Guru Ayurveda

सोमवार, 19 जून 2023

दूध पीने के फायदे और नुकसान?

 “दूध के फायदे”

#रोज दूध पीने के 5 फायदे

#दूध पीने के फायदे और नुकसान? Ko

#Dr.VirenderMadhan,

दूध पीने के 5 फायदे

दूध पीना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई फायदे प्रदान करता है। यहां आपको दूध पीने के पांच मुख्य फायदों के बारे में बताया जा रहा है:

*पौष्टिकता और ऊर्जा की आपूर्ति:–

 दूध विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी, रिबोफ्लेविन, विटामिन बी12, आदि जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करके शक्तिशाली रखता है और सामान्य विकास के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करता है।

*हड्डियों के लिए गुणकारी:–

 दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। कैल्शियम न हिमोग्लोबिन उत्पादन में मदद करता है न ही यह शरीर के ऊर्जा संतुलन और न्यूरो-मस्कलर कार्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।

*मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए उपयोगी:–

 दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे कि प्रोटीन, विटामिन बी12 और आयरन मस्तिष्क के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। इन पोषक तत्वों की उपस्थिति से, दूध मस्तिष्क को शक्तिशाली रखता है, मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है और दिमागी कार्य को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही, दूध में मौजूद डोपामाइन और सीरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर भी मूड को सुधारने में मदद करते हैं।

*मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण:–

 दूध गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली मां के लिए विशेष महत्व रखता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है और स्तनपान कराने वाली मां के शरीर में उच्च गुणवत्ता वाला दूध उत्पन्न करने में मदद करता है। यह बच्चे को शक्तिशाली बनाने में मदद करता है और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारता है।

*मधुमेह के नियंत्रण में मददगार:–

 दूध में मौजूद विटामिन डी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और विटामिन बी12 मधुमेह के नियंत्रण में मददगार साबित हो सकते हैं। इन तत्वों की उपस्थिति मे मधुमेह के नियंत्रण में मददगार होती है क्योंकि ये तत्व इंसुलिन के संश्लेषण और उपभोग को समर्थन करते हैं। विटामिन डी के साथ कैल्शियम का संयोजन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। मैग्नीशियम इंसुलिन संश्लेषण को सुधारता है और ग्लूकोज के संचय को नियंत्रित करता है। विटामिन बी12 रक्त में होमोसिस्टीन नामक एक उच्च स्तर के तत्व को कम करने में मदद करता है, जो मधुमेह के जोखिम को कम करने में मददगार होता है।

>>यदि आप मानसिक तनाव से पीड़ित हैं या मधुमेह से पीड़ित हैं, तो दूध पीना आपके लिए उपयोगी हो सकता है। हालांकि, ध्यान दें कि इन फायदों का आनंद लेने के लिए, आपको समान्य रूप से अच्छी गुणवत्ता वाले और कम या निम्न वसा वाले दूध का सेवन करना चाहिए। यदि आप किसी विशेष चिकित्सा स्थिति में हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

#दूध के आयुर्वेद के अनुसार गुण–

आयुर्वेद में दूध को एक महत्वपूर्ण पदार्थ माना जाता है और इसे विभिन्न गुणों से युक्त माना जाता है। यहां कुछ मुख्य आयुर्वेदिक गुणों की संक्षेप में दूध के बारे में बताया जा रहा है:

*शरीरिक पौष्टिकता:–

 दूध पौष्टिकता का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन बी12, और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।

*धातुओं का उत्पादन:–

 दूध धातुओं के उत्पादन में मददगार होता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन बी12 और विटामिन डी धातुओं की गठन प्रक्रिया को समर्थन करते हैं।

*नर्वस सिस्टम के लिए मददगार:–

 दूध में पाया जाने वाला शॉर्ट-चेन फैट एसिड नर्वस सिस्टम के लिए उपयोगी होता है। यह न्यूरोट्रांस्मीटर्स के उत्पादन को सुधारता है और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

*शरीर को स्वच्छ रखने की क्षमता:– 

दूध में मौजूद लैक्टोफेरिन एंटीमाइक्रोबियल गुणों से युक्त होता है जो शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। यह बैक्टीरिया और वायरसों के विरुद्ध लड़ने में मदद करता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।

*स्वास्थ्यप्रद ग्रहणशक्ति:–

 दूध में पाया जाने वाला विटामिन डी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है जो स्वस्थ ग्रहणशक्ति को बढ़ावा देते हैं। यह रोगों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है और सामान्य स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मददगार होता है।

ध्यान दें कि आयुर्वेदिक उपचार व्यक्ति के शारीरिक प्रकृति, दोषों और विकृतियों के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। दूध के सेवन से पहले, यदि आप किसी विशेष चिकित्सा स्थिति में हैं या किसी खाद्य प्रतिक्रिया के प्रति संवेदनशील हैं, तो आपको अपने वैद्य से परामर्श लेना चाहिए।

धन्यवाद!

