Guru Ayurveda

सोमवार, 21 अगस्त 2023

पीपल के पत्तों की चाय पीने से क्या होता है?

पीपल के पत्ते की चाय पीने से क्या होता है?

डा०वीरेंद्र मढान

पीपल के पत्ते उबालकर पीने के फायदे-

शुगर मे उपयोगी–

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*डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में सहायता करता है।

दिल के रोग मे लाभदायक–

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*हृदय रोगों के खतरे को कम करने और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

बैडकोलेस्ट्रोल के लिये–

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*खराब कोलेस्ट्रॉल कम करने और हाई बीपी को कंट्रोल रखने में मददगार है।

शरीर को डिटॉक्स करनेवाला–

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*यह शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार है। यह शरीर और रक्त में मौजूद हानिकारक कणों और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और शुद्ध करता है।

पाचनशक्ति का बढाता है–

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*यह पाचन को दुरुस्त करने में लाभकारी है। पेट संबंधी समस्याएं जैसे पेट में गैस, कब्ज, अपच, ब्लोटिंग, उल्टी-दस्त आदि से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

मानसिक स्वास्थ्य में उपयोगी–

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*मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने और ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाता है। यह मेमोरी पावर बढ़ाने में भी बहुत लाभकारी है।

फेफड़ों को रखें स्वस्थ–

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*यह फेफड़ों को स्वस्थ रखने और सांस संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद करता है।

किडनी के स्वास्थ्य को बढायें–

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यह किडनी फंक्शन को ठीक रखने और स्वस्थ रखने में मदद करता है।


#पीपल के पत्तों का काढ़ा कैसे बनाया जाता है।

पत्तों का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार। इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद ले।

शनिवार, 19 अगस्त 2023

सोने से बनाई दही के फायदे

 Sone se jami dahi sarir mein kya kya kerti hain.?



#सोने से बनाई दही के फायदे

* कैस बनायें?




रात को एक कटोरी दूध लें और उसमें एक सोने का सिक्का डालकर अलग से दही को जमा दे। सुबह के समय सोने के सिक्के को निकाल लें और इस दही का खाली पेट सेवन करें क्योंकि खाली पेट सेवन करना ज्यादा लाभकारी माना गया है। एक घंटे तक कुछ न खाए।

* इस दही के गुण:-

इस दही का रोजाना सेवन करने से जो शरीर को फायदे मिलते हैं वह इस प्रकार हैं:-

1.यह रसायन है

- इस दही के सेवन से शरीर की थकावट दूर होती है। बुढ़ापे को दूर करने और जवानी को बरकरार रखने में सहायक है।

2.Diabetes मे उपयोगी–

- मधुमेह जैसे रोग से लड़ने में काफी कारगर साबित होता है। मधुमेह के कारण पुरुषों में आईं शारीरिक शक्ति में हुई कमी को भी दूर करता है।

3.उदररोगो मे–

  - इस दही के रोजाना सेवन से पेट की सभी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। पेट की गर्मी शांत होती है और पाचन शक्ति बढ़ती है।

4.रोग-प्रतिरोधक क्षमता–

- इस दही के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है।

5.त्वचा के लिए–

-  इसके रोजाना सेवन से त्वचा का रूखापन दूर होता है। त्वचा में चमक और निखार आता है।

6.हृदय के लिए–

-  हृदय संबंधी रोग दूर होते हैं और हृदय की मांसपेशियां भी शक्तिशाली बनती है।

7.मानसिक स्वास्थ्य–

- अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य में लाभकारी है।

8. रक्त की कमी दूर होती है और रक्त शुद्ध होता है।

9. इस दही के रोजाना सेवन से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर निरोग हो जाता है।

10. एकाग्रता और स्मृति में बढ़ोतरी होती है।



11. इस दही के रोजाना सेवन से आंखों से संबंधित होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

12. ब्लडप्रेशर कंट्रोल में रहता है और तनाव से मुक्ति मिलती है।

13. इसके रोजाना सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है और कैंसर की संभावना भी नहीं रहती।

14. इस दही के रोजाना सेवन से सिर दर्द से राहत मिलती है।

शुक्रवार, 18 अगस्त 2023

हृदय की कमजोरी में क्या होता है,in hindi,

 # हृदय की कमजोरी में क्या होता है,in hindi,



* कमजोर दिल होने पर दिदिलल मे घबराहट रहती है,

* धडकने बढी हो सकतीहै,

 * दिल कमजोर होने की स्थिति में ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा हाई रहता है।

 * ब्लड प्रेशर बढ़ने पर, हार्ट अटैक की संभावना रहती है।

– कमजोर हार्ट कई बीमारियों की पूर्व निशानी है. 

