Guru Ayurveda

सोमवार, 15 मई 2023

असली चाय पत्ती की पहचान

 

#असली चाय पत्ती की पहचान

#चाय असली है या नकली?

असली चाय पत्ती की पहचान करने के लिए निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना चाहिए:

1- पत्ती का रंग: –

 असली चाय पत्ती का रंग हरा या चमकदार होता है। ध्यान दें कि यह न कि वर्णमाला के पत्ते की तरह संयोजित होता है।

2-पत्ती की संरचना:–

 असली चाय पत्ती अपने आप में संकर होती है और संयोजित नहीं होती है। पत्ती में टुकड़े हो सकते हैं, लेकिन वे स्पष्ट रूप से पत्ती के हिस्सों से अलग होंगे।


4-बौछार:–

 असली चाय पत्ती को गर्म पानी में डालने पर यह देशी चाय के रूप में बौछारें उत्पन्न करेगी। ये छोटी छोटी गोल गोल बौछारें होती हैं जो आपको चाय के बनाने के दौरान दिखेंगी।

5-गंध:–

 असली चाय पत्ती की गंध ताजगी और आकर्षक होती है। जब आप इसे अपनी हाथों में लेंगे, तो उससे आपको मिलने वाली सुगंध को महसूस कर सकते हैं।

परीक्षा:-

* चायपत्ती लेकर उसे गीले लिटमस या कागज पर ही घिसे यदि रंग छोड़ती है तो पक्का मिलावटी चायपत्ती है।

* असली चाय पत्ती को एक परीक्षा के रूप में बना सकते हैं। आप एक छोटे से टुकड़े को हाथों में लेकर उसे पूरी तरह से पीसें और उसे अपनी उंगलियों के बीच में रगड़ें। असली चाय पत्ती की पहचान के लिए, आपको एक मधुर और ताजगी भरी गंध महसूस होनी चाहिए। असली चाय पत्ती जब आप इसे तोड़कर महसूस करेंगे, तो यह आपको एक अन्य दृष्टि और गंध का एक अनुभव देगी।

चाय की पत्ती की पहचान कैसे करें?

1- चाय की पत्ती में मिलावट की पहचान करने के लिए सबसे पहले एक टिश्यू पेपर लें और उस पर 2 चम्मच चाय की पत्तियां रखें. इसके बाद पत्तियों पर कुछ बूंदें पानी डालकर थोड़ी देर धूप में रख दें. अब टिश्यू पेपर से चाय की पत्तियों को हटा लें. अगर चाय की पत्तियों में मिलावट होगी तो, टिश्यू पेपर पर दाग के निशान पड़ जाएंगे.


*हालांकि, मुझे यह बताना महत्वपूर्ण है कि असली चाय पत्ती की पहचान करना आदिकारी रूप से या विशेषज्ञ के बिना कठिन हो सकता है। चाय पत्ती की अच्छी गुणवत्ता और प्रकाशित ब्रांडों के उपयोग करके आप एक अच्छी और परखी हुई चाय का आनंद ले सकते हैं।


रविवार, 14 मई 2023

सोने से क्या लाभ होता है?

 


सोने से क्या लाभ होता है?

“निद्रा” 

#drVirenderMadhan.

#नीदं क्या है?

आयुर्वेद में स्वास्थ्य के तीन 

उपस्तम्भ बताये है,

आहार,निद्रा,और ब्रह्मचर्य,

निद्रा–

दूसरा उपस्तम्भ है,

अब हम बताने वाले है कि 

- सोने से हमें क्या लाभ है

और क्या हानि होती है,

- दिन मे सोने से क्या होता है

- गर्मीयों मे दोपहर मे हमें सोना

चाहिए या नही

<उल्टा सोने के फायदे>

और अधिक सोने से क्या नुकसान है

या कम सोने से क्या होता है।

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*नींद न आने से– 

दुखः मिलता है

शरीर सूख जाता है

दुर्बलता आती है,

अज्ञानता बढती है,

मृत्यु निकट आ जाती है,

* सुखद नीदं आने से –

सुख,मिलता है

शरीर बलवान होता है,

ज्ञान बढता है

लम्बा जीवन मिलता है,


* अत्यधिक नीदं लेने से–

सुख और आयु दोनों नष्ट हो जाते है

#दिन मे सोने से क्या होता है?

- दिन मे सोनेसे कफदोष बढता है,

- शरीर मे स्निग्धता बढती है

- वजन बढता है,

रात्रिजागण:-

रात मे जागने से रुक्षता बढती है वातदोष बढता है,

बैठ कर सोने से, झपकी लेकर सोने से न रुक्षता आती है न स्निग्धता आती है,

*गर्मियों के दोनों में वातदोष का संचय होता है आदानकाल के कारण रुक्षता आती है,

रात छोटी होती है,इसलिए दिन मे सोना हितकर है,

*अन्य ऋतुओं मे कफ विकार होते है दिन मे सोना कफकारक होता है।

#दिन मे कौन लोग सो सकते है?

अष्ठांग हृदय के श्लोक न०56 से 60 तक वर्णन है कि

अधिक बोलने से,

सवारी करने से,

शराब पीने पर,

नवविवाहित को,

क्रोध से,  भय से , शोक से,

थके हुये परुष को,

श्वास, कास ,अतिसार के रोगी को,

बृद्ध , बालक , दुर्बल ,

क्षीण ,क्षयरोगी,  प्यास रोग, 

शूलरोग से पीडित को,

अजीर्ण रोगी , घायल ,पागल आदि को दिन में सोने की अनुमति है

#उल्टा सोने से क्या होता है?