#डा०वीरेन्द्रमढान,

शुक्रवार, 16 जून 2023

बालों को कैसे काला रखें?

 

#बालों_को_काला_बनाये_रखने_के_लिए_क्या_करें?

#Dr.VirenderMadhan.

#बालों को कैसे काला रखें?

घरेलू विधि:–

 * बालों को काला रखने के कई घरेलू उपाय है | घरेलू नुस्खे बालों को नुकसान भी नहीं पहुंचायेंगे क्यूंकि इनमे किसी भी प्रकार का रसायन नहीं रहता है |

1– चायपत्ती को एक कप पानी में कम से कम २० मिनट तक उबालें | अब पानी को छान ले और इसमें मेहँदी भिगोये ; १-२ घंटे बाद यह मेहँदी अपने बालों पर लगा लें | यह उपाय हर सात दिन में कम से कम २ बार करें, इससे बाल भी कुदरती काले बने रहेंगे व मेहँदी कंडीशनर का भी काम करेगी |


2– दानामेथी के चूर्ण को नारियल के तेल व एक चम्मच निम्बू के रस में मिलाकर के बालों पर १-२ घंटे तक लगा रहने दे व फिर गुनगुने पानी से बाल धो ले|

3–रात को सोने से पहले बालों पर तिल्ली का तेल लगाएं व सुबह धो ले |

4– इनके अलावा जैतून का तेल, नारियल का तेल भी बालों को काला रखते है |

बालों को काला करने के लिए घरेलू उपाय,

कुछ घरेलू उपाय;-

5–हेना- महेंदी:–

 हेना प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले पौधों के पाउडर होते हैं जो बालों को काला बनाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए, आप हेना और इंदिगो पाउडर को नींबू के रस के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे बालों पर लगाएं। इसे करीब 2-3 घंटे तक लगाए रखें और फिर बालों को धो लें। यह प्रक्रिया काफी बार दोहरानी पड़ सकती है ताकि आपके बालों की चाहीं काली चमक आ जाए।


6–आमला (Indian Gooseberry):–

 आमला बालों को काला करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। आप आमला पाउडर को नारियल तेल के साथ मिश्रित करके मास्क बना सकते हैं और इसे बालों में लगा सकते हैं। इसे 1-2 घंटे तक लगाए रखें और फिर धो लें। नियमित रूप से इस्तेमाल करने से बाल काले होने लगेंगे।

Q :-काले बाल कैसे रखें?

बालों को काला करने के लिए आंवला और मेथी से तैयार हेयर पैक का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 3 बड़े चम्मच आंवला पाउडर लें। इसमें मेथी का पाउडर और थोड़ा सा पानी डालकर मिक्स करके कुछ समय के लिए छोड़ दें। अब बाल धोने से करीब 1 घंटा पहले बालों को आंवला और मेथी को लगाने कुछ देर बाद पानी से धो लेंँ।

Q:- ब्राउन बालों को काला कैसे करें?

शिकाकाई (Acacia concinna): –

*शिकाकाई (Acacia concinna) ब्राउन बालों को काला बनाने में मदद कर सकता है। आप इसे हेना पाउडर के साथ मिश्रित करके एक पेस्ट तैयार कर सकते हैं और इसे बालों में लगा सकते हैं। इसे करीब 1-2 घंटे तक लगाए रखें और फिर धो लें। यह प्रक्रिया नियमित रूप से करने से आपके ब्राउन बाल काले दिखने लगेंगे।

Q:-इंद्र जौ से बाल काले होते है क्या?

