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शनिवार, 7 मई 2022

गर्मी का घरेलू एनर्जी ड्रिंक|Energy Drinks for Summer: in hindi.

 गर्मी का घरेलू एनर्जी ड्रिंक|Energy Drinks for Summer: in hindi.



गर्मी का घरेलू एनर्जी ड्रिंक:-

Dr.Virender Madhan.

आजकल बाजार मे बहुत से एनर्जी ड्रिंक आ गए है लोग जब थकान कमजोरी महसूस करते है तो एनर्जी ड्रिंक पीने का प्रचलन बढ गया है।इसमें कैफिन जैसे उत्तेजक पदार्थ होते है तथा प्रजरेटिव होने के के कारण सेहत को नुकसान होने की काफी सम्भावना होती है।कुछ लोग इसमें शराब मिलाकर पीते है जो बहुत ही अधिक खतरनाक हो सकती है।

गर्मियों के दिनों मे कमजोरी महसूस करने पर प्रचीन समय से ही घरेलू शरबत, छाछ, दूध से बने पेय का प्रयोग करते थे जिनका किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता था गर्मी से बचने के साथ साथ बल भी मिलता है।

#एनर्जी ड्रिंक कब पीना चाहिए?

अधिक परिश्रम करने, एक्सरसाइज करने, गर्मी में बाहर से आने के बाद हमें पानी की अपेक्षा कोई Energy Drink की आवश्यता महसूस होती है। इस समय आपको एनर्जी ड्रिंक का सेवन करना चाहिए । आपको अपने लिए घर पर ही एनर्जी ड्रिंक बना कर पीना चाहिए। जो नेचुरल होगा और जिसका आपको भरपूर लाभ मिल सकेगा यह आपके लिए हानिकारक भी नहीं होगा।

#सबसे अच्छा एनर्जी ड्रिंक कौन सा है?

 #नारियल पानी और नींबू (coconut water and lemon juice)

 नारियल पानी को एक बेहतरीन नैचुरल एनर्जी ड्रिंक माना जाता है। कई बार शरीर में पानी की कमी होने पर कमजोरी या थकान महसूस होने लगती है, ऐसे में नारियल पानी पीना फायदेमंद माना जाता है। नारियल पानी में पोटैशियम अधिक होता है। साथ ही शरीर में पानी की कमी भी पूरी करता है।

#घर पर एनर्जी ड्रिंक कैसे बनाएं?

बनाने का तरीका

सबसे पहले नारियल पानी को एक गिलास में रख लें।

अब इसमें शहद डालें और इसे खूब अच्छी तरह मिलाएं।

जब तक शहद पूरी तरीके से नारियल पानी में ना मिल जाए इसे मिलाते रहें।

अब इसमें नींबू रस मिलाकर एक बार चम्मच से पूरी ड्रिंक को आपस में घोल दें।

** छाछ का एनर्जी ड्रिंक कैसे बनाये

- घर में अगर दही या छाछ हो तो उसे पानी डालकर थोड़ा पतला करें और आप इसे अपने अनुसार स्वाद दे सकते हैं। आप चाहे तो इसमें शकर व इलायची डाल कर लस्सी बना सकते हैं या फिर भुना जीरा काली मिर्च व काला नमक डाल कर पी सकते हैं। यह पेट में ठंडक देगा। इसमे आप पुदिना पाउडर मिला सकते है।

- नीबूं पानी-

ग्लास पानी में नींबू स्लाइस व खीरा स्लाइस डाल कर पी सकते हैं यह पानी का स्वाद भी बदल देगा और आपकी सेहत भी।

 नींबू-पानी जो मन को भाए - गर्मियों में राहत पाने का सबसे आम व खास नुस्खा है नींबू पानी।

- जौ (बार्ली)व नींबू ड्रिंक

जौ का पानी नींबू रस मिलाकर

रोजाना पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने और किडनी में स्टोन की समस्या में भी जौ का पानी पीने की सलाह दी जाती है। कब्ज, बवासीर और दस्त होने पर इसे पी सकते हैं। यह शरीर में होने वाले पोषक तत्वों और पानी की कमी को पूरा करता है।

- मिल्क शेक

समर सीजन में बॉडी को हाइड्रेट रखने और

एनर्जी बनाए रखने के लिए मिल्क शेक एक परफेक्ट ड्रिंक होता है

मिल्क शेक दूध और फ्रूट्स के कॉम्बिनेशन से तैयार होता है

यही वजह है कि ये टेस्टी होने के साथ-साथ हेल्दी भी होता है

हर उम्र के लोगों के लिए मिल्क शेक एक बेहतरीन हेल्थ ड्रिंक है

मिल्क शेक -दुध ,इलायची, रुह्अफ्जा मिलाकर बनाने से भी अधिक गुणकारी होता है।

#तुरंत एनर्जी के लिए ड्रिंक-

नींबू पानी मे अदरक का रस और शहद मिलाकर पीने से तुरंत एनर्जी मिलती है

#फलों के रस व बेल शरबत

सेव,आम केला का मिल्क शेक बनाकर पतला ही पीना चाहिए।

बेल के गुदे का शरबत बनाकर पीने से गर्मी से राहत मिलती है तथा सेहत मे सुधार होता है।

धन्यवाद!

