Guru Ayurveda

सोमवार, 9 मई 2022

भगन्दर [Fistula]फिस्टुला आयुर्वेद से कैसे ठीक हो?In hindi.

 #भगन्दर [Fistula]फिस्टुला आयुर्वेद से कैसे ठीक हो?In hindi.



Dr_Virender_Madhan.

मलद्वार के बाजू में एक फूंसी के रूप में यह एक रोग होता है। गुदा द्वार [Rectum] पर एक प्रकार की फोड़ा से पैदा होकर यह गुदा द्वार के अन्‍दर तथा बाहर नली के रूप में घाव पैदा करता है। अंग्रेजी भाषा में इसे फिस्टुला[Fistula] कहते हैं। यह फोड़ा कुछ दिनों में फूट जाता है और उसमें से मवाद तथा दूषित रक्त निकलने लगता है। मलद्वार के पास बहुत तेज दर्द होता है।

* अधिक चटपटी चीजें खाने के कारण ,

* अधिक देर तक बैठे रहने से,

* साईकिल, बाईक आदि चलाते रहने से,

* फ्राईड, बासी, फास्ट फूड के कारण कब्ज रहने से भगंदर रोग बन जाता है।


#भगंदर के क्या लक्षण होते है?

> गुदा में बार-बार फोड़े होना

> गुदा के आसपास दर्द और सूजन

> शौच करने में दर्द होता है।

> मलद्वार से रक्तस्नाव हो सकता है।

> बुखार सा लगना, ठंड लगना और थकान होना

> कब्ज होना, मल नहीं हो पाना

> गुदा के पास से बदबूदार और खून वाली पस निकलना 

ये सब भगंदर के लक्षण है।

#आयुर्वेद में भगंदर के इलाज ?

अमलतास (आरग्वध), हरीतकी (हरड़) और त्रिफला (आंवला, विभीतकी और हरीतकी का मिश्रण) प्रयोग किया जाता है। संपूर्ण सेहत में सुधार और फोड़ों को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग करते है जैसे 

** आरोग्‍यवर्धिनी वटी, 

* त्रिफला चूर्ण, या त्रिफला क्वाथ,

* त्रिफला गुग्‍गुल,अमृतागुग्गुल प्रयोग किया जाता है

* अभयारिष्‍ट ,

विड्गारिष्ट का उपयोग भी किया जाता है।

* जात्यादि तैल,कासीसादि तैल, करवीरादि तैल, भगंदर पर लगाने से राहत मिलती है।

ताम्रभस्म के योगो का प्रयोग किया जाता है।

* आयुर्वेद में भगंदर के इलाज के लिए क्षारसूत्र का प्रयोग किया जाता है, जिसका परिणाम बहुत अच्छा है। क्षारसूत्र एक मेडिकेटेड थ्रेड होता है। आयुर्वेद की कई औषधियों के योग से इस क्षारसूत्र का निर्माण किया जाता है। मरीज आपरेशन के बाद उसी दिन घर जा सकता है।

#भगंदर के घरेलू उपाय?

- नीम के पानी मलद्वार को साफ करें तथा निम्बोली का पेस्ट बनाकर भगंदर पर लेप करें।

- पीपल वृक्ष की अन्तरछाल का चूर्ण बनाकर किसी नली की सहायता से भगंदर पर बुरक दे कुछ दिनों में ही लाभ मिल जाता है।

- नीम का तैल और तिल का तैल मिलाकर रखने इसके लगाने से धीरे धीरे भगंदर ठीक हो जाता है।

- बथुआ के पत्ते तथा तम्बाकू के फल पीस कर लगाने से भगंदर मे आराम मिलता है।

- गुलर का दूध रूई मे लगाकर भगंदर मे अंदर कुछ दिनों तक रोज रखने से भगंदर मे लाभ मिलता है।

- बेर और नीम के पत्तों का चूर्ण बनाकर भगंदर मे भरने से आराम होता है।

- हरे मूंग को मुहं मे चबाकर नासूर मे लगाने से नासूर ठीक हो जाता है।

चोपचीनी , शक्कर, धी 30-30 ग्राम लेकर छोटे छोटे लड्डू बनाकर एक एक सवेरे शाम खायें।

- अपामार्ग के पत्तों का रस निकाल कर लगाने से भगंदर ठीक हो जाता है।

#भगन्दर रोग में क्या खाएं ?[Your Diet During Fistula]