#इंद्रजौ (Indigofera tinctoria):–

 इंद्रजौ भी बालों को काला करने के लिए उपयोगी है। आप इंद्रजौ पाउडर को हेना पाउडर के साथ मिश्रित करके पेस्ट बना सकते हैं और इसे बालों पर लगा सकते हैं। इसे 2-3 घंटे तक लगाए रखें और फिर बालों को धो लें। नियमित उपयोग से आपके बाल धीरे-धीरे काले होने लगेंगे।

Q:-बालों को तुरंत काला कैसे करें?

बिना डाई बाल काले करने के 5 तरीके- 

आंवला से करें बाल काले १-सफेद बालों को काला करने के लिए आप आंवला को एक हेयर पैक की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। 

२-प्याज के रस से करें बाल काले  हो जाते है.

३-अंडा लगाएं.

४-एलोवेरा और तेल मिलाकर लगाएं.

५-सब्जियों का जूस पिएं


Q:–बाल सफेद हो रहे हैं तो क्या करें?

–एलोवेरा जेल और घी से बालों में मसाज करें. 

इससे सफेद बाल काले होने लगेंगे. 


–करी पत्ता और नारियल तेल को हल्की आंच पर गर्म करें और इसे ठंडा कर बालों में लगाएं. 

–नारियल तेल और आंवले को 2-3 मिनट तक गर्म करें और इसे ठंडा कर बालों में 15 मिनट के लिए लगाएं.


👌प्राकृतिक रूप से बालों को काला रखने के कई घरेलू उपाय घरेलू नुस्खे बालों को नुकसान भी नहीं पहुंचायेंगे क्यूंकि इनमे किसी भी प्रकार का रसायन नहीं रहता है |


–चायपत्ती को एक कप पानी में कम से कम २० मिनट तक उबालें | अब पानी को छान ले और इसमें मेहँदी भिगोये ; १-२ घंटे बाद यह मेहँदी अपने बालों पर लगा लें | यह उपाय हर सात दिन में कम से कम २ बार करें, इससे बाल भी कुदरती काले बने रहेंगे व मेहँदी कंडीशनर का भी काम करेगी |

–दानामेथी के चूर्ण को नारियल के तेल व एक चम्मच निम्बू के रस में मिलाकर के बालों पर १-२ घंटे तक लगा रहने दे व फिर गुनगुने पानी से बाल धो ले|

–रात को सोने से पहले बालों पर तिल्ली का तेल लगाएं व सुबह धो ले |

– जैतून का तेल, नारियल का तेल भी बालों को काला रखते है |

ध्यान दें–

 कि इन प्रक्रियाओं का परिणाम व्यक्ति के बालों की प्राकृतिक रंग, गुण, और प्रभाव पर निर्भर करेगा। इसलिए, सुरक्षित तरीके से इन उपायों का उपयोग करें और पहले किसी छोटे भाग पर टेस्ट करें ताकि आपको किसी तरह की तकलीफ या अवांछनीय प्रतिक्रिया न हो

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

बुधवार, 14 जून 2023

वात रोगों की पहचान क्या

 

वात रोगों की पहचान क्या है

आयुर्वेदिक वात रोगों की पहचान:–

#वातरोगों की पहचान कैसे करें?

आयुर्वेद में वात दोष एक महत्वपूर्ण रोगी दोष है जिसकी पहचान करने के लिए कुछ लक्षणों का ध्यान दिया जाता है। वात दोष को विभिन्न प्रकार के शारीरिक और मानसिक लक्षणों के माध्यम से पहचाना जा सकता है। ये लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:–


शारीरिक लक्षण:–

*ठंडी और सूखी त्वचा

*शारीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द और सूजन

*आवाज में रुकावट या खराबी

*खुजली और त्वचा में लाल दाने

* स्वेदन की कमी या बढ़ोतरी

* जोड़ों में दर्द और स्थिरता की कमी

#मानसिक लक्षण:

* चिंता, उत्पीड़न, अवसाद या तनाव

* नींद की कमी या   *अनियमितता

* मन में चंचलता और अवस्थाएं बदलना

* अविरत और अस्थिर मानसिक गतिविधियां

* विस्तारित मन की अवस्था और चिंता से निपटने की क्षमता की कमी

* वात दोष के संकेतों की समय पर पहचान करने के लिए आपको एक प्रशिक्षित आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह लेनी चाहिए।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

सोमवार, 12 जून 2023

कैल्शियम युक्त आहार की सूची

 