शुक्रवार, 6 मई 2022

दूब घास आपके लिए अमृत समान है क्यों ? जाने हिन्दी में।


 दूब घास आपके लिए अमृत समान है क्यों ? जाने हिन्दी में।

दूब घास

By:-Dr_Virender_Madhan.

दूब या दुर्वा (वैज्ञानिक नाम- 'साइनोडॉन डेक्टिलॉन') पुरे वर्ष भर पायी जाने वाली घास है जो जमीन पर पसरते हुए या फैलते हुए बढ़ती है। हिन्दू संस्कारों एवं कर्मकाण्डों में इसका उपयोग किया जाता है ।

 #दुब के नाम ?

हिंदी में इसे दूब, दुबडा, संस्कृत में दुर्वा, सहस्त्रवीर्य, अनंत, भार्गवी, शतपर्वा, शतवल्ली, मराठी में पाढरी दूर्वा, काली दूर्वा, गुजराती में धोलाध्रो, नीलाध्रो, अंग्रेजी में कोचग्रास, क्रिपिंग साइनोडन, बंगाली में नील दुर्वा, सादा दुर्वा आदि नामों से जाना जाता है।

#दुब घास की धार्मिक मान्यता?

बरमूडा घास (Bermuda grass) भारत में पवित्र पौधा मानी जाती है इसे हिंदी में दूर्वा घास या दूब के रूप में जाना जाता है। यह हिंदुओं के लिए धार्मिक है क्योंकि इससे भगवान गणेश की पूजा की जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि    * दूब घास 'अमृत' की उत्पत्ति हैं।

* गणपति की पूजा में दूब घास से जुड़ा एक विशेष उपाय जो धन प्राप्ति के लिए है

- गणेश चतुर्थी को प्रात: काल स्नान करने के बाद गणेशजी के मंदिर में जाकर दुर्वा की 11 या फिर 21 गांठ अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से आपके हर काम से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और आपको धन की प्राप्ति होती है

* सफेद गाय के दूध मे सफेद दुब का तिलक लगाने वाले व्यक्ति का हर कार्य सफल होता है।

* अनलासुर जिसने स्वर्ग मे कोलाहल मचा रखा था गणेश जी उसे निगल गये बाद मे भगवान गणेश जी के पेट मे जलन पैदा हो गई ऋषियों ने उन्हें दूब घास खाने को दी जिससे उन पेट मे शान्ति हुई।

#क्या होता है दुब घास मे?

इसमें Vit.A, D, E ,और प्रोटीन पाया जाता है।

फास्फोरस कम तथा लवण ,कैल्शियम अधिक पाया जाता है।

#दुब घास से कौन कौन से रोग ठीक होते है?

इस पवित्र घास से 

* मधुमेह,

* PCOD, पोलिसिस्टिक ओवरी संड्रोम,

* प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।

* रक्त शुध्दि होती है

* हृदय बलदायक है।

* मिर्गी मे लाभदायक है।

* सिरदर्द,

* आंखों का दर्द,

* नकसीर मे बहुत उपयोगी होता है।


#दूब घास के फायदे?

यही नहीं दूब की घास शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम भी करती है. इसमें मौजूद एंटीवायरल और एंटीमाइक्रोबिल गुण बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं. दूब की घास थकान, तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं का भी समाधान करती है. डिप्रेशन और टेंशन जैसी मानसिक समस्याओं में भी दूब की घास बहुत लाभकारी है.

दूब पेट, यौन, और लीवर संबंधी रोगों के लिए असरदार मानी जाती है.

* दूब घास शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती है।

* अनिद्रा से राहत मिलती है।

त्‍वचा संबंधी समस्‍या जैसे खुजली, त्वचा पर चकत्ते ,एग्जिमा आदि मे आराम मिलता है इनमें दूब को हल्दी के साथ मिलाकर लेप करते है।

* दूब घास का रस पीने से प्यास से राहत मिलती है।पेशाब खुलकर आता है।गर्मी शांत होती है।

* लाईफ स्टाइल बिगड़ने से होने वाले एनीमिया दूर करने के लिए दुब रस अमृत के समान उपयोगी है

*नंगे पैर घास मे चलने से आंखों के लिए फायदेमंद है नेत्र ज्योति बढती है।

* मुंह के छाले पड जाये तो दुब का काढा बना कर कुल्ले करने से ठीक हो जाते है।

धन्यवाद!