कमजोर हार्ट खून को सही ढंग से पंप नहीं कर पाता है जिसके कारण पूरे शरीर में खून नहीं पहुंचता है. कमजोर हार्ट की एक बड़ी वजह हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन है. 

– अधिकांश लोगों को इसके बारे में जानकारी तक नहीं होती कि उन्हें बीपी है.

#स्वस्थ हृदय के लक्षण:–

दिल के स्वास्थ्य का एक और संकेत पूरे दिन ऊर्जा का अच्छा स्तर होना है. 

अगर आप रोजमर्रा की एक्टिविटीज मे जैसे खरीदारी, सीढ़ियां चढ़ना, किराने का सामान ले जाना या पैदल चलने में कठिनाई महसूस नही करते हैं, तो यह स्वस्थ हृदय के लक्ष्ण है।

#दिल की कमजोरी के लक्षण

दिल के कमजोर होने के 

मुख्य 8 ये लक्षण हो सकते है :–

* छाती के आसपास जकड़न होना

* जबड़े और गर्दन में दर्द बने रहना.

* मतली आना.

* बिना कारण थकान महसूस होना,

* चलते समय पैरों में सुन्नता 

* सीने में दर्द होना,

* ब्लड प्रेशर बढ़ जाना,

* पैरों में दर्द रहना,

#दिल की कमजोरी के कारण:–

   इसके होने का सबसे बड़ा कारण 

– खानपान की खराब आदतों और 

– गतिहीन जीवनशैली होती है। इसके अलावा 

– दिल की बीमारी जेनेटिक कारकों के कारण भी हो सकती है। 

#Dil ki kamjori ke karen,

#हार्ट कमजोर क्यों होता है

   पहला कारण किसी बीमारी की वजह से जिसका रोगी को पता होता है जैसे –

- हाइपरटेंशन,

- कोरोनरी आर्टरी डिजीज,    -वाल्वुलर हार्ट डिजीज,

-  डायबिटीज,

- एनीमिया आदि. इन स्थितियों में हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है. 

– दूसरी स्थिति में हार्ट कमजोर होने के बारे में उपर से पता नहीं चलता है

आयुर्वेद के अनुसार :-

अत्याधिक मानसिक या शारीरीक श्रम करनेसे,

किसी भी कारणवश धातु (रस,रक्त,मांसादि) क्षरण होने से,हृदयविकार उत्पन्न होते है

शोक,भय,सदमा, आदि,

व अधिक चाय, काँफी ,तम्बाकू,अधिक नशा के कारण हृदय कमजोर हो जाता है।

कुछ आयुर्वेदिक उपाय:-

* अर्जुन घृत:- ३-6 मि०ग्राम मिश्री मिला कर ले उपर से गाय का दूध पीलें.

* मोतीपिष्टी 125 mg 

  स्वर्ण वर्क 30 mg

 खमीरागांजवां gm

इस प्रकार की 1-1 मात्रा दिन में2 बार ले.

* याकुतिरसायन – 1-1 गोली शहद से सवेरे शाम लें

* अर्जुनारिष्ट पीयें

शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

#डिप्रेशन क्या है कैसे होता है? In hindi.

 #डिप्रेशन क्या है कैसे होता है? In hindi.

असफलता, संघर्ष और किसी अपने से बिछड़ जाने के कारण दुखी होना बहुत ही आम और सामान्य है। परन्तु अगर अप्रसन्नता, दुःख, लाचारी, निराशा जैसी भावनायें कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहती है और व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या जारी रखने में भी असमर्थ बना देती है तब यह डिप्रेशन नामक मानसिक रोग का संकेत हो सकता है।

#डिप्रेशन का पता कैसे चलता है?

डिप्रेशन के लक्षण (Symptoms of Depression)

-व्यक्ति हमेशा स्वयं उलझन में एवं हारा हुआ महसूस करता है। 

-अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। 

-किसी भी कार्य में ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी होती है। 

-अवसाद का रोगी खुद को परिवार एवं भीड़ वाली जगहों से अलग रखने की कोशिश करता है।

#डिप्रेशन में आदमी क्या क्या करता है?

