Guru Ayurveda

शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023

अश्वगंधा क्याहै इन हिन्दी.अश्वगंधा के फायदे,

 अश्वगंधा क्याहै इन हिन्दी.

What is Ashwagandhओa in Hindi.



अश्वगंधा(Withania somnifera)

Dr.VirenderMadhan.

अश्वगंधा:-

जिसे लोग  "Indian ginseng" या "Winter cherry" के नाम से भी जानते है, यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो भारतीय और आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रयोग की जाती है। अश्वगंधा पौधा एक मधुर, कडुवा और शुष्क जड़ी बूटी होता है यह भारत, नेपाल, बांग्लादेश, और पाकिस्तान में पाया जाता है।

अश्वगंधा एक प्राकृतिक औषधीय पौधा है जिसे आरम्भ से आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। इसे एक रसायन के रूप में भी जाना जाता है इसके प्रयोग से शरीर को बल बढता है, शक्ति बढ़ाती है, मानसिक तनाव को कम करने की शक्ति रखती है 

*अश्वगंधा के क्या क्या फायदे होते हैं?

#अश्वगंधा के फायदे ?



– मानसिक शक्ति के लिए फायदेमंद 

–मोटापा को कम करता है

–शारीरिक क्षमता बढ़ाता है 

–ब्लड शुगर स्तर को कम करता है 

–त्वचा और बालों के लिए वरदान 

–टेस्टोस्टेरोन बढता है

पुरुष फर्टिलिटी को बढाता है

–इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है 

अश्वगंधा में कई प्रकार के शक्तिशाली फायदे होते हैं, जैसे कि –

*शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद, 

*स्नायुजनन को बढ़ाने में समर्थ,

* स्मरण शक्ति को बढ़ाने में समर्थ, और 

*शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में समर्थ है। 

* अश्वगंधा को नींद को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है,

* शरीर की क्षमता के साथ साथ शरीर के विभिन्न अंगों की सुरक्षा को बढ़ाता है।

#अश्वगंधा को कैसे खाये?

अश्वगंधा के विभिन्न रूप जैसे कि पाउडर, कैप्सूल, चूर्ण, चूर्ण युक्त तेल, और चूर्ण युक्त चूर्ण आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं। 

* विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, या किसी भी पुरानी या विशिष्ट स्वास्थ्य स्थिति में होने वाले व्यक्तियों को अश्वगंधा का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

#अश्वगंधा किस रोग में काम आता है

 निम्नलिखित रोग और स्थितियों में अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है:

– तनाव और तनाव संबंधित विकार:-



 अश्वगंधा मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद कर सकता है, तनाव को कम करने में सहायता प्रदान कर सकता है, और तनाव संबंधित विकार जैसे कि डिप्रेशन और अन्य मानसिक विकार में सुधार कर सकता है।

– शारीरिक ताकत बढ़ाने के लिए:-

 अश्वगंधा शरीर की  ताकत को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जो शरीर की सामर्थ्य और विटामिन और मिनरल स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

#अश्वगंधा के महिलाओं के लिए फायदे,

 अश्वगंधा महिलाओं के गर्भावस्था, पीरियड्स, प्रीमेनोपॉज़ और पोस्ट-मेनोपॉज़ स्थितियों में मदद कर सकता है। 💐

– विश्राम और नींद की समस्या:-

 अश्वगंधा नींद की समस्याओं में मदद कर सकता है, जैसे कि अनिद्रा और अन्य नींद संबंधित विकार। यह नींद की गुणवत्ता को सुधारने में मदद कर सकता है 

– वात रोग:-

 अश्वगंधा वात रोगों के लिए उपयोगी हो सकता है, 

* आर्थराइटिस, गठिया, पीठ दर्द, और अन्य वात संबंधित विकार। 

 – शक्ति और पुरुष स्वास्थ्य:-

 अश्वगंधा पुरुषों के लिए शक्ति और वीर्य को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जो पुरुष स्वास्थ्य और शक्ति को सुधारने में मदद कर सकता है।

#अश्वगंधा और दूध पीने से क्या होता है?