मंगलवार, 3 मई 2022

Immunity बढाने वाली चमत्कारिक हर्ब “गिलोय”।in hindi.

 Immunity बढाने वाली चमत्कारिक हर्ब “गिलोय”।in hindi.



#गिलोय एक अमृत है।

By:-Dr.Viernder Madhan.

- गिलोय एक ऐसी औषधि है, जिसे अमृत तुल्य वनस्पति माना जाता है. अमृत तुल्य उपयोगी होने के कारण इसे आयुर्वेद में अमृता नाम दिया गया है. ऊंगली जैसी मोटी धूसर रंग की अत्यधिक पुरानी टहनी औषधि के रूप में प्रयोग होती है. आयुर्वेदिक द्रष्टिकोण से रोगों को दूर करने में सबसे उत्तम औषधि के रूप में गिनी जाती है.

#गिलोय से कौन कौन सी बीमारी खत्म होती है?

- गिलोय का इस्तेमाल हिचकी, टीबी, उल्टी, कब्ज, बवासीर, पीलिया, लीवर, डायबिटीज, गठिया, फाइलेरिया, कुष्ठ रोग, बुखार, एसिडिटी, कफ, कैंसर जैसी भयानक बीमारियों में भी काफी फायदेमंद होता है.

#गिलोय कैसे खाना चाहिए?

इसका सेवन हमेशा खाली पेट किया जाना चाहिए। अगर आपको बुखार है तो आप 40 ग्राम गिलोय की ताजी पत्तियों को मसलकर उसमें लगभग 250 मिली पानी मिलाकर रात भर किसी मिट्टी के बर्तन में रख दें। सुबह इस पानी को छानकर उसका सेवन करें। दिन में तीन बार इसकी दवा बराबर मात्रा यानी 20 मिली का सेवन करने से बुखार चला जाता है।

गिलोय के चमत्कारी फायदे – Health Benefits of Giloy


* मधुमेह में गिलोय का सेवन

कास, दौर्बल्य, प्रमेह, मधुमेह त्वचा के रोगों में तथा कई प्रकार के ज्वर में उत्तम कार्य करता है। गिलोय स्वरस 20 ग्राम में 1 ग्राम पिप्पली चूर्ण तथा एक चम्मच मधु मिलाकर सुबह व शाम को प्रयोग करें। 

* अपच की समस्या में गिलोय का सेवन

पाचन संबंधी समस्या में

अगर आपको अपच, कब्ज आदि समस्याएं हैं तो आपके लिए गिलोय की चटनी का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद होगा। इसका स्वाद थोड़ा कसैला होता है इसलिए इसमें आप मिश्री मिला सकती हैं। पर इसके अलावा और कोई भी मसाला इसमें नहीं मिलाना चाहिए।

#खांसी होने पर गिलोय का सेवन

गिलोय का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह संक्रामक रोगों के अलावा कास, बुखार, सर्दी-जुकाम ठीक करने के साथ ही खून भी शुद्ध करती है। इसके डंठल के टुकड़े करके उसका काढ़ा बनाकर पीना चाहिए।

# तीव्र ज्वर मे गिलोय सेवन।

गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए गिलोय का चूर्ण 20 ग्राम और 80 ग्राम पानी मिलाकर मिट्टी या धातु पात्र में धीमी आंच में पकाते है। कड़वाहट को कम करने के लिए इसमें 20 ग्राम की मात्रा में गुड मिलाया जा सकता है। पकते पकते जब चतुर्थांश ( एक चौथाई या 25 प्रतिशत ) शेष रह जाए तो इसको आंच से उतारकर गुनगुना ही सेवन करना चाहिए। काढ़ा बनाते समय कभी भी ढककर नहीं पकाना चाहिए। ऐसा करने से काढ़ा लघु से गुरु हो जाता है। जिसके पाचन में कठिनाई आ सकती है। काढ़े को बहुत अधिक समय तक बनाकर नहीं रखना चाहिए। अच्छा तो यही है कि इसको ताजा ही बनाकर पिए

ज्वर मे गिलोय घन वटी बनाकर भी लेते है।

#पीलिया में गिलोय का सेवन-

- गिलोय का सेवन पीलिया रोग में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय का एक चम्मच चूर्ण, काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में लाभ होता है। या गिलोय के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। एक चम्‍मच रस को एक गिलास मट्ठे में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।

#मोटापा कम करने के लिए गिलोय का सेवनकैसे करें?

