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शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

#लहसुन के फायदे व नुकसान.in hindi.


 लहसुन क्या है?

#लहसुन के फायदे व नुकसान.in hindi.

#Dr.VirenderMadhan.

लहसुन, ( Allium sativum ), Amaryllis परिवार (Amaryllidaceae) का बारहमासी पौधा, इसके स्वादिष्ट बल्बों के लिए उगाया जाता है। यह पौधा मध्य एशिया का मूल निवासी है लेकिन इटली और दक्षिणी फ्रांस में जंगली रूप से बढ़ता है और कई राष्ट्रीय व्यंजनों में एक उत्कृष्ट घटक है।

लहसुन एक स्वादिष्ट मसाला होता है जो व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसे धातुओं और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। इसका इस्तेमाल बीमारियों से लड़ने और उन्हें रोकने के लिए भी किया जाता है। इसमें अल्लिन नामक एक केमिकल होता है जो जीवाणुओं और विषाणुओं के विरुद्ध काम करता है जिससे इसके सेवन से व्यक्ति के शरीर में कुछ रोगों के लक्षण कम हो सकते हैं।

#लहसुन के औषधीय गुण:-

इसमें एलिसिन और सल्फर यौगिक भी होते हैं। साथ ही लहसुन में एजोइन (Ajoene) और एलीन (Allein) कंपाउंड भी पाए जाते हैं, जो लहसुन को असरदार औषधि बनाते हैं। इन तत्वों और यौगिकों की वजह से ही लहसुन का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन यही घटक लहसुन को संक्रमण दूर करने की क्षमता भी देते हैं (

लहसुन में अन्य औषधीय गुण भी होते हैं जैसे कि इसमें पाये जाने वाले सल्फर के कारण यह खून के प्रवाह को बढ़ाता है और हृदय रोगों, श्वसन तंत्र के रोगों, शुगर, जठरांत्र के रोगों, कैंसर आदि से बचाव और उपचार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

* लहसुन को खाने से पहले कुछ लोगों को उसके खास स्वाद और बदबू आती है। इससे बचने के लिए, आप इसे कुछ देर के लिए पानी में डाल सकते हैं, इससे लहसुन के दुर्गन्ध कम हो जाते हैं।

[यदि आप किसी भी रोग से पीड़ित हैं या लहसुन के सेवन से संबंधित कोई समस्या हो रही है तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।]


लहसुन के उपयोग से संबंधित अन्य एक महत्वपूर्ण बात है कि यह खून को पतला करने के कारण अगर आप रक्त पतला करने वाली दवाओं या एंटीकोगुलेंट दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो लहसुन का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।


अंतिम रूप से, लहसुन का उपयोग विभिन्न व्यंजनों में खासतौर से भारतीय खाने में बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसके अलावा यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी होता है, लेकिन उसका उपयोग समझदारी से किया जाना चाहिए।

* लहसुन के कई औषधीय गुण होते हैं जिससे यह विभिन्न प्रकार के रोगों में लाभदायक सिद्ध होता है। कुछ मुख्य रोगों में लहसुन के उपयोग के फायदे निम्नलिखित हैं:

हृदय रोग:-

 लहसुन में मौजूद सल्फुर हृदय रोगों से बचाव और उपचार के लिए बेहतर होता है। इसमें मौजूद अलिसीन हृदय रोगों से बचाव करने में मदद करता है, क्योंकि यह खून को पतला करता है जो अधिक चिकनाई के कारण हृदय रोगों की स्थिति को बिगाड़ सकता है।

मोटापा:-

 लहसुन में मौजूद अलिसीन वसा के स्तर को कम करने में मदद करता है जिससे मोटापा कम होता है।

श्वसन तंत्र के रोग: -

 लहसुन में मौजूद विभिन्न तत्वों के कारण, इसका उपयोग श्वसन तंत्र से जुड़े रोगों जैसे कि एस्थमा, ब्रोंकाइटिस और साइनस इंफेक्शन आदि के उपचार के लिए किया जाता है।