भगन्दर से ग्रस्त लोगों का आहार मे:-

अनाज: पुराना शाली चावल ,गेहूं, जौ

दाल: अरहर, मूँग दाल, मसूर

फल एवं सब्जियां: हरी सब्जियां, पपीता, लौकी, तोरई, परवल, करेला, कददू, मौसमी सब्जियां, चौलाई, बथुआ, अमरूद, केला , सेब, आंवला, खीरा, मूली के पत्ते, मेथी, साग, सूरन, रेशेदार युक्त फल

अन्य: हल्का भोजन, घी, सैंधव (काला नमक), मटठा आदि खायें

अत्याधिक पानी पिएं।

#भगन्दर रोग में क्या ना खाएं [Food to Avoid in Fistula]

परहेज का भोजन।

अनाज: मैदा, नया चावल

दाल: मटर, काला चना, उड़द

फल एवं सब्जियां : आलू, शिमला मिर्च, कटहल, बैंगन, अरबी, आड़ू, कच्चा आम, मालपुआ, गरिष्ट भोजन

अन्य: तिल, गुड़, समोसा, पराठा, चाट, पापड़, नया अनाज, खट्टा और तीखा द्रव्य, सूखी सब्जियां, मालपुआ, गरिष्ठ भोजन (छोले, राजमा, उडद, चना, मटर, सोयाबीन)

सख्ती से पालन करें:- शराब, फ़ास्ट फ़ूड, आइसक्रीम, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, तेल मासलेदार भोजन, अचार, तेल, घी, अत्यधिक नमक, कोल्ड ड्रिंक्स, बेकरी उत्पाद, जंक फ़ूड नही लेना चाहिए।


 धन्यवाद!


रविवार, 8 मई 2022

गर्दन का दर्द|Cervical spondylitis,है तो क्या करें?In hindi.

 #गर्दन का दर्द|Cervical spondylitis,है तो क्या करें?



#गर्दन का दर्द|Cervical spondylitis.

Dr.VirenderMadhan.

गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव आम तौर से खराब आसन, नींद, तनाव या चिंता से होता है. नस का दबाव उस वक्त हो सकता है रीढ़ में डिस्क अपनी स्थिति से खिसक जाती है और नसों को दबाता है. इस रोग के हल्के से लक्षण दिखते ही ध्यान देना चाहिए और चिकित्सा करनी चाहिए क्योंकि इससे विकलांगता का भय रहता है हमेशा के लिए नुकसान हो सकता है.

#Cervical spondylitis|गर्दन का दर्द।

जो लोग गर्दन का अधिक प्रयोग करते है पढने लिखने के कार्य, उंचा तकिया लगाते है।खराब रोड पर वाहन चलने से, चोट लगने से या किसी अन्य रोग के कारणों से गर्दन का दर्द रहने लगता है।इसे सरवाइकल या सरवाइकल डिस्क प्रोब्लम भी कहते है।

#सरवाइकल के लक्षण:-

 * सिर के घुमाने से गर्दन मे कटरकटर की आवाज आती है।गर्दन पुरी तरह से नही घुमती है।

* गर्दन के झुकाने से भी दर्द होता है।यह दर्द गर्दन से कंधों व बांहों मे उतर जाता है।

* मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है।पैरों में भी कमजोरी महसूस होती है।

#गर्दन दर्द का आयुर्वेदिक ईलाज?

*गर्दन पर न्यूमोस तैल लगायें।

* समीरपन्नग रस पाउडर 30-40 मिग्रा शहद के साथ सुबह-शाम लें। 

* बलारिष्ट की2-3चम्मच समभाग पानी के साथ दिन में दो बार लें। 

* महारास्नादि काढ़ा का प्रयोग करें।

* निर्गुंडी तेल व बला तेल से दर्द के अनुसार दिन में 2-3 बार मालिश करें। 

* एसिडिटी में शिलाजीत व दूध के साथ गुग्गल लेना फायदेमंद है।


#गर्दन के पीछे दर्द हो तो क्या करना चाहिए?

