Guru Ayurveda

गुरुवार, 21 जुलाई 2022

सोने की कीमत वाले|फल और सब्जियों के छिलके.in hindi.

 सोने की कीमत वाले|फल और सब्जियों के छिलके.in hindi.



Dr.VirenderMadhan.

फल और सब्जियों के छिलके बहुत किमती होते है.जिन्हें आप बेकार समझ कर कूडेदान मे फैके देते हो.यह सब हम अज्ञानता के कारण करते है.अगर हम थोड़ा उन चीजों के बारे मे जानकारी कर लें जिन चीजों को हम अपने घर से फेंकते रहते है.जैसे फल और सब्जियों के छिलके हम रोज डस्टबिन मे डालते रहते है.

इनके बारे मे जानकर हमे पैसों की बचत के साथ साथ पौष्टिकता भी मिलती है.

अधिकतर लोग फलों (Fruit) और सब्जियों (Vegetables) के छिलके (Peel) फेंक देते हैं लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि ये छिलके दरअसल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद (Benefits) होते है।इनके प्रयोग करने से धन की बचत भी होती है।

#फल और सब्जियों के छिलकों मे क्या क्या होता है?

फलों के छिलके विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट जैसे लाभकारी पोषक तत्वों से भरे होते हैं जो कुछ बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों को उनके छिलकों के साथ खाना एक अच्छा उपाय होगा।”

#छिलक को हटाए बिना खाने कौन कौन से 5 फल खाये जाते है?

छिलक को हटाए बिना खाये जाने वाले 5 फल.

1 आलूबुखारा.

2 नाशपाती.

3 कीवी.

4 सेब.

5 चीकू.

#वे कौन कौन से 6 फल हैं जिनको छिलकर खाया जाता है ?

छिलकर खाये जाने वाले 6 फल:-

1-संतरा

2-केला

3-आम

4-लीची

5-अनार

6-सीताफल

#फल और सब्जियों के छिलकों से रोगों का ईलाज कैसे होता है?

</>केला के छिलके|Banana peel

#केले का छिलका मुंह पर रगड़ने से क्या होता है?

- कैसे काम करता है केले का छिलका.

मुंहासों के दाग चेहरे से कम करता है. 

* यह आगे होने वाले मुंहासे को भी आने से रोकता है. 

- यह एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी की भरपूर होती है, जो त्वचा की इलास्टिसी को बढ़ाने में मदद करता है त्वचा को नर्म बनाता है  

- झुर्रियों को कम करता है.

#केले के छिलके चेहरे पर लगाने से क्या होता है?

-मुंहासों की समस्या के लिए केले के छिलकों का फेस पैक फायदेमंद होता है। 

- यह एंटी-एक्ने काम करता है,  - केले में जिंक एलिमेंट भी होता है, जिसे मुंहासे के इलाज के लिए जाना जाता है 


#केले के छिलके खाने से क्या होता है?



- पाचन के लिए अच्छा होता है

- केले का छिलका फाइबर से भरपूर होता है और अगर इसका रोज सेवन किया जाए तो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है. 

- ये कब्ज और दस्त की समस्याओं को दूर करता है. अगर आपको इरिटेबल बोल सिड्रोम की समस्या है तो केले के छिलके का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए.

#केले के छिलके को चेहरे पर कैसे लगाए?

कैसे करें इस्तेमाल –

केले के छिलके को छोटे टुकड़े काट लें. पहले चेहरे को साफ कर लें ताकि आपकी त्वचा पर कोई धूल या पसीना न हो. अब केले के छिलके का पीस लें और चेहरे पर मसाज करें. 

#तुरंत चमक के लिए केले के फेस पैक कैसे बनाये?

* एक पका केला लें और उसमें 2 से 3 चम्मच चावल का आटा और 1 चम्मच शहद मिला दें. अब इस पेस्ट को चेहरे और गले पर लगाएं और 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें. बाद में चेहरे को ठंडे पानी से धो दें. कुछ ही आपको चेहरे पर फर्क नजर आ जाता है।


#केले के छिलके की चाय कैसे बनायें?

banana peel tea

बनाने की विधि:-

- केले के छिलकों के टुकड़ों में काट कर उबलते पानी में डालते है. जब यह अच्छे से उबल जाए, तो इसे कप में इसे छान लें। फिर इसमें दालचीनी और शहद मिलाएं और पी लें।

- यह ​दिल की बीमारियों से बचाता है

#आम का छिलका

आम के छिलका में पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। यह आपके दिल की सेहत के लिए अच्छा है और हार्ट अटैक, कार्डिट अरेस्ट जैसी हृदय संबंधी समस्याओं से बचाता है। आम के छिलके में उच्च फाइबर सामग्री भी दिल की समस्याओं को दूर करती है।

आलू के छिलके

#आलू के छिलके में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

आलू के छिलके में भरपूर मात्रा में विटामिन बी3 पाया जाता है. विटामिन बी3 ताकत देने का काम करता है. 