सोचने, ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने और चीजों को याद रखने में परेशानी महसूस होना. बार-बार मृत्यु का विचार आना, आत्महत्या के विचार आना और कोशिश करना. बिना किसी कारण सिरदर्द और कमर दर्द महसूस होना. डिप्रेशन बढ़ती उम्र का सामान्य हिस्सा नहीं है.

#डिप्रेशन की बीमारी क्यों होती है?

तनाव या डिप्रेशन एक प्रकार का मानसिक रोग है। किसी भी नकारात्मक विचार के कारण यह हमारे दिमाग़ पर हावी हो जाता है जिससे हमारी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। इसके कारण हमारा मस्तिष्क सही से कार्य करना बन्द कर देता है। इसी स्थिति को डिप्रेशन कहा जाता है।

#क्या ज्यादा सोचने से डिप्रेशन होता है?

कई बार किसी भी चीज के बारे में बहुत अधिक सोचने से थकान महसूस हो सकती है. दिमाग और मन पर बोझ बढ़ जाता है. ओवरथिंकिंग की समस्या आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकती है. कुछ लोग एक ही समस्या को सार दिन सोचते रहते हैं.

#डिप्रेशन का सबसे जल्दी इलाज क्या है?

मेडिटेशन और इसके विभिन्न आयामों की मदद से डिप्रेशन का बिना किसी दवा के इलाज संभव हो पाया है और अभी भी इसपर काफी शोध चल रहा है । आपको क्या खाना पंसद है, कौन सा खेल पसंद है, क्या घुमना अच्छा लगता है या तैराकी करना या फिर कुछ और जिसे करने को आपका मन बैचेन रहता है । डिप्रेशन से बाहर आने का यह भी एक सफलतम इलाज देखा गया है ।

#डिप्रेशन में क्या नहीं करना चाहिए?

>रिफाइंड शुगर से करें तौबा

>डिप्रेशन के रोगियो को रिफाइंड प्रोडक्ट्स जैसे मैदा, व्हाइट ब्रेड, बर्गर, पिज्जा, चाऊमीन व शुगरी फूड जैसे चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स आदि को भी कम से कम खाना चाहिए। यह ऐसे प्रोडक्ट्स होते हैं, जो आपको एकदम से एनर्जी प्रदान करते हैं और फिर उसे एकदम से एनर्जी को ड्रॉप कर देते हैं।

डिप्रेशन से बाहर निकलने का उपाय

मेडिटेशन करें डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए मेडिटेशन सबसे बेहतर उपाय हो सकता है. ...

प्रकृति से करें प्यार डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए पेड़-पौधों से प्यार करें. ...

एक्सरसाइज है जरूरी डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए एक्सरसाइज भी आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. ...

गाना सुनें

डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श ज़रूर करना चाहिए.

इस समस्या अच्छे से समझने की कोशिश करें और इसके लिए अपने चिकित्सक की सलाह लें।

अपने आपको अकेला न रहने दे, दोस्तों के साथ बहार जाएँ, लोगों से मिले जुले, गपशप करे।

खुद के लिए अप्राप्य लक्ष्य ना बनाये।

सुबह शाम टहलनें जाएँ।

बुधवार, 9 अगस्त 2023

नीम के फायदे in hindi.

 नीम के फायदे in hindi.

नीम Neem tree

नीम के कई फायदे होते हैं, जैसे कि

– यह एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है,

– त्वचा के लिए उपयुक्त होता है, 

– शरीर की पौष्टिकता बढ़ाता है,

– मधुमेह के लिए लाभकारी हो सकता है, और 

– पेट संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। 


#नीम तैल के फायदे:–

– नीम का तेल त्वचा पर लगाने से शिकने कम हो सकते हैं और त्वचा स्वस्थ बनी रह सकती है।

– बालों के स्वास्थ्य के लिए:–

  नीम बालों को मजबूती और चमक देने में मदद कर सकता है, साथ ही रूके हुए बालों को भी कम कर सकता है।

–जोड़ों की सुरक्षा:–

   नीम के गुणों का अध्ययन जोड़ों की सुरक्षा के लिए भी संकेत करता है, जिससे आपके जोड़े स्वस्थ रह सकते हैं।

नीम के पत्तों का चूर्ण:–


–आंखों के स्वास्थ्य के लिए:–

    नीम में पाए जाने वाले गुण आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं, जैसे कि आंखों की सुरक्षा और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करना।

–विषाणुरोधी गुण:–

   नीम के प्राकृतिक गुण विषाणुरोधी होते हैं, जिससे यह अनेक इंफेक्शन्स से लड़ने में मदद कर सकता है।



– नीम शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है नीम शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। 

– नीम एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल है.