जब हमारे गर्दन के पीछे दर्द ज्यादा बढ़ जाए, तो पानी को हल्का गर्म कर लें और उसमें नमक डालकर सूती कपड़े से गर्दन की सिकाई करें। अगर दर्द से जल्दी राहत चाहिए, तो दिनभर में कम से कम तीन से चार बार सिकाई करें। इससे बहुत फायदा मिलेगा। 

 - बर्फ की सिकाई के लिए आप बर्फ को तोलिए में लपेट कर गर्दन पर 15 मिनट तक सिकाई करें। 

- मोच या चोट की वजह से गर्दन में सूजन हो जाएं तो आप गर्म पानी से भी गर्दन की सिकाई कर सकते हैं। 

- गर्दन की मोच की वजह से ज्यादा परेशानी है तो आप नेक ब्रेस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपकी गर्दन को आराम मिलेगा।


#सर्वाइकल पैन से बचने पाने के लिए सावधानी:-

- बैठते समय अपनी गर्दन को सीधा रखें।

- मुलायम गद्दे की बजाय तख्त में लेटे।

- हल्दी वाला दूध पीयें।

- स्मोकिंग न करें।

- कैफीन युक्त चीजों से दूर रहें।

- रोजाना गर्दन से संबंधित एक्सरसाइज जरूर करें।

- भारी वजन न उठायें।

- तली भुनी चीचें न खायें।

- कढी,मठर,गोभी जैसी वातकारक भोजन न करें।

- समय पर सोयें,समय पर जागें।

धन्यवाद!


शनिवार, 7 मई 2022

गर्मी का घरेलू एनर्जी ड्रिंक|Energy Drinks for Summer: in hindi.

 गर्मी का घरेलू एनर्जी ड्रिंक|Energy Drinks for Summer: in hindi.



गर्मी का घरेलू एनर्जी ड्रिंक:-

Dr.Virender Madhan.

आजकल बाजार मे बहुत से एनर्जी ड्रिंक आ गए है लोग जब थकान कमजोरी महसूस करते है तो एनर्जी ड्रिंक पीने का प्रचलन बढ गया है।इसमें कैफिन जैसे उत्तेजक पदार्थ होते है तथा प्रजरेटिव होने के के कारण सेहत को नुकसान होने की काफी सम्भावना होती है।कुछ लोग इसमें शराब मिलाकर पीते है जो बहुत ही अधिक खतरनाक हो सकती है।

गर्मियों के दिनों मे कमजोरी महसूस करने पर प्रचीन समय से ही घरेलू शरबत, छाछ, दूध से बने पेय का प्रयोग करते थे जिनका किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता था गर्मी से बचने के साथ साथ बल भी मिलता है।

#एनर्जी ड्रिंक कब पीना चाहिए?

अधिक परिश्रम करने, एक्सरसाइज करने, गर्मी में बाहर से आने के बाद हमें पानी की अपेक्षा कोई Energy Drink की आवश्यता महसूस होती है। इस समय आपको एनर्जी ड्रिंक का सेवन करना चाहिए । आपको अपने लिए घर पर ही एनर्जी ड्रिंक बना कर पीना चाहिए। जो नेचुरल होगा और जिसका आपको भरपूर लाभ मिल सकेगा यह आपके लिए हानिकारक भी नहीं होगा।

#सबसे अच्छा एनर्जी ड्रिंक कौन सा है?

 #नारियल पानी और नींबू (coconut water and lemon juice)

 नारियल पानी को एक बेहतरीन नैचुरल एनर्जी ड्रिंक माना जाता है। कई बार शरीर में पानी की कमी होने पर कमजोरी या थकान महसूस होने लगती है, ऐसे में नारियल पानी पीना फायदेमंद माना जाता है। नारियल पानी में पोटैशियम अधिक होता है। साथ ही शरीर में पानी की कमी भी पूरी करता है।

#घर पर एनर्जी ड्रिंक कैसे बनाएं?

बनाने का तरीका

सबसे पहले नारियल पानी को एक गिलास में रख लें।

अब इसमें शहद डालें और इसे खूब अच्छी तरह मिलाएं।

जब तक शहद पूरी तरीके से नारियल पानी में ना मिल जाए इसे मिलाते रहें।

अब इसमें नींबू रस मिलाकर एक बार चम्मच से पूरी ड्रिंक को आपस में घोल दें।

** छाछ का एनर्जी ड्रिंक कैसे बनाये

- घर में अगर दही या छाछ हो तो उसे पानी डालकर थोड़ा पतला करें और आप इसे अपने अनुसार स्वाद दे सकते हैं। आप चाहे तो इसमें शकर व इलायची डाल कर लस्सी बना सकते हैं या फिर भुना जीरा काली मिर्च व काला नमक डाल कर पी सकते हैं। यह पेट में ठंडक देगा। इसमे आप पुदिना पाउडर मिला सकते है।

- नीबूं पानी-

ग्लास पानी में नींबू स्लाइस व खीरा स्लाइस डाल कर पी सकते हैं यह पानी का स्वाद भी बदल देगा और आपकी सेहत भी।