पेट के बल सोन से पीठ में दर्द की शिकायत भी हो सकती है,वातदोष बढ जाता है,

#कुसमय सोने से कौन से रोग होते है?

मोह,  ज्वर ,क्लेद ,पीनस

बहने वाला जुकाम, शिरोरोग

यानि शिर के रोग,

सुजन,  जीमचलना,

तथा मन्दाग्नि  हो जाती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 13 मई 2023

गर्मी के दिनों में क्या खायें?

 

<गर्मियों का खाना>

#गर्मी के दिनों में क्या खायें?

#garmi ke dino me kya khana chahiye,?

#Dr.VirenderMadhan.

गर्मियों के दिनों में शरीर को स्वस्थ और ठंडा रखने के लिए, सही तरह से पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी होता है। 

#garmi ke dinon mein kya kya khana chahie,

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ आपको गर्मी के दिनों में ठंडा और ताजगी से भर देंगे:-


#फल और सब्जियां:-

 गर्मियों में खाने के लिए, आप कच्चे फल और सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि तरबूज, खरबूजा, आम, अनार, खीरा, टमाटर, प्याज, स्पिनेच, ककड़ी आदि। ये फल और सब्जियां आपके शरीर को ठंडा और ताजगी देंगे और आपको गर्मियों में हाइड्रेटेड रखेंगे।


#ठंडे पेय:–

 गर्मियों में पानी, नारियल पानी, लेमनेड, जलजीरा, नींबू-पानी, फलों का शेक, आदि ठंडे पेय शरीर को ताजगी देते हैं 

#ठंडे दूध के उत्पाद:-

 दूध, दही और पनीर जैसे थंडे दूध के उत्पाद भी आपको गर्मियों में ठंडा रखते हैं। लस्सी, छाछ, कुल्हड़ वाला दूध, फलों

और नट्स के साथ दही खाना बहुत स्वास्थ्यप्रद होता है।

#ठंडे खाद्य पदार्थ:-

 गर्मियों में आपको ठंडा और ताजगी देने वाले खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं, जैसे फलों का सलाद, चावल, सूप, सेवईयों का सलाद आदि। आप इन पदार्थों को ठंडे रखने के लिए फ्रिज में भी रख सकते हैं।


#प्रोटीन स्रोत:-

 गर्मियों में प्रोटीन स्रोत भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। दाल, सोयाबीन, अंडे और फिश आपको प्रोटीन देते हैं और आपको ताजगी और ऊर्जा देते हैं।

इन आहार विकल्पों के साथ-साथ, आप अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडी छत, ठंडी जलवायु नियंत्रण, विश्राम और नियमित व्यायाम के लिए भी जानकारी होना चाहिए।

#garmi me kya khaye kya na khaye,?

* ताजा शिकंजी:–

 ताजा शिकंजी एक और बहुत अच्छा विकल्प होता है गर्मियों में। यह एक सुगंधित नींबू पानी होता है जो आपको ताजगी देता है और आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।

* फलों और सब्जियों का उपयोग:–

 गर्मियों में फलों और सब्जियों का उपयोग करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। फल और सब्जियां आपको ऊर्जा देते हैं और आपके शरीर को विटामिन, मिनरल और फाइबर प्रदान करते हैं। आप आम, केले, तरबूज, खीरा, ककड़ी, तरबूज, अमरूद, अनार, संतरे, आम, पपीता, गाजर, टमाटर, ककड़ी, तोरी, बैंगन आदि जैसे फल और सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं।


* ठंडे पानी का उपयोग:–

 गर्मियों में आपको ताजगी और ऊर्जा देने के लिए ठंडे पानी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप ठंडे पानी के साथ नींबू, मिर्च और पुदीना का रस मिलाकर पी सकते हैं।

#गर्मियों में क्या न खाएं?

– कैफीन से परहेज करें, –चाय-कॉफी का कम से कम सेवन करें.

– गर्मी के मौसम में बासी खाना बिल्कुल भी न खाएं, इससे फूड प्वाइजनिंग खतरा हो सकता है.

– जंक फूड, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड खाने से परहेज जरूरी है.

– रेड मीट के सेवन से बचें, क्योंकि गर्मियों में प्रोटीन को पचाने में काफी समय लग जाता है.

Q:-गर्मी से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?

* खीरा रोज खाएं

– खीरा खीरा का सेवन गर्मी के दिनों में करना बहुत ही लाभदायक माना जाता है,

* नींबू पानी का करें

- सेवन गर्मी आते ही शरीर में पानी की कमी होने लगती है.

* बेल का शर्बत

– गर्मियों में खासतौर से लोगों को बेल का शर्बत जरूर पीना चाहिए. 

* आमपन्ना

- आमपन्ना फायदेमंद होता है.

* तरबूज

- तरबूज खाने से यह गर्मी से बचाएगा,

Q:- शरीर के लिए कौन सा फल ठंडा है?

आम के अलावा तरबूज एक और ऐसा फल है जो भारत में गर्मी के मौसम में अक्सर खाया जाता है। आमतौर पर तरबूज पीने में पानी की मात्रा 92% तक होती है, जो डिहाइड्रेशन को रोकने और शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगा। अगर नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शुक्रवार, 12 मई 2023

#भूख लगने के लिए क्या करना चाहिए? #भूख क्या है?

 


#भूख लगने के लिए क्या करना चाहिए?

