Guru Ayurveda

रविवार, 26 फ़रवरी 2023

युवा बने रहने के लिए क्या करें?In hindi.


 युवा बने रहने के लिए क्या करें?In hindi.

युवा बने रहनेके लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:-

*स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:-

– नियमित व्यायाम,

– स्वस्थ आहार और पर्यावरण में शुद्धता रखने से आपकी ऊर्जा बढ़ती है और आप दिर्घायु हो सकते हैं।

–स्वस्थ रिश्तों को बनाए रखें:- आपके पास उत्तम सम्बन्ध होना चाहिए, जैसे कि परिवार, मित्र और समाज के साथ। ये सम्बन्ध आपको समाज में शांति और संतुष्टि देते हैं जो आपकी ऊर्जा को बढ़ाते हैं।

–ध्यान योग करें:-

 ध्यान और योग आपके शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने में मदद करते हैं और आपकी ऊर्जा को बढ़ाते हैं। ये आपके सामान्य स्वास्थ्य को भी सुधारते हैं।

–अधिक नींद लें:-

 नियमित नींद लेना आपके शरीर को शांति देता है और आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है। नियमित नींद लेने से आपके शरीर में शांति और सुधार होता है।

–तंदरुस्ती की जांच करवाएं:- आपको अपनी तंदरुस्ती की जांच नियमित रूप से करवानी चाहिए। इससे आपकी बीमारियों का पता चलता रहे

और समस्याओं को जल्दी से पहचाना जा सकता है और उन्हें ठीक करने के लिए उचित सलाह दी जा सकती है।

–स्ट्रेस को कम करें:-

 स्ट्रेस आपके स्वास्थ्य के लिए अधिक नुकसानदायक होता है। स्ट्रेस को कम करने के लिए आप मेडिटेशन, योग, प्रणायाम जैसे तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।

–नशे से दूर रहें:-

 नशे से दूर रहना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं और आपकी ऊर्जा को कम करते हैं।

–चीनी का प्रयोग कम करें,

–फास्ट फूड, पैकड फूड तेज मसालेदार भोजन न करें

–आवश्यकता के अनुसार पानी जरूर पीते रहे,

–सकारात्मक सोच के साथ रहें:-

 सकारात्मक सोच आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसलिए, नकारात्मक सोच से दूर रहें और अपने जीवन को सकारात्मक ढंग से देखें।

–सोशल मीडिया का मात्र समय निर्धारित करें:-

 सोशल मीडिया आपकी ऊर्जा को कम कर सकता है और आपकी सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, सोशल मीडिया का मात्र समय निर्धारित करें और अपने स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक कदम उठाएं।

#जवान रहने के लिए क्या खाएं (Young looking tips food in hindi)

–गेंहू के ज्वारे (whit grass) का सेवन करें,

-आंवला का सेवन रोज करें आंवले का चूर्ण, आंवला जूस,चटनी,च्यवनप्राश, के रुप मे आवलो का प्रयोग किया जा सकता है,

– अलसी को भूनकर उसके पाउडर का सेवन करें.

–अंकुरित अनाज के सेवन से शक्ति व इम्यूनिटी बढती है।

–हमेशा पौष्टिक आहार का सेवन करें

इतने उपाय करने से आप युवा की तरह वृद्धावस्था मे भी कार्य कर सकते है।

डा०वीरेंद्र मढान,

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

मानसिक स्वास्थ्य कैसे बढ़ाएं? (How to Improve Mental Health?)

 मानसिक स्वास्थ्य कैसे बढ़ाएं? (How to Improve Mental Health?)



dr.virendermadhan

मानसिक स्वास्थ्य बढाने के लिये क्या करें?

मानसिक शक्ति के लिए शारिरिक स्वास्थ्य अच्छा होना भी जरूरी है।

मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कार्य किये जा सकते हैं:-

- नियमित व्यायाम:-

 योग, मेडिटेशन, स्पोर्ट्स आदि मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। नियमित व्यायाम से आपके दिमाग को ताजगी मिलती है और स्ट्रेस से छुटकारा पाया जा सकता है।

- अनुभव करना:-

 नए अनुभवों को खोजना, अपने रूटीन से बाहर निकलना और नए स्थानों का अनुभव करना आपके मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।

-समय का प्रबंधन करें:-

 अधिक काम करने वाले लोगों के लिए बहुत मुश्किल होता है लेकिन अपने दिन की कुछ घंटों को समय निर्धारित करना मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।

