क्या होगा अगर आदमी दूबघास खायें?In hindi.
Dr Virender Madhan.
Dube ghass|दूब घास.
- दुब घास दुसरी घासों से अधिक लंबी होती हैं. यह घास हरी और जमीन से पसरने वाली घास हैं. यह घास पुरे वर्ष पाई जाती हैं.
दूर्वा (दूब)घास साधारण जगहो पर कही भी उग जाती है जो बहुधा जमीन से लगभग 6 इंच तक होती है इसका देव पूजा में उपयोग होता है और पशु इसे बडे चाव से खाते हैं।
इस घास के पौधे का उपयोग उपचार और औषधि के रूप में किया जाता है।
- यह स्वाद में कड़वी होती है और यह अपनी मंद-मंद खुशबू के लिए मशहूर है। दस्त, मुंहासे, दमा, शुगर, खुजली, गंजापन आदि जैसी बीमारियों में दूधी घास का इस्तेमाल किया जाता है।
# दूब घास के फायदे –
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दस्त :-
दस्त से परेशान लोगों के लिए दूब घास के लाभ हो सकते हैं।
–मधुमेह के लिए :-
दूब घास में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, यह शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
–प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए:-
दूब घास शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में सहायक हो सकते हैं। एक शोध के अनुसार, दूब घास के अर्क में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होता है। यह प्रभाव इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है
–पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) :-
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) होने पर महिलाओं में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का स्तर बढ़ने से महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म, बांझपन और मुंहासे की समस्याएं हो जाती हैं।
- मुंह के रोग:-
मुहं के रोगों में दूब चबाने से लाभ मिलता है।
- रक्तविकार:-
रक्त साफ करने के लिए दूब का रस या काढा पीते हैं त्वचा पर लेप करते है।
– हृदय के लिए:-
दूब घास के प्रयोग से हृदय स्वस्थ रहता है।
– उदर रोग मे:-
दूब पेट और लीवर संबंधी रोगों के लिए लाभप्रद होती है.
-अनिद्रा रोग:-
दूब के प्रयोग से अनिद्रा मे आराम मिलता है.
– त्वचा विकार:-
त्वचा विकारों जैसे कील, मुहाँसे, झाईयां मे इसका लेप लगाने से त्वचारोग ठीक हो जाता है और त्वचा का रंग साफ होता है।
#दूब घास का प्रयोग कैसे करें?
दूबघास का प्रयोग आप
स्वरस,काढा,चूर्ण और लेप के रुप मे कर सकते है।जैसे–
नासारक्तस्राव मे दूब और अनार का जूस मिलाकर नाक मे कुछ बुंदे डालने से आराम मिलता है।
– दूबधास के रस को धाव पर लगाने से बहता हुआ खुन बन्द हो जाता है।
- दूब घास के लेप को माथे पर लगाने से सिरदर्द कम होता है।
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