– यह डैंड्रफ ख़त्म करता है.

– हड्डियों के लिए नीम उपयोगी

नीम है मुहाँसों के इलाज मे लाभदायक है.

– स्वच्छता में सहायक है

– पुरानी बीमारियों के इलाज मे उपयोगी है

– इम्युनिटी बूस्टर है नीम

० नीम के बारे मे कुछ प्रश्न-उत्तर

Q:-नीम के पत्तों से कौन सी बीमारी ठीक होती है?

Ans:-

नीम इम्यूनिटी बूस्ट करे- 

नीम में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटीवायरल हैं और वायरल सर्दी खासी से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करते हैं. यानि नीम की पत्तियों से इम्यूनिटी बूस्ट होती है. पाचन से जुड़ी समस्या में भी नीम की पत्तियां फायदेमंद है.

Q :–नीम कौन सी बीमारी में काम आता है?

Ans:–

नीम के पत्तों का उपयोग कुष्ठ रोग के लिए किया जाता है. इसके प्रयोग से नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की ख़राबी, भूख न लगना, त्वचा के अल्सर, हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों, बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी (मसूड़े की सूजन) और लीवर के रोग ठीक हो जाते हैं.

Q :–क्या नीम से खून साफ होता है?

Ans:–

नीम की पत्तियों में रक्त शुद्ध करने का अच्छा गुण होता है । शरीर में विषाक्तता के स्तर को कम करने में मदद करते हैं और मुँहासे, एक्जिमा और त्वचा पर चकत्ते जैसी त्वचा की समस्याओं के जोखिम को कम करते हैं। 

 – नीम में तिक्त (कड़वा) और कषाय (कसैला) गुण होता है, जिसके कारण यह रक्त शोधक के रूप में काम करता है और त्वचा की विभिन्न समस्याओं को नियंत्रित करता है।

Q:–नीम कब नहीं खाना चाहिए?

Ans:–

नीम का सेवन लगातार तीन हफ्तों से अधिक नही करना चाहिए, अधिक नीम का सेवन करने से शरीर में एलर्जी की प्रतिक्रिया हुई, जो कि दाने और चक्कते के रूप में नजर आते हैं। 

ध्यान दें कि ये फायदे व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, इसलिए सबसे अच्छा होगा कि आप अपने चिकित्सक से सलाह लें।

धन्यवाद!

रविवार, 6 अगस्त 2023

थायरॉइड है तो क्या खायें?

 थायरॉइड है तो क्या खायें?



 थायरॉइड कार्यक्षमता के लिए, निम्नलिखित आहार सुझाए जा सकते हैं:

*फल और सब्जियाँ:–

 फलों और सब्जियों में योड और अन्य पोषण तत्व होते हैं जो थायरॉइड के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। बनाने, गाजर, टमाटर, स्पिनेच, सेलरी, आदि खाएं।

*उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थ:–

 दूध, पनीर, दही, मांस, मछली, अंडे, दालें आदि योग्य प्रोटीन स्रोत हो सकते हैं।

*हेल्दी आयरन स्रोत:–

आयरन स्रोत शामिल करें, जैसे कि दालें, सब्जियाँ, खजूर, बादाम, अंडे, मछली आदि।

*सेलेनियम और जिंक:–

 इन मिनरल्स को समर्थक आहार में शामिल करना भी महत्वपूर्ण होता है। खासकर  दाल, नट्स  स्रोत हो सकते हैं।

*संतुलित आहार:–

 सुनिश्चित करें कि आपका आहार संतुलित हो और सभी पोषण तत्वों को समाहित करता है।

*पर्याप्त पानी:–

 पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी महत्वपूर्ण है,

फिर भी, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने चिकित्सक से सलाह प्राप्त करें क्योंकि उन्हें आपकी थायरॉइड स्थिति के आधार पर आपके लिए सबसे उपयुक्त आहार की सलाह दी जा सकती है।

आपकी थायरॉइड स्थिति पर अपनी देखभाल और आहार का पालन करना आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। अपने डॉक्टर से नियमित रूप से मामूली परीक्षण करवाना भी जरूरी होता है ताकि उन्हें आपके स्वास्थ्य की स्थिति का सटीक अनुसरण रहे।

धन्यवाद!