#भूख क्या है?

भूख उस समय अनुभव होती है, जब खाना खाने की इच्छा होती है। परितृप्ति भूख का अभाव है। भूख की अनुभूति हाइपोथैलमस से शुरु होती है जब यह हार्मोन छोड़ता है। यह हार्मोन यकृत के अभिग्राहक पर प्रतिक्रिया करती है।

#भूख क्यों नहीं लगती है?

संक्रमण या पाचन संबंधी समस्याओं में यह दिक्कत अस्थायी होती है और इलाज के साथ ठीक हो जाती है। पर कई गंभीर रोग जैसे डायबिटीज, हृदय रोग और कुछ स्थितियों में कैंसर के विकास के कारण भी भूख में कमी महसूस होती रह सकती है, इसपर समय रहते गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता होती है


#खाना खाने की इच्छा क्यों नहीं होती है?

feeling no appetite: भूख न लगना आमतौर पर एक पाचन से जुड़ी समस्या होती है, लेकिन कई बार ईटिंग डिसऑर्डर भी इसके पीछे का कारण हो सकता है। भोजन विकार एक गंभीर समस्या है और इसका जल्द से जल्द इलाज होना बहुत जरूरी है।

#भुख न लगने के 5 कारण ?

भुख न लगने के कई कारण हो सकते हैं, ये निम्नलिखित हो सकते हैं:-

*उच्च तापमान:-

 अधिक तापमान से शरीर का अपच बढ़ता है और इससे भुख नहीं लगती है।

*अधिक तनाव:–


 तनाव या स्ट्रेस से शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन उत्पन्न होता है, जो भुख को कम करता है।

*बीमारी:-

 कुछ बीमारियों जैसे कैंसर, थायराइड और एचआईवी इत्यादि भुख कम कर सकती हैं।

*दवाओं का सेवन:-

 कुछ दवाओं के सेवन से भी भुख कम हो सकती है, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट, एंटीबायोटिक इत्यादि।

*बार-बार खाने से उबलपन:– 

कई लोगों को बार-बार खाने से उब जाता है जिससे उनकी भुख कम हो जाती है।

[यदि आपको भुख नहीं लग रही है तो इसकी वजह का पता लगाने के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें।]



#भूख नही लगती है तो क्या करें?

 नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने में थोड़ा थोड़ा खाने की कोशिश करें, भले ही आपको भूख न लगी हो। तरल 

*भोजन का सेवन करें:-

 यदि आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं, तो तरल भोजन के माध्यम से अपनी दैनिक कैलोरी की मात्रा का उपभोग करना आसान हो सकता है।

#भूख ना लगने पर क्या खाना चाहिए?

भूख ना लगने पर अनार, आंवला, इलायची, अजवाइन और नींबू आदि चीजों का सेवन करना चाहिए. यह सभी चीजें स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं. इन्हें खाने से शरीर में कई पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है. इसके अतिरिक्त व्यायाम करना भी बेहद जरूरी है.

#भूख बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?

भूख नहीं लगती तो आजमाएं ये घरेलू उपाय, बढ़ जाएगी आपकी डाइट

>अजवाइन:-

 अजवाइन पेट की कई समस्याओं को आसानी से दूर करती है। 

>हरा धनिया:-

 हरे धनिया से भूख बढ़ाने के लिए मिक्सर में धनिया पत्ते और पानी को मिलाकर इसका जूस बनाएं। 

>काली मिर्च:-

 काली मिर्च का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 

>इलायची 

>अदरक

Q:-भूख नहीं लग रही है तो क्या करें?

*अत्याधिक मिर्च-मसाले वाले भोजन से परहेज करें और रात के समय गरिष्ठ भोजन न करें। * दही और छाछ का सेवन भी भूख खोलता है।

* रोज सुबह नारियल तेल से कुल्ला (कोकोनट ऑइल पुलिंग) करने पर भी भूख खुलती है। 

* भोजन के बाद एक चम्मच देसी घी और शक्कर का सेवन भूख बढ़ाने में मदद करता है।

Q:-कौन सा फल भूख बढ़ाता है?

अनार एक गुणकारी फल है, जो एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन्स से समृद्ध होता है। पाचन स्वास्थ्य के लिए अनार बहुत फायदेमंद है। भूख को बढ़ाने के रूप में रोजाना अनार का रस पी सकते हैं 

Q:–मुझे भूख क्यों कम हुई है?

– वृद्ध वयस्कों में भूख में कमी अक्सर देखी जाती है। अक्सर, कोई भौतिक कारण नहीं पाया जाता है। उदासी, अवसाद या शोक जैसी भावनाएँ भूख न लगने का कारण बन सकती हैं। कैंसर के कारण भूख भी कम हो सकती है ।

#भूख बढाने के आयुर्वेदिक उपचार -

 Bhookh Badhane Ke Ayurvedic upchar-

गेहूं का चोकर, अजवाइन और सेंधा नमक- भूख न लगने की समस्या को हम गेहूं के चोकर में सेंधा नमक और अजवाइन मिलाकर इसकी रोटी बनाकर खाने से भी दूर कर सकते हैं. 

मेथी,हिंग, पुदीना और कालीमिर्च,सेब,नींबू

अजवाइन और काला नमक का अपने भोजन में प्रयोग करें?

Q:-बिना दवा के भूख कैसे बढ़ाएं?