–दूध और अश्वगंधा का साथ में सेवन करने से आपका कमजोर  इम्यूनिटी मजबूत होता है। –हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आहार में अश्वगंधा और दूध को जरूर शामिल करें। इसमें मौजूद प्रोटीनऔर कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। 

#अश्वगंधा पुरुषों के लिए क्या करती है?

अश्वगंधा पुरुषों के लिए अच्छा होता है। इससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है और प्रजनन क्षमता में सुधार होता है जिससे पुरुषों में स्तंभन के लिए बहुत अधिक प्रभावी है, जो सेक्स ड्राइव को बेहतर बनाने में मदद करती है। एक शक्तिशाली जड़ी बूटी तनाव और चिंता से राहत देती है।

#सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे;-

अश्वगंधा शरीर को मजबूत करता है और वजन बढ़ाता है, शतावरी प्रजनन प्रक्रिया और पाचन में मदद करता है वहीं सफेद मूसली लंबे समय तक उत्सर्जन को बनाए रखने में मदद करती है। अश्वगंधा और शतावरी दोनों ही विशेष पौधों की जड़ों से प्राप्त किये जाते हैं। 

#सफेद मूसली और अश्वगंधा एक साथ खाने के 5फायदे-

Benefits Of Eating White Musli And Ashwagandha In Hindi

– इम्यूनिटी मजबूत होती है 

– यह सूजन कम करने में मददगार होती है

– कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है

– अश्वगंधा औऋ मुसली वजन कम करने में मददगार होती है

#अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे (ashwagandha and shilajit benefits)

* अश्वगंधा और शिलाजीत मस्तिष्क कार्य प्रणाली के लिए काफी अच्छा हो सकता है.

– हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है

– मांसपेशियों को मजबूत करता है

–यौन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही कारगर साबित होता है

 – यूरिन संक्रमण को दूर करने में प्रभावी है

–इनके प्रयोग करने से थकान और कमजोरी दूर होती है


#अश्वगंधा की मात्रा:-

अश्वगंधा की मात्रा व्यक्ति की आयु, स्वास्थ्य स्थिति, विकार की स्थिति और उपयोग के उद्देश्य पर निर्भर करेगी। हालांकि, आमतौर पर अश्वगंधा की सामान्य मात्रा 300 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम प्रति दिन होती है।

[ध्यान रखें :-अश्वगंधा के खाने से पहले अपने किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर करें।]

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

सोमवार, 10 अप्रैल 2023

बुद्धि बढ़ाने वाले योग Dimag ko tej kaise kere

 बुद्धि बढ़ाने वाले योग Dimag ko tej kaise kere

बुद्धि बढाने वाले उपाय


दिमाग को तेज करने की विधि

How to make your brain sharp

अब  हम आपको “बुद्धि बढ़ाने वाले योग" Dimag ko tej kaise kere के बारे मे बतायेगें

प्राचीन काल से ही तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए योग किये जाते थे.

 चिंता और तनाव को कम करने वाले योगाभ्यास होते हैं, जो अधिकतर शांति, stability और बुद्धि की संचार को प्राप्त करने में सहायक होते हैं। ये योगाभ्यास मन को शांत रखते हैं, जिससे वह उच्च स्तर की सोच और समझ विकसित करता है।


बुद्धि बढ़ाने वाले कई प्रकार के योगो में आसन, प्राणायाम और ध्यान  शामिल होते हैं। उनमें से कुछ योगाभ्यास निम्नलिखित हैं:

* ध्यान (Dhyana)

* नाडी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhan Pranayama)

* भ्रमरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama)

 * शवासन ( Shavasana)

* उष्ट्रासन (Ustrasana)

* बलासन (Balasana)

* नटराजासन 

(Natarajasana)


ये योगाभ्यास बुद्धि को विकसित करने में मदद करते हैं और मानसिक स्थिरता, शांति प्रदान करते हैं। इन योगाभ्यासों को नियमित रूप से करने से आपकी बुद्धि बढ़ेगी, 


