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मंगलवार, 3 मई 2022

Immunity बढाने वाली चमत्कारिक हर्ब “गिलोय”।in hindi.

 Immunity बढाने वाली चमत्कारिक हर्ब “गिलोय”।in hindi.



#गिलोय एक अमृत है।

By:-Dr.Viernder Madhan.

- गिलोय एक ऐसी औषधि है, जिसे अमृत तुल्य वनस्पति माना जाता है. अमृत तुल्य उपयोगी होने के कारण इसे आयुर्वेद में अमृता नाम दिया गया है. ऊंगली जैसी मोटी धूसर रंग की अत्यधिक पुरानी टहनी औषधि के रूप में प्रयोग होती है. आयुर्वेदिक द्रष्टिकोण से रोगों को दूर करने में सबसे उत्तम औषधि के रूप में गिनी जाती है.

#गिलोय से कौन कौन सी बीमारी खत्म होती है?

- गिलोय का इस्तेमाल हिचकी, टीबी, उल्टी, कब्ज, बवासीर, पीलिया, लीवर, डायबिटीज, गठिया, फाइलेरिया, कुष्ठ रोग, बुखार, एसिडिटी, कफ, कैंसर जैसी भयानक बीमारियों में भी काफी फायदेमंद होता है.

#गिलोय कैसे खाना चाहिए?

इसका सेवन हमेशा खाली पेट किया जाना चाहिए। अगर आपको बुखार है तो आप 40 ग्राम गिलोय की ताजी पत्तियों को मसलकर उसमें लगभग 250 मिली पानी मिलाकर रात भर किसी मिट्टी के बर्तन में रख दें। सुबह इस पानी को छानकर उसका सेवन करें। दिन में तीन बार इसकी दवा बराबर मात्रा यानी 20 मिली का सेवन करने से बुखार चला जाता है।

गिलोय के चमत्कारी फायदे – Health Benefits of Giloy


* मधुमेह में गिलोय का सेवन

कास, दौर्बल्य, प्रमेह, मधुमेह त्वचा के रोगों में तथा कई प्रकार के ज्वर में उत्तम कार्य करता है। गिलोय स्वरस 20 ग्राम में 1 ग्राम पिप्पली चूर्ण तथा एक चम्मच मधु मिलाकर सुबह व शाम को प्रयोग करें। 

* अपच की समस्या में गिलोय का सेवन

पाचन संबंधी समस्या में

अगर आपको अपच, कब्ज आदि समस्याएं हैं तो आपके लिए गिलोय की चटनी का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद होगा। इसका स्वाद थोड़ा कसैला होता है इसलिए इसमें आप मिश्री मिला सकती हैं। पर इसके अलावा और कोई भी मसाला इसमें नहीं मिलाना चाहिए।

#खांसी होने पर गिलोय का सेवन

गिलोय का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह संक्रामक रोगों के अलावा कास, बुखार, सर्दी-जुकाम ठीक करने के साथ ही खून भी शुद्ध करती है। इसके डंठल के टुकड़े करके उसका काढ़ा बनाकर पीना चाहिए।

# तीव्र ज्वर मे गिलोय सेवन।

गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए गिलोय का चूर्ण 20 ग्राम और 80 ग्राम पानी मिलाकर मिट्टी या धातु पात्र में धीमी आंच में पकाते है। कड़वाहट को कम करने के लिए इसमें 20 ग्राम की मात्रा में गुड मिलाया जा सकता है। पकते पकते जब चतुर्थांश ( एक चौथाई या 25 प्रतिशत ) शेष रह जाए तो इसको आंच से उतारकर गुनगुना ही सेवन करना चाहिए। काढ़ा बनाते समय कभी भी ढककर नहीं पकाना चाहिए। ऐसा करने से काढ़ा लघु से गुरु हो जाता है। जिसके पाचन में कठिनाई आ सकती है। काढ़े को बहुत अधिक समय तक बनाकर नहीं रखना चाहिए। अच्छा तो यही है कि इसको ताजा ही बनाकर पिए

ज्वर मे गिलोय घन वटी बनाकर भी लेते है।

#पीलिया में गिलोय का सेवन-

- गिलोय का सेवन पीलिया रोग में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय का एक चम्मच चूर्ण, काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में लाभ होता है। या गिलोय के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। एक चम्‍मच रस को एक गिलास मट्ठे में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।

#मोटापा कम करने के लिए गिलोय का सेवनकैसे करें?

​- यह न केवल पाचन में सुधार करता है बल्कि वजन घटाने के तरीकों में से भी एक है। वजन कम करने के लिए अगर आप गिलोय का सेवन करना चाहते हैं, तो आधा ग्राम गिलोय का रस लें और इसमें एक चुटकी शहद मिला ले।

धन्यवाद!

सोमवार, 2 मई 2022

गर्मी के दिनों में सुन्दरता कैसे बढायें.in hindi.

 #गर्मी के दिनों में सुन्दरता कैसे बढायें||Beauty tips for summer|| garmi ke mosam main glow kaise benay in hindi.



विषय:-

#गर्मी के दिनों में सुन्दरता कैसे बढायें?