>अजवाइन:-

 अजवाइन पेट की समस्या के लिए बेहद कारगर है। 

>काली मिर्च-

 काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो पाचन ठीक करने के साथ भूख बढ़ाने में भी कारगर है। 

>अदरक-

 अदरक औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ...

>आंवला:-

 आंवला में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। ...

>त्रिफला चूर्ण-

 त्रिफला चूर्ण सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।

#आयुर्वेदिक दवा:-

>हिंग्वाष्टक चूर्ण

>लवणभास्कर चूर्ण

>स्वादिष्ट पाचन चूर्ण 

आदि,

बुधवार, 10 मई 2023

शरीर को मोटा कैसे करें? इन हिंदी

#शरीर को मोटा कैसे करें?

वजन कैसे बढायें?

How to increase weight?

Dr.VirenderMadhan,

शरीर को मोटा कैसे करें? इन हिंदी


इस लेख में “शरीर को मोटा कैसे करें?” “वजन कैसे बढायें?“How to increase weight?”“वजन बढ़ाने की विधि”का वर्णन करेंगे अतः लेख को पुरा पढें,

#वजन बढ़ाने के लिए 5 आयुर्वेदिक द्रव्य:-

* 5 Ayurvedic Medicines for Weight Gain,

अपने वजन को बढाने के लिए आपको योग, प्राणायाम और आहार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हालांकि, यहाँ कुछ ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं का वर्णन किया गया है जो शरीर को भारी बनाने में मदद कर सकती हैं:



1-अश्वगंधा:-

 अश्वगंधा शरीर के मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है जो आपके शरीर को भारी बनाने में सहायता कर सकते हैं।

2-शतावरी:-

 शतावरी एक प्राकृतिक रसायन होता है जो शरीर को बनाए रखने में मदद करता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

3-गोखरू:-

 गोखरू शरीर के अंगों को मजबूत बनाने में मदद करता है जिससे आप अपने शरीर को भारी बना सकते हैं।

5-ब्रह्मी:-

 ब्रह्मी एक औषधि है जो शरीर को मजबूत बनाने में मदद करती है। यह शरीर के अंगों को शक्ति प्रदान करता है और उन्हें मजबूत बनाता है।


[ ध्यान दें कि इन दवाओं का उपयोग करने से पहले आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। वे आपको सही मात्रा और उपयोग की जानकारी दे सकते हैं और आपकी विशेष स्थिति के अनुसार सलाह दे सकते हैं।]

#मोटा होने के लिए क्या खायें?

 *What to eat to get fat?

यदि आप मोटे होना चाहते हैं तो अपने आहार में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जो शरीर को वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें:-


* मेवे:-

 मेवे जैसे काजू, बादाम, अखरोट, पिस्ता आदि मोटे होने में मदद करते हैं। इनमें प्रोटीन, वसा, एल्यूमिनियम, आयरन और विटामिन ई शामिल होते हैं।


* दूध एवं दूध से बनी चीजें:-

 दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। आप दूध, पनीर, दही, लस्सी आदि का सेवन कर सकते हैं।


*अधिक खाद्य तेलों वाले भोजन:-

 अधिक खाद्य तेल वाले भोजन खाने से आपको वजन बढ़ाने में मदद मिलती है। इसमें मुख्य रूप से घी, सरसों का तेल और तिल का तेल शामिल होते हैं।

*मांस:-

 मांस खाने से आपको प्रोटीन, विटामिन बी 12 और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व मिलते हैं। आप अंडे, मुर्गी, बकरी का मांस,

 * अन्नों में अधिक मसाले:-

 अन्नों में अधिक मसाले शरीर को वजन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, आप मसालेदार खाने जैसे आलू गोभी, चावल, मटर पनीर आदि का सेवन कर सकते हैं।

* अधिक मिठाई:-

 अधिक मिठाई खाने से आपको अधिक कैलोरी मिलती है जो वजन बढ़ाने में मदद कर सकती है। इसलिए, आप मिठाई खा सकते हैं जैसे गुलाब जामुन, रसगुल्ला, केक, बर्फी आदि।

[ध्यान दें कि आपको अपने आहार में संतुलित और पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। आपको अत्यधिक तल या शक्कर का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अपने वैद्य से परामर्श करना भी उत्तम विकल्प हो सकता है।]


* सोये खाने से वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है, लेकिन इसकी विशेष मात्रा से संबंधित कोई निर्धारित मात्रा नहीं है। आमतौर पर एक व्यक्ति को रोजाना 20-30 ग्राम सोये के दाने खाने की सलाह दी जाती है।

आप दूध में सोये के दाने भी डाल सकते हैं, जिससे आपको अधिक प्रोटीन और कैल्शियम मिलेगा जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि सोये एलर्जी के लिए संवेदनशील हो सकते हैं, इसलिए अगर आपको सोये से जुड़ी कोई एलर्जी या अन्य समस्या हो तो आपको उनका सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना भी उत्तम विकल्प हो सकता है।

* उडद से मोटा होता है या नही?

उड़द खाने से वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है जो वजन बढ़ाने के लिए वेजेटेरियन आहार का पालन करते हैं। उड़द में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है, जो आपको मांस और मछली के स्रोतों के बिना प्रोटीन प्रदान करती है। इसके अलावा, उड़द में कई तत्व शामिल होते हैं जो आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों के लिए आवश्यक होते हैं, जैसे कि कैल्शियम, आयरन, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन और फाइबर।

आप उड़द की दाल का सेवन कर सकते हैं, जिसे दाल या दाल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। उड़द की दाल के साथ चावल या रोटी खाने से आपको ज्यादा कैलोरी मिलेगी जो आपको मोटे होने में मदद कर सकती है। आप उड़द की दाल के साथ सब्जियों का सेवन भी कर सकते हैं।

[ध्यान रखें कि वजन बढ़ाने के लिए केवल उड़द का सेवन करना पर्याप्त नहीं होगा। ]

प्रश्नोत्तरी:-

Q:-कैसे 1 महीने में 10 किलो वजन बढ़ाने के लिए?