कैल्शियम युक्त आहार की सूची

<कैल्शियम बढाने वाले फ्रूट>

यदि आप कैल्शियम युक्त आहार की सूची जानना चाहते हैं, तो निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में कैल्शियम की मात्रा प्राप्त की जा सकती है:–

>>दूध और दूध उत्पाद:–


 दूध, दही, पनीर, छाछ, दूध का पाउडर, केसर, चीज़, लासी, बटरमिल्क, आदि।

>>सब्जियां:–

 सरसों का साग, पालक, बथुआ, ब्रोकोली, फेनेल, लौकी, टमाटर, हरी मिर्च, गोभी, मटर, बैंगन, तोरी, आदि।

>>अंडे:–

 अंडे भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं।

>>दालें:–

 चना, मसूर दाल, तूर दाल, मूंग दाल, उड़द दाल, राजमा, चोले, आदि।

>>द्रव्यपान:–

 खजूर का दूध, बादाम का दूध, नारियल पानी, शाकाहारी दूध, सोया मिल्क, आदि।

>>नट्स और बीज:–

 बादाम, अखरोट, चिया बीज, सेसम बीज, खजूर, पिस्ता, कद्दू के बीज, आदि।

>>अन्य खाद्य पदार्थ:–

<कैल्शियम बढाने वाले फ्रूट>

 संतरा, केला, अमरूद, आंवला, अंगूर, आम, खरबूजा, अनार, टिंडा, आदि।


**यह सूची केवल सामान्य दिशा-निर्देश है और अलग-अलग स्रोतों की कैल्शियम मात्रा भिन्न हो सकती है। कैल्शियम की अधिक मात्रा उपलब्ध कराने के लिए, आप विविध पदार्थों को संयोजित भोजन रूप में सम्मिलित कर सकते हैं। आपके आहार में कैल्शियम की आवश्यकता के अनुसार आप डेयरी उत्पाद, ग्रीन लीफी green leafy, वनस्पतियां, फल, बीज, अंडे आदि का सेवन कर सकते हैं।


आपके चिकित्सक के साथ परामर्श करके अपने आहार में कैल्शियम की संतुलित मात्रा को निर्धारित करने के लिए सभी विकल्पों को सम्मिलित करें। वे आपके स्वास्थ्य, आयु, रोगों और विशेष परिस्थितियों के आधार पर आपको सटीक मार्गदर्शन प्रदान कर सकेंगे।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

शनिवार, 10 जून 2023

नाक बंद रहने के 5 कारण और नाक बंद होने पर उपाय क्या करें

 

#नाक बंद रहने के 5 कारण

और नाक बंद होने पर उपाय क्या करें?

यहाँ पांच मुख्य कारण दिए गए हैं,

#नाक बंद क्यों होता है?

1- सामान्य सर्दी जुकाम:–

 सर्दी जुकाम के दौरान नाक के मुख्य रोगाणुओं से नाक में संक्रमण होता है जिससे नाक बंद हो सकती है। इसमें नाक की खांसी, ज्यादा मूँदना और पानी बहना शामिल हो सकते हैं।

2– नजला:–

 नजला या साइनसिटिस, नाक में संक्रमण होता है जिससे नाक बंद हो सकती है। इसमें नाक में सूजन, दर्द, मुँह से बदबू, माथे की और आंखों की दर पाए जा सकते हैं।

3– नाक में अतिरिक्त स्राव:–

कभी-कभी नाक में बंदी हुई नाक द्वारा नाक की तरफ से अतिरिक्त स्राव हो सकता है। इसे पोस्टनासल ड्रिप कहा जाता है और इसका मुख्य कारण गले में संक्रमण, एलर्जी, साइनसिटिस या अन्य नाक की समस्याएं हो सकती हैं।

4–अलर्जी:–

 जैसे कि फूलों, धूल, बाल, खाने के तत्व, पशुओं की बाल आदि के प्रति अलर्जी हो सकती है और इससे नाक के ऊपरी भाग में सूजन और बंद रहती है,

5–नाक में गांठें:–

 कभी-कभी नाक के अंदर में गांठें बन जाती हैं, जो नाक को बंद कर सकती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे नाक के पश्चात्तल अंगों की समस्याएं, नाक के प्रवाह में रुकावट या नाक में अव्यवस्था के कारण गांठों का उत्पन्न होना। ये गांठें नाक के बंद होने का एक मुख्य कारण हो सकती हैं।

ध्यान दें कि ये सामान्य कारण हैं और हर व्यक्ति की स्थिति अलग हो सकती है। अगर आपको नाक बंद रहने की समस्या है, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ताकि उन्हें आपकी स्थिति का ठीक से मूल्यांकन करके उचित उपचार सुझा सकें।

#नाक बंद होने पर उपाय ?