Dr_Virender_Madhan.

#सुन्दरता बढाने वाले घरेलू द्र्व्य।

#ग्लो बढाने के लिए क्या करें?

# त्वचा का ग्लो बढाने लिए मालिस।

#दूध से सौंदर्य कैसे बढायें?

#चेहरे पर नींबू लगाने से क्या होता है?

#गर्मी में त्वचा के लिए क्या करें?

इस बार सर्दी खत्म होते ही गर्मी तेजी से बढ गई। घर से बाहर निकलते ही शरीर झुलसना शुरू हो जाता है।त्वचा में जलन शुरू हो जाती है।शरीर से पानी कम होने लगता है।त्वचा विकृत व काली हो जाती है।

लोग इस समस्या से बचने के लिए तरह तरह के प्रोडक्ट प्रयोग कर रहे है।केमिकल युक्त प्रोडक्ट के अपने कुछ साईड इफेक्ट के कारण सभी व्यक्ति इनका प्रयोग नही करते सकते,कुछ लोग महंगे प्रोडक्ट को खरीदने में असमर्थ होते है।

 * पहले घरों में लोग अपने हाथों से बने प्रसाधनों का प्रयोग करते थे।आजकल उन्हें लोग भुल गयें है।

कुछ घरेलू उपायों का यहां वर्णन कर रहें है जो बिल्कुल हानिरहित है किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।

#सुन्दरता बढाने वाले घरेलू द्र्व्य:-

दूध,बेसन,दही,नींबू, हल्दी, नारियल तेल,गुलाब जल, ग्लिसरीन, जौ का

आटा,तिल का तैल, चंदन का पाउडर, फल-सब्जियों, मुलतानी मिट्टी,गुलाब के फुल,आदि.

ये द्रव्य अगर आपके घर मे है तो बाहर का कोई भी प्रोजेक्ट खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। इन द्रव्यों का प्रयोग करके आप अपनी सुन्दरता को बढा सकते हो। गर्मी के मौसम मे अपने आपको बचा सकते हो।

#ग्लो बढाने के लिए क्या करें?

[अपनी सुंदरता कैसे बढ़ाएं?]

- हर कोई चाहता है कि उसका चेहरा सुंदर दिखाई दे.

लेप

दूध की मलाई चेहरे पर लगाएं

बेसन,चंदन पाउडर और आटे का उबटन लगाएं

मुल्तानी मिट्टी मे थोडी हल्दी और दुध मिलाकर फेसपैक बना कर चेहरे पर लगाएं इसमे आप गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को पीस कर मिला सकते है।

फलों व सब्जियों के पेस्ट बनाकर फैस पर लगा सकते है।

अगर त्वचा अधिक ओयली है तो जौ का आटा,चन्दन चुरा गुलाब जल मे थोडी हल्दी मिला कर फैस पर लगाने से लाभ मिलता है।

# त्वचा का ग्लो बढाने लिए मालिस।

अपने शरीर पर दुध , दही, तैल की अलग अलग मालिस कर सकते है या दुध, दही,तैल सभी  को मिलाकर मालिस कर सकते है।

मालिस के लिए सरसौ का तैल, बादाम तैल,जैतून का तैल उत्तम होता है मगर गर्मी के दोनों में दुध दही छाछ की मालिस ही ठीक है।

#दूध से सौंदर्य कैसे बढायें?

दूध के प्रयोग से अनेक लाभ मिलते है।

*फेशियल क्लींजर के रुप मे -

- जब आप पूरे दिन की थकान होती है तो बेहतर होगा कि आप अपने चेहरे को दूध की मदद से साफ करें। दूध एक बेहतरीन क्लींजर के रूप में काम करता है और आपके चेहरे के रोमछिद्रों में छिपी गंदगी व धूल को भी साफ कर देता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आप एक कॉटन बॉल को दूध में डिबोकर अपने को उस रूई की मदद से साफ करें।

* दुध वाला फेस पैक बनाएं

- इसके लिए आप दूध में थोड़ा बेसन व नींबू मिलाकर एक पैक तैयार करें और अपने चेहरे पर अप्लाई करें। जब यह सूख जाए तो हल्के हाथों से गुनगुने पानी की सहायता से चेहरा साफ करें। इस फेस पैक को अगर आप सप्ताह में एक बार इस्तेमाल करेंगी तो जल्द ही आपकी स्किन का कलर साफ होने लगेगा। 

* बेहतरीन स्क्रब है दुध बादाम।

इसके लिए आप बादाम को हल्का पीस लें और इसमें थोड़ा सा दूध मिलाएं। अब इस स्क्रबर की मदद से आप अपनी त्वचा को स्क्रब करें। आपको अपनी स्किन में एक बेहद बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। 

* दुध से बन जाएगा टोनर।

 दूध से बेहतर टोनर और कोई हो ही नहीं सकता। यह आपके स्किन के ऑयल को कंट्रोल करने के साथ−साथ उसे हाइड्रेट भी करता है। इसे टोनर की तरह इस्तेमाल करने के लिए रूई को दूध में डुबोएं और फिर उस रूई की मदद से अपने चेहरे पर हल्की मसाज करें। इसे कुछ देर ऐसे ही रहने दें। बाद में साफ पानी से चेहरा साफ कर लें।

* मुंहासों से भी छुटकारा मिलगा।

दूध आपके चेहरे के ऑयल को कंट्रोल करता है, जिससे मुंहासों की समस्या उत्पन्न ही नहीं होती। इस समस्या से निजात पाने के लिए दूध में भीगी हुई कॉटन से चेहरे की मालिश नियमित रूप से करें।

#चेहरे पर नींबू लगाने से क्या होता है?

