Guru Ayurveda

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

अंगूर खाने से व्यक्ति के शरीर मे क्या होता है? In hindi

 #अंगूर खाने से व्यक्ति के शरीर मे क्या होता है? In hindi



अंगूर खाने से व्यक्ति के शरीर के लिए कई लाभ होते हैं, 

- विटामिन सी और फैटी एसिड्स:-

 अंगूर में विटामिन सी और फैटी एसिड्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर के विकास और स्वस्थ रहने के लिए जरूरी होते हैं.

- पोषक तत्व:-

 अंगूर में प्रोटीन, कार्बोहाड्रेड, विटामिनों और मीनरल के अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के विकास और बलबर्द्धि में मदद करते हैं.

- कैंसर से बचाव:-

 अंगूर में कैंसर रोघी तत्व होते हैं, 

- एंटी-ऑक्सिडेंटी, 

- एंटी-इंफेक्शन,

- स्वस्थ त्वचा:-

 अंगूर खाने से त्वचा के स्वस्थ होती है, अंगूर मे विटामिन के साथ-साथ मिनरल और मैग्नीशियम भी होते हैं।

इसलिए, अंगूर खाने से स्वस्थ और सुंदर त्वचा, कैंसर से बचाव, लिए पोषक तत्व मिलते हैं।

इसलिए, अंगूर खाने से शरीर को बहुत लाभ मिलता हैं।

#अंगूर के आयुर्वेदिक गुण व फायदे क्या है?

- अंगूर गुण मे शीतल, नेत्रों को हितकारी, पुष्टिकारक,

- पाक या रस में मधुर, स्वर को उत्तम करने वाले, कषाय, मल तथा मूत्र को निकालने वाले, वीर्यवर्धक, पौष्टिक, कफकारक तथा रुचिकारक है।

-  अंगूर ,प्यास, बुखार, खांसी वातरक्त, पीलिया आदि रोगों में लाभकारी है।

#कब न खायें अंगूर?

ज्यादा अंगूर खाने से पेट खराब हो सकता है जब पेट खराब हो तो अंगूर का सेवन नहीं करना चाहिए.

 - किडनी से जुडे रोग, डायबिटीज वाले लोगों को  अंगूर नहीं खाने चाहिए. 

#अंगूर कितना खा सकते है?

अंगूर को कितना कोई खा सकता है यह अलग अलग व्यक्ति के अनुसार अलग अलग हो सकता है। इसकी कोई निश्चित मात्रा नही है।

#क्या अंगूर सर्दियों में खा सकते है ?

हाँ, अंगूर सर्दियों में खा सकते हैं। सर्दियों में शरीर को संतुलित विटामिन और पोषक तत्वों की जरूरत होती है, और अंगूर इन तत्वों के स्रोत होते हैं। इसलिए, सर्दियों में अंगूर खाने से शरीर को शक्ति मिलती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

हड्डियां मजबूत करने के लिए क्या करें?In hindi.


 हड्डियां मजबूत करने के लिए क्या करें?In hindi.

#हड्डियों को मजबूत कैसे करें?

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए, भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम, फैटी एवं विटामिन शामिल करने चाहिए।  उसके लिए–

- डेयरी प्रोडक्ट्स

कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए डाइट में दूध, दही, पनीर, बटर, छाछ आदि चीजों को जरूर शामिल करें। इन चीजों के सेवन से शरीर की हड्डी भी मजबूत होती है। इसके अलावा, नारंगी, हरी सब्जियां, खट्टे फल, बीन्स और सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स का जरूर सेवन करें।

- इसके अलावा, हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए-

-  नियमित व्यायाम करना चाहिए,

- तनाव को कम करना, अच्छी नींद और स्वस्थ जीवन शैली होना हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

* हड्डियों के लिए दही

दही में प्रोटीन होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए दही का उपयोग करना, स्वस्थ खान-पान और व्यायाम के साथ सही हो सकता है। लेकिन, दही की अधिकतम मात्रा में खाने से मोटापा बढ़ने की समस्याएं हो सकती हैं।

दूध पीना-

दूध पीने से मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं 

- दूध पीने से बॉडी को ऊर्जा मिलने के साथ-साथ मांसपेशियां और हड्डियां भी मजबूत होती है. दूध के अंदर विटामिन डी और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है. 

#हड्डी के लिए कौन सा फल खाना चाहिए?