 नींबू-पानी जो मन को भाए - गर्मियों में राहत पाने का सबसे आम व खास नुस्खा है नींबू पानी।

- जौ (बार्ली)व नींबू ड्रिंक

जौ का पानी नींबू रस मिलाकर

रोजाना पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने और किडनी में स्टोन की समस्या में भी जौ का पानी पीने की सलाह दी जाती है। कब्ज, बवासीर और दस्त होने पर इसे पी सकते हैं। यह शरीर में होने वाले पोषक तत्वों और पानी की कमी को पूरा करता है।

- मिल्क शेक

समर सीजन में बॉडी को हाइड्रेट रखने और

एनर्जी बनाए रखने के लिए मिल्क शेक एक परफेक्ट ड्रिंक होता है

मिल्क शेक दूध और फ्रूट्स के कॉम्बिनेशन से तैयार होता है

यही वजह है कि ये टेस्टी होने के साथ-साथ हेल्दी भी होता है

हर उम्र के लोगों के लिए मिल्क शेक एक बेहतरीन हेल्थ ड्रिंक है

मिल्क शेक -दुध ,इलायची, रुह्अफ्जा मिलाकर बनाने से भी अधिक गुणकारी होता है।

#तुरंत एनर्जी के लिए ड्रिंक-

नींबू पानी मे अदरक का रस और शहद मिलाकर पीने से तुरंत एनर्जी मिलती है

#फलों के रस व बेल शरबत

सेव,आम केला का मिल्क शेक बनाकर पतला ही पीना चाहिए।

बेल के गुदे का शरबत बनाकर पीने से गर्मी से राहत मिलती है तथा सेहत मे सुधार होता है।

धन्यवाद!

शुक्रवार, 6 मई 2022

दूब घास आपके लिए अमृत समान है क्यों ? जाने हिन्दी में।


 दूब घास आपके लिए अमृत समान है क्यों ? जाने हिन्दी में।

दूब घास

By:-Dr_Virender_Madhan.

दूब या दुर्वा (वैज्ञानिक नाम- 'साइनोडॉन डेक्टिलॉन') पुरे वर्ष भर पायी जाने वाली घास है जो जमीन पर पसरते हुए या फैलते हुए बढ़ती है। हिन्दू संस्कारों एवं कर्मकाण्डों में इसका उपयोग किया जाता है ।

 #दुब के नाम ?

हिंदी में इसे दूब, दुबडा, संस्कृत में दुर्वा, सहस्त्रवीर्य, अनंत, भार्गवी, शतपर्वा, शतवल्ली, मराठी में पाढरी दूर्वा, काली दूर्वा, गुजराती में धोलाध्रो, नीलाध्रो, अंग्रेजी में कोचग्रास, क्रिपिंग साइनोडन, बंगाली में नील दुर्वा, सादा दुर्वा आदि नामों से जाना जाता है।

#दुब घास की धार्मिक मान्यता?

बरमूडा घास (Bermuda grass) भारत में पवित्र पौधा मानी जाती है इसे हिंदी में दूर्वा घास या दूब के रूप में जाना जाता है। यह हिंदुओं के लिए धार्मिक है क्योंकि इससे भगवान गणेश की पूजा की जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि    * दूब घास 'अमृत' की उत्पत्ति हैं।

* गणपति की पूजा में दूब घास से जुड़ा एक विशेष उपाय जो धन प्राप्ति के लिए है

- गणेश चतुर्थी को प्रात: काल स्नान करने के बाद गणेशजी के मंदिर में जाकर दुर्वा की 11 या फिर 21 गांठ अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से आपके हर काम से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और आपको धन की प्राप्ति होती है

* सफेद गाय के दूध मे सफेद दुब का तिलक लगाने वाले व्यक्ति का हर कार्य सफल होता है।

* अनलासुर जिसने स्वर्ग मे कोलाहल मचा रखा था गणेश जी उसे निगल गये बाद मे भगवान गणेश जी के पेट मे जलन पैदा हो गई ऋषियों ने उन्हें दूब घास खाने को दी जिससे उन पेट मे शान्ति हुई।

#क्या होता है दुब घास मे?

इसमें Vit.A, D, E ,और प्रोटीन पाया जाता है।

फास्फोरस कम तथा लवण ,कैल्शियम अधिक पाया जाता है।

#दुब घास से कौन कौन से रोग ठीक होते है?