नींबू का इस्तेमाल करके त्वचा पर मौजूद दाग-धब्बों को हल्का किया जा सकता है. इसके साथ ही त्वचा को निखारा जा सकता है और फेशियल हेयर्स को भी हल्का कर सकते हैं. कई बार नींबू का इस्तेमाल डैंड्रफ और सोरायसिस से राहत दिलाने में भी मददगार देखा गया है. 

#गर्मी में त्वचा के लिए क्या करें?

स्किन को ठंडा रखें स्किन को  सनबर्न से बचाने के लिए ठंडी तासीर की चीजें खाने के साथ ही त्वचा पर उन चीजों को लगाना भी होता है, जो त्वचा को ठंडक दें. ऐलोवेरा जेल, चंदन पाउडर, नींबू और दही, कच्चा आलू के अलावा केला और गुलाब-जल को चेहरे पर लगाकर चेहरे को ठंडा बनाकर रख सकते हैं. इससे चेहरे की स्किन सॉफ्ट बनी रहेगी.

* गर्मी में पसीने के ज़रिए शरीर की नमी निकल जाती है।

 स्किन को सुरक्षित रखने के लिए टोनर (जैसे दुध)का इस्तेमाल ज़रूर करें।

- हेल्दी स्किन के लिए बहुत ज़रूरी है कि आप भरपूर नींद लें।

- दिन में कम से कम दो बार फेस वॉश करें.

 - बहुत ज़रूरी न हो, तो दोपहर के समय घर से बाहर न निकलें।

त्वचा को सुरक्षित व गौरा रखने के लिऐ सप्ताह मे दो बार दुध, शहद, या नींबू पानी में डालकर 

स्नान करें।

धन्यवाद!

यह लेख आपके लिए उपयोगी है या नही कृपया कोमेंट मे बतायें।


रविवार, 1 मई 2022

एक पेड आपका घरेलू डाक्टर सेमल।in hindi.

 एक पेड आपका घरेलू डाक्टर सेमल।in hindi.

Silk cotton tree|सेमल|शाल्मली। 



इसको अनेक नामों से जानते है। शाल्मली,मोचा,स्थिरायु,सेमल,सेमर,सांवर,सिमली,Silk cotton tree लैटिन-Salmalia malabarica , आदि। 

#डा०वीरेंद्र मढान। 

सेमल (वैज्ञानिक नाम:बॉम्बैक्स सेइबा), इस जीन्स के अन्य पादपों की तरह सामान्यतः 'कॉटन ट्री' कहा जाता है। इस उष्णकटिबंधीय वृक्ष का तना सीधा, उर्ध्वाधर होता है। शाखाओं पर कांटे होते है। पत्ते पाणीवतः होते है। इसके लाल पुष्प की 5 पंखुड़ियाँ होतीं हैं।शाखा के अगले भाग मे लगते है 

 गुण:-पुरिषविरजनीय, शोणितस्थापन,वेदनास्थापन, कषायस्कंध,। 

सेमल के मूल का वात पैतिक विकारों मे तथा पुष्प , फल का प्रयोग कफपैतिक विकारों में करते है। 

#सेमल का बाहरी प्रयोग :- 

समेल की छाल को खिसकर व्रणशोथ,व दाह(जलन) मे लगाते है। रक्तस्राव होने पर पुष्प का स्वरस या चूर्ण लगाते है।

- दंतमंजन मे मोचरस(सेमल का गोंद)प्रयोग करते है। -मुखपाक मे मोचरस का अवचूरण (चूर्ण लगाना)करते है। - सेमल के कांटों का लेप बना कर चेहरे का रंग साफ करने के लिऐ तथा कीलमुंहासों पर लगाते है।



 सिमर का फूल खाने से क्या होता है?

 इस औषधियुक्त पेड़ का अलग-अलग स्वरूप में उपयोग पेचिश,गिल्टी या ट्यूमर, कब्ज कमर दर्द ,दूध बढ़ाने और खांसी आदि के निवारण में किया जाता है। सेमल के पेड़ को साइलेंट डाक्टर कहा जाए तो अनुचित नहीं होगा। इसके फूल, फल, छाल आदि कई बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर होते हैं। 