कुछ नया सीखते रहें:-

 दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए कोशिश करनी चाहिए कि कुछ नया सीखते रहना चाहिए।

-अधिक नींद:- 

नींद की कमी मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती है। नींद की अधिकता से स्वस्थ महसूस करने में मदद मिलती है।

- स्वस्थ खानपान:-

 स्वस्थ खानपान आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

 फल, सब्जियां, अधिक पानी, प्रोटीन युक्त आहार आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है।

- न करें यें काम:-

पारंपरिक खाद्य पदार्थों, तला हुआ और तीखा खाद्य पदार्थों, और बहुत अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचने की कोशिश करें।

 नियमित पौष्टिक खाने से आपके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा।

 #अपने दोस्तों और परिवार से संपर्क :-

 दोस्तों और परिवार से संपर्क बनाए रखने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। लोग आपकी मदद कर सकते हैं और आपको समर्थन दे सकते हैं।

* ध्यान देने वाली गतिविधियों को चुनें:-

 पढ़ाई-लिखाई, मुद्रा, तनाव कम करने की गतिविधियों से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

* समस्याओं का सामना करें: अक्सर लोग अपनी समस्याओं से भाग जाते हैं और यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। समस्याओं का सामना करना और उन्हें हल करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होता है।

* इन सभी कार्यो को करने से आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं। यदि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या से जूझ रहे है तो मनोचिकित्सक से बात करना अच्छा है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2023

क्या है? बाल उगाने का तरीके in hindi.

क्या है? बाल उगाने का तरीके in hindi.



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#drVirenderMadhan.

#क्या जड़ से गिरने के बाद बाल वापस उगते हैं?

बाल वापस आएंगे या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि  बाल किस कारण से झडे है. कुछ केस मे बाल जल्दी ही वापस आ जाते हैं,कुछ केस में दवाओं और तेल की मदद से बाल वापस आ जाते हैं और कुछ मामलों में बाल दोबारा नही उगते है।

#झड़े हुए बाल वापस लाने के लिए क्या करें?

* नींबू

सिर में जिस जगह के बाल झड़ गये हों वहां एक दिन में दो से तीन बार नींबू रगड़ने से दोबारा बाल उगने शुरू हो जाते है। सिर पूरी तरह गंजा हो तब भी यह विधि को करना चाहिए.

* हर बार नींबू लगाने के बाद बाल धोना जरूरी नहीं होता है।

#खाली जगह पर बाल कैसे उगाए?

या

#नए बाल कैसे उगाए - Naye Baal Kaise Ugaye

- प्याज के रस से बालों से जुड़ी तमाम समस्याओं के लिए प्याज का इस्तेमाल किया जा सकता है.

- धनिया के प्रयोग से देसी धनिया नए बाल उगाने में काफी कारगर सिद्ध होता है. 

- नीम का तेल भी बालों को झडने से बचाता है।

- जैतून और नारियल का तेल बोलों के लिये बहुत लाभप्रद होता है।

-अगर बाल उडते है तो अपन भोजन में नमक का कम इस्तेमाल करें ।

- आंवले के इस्तेमाल से नये बाल आने लगते है।

#सिर के आगे के बाल कैसे उगाए?

गर्म तेल की मालिश बालों को दोबारा उगाने के लिए हॉट हेयर ऑयल मसाज भी फायदेमंद है। 

- नीम और एलोवेरा का तैल सिर पर लगाने से लाभ होता है।

प्रोटीन भी है जरूरी

बाल के लिए नट्स और बीन्स का प्रयोग जरूर करें.

योग और ध्‍यान करें।


#घने बाल कैसे उगाएं?

बाल घने करने के लिए यें उपाय करें-

- नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर लगाएं।

- अंडे में दो चम्मच ऑलिव ऑयल मिलाकर सिर में मालिश करें।

-बालों में अरंडी के तेल से मालिश करें।

- प्याज को पीस कर उसका दो चम्मच रस निकाल लें।प्याज के रस को सिर अच्छी तरह से मालिस करें कुछ देर बाद सिर को धोलें.

#घने बालों के लिये क्या खायें,

भोजन में वह चीज शामिल करें जिससे हड्डियां मजबूत होती है 

आयुर्वेद बालों को हड्डियों का मल माने है हड्डी मजबूत तो बाल मजबूत।

- आंवले का मुरब्बा खाएं। 

- एलोवेरा जूस का सेवन करने से भी बालों को पोषण मिलता है और इससे बाल घने और मुलायम होते हैं।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

#guruayurvedainfaridabad.