 हड्डियों के लिए अच्छे फल - संतरा, केला,आलूबुखारा, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, पपीता, अनानास और अमरूद विटामिन सी से भरपूर फलों के अलावा, विटामिन के से भरपूर फल, जैसे कि अंजीर, ब्लूबेरी, रसभरी, आलूबुखारा और अंगूर हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं।

तैल:-

 तैल जिससे हड्डियां मजबूत हो सकती हैं.

सरसो का तेल सरसो का तेल 

बादाम का तेल 

तिल के तेल 

 जैतून का तेल

#हड्डियों को मजबूत करने का सरल तरीका।

- हड्डियों को ताकतवर बनाने के लिए हरी सब्जियां जरूरी खाएं.

- अपने भोजन में ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम, अखरोट और किशमिश शामिल करें.

- कैल्शियम के लिए आप खाने में गुड़ जरूर शामिल करें. 

- खट्टे फलों में विटामिन c, विटामिन डी और कैल्शियम काफी होता है.इसलिए फल जरूर खायें।

- अंडा में सभी जरूरी पोषक तत्व पाए होते हैं.जिससे हड्डी मजबूत होती है।

*आपको अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम (calcium) की जरूरत होती है। और आपके शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी (Vitamin D) की आवश्यकता होती है। हड्डियों का खराब स्वास्थ्य रिकेट्स (Rickets)और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है।

#हड्डियों को मजबूत करनेवाले आयुर्वेदिक दवा-

शतावरी, अश्वगंधा, अशोक, ब्राह्मी और हल्दी, शुद्ध गुग्गुल का रोज सेवन करने से अस्थि मजबूत होती है।

#क्या खाने से हड्डी कमजोर होती है?

चीनी और नमक शरीर को कैल्शियम अब्‍जॉर्ब करने से रोकता है जिस वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. चलिए जानते हैं नमक के अलावा क्‍या खाने से हड्डियां कमजोर होती हैं. हड्डियों को कमजोर बनाने में नमक के साथ चीनी भी बराबर की हानिकारक होती है.

सारांश;-

हड्डियों को मजबूत रखने के लिये 

पौष्टिक आहार, दुध, दही, हल्दी, गुड,तैल, फलों का प्रयोग जरुर करें

तैल की शरीर पर मालिस करें.

मानसिक तनाव ना लें इसके लिए योग,प्राणायाम करें

शरीरिक व्यायाम करें, पैदल घूमने जायें।

किसी प्रकार का नशा न करें।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

सिरदर्द|Heacach किसे कहते है?शिरशूल हो तो क्या करें?In hindi.

 सिरदर्द 



सिरदर्द|Heacach किसे कहते है?शिरशूल हो तो क्या करें?In hindi.

परिभाषा:-

सिरदर्द, सिर, खोपड़ी, या गर्दन में दर्द या बेचैनी की विशेषता वाली एक सामान्य स्थिति को सिरदर्द कहा जाता है।  

#सिरदर्द|शिरशूल के क्या कारण है?

* ;सिरदर्द के कुछ सामान्य कारणों में तनाव, 

- साइनसाइटिस,

- माइग्रेन, 

- निर्जलीकरण और

- मानसिक तनाव होना भी बडा कारण हैं।  

 - पर्याप्त नींद न आना या कार्यवश नीदं पूरी न कर पाना,

#सिरदर्द के उपाय क्या करें?

 - तनाव कम करने का प्रयास करें, 

- पर्याप्त पानी पीयें ।

- मालिश,सिर पर तैल मालिस करायें।

-  योग करने से भी कुछ व्यक्तियों के लिए प्रभावी लाभ हो सकते हैं।  

अगर आपका सिरदर्द अक्सर रहता है या गंभीर होता है, तो चिकित्सक को दिखाना उचित है।

 #सिरदर्द का घरेलू उपाय क्या है?

- मालिश करें:-

 हल्के हल्के हाथ से सिर और गर्दन की मालिश करने से सिरदर्द के दर्द से आराम मिल सकता है.