#सेमल का आभ्यान्तर प्रयोग:- 

* मोचरस का प्रयोग अतिसार, प्रवाहिका, ग्रहणी तथा अर्श(बवासीर) मे करते है।

 * रक्तपित्त मे सेमल के फुल तथा मोचरस देते है।

 * कास(खांसी)म कच्चे फलो का प्रयोग करते है। 

* अश्मरी(पथरी) ,मूत्रकृच्छ, वृक्कशूल मे कच्चे फलों का क्वाथ या चूर्ण देते है। 

* सेमल की मूसली (जड) शुक्रबर्ध्दक,वाजीकारक योगो मे प्रयोग की जाती है।

 * मोचरस शुक्रस्तम्भक योगो मे डाली जाती है। * श्वेत प्रदर,रक्तप्रदर, मे मोचरस व सेमल के फुल प्रयोग में आते है। 

#सात्मीकरण:- 

दौर्बल्य और कार्श्य मे सेमल की मुसली  बहुत उपयोगी है। #सेमल की मात्रा:- - मूल चूर्ण 5-10 ग्राम,  - पुष्प रस 10-20 मि०ली०, - निर्यास(मोचरस) 1-2 ग्राम.  

किसी भी औषधि का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य करें। 

धन्यवाद!

शनिवार, 30 अप्रैल 2022

अंजीर गर्मी के दिनों में अधिक खायें तो क्या होगा? In hindi.

 #अंजीर गर्मी के दोनों में अधिक खायें तो क्या होगा? 



Dr.VirenderMadhan.

 * लीवर और आंतों को नुकसान- ज्यादा मात्रा में अंजीर खाने से आपके लीवर में भी परेशानी हो सकती है. इससे आंतों में रुकावट भी पैदा हो सकती है. अंजीर के बीजों को पचाना थोड़ा मुश्किल होता है. जिसके फलस्वरूप पेट फूलना और भारी रहना- ज्यादा अंजीर खाने से पेट भारी रहता है

 #अंजीर की तासीर

 अंजीर तासीर में गर्म होता है इसलिए ज्यादा खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. अंजीर (Fig) ऐसा फल है जिसे लोग मेवे के रूप में भी खाते हैं.
 ये खाने में काफी स्वादिष्ट और लाभदायक भी होता है. अंजीर में कई सारे पौष्टिक गुण होते हैं जो स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाते हैं. अंजीर में जिंक,मैंगनीज,मैग्नीशियम,आयरन जैसे खनिज पाए जाते हैं। अंजीर में एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। अंजीर के सेवन से महिलाओं को हार्मोनल समस्या और पीरियड्स में परेशानी नहीं होती है। भीगे हुए अंजीर खाने से वजन कम करने में भी सहायता मिलती है।

 #अंजीर को कब खाना चाहिए?

 इसका सेवन आप सुबह खाली पेट करें. इसके साथ आप बादाम और अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट भी भीगो कर रख सकते हैं. आइए जानें भीगे हुए अंजीर खाने के स्वास्थ्य लाभ.

 #अंजीर खाने का सही तरीका क्या है? 

यदि अंजीर सूखे हैं तो तीन अंजीर को रात में पानी में भिगो दें और सुबह उन्हें चबा चबा कर खाएं। अंजीर खाने के और भी कई फायदे हैं। यह ब्लड शुगर लेवल, लीवर और पाचन संबंधी समस्याओं और रक्त संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है 

#अंजीर खाने से क्या नुकसान होता है? 

*अंजीर खाने के नुकसानः (Anjeer Khane Ke Nuksan) 

* गुर्दे में पथरीः 

 अगर आपको पथरी की समस्या है तो आप अंजीर का सेवन न करें. 

* पेट दर्दः 

 अंजीर को वैसे तो पाचन के लिए अच्छा माना जाता है.फिर भी पेट के दर्द को बढा सकता है 

* माइग्रेनः

  सूखे अंजीर में अत्यधिक मात्रा में सल्फाइट होता है और सल्फाइट का अधिक सेवन माइग्रेन अटैक बढ़ा सकता है। 

* दांत दर्दः 

दांत के दर्द में अंजीर न ले परेशानी बढ सकती है। 

 #क्या गर्भावस्था में अंजीर खाना सुरक्षित है? 

हां, गर्भावस्था में कम मात्रा में अंजीर खाना सुरक्षित है। इस दौरान अंजीर के नुकसान कम हैं, लेकिन अगर गर्भवती महिला किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही है या एलर्जी के प्रति संवेदनशील है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेकर ही अंजीर का सेवन करना चाहिए ।

  #खाली पेट अंजीर खाने से क्या होता है

 अंजीर का सेवन सुबह खाली पेट करने से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) कंट्रोल में रहता है। क्योंकि इसमें पोटैशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को रोजाना सुबह खाली पेट अंजीर का सेवन करना चाहिए। सुबह खाली पेट अंजीर का सेवन डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। 

 #अंजीर से क्या फायदा होता है? 

* दिल का रखें ख्याल अंजीर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल रखने में मदद करता है। * हड्डियों को बनाए मजबूत अंजीर में कैल्शियम फॉस्फोरस मैग्नीशियम पोटेशियम आदि होते हैं।  * प्रजनन क्षमता बढ़ाता है * शुगर के स्तर को कम करता है #अंजीर से क्या वजन बढ़ता है? * अंजीर में काफी अच्छी मात्रा में कैलोरी, प्रोटीन और हेल्दी फैट होता है। जो लोग अपने दुबले-पतले शरीर से परेशान हैं, उनके लिए अंजीर का सेवन लाभकारी साबित हुआ है।
धन्यवाद!
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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

क्रोध आपका क्या क्या बिगाड़ सकता है?डा०वीरेंद्र मढान.in hindi.