​- यह न केवल पाचन में सुधार करता है बल्कि वजन घटाने के तरीकों में से भी एक है। वजन कम करने के लिए अगर आप गिलोय का सेवन करना चाहते हैं, तो आधा ग्राम गिलोय का रस लें और इसमें एक चुटकी शहद मिला ले।

धन्यवाद!

सोमवार, 2 मई 2022

गर्मी के दिनों में सुन्दरता कैसे बढायें.in hindi.

 #गर्मी के दिनों में सुन्दरता कैसे बढायें||Beauty tips for summer|| garmi ke mosam main glow kaise benay in hindi.



विषय:-

#गर्मी के दिनों में सुन्दरता कैसे बढायें?

Dr_Virender_Madhan.

#सुन्दरता बढाने वाले घरेलू द्र्व्य।

#ग्लो बढाने के लिए क्या करें?

# त्वचा का ग्लो बढाने लिए मालिस।

#दूध से सौंदर्य कैसे बढायें?

#चेहरे पर नींबू लगाने से क्या होता है?

#गर्मी में त्वचा के लिए क्या करें?

इस बार सर्दी खत्म होते ही गर्मी तेजी से बढ गई। घर से बाहर निकलते ही शरीर झुलसना शुरू हो जाता है।त्वचा में जलन शुरू हो जाती है।शरीर से पानी कम होने लगता है।त्वचा विकृत व काली हो जाती है।

लोग इस समस्या से बचने के लिए तरह तरह के प्रोडक्ट प्रयोग कर रहे है।केमिकल युक्त प्रोडक्ट के अपने कुछ साईड इफेक्ट के कारण सभी व्यक्ति इनका प्रयोग नही करते सकते,कुछ लोग महंगे प्रोडक्ट को खरीदने में असमर्थ होते है।

 * पहले घरों में लोग अपने हाथों से बने प्रसाधनों का प्रयोग करते थे।आजकल उन्हें लोग भुल गयें है।

कुछ घरेलू उपायों का यहां वर्णन कर रहें है जो बिल्कुल हानिरहित है किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।

#सुन्दरता बढाने वाले घरेलू द्र्व्य:-

दूध,बेसन,दही,नींबू, हल्दी, नारियल तेल,गुलाब जल, ग्लिसरीन, जौ का

आटा,तिल का तैल, चंदन का पाउडर, फल-सब्जियों, मुलतानी मिट्टी,गुलाब के फुल,आदि.

ये द्रव्य अगर आपके घर मे है तो बाहर का कोई भी प्रोजेक्ट खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। इन द्रव्यों का प्रयोग करके आप अपनी सुन्दरता को बढा सकते हो। गर्मी के मौसम मे अपने आपको बचा सकते हो।

#ग्लो बढाने के लिए क्या करें?

[अपनी सुंदरता कैसे बढ़ाएं?]

- हर कोई चाहता है कि उसका चेहरा सुंदर दिखाई दे.

लेप

दूध की मलाई चेहरे पर लगाएं

बेसन,चंदन पाउडर और आटे का उबटन लगाएं

मुल्तानी मिट्टी मे थोडी हल्दी और दुध मिलाकर फेसपैक बना कर चेहरे पर लगाएं इसमे आप गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को पीस कर मिला सकते है।

फलों व सब्जियों के पेस्ट बनाकर फैस पर लगा सकते है।

अगर त्वचा अधिक ओयली है तो जौ का आटा,चन्दन चुरा गुलाब जल मे थोडी हल्दी मिला कर फैस पर लगाने से लाभ मिलता है।

# त्वचा का ग्लो बढाने लिए मालिस।

अपने शरीर पर दुध , दही, तैल की अलग अलग मालिस कर सकते है या दुध, दही,तैल सभी  को मिलाकर मालिस कर सकते है।

मालिस के लिए सरसौ का तैल, बादाम तैल,जैतून का तैल उत्तम होता है मगर गर्मी के दोनों में दुध दही छाछ की मालिस ही ठीक है।

#दूध से सौंदर्य कैसे बढायें?