- आलू के छिलके में ढेर सारा आयरन भी पाया जाता है, जो लाल रक्त कोशिका के कार्य में मदद करता है। इसमें आपको ढेर सारा विटामिन-बी 3 भी मिलेगा, 

- यह आपकी कोशिकाओं को शारीरिक तनाव से उबरने में भी सहायता करता है।

#घिया के छिलके



इन छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लें और इसे रोजाना ठंडे पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करें। 

- दस्त की समस्या में छूटकारा दिलाने में भी लौकी के छिलके बड़े लाभकारी होता हैं। 

-कब्‍ज और गैस- 

लौकी के छिलके में भरपूर मात्रा में फाइबर और आवश्‍य‍क तत्‍व पाए जाते हैं।

- लौकी ऐसी सब्जी है, जिसे कई बीमारियों में खाने की सलाह दी जाती है। लौकी के छिलके भी कम फायदेमंद नहीं हैं। 

- लौकी के छिलकों में विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5 और बी6, कैल्शियम, आयरन, जिंक, पोटेशियम, मैग्रीशियम और मैग्नीज जैसे तत्व पाए जाते हैं। 

- गैस

गैस की समस्या से परेशान हैं तो लौकी के छिलके खायें.  -लौकी के छिलकों में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो गैस, कब्ज की समस्या को ठीक करने में मदद करता है।

-पाइल्स

 पाइल्स के लिए लौकी के छिलके फायदेमंद हो सकते हैं।  लौकी के छिलकों को सुखाकर पाउडर बनाये और इसे रोजाना ठंडे पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करना है। यह पाइल्स की समस्या मे लाभकारी है। 

- जलन

गर्मियों के मौसम में हाथ पैर के तलवे  जलते हैं, ऐसे में लौकी के छिलके कारगर होता हैं। लौकी के जूस का सेवन करने से भी जलन में आराम मिलती है।

- बालों

लौकी में फोलेट, विटामिन सी, विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन और जिंक जैसे आवश्कोल तत्वट शामिल होते हैं, जो बालों की हेल्थ के लिए अच्छे माने जाते हैं। लौकी के छिलकों का इस्तेमाल कर बालों को हेल्दी रखा जा सकता है।

- वेट लॉस  के लिये लौकी के छिलके.

मोटापे से परेशान हैं, तो लौकी के छिलके का इस्तेमाल कर सकते हैं। लौकी में कैलोरी की मात्रा बहुत कम पाई जाती है। लौकी के छिलकों का जूस पीने से वजन को आसानी से कम किया जा सकता है।

नारियल की जटा

#नारियल की जटा के क्या क्या फायदे है?

(Coconut peel benefits)

- नारियल की जटा में फाइबर की अधिकता होती है, यह आपको पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में असरकारी माना जाता है। बवासीर से पीड़ित मरीजों के लिए नारियल की जटा काफी फायदेमंद हो सकती है। इसके इस्तेमाल से आप पुरानी से पुरानी बवासीर की समस्या को दूर कर सकते हैं।

नारियल की जटा को जलाकर भस्म बन लें .

यह भस्म पेट की समस्या, जलन,गैस,बवासीर, खांसी,सांस फुलना आदि रोगो मे लाभदायक है

संतरे के छिलके

#संतरे के छिलके लगाने से क्या होता है?

- त्वचा के लिए है फायदेमंद रहता है

-त्वचा को जवां बनाए रखता है - इससे त्वचा पर मौजूद ब्लैक हेड्स, दाग-धब्बे, मुंहासों, झाइयों की समस्या दूर हो सकती है. 

- त्वचा पर निखार आता है. प्रीमैच्योर एजिंग से बचे रहते हैं.

 #संतरे के छिलकों को चेहरे पर कैसे लगाएं?

एक बड़े चम्मच संतरे के छिलके के पाउडर में दही मिलाकर फेस पैक बनाएं. इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं. इसे 15 से 20 मिनट के लिए लगा रहने दें.बाद मे साफ करें.

#संतरे के छिलके का लेप कैसे बनाएं?

- एक बर्तन में संतरे के छिलके का पाउडर और हल्दी को मिला लें और इसमें गुलाब जल डालकर पेस्ट तैयार कर लें।

 इसे चेहरे और गर्दन पर लगाकर 10 से 15 मिनट के लिए सूखने दें।

 बाद मे चेहरे को धो लें।


अनार के छिलके

#अनार के छिलके के फायदे

अनार के छिलके

- हृदय के लिए फायदेमंद  होता है। 

- अनार के छिलके में मेथनॉल अर्क में एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं यह बेड कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है. 

- मुंह की बदबू को दूर करता है.

- पीरियड्स के दर्द से राहत दिलाता है.

- झुर्रियों को कम करता है.

धुप के दुष्प्रभाव को दूर करता है.

#अनार के छिलके चेहरे पर कैसे लगाएं?

- अनार के छिलकों को सूखा ले फिर चूर्ण बना लें. अब दो चम्मच पाउडर में दो चम्मच गुलाब जल मिला कर अच्छे से मिक्स कर लें. इसके बाद इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगा लें. 20 से 25 मिनट के बाद साफ पानी से अपना चेहरा धो लें.

खीरे का छिलका

खीरे का छिलका विटामिन A  पाया जाता है, 

- यह आई साइट को स्ट्रांग करने में मदद करता है और आंखों को स्वस्थ रखता है. खीरा के छिलके में विटामिन K  होता है, जो ब्लड क्लॉटिंग को रोकने में मदद करता है. साथ ही यह ब्लड वेसेल्स को हेल्दी बनाता है, 

धन्यवाद!





रविवार, 17 जुलाई 2022

झुर्रियां समय से पहले क्यों आ जाती हैं ? In hindi.

 #झुर्रियों की आयुर्वेदिक दवा

Ayurvedic medicine for  wrinkles



Dr.virenderMadhan.

- झुर्रियां समय से पहले क्यों आ जाती हैं ? In hindi.

 Why do wrinkles appear on the face before time?

- जो जो हमारी उम्र बढ़ती है वैसे - वैसे चेहरे पर झुर्रियां भी आनी शुरू हो जाती हैं,त्वचा में इलास्टीसिटी और मॉस्चराइजर कम होने लगता है जिसके कारण से हमारी त्वचा ढीली पड़ती जाती है और शरीर पर झुर्रियां दिखाई देनी शुरू हो जाती है.