[नाक बंद रहने के 5 उपाय]

नाक बंद रहने की समस्या काफी आम होती है और यह अनुकरणीय है। यह आपको असहज महसूस कराता है और साँस लेने में परेशानी पैदा कर सकता है। नाक बंद रहने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे नजला, साइनसिटिस, एलर्जी, वायरल इन्फेक्शन, नाक में खुजली, नाक की हड्डी में विकार आदि।

अब यहां कुछ उपाय हैं जो आपकी बंद नाक को सुखाने और सांस लेने में आपकी मदद कर सकते हैं,

** गर्म पानी और नमक का इस्तेमाल:–

 एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और इस मिश्रण को नाक में डालकर धीरे से धोएं। यह नाक की जमी हुई मल को निकालने में मदद कर सकता है।

** नासिका स्नान (नेती ):–

 नेती एक प्रकार की जलक्रिया होती है जिसे नाक में उत्तेजना प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल नाक के उपास्थि और गले की सफाई के लिए किया जाता है।

**  गर्म भाप:–

 नाक खोलने के लिए, आप गर्म पानी के एक बर्तन में पानी गर्म करें और उसके बाद अपने चेहरे को उस पानी के ऊपर झुकाकर धीरे से सांस लें। इससे गर्म पानी की धुंधली गरमी आपकी नाक में पहुंचेगी और जमे हुए संक्रमण को कम करने में मदद मिलेगी।

** उपयुक्त दवाओं का उपयोग करें:–

 अगर नाक बंद होने का कारण एलर्जी, साइनसिटिस या नजला है, तो आपके चिकित्सक द्वारा सलाह लेकर दवाओं का सेवन करें। यह आपकी नाक के बंद होने को कम करने में मदद करेगी।

**आपातकालीन उपाय:– 

अगर आपकी नाक बंद हो रही है और आप तत्परता से ठीक होना चाहते हैं, तो कुछ आपातकालीन उपाय आजमा सकते हैं। आप मसूर दाल और शहद का मिश्रण बना सकते हैं और इसे रात को सोते समय नाक में लगा सकते हैं। यह आपकी नाक को सुखाने और खोलने में मदद कर सकता है।


यदि आपकी बंद नाक लंबे समय तक जारी रहती है या यह समस्या नियमित रूप से होती है, तो आपको चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपकी विशेष स्थिति के आधार पर उपयुक्त उपचार प्रदान कर सकते हैं।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

शुक्रवार, 9 जून 2023

कैल्शियम की कमी के 7 रोग,

 

कैल्शियम की कमी के 7 रोग,

कैल्शियम की कमी के 7 रोगों के नाम

कैल्शियम की कमी शरीर में कैल्शियम के स्तर का कम हो जाने को दिखाती है। यह कमी विभिन्न रोगों के लक्षणों में उभर सकती है।

 यह सात ऐसे रोग जिनके संबंध में कैल्शियम की कमी होती है:-

1– ओस्टियोपोरोजिस (Osteoporosis):–

 यह एक हड्डी की कमजोरी की स्थिति है जहां हड्डियों का कैल्शियम स्तर कम हो जाता है, जिसके कारण हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं।

2– हाइपोकैल्सीमिया (Hypocalcemia):–

 यह स्थिति तब होती है जब शरीर में कैल्शियम की मात्रा अत्यंत कम हो जाती है। इसके लक्षण में छाती में दर्द, अधिक थकान, न्यूरोमस्कुलर गतिविधि में कमी, तंत्रिका नमी, और दर्द हो सकते हैं।

3– टेटनस (Tetany):–

  यह एक न्यूरोमस्कुलर नामक बीमारी है जो कैल्शियम की कमी के कारण हो सकती है। इसमें सिरदर्द, मांसपेशियों के ऐंठन, अचानक गांठों का उभयान, और उंगलियों और उँगलियों का उभारना शामिल हो सकता है।