जानिये १ महीने में १० किलो वजन कैसे बढ़ाएं।

विधि

१. मसाले ज्यादा खाएं

२. उच्च कैलोरी

३. बार-बार खाएं

४. मांसपेशियों का निर्माण करें

५. दूध पिएं

६. सूखे मेवे

७. भोजन के पहले ज्यादा पानी ना पिएं

८. स्वस्थ वसा और तेल का प्रयोग करें,

Q:-दुबले पतले लोग वजन कैसे बढ़ाएं?

<< केला वजन बढ़ाने के लिए केला खा सकते हैं, इससे वजन तेजी से बढ़ता है। 

<< घी-गुड़ वजन बढ़ाने के लिए आप दादी नानी के इस फेवरेट नुस्खे को अपना सकते हैं। 

<< दूध हेल्दी रहने के लिए रोजाना दूध पीएं। 

<< ड्राई फ्रूट्स, पीनट बटर खायें,


Q:-जल्दी से वजन बढ़ाने के लिए क्या खाएं?

एवोकैडो:-

 एवोकैडो का भरपूर मात्रा में सेवन करना शरीर में हेल्दी फैट को बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है.


आलू:-

 जल्दी वजन बढ़ाने के लिए आप आलू का सेवन का शुरू कर सकते हैं. 

केला:-

 अगर आप सच में वजन बढ़ाना चाहते हैं तो केले का सेवन शुरू करना सबसे बेहतर ऑप्शन होगा. 

पीनट बटर:-

 पीनट बटर एक स्वादिष्ट स्प्रेड है.

Q:-केला खाने से 1 महीने में कितना वजन बढ़ता है?

इसमें विटामिन, मिनिरल्स, कैल्शियम, पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बेहद जरूरी है. लेकिन अक्सर लोगों में यह धारणा होती है कि केला खाने से वजन बढ़ता है. विशेषज्ञों की मानें तो केला खाने से वजन बढ़ने का कोई प्रमाण नहीं है.

Q:-दुनिया का सबसे ज्यादा वजन बढ़ाने वाला खाना क्या है?

अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं तो नट्स और नट बटर सही विकल्प हैं। एक अध्ययन के अनुसार, केवल एक मुट्ठी कच्चे बादाम (1/4 कप) में 170 कैलोरी, 6 ग्राम प्रोटीन, 4 ग्राम फाइबर और 15 ग्राम हेल्दी फैट होता है। आपको नाश्ते में रोजाना दो मुट्ठी नट्स खाने चाहिए। आप नाश्ते की चीजों में अखरोट का मक्खन मिक्स कर ऐड कर सकते हैं।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

सोमवार, 8 मई 2023

Bad cholesterolक्या है?बैडकोलेस्ट्रोल के कारण और लक्षण

 Bad cholesterolक्या है?

"Bad cholesterol|बैडकोलेस्ट्रोल”



Dr.VirenderMadhan.

–"Bad cholesterol" एक common term है जो LDL (low-density lipoprotein) cholesterol को दर्शाता है।

–जब आप खाद्य पदार्थ खाते हैं, आपके शरीर में cholesterol नामक एक प्रकार का वसा उत्पन्न होता है। यह cholesterol शरीर के विभिन्न हिस्सों के लिए आवश्यक होता है, जैसे कि सेल मेम्ब्रेन का निर्माण और स्टेरॉयड और हार्मोन के रूप में उपयोग।

–LDL cholesterol उच्च रक्तचाप और दिल के रोगों के खतरे के साथ जुड़ा होता है।  – LDL cholesterol अधिकतम मात्रा में खून में घुलता है और उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों में इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। यदि LDL cholesterol का स्तर अधिक हो जाता है, तो इसे "bad cholesterol" कहा जाता है और इससे दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

#आयुर्वेद में bad cholesterol क्या है?

–आयुर्वेद में "Bad cholesterol" का सीधा संबंध LDL (low-density lipoprotein) cholesterol से होता है। यह LDL एक प्रकार का cholesterol होता है जो शरीर में अधिक मात्रा में होने पर दिल के रोगों जैसी बीमारियों का कारण बनता है।

–आयुर्वेद में शरीर के विभिन्न अंगों और अंतःस्थलों में विभिन्न प्रकार की रोगों का कारण वात, पित्त और कफ के असंतुलन के रूप में बताया जाता है। 

–LDL cholesterol को पित्त दोष के एक प्रकार के रूप में भी देखा जाता है जो शरीर में अधिक मात्रा में होने पर विभिन्न प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है।

#Bad cholesterol symptoms,

#Bad cholesterol के लक्षण:-

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"Bad cholesterol" एक अधिक सामान्य नाम है जिससे LDL (Low-density lipoprotein) cholesterol को जाना जाता है। LDL cholesterol शरीर में ज्यादा मात्रा में होने पर जहरीला हो जाता है और इससे कई समस्याएं हो सकती हैं।

- अगर आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा हो, तो आपको निम्नलिखित लक्षण हो सकते है:-