#बुद्धि बर्द्धक आयुर्वेदिक उपाय


बुद्धि बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपाय हैं जो मानसिक संतुलन, शांति और बुद्धि को बढ़ाने में मदद करते हैं। इन उपायों में शामिल हैं:


ब्राह्मी (Brahmi): 

ब्राह्मी एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो मेमोरी बढ़ाने, मानसिक संतुलन बनाए रखने और सोचने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। आप ब्राह्मी का सेवन आयुर्वेदिक दवाई या सूखी पत्तियों की तरह कर सकते हैं।


अश्वगंधा (Ashwagandha): 

अश्वगंधा एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो मानसिक तनाव को कम करती है और स्मृति शक्ति बढ़ाती है। यह आपके शरीर के विभिन्न भागों को मजबूत बनाता है और आपके दिमाग को शांति देता है।


जटामांसी (Jatamansi):

 जटामांसी एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो मानसिक संतुलन को बढ़ाती है और सोचने की क्षमता को बढ़ाती है। यह शांति और तनाव को कम करने में मदद करता है और अधिक सक्रिय मानसिक स्थिति से बचाता है।


शंखपुष्पी (Shankh पुष्पी): 

शंखपुष्पी एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो मानसिक संतुलन बढ़ाती है और दिमाग को ताजगी देती है। यह आपके दिमाग की क्षमता को बढ़ाती है और मैमोरी बढ़ाती है।


ज्योतिष्मती (Jyotishmati): 

ज्योतिष्मती एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो दिमाग को ताजगी देती है और मानसिक संतुलन को बढ़ाती है। यह दिमाग की ताकत को बढ़ाती है और जड़ी बूटी का इस्तेमाल अधिक सक्रिय मानसिक स्थिति से बचाता है।

प्राणायाम (Pranayama): 

प्राणायाम एक प्राकृतिक तकनीक है जो आपके दिमाग को शांति देती है और मानसिक संतुलन को बढ़ाती है। इस तकनीक में नियमित श्वास-प्रश्वास किए जाते हैं जो आपके शरीर को शांति और ताजगी देते हैं।

मेधा वर्धक आहार (Brain Boosting Diet):

 आपके खाने के पदार्थों में मेधा वर्धक तत्वों का सम्मिलन होना चाहिए। आपको फल, सब्जी, अंजीर, खजूर, अखरोट, तिल आदि जैसी खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।


यदि आप अपनी बुद्धि को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको इस तरह के आहार का सेवन करना चाहिए जो आपके दिमाग के लिए फायदेमंद होते हैं। आपको जंक फूड से दूर रहना चाहिए और स्वस्थ आहार लेना चाहिए।


इन उपायों के अलावा, आप अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों में भी बुद्धि बढ़ाने के लिए कुछ तरीके अपना सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

नियमित व्यायाम करें। योग, ध्यान और भारतीय कलाओं में शामिल होना भी आपकी बुद्धि को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

अपनी जीवनशैली में नियमित नींद लें। अधिक तनाव और अनियमित नींद आपकी बुद्धि को कम कर सकता है।

नए कौशल सीखें या नए चुनौतियों का सामना करें। नए कौशल सीखना और नए चुनौतियों से निपटना आपकी बुद्धि को बढ़ा सकता है।

 *नियमित रूप से अपने दोस्तों और परिवार से संवाद करें। सामान्य बातचीत आपकी सोच को चुस्त और ताजगी देती है।

आयुर्वेद में बुद्धि बढने की दवा


आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपचार हैं जो बुद्धि बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय आपकी स्मृति और मनोदशा को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और आपकी बुद्धि को बढ़ाने में सहायता प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ उपचार निम्नलिखित हैं:

* ब्रह्मी: यह जड़ी बूटी बुद्धि को बढ़ाने में मदद कर सकती है। आप ब्रह्मी पाउडर को दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।       

* शंखपुष्पी: यह एक प्राकृतिक तंत्रिका है जो बुद्धि को बढ़ाने में मदद करती है। आप इसे दूध में मिलाकर पी सकते हैं।

