है
दुबलेपन के कारण : -
अग्निमांद्य या जठराग्नि का मंद होना ही अतिकृशता का प्रमुख कारण है। अग्नि के मंद होने से व्यक्ति अल्प मात्रा में भोजन करता है, जिससे आहार रस या 'रस' धातु का निर्माण भी अल्प मात्रा में होता है। इस कारण आगे बनने वाले अन्य धातु (रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्रधातु) भी पोषणाभाव से अत्यंत अल्प मात्रा में रह जाते हैं, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति निरंतर कृश से अतिकृश होता जाता है। इसके अतिरिक्त लंघन, अल्प मात्रा में भोजन तथा रूखे अन्नपान का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से भी शरीर की धातुओं का पोषण नहीं होता।
#दुबलेपन से परेशान है तो क्या करें।
-पौष्टिक आहार लें और खुब सोये।कठिन परिश्रम न करें।
#दुबले-पतले शरीर को मोटा कैसे बनाएं?
आयुर्वेदिक चिकित्सा
संतर्पण क्रिया:-
सर्वप्रथम उसके अग्निमांद्य को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। लघु एवं शीघ्र पचने वाला संतर्पण आहार, मंथ आदि अन्य पौष्टिक पेय पदार्थ, रोगी के अनुकूल ऋतु के अनुसार फलों को देना चाहिए, जो शीघ्र पचकर शरीर का तर्पण तथा पोषण करे।
- रोगी की जठराग्नि का ध्यान रखते हुए दूध, घी आदि प्रयोग किया जा सकता है।
-कृश व्यक्ति को भरपूर नींद लेनी चाहिए, इस हेतु सुखद शय्या का प्रयोग करें।
- कृशता से पीड़ित व्यक्ति को चिंता, मैथुन एवं व्यायाम का पूर्णतः त्याग करना चाहिए।
पंचकर्म :-
- कृश व्यक्ति के लिए मालिश अत्यंत उपयोगी है। पंचकर्म के अंतर्गत केवल अनुवासन वस्ति का प्रयोग करना चाहिए तथा ऋतु अनुसार वमन कर्म का प्रयोग किया जा सकता है। कृश व्यक्ति के लिए स्वेदन व धूम्रपान वर्जित है।
रसायन एवं वाजीकरण :-
- कृश व्यक्ति को बल प्रदान करने तथा आयु की वृद्धि करने लिए रसायन औषधियों का प्रयोग परम हितकारी है, क्योंकि अतिकृश व्यक्ति के समस्त धातु क्षीण हो जाती हैं तथा रसायन औषधियों के सेवन से सभी धातुओं की पुष्टि होती है,
औषधि चिकित्सा क्रम :-
- सर्वप्रथम रोग की मंद हुई अग्नि को दूर करने का प्रयोग आवश्यक है, इसके लिए दीपन, पाचन औषधियों का प्रयोग अपेक्षित है। अग्निमांद्य दूर होने पर अथवा रोगी की पाचन शक्ति सामान्य होने पर जिन रोगों के कारण कृशता उत्पन्न हुई हो तथा कृशता होने के पश्चात जो अन्य रोग हुए हों, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही औषधियों की व्यवस्था करना अपेक्षित है।
#कृशता में उपयोगी औषधियाँ :-
*लवणभास्कर चूर्ण,
* हिंग्वाष्टक चूर्ण,
* अग्निकुमार रस,
* आनंदभैरव रस, *
* लोकनाथ रस( यकृत प्लीहा विकार रोगाधिकार),
* संजीवनी वटी,
* कुमारी आसव,
*द्राक्षासव,
*लोहासव,
* भृंगराजासन,
* द्राक्षारिष्ट,
* अश्वगंधारिष्ट,
* सप्तामृत लौह,
* नवायस मंडूर,
* आरोग्यवर्धिनी वटी, *च्यवनप्राश,
* मसूली पाक,
* बादाम पाक,
* अश्वगंधा पाक,
* शतावरी पाक,
* लौहभस्म,
* शंखभस्म,
* स्वर्णभस्म,
* अभ्रकभस्म
-- मालिश के लिए
- बला तेल,
- महामाष तेल (निरामिष) आदि का प्रयोग आवश्यकतानुसार करना चाहिए।
#दुबलेपन से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय?
* कृशता मे क्या खायें?