*दिल की समस्याएं:-



- LDL cholesterol शरीर के अन्य अंगों के साथ साथ दिल के लिए भी जहरीला होता है जो दिल की बीमारियों को बढ़ाता है। इससे 

–दिल की धड़कन का तेज होना, 

–दिल का दौरा पड़ना,

– छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

**अधिक वजन:

– अधिक बढ़ता हुआ LDL cholesterol आपके शरीर में एक संकुचित और भारी अनुभव पैदा करता है जो आपके वजन के बढ़ने का कारण बन सकता है।

**स्ट्रोक:–

- अधिक LDL cholesterol आपके शरीर में ब्लड क्लॉट बनाने की वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है।

**तनाव संबंधी समस्याएं:–

 लोग बुरे कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित होने के बाद अक्सर अधिक तनाव, असमंजस,मनो समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं।

**नाना प्रकार की बीमारियों का खतरा:-

 अधिक बुरे कोलेस्ट्रॉल स्तर से ग्रस्त होने से आपको डायबिटीज, मोटापा और हार्ट अटैक जैसी अन्य खतरनाक बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

**नपुंसकता:–

 अधिक बैड कोलेस्ट्रॉल से ग्रस्त होने से महिलाओं और पुरुषों दोनों में नपुंसकता या यौन नपुंसकता का खतरा बढ़ सकता है।

[अगर आप बुरे कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हो सकते हैं, तो आप अपने चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। ]

#अधिक बैड कोलेस्ट्रॉल है तो क्या खायें ?

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बैड कोलेस्ट्रॉल उच्च होने से संबंधित खाद्य पदार्थों की श्रेणी को 'तृष्णात्मक आहार' कहा जाता है। इसमें आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन रोकना चाहिए, जो आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे आपके हृदय रोग और दिल के अधिक चिकनापन के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।

– निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो आपके बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं:-

#सब्जियां और फल:–

- फल और सब्जियों में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इनमें अनाज, सब्जियां और फल शामिल होते हैं जैसे कि चने, फलियां, भिंडी, गोभी, गाजर, सेब और संतरे।

**मिठाई व दूध उत्पाद:–

 दूध उत्पाद उच्च-गुणवत्ता


वाले खाद्य पदार्थ होते हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। 

दुधः-

उत्पाद मट्ठा, दही और पनीर शामिल होते हैं। हालांकि, आपको उचित मात्रा में उपयुक्त दूध उत्पाद ही खाना चाहिए 

** अधिक मात्रा में उपयुक्त दूध उत्पाद सेवन करने से शरीर में अधिक वसा जमा हो सकती है।

**अंडे:-

 अंडे भी उच्च-गुणवत्ता वाले प्रोटीन होते हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। 

ध्यान रखें अधिक अंडे खाने से  कोलेस्ट्रॉल स्तर अधिक होने की आशंका हो सकती है।

**नट्स:-

 अखरोट, काजू, बादाम और पिस्ता जैसे नट्स बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। हालांकि, नट्स का सेवन करने से वसा की मात्रा बढ सकती है।

** अनाज: 

अनाज जैसे ओट्स, बार्ली और ब्राउन राइस आपके ठीक है

#बैड कोलेस्ट्रॉल के उपाय:-

–अगर आपके बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर में वृद्धि हो गई है तो इसे कम करने के लिए कुछ उपाय हैं।

>>अपने आहार में बदलाव करें:–

 अपने आहार में हाई फाइबर खाद्य पदार्थ शामिल करें। इससे आपका बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर कम हो सकता है। हाई फाइबर खाद्य पदार्थ में ओट्स, धनिया, सबुत मूंग दाल, लौकी, गोभी आदि शामिल होते हैं। आपको वसा, तला हुआ और उच्च तेल वाले आहार से बचना चाहिए।

>>व्यायाम करें–

यदि योग, व्यायाम, घूमना, चलना और रनिंग जैसे शारीरिक गतिविधियों को अपनाएं। इससे आपका बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर कम हो सकता है।

>>वजन घटाएं:-

 वजन घटाने के लिए अपने आहार में कम कैलोरी और हाई फाइबर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इससे आपका बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर भी कम हो सकता है।

>>नियमित रूप से जांच कराएं:–

 अपने बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियमित रूप से जांचवाना चाहिए। 

>>दवाओं का उपयोग करें:– 

अगर आपके बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर में बड़ी वृद्धि है तो आपको दवाइयों का उपयोग करना भी पड़ सकता है। चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाओं का उपयोग करें।

>>स्ट्रेस कम करें:–

 स्ट्रेस का होना भी आपके बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर में वृद्धि कर सकता है। स्ट्रेस कम करने के लिए आप योग, मेडिटेशन, ध्यान आदि का उपयोग कर सकते हैं।

– इन उपायों के साथ-साथ आपको अपनी जीवनशैली में भी बदलाव करना होगा। आपको धूम्रपान, शराब और अन्य नशीली पदार्थों से दूर रहना चाहिए। आपको सोने और उठने का नियमित रूप से समय निर्धारित करना चाहिए।

और

[ अपने चिकित्सक से सलाह लेना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। वे आपको सही दवाइयों का उपयोग और आपके स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या के बारे मे अच्छे से समझा सकते है।]

प्रश्नोंत्तर

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Q:-बैड कोलेस्ट्रॉल क्या खाने से बढ़ता है?