*जीरक: जीरक मसाले में पाया जाता है और इसमें एक उच्च मात्रा में एन्टीऑक्सिडेंट होता है जो दिमाग की क्षमता को बढ़ा सकता है।

*शतावरी: शतावरी में बुद्धि वर्द्धक शक्ति होती हैं है जो बुद्धि को बढ़ाने में मदद कर सकती है। आप इसे दूध में मिलाकर पी सकते हैं।


इन दवाओं का सेवन करने से पहले आपको एक विशेषज्ञ वैद्य या चिकित्सक से सलाह करनी चाहिए।

शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

#लहसुन के फायदे व नुकसान.in hindi.


 लहसुन क्या है?

#लहसुन के फायदे व नुकसान.in hindi.

#Dr.VirenderMadhan.

लहसुन, ( Allium sativum ), Amaryllis परिवार (Amaryllidaceae) का बारहमासी पौधा, इसके स्वादिष्ट बल्बों के लिए उगाया जाता है। यह पौधा मध्य एशिया का मूल निवासी है लेकिन इटली और दक्षिणी फ्रांस में जंगली रूप से बढ़ता है और कई राष्ट्रीय व्यंजनों में एक उत्कृष्ट घटक है।

लहसुन एक स्वादिष्ट मसाला होता है जो व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसे धातुओं और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। इसका इस्तेमाल बीमारियों से लड़ने और उन्हें रोकने के लिए भी किया जाता है। इसमें अल्लिन नामक एक केमिकल होता है जो जीवाणुओं और विषाणुओं के विरुद्ध काम करता है जिससे इसके सेवन से व्यक्ति के शरीर में कुछ रोगों के लक्षण कम हो सकते हैं।

#लहसुन के औषधीय गुण:-

इसमें एलिसिन और सल्फर यौगिक भी होते हैं। साथ ही लहसुन में एजोइन (Ajoene) और एलीन (Allein) कंपाउंड भी पाए जाते हैं, जो लहसुन को असरदार औषधि बनाते हैं। इन तत्वों और यौगिकों की वजह से ही लहसुन का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन यही घटक लहसुन को संक्रमण दूर करने की क्षमता भी देते हैं (

लहसुन में अन्य औषधीय गुण भी होते हैं जैसे कि इसमें पाये जाने वाले सल्फर के कारण यह खून के प्रवाह को बढ़ाता है और हृदय रोगों, श्वसन तंत्र के रोगों, शुगर, जठरांत्र के रोगों, कैंसर आदि से बचाव और उपचार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

* लहसुन को खाने से पहले कुछ लोगों को उसके खास स्वाद और बदबू आती है। इससे बचने के लिए, आप इसे कुछ देर के लिए पानी में डाल सकते हैं, इससे लहसुन के दुर्गन्ध कम हो जाते हैं।

[यदि आप किसी भी रोग से पीड़ित हैं या लहसुन के सेवन से संबंधित कोई समस्या हो रही है तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।]


लहसुन के उपयोग से संबंधित अन्य एक महत्वपूर्ण बात है कि यह खून को पतला करने के कारण अगर आप रक्त पतला करने वाली दवाओं या एंटीकोगुलेंट दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो लहसुन का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।


अंतिम रूप से, लहसुन का उपयोग विभिन्न व्यंजनों में खासतौर से भारतीय खाने में बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसके अलावा यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी होता है, लेकिन उसका उपयोग समझदारी से किया जाना चाहिए।

* लहसुन के कई औषधीय गुण होते हैं जिससे यह विभिन्न प्रकार के रोगों में लाभदायक सिद्ध होता है। कुछ मुख्य रोगों में लहसुन के उपयोग के फायदे निम्नलिखित हैं:

हृदय रोग:-

 लहसुन में मौजूद सल्फुर हृदय रोगों से बचाव और उपचार के लिए बेहतर होता है। इसमें मौजूद अलिसीन हृदय रोगों से बचाव करने में मदद करता है, क्योंकि यह खून को पतला करता है जो अधिक चिकनाई के कारण हृदय रोगों की स्थिति को बिगाड़ सकता है।