#झुर्रियां|Wrinkles.

* झुर्रियां को राइटिड्स भी कहा जाता है, उम्र बढ़ने का एक स्वाभाविक हिस्सा हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, 

- त्वचा में दरारें, सिलवटें और रेखाएं दिखने लगती हैं। ऐसा  त्वचा के पतली होने के कारण होता है और समय के साथ अपनी कोमलता व लचीलापन समाप्त हो जाती है।

#झुर्रियों के कारण:-

बडी उम्र में तो लोग झुर्रियों का शिकार होते हैं. झुर्रियां कम उम्र में होना अधिक तनावग्रस्त रहने, शरीर में विटामिन डी 3 की कमी से भी होता है।

- अत्याधिक कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल,

- धूम्रपान,

- प्रदूषण और 

- सूरज की अल्ट्रावायरस किरणों से होता है.

- चेहरे पर ज्यादा और गलत कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करने से झुर्रियां हो जाती है.

 - आपकी स्किन ड्राई रहती है या रुखा बनाने वाली क्रीम का प्रयोग करते हैं तो इससे झुर्रियां हो सकती हैं.

 - नींद पूरी ना लेना, तनाव में रहना और शरीर में पोषण की कमी होना भी शामिल है। 

- शरीर में वात कुपित होकर भी   चेहरे पर झुर्रियां हो जाती है।

#झुर्रियों के घरेलू उपाय क्या करें?

-नारियल तेल: 

नारियल का तेल त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, 

- नारियल तेल में थोड़ा-सा संतरे का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से भी चेहरे की बारीक रेखाएं हल्की हो जाती हैं.

-नींबू:-

 विटामिन-सी त्वचा के लिये लाभकारी होती है। साथ ही यह झुर्रियों को भी कम करता है।इसके लिए-

- नींबू का रस माथे, चेहरे पर आंखों के आसपास उभर आई झुर्रियों पर नींबू का रस लगाएं. 15-20 मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इससे झुर्रियां कम होती हैं.

- केला:-

केले को शहद के साथ मिलाएं. इसे पूरे चेहरे पर लगाएं. इससे झुर्रियां, रेखाएं आदि कम होती हैं.

-एक चम्मच बेसन, दो चुटकी हल्दी और 5 बूंद जैतून के तेल की मिलाकर लेप तैयार करें। इसे चेहरे से लेकर गर्दन तक पर लगाएं और करीब 25 मिनट तक रहने दें। इसके बाद साफ पानी से चेहरा धो लें। 

- आंखों के नीचे झुर्रियों का कारण कई बार शरीर में पानी की कमी भी होती है. ऐसे में खूब पानी पिएं और खीरे और ककड़ी का सेवन करें. इसके अतिरिक्त आप खीरे या ककड़ी के रस को निकालकर अपनी आंखों के नीचे भी लगाएं.

अंगूर:-

अंगूर को काटकर उसका रस झुर्रियों वाली जगह पर लगाएं. 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा साफ कर लें. 

- सेब:-

कच्चे सेब को पीसकर चेहरे पर लगाएं. सेब त्वचा को साफ़ करता है और रेखाओं को भी हल्का कर देता है.

- पपीता

पपीता विटामिन ए से भरपूर होता है।पपीते को पीसकर चेहरे पर लगाने से त्वचा में कसाव आता है और झुर्रियां कम होती हैं.

- खीरा:-

खीरे को कद्दूकस करके थोड़ा सा दही मिलाएं. लेप करें, सूख जाने पर पानी से धो लें.

- दही:-

एक चम्मच दही में एक चम्मच उड़द दाल का पाउडर डालकर  पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाएं. सूखने पर पानी से धो दे।

#आयुर्वेदिक इलाज

इसके लिये आप अपने चिकित्सक से सलाह ले कर 

- त्रिफला चूर्ण

- चोपचीन्यादि चूर्ण

- खदिरारिष्ट 

- गिलोय रस

- रक्तशोधी (गुरु)आदि का प्रयोग कर सकते है।

#झुर्रियां है तो क्या खायें?

झुर्रियां मिटाने के लिए 

- एंटी एजिंग फूड्स खाएं.

- विटामिन सी युक्त फूड्स.

- ब्रेकफास्ट में स्प्राउट्स खाएं.

- फ्लैक्स सीड्स के फायदे.

फलों में-

पपीता

- पपीता मे कई विटामिंस और मिनरल्स जैसे- विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, पैंटोथेनिक एसिड, कॉपर, फोलेट, पोटेशियम होते है. 

-एवोकाडो

 एवोकाडो हेल्दी वसा से भरपूर फल है. 

- संतरा,अनार,आम आदि खाना उपयोगी है।

- चिया के बीज,दालचीनी,अदरक,दलिया,शकरकंदी,टमाटर,अखरोट इत्यादि का प्रयोग करें।

#झुर्रियां  है, तो क्या न खाएं - What not to eat to avoid wrinkles in Hindi

- तले हुए नमकीन खाद्य पदार्थ

- बहुत अधिक नमक का सेवन करने से त्वचा में झुर्रियां पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. 

- व्हाइट ब्रेड न खायें।

- चीनी के सेवन से पिंपल्स जैसी त्वचा की समस्याएं बढ़ जाती हैं.  

- प्रोसेस्ड मीट्स त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं. 

- शराब - पोषक तत्वों,और विटामिन ए के स्तर को कम कर देती है, इन सभी का झुर्रियों पर सीधा प्रभाव पड़ता है.

अधिक जानकारी के लिये अपने चिकित्सक से सलाह लें

धन्यवाद!








गुरुवार, 14 जुलाई 2022

मकई का उपयोग कैसे करें? हिंदी में.

 



#how to use corn in hindi.