भोजन में जरूरी : गेहूँ, जौ की रोटी, मूंग या अरहर की दाल, पालक, पपीता, लौकी, मेथी, बथुआ, परवल, पत्तागोभी, फूलगोभी, दूध, घी, सेव, अनार, मौसम्बी आदि फल अथवा फलों के रस, सूखे मेवों में अंजीर, अखरोट, बादाम, पिश्ता, काजू, किशमिश आदि। सोते समय एक गिलास कुनकुने दूध में एक चम्मच शुद्ध घी डालकर पिएँ, इसी के साथ एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लें, लाभ न होने तक सेवन करें।
सोमवार, 25 अप्रैल 2022
मोटापा|मेदोरोग|Obesity क्या है?In hindi.
मोटापा|मेदोरोग|Obesity क्या है?In hindi.
By:-Dr.VirenderMadhan.
#मोटापा,Obesity वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है। यह आयु संभावना को भी घटा सकता है।
-मेद के मार्ग रुक जाने के कारण अन्य घातुओं का पोषण नही होता।
इसके कारण मेद अधिक बढ जाती है रोगो कार्यों के करने मे असमर्थ होने लगता है।
पेट पर चर्बी बढने से रोगी को सांस लने मे कठिनाई होती है। पसीना दुर्गंध युक्त आने लगता है।
प्यास, मोह,निंद्रा बढ जाती है।शरीर की शक्ति कम हो जाती है।मेद से रुकी हुई वायु जठराग्नि को बढा देती है इसलिए रोगी की भुख बढ जाती है।तथा अनेक विकार उत्पन्न हो जाते है।रक्तविकार ,विसर्प,कोढ,भगंदर, बवासीर, ज्वर,अतिसार, प्रमेह, कामला आदि रोग होने लगते है।
कैंसर, प्रजनन क्षमता में कमी, दिल, ऑस्ट्रियोआर्थराइटिस, टाइप 2 डाइबिटीज, पित्ताशय की बीमारी, सांस, उच्च रक्तचाप, लिवर में मोटापा, नर्व डिसऑर्डर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
#मोटापा क्यों बढता है?
मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है। असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।
#मोटे होने के कारण क्या है?
- मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवनशैली मोटापे का प्रमुख कारण है। असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।
सबसे बडा मोटापे के कारण मुख्यतः
- अधिक भोजन करना, -अनुवांशिक, और
- अंतःस्रावी ग्रंथियों का प्रभाव होता है।
# क्या चीज खाने से मोटापा बढ़ता है?
फ्राईड भोजन जैसे परांठे, पुरी,कचौड़ी, हलवा, आदि गरिष्ट भोजन खाने से मेद बढता है।
इंस्टेंट नूडल्स, पास्ता, फ्राइड फूड खाने से वजन बढ़ता है, फिर चाहे आप रोजाना कार्य करते हों. इन चीजों में प्रिजर्वेटिव होते हैं किसी तरह का कोई पौष्टिक तत्व नहीं होता है. इसके अलावा ये चीजें मैदा से बनी होती हैं जिसमें आर्टिफिशयल कलर और टेस्ट डाला होता है.
- मिठाई दूध, दही, मावे की चीचें खाने से,
- अधिक आराम व सोने से मेदोरोग हो जाता है।
#मोटापा कितने प्रकार का होता है
-निष्क्रियता मोटापा ( Inactivity obesity) :
- भोजन के कारण होने वाला मोटापा:
- एंग्जाइटी ओबेसिटी :
- वीनस ओबेसिटी :
- एथेरोजेनिक मोटापा:
- ग्लूटेन ओबेसिटी :
# मोटापे से होने वाली परेशानियां (Complications of obesity).
* उच्च रक्तचाप (high blood pressure) (हाइपरटेंशन) -
इससे गंभीर हृदय रोग (ऐसी समस्या जो शरीर के चारों ओर क्त के प्रवाह को प्रभावित करती है) की समस्या बढ़ सकती है
* बांझपन (infertility)
* टाइप 2 डायबिटीज
* कई प्रकार के कैंसर
* हृदय रोग
* आघात (stroke)
* अस्थमा
#मोटापा कैसे कम करें?
पेट की चर्बी
- रोजाना एक कप हल्का गर्म पानी पिएं। लगातार एक माह पीने से आपका कम से कम 2 किलो वजन कम हो जाएगा।
- रोजाना कपालभाति करें।
- चीनी का सेवन बेहद कम कर दें।
- खाने के बाद वज्रासन करें।
- सप्ताह में एक बार व्रत रखें।
- व्रत के समय फलों का सेवन करें।
#तुरंत मोटापा कम कैसे करे?