कैंसर:-

 लहसुन में मौजूद सल्फर और अन्य तत्व कैंसर से बचाव और उपचार के लिए बहुत उपयोगी है।

सामान्य रोग:-

 लहसुन के उपयोग से कुछ सामान्य रोगों जैसे जुकाम, खांसी, त्वचा संबंधी समस्याएं और पेट संबंधी समस्याएं भी ठीक हो सकती हैं।

इन्फेक्शन:-

 लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्व इंफेक्शन से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

आंतरिक जड़ से जुड़ी समस्याएं:-

 लहसुन में मौजूद तत्व आंतरिक जड़ से जुड़ी समस्याओं जैसे ज्वर, मलेरिया और विषाक्तता जैसी समस्याओं से लड़ने में मदद करते हैं।

लेकिन ध्यान रखें कि लहसुन एक तरह की औषधि होती है और इसका उपयोग अधिकतम मात्रा में किया जाना चाहिए ताकि यह दुष्प्रभावों का कारण न बने। अगर आप किसी भी रोग से पीड़ित हैं तो सलाह लेने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

करेला खाने के फायदे व नुकसान in hindi


 करेला खाने के फायदे व नुकसान in hindi

#करेला जूस के फायदे,

#करेला खाने के फायदे,

#करेला जूस के नुकसान,

#करेला खाने के नुकसान

करेला खाने के फायदे,

करेला एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए एक बहुत ही फायदेमंद सब्जी होता है। यह हमारे शरीर के लिए कई सारे गुणों से भरपूर होता है। 

#करेले के आयुर्वेदिक गुण:-

- करेला लघु यानि हल्का और रूक्ष है।

- तित्ता,व कडुआ है।तासीर मे गर्म है.

यह कफपित्त शामक है।यह वात को नही बढाता है।

यह कुष्ठघन है,

यह कृमिनाशक है,शरीर के शोथ को कम कर देता है,

* वजन घटाने में मददगार:– 

यह मेदोहर है।

करेले में कम कैलोरी होती हैं, इसलिए वजन घटाने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है। इसके अलावा, करेले में फाइबर और विटामिन सी की मात्रा भी अधिक होती है जो आपको वजन घटाने में मदद करती है।

* डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयोगी:–

यह मधुमेह की अच्छी औषधि है।आमदोष को पचाता है।

 करेले में मौजूद इन्सुलिन जैसे प्रदर्शन देने वाले तत्व शुगर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद उपयोगी होता है।

*हृदय रोगों के लिए फायदेमंद:– 

करेले में पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी की मात्रा होती है जो हृदय रोगों को रोकने में मदद करते हैं।

* इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं:–

यह आमाशय तथा यकृत की क्रिया को सुधारता है.

 करेले में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है जो आपके इम्यन सिस्टम को मजबूत बनाती है और रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है।

* त्वचा के लिए उपयोगी:–

उदर्द, कुष्ठ, आदि त्वचा रोग मे लाभकारी है

 करेले में विटामिन सी और बी6 की मात्रा अधिक होती है जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखती है। इसके अलावा, करेले में अंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं जो त्वचा को फ्री रेडिकल से बचाते हैं।

* नेत्र रोगों के लिए उपयोगी:– 

करेले में विटामिन ए, विटामिन सी और जिंक की मात्रा होती है जो आपकी आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

* गुर्दे के लिए उपयोगी:–

 करेले में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है जो गुर्दे के स्वस्थ रहने में मदद करता है। इसके अलावा, करेले में फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है जो मल मूत्र में से नकारात्मक तत्वों को निकालने में मदद करता है।

* ये थे कुछ करेले के लाभ। हालांकि, कुछ लोग करेले का स्वाद नहीं पसंद करते हैं इसलिए उन्हें करेले को खाने के फायदों से वंचित रहना पड़ सकता है। 



#करेले खाने के नुकसान:-

 कुछ नुकसानों के बारे में जानकारी ,

 गुर्दे की समस्या से पीड़ित हों तो आपको हो सकता है नुकसान क्योंकि करेले में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। इसलिए, ऐसे लोगों को करेले का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

* जो ब्लड थिनर्स (रक्त थक्का करने वाली दवाएं) का सेवन करते हैं उन्हें नुकसान हो सकता है, ऐसे लोगों को खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