#मकई का उपयोग कैसे करें? हिंदी में.

</>मक्का के भुट्टे|corn kernels

भुट्टा (कॉर्न) क्या होता है – 

What is Corn in Hindi

मकई या भुट्टा का वैज्ञानिक नाम 'जी-मेज' है। 

मक्का की गिनती मोटे अनाजों में की जाती है। मकई यानी मक्का को भुट्टा लगभग पूरे भारत में खाया जाता है।

- बरसात मे भुट्टे बाज़ार में आ जाते है| नर्म भुट्टों को भूनकर घी या निम्बू-नमक लगाकर खाते है| इससे दांत और जबड़े मज़बूत होते है|

-भुट्टा यानी साबुत मक्का मे पोषक तत्वों बहुत होते है. 100 ग्राम उबले कॉर्न में 96 कैलोरी, 73% पानी, 3.4 प्रोटीन, 21 ग्राम कार्ब, 4.5 ग्राम शुगर, 2.4 फाइबर और 1.6 फैट होता है. इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) भी बहुत कम होता है. 112 ग्राम पॉपकॉर्न में 16 ग्राम फाइबर होता है.

#मकई का भुट्टा खाने से क्या होता है?

- भुट्टो में फोलिक एसिड होता है जो कि कैंसर जैसी बीमारी में लड़ने में बहुत मददगार होता है। 

- भुट्टे में मिनरल्स और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। 

-भुट्टे को एक बेहतरीन कोलेस्ट्रॉल फाइटर माना जाता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत अच्छा है। 

- बच्चों के लिए भुट्टा बहुत लाभप्रद माना जाता है।


>मक्का की तासीर क्या होती है?

मक्का की तासीर गर्म होती है, 

- इसे खाने के तुरंत बाद पानी नही पीना चाहिये.

#आयुर्वेद के अनुसार भुट्टे के गुण क्या है?

What are the properties of corn according to Ayurveda?

आयुर्वेद के अनुसार भुट्टा तृप्तिदायक, वातकारक, कफ, पित्तनाशक, मधुर और रुचिकर अनाज है| पकाने के बाद इसकी पौष्टिकता बढ जाती है।

#भुट्टा खाने के क्या फायदे हैं?

* स्वीट कॉर्न में विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट होते है . 

- भुट्टे का सेवन करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है।

* पाचन शक्ति 

स्वीट कॉर्न के सेवन से पाचन शक्ति मे बृद्धि होती है।

-  भुट्टा वजन घटाने में भी मदद करता है। 

-  स्वीट कॉर्न खाने से एनीमिया,पिलिया का खतरा कम हो जाता है। 

- रेशे से भरपूर होने के कारण  डायजेशन के लिए अच्छा रहता है। इससे कब्ज, बवासीर और पेट के कैंसर के होने की संभावना नही होती है।

#रोगों के अनुसार मक्का का उपयोग कैसे करें?

How to use maize according to diseases?

-  भुट्टे के दानो को खाकर बचे हिस्से (गुल्ली)को फेकें नही 

जुकाम:-

-मक्का के दाने निकालने के बाद बचा हिस्सा (गुल्ली)को तोडकर सुंघाने जुकाम ठीक होता है।

- कुछ टुकडो को जलाकर राख बना कर रख लें आवश्यकतानुसार

- श्वांस रोगों

 मे प्रयोग करें। इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिला लीजिए। हर रोज कम से कम चार बार एक चौथाई चम्मच हल्का गरम पानी के साथ लें।

-इससे खांसी समाप्त हो जाती है। इससे विशेषकर कुक्कुर खाँसी मे बडा आराम मिलता है।

पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी:-

- मक्का के भुट्टे को पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी समाप्त हो जाती है।

मक्का का स्टार्च:-

- त्वचा की खुश्की, स्किन रैशज और खुजली के लिये भी भुट्टे का स्टािर्च प्रयोग किया जाता है जिससे स्किन बहुत कोमल बन जाती है।

मक्का का तैल-

- बच्चों के विकास के लिए भुट्टा बहुत फायदेमंद माना जाता है। ताजे दूधिया (जो कि पूरी तरह से पका न हो) मक्का के दाने पीसकर एक खाली शीशी में भरकर उसे धूप में रखिए। जब उसका दूध सूख कर उड़ जाए और शीशी में केवल तेल रह जाए। 

-इस तेल को बच्चों के पैरों में मालिश कीजिए। इससे बच्चों का पैर ज्यादा मजबूत होगा और बच्चा जल्दी चलने लगेगा।

- इस तेल को पीने से शरीर शक्तिशाली होता है। हर रोज एक चम्मच तेल को चीनी के बने शर्बत में मिलाकर पीने से बल बढ़ता है।

>मक्का के बाल

मक्के के बाल (सिल्क) का उपयोग पथरी रोगों के लिए करते है। पथरी से बचाव के लिये रात भर सिल्क को पानी मे भिगोकर सुबह इसका पानी पीने से लाभ होता है।

- पथरी के  पानी में उबालकर बनाये गये काढ़े का प्रयोग होता है।

#मक्का का आहार प्रयोग?

-मक्का के आटे की रोटी बना कर खाते है।

-इसके आटे मे बेसन मिला कर पकौड़ी बनती है।

-मक्का के आटे के घोल को -सब्जियों की तरी को गाढा बनाने लिये सब्जियों में डालकर पकाते है।

-ताज़े भुट्टों को कद्दूकस कर सूप में मिलाएं तो अलग ही स्वाद आता है|

#शुगर में भुट्टा खा सकते है?

शुगर के रोगी को भुट्टे खाने से कोई हानि नही होती है.