सोमवार, 20 फ़रवरी 2023

क्या होता है बेलपत्र खाने के बाद,

 #बेल का फल और पत्तों के गुण उपयोग in hindi.



बेलपत्र /एगल मार्मेलोस/ (Aegle marmelos)| स्टोन एप्पल|वुड एप्पल.

By:- Dr.VirenderMadhan.

बेलपत्र को संस्कृत में बिल्व पत्र (Bilva Patra) कहा जाता है। BelPatra (बेलपत्र) को पवित्र माना जाता है इसलिए इसे देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है। बिल्व शब्द का अर्थ बेल का पेड़ और पत्र का अर्थ पत्ता होता है।

अंग्रेजी में बेलपत्र को एगल मार्मेलोस (Aegle marmelos) या आमतौर पर स्टोन एप्पल या वुड एप्पल कहा जाता है।

बेल पत्र के बहुत लाभ हैं। इसका फल विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है जिसमें विटामिन सी, विटामिन ए, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन बी1, बी6 और बी12 शामिल हैं ।

आयुर्वेद के अनुसार, तीन दोष होते हैं - वात, पित्त और कफ , और बेलपत्र का सेवन तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है ।



#बेल के फल व पत्तों के उपयोग:-

- बेलपत्र रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में लाभदायक है। 

- बेलपत्र का इस्तेमाल करने से त्वचा पर होने वाले रैशेस को ठीक करने में मदद मिल सकती है। 

यदि आप अधिक पसीने या त्वचा पर रैशेज के कारण दुर्गंध की समस्या से परेशान हैं तो बेलपत्र के मिश्रण को कुछ दिनों तक लगाने से शरीर की दुर्गंध कम हो जाएगी क्योंकि यह शरीर की दुर्गंध को दूर करने का कार्य करता है। 

- बेलपत्र का जूस पीने से आपके बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी और रूखे और सुखे बाल मुलायम हो जाते हैं।


- बेल का जूस पीने से डाइजेशन (Digestion) बेहतर होता है.

- कब्ज, एसिडिटी और गैस की समस्या से राहत मिलती है. 

- बेल का जूस पीने से पेट ठंडा रहता है जिससे मुंह में हुए छालों से भी आराम मिलता है. 

- बेल का जूस खून को साफ करने का भी काम करता है, 


#बेलपत्र कौन सी बीमारी में काम आता है?

अतिसार, डाईसेंट्री, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल और दिल से संबंधित बीमारियों को सही करने में बेल पत्र का सेवन बहुत लाभदायक साबित होता है. 

- बेल का फल पेट साफ करने के लिए उत्तम औषधि है.  

- डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखती हैं. बेलपत्र में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं.

#सुबह खाली पेट बेलपत्र खाने से क्या फायदा?

- कब्ज :-

  कब्ज की समस्या है तो बेल के पत्ते खाएं।

- पाचन शक्ति बढ़ाए

-  बेल पेट को साफ करने का काम करता है।  

- इसकी ठंडी तासीर शरीर से गर्मी को निकाल कर फिर से स्वस्थ कर देती है.

 - गर्मी या पित विकार की वजह से नाक से खून निकलता है तब भी इस फल को दवाई के रूप में खिलाया जाता है. -


- बेलपत्र पेट दर्द, गैस, कब्ज,से राहत दिलाता है।

#बेल का जूसपीने का सही समय:-

- बेल का जूस पीने का सबसे सही समय सुबह के वक्त होता है। इसके अलावा आप दोपहर में भी 1 गिलास बेल का जूस पी सकते हैं। 

* ध्यान रखें कि चाय या कॉफी जैसी गर्म चीज पीने के तुरंत बाद बेल का शरबत न पिएं।

>> शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है। 


- बेलपत्र को हृदय के रोगियों के लिए भी बहुत ही खास औषधि माना जाता है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से रक्‍तसंचार ठीक होता है, रक्‍तसंचार अच्‍छा होने से हृदय मजबूत होता है। ऐसा होने से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। 

-बेल की पत्तियों का रस पीने से श्‍वास संबंधी रोगों में भी लाभ मिलता है।

- बेलपत्र कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित रखने में मददगार हो सकता है।

-बेलपत्र दस्त और डायरिया की समस्या में भी फायदेमंद होता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

#guruayurvedainfaridabad.

शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

सुपारी खाने वाले सावधान!जाने सुपारी खाने से क्या होता है?In hindi.