* कुछ लोगों को करेले का सेवन करने से एलर्जी हो सकती है। इसलिए, इसका सेवन करने से पहले एलर्जी से प्रभावित होने वाले लोगों को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

* करेले का सेवन गुर्दे के रोग के लिए हानिकारक हो सकता है, जो लोगों को गुर्दे के रोग से पीड़ित हो उन्हें नुकसान हो सकता है।

* करेले में अधिक मात्रा में फाइबर होता है, जो कुछ लोगों के लिए पाचन के समय असुविधाजनक हो सकता है।

- इन समस्याओं के अलावा, करेले को उचित मात्रा में सेवन करना ज्यादातर लोगों के लिए स्वस्थ रहने में मददगार होता है। इसे एक स्वस्थ आहार के रूप में शामिल करने से अन्य खाद्य पदार्थों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है और शरीर के अन्य भागों को सुचारू रूप से काम करने में मदद मिलती है।

आयुर्वेद के अनुसार मात्रा:-

स्वरस:-10–20 ml

करेले अधिक खाने से उपद्रव होने पर चावल और धी खिलाते हैं

शुक्रवार, 31 मार्च 2023

#सुबह खाली पेट अमरुद के पत्ते खाने से का होता है?In hindi.

 #सुबह खाली पेट अमरुद के पत्ते खाने से का होता है?In hindi.



#अमरुद के पत्तों के फायदे

#benefits of guava leaves

#Dr.VirenderMadhan.

 अमरूद के पत्ते, रोज सुबह खाने से निम्न लाभ होते है–

–अमरूद के पत्तों से वजन ठीक रहता है.

–अमरूद के पत्ते पाचन शक्ति को बेहतर करते हैं.

–अमरुद पत्तों का काढा पीने से दमा को ठीक होता हैं. 

–अमरूद के पत्ते डायरिया में फायदेमंद हैं 

–अमरूद के पत्ते खाने से त्वचा को एलर्जी से बचाते हैं 

–प्लेटलेट्स कम होने पर बढ़ाने में मददगार होते है.

–एनीमिया में अमरूद के पत्ते पानी मे पकाकर लेने से फायदा होता है।

–इम्यूनिटी जब कम होती है तब मजबूत करने के लिये अमरुद के पत्तों का काढा प्रयोग किया जाता है.

– जब ब्लड प्रेशर हाई रहता है तब इसे कंट्रोल करने के लिये अमरुद की नरम नरम पत्तियों को खाने के काम मे लाया जाता है.

– टॉक्सिन्स बाहर निकलने के काम भी आता हैं.

–डायबिटीज में अमरूद की पत्तियाँ खाने से फायदेमंद सिद्ध होते है

_ मुखपाक मे अमरुद के 1या2 पत्रे चबाने से मुखपाक ठीक हो जाता है।

डा०वीरेंद्र मढान,

बुधवार, 29 मार्च 2023

एंग्जाइटी है तो क्या करें उपाय? In hindi.

 एंग्जाइटी है तो क्या करें उपाय? In hindi.

एंग्जाइटी क्या होता है ?



What is anxiety?

#चिंता

हर दिन की स्थितियों के बारे में तीव्र, अत्यधिक और लगातार चिंता व डर. तेज़ दिल की धड़कनें, तेज़ी से श्वास-प्रश्वास, पसीना, और थकान महसूस हो सकते हैं.

#आम वजहें

सार्वजनिक भाषण या परीक्षा देने जैसी तनावपूर्ण स्थितियों में बहुत ज़्यादा चिंता होना सामान्य-सी बात है. किसी बीमारी के होने के बारे में यह तभी बताता है जब भावनाएं बहुत बढ़ जाएं, बाकी चीज़ों पर हावी हो जाएं और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर करने लगें.

 एंग्जाइटी एक मानसिक रोग है, जिसमें रोगी को तेज़ बैचेनी के साथ नकारात्मक विचार, चिंता और डर का आभास होता है । 

जैसे, अचानक हाथ कांपना, पसीने आना आदि । अगर समय पर इसका सही इलाज न किया जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है और मिर्गी का कारण भी बन सकता है ।

#एंग्जायटी क्यों होती है?