 मालिस तेल:- 

पेपरमिंट मिला सरसौं तैल,नारियल तेल, जैतून तैल, तिल तैल जैसे आवश्यक तेलों के साथ अरोमाथेरेपी से सिरदर्द दर्द मे आराम पाने मे मदद  मिल झसकती है।

- तनाव दूर करें:-

 तनाव सिरदर्द को उत्पन्न कर सकते हैं, इसलिए गहरी सांस लेने या ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें।

-नींद:-

 पर्याप्त नींद लेना और लगातार नींद का समय बनाए रखना उचित है।

- सुनिश्चित करें कि आप पूरे दिन पर्याप्त पानी पी रहे हैं।क्योंकि हाइड्रेशन: निर्जलीकरण सिरदर्द का कारण बन सकता है।

- गर्म/ठंडा थेरेपी:-

  माथे पर एक गर्म या ठंडा तौलिया गर्दन के पीछे रखने से सिरदर्द के दर्द को कम करने में सहायक होन सकती है।

- व्यायाम:-

 नियमित शारीरिक व्यायाम तनाव को कम करने और सिरदर्द को रोकने में लाभकारी होता है।

-[तीव्र शिरशूल होने पर अपने चिकित्सक से सलाह ले उचित होता है।]

 #शिरशूल हो तो क्या खायें?

- सिरदर्द है तो आपको अपने खाने पर ध्यान देना चाहिए। ―न्यूट्रिटिव और कफ वितरित करने वाले फ़ूड्स शामिल करें, जैसे कि विटामिन ए वाले फल (जैसे कि अंगूर), 

- सब्जियां, सेव और नारंगी। 

- पीने के लिए पानी और तरल पीने वाले पदार्थ होने चाहिए। 

#क्या न खायें?

 कुछ पदार्थ सिर दर्द को बढ़ा सकते हैं, जैसे:-

- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ–पैकड फूड,

- कैफीन-चाय, कोफीआदि।

- शराब और

- कृत्रिम मिठास।  

👍 डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

बालों के झड़ने के क्या क्या कारण हो सकते है?In hindi.


 #बालों के झड़ने के क्या क्या कारण हो सकते है?In hindi.

[Hair fall|बालों का झडना]

Dr.VirenderMadhan.

बाल झड़ने का कारण―

 बालों के झड़ने के बहुत कारण हो सकते हैं जैसे:-

- आनुवंशिकी

- हार्मोनल असंतुलन, जैसे कि थायरॉयड समस्याओं के कारण या रजोनिवृत्ति के कारण,

- खालित्य रोग या खोपड़ी संक्रमण

- तनाव और चिंता मे रहना,

– दवाएं के कारण, जैसे कीमोथेरेपी दवाएं या रक्त पतले रखने की दवा,

- कुपौषण और विटामिन और खनिजों की कमी होना,

- ओवरस्टाइलिंग और रासायनिक उपचार, जैसे- डाई आदि करना,

- उम्र बढ़ने पर बाल झडने लगते है।

- तेजी से वजन कम होना या  के कारण,

-  तंग चोटी बांधना जैसे कुछ हेयर स्टाइल जो ट्रैक्शन एलोपेसिया का कारण बन सकती हैं, 

** बालों के झड़ने के कुछ अन्य कारण भी शामिल हैं:-

- खोपड़ी के संक्रमण जैसे फंगल संक्रमण या दाद होना,

-  खोपड़ी के रोग जैसे कि सोरायसिस या सेबरेरिक डार्माटाइटिस होना,

-  खोपड़ी में जलन या चोट लग जाना,

- रसायनों के कारण:- जैसे कि बालों के उत्पादों, रंगों या स्टाइलिंग टूल में पाए जाने वाले रसायन,

- ट्रिकोटिलोमेनिया,

 एक आवेग नियंत्रण विकार जहां एक व्यक्ति बार-बार अपने बालों को खींचता है,

- एनीमिया या लोहे की कमी होना,

- विटामिन और खनिज की कमी, जैसे विटामिन डी, विटामिन बी 12 या आयरन की कमी होना, 

*बालों के झड़ने गंभीर होने पर इलाज की आवश्यकता होती है।  

* एक स्वस्थ आहार बनाए रखना, 

* तनाव कम करना और 

* कठोर रासायनिक उपचार से बचना भी बालों के झड़ने को रोकने में मदद कर सकता है।


#बाल झड़ने के घरेलू उपाय क्या है?