अधिक जानकारी के लिए अपने आयुर्वेदिक चिकित्सिक से मिले.

धन्यवाद!


मंगलवार, 12 जुलाई 2022

बरसात के दिनों में रोगो से बचने के 5 उपाय.in hindi 5 ways to avoid diseases during rainy

 #बरसात के दिनों में रोगो से बचने के 5 उपाय.in hindi

5 ways to avoid diseases during rainy days.

वर्षा ऋतुचर्या|Rainy season.



Dr.VirenderMadhan.

#वर्षा क्या है?

पानी वाष्पित होकर पृथ्वी के सतह से ऊपर उठता हैऔर ठण्डा होकर पानी की बूंदों के रूप में पुनः धरती पर गिरता है। इसे वर्षा कहते हैं।



#बारिश क्यों होती है ( Barish Kyu Hoti Hai)

- हवा अपने अंदर इकट्ठे पानी को ऊंचाई पर ले जाती है तो ठंडे जलवायु मे मिल जाती है और अपने अंदर का जमा हुआ पानी के भारी हो जाने पर उसे नीचे गिराने लगती है। जिसे बारिश या वर्षा कहते हैं।

#बरसात का शरीर पर बुरा प्रभाव क्या होता है?

- पतले दस्त, उल्टी होना, जी मचलाना, पेट फूलना, भोजन पश्चात दस्त, बुखार, पेट में रुक-रुक कर दर्द, कब्ज या बारी-बारी से दस्त, थकान, वजन का एकदम कम होना, भूख न लगना, अपच वायु-विकार इसके प्रमुख हैं। 

#बरसात में कौन कौन सी बीमारियां होती है?

- बरसात में होने वाली 5 बीमारियां ?

 मलेरिया - 

मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। ... 

 डेंगू - 

डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, 

दस्त, हैजा ,अतिसार ,वायर फीवर,टायफाइड,

वातरोग, सन्धिवात, आमवात, लकुवा,अधरंग,

श्वास रोग,दुर्बलता, आदि रोग वर्षा ऋतु मे तीव्र हो जाते है।

#बारिश के दिनों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?

बरसात के मौसम में क्या खायें क्या न खायें?

वर्षा ऋतु में आदमी की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है इसीलिए हमें हल्का-फुल्का और सुपाच्य भोजन करना है।  तोरई ,लौकी ,भिंडी ,बैंगन ,मूली खा सकते हैं अदरक ,पुदीना इस्तेमाल करना चाहिए।

- ऐसी चीजों का सेवन करें जो वात को शांत करते हों। इसलिए पुराना अनाज जैसे गेहूँ, जौ, शालि और साठी चावल, मक्का (भुट्टा), सरसों, राई, खीरा, खिचड़ी, दही, मट्ठा, मूँग खाएं।

*हरी पत्तेदार (शाक)सब्जियां न खाएं

* बारिश के मौसम में पालक, मेथी, बथुआ, बैंगन, सरसों, गोभी, पत्ता गोभी जैसी पत्तेदार सब्जियां खाने से परहेज करना चाहिए. 

*इस मौसम में इनमें कीड़े मकौड़े और बैक्टीरिया पनपते हैं. इसलिए ताजा भोजन खायें

*ताजा फल खायें कटे रखे फल न खायें।

* ऑयली फूड और मसालेदार खाने से बचें।

बारिश के मौसम में पकोड़े और समोले खाने में मज़ा आता है, लेकिन ज़्यादा मसालेदार या ऑयली खाना खाने से पेट में ब्लोटिंग हो सकती है। 

 * बारिश के मौसम में पेट से जुड़ी बीमारियां आसानी से हो जाती हैं, क्योंकि उमस हमारे जठराग्नि को धीमा करती हैं।

* वर्षा ऋतु में कच्ची सब्ज़ियां खाना नही खानी चाहिए।

- कुछ सब्जि़यों में गंदगी के कारण बहुत अधिक मात्रा में रोगाणु होते हैं, जिससे जठर संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।   * इस मौसम में पका हुआ ताज़ा खाना ही खाएं। 

* सी-फूड खाने से भी बचें।

* हरी पत्तेदार सब्ज़ियां न खाएं

* वातकारक कोई भी भोज्य पदार्थ नही खाना चाहिए।

* नारियल पानी का सेवन करें। * काली चाय बनाकर पिएं।

* गुरु आयुर्वेदिक मसाला चाय पिएं।

* पानी की पुर्ति के लिए गर्म पानी और तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना चाहिए। साथ ही आप मसाला चाय का आनंद भी ले सकते हैं। मसाला चाय में दालचीनी, तुलसी, अदरक, इलाइची जैसी चीज़ों का इस्तेमाल ज़रूर करें, ताकि संक्रमण से बचे रहें।

* साफ पानी ही पिएं।

* मसालों का इस्तेमाल करें । मसाले एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। 

* हल्दी, काली मिर्च और लौंग तेजपत्ता, दालचीनी जैसे मसाले भोजन मे प्रयोग करने से संक्रमणों से बचे रहेंगे।ज़ुकाम और खांसी का जोखिम भी कम होगा।

#वर्षा ऋतु में जीवनशैली ?

-शरीर की मालिश करें। 

- साफ सुथरे और हल्के कपड़े पहनें। 

- बारिश में भीग जाने पर तुरंत अपने कपड़ों को बदल लें। 

 - जहाँ अधिक हवा और नमी न हो ऐसे स्थान पर सोना चाहिए। 

-  भूख लगने पर ही भोजन करेंऔर ठीक समय पर ही करना चाहिए। 

- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। 

-घर के आसपास खड्डों मे धास मे उनमें कीटनाशक छिड़क देना चाहिए। 

[रोगी होने पर अपने आयुर्वेदिक चिकित्सिक से सलाह जरूर करें.]