चिंता और उदासी का कारण

– चिंता और उदासी बढ़ने का कारण एंग्जायटी हॉर्मोन होता है, जिसे कोर्टिसोल कहते हैं। जब दिमाग की एड्रेनल ग्लैंड इसका उत्पादन ज्यादा करने लगती है, तो मरीज को तनाव व अवसाद घेर लेता है। इसके अलावा, सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे फील-गुड हॉर्मोन का गिरना भी विंटर ब्लूज का कारण बनता है।

#एंजायटी को कैसे दूर करे?

#How to remove anxiety?

- हल्के व्यायाम करें

इस हार्मोन के बढ़ने पर मूड में सुधार आ सकता है। तनाव होने पर हल्के व्यायाम जैसे कि वॉकिंग या स्विमिंग फायदेमंद साबित सकती है। इस दौरान एक्सरसाइज करने बहुत मदद मिलती है। 

#एंग्जायटी में क्या नहीं खाना चाहिए?

What should not be eaten in anxiety?

– हाई सोडियम फूड

चिप्स, केक, पेस्ट्री, बेक्ड आइटम व पैक्ड फूड आदि का अधिक सेवन आपके लिए परेशानी भरा हो सकता है। सोडियम की अधिकता हार्ट रिस्क को बढ़ाता है। साथ ही, यह आपके साइकोलॉजिकल हेल्थ के लिए भी अच्छा नहीं है। इतना ही नहीं, डिप्रेशन व एंग्जाइटी के रोगी कुछ दवाईयों का सेवन करते हैं, जो वजन बढ़ाती हैं।

#Anxiety मे क्या खायें?

What to eat in anxiety?

अपने भोजन में संतुलित पोषण के साथ सुगंधित खाद्य पदार्थ शामिल करना आपकी चिंताओं को कम करने में मदद कर सकता है। कुछ खाद्य पदार्थ जो आपकी चिंताओं को कम करने में मदद करते हैं :–

खजूर:-

 खजूर शांतिदायक खाद्य पदार्थ होते हैं जो एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं। खजूर में मौजूद ग्लूकोज शरीर के लिए उपयोगी होता है, जो चिंताओं को कम करने में मदद करता है।

ब्राउन राइस:-

 ब्राउन राइस में मैग्नीजियम होता है जो चिंताओं को कम करने में मदद करता है। ब्राउन राइस मे बी विटामिन की अच्छी स्रोत होता है।इससे भी मन मे शांति मिलती है।

अलसी के बीज:-

 अलसी के बीजों में मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड चिंताओं को कम करने में मदद करता है। अलसी के बीज आपको तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

खजूर:-

 खजूर में भरपूर मात्रा में मैग्नीजियम और विटामिन बी-कंप्लेक्स से भरपूर होता है जो चिंताओं को कम करने में मदद करते हैं।

तुलसी चाय:- 

 तुलसी चाय में मौजूद तत्वों में तुलसी आपको तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। तुलसी आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।

सफेद धनिया:-

 सफेद धनिया एक शांतिदायक खाद्य पदार्थ होता है जो आपकी चिंताओं को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड आपके मन को शांत करने में मदद करता है।

इन खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करने के साथ-साथ, आप आहार में ज्यादा पानी, हरे सब्जियां, फल, नट्स और सीधे खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, ओट्समील इत्यादि को शामिल कर सकते हैं जो पक्के खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक फाइबर होते हैं और आपको स्वस्थ और शांति महसूस करवाते हैं।

और आपको अपने खाद्य पदार्थों में अनुभव करने वाली उत्तेजक पदार्थों जैसे कॉफी, एनर्जी ड्रिंक आदि की मात्रा को कम कर देना चाहिए जो आपके तनाव को बढ़ा सकते हैं।

ध्यान रखें कि ये आहार तरल  होने चाहिए जैसे कि पानी, नारियल पानी, नींबू पानी आदि जो आपको हाइड्रेटेड रखेंगे और आपकी चिंताओं को दूर करने में मदद करेंगे।

** ध्यान रखें कि आपकी खान-पान की आदतों को बदलने के बजाय अनुकूलता के साथ आप इन आहार पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर लेना चाहिए। इन आहार पदार्थों को शामिल करने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, खासकर अगर आपकी कोई शारीरिक समस्याएं हैं

सोमवार, 27 मार्च 2023

किडनी खराब है तो क्या करें?In hindi.


