कब्ज के 6 उत्तम आयुर्वेदिक योग व सुलभ चिकित्सा।हिंदी में.
By:-DrVirenderMadhan.
[कब्ज|Constipation]
कब्ज का-मलग्रह, मलावरोध, मलस्तंभ, मलबंधन, मलनिग्रह, मलसंग, बद्धकोष्ठ ,आदि नामों से आयुर्वेद में वर्णन मिलता है।
#क्या है?मलावरोध|Constipation?
जब व्यक्ति को आसानी से मलत्याग न हो, व्यक्ति एक सप्ताह में तीन से कम मल त्याग करता है या उसे मल त्याग करने में कठिनाई होती है।
#कब्ज के लक्षण क्या हैं?
एक सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग।
- मल त्याग करना मुश्किल या दर्दनाक।
- सूखा, सख्त और या ढेलेदार मल।
- सूजन और मतली।
- पेट दर्द या ऐंठन।
एक मोशन के बाद ऐसा महसूस होना की मल त्याग ठीक से नहीं हुआ।
कब्ज के कारण
#प्रमुख कारण
सामान्य कारणों में
कब्ज के ऐसे कारण हो सकते हैं जो शरीर की बीमारी की वजह से नहीं हों. जैसे:- निर्जलीकरण, आहार फाइबर की कमी, शारीरिक निष्क्रियता या दवा के दुष्प्रभाव शामिल हैं।
- कम रेशायुक्त भोजन का सेवन करना .
- भोजन में फाईबर (Fibers) का अभाव।
- अल्पभोजन ग्रहण करना।
- शरीर में पानी का कम होना
- कम चलना या काम करना।
-किसी तरह की शारीरिक मेहनत न करना.
- आलस्य करना; शारीरिक काम के बजाय दिमागी काम ज्यादा करना।
- कुछ खास दवाओं का सेवन करना
- बड़ी आंत में घाव या चोट के कारण
* कुछ शरीर के रोग भी कब्ज का कारण बनते है.बीमारियां, जैसे स्ट्रोक, पार्किंसंस रोग और डायबिटीज।
आंतों की रुकावट, आईबीएस, या डायवर्टीकुलोसिस सहित बृहदान्त्र या मलाशय की समस्याएं
- जुलाब का ज्यादा प्रयोग या दुरुपयोग
- हार्मोनल समस्याएं, जैसे थायरॉयड ग्रंथि का कम काम करना.
#कब्ज के 6 उत्तम आयुर्वेदिक योग व सुलभ चिकित्सा।
1- त्रिफलादि योग:-
त्रिफला, कालीहरड,सनाय,गुलाब के फूल, मुन्नका, बादाम की गिरी, बनफ्शा,
सभी द्रव्य 25-25 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें।
रात को सोते समय एक चम्मच(6 ग्राम ) गर्म दूध के साथ ले ले. सवेरे पेट साफ हो जायेगा।
2- मुन्नका:-
मुन्नका को दूध में उबालकर खायें और ऊपर से दूध पीले।रोज इसका प्रयोग करने से पेट भी साफ रहता है।
3- त्रिफले का दूसरा योग:-
त्रिफला- 50 ग्राम,
बादाम -50 ग्राम,
सौफ -50 ग्राम,
सौठ -10 ग्राम,
मिश्री - 30 ग्राम,
सबका महीन चूर्ण बनाकर रखलें।
रात्रि में सोते समय दवा की 6 ग्राम मात्रा मे दूध के साथ लें।
कब्ज दूर करने की यह सर्वश्रेष्ठ औषधि है यह न तो को खुश्क करती है और न ही कमजोरी लाती है।
यह योग कब्ज को दूर कर दिमाग को शक्ति प्रदान करता है।
4- सनाय की गोली:-
सनाय के पत्ते - 20 ग्राम,
मुन्नका - 30 ग्राम,
पहले सनाय का बारीक चूर्ण बना ले फिर मुन्नका को चूर्ण के साथ धोटकर गोली बनाने लायक करलें छोटे बेर जैसी गोली बना ले.
रात मे 1 से 2 गोली दूध या पानी से ले ले। सवेरे पेट साफ हो जायेगा।
5 - काबूली हरड:-
काबूली हरड को आधा कप पानी मे भिगो दे प्रातः हरड को थोडा घीसकर (एक हरड 4-5 दिन चलती है) उसी पानी मे धोल ले थोड़ा सा नमक मिला कर पीलें।
एक मास मे वर्षों पुरानी कब्ज दूर हो जाती है।
6 - कास्ट्रोल ओयल:-
20 से 31 Ml कास्ट्रोल ओयल मिश्री मिला गर्म दूध में मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है।
[अधिक जानकारी के लिए अपने आयुर्वेदिक चिकित्सिक से सलाह जरुर लें।]
धन्यवाद!