4–ऊतकर्ष (Tetany):–  

   ऊतकर्ष एक न्यूरोमस्कुलर बोलती बीमारी है जिसमें कैल्शियम की कमी होती है। यह सामान्यतः पराथायरॉयड ग्रंथि की समस्या के कारण होता है, जिससे पराथामूलक हार्मोन का निर्माण और उद्दीपन मार्गनिर्देशित होता है। इससे संबंधित लक्षणों में माथे का दर्द, अकारण मांसपेशियों के स्पास्म, उंगलियों और जीभ की टिंगलिंग या झनझनाहट शामिल हो सकती है।

5–रिकेट्स (Rickets): –

  रिकेट्स एक बच्चों की बीमारी है जो कैल्शियम, विटामिन डी और फॉस्फेट की कमी के कारण होती है। 

*यह बालों की कमजोरी, हड्डियों के मुड़ जाने का कारण बनती है, जिससे संकुचित और रुका हुआ शरीरिक विकास होता है।

6–हाइपोपराथायरॉयडिज़म (Hypoparathyroidism):–

   यह एक ग्रंथि विकार है जिसमें पराथायरॉयड ग्रंथियों की कार्यशीलता में कमी होती है। यह कैल्शियम की कमी के कारण हो सकता है और इससे टेटनस, तंत्रिका नमी, दिल की धड़कन की कमी होना,

7–हाइपोकैल्सीमिक एनेफलोपैथी (Hypocalcemic Encephalopathy):–

     यह एक गंभीर स्थिति है जो कैल्शियम की कमी के कारण होती है और मस्तिष्क पर अस्पष्ट प्रभाव डालती है। इसमें डिज़िनेशिया, एपिलेप्सीज़ी, मांसपेशियों की कमजोरी, अस्थायी या स्थायी प्रमाणित न्यूरोलॉजिक विकार और मस्तिष्कीय विफलता शामिल हो सकती है।

* कैल्शियम की कमी के इन रोगों के लक्षण और प्रभाव को जानना महत्वपूर्ण है, और यदि आपको ऐसे किसी लक्षण का सामना होता है, तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। 

#कैल्शियम युक्त भोजनों के नाम

कैल्शियम युक्त 7 भोजन के नाम

कैल्शियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हड्डियों, दांतों, नसों, और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। 


यहां कुछ कैल्शियम युक्त 7 भोजनों के नाम दिए जाते हैं:–

1–दूध और दूध उत्पाद:–

 दूध, दही, छाछ, चीज़, पनीर, घी आदि कैल्शियम समृद्ध आहार हैं।

2–सेसम सीड्स(Sesame Seeds) :–

 सेसम सीड्स कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। इन्हें सलाद, रोटी, या व्यंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

3–गोंद कतीरा(gond katira):–

  कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। इसे दूध, पानी, या खाने में प्रयोग किया जा सकता है।

4– ब्रोकोली Broccoli:–

   यह सब्जी कैल्शियम, विटामिन C, विटामिन K, और फोलेट का अच्छा स्रोत हैं।

5–मछली:–

  सामान्यतः सभी प्रकार की मछली जैसे सालमन, सर्दीन, और मैकरेल कैल्शियम का अच्छा स्रोत होती हैं।

6–तिलहनी:–

 तिलहनी में कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन, आयरन, और विटामिन B6 भी पाए जाते हैं।

7–शीशम rosewood(सेसबानिया):-

  शीशम (सेसबानिया) एक प्रकार का पोषक गाँठीदार फली है जो कैल्शियम का अच्छा स्रोत होता है। इसे ताजा या सूखे रूप में खाया जा सकता है या इसका रस निकालकर पीया जा सकता है।

यदि आप कैल्शियम के लिए आहार चुनते हैं, तो इन भोजनों को अपनी आहार में शामिल करें। यहां दिए गए भोजन आपको स्वस्थ आहार प्रदान करेंगे और आपके शरीर की कैल्शियम आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। हालांकि, यदि आपको किसी खाद्य पदार्थ के प्रति अविश्वास हो या किसी विशेष स्वास्थ्य स्थिति हो, तो एक पेशेवर स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित होगा।

धन्यवाद!

गुरुवार, 8 जून 2023

घुटनों के दर्द के कारण और इलाज in hindi.

 

#घुटनों के दर्द के कारण और इलाज in hindi.