 कुछ लोकप्रिय उपाय:-

- तैल मालिस-

- जैतून का तेल, नारियल का तेल या अरंडी के तेल जैसे आवश्यक तेलों से सिर की मालिश करें।

- एलोवेरा जेल:- 

सीधे स्कैल्प पर लगाया जाता है, एलोवेरा बालों के विकास को बढ़ावा देने और बालों के झड़ने को कम करने में मदद कर सकता है।

- प्याज का रस:-

 प्याज के रस में सल्फर होने से खोपड़ी में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और बालों के झड़ने को कम करने में मदद करता है।

- मेथी के बीज:-

 मेथी के दानों को रात भर भिगोकर और पीसकर पेस्ट बनाकर बालों के झड़ने को कम करने में मदद करने के लिए बालों पर लगाया जा सकता है।

- टी ट्री ऑयल:-

 सिर पर टी ट्री ऑयल लगाने से स्कैल्प के स्वास्थ्य में सुधार और बालों का झड़ना कम होता है।

-ग्रीन टी:-

 सिर पर ग्रीन टी लगाने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार और बालों के विकास को बढ़ावा मिलता है।

- आयरन, विटामिन सी और बायोटिन जैसे विटामिन और खनिजों से भरपूर स्वस्थ आहार खाने से भी बालों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।


 नोट:-  

ये उपाय सभी के लिए काम नहीं कर सकते हैं।  साथ ही, किसी भी नए उपाय को आजमाने से पहले या आपकी कोई चिकित्सा चल रही है तो डॉक्टर से जांच कराना चाहिए।

 #बालों के झड़ने के अन्य घरेलू उपचार

 - अंडे का मास्क:-

 बालों और सिर पर अंडे का मास्क लगाने से बालों के रोम को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं 

-चुकंदर और गाजर का रस:- 

चुकंदर और गाजर के रस का मिश्रण पीने से खोपड़ी में रक्त परिसंचरण ठीक से होता है, बालों के रोम को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और बालों का झड़ना कम होता है।

-मेंहदी:-

 बालों और स्कैल्प पर मेंहदी लगाने से भी बालों का झड़ना कम होता है।

-अदरक:-

 अदरक के रस और जैतून के तेल के मिश्रण को स्कैल्प पर लगाने से रक्त संचार ठीक होता है और बालों का झड़ना कम होता है।

- नींबू का रस:-

 सिर पर नींबू का रस लगाने से सिर के पीएच स्तर को संतुलित करने और बालों के झड़ने को कम करने में मदद मिल सकती है।

- मुलेठी की जड़:-

मुलेठी की जड़ को पानी में उबालकर और शैम्पू करने के रूप में उपयोग करने से बालों के झड़ने को कम करने और बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।

सारांश–

 - रासायनिक उपचार, -अत्यधिक हीट स्टाइलिंग, और तंग हेयर स्टाइल जो बालों को खींच सकते हैं, इन सब से बचकर अपने बालों की देखभाल करना चाहिए, अपने बालों को नियमित रूप से सौम्य शैम्पू से धोना और नियमित रूप से कंडीशनिंग करना भी खोपड़ी और बालों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

वर्टिगो (चक्कर आना)क्या होता है in hindi.

 वर्टिगो (चक्कर आना)क्या होता है in hindi.



जब रोगी को अपन आसपास की सभी चीजें घुमती हुई लगाने 

खडा होने बैठने मे परेशानी हो कभी कभी लेटे लेटे भी हिलता ढुलता अनुभव होता है इस अवस्था को Vertigo कहते है।

#चक्कर आने के लक्षण क्या हैं?

लक्षण:-

आंखों पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या।

एक या दोनों कानों में सुनवाई कम होना।

- संतुलन खोना व्यक्ति गिर भी सकता है।

- कान में  सूं सूं की आवाज आना या घंटी बज रही है ऐसा अनुभव होना।

- कभी कभी मतली और उल्टी होना, जिससे शरीर के तरल पदार्थ का नुकसान होता है।

#चक्कर आने के मुख्य कारण क्या क्या हो सकते है?