 # क्रोध आपका क्या क्या बिगाड़ कर सकता है?



Dr.Virender Madhan.

क्रोध {krodh} | ANGER.

क्रोध या गुस्सा एक भावना है। दैहिक स्तर पर क्रोध करने/होने पर हृदय की गति बढ़ जाती है.श्वास की गति तेज हो जाती है। रक्त चाप बढ़ जाता है। यह भय से पैदा हो सकता है। भय व्यवहार में स्पष्ट रूप से व्यक्त होता है जब व्यक्ति भय के कारण को रोकने की कोशिश करता है।तब क्रोध हो सकता है।

- क्रोध आने का प्रमुख कारण व्यक्तिगत या सामाजिक अवमानना है। उपेक्षित तिरस्कृत समझे जाने वाले लोग अधिक क्रोध करते है। क्योंकि वे क्रोध जैसी नकारात्मक गतिविधी के द्वारा भी समाज को दिखाना चाहते है कि उनका भी अस्तित्व है। क्रोध का ध्येय किसी व्यक्ति विशेष या समाज से प्रेम की अपेक्षा करना भी होता है।

क्रोध कैसे उत्पन्न होता है?

* जब अपमान होता है तब क्रोध आता है, जब नुकसान हो जाता है, तब क्रोध आता है। 

* क्रोध आने का कारण होता है जब हमारे अनुकूल परिस्थितिया नही होती जैसा हम चाहते है या क्रोध हम उनके ऊपर करते है जिन्हें हम कमजोर समझते है जिन्हें हम अपने से शक्तिशाली समझते है उन पर हम क्रोध नही करते।


#क्रोध हवा का वह झोंका है,

जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है ।

- अधिक क्रोध के चलते अवसाद, चिंता, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग के साथ ही कई और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है।

#क्रोध से किसे परेशानी होती है?

लेकिन क्रोध को न्यायोचित ठहराना किसी भी हाल में समझदारी नहीं है। क्रोध को एक शक्ति के रूप में मानकर कई लोगों ने उसे हथियार बना लिया है। लेकिन दूसरों के ऊपर उस अस्त्र का इस्तेमाल करने पर वह अस्त्र घूमकर फेंकने वाले पर ही वार करता है। क्रोध करने वाले को स्वयं की बहुत हानि होती है।

उसने जिस नतीजे की कल्पना की थी, वह पूरा नहीं होता, और मामला बिगड़ भी जाता है।

#क्रोध के शारीरिक लक्षण (Physical signs of anger)

- उच्च रक्तचाप ब्लड प्रेशर बढने लगता है ।

- सिरदर्द रहने लगता है।प्यास बढ जाती है।

- अनिद्रा का रोग पैदा हो जाता है।रात भर ठीक से सो नही पाता है।

- त्वचा की स्थिति जैसे एक्जिमा,इरीटेबल बाउल सिंड्रोम जैसे पाचन विकार

- अवसाद होने लगता है।

-चिंता Stress हो जाती है।

#क्रोध के कौन से दुष्परिणाम होते हैं?

- गुस्सा करने से आपके स्वास्थ्य पर अत्यधिक बूरा असर होता है, 

- क्रोध आने पर मस्तिष्क में ऐसे रासायनिक तत्व बनते हैं, जिनका शरीर और मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

- आंखें लाल हो जाती हैं तथा हार्ट में जलन हो सकती है।और छाती में दर्द बन सकता है।

- ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

- आक्रामक भावनाएं उत्पन्न होती हैं।

- सोच-विचार की शक्ति कमजोर हो जाती है।दैनिक व्यवस्था करने में, तथा लक्ष्य प्राप्ति मे असफल होने लगता है। 

- मानसिक तनाव बढ़ जाता है। 


#क्रोध पर नियंत्रण के उपाय


10 उपाय जो गुस्से को कंट्रोल करने में कर सकते हैं.


- अपने गुस्से का इजहार करें।हां मुझे गुस्सा आ जाता है।

- गुस्सा पंचिंग बैग पर या किसी सामान पर न निकालें।

- तीन बार गहरी सांसें लें।

गुस्से के कारण को समझें, गुस्सा हर हाल मे हमारा ही नुकसान करेगा यह बात अपने दिमाग मे रखें।

- क्रोध में आपा ना खोएं नही तो बाद मे पछतावा होगा.बडी हानि भी उठानी पड़ सकती है।

- दूसरी जगह टहलने निकल जाएं क्रोध को शांत करें,जितनी देर तक गुस्से में रहोगे आपके शरीर को आपकी जिंदगी को खाता रहेगा।

- जीवन मे कुछ करना है तो आत्मनियंत्रण का हुनर सीखना पडेगा।

- गुस्से के लक्षणों को पहचानें

#एंगर|क्रोध की चिकित्सा?

#क्रोध को कैसे काबू करें,क्रोध या गुस्सा कम कैसे करें?

