Guru Ayurveda

सोमवार, 20 फ़रवरी 2023

क्या होता है बेलपत्र खाने के बाद,

 #बेल का फल और पत्तों के गुण उपयोग in hindi.



बेलपत्र /एगल मार्मेलोस/ (Aegle marmelos)| स्टोन एप्पल|वुड एप्पल.

By:- Dr.VirenderMadhan.

बेलपत्र को संस्कृत में बिल्व पत्र (Bilva Patra) कहा जाता है। BelPatra (बेलपत्र) को पवित्र माना जाता है इसलिए इसे देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है। बिल्व शब्द का अर्थ बेल का पेड़ और पत्र का अर्थ पत्ता होता है।

अंग्रेजी में बेलपत्र को एगल मार्मेलोस (Aegle marmelos) या आमतौर पर स्टोन एप्पल या वुड एप्पल कहा जाता है।

बेल पत्र के बहुत लाभ हैं। इसका फल विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है जिसमें विटामिन सी, विटामिन ए, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन बी1, बी6 और बी12 शामिल हैं ।

आयुर्वेद के अनुसार, तीन दोष होते हैं - वात, पित्त और कफ , और बेलपत्र का सेवन तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है ।



#बेल के फल व पत्तों के उपयोग:-

- बेलपत्र रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में लाभदायक है। 

- बेलपत्र का इस्तेमाल करने से त्वचा पर होने वाले रैशेस को ठीक करने में मदद मिल सकती है। 

यदि आप अधिक पसीने या त्वचा पर रैशेज के कारण दुर्गंध की समस्या से परेशान हैं तो बेलपत्र के मिश्रण को कुछ दिनों तक लगाने से शरीर की दुर्गंध कम हो जाएगी क्योंकि यह शरीर की दुर्गंध को दूर करने का कार्य करता है। 

- बेलपत्र का जूस पीने से आपके बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी और रूखे और सुखे बाल मुलायम हो जाते हैं।


- बेल का जूस पीने से डाइजेशन (Digestion) बेहतर होता है.

- कब्ज, एसिडिटी और गैस की समस्या से राहत मिलती है. 

- बेल का जूस पीने से पेट ठंडा रहता है जिससे मुंह में हुए छालों से भी आराम मिलता है. 

- बेल का जूस खून को साफ करने का भी काम करता है, 


#बेलपत्र कौन सी बीमारी में काम आता है?

अतिसार, डाईसेंट्री, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल और दिल से संबंधित बीमारियों को सही करने में बेल पत्र का सेवन बहुत लाभदायक साबित होता है. 

- बेल का फल पेट साफ करने के लिए उत्तम औषधि है.  

- डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखती हैं. बेलपत्र में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं.

#सुबह खाली पेट बेलपत्र खाने से क्या फायदा?

- कब्ज :-

  कब्ज की समस्या है तो बेल के पत्ते खाएं।

- पाचन शक्ति बढ़ाए

-  बेल पेट को साफ करने का काम करता है।  

- इसकी ठंडी तासीर शरीर से गर्मी को निकाल कर फिर से स्वस्थ कर देती है.

 - गर्मी या पित विकार की वजह से नाक से खून निकलता है तब भी इस फल को दवाई के रूप में खिलाया जाता है. -


- बेलपत्र पेट दर्द, गैस, कब्ज,से राहत दिलाता है।

#बेल का जूसपीने का सही समय:-

- बेल का जूस पीने का सबसे सही समय सुबह के वक्त होता है। इसके अलावा आप दोपहर में भी 1 गिलास बेल का जूस पी सकते हैं। 

* ध्यान रखें कि चाय या कॉफी जैसी गर्म चीज पीने के तुरंत बाद बेल का शरबत न पिएं।

>> शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है। 


- बेलपत्र को हृदय के रोगियों के लिए भी बहुत ही खास औषधि माना जाता है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से रक्‍तसंचार ठीक होता है, रक्‍तसंचार अच्‍छा होने से हृदय मजबूत होता है। ऐसा होने से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। 

-बेल की पत्तियों का रस पीने से श्‍वास संबंधी रोगों में भी लाभ मिलता है।

- बेलपत्र कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित रखने में मददगार हो सकता है।

-बेलपत्र दस्त और डायरिया की समस्या में भी फायदेमंद होता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

#guruayurvedainfaridabad.

शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

सुपारी खाने वाले सावधान!जाने सुपारी खाने से क्या होता है?In hindi.

 #सुपारी, #Healthtips, #घरेलू उपाय, #आयुर्वेद

सुपारी खाने वाले सावधान!जाने सुपारी खाने से क्या होता है?In hindi.

Dr.virender madhan

#सुपारी खाने से क्या होता है?In hindi.



सुपारी खाना हानिकारक क्यों है?

 कुछ लोगों को सुपारी खाने मे स्वादिष्ट लगती है और उन्हें इसकी आदत हो जाती है। 

- सुपारी खाने के अनेक स्वास्थ्य सम्बंधी नुकसान हो सकते हैं।

-अधिकतर सुपारी मसालों का प्रयोग करने वाली लोग बीच में पान के पत्ते मे डालकर खाते हैं। 

इसमें कुछ मात्रा में कैल्शियम कार्बोनेट, सुपारी, जिंक और मेथल जैसे तत्व होते हैं। जब आप सुपारी चबाते हैं, तो वह आपके मुंह में नीचे जाकर पान में मौजूद लेमनिन को उत्पन्न करती है। इससे मुंह में एसिडिटी बढ़ती है जो कई समस्याओं को पैदा कर सकती हैं।



अधिक जानकारी के लिए:-

https://youtu.be/N50ZT0bo7eg

- कुछ शोधों में पाया गया है कि सुपारी खाने से मुंह में कैंसर के बनने की संभावना बढ़ती है। अधिकतर सुपारी में पाये जाने वाले कीटनाशक भी कैंसर के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

- सुपारी के अधिक सेवन से गले का कैंसर हो सकता है, इसे घेंघा कैंसर भी कहते हैं। इसमें मौजूद तत्व सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक है, इससे घेंघा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है ।इसलिए ज्यादा सुपारी का सेवन करने से दूर रहना चाहिए।

- सुपारी खाने से कुछ लोगों को चक्कर आना, उल्टी, पेट में गैस बनना और त्वचा में सूखापन जैसे लक्षण मिलते है।

-सुपारी, गुटखा खाने वालों का मुखद्वार इतना छोटा हो जाता है कि कई बार भोजन करना मुश्किल हो जाता है।

- सुपारी खाने से धातु नाश होता है।



#सुपारी खाने से लाभ?

सुपारी के लाभ हानियों से काफी कम होते है। 

-सुपारी से बना सुपारीपाक महिलाओं मे होने वाले श्वेत प्रदर,कमरदर्द मे बहुत अच्छा काम करता है।

-सुपारी खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

 - दांतो मे कीडे नही लगते है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023

विटामिन डी की कमी क्यों और कैसे होती है?In hindi.


 # विटामिन डी की कमी क्यों और कैसे होती है?In hindi.

#Dr.VirenderMadhan.

शरीर में विटामिन डी की मात्रा लोगों को भोजन और धूप के माध्यम से विटामिन डी मिलता है. 

  - वयस्कों के लिए, विटामिन डी की कमी चिंता का विषय नहीं है. 

- काली त्वचा वाले और 65 से अधिक उम्र के वयस्कों को इसकी कमी अधिक होती है.

#विटामिन डी की कमी होने से क्या होता है?

- विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। 

- हल्का चोट लगने पर भी हड्डियों की टूटने की आशंका रहती है। 

- शरीर में ऐठन की समस्या भी होने लगती है। 

- मोटे व्यक्तियों में फैट की मात्रा अधिक होती है तो उन्हें भी इसकी कमी हो जाती है।

# विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग:-

- निम्न रक्त कैल्शियम का स्तर (हाइपोकैल्सीमिया)।

- निम्न रक्त फॉस्फेट स्तर (हाइपोफॉस्फेटेमिया)।

- रिकेट्स (बचपन में हड्डियों का नरम होना)।

- ऑस्टियोमलेशिया (वयस्कों में हड्डियों का नरम होना)।


- विटामिन डी की कमी के दो मुख्य कारण हैं:-

 अपने आहार में या धूप के माध्यम से पर्याप्त विटामिन डी का न मिलना। आपका शरीर विटामिन डी को ठीक से अवशोषित नहीं कर रहा है।

अन्य कारण:-

- सिस्टिक फाइब्रोसिस

- मोटापा

- गुर्दे की बीमारी और लीवर की बीमारी

- सर्जरी

- दवाएं जो विटामिन डी की कमी का कारण बन सकती हैं।

- जुलाब ।

- स्टेरॉयड (जैसे कि प्रेडनिसोन )।

० कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं (जैसे कोलेस्टेरामाइन और कोलस्टिपोल)।

०अवशोषण को रोकने वाली दवाएं 

जैसे फेनोबार्बिटल और फ़िनाइटोइन ।

- रिफैम्पिन (एक तपेदिक दवा)।

- Orlistat (एक वजन घटाने वाली दवा)।

#विटामिन-डी की कमी के लक्षण:-

-शरीर में विटामिन-डी कम होने से हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं, 

-ऑस्टियोपोरोसिस, 

-हड्डियों में दर्द, 

-मांसपेशियों का फड़कना, -मांसपेशियों का कमज़ोर होना, -मांसपेशियों में तेज़ दर्द और जोड़ों में अकड़न होना लक्षण है।

#विटामिन डी की कमी के लिए क्या उपाय करें?

 मशरूम, कॉड लिवर ऑयल, दूध, टोफू, दही, संतरे का रस, पनीर, मछली, शैवाल, अंडे की जर्दी,आदि जैसे फूड्स में विटामिन डी पाया जाता है.

- गाय का दूध विटामिन डी के स्रोत में दूध का नाम सबसे पहले आता है। 

- मछली में विटामिन डी होता है।

- संतरे का जूस पीने से विटामिन डी की पुर्ति करने में मदद मिलती है।

-मशरूम,कॉड लिवर ऑयल भी इसके लिए लाभकारी होती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

रविवार, 12 फ़रवरी 2023

सर्प विष से बचाने वाली औषधि-द्रौणपुष्पी|गुमा क्या है?In hind

 सर्प विष से बचाने वाली औषधि-द्रौणपुष्पी|गुमा क्या है?In hindi.

[द्रौणपुष्पी|गुमा]



<साँप के काटने से बचाने वाली औषधि>

By:- Dr.VirenderMadhan.

 द्रौणपुष्पी पौधे की गाँठों पर सफेद फूलों के गुच्छे लगते हैं। द्रोणपुष्पी का पौधा बारिश के मौसम में लगभग हर जगह पैदा होता है, गर्मी के मौसम में इसका पौधा सूख जाता है। इसकी ऊंचाई 1-3 फुट और टहनी रोमयुक्त होता है।

द्रोणपुष्पी या 'गोफा' या 'गुमा' औषधीय गुणों से युक्त पौधा है।

#द्रौणपुष्पी के नाम:-

लै०Leucas cephalotes spring.

स०-द्रौणपुष्पी,फलपुष्पा,हिंदी- गोफा,गूमा, ब०-हलकमा,घलघसे, म०- तुबा,कुमा,

#द्रौणपुष्पी के आयुर्वेदिक गुण:-

गुण―गुरु, रुक्ष,तीक्ष्ण

रस–कटु,   विपाक–कटु,

वीर्य–उष्ण

#द्रौणपुष्पी के कर्म और प्रयोग:-

 - यह कफवात शामक और पित्त शोधक है।यह शोधन के लिये प्रयोग किया जाता है।

- गुमा कफध्न,जन्तुध्न,बिषध्न है।

#द्रौणपुष्पी किस काम आता है?