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Ans:–दूध, दही, चॉकलेट्स आदि से बचें:-

 सैचुरेटेड फैट बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। सैचुरेटेड फैट का एक सोर्स खाद्य तेल भी होते हैं। इसलिए हेल्दी ऑयल का विकल्प तलाशें। दूध, दही आदि जैसे डेयरी प्रोडक्ट के अधिक सेवन से भी बचें।  

Q:-दूध पीने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है क्या?

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Ans:– दूध पीने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर कोई खास असर नहीं पड़ता है। लेकिन यदि आप दूध से निर्मित अन्य प्रोडक्ट जैसे घी, चीज, मावा आदि का सेवन ज्यादा करते हैं तो कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड का लेवल बढ़ सकता है।

Q:-गर्म पानी पीने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्या?

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Ans:– कोलेस्ट्रॉल को घटाने के लिए गर्म पानी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है . 

-कोलेस्ट्रॉल को दूर करने के लिए लहसुन और गर्म पानी का सेवन किया जा सकता है.

Q:-प्याज खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्या?

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Ans:–  प्याज कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं.

Q:-सबसे हाई कोलेस्ट्रॉल कितना होता है?

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Ans:–टेस्ट में कोलेस्ट्रॉल लेवल 130 से 159 mg/dL आता है तो इसे हाई और बॉर्डरलाइन वाला माना जाता है. जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल लेवल 160 से 189 mg/dL है तो ये हाई और खतरनाक की लिस्ट में आता है. 190 से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल लेवल होना बहुत ज्यादा हाई माना गया है.

धन्यवाद

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 6 मई 2023

लस्सी पीने के फायदे और नुकसान,

 

#लस्सी पीने के फायदे और नुकसान,


इस लेख में “लस्सी पीने के फायदे”और “लस्सी पीने के नुकसान” के बारे मे बताने वाले है, “किन लोगों को लस्सी नही पीनी चाहिए” “लस्सी बनाने का आसान तरीका” जाने के लिए इस लेख को पुरा पढें,

Dr.VirenderMadhan,

लस्सी क्या है?

लस्सी एक पारंपरिक दक्षिण एशियाई पेय है जो खासतौर पर उत्तर एवं पश्चिम भारत तथा पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय है। 

- इसे दही को मथ कर एवं पानी मिलाकर बनाया जाता है तथा इसमें ईच्छा अनुसार तरह तरह के मसाले एवं चीनी या नमक डालकर तैयार किया जाता है। 

- लस्सी, छाछ एवम् मठ्ठा का जिक्र बहुत से पुरानी पुस्तकों में आता है।

#लस्सी पीने के फायदे:-

लस्सी का सेवन त्वचा के लिए, बालों के लिए, बवासीर,कब्ज दूर करने, वजन कम करने और हड्डियां मजबूत करने आदि में फायदेमंद होती है। ताजे दही से बनी लस्सी शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व देती है। दही में कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन पाया जाता है। लेकिन लस्सी पीने के फायदों के साथ ही नुकसान भी है।

लस्सी भारतीय रसोई का एक प्रसिद्ध शरबत है जिसे दूध, दही और मिठा एक साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। लस्सी को सम्मिश्रित चाशनी, नमक और भुना जीरा के साथ डाला जाता है। यह एक पौष्टिक विकल्प है जिसे गर्मियों में ठंडा पीने के लिए बड़ी संख्या में लोगों द्वारा तरीके से पसंद किया जाता है।



#लस्सी के कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:

पाचन क्रिया को सुधारता है:–

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 लस्सी में दही का प्रयोग होता है जो पाचन क्रिया को सुधारता है। यह वसा को घटाने में मदद करता है और आपके शरीर को ऊर्जा देता है।

दिल के स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद होता है:–

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 लस्सी का सेवन हृदय संबंधी बीमारियों को कम करने में मदद करता है। 

- इसमें पाए जाने वाले प्रोबायोटिक भी हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।

शरीर के तापमान को कम करता है:–

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 गर्मियों में लस्सी का सेवन करने से शरीर का तापमान कम होता है। इससे शरीर को ठंडा लगता है और गर्मी से राहत मिलती है।

वजन घटाने में मदद करता है:–

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 लस्सी वजन घटाने में मदद कर सकती है। यह वसा को घटाने में मदद करता है और भूख को कम करता है।

हड्डियों को मजबूत बनाता है:– 

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लस्सी में विटामिन डी, कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स होते हैं जो हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं।

अवसाद को कम करता है:–

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लस्सी में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो मनोवैज्ञानिक स्थितियों को सुधारने में मदद करते हैं। यह अवसाद को कम कर सकता है और मानसिक स्थिति को सुधारता है।



** लस्सी बनाने का आसान तरीका:-

#लस्सी बनाने की विधि:–

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लस्सी बनाना बहुत ही सरल होता है और इसे आसानी से बनाया जा सकता है। निम्नलिखित हैं लस्सी बनाने की विधि:

सामग्री:

दही (2 कप)

ठंडा पानी (1 कप)

चीनी (2-3 टेबल स्पून)

काला नमक (स्वादानुसार)

जीरा पाउडर (1 छोटा चम्मच)

कस्तूरी मेथी पाउडर (1 छोटा चम्मच)

धनिया पत्ती (बारीक कटी हुई, गार्निश के लिए)

पुदीना पत्ती (बारीक कटी हुई, गार्निश के लिए)