मोटापा:-

 लहसुन में मौजूद अलिसीन वसा के स्तर को कम करने में मदद करता है जिससे मोटापा कम होता है।

श्वसन तंत्र के रोग: -

 लहसुन में मौजूद विभिन्न तत्वों के कारण, इसका उपयोग श्वसन तंत्र से जुड़े रोगों जैसे कि एस्थमा, ब्रोंकाइटिस और साइनस इंफेक्शन आदि के उपचार के लिए किया जाता है।

कैंसर:-

 लहसुन में मौजूद सल्फर और अन्य तत्व कैंसर से बचाव और उपचार के लिए बहुत उपयोगी है।

सामान्य रोग:-

 लहसुन के उपयोग से कुछ सामान्य रोगों जैसे जुकाम, खांसी, त्वचा संबंधी समस्याएं और पेट संबंधी समस्याएं भी ठीक हो सकती हैं।

इन्फेक्शन:-

 लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्व इंफेक्शन से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

आंतरिक जड़ से जुड़ी समस्याएं:-

 लहसुन में मौजूद तत्व आंतरिक जड़ से जुड़ी समस्याओं जैसे ज्वर, मलेरिया और विषाक्तता जैसी समस्याओं से लड़ने में मदद करते हैं।

लेकिन ध्यान रखें कि लहसुन एक तरह की औषधि होती है और इसका उपयोग अधिकतम मात्रा में किया जाना चाहिए ताकि यह दुष्प्रभावों का कारण न बने। अगर आप किसी भी रोग से पीड़ित हैं तो सलाह लेने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

करेला खाने के फायदे व नुकसान in hindi


 करेला खाने के फायदे व नुकसान in hindi

#करेला जूस के फायदे,

#करेला खाने के फायदे,

#करेला जूस के नुकसान,

#करेला खाने के नुकसान

करेला खाने के फायदे,

करेला एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए एक बहुत ही फायदेमंद सब्जी होता है। यह हमारे शरीर के लिए कई सारे गुणों से भरपूर होता है। 

#करेले के आयुर्वेदिक गुण:-

- करेला लघु यानि हल्का और रूक्ष है।

- तित्ता,व कडुआ है।तासीर मे गर्म है.

यह कफपित्त शामक है।यह वात को नही बढाता है।

यह कुष्ठघन है,

यह कृमिनाशक है,शरीर के शोथ को कम कर देता है,

* वजन घटाने में मददगार:– 

यह मेदोहर है।

करेले में कम कैलोरी होती हैं, इसलिए वजन घटाने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है। इसके अलावा, करेले में फाइबर और विटामिन सी की मात्रा भी अधिक होती है जो आपको वजन घटाने में मदद करती है।

* डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयोगी:–

यह मधुमेह की अच्छी औषधि है।आमदोष को पचाता है।

 करेले में मौजूद इन्सुलिन जैसे प्रदर्शन देने वाले तत्व शुगर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद उपयोगी होता है।

*हृदय रोगों के लिए फायदेमंद:– 

करेले में पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी की मात्रा होती है जो हृदय रोगों को रोकने में मदद करते हैं।

* इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं:–

यह आमाशय तथा यकृत की क्रिया को सुधारता है.

 करेले में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है जो आपके इम्यन सिस्टम को मजबूत बनाती है और रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है।

* त्वचा के लिए उपयोगी:–

उदर्द, कुष्ठ, आदि त्वचा रोग मे लाभकारी है

 करेले में विटामिन सी और बी6 की मात्रा अधिक होती है जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखती है। इसके अलावा, करेले में अंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं जो त्वचा को फ्री रेडिकल से बचाते हैं।

* नेत्र रोगों के लिए उपयोगी:– 

करेले में विटामिन ए, विटामिन सी और जिंक की मात्रा होती है जो आपकी आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

* गुर्दे के लिए उपयोगी:–

 करेले में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है जो गुर्दे के स्वस्थ रहने में मदद करता है। इसके अलावा, करेले में फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है जो मल मूत्र में से नकारात्मक तत्वों को निकालने में मदद करता है।