इस पवित्र घास से 

* मधुमेह,

* PCOD, पोलिसिस्टिक ओवरी संड्रोम,

* प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।

* रक्त शुध्दि होती है

* हृदय बलदायक है।

* मिर्गी मे लाभदायक है।

* सिरदर्द,

* आंखों का दर्द,

* नकसीर मे बहुत उपयोगी होता है।


#दूब घास के फायदे?

यही नहीं दूब की घास शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम भी करती है. इसमें मौजूद एंटीवायरल और एंटीमाइक्रोबिल गुण बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं. दूब की घास थकान, तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं का भी समाधान करती है. डिप्रेशन और टेंशन जैसी मानसिक समस्याओं में भी दूब की घास बहुत लाभकारी है.

दूब पेट, यौन, और लीवर संबंधी रोगों के लिए असरदार मानी जाती है.

* दूब घास शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती है।

* अनिद्रा से राहत मिलती है।

त्‍वचा संबंधी समस्‍या जैसे खुजली, त्वचा पर चकत्ते ,एग्जिमा आदि मे आराम मिलता है इनमें दूब को हल्दी के साथ मिलाकर लेप करते है।

* दूब घास का रस पीने से प्यास से राहत मिलती है।पेशाब खुलकर आता है।गर्मी शांत होती है।

* लाईफ स्टाइल बिगड़ने से होने वाले एनीमिया दूर करने के लिए दुब रस अमृत के समान उपयोगी है

*नंगे पैर घास मे चलने से आंखों के लिए फायदेमंद है नेत्र ज्योति बढती है।

* मुंह के छाले पड जाये तो दुब का काढा बना कर कुल्ले करने से ठीक हो जाते है।

धन्यवाद!


मंगलवार, 3 मई 2022

Immunity बढाने वाली चमत्कारिक हर्ब “गिलोय”।in hindi.

 Immunity बढाने वाली चमत्कारिक हर्ब “गिलोय”।in hindi.



#गिलोय एक अमृत है।

By:-Dr.Viernder Madhan.

- गिलोय एक ऐसी औषधि है, जिसे अमृत तुल्य वनस्पति माना जाता है. अमृत तुल्य उपयोगी होने के कारण इसे आयुर्वेद में अमृता नाम दिया गया है. ऊंगली जैसी मोटी धूसर रंग की अत्यधिक पुरानी टहनी औषधि के रूप में प्रयोग होती है. आयुर्वेदिक द्रष्टिकोण से रोगों को दूर करने में सबसे उत्तम औषधि के रूप में गिनी जाती है.

#गिलोय से कौन कौन सी बीमारी खत्म होती है?

- गिलोय का इस्तेमाल हिचकी, टीबी, उल्टी, कब्ज, बवासीर, पीलिया, लीवर, डायबिटीज, गठिया, फाइलेरिया, कुष्ठ रोग, बुखार, एसिडिटी, कफ, कैंसर जैसी भयानक बीमारियों में भी काफी फायदेमंद होता है.

#गिलोय कैसे खाना चाहिए?

इसका सेवन हमेशा खाली पेट किया जाना चाहिए। अगर आपको बुखार है तो आप 40 ग्राम गिलोय की ताजी पत्तियों को मसलकर उसमें लगभग 250 मिली पानी मिलाकर रात भर किसी मिट्टी के बर्तन में रख दें। सुबह इस पानी को छानकर उसका सेवन करें। दिन में तीन बार इसकी दवा बराबर मात्रा यानी 20 मिली का सेवन करने से बुखार चला जाता है।

गिलोय के चमत्कारी फायदे – Health Benefits of Giloy


* मधुमेह में गिलोय का सेवन

कास, दौर्बल्य, प्रमेह, मधुमेह त्वचा के रोगों में तथा कई प्रकार के ज्वर में उत्तम कार्य करता है। गिलोय स्वरस 20 ग्राम में 1 ग्राम पिप्पली चूर्ण तथा एक चम्मच मधु मिलाकर सुबह व शाम को प्रयोग करें। 

* अपच की समस्या में गिलोय का सेवन

पाचन संबंधी समस्या में

अगर आपको अपच, कब्ज आदि समस्याएं हैं तो आपके लिए गिलोय की चटनी का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद होगा। इसका स्वाद थोड़ा कसैला होता है इसलिए इसमें आप मिश्री मिला सकती हैं। पर इसके अलावा और कोई भी मसाला इसमें नहीं मिलाना चाहिए।