 #किडनी खराब है तो क्या करें?In hindi.

</>Kidney kharabहै to kya karen
</>किडनी खराब है तो क्या करें
</>किडनी खराब है तो क्या करें घरेलू उपाय
</>किडनी खराब हो जाये तो क्या करें?

#किडनी सिकुड़ने पर क्या करें?

- फल और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं।

 - अंगूर खाएं, क्योंकि ये किडनी से फालतू यूरिक एसिड निकालते हैं।

 - खाने में नमक, सोडियम और प्रोटीन की मात्रा घटा दें।

कम सोडियम / नमक वाले आहार करें, आहार में सोडियम या नमक का सेवन नियंत्रण में रखें। 

#किडनी को ठीक करने के लिए क्या करना चाहिए?

या

#किडनी को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?

निम्न उपायों को अपनाएँ 

1. व्यायाम करें या श्रम करें,

2. मीठा कम ही खायें 

3. रक्तचाप सामान्य रखें 

4. वज़न नियंत्रित रखें 

5.पर्याप्त जल का सेवन करें 

खूब पानी पिएं, यह आपके किडनी को स्वस्थ रखने का सबसे आम और सरल तरीका है। भरपूर पानी, विशेष रूप से गर्म पानी का सेवन करने से गुर्दे को शरीर से सोडियम, यूरिया और विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है।

6.धूम्रपान से बचें 

7.एलोपैथीक दवाइयों के अधिक सेवन से बचें 

#किडनी साफ करने के लिए क्या पीना चाहिए?

- किडनी की सफाई के लिए गर्म पानी एक अच्छा विकल्प है। 

– आप 1 लीटर पानी में 5 ग्राम अदरक और 5 ग्राम तक धनिया के बीज को लेकर एक साथ उबालें, जब तक 1 लीटर पानी पक कर 100 ग्राम तक ना हो जाए। इसे गुनगुना होने दें और फिर सेवन करें।

#किडनी को साफ करने के लिए क्या खाएं?

इन 9 चीज़ों को करें डाइट में शामिल

1-मूली या मूली का रस पीयें

2-पपीता खायें

3- अनानास खायें

4-आंवला,आवलों का रस,आमलकी रसायन लें,

5-धनिया का पानी बना कर कुछ दिन लगातार लें.

6-नींबू पानी पीयें,

7-नारियल पानी और

8-पानी खुब पीयें

9-जौं को भोजन में शामिल करें ,जौका पानी बनाकर पीयें.

#किडनी का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार पुनर्नवा, गोक्षुर, वरूण, गुडुची, कासनी, तुलसी, अश्वगंधा तथा आंवला जैसी आयुर्वेदिक बूटियां किडनी फंक्शन को ठीक करने में सफल है.

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 25 मार्च 2023

सर्वाइकल दर्द का रामबाण ईलाज क्या है?In hindi.


 सर्वाइकल दर्द का रामबाण ईलाज क्या है?In hindi.

Cervical का दर्द

Dr.VirenderMadhan.

Cervical का दर्द क्या होता है,

यह दर्द एक आम समस्या हो गई है जो व्यक्ति के उम्र, स्थिति और उनकी गतिविधियों पर निर्भर करती है।

Cervical pain.

गर्दन और कंधे में दर्द गर्दन से लेकर बांह तक बहुत तेज़ दुखे या बिजली के झटके की तरह महसूस होती है

सर्वाइकल का दर्द गर्दन से शुरू होकर पीठ तक पहुंच सकता है, इसके अलावा शरीर के और भी हिस्सों में हो सकता है. गर्दन में दर्द और अकड़न की समस्या सर्वाइकल का सबसे पहला लक्षण माना जाता है. यही वजह है कि आपके गर्दन में अकड़न हो जाती है और आप गर्दन घुमाने में भी असमर्थ हो जाते हैं.