चक्कर आने के मुख्य कारण ― बुख़ार, मधुमेह, विटामिन की कमी, अन्य व्यक्तिगत क्षतिग्रस्तताएं, तंग दिमाग, हृदय की समस्याएं, इंन्द्रियों की कमी, व्याधियों, इल्ज़ाम और धुप-धूल की अवस्थाओं के रूप में हो सकते है।

इनमें से कुछ अन्य कारण हो सकते हैं जैसे:-

- वित्तीय चिंताएं,

- किसी व्यक्ति की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं,

- तनाव, 

- अतिरिक्त शक्ति की कमी और - तंग ध्वनियों के प्रभाव से। इन सभी कारणों से चक्कर आ सकते है।

इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी ख़ास ध्यान दें अपनी स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के होने पर। अगर हमें चक्कर आने के लिए समस्याएं होती हैं, तो हमें अपने डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए।

#कुछ आयुर्वेदिक औषधियाँ:-

-नवजीवन रस 1-1 गोली लेने से स्नायुओं की कमजोरी दूर हो जाती है।

- त्रिफलारिष्ट 15-30 मि०ली० सवेरे शाम ले।

-कामदुधा रस आंवला के जूस से ले।

अश्वगंधादि घृत 3-6 ग्राम दूध में मिलाकर दिन में दो बार लें।

-अश्वगंधारिष्ट 15-30 मि०ली० दिन में दो बार लें।

इस प्रयोग के करने से स्नायु मजबूत हो कर चक्कर बंद हो जाते है।

Vertigo चक्कर आने के घरेलू उपाय:-

-सिर पर बादाम तैल मे कपूर मिलाकर दिन मे दो बार मालिस करें।

-छोटी ईलायची के काढे मे गुड का शीरा मिलाकर पीने से चक्कर आना ठीक हो जाता है।

-गर्मियों में चक्कर आने पर तुलसी का पेसट शरबत मे मिलाकर पीने से Vertigo ठीक हो जाता है।

-कच्ची हल्दी का लेप मस्तक पर करने से चक्कर में आराम मिलता है।

-प्याज का रस नस्य की तरह प्रयोग करने से चक्कर आना बंद हो जाता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

क्यों होता है कमर का दर्द?In hindi. Kyon hota hain kamar darad ? In hindi.

 क्यों होता है कमर का दर्द?In hindi.

Kyon hota hain kamar darad ? In hindi.

Why does back pain happen?



[Back pain|कमरदर्द]

By:-

Dr.VirenderMadhan.

#कमर दर्द के क्या क्या मुख्य कारण हो सकते है?

What can be the main reasons for back pain?

– कमर दर्द का कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे:-

* तनाव होना, 

* सूजन के कारण, 

* अवसाद होना, 

* शरीर का वजन बढ़ना,  

* कब्जरहना, 

* मलद्वार की समस्या, 

* गठिया रोग होना, 

* विपरीत स्थितियाँ मे बैठना, उठना, और 

* इन्फेक्शन होने से कमर दर्द हो सकता है। 

* किडनी के रोग, पथरी आदि होना,

* काम के कारण दुर्बल होने पर कमर दर्द होता है। 

* कमर मे चोट लगना।

[कारण जानने के लिए डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।]

#कमरदर्द का उपचार कैसे करें ?

कमर दर्द के उपचार में:-

पर्याप्त आराम, प्राकृतिक दवाइयों का प्रयोग सही उपचार हो सकते हैं। 

कुछ व्यक्तियों के लिए, कमर दर्द का मुख्य तौर पर देखभाल करने से हल किया जा सकता है, जैसे:- 

-वजन कम करने के लिए व्यायाम, 

-खराब खान-पान पर ध्यान देना, तथा 

- स्वस्थ रहने के तरीकों के अनुयायी होना। इसके अलावा, कुछ व्यक्तियों के लिए, 

- मालिस करना।

- व्यायाम के उचित तरीके अपनाना, कमर दर्द में मदद कर सकते हैं। 

#कमर दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपाय हैं:-

कमर दर्द से तुरंत छुटकारा कैसे पाए?

आयुर्वेद के चिकित्सक कमर दर्द को वातरोग मे मानते हैं।

इसके लिए आयुर्वेद में पंचकर्म करने का विधान है।

जैसे:- स्नेहन,स्वेदन,अभ्यंग,बस्ति आदि।

#कमर दर्द मे कौनसे तैल की मालिस करें?

-सरसौ का तैल, तिल तैल,एरण्ड तैल,बादाम तैल,नारियल तैल,जैतून तैल,

या आयुर्वेद में काफी वातनाशक तैल आते है उनका प्रयोग कर सकते है।

#कमर दर्द में क्या खाना चाहिए?