- इसका स्वरस का नस्य प्रतिश्याय और शिरशूल के लिए  दिया जाता है।

- इसके क्वाथ से घाव को धोते है और सर्पदंश पर भी लगाते है।

- उदररोगोमे-

इसका प्रयोग भूख की कमी, टाइफाइड, बुखार के कारण होने वाली भूख की कमी, और पेट के रोगों के इलाज में किया जाता है।

- आध्यमान (पेट फूलना),शूल (दर्द),विबन्ध (कब्ज), कामला,तथा कृमि रोग में इसका प्रयोग लाभकारी होता है।

- श्लैष्मिक ज्वरों मे मे भी लाभप्रद है।,सर्पविष मे भी प्रयोग होता है।

- रक्तविकार, शोथ,मे प्रयोग किया जाता है।

- कास,श्वास रजोवरोध, कष्टरजःमे उपयोगी है।

#द्रौणपुष्पी का विशेष चमत्कारी उपयोग :-

सर्प के काटने पर थोडी थोड़ी देर बाद द्रौणपुष्पी के रस की 3-4 बूंदें नाक मे डालते रहने से सर्प विष समाप्त हो जाता है और रोगी का जीवन बच जाता है।

#प्रयोज्य अंग- 

पंचाग ( विशेषता पत्र),स्वरस,

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

अंगूर खाने से व्यक्ति के शरीर मे क्या होता है? In hindi

 #अंगूर खाने से व्यक्ति के शरीर मे क्या होता है? In hindi



अंगूर खाने से व्यक्ति के शरीर के लिए कई लाभ होते हैं, 

- विटामिन सी और फैटी एसिड्स:-

 अंगूर में विटामिन सी और फैटी एसिड्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर के विकास और स्वस्थ रहने के लिए जरूरी होते हैं.

- पोषक तत्व:-

 अंगूर में प्रोटीन, कार्बोहाड्रेड, विटामिनों और मीनरल के अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के विकास और बलबर्द्धि में मदद करते हैं.

- कैंसर से बचाव:-

 अंगूर में कैंसर रोघी तत्व होते हैं, 

- एंटी-ऑक्सिडेंटी, 

- एंटी-इंफेक्शन,

- स्वस्थ त्वचा:-

 अंगूर खाने से त्वचा के स्वस्थ होती है, अंगूर मे विटामिन के साथ-साथ मिनरल और मैग्नीशियम भी होते हैं।

इसलिए, अंगूर खाने से स्वस्थ और सुंदर त्वचा, कैंसर से बचाव, लिए पोषक तत्व मिलते हैं।

इसलिए, अंगूर खाने से शरीर को बहुत लाभ मिलता हैं।

#अंगूर के आयुर्वेदिक गुण व फायदे क्या है?

- अंगूर गुण मे शीतल, नेत्रों को हितकारी, पुष्टिकारक,

- पाक या रस में मधुर, स्वर को उत्तम करने वाले, कषाय, मल तथा मूत्र को निकालने वाले, वीर्यवर्धक, पौष्टिक, कफकारक तथा रुचिकारक है।

-  अंगूर ,प्यास, बुखार, खांसी वातरक्त, पीलिया आदि रोगों में लाभकारी है।

#कब न खायें अंगूर?

ज्यादा अंगूर खाने से पेट खराब हो सकता है जब पेट खराब हो तो अंगूर का सेवन नहीं करना चाहिए.

 - किडनी से जुडे रोग, डायबिटीज वाले लोगों को  अंगूर नहीं खाने चाहिए. 

#अंगूर कितना खा सकते है?

अंगूर को कितना कोई खा सकता है यह अलग अलग व्यक्ति के अनुसार अलग अलग हो सकता है। इसकी कोई निश्चित मात्रा नही है।

#क्या अंगूर सर्दियों में खा सकते है ?