* ये थे कुछ करेले के लाभ। हालांकि, कुछ लोग करेले का स्वाद नहीं पसंद करते हैं इसलिए उन्हें करेले को खाने के फायदों से वंचित रहना पड़ सकता है। 



#करेले खाने के नुकसान:-

 कुछ नुकसानों के बारे में जानकारी ,

 गुर्दे की समस्या से पीड़ित हों तो आपको हो सकता है नुकसान क्योंकि करेले में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। इसलिए, ऐसे लोगों को करेले का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

* जो ब्लड थिनर्स (रक्त थक्का करने वाली दवाएं) का सेवन करते हैं उन्हें नुकसान हो सकता है, ऐसे लोगों को खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

* कुछ लोगों को करेले का सेवन करने से एलर्जी हो सकती है। इसलिए, इसका सेवन करने से पहले एलर्जी से प्रभावित होने वाले लोगों को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

* करेले का सेवन गुर्दे के रोग के लिए हानिकारक हो सकता है, जो लोगों को गुर्दे के रोग से पीड़ित हो उन्हें नुकसान हो सकता है।

* करेले में अधिक मात्रा में फाइबर होता है, जो कुछ लोगों के लिए पाचन के समय असुविधाजनक हो सकता है।

- इन समस्याओं के अलावा, करेले को उचित मात्रा में सेवन करना ज्यादातर लोगों के लिए स्वस्थ रहने में मददगार होता है। इसे एक स्वस्थ आहार के रूप में शामिल करने से अन्य खाद्य पदार्थों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है और शरीर के अन्य भागों को सुचारू रूप से काम करने में मदद मिलती है।

आयुर्वेद के अनुसार मात्रा:-

स्वरस:-10–20 ml

करेले अधिक खाने से उपद्रव होने पर चावल और धी खिलाते हैं

शुक्रवार, 31 मार्च 2023

#सुबह खाली पेट अमरुद के पत्ते खाने से का होता है?In hindi.

 #सुबह खाली पेट अमरुद के पत्ते खाने से का होता है?In hindi.



#अमरुद के पत्तों के फायदे

#benefits of guava leaves

#Dr.VirenderMadhan.

 अमरूद के पत्ते, रोज सुबह खाने से निम्न लाभ होते है–

–अमरूद के पत्तों से वजन ठीक रहता है.

–अमरूद के पत्ते पाचन शक्ति को बेहतर करते हैं.

–अमरुद पत्तों का काढा पीने से दमा को ठीक होता हैं. 

–अमरूद के पत्ते डायरिया में फायदेमंद हैं 

–अमरूद के पत्ते खाने से त्वचा को एलर्जी से बचाते हैं 

–प्लेटलेट्स कम होने पर बढ़ाने में मददगार होते है.

–एनीमिया में अमरूद के पत्ते पानी मे पकाकर लेने से फायदा होता है।

–इम्यूनिटी जब कम होती है तब मजबूत करने के लिये अमरुद के पत्तों का काढा प्रयोग किया जाता है.

– जब ब्लड प्रेशर हाई रहता है तब इसे कंट्रोल करने के लिये अमरुद की नरम नरम पत्तियों को खाने के काम मे लाया जाता है.

– टॉक्सिन्स बाहर निकलने के काम भी आता हैं.

–डायबिटीज में अमरूद की पत्तियाँ खाने से फायदेमंद सिद्ध होते है

_ मुखपाक मे अमरुद के 1या2 पत्रे चबाने से मुखपाक ठीक हो जाता है।

डा०वीरेंद्र मढान,

बुधवार, 29 मार्च 2023

एंग्जाइटी है तो क्या करें उपाय? In hindi.

 एंग्जाइटी है तो क्या करें उपाय? In hindi.

एंग्जाइटी क्या होता है ?



What is anxiety?