दूध के प्रयोग से अनेक लाभ मिलते है।

*फेशियल क्लींजर के रुप मे -

- जब आप पूरे दिन की थकान होती है तो बेहतर होगा कि आप अपने चेहरे को दूध की मदद से साफ करें। दूध एक बेहतरीन क्लींजर के रूप में काम करता है और आपके चेहरे के रोमछिद्रों में छिपी गंदगी व धूल को भी साफ कर देता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आप एक कॉटन बॉल को दूध में डिबोकर अपने को उस रूई की मदद से साफ करें।

* दुध वाला फेस पैक बनाएं

- इसके लिए आप दूध में थोड़ा बेसन व नींबू मिलाकर एक पैक तैयार करें और अपने चेहरे पर अप्लाई करें। जब यह सूख जाए तो हल्के हाथों से गुनगुने पानी की सहायता से चेहरा साफ करें। इस फेस पैक को अगर आप सप्ताह में एक बार इस्तेमाल करेंगी तो जल्द ही आपकी स्किन का कलर साफ होने लगेगा। 

* बेहतरीन स्क्रब है दुध बादाम।

इसके लिए आप बादाम को हल्का पीस लें और इसमें थोड़ा सा दूध मिलाएं। अब इस स्क्रबर की मदद से आप अपनी त्वचा को स्क्रब करें। आपको अपनी स्किन में एक बेहद बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। 

* दुध से बन जाएगा टोनर।

 दूध से बेहतर टोनर और कोई हो ही नहीं सकता। यह आपके स्किन के ऑयल को कंट्रोल करने के साथ−साथ उसे हाइड्रेट भी करता है। इसे टोनर की तरह इस्तेमाल करने के लिए रूई को दूध में डुबोएं और फिर उस रूई की मदद से अपने चेहरे पर हल्की मसाज करें। इसे कुछ देर ऐसे ही रहने दें। बाद में साफ पानी से चेहरा साफ कर लें।

* मुंहासों से भी छुटकारा मिलगा।

दूध आपके चेहरे के ऑयल को कंट्रोल करता है, जिससे मुंहासों की समस्या उत्पन्न ही नहीं होती। इस समस्या से निजात पाने के लिए दूध में भीगी हुई कॉटन से चेहरे की मालिश नियमित रूप से करें।

#चेहरे पर नींबू लगाने से क्या होता है?

नींबू का इस्तेमाल करके त्वचा पर मौजूद दाग-धब्बों को हल्का किया जा सकता है. इसके साथ ही त्वचा को निखारा जा सकता है और फेशियल हेयर्स को भी हल्का कर सकते हैं. कई बार नींबू का इस्तेमाल डैंड्रफ और सोरायसिस से राहत दिलाने में भी मददगार देखा गया है. 

#गर्मी में त्वचा के लिए क्या करें?

स्किन को ठंडा रखें स्किन को  सनबर्न से बचाने के लिए ठंडी तासीर की चीजें खाने के साथ ही त्वचा पर उन चीजों को लगाना भी होता है, जो त्वचा को ठंडक दें. ऐलोवेरा जेल, चंदन पाउडर, नींबू और दही, कच्चा आलू के अलावा केला और गुलाब-जल को चेहरे पर लगाकर चेहरे को ठंडा बनाकर रख सकते हैं. इससे चेहरे की स्किन सॉफ्ट बनी रहेगी.

* गर्मी में पसीने के ज़रिए शरीर की नमी निकल जाती है।

 स्किन को सुरक्षित रखने के लिए टोनर (जैसे दुध)का इस्तेमाल ज़रूर करें।

- हेल्दी स्किन के लिए बहुत ज़रूरी है कि आप भरपूर नींद लें।

- दिन में कम से कम दो बार फेस वॉश करें.

 - बहुत ज़रूरी न हो, तो दोपहर के समय घर से बाहर न निकलें।

त्वचा को सुरक्षित व गौरा रखने के लिऐ सप्ताह मे दो बार दुध, शहद, या नींबू पानी में डालकर 

स्नान करें।

धन्यवाद!

यह लेख आपके लिए उपयोगी है या नही कृपया कोमेंट मे बतायें।


रविवार, 1 मई 2022

एक पेड आपका घरेलू डाक्टर सेमल।in hindi.

 एक पेड आपका घरेलू डाक्टर सेमल।in hindi.

Silk cotton tree|सेमल|शाल्मली। 



इसको अनेक नामों से जानते है। शाल्मली,मोचा,स्थिरायु,सेमल,सेमर,सांवर,सिमली,Silk cotton tree लैटिन-Salmalia malabarica , आदि। 

#डा०वीरेंद्र मढान। 

सेमल (वैज्ञानिक नाम:बॉम्बैक्स सेइबा), इस जीन्स के अन्य पादपों की तरह सामान्यतः 'कॉटन ट्री' कहा जाता है। इस उष्णकटिबंधीय वृक्ष का तना सीधा, उर्ध्वाधर होता है। शाखाओं पर कांटे होते है। पत्ते पाणीवतः होते है। इसके लाल पुष्प की 5 पंखुड़ियाँ होतीं हैं।शाखा के अगले भाग मे लगते है 