#मोटापा कम करने की विशिष्ठ चिकित्सा।
- अगर तोंद अधिक बढ गई है तो धतूरे के पत्तों का रस निकाल कर तोंद पर प्रतिदिन लगायें।आवश्यकता अनुसार अन्य भागों पर भी मालिस करें।
- ताड के पत्तों का क्षार और हिंग को चावल के माण्ड मे मिलाकर पीने से मेदो बृध्दि मे लाभ मिलता है।
- पीपल को पीसकर शहद मे मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से मोटापा कम होता है।
- कुलथी दाल प्रतिदिन बनाकर खाने से मोटापा और पथरी को नष्ट करती है।
- 10 नीबूं के रस को पीने मे मिलाकर रोज पीने से साथ मे उपवास करने से मेद रोग मे आराम मिलता है।
-त्रिफला और गिलोय का काढा (गिलोय त्रिफला रस ) पीने से मोटापा दुर होता है।
-त्रिफला क्वाथ मे शहद मिलाकर पीने से मोटापा घट जाता है।
- चावल का मांड रोज पीते रहने से मोटापा नही रहता है।
-पानी को उबालकर कर ठंडा करके फिर उसमे 50 ग्राम शहद मिला कर कुछ दिन पीने से मोटापा भाग जाता है।
- आप मेथी दाना को पीसकर पेस्ट तैयार कर लें और इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर खाएं, इससे तेजी से वजन कम करने में हेल्प मिलेगी. वजन घटाने और शरीर का फैट बर्न करने के लिए मेथी की चाय का सेवन फायदेमंद माना जाता है. एक कप पानी में एक चम्मच मेथी दाना, दालचीनी की कुछ टुकड़े, चीनी और अदरक मिलाएं. इसे धीमी आंच पर 5 मिनट तक पकाएं.
#मोटापे मे क्या करें?[पथ्य]
मोटापा होने पर पथ्य:-
चिन्ता, टेंशन, परिश्रम, स्त्री प्रसंग, लंघन (भुखे रहना),उबटन ,धूप में रहना,भ्रमण(घूमना),पुराने धान्य - चावल,जौ, कुलथी, चना , मसूर, मूंग, अरहर,शहद, खील, मठ्ठा (छाछ)बैंगन का भुरता,आदि भोजन मे शामिल जरुर करें।
त्रिफला, लौहभस्म, त्रिकुटा, इलायची, शिलाजीत औषधि रूप मे लें।
समस्त रूखे पदार्थ, पत्तों का साग, गर्म जल, चन्दन का लेप, कच्चा केला,बनाकर खायें।
#मोटापे मे यह न करें [अपथ्य]
मोटापा कम करने के लिए -
जितने कफबर्ध्दक पदार्थ है, चिकने पदार्थ, दूध, दही, मक्खन, धी मे बने भोजन ,पका केला, नारियल, मछली, मांस, न खायें।
सुखदायक बिस्तर पर न सोयें।आलस्य को भगा दें।अधिक स्नान करना,भोजन के बाद पानी पीना, बल बढाने वाले रसायन, मिठाई खाना,इत्र लगना छोड दें।
आपको लेख उपयोगी लगा हो तो कोमेंट मे जरूर बतायें।
धन्यवाद!
शनिवार, 23 अप्रैल 2022
किडनी को स्वस्थ कैसे रखें?In hindi.
#Healthcare, #आयुर्वेदिकचिकित्सा, #घरेलूउपाय #डा०वीरेंद्रमढान
किडनी को स्वस्थ कैसे रखें?In hindi.
किडनी स्वस्थ रखने के लिए क्या घरेलू उपाय हैं
Dr.VirenderMadhan.
#किडनी को स्वस्थ रखने के उपाय?
1.) व्यायाम करें।
2.) शुगर या शर्करा की मात्रा पर नज़र रखें कम से कम खायें।
3.) रक्तचाप सामान्य रखें ।
4.) वज़न नियंत्रित रखें ।
5.) पर्याप्त जल का सेवन करें।
6.) धूम्रपान से बचें ।
7.) दवाइयों के अधिक सेवन से बचें।
#किडनी को मजबूत करने के लिए क्या खाएं?
- लाल शिमला मिर्च खाएं
- फूलगोभी का सेवन करें
- प्याज को डाइट में शामिल करें
- स्ट्रॉबेरी खाएं
किडनी रोग में कौन सा फल खाना चाहिए?
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप अंगूर का सेवन कर सकते हैं. स्ट्रॉबेरी – स्ट्रॉबेरी विटामिन-सी और मैंगनीज से भरपूर होती है. इसमें एंथोसायनिन होता है. ये एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है.
#किडनी को ठीक रखने के लिए घरेलू व आयुर्वेदिक उपाय?