#चिंता

हर दिन की स्थितियों के बारे में तीव्र, अत्यधिक और लगातार चिंता व डर. तेज़ दिल की धड़कनें, तेज़ी से श्वास-प्रश्वास, पसीना, और थकान महसूस हो सकते हैं.

#आम वजहें

सार्वजनिक भाषण या परीक्षा देने जैसी तनावपूर्ण स्थितियों में बहुत ज़्यादा चिंता होना सामान्य-सी बात है. किसी बीमारी के होने के बारे में यह तभी बताता है जब भावनाएं बहुत बढ़ जाएं, बाकी चीज़ों पर हावी हो जाएं और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर करने लगें.

 एंग्जाइटी एक मानसिक रोग है, जिसमें रोगी को तेज़ बैचेनी के साथ नकारात्मक विचार, चिंता और डर का आभास होता है । 

जैसे, अचानक हाथ कांपना, पसीने आना आदि । अगर समय पर इसका सही इलाज न किया जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है और मिर्गी का कारण भी बन सकता है ।

#एंग्जायटी क्यों होती है?

चिंता और उदासी का कारण

– चिंता और उदासी बढ़ने का कारण एंग्जायटी हॉर्मोन होता है, जिसे कोर्टिसोल कहते हैं। जब दिमाग की एड्रेनल ग्लैंड इसका उत्पादन ज्यादा करने लगती है, तो मरीज को तनाव व अवसाद घेर लेता है। इसके अलावा, सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे फील-गुड हॉर्मोन का गिरना भी विंटर ब्लूज का कारण बनता है।

#एंजायटी को कैसे दूर करे?

#How to remove anxiety?

- हल्के व्यायाम करें

इस हार्मोन के बढ़ने पर मूड में सुधार आ सकता है। तनाव होने पर हल्के व्यायाम जैसे कि वॉकिंग या स्विमिंग फायदेमंद साबित सकती है। इस दौरान एक्सरसाइज करने बहुत मदद मिलती है। 

#एंग्जायटी में क्या नहीं खाना चाहिए?

What should not be eaten in anxiety?

– हाई सोडियम फूड

चिप्स, केक, पेस्ट्री, बेक्ड आइटम व पैक्ड फूड आदि का अधिक सेवन आपके लिए परेशानी भरा हो सकता है। सोडियम की अधिकता हार्ट रिस्क को बढ़ाता है। साथ ही, यह आपके साइकोलॉजिकल हेल्थ के लिए भी अच्छा नहीं है। इतना ही नहीं, डिप्रेशन व एंग्जाइटी के रोगी कुछ दवाईयों का सेवन करते हैं, जो वजन बढ़ाती हैं।

#Anxiety मे क्या खायें?

What to eat in anxiety?

अपने भोजन में संतुलित पोषण के साथ सुगंधित खाद्य पदार्थ शामिल करना आपकी चिंताओं को कम करने में मदद कर सकता है। कुछ खाद्य पदार्थ जो आपकी चिंताओं को कम करने में मदद करते हैं :–

खजूर:-

 खजूर शांतिदायक खाद्य पदार्थ होते हैं जो एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं। खजूर में मौजूद ग्लूकोज शरीर के लिए उपयोगी होता है, जो चिंताओं को कम करने में मदद करता है।

ब्राउन राइस:-

 ब्राउन राइस में मैग्नीजियम होता है जो चिंताओं को कम करने में मदद करता है। ब्राउन राइस मे बी विटामिन की अच्छी स्रोत होता है।इससे भी मन मे शांति मिलती है।

अलसी के बीज:-

 अलसी के बीजों में मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड चिंताओं को कम करने में मदद करता है। अलसी के बीज आपको तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

खजूर:-

 खजूर में भरपूर मात्रा में मैग्नीजियम और विटामिन बी-कंप्लेक्स से भरपूर होता है जो चिंताओं को कम करने में मदद करते हैं।

तुलसी चाय:- 

 तुलसी चाय में मौजूद तत्वों में तुलसी आपको तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। तुलसी आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।

सफेद धनिया:-

 सफेद धनिया एक शांतिदायक खाद्य पदार्थ होता है जो आपकी चिंताओं को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड आपके मन को शांत करने में मदद करता है।