 #सुपारी, #Healthtips, #घरेलू उपाय, #आयुर्वेद

सुपारी खाने वाले सावधान!जाने सुपारी खाने से क्या होता है?In hindi.

Dr.virender madhan

#सुपारी खाने से क्या होता है?In hindi.



सुपारी खाना हानिकारक क्यों है?

 कुछ लोगों को सुपारी खाने मे स्वादिष्ट लगती है और उन्हें इसकी आदत हो जाती है। 

- सुपारी खाने के अनेक स्वास्थ्य सम्बंधी नुकसान हो सकते हैं।

-अधिकतर सुपारी मसालों का प्रयोग करने वाली लोग बीच में पान के पत्ते मे डालकर खाते हैं। 

इसमें कुछ मात्रा में कैल्शियम कार्बोनेट, सुपारी, जिंक और मेथल जैसे तत्व होते हैं। जब आप सुपारी चबाते हैं, तो वह आपके मुंह में नीचे जाकर पान में मौजूद लेमनिन को उत्पन्न करती है। इससे मुंह में एसिडिटी बढ़ती है जो कई समस्याओं को पैदा कर सकती हैं।



अधिक जानकारी के लिए:-

https://youtu.be/N50ZT0bo7eg

- कुछ शोधों में पाया गया है कि सुपारी खाने से मुंह में कैंसर के बनने की संभावना बढ़ती है। अधिकतर सुपारी में पाये जाने वाले कीटनाशक भी कैंसर के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

- सुपारी के अधिक सेवन से गले का कैंसर हो सकता है, इसे घेंघा कैंसर भी कहते हैं। इसमें मौजूद तत्व सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक है, इससे घेंघा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है ।इसलिए ज्यादा सुपारी का सेवन करने से दूर रहना चाहिए।

- सुपारी खाने से कुछ लोगों को चक्कर आना, उल्टी, पेट में गैस बनना और त्वचा में सूखापन जैसे लक्षण मिलते है।

-सुपारी, गुटखा खाने वालों का मुखद्वार इतना छोटा हो जाता है कि कई बार भोजन करना मुश्किल हो जाता है।

- सुपारी खाने से धातु नाश होता है।



#सुपारी खाने से लाभ?

सुपारी के लाभ हानियों से काफी कम होते है। 

-सुपारी से बना सुपारीपाक महिलाओं मे होने वाले श्वेत प्रदर,कमरदर्द मे बहुत अच्छा काम करता है।

-सुपारी खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

 - दांतो मे कीडे नही लगते है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023

विटामिन डी की कमी क्यों और कैसे होती है?In hindi.


 # विटामिन डी की कमी क्यों और कैसे होती है?In hindi.

#Dr.VirenderMadhan.

शरीर में विटामिन डी की मात्रा लोगों को भोजन और धूप के माध्यम से विटामिन डी मिलता है. 

  - वयस्कों के लिए, विटामिन डी की कमी चिंता का विषय नहीं है. 

- काली त्वचा वाले और 65 से अधिक उम्र के वयस्कों को इसकी कमी अधिक होती है.

#विटामिन डी की कमी होने से क्या होता है?

- विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। 

- हल्का चोट लगने पर भी हड्डियों की टूटने की आशंका रहती है। 

- शरीर में ऐठन की समस्या भी होने लगती है। 

- मोटे व्यक्तियों में फैट की मात्रा अधिक होती है तो उन्हें भी इसकी कमी हो जाती है।

# विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग:-

- निम्न रक्त कैल्शियम का स्तर (हाइपोकैल्सीमिया)।

- निम्न रक्त फॉस्फेट स्तर (हाइपोफॉस्फेटेमिया)।

- रिकेट्स (बचपन में हड्डियों का नरम होना)।

- ऑस्टियोमलेशिया (वयस्कों में हड्डियों का नरम होना)।


- विटामिन डी की कमी के दो मुख्य कारण हैं:-

 अपने आहार में या धूप के माध्यम से पर्याप्त विटामिन डी का न मिलना। आपका शरीर विटामिन डी को ठीक से अवशोषित नहीं कर रहा है।

अन्य कारण:-

- सिस्टिक फाइब्रोसिस

- मोटापा

- गुर्दे की बीमारी और लीवर की बीमारी

- सर्जरी

- दवाएं जो विटामिन डी की कमी का कारण बन सकती हैं।

- जुलाब ।

- स्टेरॉयड (जैसे कि प्रेडनिसोन )।

० कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं (जैसे कोलेस्टेरामाइन और कोलस्टिपोल)।