#सरवाइकल के लक्षण

सर्वाइकल पेन के लक्षण

- गर्दन में जकड़न, दर्द

- गर्दन में सूजन और दर्द

- गर्दन की मांसपेशियों में दर्द

चक्कर आना

- सिर दर्द होना

- लगातार जी मिचलाना

- हाथ पैर में अक्सर झुनझुनी महसूस होना

- गर्दन को हिलाने पर गर्दन में से हड्डियों के टुटने जैसी आवाज़ का आना।

- हाथ, बाजू और उंगलियों में कमजोरी महसूस होना या उनका सुन्न हो जाना

- व्यक्ति को हाथ और पैरों में कमजोरी के कारण चलने में समस्या होना और अपना संतुलन खो देना हो जाता है.

#Cervical सर्वाइकल क्यों होता है?

CAUSES

सर्वाइकल मुख्य रूप से उन लोगों को होता है, जो सिर को एक तरफ झुकाकर घंटों कमप्यूटर पर काम करते रहते हैं या फिर एक ही पॉजिशन में फोन पर घंटों बात करते रहते हैं। लंबे समय तक एक ही पॉजिशन में बैठने से कान और गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और इस वजह से आपको कई तरह की परेशानियां भी होती हैं।

#सरवाइकल सिरदर्द का ईलाज 

अगर आपको सर्वाइकल दर्द की समस्या है तो कुछ सामान्य उपाय हो सकते हैं जैसे अधिक आराम, गर्म या ठंडे पैड का उपयोग, उचित बैठने की अभ्यास या फिर योग आदि।

#सर्वाइकल का रामबाण इलाज क्या है?

अगर आपको सर्वाइकल पेन है तो एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर उबाल लें. इसके बाद इसे ठंडा करके इसमें एक चम्मच शहद मिला लें. इसे रोज दिन में दो बार पीने से गर्दन के साथ-साथ शरीर के किसी भी दर्द में राहत मिलती है. 

सिकाई- 

गर्दन में दर्द की वजह से कई बार सूजन भी आ जाती है.इसके लिए गर्म ठंडी सिकाई से आराम मिलता है.

#सर्वाइकल में कौन सा तेल लगाएं?

अरंडी के तेल से मसल्स और हड्डियों दोनों को मजबूती मिलती है. सर्वाइकल के दर्द को कम करने में भी अरंडी का तेल असरदार है.

#सर्वाइकल में क्या परहेज करना चाहिए?

सर्वाइकल के दर्द से बचने के लिए शराब, धू्म्रपान, तंबाकू का सेवन बिल्कुल ना करें। चाय, कॉफी, मीठा, खट्टा और तला हुआ खाने से परहेज करें। डॉक्टर की सलाह से बताई गई एक्सरसाइज जरूर करें क्योंकि इससे काफी सुकून मिलता है

* लेकिन अगर आपको यह समस्या बहुत दिनों से हो रही है, तो आपको एक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वे आपके लिए सही उपचार और दवा बताने में सक्षम होंगे जो आपकी समस्या को ठीक कर सकते हैं।

#सर्वाइकल दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपचार कुछ निम्नलिखित हैं:

* पंचकर्म चिकित्सा:-

 इसमें आपको विशेष मालिश के साथ स्नेहन, स्वेदन, विरेचन, नस्य और रक्तमोक्षण

* स्नेहन चिकित्सा: इसमें शरीर के लिए तैल या स्नेह उपयोग किया जाता है। यह दर्द और स्पास्म को कम करने में मदद करता है।

* धूम्रपान:-

 धूम्रपान करने से संचित कोफ, स्लाइम और धूम्रपान संबंधी दोषों का नाश होता है जो सर्वाइकल दर्द के कारण बनते हैं।

* दही:-

 दही और दूध सर्वाइकल दर्द में लाभकारी होते हैं। यह शरीर के दर्द को कम करने में मदद करता है।

#आयुर्वेदिक दवाएं:- आयुर्वेदिक दवाएं जैसे महानारायण तैल, सैंधवादितैल, और ज्योतिष्मती तैल इत्यादि सर्वाइकल दर्द में लाभदायक होती हैं।

शलाकी, रास्ना, गुग्गुलु (कोमीफोरा मुकुल), गुडुची (टीनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया), अश्वगंधा (विथानिया सोमनीफेरा), शुंठ,सौंठ (अदरक) जैसी आयुर्वेदिक दवाएं और साथ ही कुछ रस औषधियां जैसे:-

 वातविध्वनसंन रस, बृहतवातचिंतामणि रस, सर्वाइकल के इलाज के लिए सबसे अच्छी दवाएं हैं। स्पोंडिलोसिस लेकिन इनका उपयोग अवश्य किया जाना चाहिए.