Causes and treatment of knee pain.

#Dr.VirenderMadhan,

घुटनों के दर्द के बारे में लोगों के सवाल बहुत आम होते हैं। यहां कुछ आम सवाल और उनके उत्तर दिए गए हैं:–

#घुटनों के दर्द का कारण क्या हो सकता है?

what could be the cause of knee pain.

<घुटनों में दर्द होने के कारण>–

 घुटनों “जोड़ों में दर्द” (Joint Pain) कई कारणों से हो सकता है जैसे:-

- उम्र का बढ़ना,

- खानपान में पोषक तत्वों की कमी या फिर 

- गिरने से लगी चोट,

-कैल्शियम की कमी,

अगर आपके शरीर में प्रोटीन या कैल्शियम की कमी है तो ये परेशानी होना सम्भव है. इसके अलावा किसी तरह की 

- सूजन या संक्रमण से भी घुटनों में दर्द (Knee Pain) होने लगता है.

#घुटनों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:-

* अपर्याप्त ढंग से चलना, 

* अतिरिक्त वजन, 

* घुटनों के जोड़ के घाव,चोट, 

* घुटनों की संरचना में समस्या, * खिलाड़ी या व्यायाम के दौरान चोट लगना या 

* मासिक धर्म समय पर होना।

#knee joints pain है तो क्या खायें?

 कुछ आहार ऐसे हैं जो घुटनों के दर्द को कम करने में सहायता कर सकते हैं:–

*ताजे फल और सब्जियां:– 

अपनी आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें। ये आपको विटामिन सी, ए, और कारोटीन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर करेंगे जो घुटने के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

* हरी पत्तेदार सब्जियां:– 

ब्रोकोली, पालक, मेथी, और केले के पत्ते जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां अच्छे एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन के स्रोत होती हैं जो आपके घुटने के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

*हेल्दी फैट:–

 तरल तेलों में ऊंची मात्रा में पाए जाने वाले मोनोयूनसैचराइड और पॉलीयूनसैचराइड सेहतमंद होते हैं और घुटनों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें जैतून का तेल, कानोला तेल, अवोकाडो, और बादाम शामिल हो सकते हैं।

* अंडे:–

 अंडो में प्रोटीन, विटामिन डी, और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो घुटने के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

*हरी चाय:–

 हरी चाय में पाए जाने वाले फ्लावोनॉयड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स घुटने के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

* हल्दी वाला दूध

* बिना दूध की चाय अदरक पकाकर लें।

* मेवे बादाम आदि,

* प्याज, लहसुन अपने भोजन में मे शामिल करें,

#घुटनों के दर्द का इलाज क्या हो सकता है?

घुटनों के दर्द के इलाज के लिए कई तरह के उपाय हो सकते हैं। यह समाधान रोग के कारण, आपकी स्थिति और दर्द की गंभीरता पर निर्भर करेगा। कुछ सामान्य उपाय शामिल हो सकते हैं, जैसे:-

 आराम करना, ठंडे और गर्म पैक का उपयोग करना,

#घरेलू व आयुर्वेदिक उपाय:-

1-कडुवा सहंजन को तैल मे पकाकर तैल की घुटनों पर मालिस करें,

2-महानारायण तैल की मालिस करें

3–शुद्ध गुगल का प्रयोग अपने चिकित्सक से सलाह कर के प्रयोग करें,

4-महारास्नादि क्वाथ 3-3 चम्मच बराबर पानी मिलाकर पीने से आराम मिलता है।

#घुटने की ताकत बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?

- घुटने की ताकत बढ़ाने के लिए कैल्शियमयुक्त आहार लें। जैसे– दूध ,दही ,पनीर ,हरी पत्तेदार सब्जियां, पिस्ता ,बादाम जैसी चीज़ों का सेवन करें।

-अलसी (फ्लैक्स सीड ) भी कैल्शियम का भंडार होता है। रोज़ाना नियमित रूप से अलसी का सेवन करने से आपके शरीर में कैल्शियम की कमी दूर होती।

#घुटने के दर्द की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

 रास्ना,शतावरी, अश्वगंधा, अशोक, ब्राह्मी और हल्दी, शुद्ध गुग्गुल जैसी अनेक जड़ी-बूटियां स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं और इनका सेवन हर दिन किया जा सकता है

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,