*अनार का रस इलायची मिलाकर लें।
*पुर्ननवा के पत्तों का रस निकाल कर पीयें।
* हरे बांस का पानी पीने से किडनी साफ व स्वस्थ रहती है।
* गोक्षुर का काढा पीयें।त्रिफला के रस मे गुड मिलाकर पीने से मूत्र खुलकर आता है।
* शिलाजीत का कभी कभी प्रयोग करना चाहिए।
*सहंजना के पत्तों का प्रयोग गुर्दो के लिए लाभप्रद है।
* अर्जुन की छाल का क्वाथ भी दिल और गुर्दों के लिए फायदेमंद होता है।
#किडनी के रोगी क्या दूध पी सकते है?
हाँ , तरल पेय दूध, छाछ,पानी ,नींबू पानी, नारियल पानी खुब पीना चाहिये।
#किडनी को साफ कैसे करें?
* जीरा,घनिया का पानी पीयें।
*धनिया, किसमिस का पानी पीने से किडनी स्वस्थ रहती है।
*खुब पानी पीयें।
धन्यवाद!
नाखून देखकर कैसे करें बीमारी की पहचान?In hindi.
#नाखून देखकर कैसे करें बीमारी की पहचान?In hindi.
Dr.Virender Madhan.
नाखून चबाने की आदत :-
नाखून चबाने की आदत लगातार चिंता बनी रहने के कारण हो जाती है। कुछ मामलों में चिंता का इलाज होने से यह आदत भी छूट जाती है। इस आदत को ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिस्आर्डर से भी जोड़कर देखा जाता है।
#आपके नाखूनों पर धारदार लकीरें क्यों बन जाती हैं?
- धारदार लकीरें,
अगर आपके नाखूनों पर लंबी और खड़ी धारियां हैं तो व्यक्ति में जोड़ों की बीमारियों का अंदेशा रहता है। हाथ से छूने पर ये धारियां आपको महसूस होती हैं। ऐसी धारियां व्यक्ति के जीवन में धन संबंधी परेशानियों को भी दर्शाती हैं।
- ऐसे लोगों को किडनी से संबंधित परेशानियां भी हो सकती हैं।
#नाखून खराब होने के क्या कारण है?
- नाखून किसी ना किसी बीमारी का भी संकेत देते हैं. जैसे की शरीर में खून की कमी होना, कुपोषण, लिवर की बीमारी या फिर हार्ट फेलियर. अगर नाखून का रंग खत्म होने के साथ आपको कुछ और लक्षण भी महसूस हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
# नीले नाखून और रोग
नीले रंग के नाखून होने का मतलब है शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. यह फेफड़ों से संबंधित बीमारी एम्फिसीमा (ऐसी बीमारी जिसमें व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है) की ओर संकेत हो सकता है. साथ ही नीले रंग के नाखून, दिल से जुड़ी समस्याओं का कारण हो सकते हैं.
#नाखून पर सफेद लाइन-
अगर आपके नाखून पर सफेद धारियां दिख रही हैं तो ये शरीर में किडनी या लीवर से जुड़ी किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. इसके अलावा नाखून में सफेद लाइन होना हेपेटाइटिस जैसी बीमारी का भी संकेत है.
#पीले नाखून गंभीर बीमारी की सूचना
- पीले नाखून एनिमिया, जन्मजात दिल की बीमारी, लिवर की बीमारी या कुपोषण की समस्या को उजागर करते हैं। नाखून सफेद झक्क दिखाई दे रहे हों और उनकी अंदरूनी रिंग गहरे रंग की हो तो समझना चाहिए कि इस व्यक्ति को हिपेटाइटिस जैसी लिवर की कोई गंभीर समस्या है।
- नाखूनों का रंग बदरंग फंगल इन्फेक्शन के कारण होता है।
इंफेक्शन की वजह से होते हैं। इंफेक्शन के ज्यादा बढ़ने पर आपका नाखून बहुत पीला पड़ जाता है. यह थायरॉइड (Thyroid), डायबिटीज (Diabetes), फेफड़ों की समस्या (Lung Disease) और सोरायसिस (Psoriasis) का संकेत होता है.
- ऐसे नाखून हेपेटाइटिस जैसी बीमारी की ओर संकेत करते हैं. पीले नाखूनों का सबसे सामान्य कारण फंगल इंफेक्शन हो सकता है. जैसे-जैसे संक्रमण ज्यादा होता जाता है वैसे नाखून की परत मोटी होकर टूट जाती है. कुछ मामलों में पीले नाखून थायराइड रोग, फेफड़े की बीमारी, डायबिटीज या सोरायसिस जैसी गंभीर समस्याओं का कारण हो सकते हैं.