- जब आप क्रोध महसूस करते हैं तो आप अधिक सांस लेते हैं। सुनिश्चित करें कि आप सांस अंदर लेने से ज्यादा समय तक सांस बाहर छोड़ें और सांस छोड़ते समय रिलैक्स (शांति )मन मे बोलें। यह आपको शांत करने और स्पष्ट रूप से सोचने में मदद करेगा।

#क्या करे जब आपको गुस्सा आये?

- उल्टी गिनती करना उल्टी गिनती गिनने से आपको अपने गुस्से को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यह कुछ दिनों तक दिन में एक बार जरूर करें।

- टहलें थोड़ा बहुत टहल कर आप अपने अपने क्रोध पर अंकुश लगा सकते है। 

- मैडिटेशन करें मैडिटेशन का अभ्यास करने से गुस्सा कम करने में मदद मिल सकती है । 

- गहरी सांस लें प्राणायाम करें।

- अपनी पसंद का संगीत सुनें ।

- चुप रहने का अभ्यास करें।मौन रहने से मानसिक शक्ति बढती है।

- रात मे जल्दी सोने की आदत डालें , अच्छी नींद लेने से शारिरीक व मानसिक दोनों तरह की शक्ति मिलती है।

#क्या खायें क्या न खायें?

तामसिक भोजन न करें, -अधिक मसालों का प्रयोग न करें

- किसी भी प्रकार का नशा न करें।

- उग्रता वेग वाले व हिंसक दृश्य या फिल्में, वीडियो न देखें।

सात्विक व पौष्टिक आहार ले। 

- परमात्मा का  ध्यान,भजन,प्रार्थना करें।

ध्यान रखें ..आपके साथ जो घटित होता है वह आपके ही कर्मो का परिणाम है।शांति के साथ भुगतान करने की कोशिश करें, 

- अपने हाथों से दूसरों का भला करते चलो आपका भला स्वतः ही होगा।

धन्यवाद!


मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

वजन कैसे बढायें|कृशता किसे कहते है?In hindi.

#घरेलूउपाय #आयुर्वेदिकचिकित्सा #Healthtips.

#वजन कैसे बढायें?



#पतलापन|कृशता किसे कहते है?In hindi.

* कृशता क्या है?

By:-Dr.Virender Madhan.

दुबले व्यक्ति के नितम्ब, पेट और ग्रीवा शुष्क होते हैं। अंगुलियों के पर्व मोटे तथा शरीर पर शिराओं का जाल फैला होता है, जो स्पष्ट दिखता है। शरीर पर ऊपरी त्वचा और अस्थियाँ ही शेष दिखाई देती हैं।

#शरीर में दुबलापन क्यों आता है?

मानसिक, भावनात्मक तनाव, चिंता की वजह से व्यक्ति दुबला हो सकता है। यदि शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाए तो व्यक्ति दुबला हो सकता है। चयापचयी क्रिया में गड़बड़ी हो जाने के कारण व्यक्ति दुबला हो सकता है। बहुत अधिक या बहुत ही कम व्यायाम करने से भी व्यक्ति दुबला हो सकता है

दुबलेपन के कारण : -

अग्निमांद्य या जठराग्नि का मंद होना ही अतिकृशता का प्रमुख कारण है। अग्नि के मंद होने से व्यक्ति अल्प मात्रा में भोजन करता है, जिससे आहार रस या 'रस' धातु का निर्माण भी अल्प मात्रा में होता है। इस कारण आगे बनने वाले अन्य धातु (रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्रधातु) भी पोषणाभाव से अत्यंत अल्प मात्रा में रह जाते हैं, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति निरंतर कृश से अतिकृश होता जाता है। इसके अतिरिक्त लंघन, अल्प मात्रा में भोजन तथा रूखे अन्नपान का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से भी शरीर की धातुओं का पोषण नहीं होता।

#दुबलेपन से परेशान है तो क्या करें।

-पौष्टिक आहार लें और खुब सोये।कठिन परिश्रम न करें।

#दुबले-पतले शरीर को मोटा कैसे बनाएं?

आयुर्वेदिक चिकित्सा

संतर्पण क्रिया:-

सर्वप्रथम उसके अग्निमांद्य को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। लघु एवं शीघ्र पचने वाला संतर्पण आहार, मंथ आदि अन्य पौष्टिक पेय पदार्थ, रोगी के अनुकूल ऋतु के अनुसार फलों को देना चाहिए, जो शीघ्र पचकर शरीर का तर्पण तथा पोषण करे। 

- रोगी की जठराग्नि का ध्यान रखते हुए दूध, घी आदि प्रयोग किया जा सकता है। 

-कृश व्यक्ति को भरपूर नींद लेनी चाहिए, इस हेतु सुखद शय्या का प्रयोग करें। 

- कृशता से पीड़ित व्यक्ति को चिंता, मैथुन एवं व्यायाम का पूर्णतः त्याग करना चाहिए।