धन्यवाद!



सोमवार, 11 जुलाई 2022

क्यों आती है बार बार डकारें?In hind.

 #बार-बार डकार आना।



#क्यों आती है बार बार डकारें?In hind.

बार-बार डकार आना।

Dr.VirenderMadhan.

</>डकारें आने के कारण:-

* पाचन मे गडबडी होना,

* यकृत विकार होना,

* आंत्र मे संक्रमण होना,

* कब्ज का होना,

* कुआहार होना,

* चिंता होना,

#पाचन मे गडबडी होना,

- भोजन के पाचन मे गडबड होने से पेट मे गैस बनती है अत्यधिक गैस होने के कारण डकारें आने लगती है कभी खट्टी डकारें आती है तो कभी बुदबूदार डकारें आती है।

>यकृत विकार होना,

- यकृत विकार होने पर या तिल्ली विकार होने पर भोजन का पाचन ठीक से नही होता है फलस्वरूप पेट मे गैस बनती है फिर डकारें आने लगती है रोग बढने पर ये डकारें लगातार आती रहती हैं।

>आंत्र मे संक्रमण होना,

- जब आंतों मे रोगाणुओं के कारण संक्रमण होने लगता है तो भोजन पचने की जगह सडने लगता है और गैस, पेट, दर्द, डकारें आने लगती है।

>कब्ज के कारण

- कब्ज का होना भी डकारों का बडा कारण है।मल इकट्ठा हो कर आंत्र मे खुश्की, सडन पैदा कर देता है कब्ज की अधिकता मे डकारें आने लगती है।

>कुआहार

- इन सबका कारण कुआहार है लाईफ स्टाईल खराब होने पर,या ऐसा भोजन करने पर जिसे हम पचा नही पाते, या मौसम, आयु,आदि के विपरीत भोजन जो हमें करना नही चाहिए या

- बिना भुख के, बिना ईच्छा के किया हुआ भोजन पाचन क्रियाओं को खराब करके गैस तेजाब, हिचकी, डकार जैसे रोग पैदा कर देते है।

- तली-भुनी चीजें, कोल्ड्रिंक, फूलगोभी, बीन्स, ब्रोकोली आदि को खाने से पेट में गैस बनती है, जो डकार आने का कारण हो सकता है।

>चिंता होना।

- चिंता सबसे पहले पेट पर तथा पाचनशक्ति को खराब करता है जिसके कारण गैस, डकारें आने लगती है।

- इसके अलावा खट्टी डकार आने के कारण (dakar ke karan)

- जरूरत से ज्यादा खाना

- पेट में इंफेक्शन होना

- बदहजमी

- समय पर खाना न खाना

- धूम्रपान करना

- ज्यादा मसालेदार भोजन करना

#डकार को कैसे रोके|डकार की घरेलू चिकित्सा.

- हिंग को धी मे मिलाकर निगलने से दूषित डकारें बन्द हो जाती है।

- गाय के दूध मे एरण्ड का तैल Caster oil मिलाकर पीने से उदरवात,उदरावृत और आनाह (अफारा) दूर होता है।

-सौठ, हरड समान मात्रा में लेकर पानी से कुछ दिन लेने से आराम हो जाता है।

*अदरक 

- गर्म पानी में एक चम्मच अदरक रस और नींबू का रस, सेंधा नमक के साथ डालकर पी लें. डकार से फौरन राहत मिलेगी.

- रोजाना खाने के बाद एक अदरक का टुकड़ा अपने मुंह में रखें. ऐसा रोजाना करने से पेट में गैस की समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा जब कभी आपको डकार आए आप इसे मुंह में रखकर धीरे-धीरे रस लें. इससे डकार की समस्या दूर होगी.

* पुदीना

- पुदीने के सेवन से डकार की समस्या से निजात पाया जा सकता है. सबसे पहले गर्म पानी लें और इसमें पुदीने के रस की 2-3 बूंद डालकर पी लें. ऐसा करने से आपको तुरंत आराम मिल जाएगा। 

*नींबू

- नींबू का रस एक गिलास पानी में काला नमक मिलाकर पीने से गैस नीचे की ओर जाती है और मुंह से डकार आने की समस्या से निजात पाया जा सकता है.

* छाछ

 2 कप छाछ मे अदरक या सौठ, भुना जीरा, काला नमक या सैन्धव नमक, पुदिना, थोड़ा हिंग,सबको अच्छी तरह मिलाकर पीने से गैस-डकार आने मे राहत मिलती है।

* मेथी

अगर आपको कई दिनों से खट्टी डकारें आ रही हैं और आराम नहीं मिल रहा तो आप मेथी का इस्तेमाल कर सकते हैं. मेथी को रात भर पानी में भिगोना है उसके बाद सुबह इस मेथी वाले पानी को खाली पेट पीना है. इसके सेवन से खट्टी डकार की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. 

* जीरा

- जीरा पेट की समस्यायों के लिए बेहद असरदार होता है. असमय डकार आने पर जीरे को भून कर खाने से आराम मिलता है. जीरे का रोज इस्तेमाल करने से गैस और डकार की समस्या से बचा जा सकता है. 

* गुड़ :

- खट्टी डकार आये तो तुरंत  गुड़ का टुकड़ा मुंह में रख लें. 