- नाखून पर काले निशान त्वचा के कैंसर का सूचक है।
* नाखून पर किसी भी प्रकार का निशान या बदला रंग हो तो केवल अपने चिकित्सक को दिखकर ही कुछ निर्णय लें।
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022
दांत का दर्द तुरंत कैसे ठीक करें?In hindi
दांत का दर्द तुरंत कैसे ठीक करें?In hindi
दांत दर्द का क्या कारण है?
दांत दर्द|दंतशूल|ToothacheTreatment:
Dr_Virender_Madhan.
दांत दर्द एक आम रोग है।यह अधिकतर कीडा लगने पर,
* कभी कभी स्नायु के कारण भी दंत पीडा होती है।
* चोट लगने से ,
* आमतौर पर दांतों में दर्द ज्यादा गरम या ठण्डा खाना खाने, या
* ठंडे के ऊपर गर्म और गर्म के ऊपर ठंडा खाने पर दांत दर्द हो जाता है।
* दांतों की सफाई ना रखने, *कैल्शियम की कमी, *बैक्टीरियल इंफेक्शन या फिर * दांतों की जड़ों के कमजोर होने से होता है.
* अक्ल दाढ़ (Wisdom Tooth) निकलने के दौरान भी दांतों में तेज दर्द होता है।
#दांत दर्द के लक्षण क्या हैं? दांत दर्द का निदान कैसे किया जाता है?
दांत दर्द के लक्षणों में शामिल हैं:
- आप अपने एक दांत में और उसके आसपास तेज, लगातार, धड़कते हुए सनसनी महसूस कर सकते हैं।
- यह दर्द तब हो सकता है जब आप अपने दांतों पर दबाव डालते हैं या सामान्य परिस्थितियों में भी।
- आपके दांत के आसपास का क्षेत्र सूज हो सकता है।
- आपको सिरदर्द या बुखार का अनुभव हो रहा होता है।
- दांत दर्द में खाने पीने मे असमर्थ हो जाता है।
- चेहरा लाल दिखाई देता है।
#आयुर्वेदिक औषधियों:-
* दंतप्रभाचूर्ण :- दिन मे दो बार दातों पर मले।
* इरिमिदादि तैल दांतों पर दिन में दो बार मलें।
* पायोरि टूथ पाउडर (गुरूफार्मास्यूटिकलस ) का दिन मे दो बार दांतों पर मलें।
* कर्पूरादि वटी चूसने से दांतों में आराम मिलता है।्
#घरेलू अनुभूत उपाय।
- कायफल को सिरके मे घिसकर दांतों में लगाने से दांत दर्द मे आराम मिलता है।
- नौसादर को रुई मे लेकर दंत छिद्र मे रखने से आराम होता है।
-अकरकरा को दांत के नीचे रखने से दांत दर्द बन्द हो जाता है।
-पीपल और बड की छाल का क्वाथ से कुल्ले करने से दांत दर्द को आराम मिलता है।
-खजूर की जड का काढे से कुल्ले करना चाहिए।
- खतमी के काढे मे सिरका मिला कर कुल्ला करते है।
- अनन्तमूल के पत्ते पीसकर दांतों के बीच रखने से दर्द में आराम मिलता है।
- अपामार्ग की ताजी जड से दातुन करते हैं।
- बरगद के दूध को रूई मे लगा कर दर्द वाली दांतों पर लगाते हैं।
- अमरुद के पत्तों को चबाने से भी दांत दर्द ठीक हो जाता है।
- भिलावे की राख मलने से दांत दर्द ठीक हो जाता है।
#दांतों के दर्द में क्या खायें क्या न खाये?
- मीठे खट्टे पदार्थ व पेय न लें।
- अत्यधिक ठंडा व गर्म न लें।
- आईस्क्रीम न खायें।
अगर दांत दर्द हो रहा है तो इन चीजों को खाने से बचें
- आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जिन्हें चबाना मुश्किल हो।
- एसिडिक, मसालेदार और नमकीन खाद्य पदार्थ आपके मसूड़ों को और अधिक परेशान कर सकते हैं।
- ऐसे समय में आपको माउथवॉश का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए जिसमें अल्कोहल हो।
#जब आपके दांत में दर्द हो, तो इन खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करें:
- छेना या पनीर पनीर काफी नरम और हेल्दी विकल्प होता है।
- उबले हुए आलू आलू को सब्जियों का राजा माना जाता है।
- दलिया ,सूप खाया जा सकता है।
धन्यवाद!