इन आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग करके सर्वाइकल दर्द को कम किया जा सकता है। 

धन्यवाद!

#डा०वीरेंद्र मढान,

मंगलवार, 21 मार्च 2023

मखाने खाने के क्या फायदे होते है?in hindi.

 मखाने खाने के क्या फायदे होते है?in hindi.



#Dr.VirenderMadhan.

मखाने खाने के कई फायदे होते हैं। यह एक प्राकृतिक खाद्य है जो उच्च पोषण मूल्य वाला होता है और आपके शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है।

कुछ मुख्य फायदों में शामिल हैं:–

* मखाने खाने से पाचन तंत्र को सुधारता है:– 

मखाने खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसमें फाइबर का अच्छा स्रोत होता है जो आपके पेट में खुराकों को अच्छी तरह से पचाने में मदद करता है।

मखाने पाचन में सुधार करने और कब्ज को दूर रखने में मदद करते हैं । वे महान एंटी-एजिंग खाद्य पदार्थ हैं क्योंकि उनमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। रोजाना मुट्ठी भर मखाने भी आपको जवां त्वचा देंगे।

* मखाने वजन घटाने में मददगार होते है:–

वजन घटाने के लिए मखाना  एक कप या 32 ग्राम मखानों में 106 कैलोरी होती है. फॉक्स नट्स एक बढ़िया स्नैक बना सकते हैं क्योंकि वे कैलोरी में कम होते हैं. मखाने आपको ज्यादा समय तक भरा हुआ रख सकते हैं, प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा की उपस्थिति आपको ओवरईटिंग और क्रेविंग से बचाने में मदद करता है.

 मखाने कम कैलोरी वाले खाद्य होते हैं जिससे आपका वजन घटने में मदद मिलती है। इसके अलावा, इसमें शामिल फाइबर आपको भूख कम करने में मदद करता है जिससे आप अधिक नहीं खाएंगे।

* मखाने एलर्जी को कम करने में मददगार: -

मखाने में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो आपकी शरीर को बिना किसी संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इससे आपके अलर्जी के लक्षण भी कम होते हैं।

* मखाने बढ़ती उम्र को कम करने में मददगार:–

मखाने में फ्लेवोनॉइड्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो वजन कम करने के अलावा बढ़ती उम्र का असर कम करने और कई बीमारियों से बचाने में मददगार हैं। इसे देसी घी में भूनकर खाने से डायरिया में आराम मिलता है और दूध में मिलाकर खाने से पेट की जलन दूर होती है। मखाने को कच्चा, सेंक कर, उबालकर या पीसकर भी खा सकते हैं।

 मखाने में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो आपके शरीर को बुढापे के लक्षणों दूर करती है। इससे आपकी त्वचा स्वस्थ और जवान रहती है।

* मखाने हड्डियों के लिए अच्छे होते है:– 

मखाने में कैल्शियम होता है जो आपकी हड्डियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। इससे आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं और आपको ऑस्टियोपोरोजिस की समस्या से बचाया जा सकता है।

* अच्छे नींद के लिए मखाने खाना उपयोगी होता है:– 

 रात को सोते समय एक गिलास दूध में मखाना उबालकर खाने से नींद के पैटर्न में सुधार आत है. इसके साथ ही नींद की बीमारी भी ठीक होती है. दरअसल इसमें तनाव और चिंता को दूर करने के गुण पाए जाते हैं जो नींद लाने में आपकी मदद करेगा

मखाने में मेलेटोनिन होता है जो आपकी नींद को सुधारने में मदद करता है। 

धन्यवाद!