हाँ, अंगूर सर्दियों में खा सकते हैं। सर्दियों में शरीर को संतुलित विटामिन और पोषक तत्वों की जरूरत होती है, और अंगूर इन तत्वों के स्रोत होते हैं। इसलिए, सर्दियों में अंगूर खाने से शरीर को शक्ति मिलती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

हड्डियां मजबूत करने के लिए क्या करें?In hindi.


 हड्डियां मजबूत करने के लिए क्या करें?In hindi.

#हड्डियों को मजबूत कैसे करें?

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए, भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम, फैटी एवं विटामिन शामिल करने चाहिए।  उसके लिए–

- डेयरी प्रोडक्ट्स

कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए डाइट में दूध, दही, पनीर, बटर, छाछ आदि चीजों को जरूर शामिल करें। इन चीजों के सेवन से शरीर की हड्डी भी मजबूत होती है। इसके अलावा, नारंगी, हरी सब्जियां, खट्टे फल, बीन्स और सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स का जरूर सेवन करें।

- इसके अलावा, हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए-

-  नियमित व्यायाम करना चाहिए,

- तनाव को कम करना, अच्छी नींद और स्वस्थ जीवन शैली होना हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

* हड्डियों के लिए दही

दही में प्रोटीन होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए दही का उपयोग करना, स्वस्थ खान-पान और व्यायाम के साथ सही हो सकता है। लेकिन, दही की अधिकतम मात्रा में खाने से मोटापा बढ़ने की समस्याएं हो सकती हैं।

दूध पीना-

दूध पीने से मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं 

- दूध पीने से बॉडी को ऊर्जा मिलने के साथ-साथ मांसपेशियां और हड्डियां भी मजबूत होती है. दूध के अंदर विटामिन डी और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है. 

#हड्डी के लिए कौन सा फल खाना चाहिए?

 हड्डियों के लिए अच्छे फल - संतरा, केला,आलूबुखारा, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, पपीता, अनानास और अमरूद विटामिन सी से भरपूर फलों के अलावा, विटामिन के से भरपूर फल, जैसे कि अंजीर, ब्लूबेरी, रसभरी, आलूबुखारा और अंगूर हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं।

तैल:-

 तैल जिससे हड्डियां मजबूत हो सकती हैं.

सरसो का तेल सरसो का तेल 

बादाम का तेल 

तिल के तेल 

 जैतून का तेल

#हड्डियों को मजबूत करने का सरल तरीका।

- हड्डियों को ताकतवर बनाने के लिए हरी सब्जियां जरूरी खाएं.

- अपने भोजन में ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम, अखरोट और किशमिश शामिल करें.

- कैल्शियम के लिए आप खाने में गुड़ जरूर शामिल करें. 

- खट्टे फलों में विटामिन c, विटामिन डी और कैल्शियम काफी होता है.इसलिए फल जरूर खायें।

- अंडा में सभी जरूरी पोषक तत्व पाए होते हैं.जिससे हड्डी मजबूत होती है।

*आपको अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम (calcium) की जरूरत होती है। और आपके शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी (Vitamin D) की आवश्यकता होती है। हड्डियों का खराब स्वास्थ्य रिकेट्स (Rickets)और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है।

#हड्डियों को मजबूत करनेवाले आयुर्वेदिक दवा-

शतावरी, अश्वगंधा, अशोक, ब्राह्मी और हल्दी, शुद्ध गुग्गुल का रोज सेवन करने से अस्थि मजबूत होती है।

#क्या खाने से हड्डी कमजोर होती है?

चीनी और नमक शरीर को कैल्शियम अब्‍जॉर्ब करने से रोकता है जिस वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. चलिए जानते हैं नमक के अलावा क्‍या खाने से हड्डियां कमजोर होती हैं. हड्डियों को कमजोर बनाने में नमक के साथ चीनी भी बराबर की हानिकारक होती है.