#खांसी होने पर गिलोय का सेवन

गिलोय का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह संक्रामक रोगों के अलावा कास, बुखार, सर्दी-जुकाम ठीक करने के साथ ही खून भी शुद्ध करती है। इसके डंठल के टुकड़े करके उसका काढ़ा बनाकर पीना चाहिए।

# तीव्र ज्वर मे गिलोय सेवन।

गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए गिलोय का चूर्ण 20 ग्राम और 80 ग्राम पानी मिलाकर मिट्टी या धातु पात्र में धीमी आंच में पकाते है। कड़वाहट को कम करने के लिए इसमें 20 ग्राम की मात्रा में गुड मिलाया जा सकता है। पकते पकते जब चतुर्थांश ( एक चौथाई या 25 प्रतिशत ) शेष रह जाए तो इसको आंच से उतारकर गुनगुना ही सेवन करना चाहिए। काढ़ा बनाते समय कभी भी ढककर नहीं पकाना चाहिए। ऐसा करने से काढ़ा लघु से गुरु हो जाता है। जिसके पाचन में कठिनाई आ सकती है। काढ़े को बहुत अधिक समय तक बनाकर नहीं रखना चाहिए। अच्छा तो यही है कि इसको ताजा ही बनाकर पिए

ज्वर मे गिलोय घन वटी बनाकर भी लेते है।

#पीलिया में गिलोय का सेवन-

- गिलोय का सेवन पीलिया रोग में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय का एक चम्मच चूर्ण, काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में लाभ होता है। या गिलोय के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। एक चम्‍मच रस को एक गिलास मट्ठे में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।

#मोटापा कम करने के लिए गिलोय का सेवनकैसे करें?

​- यह न केवल पाचन में सुधार करता है बल्कि वजन घटाने के तरीकों में से भी एक है। वजन कम करने के लिए अगर आप गिलोय का सेवन करना चाहते हैं, तो आधा ग्राम गिलोय का रस लें और इसमें एक चुटकी शहद मिला ले।

धन्यवाद!

सोमवार, 2 मई 2022

गर्मी के दिनों में सुन्दरता कैसे बढायें.in hindi.

 #गर्मी के दिनों में सुन्दरता कैसे बढायें||Beauty tips for summer|| garmi ke mosam main glow kaise benay in hindi.



विषय:-

#गर्मी के दिनों में सुन्दरता कैसे बढायें?

Dr_Virender_Madhan.

#सुन्दरता बढाने वाले घरेलू द्र्व्य।

#ग्लो बढाने के लिए क्या करें?

# त्वचा का ग्लो बढाने लिए मालिस।

#दूध से सौंदर्य कैसे बढायें?

#चेहरे पर नींबू लगाने से क्या होता है?

#गर्मी में त्वचा के लिए क्या करें?

इस बार सर्दी खत्म होते ही गर्मी तेजी से बढ गई। घर से बाहर निकलते ही शरीर झुलसना शुरू हो जाता है।त्वचा में जलन शुरू हो जाती है।शरीर से पानी कम होने लगता है।त्वचा विकृत व काली हो जाती है।

लोग इस समस्या से बचने के लिए तरह तरह के प्रोडक्ट प्रयोग कर रहे है।केमिकल युक्त प्रोडक्ट के अपने कुछ साईड इफेक्ट के कारण सभी व्यक्ति इनका प्रयोग नही करते सकते,कुछ लोग महंगे प्रोडक्ट को खरीदने में असमर्थ होते है।

 * पहले घरों में लोग अपने हाथों से बने प्रसाधनों का प्रयोग करते थे।आजकल उन्हें लोग भुल गयें है।

कुछ घरेलू उपायों का यहां वर्णन कर रहें है जो बिल्कुल हानिरहित है किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।

#सुन्दरता बढाने वाले घरेलू द्र्व्य:-

दूध,बेसन,दही,नींबू, हल्दी, नारियल तेल,गुलाब जल, ग्लिसरीन, जौ का

आटा,तिल का तैल, चंदन का पाउडर, फल-सब्जियों, मुलतानी मिट्टी,गुलाब के फुल,आदि.

ये द्रव्य अगर आपके घर मे है तो बाहर का कोई भी प्रोजेक्ट खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। इन द्रव्यों का प्रयोग करके आप अपनी सुन्दरता को बढा सकते हो। गर्मी के मौसम मे अपने आपको बचा सकते हो।

#ग्लो बढाने के लिए क्या करें?