इन खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करने के साथ-साथ, आप आहार में ज्यादा पानी, हरे सब्जियां, फल, नट्स और सीधे खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, ओट्समील इत्यादि को शामिल कर सकते हैं जो पक्के खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक फाइबर होते हैं और आपको स्वस्थ और शांति महसूस करवाते हैं।

और आपको अपने खाद्य पदार्थों में अनुभव करने वाली उत्तेजक पदार्थों जैसे कॉफी, एनर्जी ड्रिंक आदि की मात्रा को कम कर देना चाहिए जो आपके तनाव को बढ़ा सकते हैं।

ध्यान रखें कि ये आहार तरल  होने चाहिए जैसे कि पानी, नारियल पानी, नींबू पानी आदि जो आपको हाइड्रेटेड रखेंगे और आपकी चिंताओं को दूर करने में मदद करेंगे।

** ध्यान रखें कि आपकी खान-पान की आदतों को बदलने के बजाय अनुकूलता के साथ आप इन आहार पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर लेना चाहिए। इन आहार पदार्थों को शामिल करने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, खासकर अगर आपकी कोई शारीरिक समस्याएं हैं

सोमवार, 27 मार्च 2023

किडनी खराब है तो क्या करें?In hindi.


 #किडनी खराब है तो क्या करें?In hindi.

</>Kidney kharabहै to kya karen
</>किडनी खराब है तो क्या करें
</>किडनी खराब है तो क्या करें घरेलू उपाय
</>किडनी खराब हो जाये तो क्या करें?

#किडनी सिकुड़ने पर क्या करें?

- फल और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं।

 - अंगूर खाएं, क्योंकि ये किडनी से फालतू यूरिक एसिड निकालते हैं।

 - खाने में नमक, सोडियम और प्रोटीन की मात्रा घटा दें।

कम सोडियम / नमक वाले आहार करें, आहार में सोडियम या नमक का सेवन नियंत्रण में रखें। 

#किडनी को ठीक करने के लिए क्या करना चाहिए?

या

#किडनी को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?

निम्न उपायों को अपनाएँ 

1. व्यायाम करें या श्रम करें,

2. मीठा कम ही खायें 

3. रक्तचाप सामान्य रखें 

4. वज़न नियंत्रित रखें 

5.पर्याप्त जल का सेवन करें 

खूब पानी पिएं, यह आपके किडनी को स्वस्थ रखने का सबसे आम और सरल तरीका है। भरपूर पानी, विशेष रूप से गर्म पानी का सेवन करने से गुर्दे को शरीर से सोडियम, यूरिया और विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है।

6.धूम्रपान से बचें 

7.एलोपैथीक दवाइयों के अधिक सेवन से बचें 

#किडनी साफ करने के लिए क्या पीना चाहिए?

- किडनी की सफाई के लिए गर्म पानी एक अच्छा विकल्प है। 

– आप 1 लीटर पानी में 5 ग्राम अदरक और 5 ग्राम तक धनिया के बीज को लेकर एक साथ उबालें, जब तक 1 लीटर पानी पक कर 100 ग्राम तक ना हो जाए। इसे गुनगुना होने दें और फिर सेवन करें।

#किडनी को साफ करने के लिए क्या खाएं?

इन 9 चीज़ों को करें डाइट में शामिल

1-मूली या मूली का रस पीयें

2-पपीता खायें

3- अनानास खायें

4-आंवला,आवलों का रस,आमलकी रसायन लें,

5-धनिया का पानी बना कर कुछ दिन लगातार लें.

6-नींबू पानी पीयें,

7-नारियल पानी और

8-पानी खुब पीयें

9-जौं को भोजन में शामिल करें ,जौका पानी बनाकर पीयें.

#किडनी का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार पुनर्नवा, गोक्षुर, वरूण, गुडुची, कासनी, तुलसी, अश्वगंधा तथा आंवला जैसी आयुर्वेदिक बूटियां किडनी फंक्शन को ठीक करने में सफल है.

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,