पंचकर्म :-

- कृश व्यक्ति के लिए मालिश अत्यंत उपयोगी है। पंचकर्म के अंतर्गत केवल अनुवासन वस्ति का प्रयोग करना चाहिए तथा ऋतु अनुसार वमन कर्म का प्रयोग किया जा सकता है। कृश व्यक्ति के लिए स्वेदन व धूम्रपान वर्जित है। 

रसायन एवं वाजीकरण :-

-  कृश व्यक्ति को बल प्रदान करने तथा आयु की वृद्धि करने लिए रसायन औषधियों का प्रयोग परम हितकारी है, क्योंकि अतिकृश व्यक्ति के समस्त धातु क्षीण हो जाती हैं तथा रसायन औषधियों के सेवन से सभी धातुओं की पुष्टि होती है, 

औषधि चिकित्सा क्रम :-

- सर्वप्रथम रोग की मंद हुई अग्नि को दूर करने का प्रयोग आवश्यक है, इसके लिए दीपन, पाचन औषधियों का प्रयोग अपेक्षित है। अग्निमांद्य दूर होने पर अथवा रोगी की पाचन शक्ति सामान्य होने पर जिन रोगों के कारण कृशता उत्पन्न हुई हो तथा कृशता होने के पश्चात जो अन्य रोग हुए हों, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही औषधियों की व्यवस्था करना अपेक्षित है।

#कृशता में उपयोगी औषधियाँ :-

*लवणभास्कर चूर्ण, 

* हिंग्वाष्टक चूर्ण, 

* अग्निकुमार रस, 

* आनंदभैरव रस, *

* लोकनाथ रस( यकृत प्लीहा विकार रोगाधिकार), 

* संजीवनी वटी, 

* कुमारी आसव, 

*द्राक्षासव, 

*लोहासव, 

* भृंगराजासन, 

* द्राक्षारिष्ट, 

* अश्वगंधारिष्ट, 

* सप्तामृत लौह, 

* नवायस मंडूर, 

* आरोग्यवर्धिनी वटी, *च्यवनप्राश, 

* मसूली पाक, 

* बादाम पाक, 

* अश्वगंधा पाक, 

* शतावरी पाक, 

* लौहभस्म, 

* शंखभस्म, 

* स्वर्णभस्म, 

* अभ्रकभस्म 

-- मालिश के लिए 

- बला तेल, 

- महामाष तेल (निरामिष) आदि का प्रयोग आवश्यकतानुसार करना चाहिए।

#दुबलेपन से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय?

* कृशता मे क्या खायें?

भोजन में जरूरी : गेहूँ, जौ की रोटी, मूंग या अरहर की दाल, पालक, पपीता, लौकी, मेथी, बथुआ, परवल, पत्तागोभी, फूलगोभी, दूध, घी, सेव, अनार, मौसम्बी आदि फल अथवा फलों के रस, सूखे मेवों में अंजीर, अखरोट, बादाम, पिश्ता, काजू, किशमिश आदि। सोते समय एक गिलास कुनकुने दूध में एक चम्मच शुद्ध घी डालकर पिएँ, इसी के साथ एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लें, लाभ न होने तक सेवन करें।


धन्यवाद!

सोमवार, 25 अप्रैल 2022

मोटापा|मेदोरोग|Obesity क्या है?In hindi.

 मोटापा|मेदोरोग|Obesity क्या है?In hindi.



By:-Dr.VirenderMadhan.

#मोटापा,Obesity वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है। यह आयु संभावना को भी घटा सकता है।

-मेद के मार्ग रुक जाने के कारण अन्य घातुओं का पोषण नही होता।

इसके कारण मेद अधिक बढ जाती है रोगो कार्यों के करने मे असमर्थ होने लगता है।

पेट पर चर्बी बढने से रोगी को सांस लने मे कठिनाई होती है। पसीना दुर्गंध युक्त आने लगता है।

प्यास, मोह,निंद्रा बढ जाती है।शरीर की शक्ति कम हो जाती है।मेद से रुकी हुई वायु जठराग्नि को बढा देती है इसलिए रोगी की भुख बढ जाती है।तथा अनेक विकार उत्पन्न हो जाते है।रक्तविकार ,विसर्प,कोढ,भगंदर, बवासीर, ज्वर,अतिसार, प्रमेह, कामला आदि रोग होने लगते है।

कैंसर, प्रजनन क्षमता में कमी, दिल, ऑस्ट्रियोआर्थराइटिस, टाइप 2 डाइबिटीज, पित्ताशय की बीमारी, सांस, उच्च रक्तचाप, लिवर में मोटापा, नर्व डिसऑर्डर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

#मोटापा क्यों बढता है?

मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है। असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।

#मोटे होने के कारण क्या है?

- मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवनशैली मोटापे का प्रमुख कारण है। असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।

सबसे बडा मोटापे के कारण मुख्यतः 

- अधिक भोजन करना, -अनुवांशिक, और 

- अंतःस्रावी ग्रंथियों का प्रभाव होता है।

# क्या चीज खाने से मोटापा बढ़ता है?

फ्राईड भोजन जैसे परांठे, पुरी,कचौड़ी, हलवा, आदि गरिष्ट भोजन खाने से मेद बढता  है।

इंस्टेंट नूडल्स, पास्ता, फ्राइड फूड खाने से वजन बढ़ता है, फिर चाहे आप रोजाना कार्य करते हों. इन चीजों में प्रिजर्वेटिव होते हैं किसी तरह का कोई पौष्टिक तत्व नहीं होता है. इसके अलावा ये चीजें मैदा से बनी होती हैं जिसमें आर्टिफिशयल कलर और टेस्ट डाला होता है.