०अवशोषण को रोकने वाली दवाएं 

जैसे फेनोबार्बिटल और फ़िनाइटोइन ।

- रिफैम्पिन (एक तपेदिक दवा)।

- Orlistat (एक वजन घटाने वाली दवा)।

#विटामिन-डी की कमी के लक्षण:-

-शरीर में विटामिन-डी कम होने से हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं, 

-ऑस्टियोपोरोसिस, 

-हड्डियों में दर्द, 

-मांसपेशियों का फड़कना, -मांसपेशियों का कमज़ोर होना, -मांसपेशियों में तेज़ दर्द और जोड़ों में अकड़न होना लक्षण है।

#विटामिन डी की कमी के लिए क्या उपाय करें?

 मशरूम, कॉड लिवर ऑयल, दूध, टोफू, दही, संतरे का रस, पनीर, मछली, शैवाल, अंडे की जर्दी,आदि जैसे फूड्स में विटामिन डी पाया जाता है.

- गाय का दूध विटामिन डी के स्रोत में दूध का नाम सबसे पहले आता है। 

- मछली में विटामिन डी होता है।

- संतरे का जूस पीने से विटामिन डी की पुर्ति करने में मदद मिलती है।

-मशरूम,कॉड लिवर ऑयल भी इसके लिए लाभकारी होती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

रविवार, 12 फ़रवरी 2023

सर्प विष से बचाने वाली औषधि-द्रौणपुष्पी|गुमा क्या है?In hind

 सर्प विष से बचाने वाली औषधि-द्रौणपुष्पी|गुमा क्या है?In hindi.

[द्रौणपुष्पी|गुमा]



<साँप के काटने से बचाने वाली औषधि>

By:- Dr.VirenderMadhan.

 द्रौणपुष्पी पौधे की गाँठों पर सफेद फूलों के गुच्छे लगते हैं। द्रोणपुष्पी का पौधा बारिश के मौसम में लगभग हर जगह पैदा होता है, गर्मी के मौसम में इसका पौधा सूख जाता है। इसकी ऊंचाई 1-3 फुट और टहनी रोमयुक्त होता है।

द्रोणपुष्पी या 'गोफा' या 'गुमा' औषधीय गुणों से युक्त पौधा है।

#द्रौणपुष्पी के नाम:-

लै०Leucas cephalotes spring.

स०-द्रौणपुष्पी,फलपुष्पा,हिंदी- गोफा,गूमा, ब०-हलकमा,घलघसे, म०- तुबा,कुमा,

#द्रौणपुष्पी के आयुर्वेदिक गुण:-

गुण―गुरु, रुक्ष,तीक्ष्ण

रस–कटु,   विपाक–कटु,

वीर्य–उष्ण

#द्रौणपुष्पी के कर्म और प्रयोग:-

 - यह कफवात शामक और पित्त शोधक है।यह शोधन के लिये प्रयोग किया जाता है।

- गुमा कफध्न,जन्तुध्न,बिषध्न है।

#द्रौणपुष्पी किस काम आता है?

- इसका स्वरस का नस्य प्रतिश्याय और शिरशूल के लिए  दिया जाता है।

- इसके क्वाथ से घाव को धोते है और सर्पदंश पर भी लगाते है।

- उदररोगोमे-

इसका प्रयोग भूख की कमी, टाइफाइड, बुखार के कारण होने वाली भूख की कमी, और पेट के रोगों के इलाज में किया जाता है।

- आध्यमान (पेट फूलना),शूल (दर्द),विबन्ध (कब्ज), कामला,तथा कृमि रोग में इसका प्रयोग लाभकारी होता है।

- श्लैष्मिक ज्वरों मे मे भी लाभप्रद है।,सर्पविष मे भी प्रयोग होता है।

- रक्तविकार, शोथ,मे प्रयोग किया जाता है।

- कास,श्वास रजोवरोध, कष्टरजःमे उपयोगी है।

#द्रौणपुष्पी का विशेष चमत्कारी उपयोग :-

सर्प के काटने पर थोडी थोड़ी देर बाद द्रौणपुष्पी के रस की 3-4 बूंदें नाक मे डालते रहने से सर्प विष समाप्त हो जाता है और रोगी का जीवन बच जाता है।

#प्रयोज्य अंग- 

पंचाग ( विशेषता पत्र),स्वरस,