 गुण:-पुरिषविरजनीय, शोणितस्थापन,वेदनास्थापन, कषायस्कंध,। 

सेमल के मूल का वात पैतिक विकारों मे तथा पुष्प , फल का प्रयोग कफपैतिक विकारों में करते है। 

#सेमल का बाहरी प्रयोग :- 

समेल की छाल को खिसकर व्रणशोथ,व दाह(जलन) मे लगाते है। रक्तस्राव होने पर पुष्प का स्वरस या चूर्ण लगाते है।

- दंतमंजन मे मोचरस(सेमल का गोंद)प्रयोग करते है। -मुखपाक मे मोचरस का अवचूरण (चूर्ण लगाना)करते है। - सेमल के कांटों का लेप बना कर चेहरे का रंग साफ करने के लिऐ तथा कीलमुंहासों पर लगाते है।



 सिमर का फूल खाने से क्या होता है?

 इस औषधियुक्त पेड़ का अलग-अलग स्वरूप में उपयोग पेचिश,गिल्टी या ट्यूमर, कब्ज कमर दर्द ,दूध बढ़ाने और खांसी आदि के निवारण में किया जाता है। सेमल के पेड़ को साइलेंट डाक्टर कहा जाए तो अनुचित नहीं होगा। इसके फूल, फल, छाल आदि कई बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर होते हैं। 

#सेमल का आभ्यान्तर प्रयोग:- 

* मोचरस का प्रयोग अतिसार, प्रवाहिका, ग्रहणी तथा अर्श(बवासीर) मे करते है।

 * रक्तपित्त मे सेमल के फुल तथा मोचरस देते है।

 * कास(खांसी)म कच्चे फलो का प्रयोग करते है। 

* अश्मरी(पथरी) ,मूत्रकृच्छ, वृक्कशूल मे कच्चे फलों का क्वाथ या चूर्ण देते है। 

* सेमल की मूसली (जड) शुक्रबर्ध्दक,वाजीकारक योगो मे प्रयोग की जाती है।

 * मोचरस शुक्रस्तम्भक योगो मे डाली जाती है। * श्वेत प्रदर,रक्तप्रदर, मे मोचरस व सेमल के फुल प्रयोग में आते है। 

#सात्मीकरण:- 

दौर्बल्य और कार्श्य मे सेमल की मुसली  बहुत उपयोगी है। #सेमल की मात्रा:- - मूल चूर्ण 5-10 ग्राम,  - पुष्प रस 10-20 मि०ली०, - निर्यास(मोचरस) 1-2 ग्राम.  

किसी भी औषधि का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य करें। 

धन्यवाद!

शनिवार, 30 अप्रैल 2022

अंजीर गर्मी के दिनों में अधिक खायें तो क्या होगा? In hindi.

 #अंजीर गर्मी के दोनों में अधिक खायें तो क्या होगा? 



Dr.VirenderMadhan.

 * लीवर और आंतों को नुकसान- ज्यादा मात्रा में अंजीर खाने से आपके लीवर में भी परेशानी हो सकती है. इससे आंतों में रुकावट भी पैदा हो सकती है. अंजीर के बीजों को पचाना थोड़ा मुश्किल होता है. जिसके फलस्वरूप पेट फूलना और भारी रहना- ज्यादा अंजीर खाने से पेट भारी रहता है

 #अंजीर की तासीर

 अंजीर तासीर में गर्म होता है इसलिए ज्यादा खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. अंजीर (Fig) ऐसा फल है जिसे लोग मेवे के रूप में भी खाते हैं.
 ये खाने में काफी स्वादिष्ट और लाभदायक भी होता है. अंजीर में कई सारे पौष्टिक गुण होते हैं जो स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाते हैं. अंजीर में जिंक,मैंगनीज,मैग्नीशियम,आयरन जैसे खनिज पाए जाते हैं। अंजीर में एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। अंजीर के सेवन से महिलाओं को हार्मोनल समस्या और पीरियड्स में परेशानी नहीं होती है। भीगे हुए अंजीर खाने से वजन कम करने में भी सहायता मिलती है।

 #अंजीर को कब खाना चाहिए?

 इसका सेवन आप सुबह खाली पेट करें. इसके साथ आप बादाम और अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट भी भीगो कर रख सकते हैं. आइए जानें भीगे हुए अंजीर खाने के स्वास्थ्य लाभ.

 #अंजीर खाने का सही तरीका क्या है? 

यदि अंजीर सूखे हैं तो तीन अंजीर को रात में पानी में भिगो दें और सुबह उन्हें चबा चबा कर खाएं। अंजीर खाने के और भी कई फायदे हैं। यह ब्लड शुगर लेवल, लीवर और पाचन संबंधी समस्याओं और रक्त संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है 

#अंजीर खाने से क्या नुकसान होता है? 