- मिठाई दूध, दही, मावे की चीचें खाने से, 

- अधिक आराम व सोने से मेदोरोग हो जाता है।


#मोटापा कितने प्रकार का होता है

-निष्क्रियता मोटापा ( Inactivity obesity) :

- भोजन के कारण होने वाला मोटापा:

- एंग्जाइटी ओबेसिटी :

- वीनस ओबेसिटी :

- एथेरोजेनिक मोटापा:

- ग्लूटेन ओबेसिटी :

# मोटापे से होने वाली परेशानियां (Complications of obesity).

* उच्च रक्तचाप (high blood pressure) (हाइपरटेंशन) - 

इससे गंभीर हृदय रोग (ऐसी समस्या जो शरीर के चारों ओर क्त के प्रवाह को प्रभावित करती है) की समस्या बढ़ सकती है

* बांझपन (infertility)

* टाइप 2 डायबिटीज

* कई प्रकार के कैंसर

* हृदय रोग

* आघात (stroke)

* अस्थमा


#मोटापा कैसे कम करें?

पेट की चर्बी

- रोजाना एक कप हल्का गर्म पानी पिएं। लगातार एक माह पीने से आपका कम से कम 2 किलो वजन कम हो जाएगा।

- रोजाना कपालभाति करें।

- चीनी का सेवन बेहद कम कर दें।

- खाने के बाद वज्रासन करें।

- सप्ताह में एक बार व्रत रखें।

- व्रत के समय फलों का सेवन करें।

#तुरंत मोटापा कम कैसे करे?

#मोटापा कम करने की विशिष्ठ चिकित्सा।

- अगर तोंद अधिक बढ गई है तो धतूरे के पत्तों का रस निकाल कर तोंद पर प्रतिदिन लगायें।आवश्यकता अनुसार अन्य भागों पर भी मालिस करें।

- ताड के पत्तों का क्षार और हिंग को चावल के माण्ड मे मिलाकर पीने से मेदो बृध्दि मे लाभ मिलता है।

- पीपल को पीसकर शहद मे मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से मोटापा कम होता है।

- कुलथी दाल प्रतिदिन बनाकर खाने से मोटापा और पथरी को नष्ट करती है।

- 10 नीबूं के रस को पीने मे मिलाकर रोज पीने से साथ मे उपवास करने से मेद रोग मे आराम मिलता है।

-त्रिफला और गिलोय का काढा (गिलोय त्रिफला रस ) पीने से मोटापा दुर होता है।

-त्रिफला क्वाथ मे शहद मिलाकर पीने से मोटापा घट जाता है।

- चावल का मांड रोज पीते रहने से मोटापा नही रहता है।

-पानी को उबालकर कर ठंडा करके फिर उसमे 50 ग्राम शहद मिला कर कुछ दिन पीने से मोटापा भाग जाता है।

- आप मेथी दाना को पीसकर पेस्ट तैयार कर लें और इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर खाएं, इससे तेजी से वजन कम करने में हेल्प मिलेगी. वजन घटाने और शरीर का फैट बर्न करने के लिए मेथी की चाय का सेवन फायदेमंद माना जाता है. एक कप पानी में एक चम्मच मेथी दाना, दालचीनी की कुछ टुकड़े, चीनी और अदरक मिलाएं. इसे धीमी आंच पर 5 मिनट तक पकाएं.


#मोटापे मे क्या करें?[पथ्य]

मोटापा होने पर पथ्य:-

चिन्ता, टेंशन, परिश्रम, स्त्री प्रसंग, लंघन (भुखे रहना),उबटन ,धूप में रहना,भ्रमण(घूमना),पुराने धान्य - चावल,जौ, कुलथी, चना , मसूर, मूंग, अरहर,शहद, खील, मठ्ठा (छाछ)बैंगन का भुरता,आदि भोजन मे शामिल जरुर करें।

त्रिफला, लौहभस्म, त्रिकुटा, इलायची, शिलाजीत औषधि रूप मे लें।

समस्त रूखे पदार्थ, पत्तों का साग, गर्म जल, चन्दन का लेप, कच्चा केला,बनाकर खायें।

#मोटापे मे यह न करें [अपथ्य]

मोटापा कम करने के लिए -

जितने कफबर्ध्दक पदार्थ है, चिकने पदार्थ, दूध, दही, मक्खन, धी मे बने भोजन ,पका केला, नारियल, मछली, मांस, न खायें।

सुखदायक बिस्तर पर न सोयें।आलस्य को भगा दें।अधिक स्नान करना,भोजन के बाद पानी पीना, बल बढाने वाले रसायन, मिठाई खाना,इत्र लगना छोड दें।

आपको लेख उपयोगी लगा हो तो कोमेंट मे जरूर बतायें।

धन्यवाद!