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गुरुवार, 25 अगस्त 2022

गुर्दे के दर्द|kidney pain का चमत्कारिक ईलाज. हिंदी में.


 गुर्दे के दर्द|kidney pain का चमत्कारिक ईलाज. हिंदी में.

#Gurde ke derd ka chamatkarik illaj.in hindi.

गुर्दे का दर्द.

By:- Dr.VirenderMadhan.

 गुर्दे, पीठ में निचली पसलियों के नीचे स्थित अंगों में शारीरिक परेशानी होना या दर्द होना।सामान्य कारणों में गुर्दे में दर्द के कुछ ऐसे कारण हो सकते हैं जो बीमारी की वजह से नहीं हों.  जैसे:-

- मूत्र को बहुत देर तक रोके रखना, 

- आघात या पेशी-कंकालीय पीठ दर्द जो वास्तव में गुर्दे से नहीं आ रहा है।

#किडनी का दर्द कहां होता है?

* किडनी का दर्द कोक (बगल) में अनुभव होता है, जो आपकी रीढ़ की हड्डी (पसलियों) के नीचे और आपके कूल्हों के बीच का हिस्सा है। 

- यह शरीर के एक तरफ होता है, लेकिन यह दोनों तरफ भी हो सकता है। 

दर्द के प्रकार:-

किडनी में पथरी होने पर किडनी का दर्द तेज होता है और संक्रमण होने पर हल्का दर्द होता है।

#किडनी में दर्द होने के लक्षण (Symptoms of Kidney pain)

किडनी के दर्द के निम्न ल ण होते है।

 -पेट में दोनों तरफ और कमर में दर्द रहना.

-पेशाब में खून आना।

- बार-बार पेशाब जाना

- पेशाब करते समय दर्द होना

--झागदार पेशाब आना

- उल्टी और जी मिचलाना

- बुखार आना, 

- ठंड लगना

* पथरी होने की दशा में गुर्दे मे दर्द की तीव्रता हल्की से बहुत गंभीर हो सकती है। 

#गुर्दों के दर्द की चमत्कारिक आयुर्वेदिक औषधियां:-

(तत्कालिक चिकित्सा व निर्दोष  औषधियां)

1- मक्का के बाल

- एक मक्का के भुट्टे के ऊपर वाले बाल-20 ग्राम०

-पानी 250 ग्राम०

लेकर उबालें।100 ग्राम रहने पर बालों को मसल कर छान लें।गुनगुना रहने पर ही रोगी को पीला दें।

यह हर प्रकार के गुर्दो के दर्द के लिए रामबाण औषध है।

2- क्षारावलेह:-(इस योग का नाम हमने सुविधा के लिए रखा है)

यवाक्षार( जवाखार),सज्जीक्षार,कच्चा सुहागा,नौशादर, कालीमिर्च, सेंधानमक, हीरा हींग, कलमीशोरा,सांमभर नमक, ये सभी 6-6 ग्राम लेकर पीसकर एक बर्तन में रखे उसमे अंग्रेजी सिरका इतना डाले कि अवलेह ( हलवा सा)बन जाये।

*जब दर्द हो तो 3-3 ग्राम हर 20 मिनट पर चाटे।

2-3 खुराक लेने से ही दर्द ठीक हो जाता है।

यह ऐसी चमत्कारी ,अद्भुत एवं अद्वैत औषधि है।

3- तुलसी आदि चूर्ण:-

तुलसी के सुखे पत्ते - 20 ग्राम
अजवायन - 20 ग्राम
सैंधवनमक - 10 ग्राम
तीनों को एक साथ पीसकर रख ले। जरूर पडने पर  3ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी से दे दें।
इस योग से गुर्दे के दर्द के अलावा ..

पेट दर्द, अफारा, बदहजमी, खट्टे डकारें, कब्ज , उल्टी ,नजला , जुकाम, खाँसी की रामबाण औषधि है .इसे बनाकर प्रतिएक घर मे रखना चाहिए।

इसे दंतमंजन की तरह भी प्रयोग किया जाता है यह दांत दर्द, दांतों का मैलापन, मवाद ,बूदबु को दूर. करता है।

4- खरबूजे के छिलके :-

गर्मी के दिनों में खरबूजे के छिलको पेस्ट(कल्क) बनाकर 6ग्राम ले उसे 250 Ml पीने मे घोलकर पीला दें।
सर्दियों में सुखे खरबूजे के छिलको का चूर्ण पानी मे धोलकर पीला दें। या
छिलकों की भस्म बनाकर गुनगुने पानी से खिला देने से गुर्दा का दर्द बंद हो जाता है।यह भी एक चमत्कारी औषधि है।

5- कलमीशोरा व खुरासानी अजवाइन 

इन दोनों को मिलाकर चूर्ण बनालें इसमे से 1ग्राम चूर्ण ताजा पानी से खाने से गुर्दा का दर्द ठीक हो जाता है।

6- आकाशबेल का योग:-

आकाशबेल 10 ग्राम
  गुलदाउदी - 6 ग्राम 
150 ग्राम पानी मे चाय की तरह पकायें जब एक कप शेष रह जाये तो छानकर गुनगुना ही रोगी को पीला दे। आधा घंटे बाद ही रोगी ठीक हो जायेगा। यह दिव्य औषधि है।

7 - लालमिर्च के पत्ते:-

लालमिर्च के पत्ते 20 ग्राम
कालीमिर्च 6-7 दाने
नौशादर 1 ग्राम 
100 ग्राम पानी में सब को घोट पीस कर फिर छानकर रोगी को पीने से दर्द में आराम मिल जाता है।

किसी भी औषधि के प्रयोग करने से पहले अपने आयुर्वेदिक चिकित्सिक से सलाह जरूर करें।


धन्यवाद।

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