[अपनी सुंदरता कैसे बढ़ाएं?]

- हर कोई चाहता है कि उसका चेहरा सुंदर दिखाई दे.

लेप

दूध की मलाई चेहरे पर लगाएं

बेसन,चंदन पाउडर और आटे का उबटन लगाएं

मुल्तानी मिट्टी मे थोडी हल्दी और दुध मिलाकर फेसपैक बना कर चेहरे पर लगाएं इसमे आप गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को पीस कर मिला सकते है।

फलों व सब्जियों के पेस्ट बनाकर फैस पर लगा सकते है।

अगर त्वचा अधिक ओयली है तो जौ का आटा,चन्दन चुरा गुलाब जल मे थोडी हल्दी मिला कर फैस पर लगाने से लाभ मिलता है।

# त्वचा का ग्लो बढाने लिए मालिस।

अपने शरीर पर दुध , दही, तैल की अलग अलग मालिस कर सकते है या दुध, दही,तैल सभी  को मिलाकर मालिस कर सकते है।

मालिस के लिए सरसौ का तैल, बादाम तैल,जैतून का तैल उत्तम होता है मगर गर्मी के दोनों में दुध दही छाछ की मालिस ही ठीक है।

#दूध से सौंदर्य कैसे बढायें?

दूध के प्रयोग से अनेक लाभ मिलते है।

*फेशियल क्लींजर के रुप मे -

- जब आप पूरे दिन की थकान होती है तो बेहतर होगा कि आप अपने चेहरे को दूध की मदद से साफ करें। दूध एक बेहतरीन क्लींजर के रूप में काम करता है और आपके चेहरे के रोमछिद्रों में छिपी गंदगी व धूल को भी साफ कर देता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आप एक कॉटन बॉल को दूध में डिबोकर अपने को उस रूई की मदद से साफ करें।

* दुध वाला फेस पैक बनाएं

- इसके लिए आप दूध में थोड़ा बेसन व नींबू मिलाकर एक पैक तैयार करें और अपने चेहरे पर अप्लाई करें। जब यह सूख जाए तो हल्के हाथों से गुनगुने पानी की सहायता से चेहरा साफ करें। इस फेस पैक को अगर आप सप्ताह में एक बार इस्तेमाल करेंगी तो जल्द ही आपकी स्किन का कलर साफ होने लगेगा। 

* बेहतरीन स्क्रब है दुध बादाम।

इसके लिए आप बादाम को हल्का पीस लें और इसमें थोड़ा सा दूध मिलाएं। अब इस स्क्रबर की मदद से आप अपनी त्वचा को स्क्रब करें। आपको अपनी स्किन में एक बेहद बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। 

* दुध से बन जाएगा टोनर।

 दूध से बेहतर टोनर और कोई हो ही नहीं सकता। यह आपके स्किन के ऑयल को कंट्रोल करने के साथ−साथ उसे हाइड्रेट भी करता है। इसे टोनर की तरह इस्तेमाल करने के लिए रूई को दूध में डुबोएं और फिर उस रूई की मदद से अपने चेहरे पर हल्की मसाज करें। इसे कुछ देर ऐसे ही रहने दें। बाद में साफ पानी से चेहरा साफ कर लें।

* मुंहासों से भी छुटकारा मिलगा।

दूध आपके चेहरे के ऑयल को कंट्रोल करता है, जिससे मुंहासों की समस्या उत्पन्न ही नहीं होती। इस समस्या से निजात पाने के लिए दूध में भीगी हुई कॉटन से चेहरे की मालिश नियमित रूप से करें।

#चेहरे पर नींबू लगाने से क्या होता है?

नींबू का इस्तेमाल करके त्वचा पर मौजूद दाग-धब्बों को हल्का किया जा सकता है. इसके साथ ही त्वचा को निखारा जा सकता है और फेशियल हेयर्स को भी हल्का कर सकते हैं. कई बार नींबू का इस्तेमाल डैंड्रफ और सोरायसिस से राहत दिलाने में भी मददगार देखा गया है. 

#गर्मी में त्वचा के लिए क्या करें?

स्किन को ठंडा रखें स्किन को  सनबर्न से बचाने के लिए ठंडी तासीर की चीजें खाने के साथ ही त्वचा पर उन चीजों को लगाना भी होता है, जो त्वचा को ठंडक दें. ऐलोवेरा जेल, चंदन पाउडर, नींबू और दही, कच्चा आलू के अलावा केला और गुलाब-जल को चेहरे पर लगाकर चेहरे को ठंडा बनाकर रख सकते हैं. इससे चेहरे की स्किन सॉफ्ट बनी रहेगी.