*अंजीर खाने के नुकसानः (Anjeer Khane Ke Nuksan) 

* गुर्दे में पथरीः 

 अगर आपको पथरी की समस्या है तो आप अंजीर का सेवन न करें. 

* पेट दर्दः 

 अंजीर को वैसे तो पाचन के लिए अच्छा माना जाता है.फिर भी पेट के दर्द को बढा सकता है 

* माइग्रेनः

  सूखे अंजीर में अत्यधिक मात्रा में सल्फाइट होता है और सल्फाइट का अधिक सेवन माइग्रेन अटैक बढ़ा सकता है। 

* दांत दर्दः 

दांत के दर्द में अंजीर न ले परेशानी बढ सकती है। 

 #क्या गर्भावस्था में अंजीर खाना सुरक्षित है? 

हां, गर्भावस्था में कम मात्रा में अंजीर खाना सुरक्षित है। इस दौरान अंजीर के नुकसान कम हैं, लेकिन अगर गर्भवती महिला किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही है या एलर्जी के प्रति संवेदनशील है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेकर ही अंजीर का सेवन करना चाहिए ।

  #खाली पेट अंजीर खाने से क्या होता है

 अंजीर का सेवन सुबह खाली पेट करने से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) कंट्रोल में रहता है। क्योंकि इसमें पोटैशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को रोजाना सुबह खाली पेट अंजीर का सेवन करना चाहिए। सुबह खाली पेट अंजीर का सेवन डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। 

 #अंजीर से क्या फायदा होता है? 

* दिल का रखें ख्याल अंजीर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल रखने में मदद करता है। * हड्डियों को बनाए मजबूत अंजीर में कैल्शियम फॉस्फोरस मैग्नीशियम पोटेशियम आदि होते हैं।  * प्रजनन क्षमता बढ़ाता है * शुगर के स्तर को कम करता है #अंजीर से क्या वजन बढ़ता है? * अंजीर में काफी अच्छी मात्रा में कैलोरी, प्रोटीन और हेल्दी फैट होता है। जो लोग अपने दुबले-पतले शरीर से परेशान हैं, उनके लिए अंजीर का सेवन लाभकारी साबित हुआ है।
धन्यवाद!
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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

क्रोध आपका क्या क्या बिगाड़ सकता है?डा०वीरेंद्र मढान.in hindi.

 # क्रोध आपका क्या क्या बिगाड़ कर सकता है?



Dr.Virender Madhan.

क्रोध {krodh} | ANGER.

क्रोध या गुस्सा एक भावना है। दैहिक स्तर पर क्रोध करने/होने पर हृदय की गति बढ़ जाती है.श्वास की गति तेज हो जाती है। रक्त चाप बढ़ जाता है। यह भय से पैदा हो सकता है। भय व्यवहार में स्पष्ट रूप से व्यक्त होता है जब व्यक्ति भय के कारण को रोकने की कोशिश करता है।तब क्रोध हो सकता है।

- क्रोध आने का प्रमुख कारण व्यक्तिगत या सामाजिक अवमानना है। उपेक्षित तिरस्कृत समझे जाने वाले लोग अधिक क्रोध करते है। क्योंकि वे क्रोध जैसी नकारात्मक गतिविधी के द्वारा भी समाज को दिखाना चाहते है कि उनका भी अस्तित्व है। क्रोध का ध्येय किसी व्यक्ति विशेष या समाज से प्रेम की अपेक्षा करना भी होता है।

क्रोध कैसे उत्पन्न होता है?

* जब अपमान होता है तब क्रोध आता है, जब नुकसान हो जाता है, तब क्रोध आता है। 

* क्रोध आने का कारण होता है जब हमारे अनुकूल परिस्थितिया नही होती जैसा हम चाहते है या क्रोध हम उनके ऊपर करते है जिन्हें हम कमजोर समझते है जिन्हें हम अपने से शक्तिशाली समझते है उन पर हम क्रोध नही करते।


#क्रोध हवा का वह झोंका है,

जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है ।

- अधिक क्रोध के चलते अवसाद, चिंता, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग के साथ ही कई और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है।

#क्रोध से किसे परेशानी होती है?