–मेथीदाना को रात मे भिगोकर सवेरे उसे खाना चाहिए और उसके पानी को भी पी लेना चाहिए।

रात मे लहसुन का पका हुआ दुध पीना चाहिए।

अगर आप कमर दर्द से पीड़ित हैं, तो रोज डाइट में पालक, मेथी के पत्ते, हरीसब्जी आदि को शामिल कर सकते हैं। आप इन सब्जियों को सलाद, सूप आदि के रूप में खा सकते हैं। 

कमर को मजबूत करने के लिए आवश्यक है कि ऐसी चीजें खाना चाहिए जिनमें कैल्शियम, प्रोटीन, कैरोटिन, ओमेगा-३ फैटी एसिड अधिक मात्रा में हो। इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, पनीर, सालमन मछली, दालचीनी, तुलसी, दही इत्यादि खाने चाहिए।

सही कारण और ईलाज के लिये किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेने चाहिए।

धन्यवाद!

डा० वीरेंद्र मढान,

काली मिर्च (black pepper)क्या होती है?

 #काली मिर्च (black pepper)क्या होती है?



-काली मिर्च (black pepper) एक विशेष प्रकार की मसाले का द्रव्य है, जो की कई फायदों के साथ रोगों मे प्रयोग होती हैं। 

कालीमिर्च के नाम:-

लै०– पाइपर नाइग्रम(Piper nirgun),सं०-मरिच,गोलमरिच; अं०- ब्लैक पीपर,


काली मिर्च के आयुर्वेदिक गुण:-

गुण–लघु, तीक्ष्ण

रस–कटु,      विपाक–कटु,

वीर्य(तासीर)–उष्ण,

#काली मिर्च का आयुर्वेदिक उपयोग कैसे होता है?

प्रयोग:- यह कफवात जन्य विकारों मे उपयोग होती है।

-काली मिर्च का श्वित्र,किलास,पामा आदि चर्मरोग मे लेप करते है।

-दंतशूल तथा दंतकृमि मे इसके चूर्ण का मंज्जन करते है।

-अग्निमांद्य, अजीर्ण, यक।तविकारों मे,शूल होने की आयुर्वेदिक औषधियों मे कालीमिर्च का प्रयोग किया जाता है।

-प्रतिश्याय(जुकाम),कास,और श्वास रोग मे कालीमिर्च का बहुत लाभ मिलता है।

-कालीमिर्च को पुरुषरोगो मे भी बहुत महत्वपूर्ण प्रयोग होता हैं।

#काली मिर्च के अद्भुत लाभ :-

- यह मधुमेह, शरीर को सूखाने वाली बीमारियों, पेट की गैस, जीवनशैली की समस्याओं, जीवनशैली के लिए खतरनाक बीमारियों तक के लिए लाभप्रद काम करते हैं। 

- काली मिर्च के फायदे विविध हैं, इनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:-

*मधुमेह:-

 काली मिर्च मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

*सूखने वाली बीमारियों मे:- 

- काली मिर्च शरीर में विषाक्तताओं को मिटाने में मदद करते हैं।

*पेट की गैस:-

- काली मिर्च पेट में गैस को कम करने में मदद करते हैं।

* स्वास्थ्य बढ़ाने:-

- काली मिर्च मे शरीर को ताकत देने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है। इससे शरीर की स्वास्थ्यवर्धकता बढ़ती है।

* दर्द के लिए:-

- काली मिर्च दर्द को कम करने में मदद करते हैं। यह मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाते हैं, जो दर्द को भी कम करने में मदद करती है।

* मेंटल हेल्थ:-

 काली मिर्च मेंटल हेल्थ को बढ़ाने में मदद करते हैं। 

* स्वाद की बढ़ोतरी:-

- काली मिर्च खाद्य पदार्थों को अधिक स्वादिष्ट बनाने में मदद करते हैं।

* समय पर रोग नहीं होने की गारंटी:-

- काली मिर्च हमेशा शरीर की स्वास्थ्य सम्बन्धी रोगों से बचाने में मदद करते हैं। इससे शरीर के लिए समय पर कुछ भी रोग होने की ख़तरा कम होती है।

* घटिया प्रक्रियाओं में मदद:-

 -काली मिर्च अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ मिलें, तब घटिया प्रक्रियाओं को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

सारांश:-

>> काली मिर्च के इन फायदों के लिए, हमेशा इसे अपने दैनिक खान-पान में शामिल करने की सलाह दी जाती है। यह आपके शरीर को ताकतवर्धक और स्वस्थ रखने में मदद करेगा।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,