* गर्मी में पसीने के ज़रिए शरीर की नमी निकल जाती है।

 स्किन को सुरक्षित रखने के लिए टोनर (जैसे दुध)का इस्तेमाल ज़रूर करें।

- हेल्दी स्किन के लिए बहुत ज़रूरी है कि आप भरपूर नींद लें।

- दिन में कम से कम दो बार फेस वॉश करें.

 - बहुत ज़रूरी न हो, तो दोपहर के समय घर से बाहर न निकलें।

त्वचा को सुरक्षित व गौरा रखने के लिऐ सप्ताह मे दो बार दुध, शहद, या नींबू पानी में डालकर 

स्नान करें।

धन्यवाद!

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रविवार, 1 मई 2022

एक पेड आपका घरेलू डाक्टर सेमल।in hindi.

 एक पेड आपका घरेलू डाक्टर सेमल।in hindi.

Silk cotton tree|सेमल|शाल्मली। 



इसको अनेक नामों से जानते है। शाल्मली,मोचा,स्थिरायु,सेमल,सेमर,सांवर,सिमली,Silk cotton tree लैटिन-Salmalia malabarica , आदि। 

#डा०वीरेंद्र मढान। 

सेमल (वैज्ञानिक नाम:बॉम्बैक्स सेइबा), इस जीन्स के अन्य पादपों की तरह सामान्यतः 'कॉटन ट्री' कहा जाता है। इस उष्णकटिबंधीय वृक्ष का तना सीधा, उर्ध्वाधर होता है। शाखाओं पर कांटे होते है। पत्ते पाणीवतः होते है। इसके लाल पुष्प की 5 पंखुड़ियाँ होतीं हैं।शाखा के अगले भाग मे लगते है 

 गुण:-पुरिषविरजनीय, शोणितस्थापन,वेदनास्थापन, कषायस्कंध,। 

सेमल के मूल का वात पैतिक विकारों मे तथा पुष्प , फल का प्रयोग कफपैतिक विकारों में करते है। 

#सेमल का बाहरी प्रयोग :- 

समेल की छाल को खिसकर व्रणशोथ,व दाह(जलन) मे लगाते है। रक्तस्राव होने पर पुष्प का स्वरस या चूर्ण लगाते है।

- दंतमंजन मे मोचरस(सेमल का गोंद)प्रयोग करते है। -मुखपाक मे मोचरस का अवचूरण (चूर्ण लगाना)करते है। - सेमल के कांटों का लेप बना कर चेहरे का रंग साफ करने के लिऐ तथा कीलमुंहासों पर लगाते है।



 सिमर का फूल खाने से क्या होता है?

 इस औषधियुक्त पेड़ का अलग-अलग स्वरूप में उपयोग पेचिश,गिल्टी या ट्यूमर, कब्ज कमर दर्द ,दूध बढ़ाने और खांसी आदि के निवारण में किया जाता है। सेमल के पेड़ को साइलेंट डाक्टर कहा जाए तो अनुचित नहीं होगा। इसके फूल, फल, छाल आदि कई बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर होते हैं। 

#सेमल का आभ्यान्तर प्रयोग:- 

* मोचरस का प्रयोग अतिसार, प्रवाहिका, ग्रहणी तथा अर्श(बवासीर) मे करते है।

 * रक्तपित्त मे सेमल के फुल तथा मोचरस देते है।

 * कास(खांसी)म कच्चे फलो का प्रयोग करते है। 

* अश्मरी(पथरी) ,मूत्रकृच्छ, वृक्कशूल मे कच्चे फलों का क्वाथ या चूर्ण देते है। 

* सेमल की मूसली (जड) शुक्रबर्ध्दक,वाजीकारक योगो मे प्रयोग की जाती है।

 * मोचरस शुक्रस्तम्भक योगो मे डाली जाती है। * श्वेत प्रदर,रक्तप्रदर, मे मोचरस व सेमल के फुल प्रयोग में आते है। 

#सात्मीकरण:- 

दौर्बल्य और कार्श्य मे सेमल की मुसली  बहुत उपयोगी है। #सेमल की मात्रा:- - मूल चूर्ण 5-10 ग्राम,  - पुष्प रस 10-20 मि०ली०, - निर्यास(मोचरस) 1-2 ग्राम.  

किसी भी औषधि का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य करें। 

धन्यवाद!