सारांश;-

हड्डियों को मजबूत रखने के लिये 

पौष्टिक आहार, दुध, दही, हल्दी, गुड,तैल, फलों का प्रयोग जरुर करें

तैल की शरीर पर मालिस करें.

मानसिक तनाव ना लें इसके लिए योग,प्राणायाम करें

शरीरिक व्यायाम करें, पैदल घूमने जायें।

किसी प्रकार का नशा न करें।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

सिरदर्द|Heacach किसे कहते है?शिरशूल हो तो क्या करें?In hindi.

 सिरदर्द 



सिरदर्द|Heacach किसे कहते है?शिरशूल हो तो क्या करें?In hindi.

परिभाषा:-

सिरदर्द, सिर, खोपड़ी, या गर्दन में दर्द या बेचैनी की विशेषता वाली एक सामान्य स्थिति को सिरदर्द कहा जाता है।  

#सिरदर्द|शिरशूल के क्या कारण है?

* ;सिरदर्द के कुछ सामान्य कारणों में तनाव, 

- साइनसाइटिस,

- माइग्रेन, 

- निर्जलीकरण और

- मानसिक तनाव होना भी बडा कारण हैं।  

 - पर्याप्त नींद न आना या कार्यवश नीदं पूरी न कर पाना,

#सिरदर्द के उपाय क्या करें?

 - तनाव कम करने का प्रयास करें, 

- पर्याप्त पानी पीयें ।

- मालिश,सिर पर तैल मालिस करायें।

-  योग करने से भी कुछ व्यक्तियों के लिए प्रभावी लाभ हो सकते हैं।  

अगर आपका सिरदर्द अक्सर रहता है या गंभीर होता है, तो चिकित्सक को दिखाना उचित है।

 #सिरदर्द का घरेलू उपाय क्या है?

- मालिश करें:-

 हल्के हल्के हाथ से सिर और गर्दन की मालिश करने से सिरदर्द के दर्द से आराम मिल सकता है.

 मालिस तेल:- 

पेपरमिंट मिला सरसौं तैल,नारियल तेल, जैतून तैल, तिल तैल जैसे आवश्यक तेलों के साथ अरोमाथेरेपी से सिरदर्द दर्द मे आराम पाने मे मदद  मिल झसकती है।

- तनाव दूर करें:-

 तनाव सिरदर्द को उत्पन्न कर सकते हैं, इसलिए गहरी सांस लेने या ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें।

-नींद:-

 पर्याप्त नींद लेना और लगातार नींद का समय बनाए रखना उचित है।

- सुनिश्चित करें कि आप पूरे दिन पर्याप्त पानी पी रहे हैं।क्योंकि हाइड्रेशन: निर्जलीकरण सिरदर्द का कारण बन सकता है।

- गर्म/ठंडा थेरेपी:-

  माथे पर एक गर्म या ठंडा तौलिया गर्दन के पीछे रखने से सिरदर्द के दर्द को कम करने में सहायक होन सकती है।

- व्यायाम:-

 नियमित शारीरिक व्यायाम तनाव को कम करने और सिरदर्द को रोकने में लाभकारी होता है।

-[तीव्र शिरशूल होने पर अपने चिकित्सक से सलाह ले उचित होता है।]

 #शिरशूल हो तो क्या खायें?

- सिरदर्द है तो आपको अपने खाने पर ध्यान देना चाहिए। ―न्यूट्रिटिव और कफ वितरित करने वाले फ़ूड्स शामिल करें, जैसे कि विटामिन ए वाले फल (जैसे कि अंगूर), 

- सब्जियां, सेव और नारंगी। 

- पीने के लिए पानी और तरल पीने वाले पदार्थ होने चाहिए। 

#क्या न खायें?

 कुछ पदार्थ सिर दर्द को बढ़ा सकते हैं, जैसे:-

- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ–पैकड फूड,

- कैफीन-चाय, कोफीआदि।

- शराब और

- कृत्रिम मिठास।  

👍 डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,