विधि:–

दही को एक बड़ी कटोरी में डालें और उसे फेंटें ताकि दही को चिकना बनाएं।

अब उसमें ठंडा पानी डालें और फिर से अच्छी तरह से फेंटें।

अब इसमें चीनी, काला नमक, जीरा पाउडर, और कस्तूरी मेथी पाउडर डालें और फिर से अच्छी तरह से मिलाएं।

लस्सी को ठंडा करने के लिए इसे फ्रिज में रखें या बर्फ के साथ मिलाएं।

लस्सी को सर्व करने से पहले उसमें कुछ धनिया पत्ती और पुदीना पत्ती डालें,

आप चाहें तो लस्सी को ब्लेंडर में भी ब्लेंड कर सकते हैं 

अगर आप लस्सी को थोड़ा चटपटा पसंद करते हैं, तो इसमें थोड़ी ताजी लाल मिर्ची का पेस्ट भी मिला सकते हैं।

लस्सी को ठंडा करने के लिए इसे बर्फ के साथ मिला सकते हैं।

अब लस्सी को गिलास में निकालें और उसे धनिया पत्ती और पुदीना पत्ती से सजाएं। लस्सी तैयार है।

#लस्सी के नुकसान:–

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>>लस्सी पीने से क्या नुकसान हो सकते है?

लस्सी पीने के बहुत कम नुकसान होते हैं और इसे स्वस्थ कै लिये अच्छे तरीके से पीने से फायदे होते हैं। हालांकि, कुछ लोगों के लिए लस्सी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

वजन बढ़ना:–

 अधिक मात्रा में लस्सी पीने से आपका वजन बढ़ सकता है, क्योंकि इसमें शक्कर या चीनी का उपयोग किया जाता है।

एलर्जी:–

 कुछ लोगों को दूध से एलर्जी हो सकती है और उन्हें लस्सी पीने से एलर्जी की समस्या हो सकती है।

बीमारी:–

 कुछ लोगों को लक्टोज इंटॉलरेंस होती है और उन्हें लस्सी पीने से पाचन तंत्र में समस्या हो सकती है।

अशुद्ध लस्सी:–

 अशुद्ध लस्सी पीने से आपको खुशक खांसी, खुजली या त्वचा के विकार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

लेकिन सामान्यतः, स्वस्थ व्यक्ति लस्सी को स्वस्थ तरीके से पी सकते हैं 

#किन लोगों को लस्सी नही पीनी चाहिए

लस्सी को पीने से पहले, आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए क्योंकि लस्सी को पीने से पहले अपने स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखना आवश्यक है। लस्सी को पीने से निम्नलिखित लोगों को बचना चाहिए:

लक्टोज इंटॉलरेंस से पीड़ित लोग:–

 जो लोग लक्टोज इंटॉलरेंस से पीड़ित होते हैं उन्हें लस्सी नहीं पीनी चाहिए, क्योंकि लस्सी में लैक्टोज होता है। लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले लोगों को लस्सी की जगह अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दही, पनीर आदि का सेवन करना चाहिए।

एलर्जी से पीड़ित लोग:–

 लस्सी एक दूध के उत्पाद होती है, इसलिए दूध से एलर्जी वाले लोगों को लस्सी का सेवन नहीं करना चाहिए।

 एसिडिटी से पीड़ित लोग:–

जो लोग अपच, गैस और एसिडिटी से पीड़ित होते हैं, उन्हें लस्सी के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि लस्सी उन्हें अधिक बीमारी कर सकती है,

अधिक वजन वाले लोग:– लस्सी में चीनी की मात्रा अधिक होती है जो वजन बढ़ाने का कारण बन सकती है। इसलिए अधिक वजन वाले लोगों को लस्सी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

 बड़ी आंत में समस्या हो:– लस्सी में उच्च मात्रा में एसिड होता है, जो जिनकी बड़ी आंत में समस्या होने से पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए जिनकी बड़ी आंत में समस्या हो, उन्हें लस्सी का सेवन नहीं करना चाहिए।

[दादी माँ के घरेलू नुस्खों को फॉलो करने वाले लोग: दादी माँ के घरेलू नुस्खों को फॉलो करने वाले लोगों को लस्सी का सेवन से पहले भी डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।]

People ask:-

Q:-छाछ और लस्सी एक ही है?

Ans:-नही,

दूध से मक्खन को मथ कर छाछ बनाई जाती है दूसरी ओर दही को पानी में मिलाकर और स्वादानुसार चीनी या नमक मिलाकर लस्सी बनाई जाती है।

Q:-लस्सी कैसे बनाया जाता है?

Ans:-

Lassi Recipe

लस्सी बनाने के लिए सबसे पहले हम 750 ग्राम दही लेंगे और उसमें आधा लीटर पानी डाल देंगे।

पानी डालने के बाद हम इसे बिलो लेंगे। 

इसलिए हम इसे किसी झार से अच्छे से 2 मिनट तक बिलो लेंगे। 

चीनी डालने के बाद हम इसे फिर से बिलो लेंगे।

अब इतने दही से हम 7 गिलास लस्सी बिल्कुल आराम से बना सकते है।

Q:-लस्सी कब पीना चाहिए?

Ans:-

लस्सी का आमतौर पर शीतलक के रूप में सेवन किया जाता है जो बदले में पाचन में मदद करता है। यह पेय दही से बना है जिसे स्वस्थ बैक्टीरिया के लिए जाना जाता है। बताए गए कारण से, भोजन के बाद आदर्श रूप से इसका सेवन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, यदि आपने बहुत अधिक मसालेदार भोजन किया है तो लस्सी पाचन तंत्र को शांत करने में मदद कर सकती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,