लेकिन क्रोध को न्यायोचित ठहराना किसी भी हाल में समझदारी नहीं है। क्रोध को एक शक्ति के रूप में मानकर कई लोगों ने उसे हथियार बना लिया है। लेकिन दूसरों के ऊपर उस अस्त्र का इस्तेमाल करने पर वह अस्त्र घूमकर फेंकने वाले पर ही वार करता है। क्रोध करने वाले को स्वयं की बहुत हानि होती है।

उसने जिस नतीजे की कल्पना की थी, वह पूरा नहीं होता, और मामला बिगड़ भी जाता है।

#क्रोध के शारीरिक लक्षण (Physical signs of anger)

- उच्च रक्तचाप ब्लड प्रेशर बढने लगता है ।

- सिरदर्द रहने लगता है।प्यास बढ जाती है।

- अनिद्रा का रोग पैदा हो जाता है।रात भर ठीक से सो नही पाता है।

- त्वचा की स्थिति जैसे एक्जिमा,इरीटेबल बाउल सिंड्रोम जैसे पाचन विकार

- अवसाद होने लगता है।

-चिंता Stress हो जाती है।

#क्रोध के कौन से दुष्परिणाम होते हैं?

- गुस्सा करने से आपके स्वास्थ्य पर अत्यधिक बूरा असर होता है, 

- क्रोध आने पर मस्तिष्क में ऐसे रासायनिक तत्व बनते हैं, जिनका शरीर और मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

- आंखें लाल हो जाती हैं तथा हार्ट में जलन हो सकती है।और छाती में दर्द बन सकता है।

- ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

- आक्रामक भावनाएं उत्पन्न होती हैं।

- सोच-विचार की शक्ति कमजोर हो जाती है।दैनिक व्यवस्था करने में, तथा लक्ष्य प्राप्ति मे असफल होने लगता है। 

- मानसिक तनाव बढ़ जाता है। 


#क्रोध पर नियंत्रण के उपाय


10 उपाय जो गुस्से को कंट्रोल करने में कर सकते हैं.


- अपने गुस्से का इजहार करें।हां मुझे गुस्सा आ जाता है।

- गुस्सा पंचिंग बैग पर या किसी सामान पर न निकालें।

- तीन बार गहरी सांसें लें।

गुस्से के कारण को समझें, गुस्सा हर हाल मे हमारा ही नुकसान करेगा यह बात अपने दिमाग मे रखें।

- क्रोध में आपा ना खोएं नही तो बाद मे पछतावा होगा.बडी हानि भी उठानी पड़ सकती है।

- दूसरी जगह टहलने निकल जाएं क्रोध को शांत करें,जितनी देर तक गुस्से में रहोगे आपके शरीर को आपकी जिंदगी को खाता रहेगा।

- जीवन मे कुछ करना है तो आत्मनियंत्रण का हुनर सीखना पडेगा।

- गुस्से के लक्षणों को पहचानें

#एंगर|क्रोध की चिकित्सा?

#क्रोध को कैसे काबू करें,क्रोध या गुस्सा कम कैसे करें?

- जब आप क्रोध महसूस करते हैं तो आप अधिक सांस लेते हैं। सुनिश्चित करें कि आप सांस अंदर लेने से ज्यादा समय तक सांस बाहर छोड़ें और सांस छोड़ते समय रिलैक्स (शांति )मन मे बोलें। यह आपको शांत करने और स्पष्ट रूप से सोचने में मदद करेगा।

#क्या करे जब आपको गुस्सा आये?

- उल्टी गिनती करना उल्टी गिनती गिनने से आपको अपने गुस्से को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यह कुछ दिनों तक दिन में एक बार जरूर करें।

- टहलें थोड़ा बहुत टहल कर आप अपने अपने क्रोध पर अंकुश लगा सकते है। 

- मैडिटेशन करें मैडिटेशन का अभ्यास करने से गुस्सा कम करने में मदद मिल सकती है । 

- गहरी सांस लें प्राणायाम करें।

- अपनी पसंद का संगीत सुनें ।

- चुप रहने का अभ्यास करें।मौन रहने से मानसिक शक्ति बढती है।

- रात मे जल्दी सोने की आदत डालें , अच्छी नींद लेने से शारिरीक व मानसिक दोनों तरह की शक्ति मिलती है।

#क्या खायें क्या न खायें?

तामसिक भोजन न करें, -अधिक मसालों का प्रयोग न करें

- किसी भी प्रकार का नशा न करें।

- उग्रता वेग वाले व हिंसक दृश्य या फिल्में, वीडियो न देखें।

सात्विक व पौष्टिक आहार ले। 

- परमात्मा का  ध्यान,भजन,प्रार्थना करें।

ध्यान रखें ..आपके साथ जो घटित होता है वह आपके ही कर्मो का परिणाम है।शांति के साथ भुगतान करने की कोशिश करें, 

- अपने हाथों से दूसरों का भला करते चलो आपका भला स्वतः ही होगा।

धन्यवाद!