* लहसुन :

 लहसुन की एक कली को कच्चा चबाकर 1 ग्लास पानी पी लें. इससे डकार से लाभ मिलेगा। 

#आयुर्वेदिक शास्त्रीय औषधि

वटी:-

- गन्धक वटी, रसोन वटी,शंख वटी,काकायन वटी,अग्नितुण्डी वटी,

*चूर्ण:-

हिग्वाष्टिक चूर्ण, लवणभास्कर चूर्ण, शिवाक्षार चूर्ण, पंचसम चूर्ण,आदि।

*रस-रसायन:-

सुतशेखर रस, अश्वकंचूकी रस, गुल्म कुठार रस,आदि।

*पाक

एरण्ड पाक,

*आसव

कुमार्यासव,अभयारिष्ट, द्राक्षासव आदि।

*क्वाथ

आरग्वाधादि क्वाथ,  त्रिवृतादि क्वाथ,

धन्यवाद!



शनिवार, 9 जुलाई 2022

सेब का सिरका मतलब क्या होता है?In hindi.

 #सेब का सिरका मतलब क्या होता है?In hindi.

What does apple cider vinegar mean?In hindi.



[सेब का सिरका]apple cider vinegar.

Dr.VirenderMadhan.

सेब के जूस को खमीरीकृत कर के तैयार हुए सिरके को एप्‍पल सिडर विनेगर कहा जाता है। पहले सेब का रस निकाला जाता है और फिर उसमें यीस्‍ट डालकर फ्रूट शुगर को एल्‍कोहल में बदला जाता है। इसके बाद एल्‍कोहल में बैक्‍टीरिया डाला जाता है जो इसे एसिटिक एसिड में बदल देता है।

#सेब के सिरके से शरीर में क्या होता है?

What happens to the body with apple cider vinegar?

एप्पल साइडर विनेगर का प्रयोग औषधीय रूप से भी किया जाता है. इसमें एसिटिक एसिड और साइट्रिक एसिड होता है. एप्पल साइडर विनेगर में विटामिन बी और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व होते हैं,सेब के सिरके को लेने से वजन को कम करता है तथा पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।

#सेब का सिरका कैसे काम करता है?

How does apple cider vinegar work?

सेब का सिरका वजन कम करने के साथ-साथ आपकी एसिडिटी, एसिड रिफ्लेक्शन कम करने में भी मदद करता है. -Joints pain जोड़ों के दर्द में भी लाभदायक है. 

- सेब का सिरके से शरीर का PH लेवल सही रहता है.    - हाथ पैरों की एंठन और दर्द की समस्या में आराम पड़ता है ।

#सुबह खाली पेट में सेब सिरका पीने के फायदे?

Benefits of drinking apple vinegar in the morning on an empty stomach?

- वजन कम करने में सहायक सेब का सिरका पीने से तेजी से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। 

- पाचन समस्या से छुटकारा कई लोग पाचन की समस्या से परेशान रहते हैं।

- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते है।

- सेब का सिरका कोलेस्ट्रोल कम करने मे सहायक होता है।

- सेब का सिरका डायबिटीज को कंट्रोल करता है। 

- सेब का सिरका का जोड़ों के दर्द में उपयोग किया जाता है।

#सेब के सिरके के नुकसान -

Disadvantages of apple vinegar -

 सेब के सिरके में एसिड होने के कारण यह शरीर में मौजूद ब्लड में पोटैशियम के स्तर को कम करता है। सेब के सिरके को सीधा दांतों पर इस्तेमाल करने से दांतों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा इसका सीधा प्रयोग करना दांतों में पीलेपन की समस्या को भी बढ़ाता है।

#सेब का सिरका कैसे बनाये? 

How to make Apple Cider Vinegar?

 10 सेब लें और उन्हें पानी से अच्छी तरह धो लें।फिर छोटे टुकड़ों में काट लें।

कटे हुए सेब के टुकड़ों को अलग रख दें और उनके भूरे रंग का होने का इंतज़ार करें।

इन सेब के टुकड़ों को एक बड़े मुँह वाले कांच के जार में डाल दें। जार में इतना पानी डाले ताकि सेब पूरी तरह डूब जायें।

इस जार को जालीदार कपडे से ढक दें, सेब के टुकड़ों को ऑक्सीजन मिलता रहे।

फिर जार को एक गर्म और अँधेरे वाली जगह पर रख दें।

इस जार को 6 महीनों तक रखा रहने दें और हर हफ्ते इसे चलाते रहें।

6 महीने के फर्मेंटेशन के बाद  उसके ऊपर मैल की एक परत जैम जायेगी ये बैक्टीरिया के कारण होता है।

एक दूसरा बड़े मुँह वाला जार मे कपडे की मदद से उसमें छान लें। 

उसी कपडे को नए जार को ढकने के लिए इस्तेमाल करें। फिर से जार को  5-6 हफ़्तों के लिए गर्म और अँधेरी जगह पर रख दें।

इसके बाद छोटे बर्तनों में भरकर रख लें। ताजगी के लिए फ्रिज में रख सकते हैं।

#सेब के सिरके के लाभ,

benefits of apple vinegar,

 - मधुमेह में उपयोगी

सेब के सिरके, ये रक्त शर्करा को संतुलित रखने में सहायता करता है।

- हृदय रोग का खतरा कम करता है।

- ये कोलेस्ट्रोल स्तर घटाने में भी उपयोगी होता है। और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में भी उपयोगी होते हैं।

- साइनस की तकलीफ में फायदेमंद

- सेब का सिरका मौजूद बलगम  में भी लाभदायक होता है। 

- गले की खराश में सहायक

इसके एंटीबैक्टीरियल गुण गले की खराश में भी फायदेमंद होते हैं। 

- मस्सा(वार्ट्स) का करें इलाज।

इसके लिए एक रुई को सेब के सिरके में भिगोकर मस्सो पर रख लें और रात भर लगा रहने दें।

#सेब के सिरके के अन्य उपयोग।

- चेहरे का टोनर

पानी के 3-4 भाग के साथ 

सेब के सिरके का एक भाग मिलाकर चेहरे पर लगायें।

- श्वास में बदबू को दूर करने के लिए:

आधा बड़ा चम्मच सेब का सिरका एक कप पानी में डाल लें। एक बार में 10 सेकंड के लिए गरारे करें ।

धन्यवाद!









शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

अमरुद खाने से क्या क्या होता है?In hindi.

 अमरुद खाने से क्या क्या होता है?In hindi.

#अमरुद|Guava

Plant|Psidium|

goiaba



Dr.VirenderMadhan.

गोल तथा पीले रंग का एक मशहूर मीठा फल और उसका पेड़; अमृत फल कहलाता है।

संस्कृत में नाम:-

 अमरूद को संस्कृत में 'बीजपूरम् ‚ आम्रलम् ‚ दृढबीजम् ‚ अमृतफलम्' कहते हैं।

अमरुद खाने से क्या क्या होता है?In hindi.

अमरूद शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत बनाता है क्योंकि अमरूद में विटामिन सी पाया जाता है, जो पेट संबंधी विकार दूर करता हैं.

-अमरूद एंटी एजिंग गुणों से भरपूर है।

- अमरूद दांतों को मजबूत करता है 

-अमरूद पाइल्स में लाभकारी होता है।क्योंकि यह पेट को साफ करता है।

#अमरूद खाने के लाभ?

आयुर्वेद के अनुसार अमरूद खाने से होने वाले लाभ -

* अमरूद का औषधीय गुण 

-प्यास को शांत करता है 

-  उल्टी रोकता है, 

- हृदय को बल देता है. 

- कृमियों का नाश करता है,  

- कफ निकालता है. 

- मुंह में छाले होने पर मस्तिष्क एवं किडनी के संक्रमण, बुखार, मानसिक रोगों तथा मिर्गी आदि में इसको खाना लाभदायक होता है.आयुर्वेद में इसे इन रोगो मे पथ्य माना है।

* कच्‍चा अमरूद खाना ज्‍यादा फायदेमंद होता है क्योंकि कच्‍चे अमरूद में पके अमरूद की अपेक्षा विटामिन सी अधिक पाया जाता है.  

 - अमरूद में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है इसलिए यह डायबिटिज के मरीजों के लिए बहुत अच्‍छा होता है. 

#अमरूद के पत्तों के फायदे?Guava Leaves Benefits

- कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम करता है  

- वजन घटाने में मदद करता है 

- दस्तों मे लाभ करता है -अमरूद के पत्ते दस्त के लिए हर्बल औषधि हैं.

- अमरूद डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है।रोज अमरूद के पत्तों का चूर्ण या काढा पीते रहने से कुछ दिनों मे डायबिटीज को जड से खत्म हो जाता है।

- बालों के लिए अमरूद के पत्ते का काढा लाभकारी होता है।

- मुंहासों और काले धब्बों के उपाय के लिए अमरुद के पत्तों का लेप किया जाता है।

- आप काढ़े के रूप में अमरूद की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं, साथ ही इसे कच्चा चबाकर भी खा सकते हैं.

- अमरुद खाने से गैस और कब्ज में आराम मिलता है।

-  जुकाम, खांसी और खराश में आराम करता है।

- अमरुद के पत्तों का रस लगाने से बाल मजबूत होते है।

#ऐसे बनाएं अमरूद के पत्तों का काढ़ा:-

अमरूद के पत्तों का काढ़ा:- बनाने के लिए सबसे पहले अमरूद के पत्तों को लेकर अच्छे से धो लें। फिर एक बर्तन में पानी डालकर गैस पर गर्म करें अब इस पानी में अमरूद के पत्तों को डालें। पानी में उबाल आने के बाद इसमें काली मिर्च, लौंग, अदरक आदि अन्य सामग्रियां भी डाल दें

#how to make guava tea?

विधि- सबसे पहले अमरूद के करीब 10 ताजे पत्तों को अच्छे से धो लें। 

 डेढ़ कप पानी को सामान्य आंच पर 2 मिनट के लिए उबलने के लिए रख दें। अब इसमें धुले हुए अमरूद के पत्ते डाल दें और स्वाद और कलर के लिए नॉर्मल चाय की पत्ती डालें। अब इसे 10 मिनट के लिए पकाएं।

#अमरूद की तासीर कैसी होती है?

अमरूद की तासीर ठंडी होती हैं।

# अधिक अमरूद खाने के क्‍या क्‍या नुकसान हो सकते हैं. ज्यादा अमरूद खाने से सूजन, पेट फूलना और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो ज्यादा अमरूद का सेवन न करें. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है जिससे ज्यादा अमरूद खाने से पेट खराब हो सकता है पेट फूलने जैसी समस्या हो सकती है।

#किसे अमरूद नहीं खाना चाहिए?

जो लोग (IBS) इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम से पीड़ित हैं

अमरूद फाइबर से भरपूर होता है, जो कब्ज को कम करने और पाचन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। लेकिन अमरूद का अधिक सेवन आपके पाचन तंत्र को खराब कर सकता है, खासकर अगर आप इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम से पीड़ित हैं। यह फ्रुक्टोज के कुअवशोषण के कारण भी होता है।

#अमरूद खाने का सही तरीका।

अमरूद का सेवन क‍िस समय करना चाह‍िए? 

 अमरूद को खाने के आधे घंटे बाद भी खा सकते हैं पर इसका सेवन खाली पेट न करें क्‍योंक‍ि अमरूद और केले जैसे फलों को डाइजेस्‍ट करने के ल‍िए आपके पेट में पहले से थोड़ा खाना होना जरूरी है नहीं तो पेट में दर्द की समस्‍या हो सकती है।

धन्यवाद!