बुधवार, 2 अगस्त 2023

आईफ्लू मे आंखों का दर्द घरेलू उपाय

 आईफ्लू मे आंखों का दर्द घरेलू उपाय



ईफ्लू क्या है?

आईफ्लू (Influenza) एक वायरल संक्रमण है जो सामान्यतः–

* नाक बहना, 

*खांसी, 

* बुखार, 

* शरीर में दर्द और 

* थकावट के साथ होता है। इस समय, विशेषतः जब आपकी आँखें इन्फ्लेम्ड (सुजी हुई) होती हैं और आंखों में दर्द होता है, तो इससे राहत पाने के लिए निम्नलिखित कुछ घरेलू उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:

1–आँखों को ठंडे पानी से धोएं:–

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 अपनी आँखों को साफ करने के लिए ठंडे पानी से अच्छी तरह धोएं। यह आपकी आँखों की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

2–आँखों को आराम दें:– 

-----------------------------------अधिक से अधिक आराम करना महत्वपूर्ण है। अपनी आँखों को बेहद ज्यादा देखभाल दें और ज्यादा से ज्यादा आराम करें।

3– शोधन:–

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#घरेलू नुस्खों से करें आंखों का संशोधन:–

 नमकीन गरम पानी से भरा हुआ एक शीशी लें और इसे आंखों के आस-पास के दर्दीले स्थानों पर रखें। इससे आपको राहत मिल सकती है।

4–आंखों को घी से स्वच्छ करें:–

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 अगर आपकी आँखों में खुजली हो रही है या आंखें सूजी हुई हैं, तो थोड़े से घी को हल्का गरम करें और इसे आंखों के चारों ओर लगाएं। इससे आपको राहत मिलेगी।

5–आंखों को सोने की आदत बनाएं:–

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 अगर आपको आईफ्लू है तो आपके शरीर को पूरे दिन आराम की ज़रूरत होती है। इसलिए, आपको अधिक से अधिक सोने का प्रयास करना चाहिए जिससे आपकी आँखों को भी आराम मिल सके।

*  यदि आपके लिए स्थिति गंभीर है या आंखों में अधिक दर्द या सूजन है, तो कृपया अपने चिकित्सक से संपर्क करें और उनसे सलाह लें। वे आपको उचित दवाइयां या उपचार की सलाह देंगे।

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अभी कुछ और उपाय बताता हूँ जो आईफ्लू में आँखों के दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं,

6–आंखों को ठंडे चाय बैग से सूखाएं:–

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 ठंडे चाय बैग को बिलकुल आँखों के ऊपर रखें और इसे आराम से ठहराएं। यह आँखों की सूजन को कम कर सकता है और दर्द को शांत कर सकता है।

7–गुलाब जल या आंवला जूस के कम्प्रेस:–

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 कुछ बूंदे गुलाब जल के या आंवले के जूस के चेहरे के चारों ओर के आस-पास रखें। इससे आंखों की सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है।

8–आईफ्लू में हाइड्रेशन:–  

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          रोज़ाना पर्याप्त पानी पिएं। आईफ्लू जैसे संक्रमण में, आपके शरीर को पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। यह आपके आंखों की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

कृपया ध्यान दें कि ये उपाय आपको स्थिति में आराम पहुंचाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन यदि आपकी स्थिति गंभीर है और समस्या बढ़ती जा रही है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।


इन उपायों के साथ-साथ, आपको आईफ्लू रोग के लक्षणों को कंट्रोल करने वाले उपचारों का भी ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर दी गई दवाइयों का सेवन करें और पूरी तरह से आराम करें। इससे आपकी शीघ्र सुधार हो सकती है और स्वास्थ्य तेजी से सुधर सकता है।

धन्यवाद!