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रविवार, 31 जुलाई 2022

सौफ खाने से पहले जाने|क्या होगा सौफ खाने के बाद?In hindi.


 सौफ खाने से पहले जाने|क्या होगा सौफ खाने के बाद?In hindi.

सौंफ क्या है?

Dr.VirenderMadhan.

#सौफ को किस किस नाम से जानते है लोग?

-शतपुष्पा,मधुरा,कारवी,मिसि,शतछत्रा,शालीन आदि सौफ के नाम है।

#सौफ के आयुर्वेदिक गुण क्या है ?

इसके गुण सोया के समान है।सौफ हल्की, तीक्ष्ण, पित्तकारक, दीपन,चरपरी, गर्म

ज्वर,व्रण,शूल,तथा नेत्रों के हितकारी है।

यह मधुर,स्निग्ध होने से वात तथा शीत होने से पित शामक है।

यह मेध्य, तथा दृष्टि बृर्द्धक है।यह तृष्णाहर है।वमन को ठीक करनेवाली है।यह दीपन,और पाचन है यानि भुख बढाती है तथा भोजन को पचाती है।

#सौफ दिल के मरीजों के लिये कैसी है?

यह हृद्य तथा रक्तप्रसादन है।अर्थात हृदय के लिये लाभकारी तथा रक्त को साफ करने वाला है।

-कफनिसारक है कफ को बाहर निकलने वाला है।

यह मूत्रल है यानि पेसाब को साफ करने वाला है मूत्रकृच्छ को ठीक करने मे सहायक है।

यह स्त्रियों में दूध बढाने वाला है।

यह पसीना लाने वाला होता है।इसलिए ज्वर मे तथा दाह मे लाभदायक है।

यह मस्तिष्क दौर्बल्यता को नष्ट करता है।

#खाना खाने के बाद सौफ खाने से क्या होता है?

खाना खाने के बाद सौफ खाने से-

सौफ दृष्टि को बढाता है।

सौफ खाने से आग्निमांध,उदरशूल,आध्यमान(अफारा)को दूर करनेवाला होता है।

प्रवाहिका मे सौफ खाने से आमदोष बाहर निकल जाता है।अनुलोमन होने के कारण पेट की मरोड़ ठीक करता है।

यह अर्श (बवासीर) मे भी काम करती है।

यह शुक्र बृद्धि करती है।

यह रक्तविकारों मे,कास,श्वास मे भी लिया जाता है।

सौफ को चर्मरोगों मे,कमजोरी मे,क्षयरोग मे उपयोगी पाया है।

#सौफ के प्रयोज्य अंग:-

सौंफ के फल,तैल,मूल प्रयोग में आते है।

#सौफ की मात्रा:-

फल चूर्ण-3-6 ग्राम, तैल 5-10 बूंदें, ली जाती है।

#विशिष्ट योग:-

शतपुष्पादि चूर्ण, शतपुष्पार्क।

मंगलवार, 26 जुलाई 2022

बरसात के मौसम में न करें ये 9 गलतियों..In hindi

 बरसात के मौसम में न करें ये 9 गलतियों..In hindi.



वर्षा ऋतु

Dr.VirenderMadhan.

#बरसात के मौसम में क्या खाना तथा क्या नहीं खाना चाहिए?

आगे पढे 9 गलतियां जो हमें वर्षा ऋतु में नही करनी चाहिए अन्यथा होंगी बडी बडी बीमारियां.

#क्या होता है वर्षा ऋतु मे?

भारी गर्मी और लू के बाद बरसात का मौसम आता है। माहौल में चारों ओर नमी रहती है, मगर जब बारिश नहीं हो होती तो धूप बेहद तेज हो जाती है और उमस बढ़ जाती है। इस मौसम में हवा और पानी दोनों प्रदूषित हो जाते हैं। आप गौर करें, पानी के स्‍वाद और उसकी महक में भी बदलाव आ जाता है। बारिश के चलते धरती से गैस निकलती है और पानी में एसिड बढ़ जाता है।

#आयुर्वेद के अनुसार वर्षा ऋतु के गुण क्या हैं?

हर एक ऋतु में तीन दोषों (वात,पित्त,कफ)मे से एक दोष संचित होता है और एक दोष कुपित होता है जिसके कारण रोग उत्पन्न होते है।

वर्षा ऋतु में जो वात गर्मीयों मे संचित होता है वह कुपित होकर वात रोग उत्पन्न करने लगता है.

वर्षा ऋतु मे पित्त संचित होता है जो अगली ऋतु मे कुपित होकर रोग उत्पन्न करेगा.

वर्षा ऋतु मे हाजमे की ताकत काफी कमजोर हो जाती है।यानि पाचक अग्नि मंद हो जाती है।

#वर्षा ऋतु मे कौन कौन से रोग होते है?

वर्षा ऋतु मे वात का प्रकोप स्वभाविक रूप से होता है क्योंकि वतावरण मे नमी रहती है। इस से वात प्रकोप के कारण वर्षा ऋतू मे, पेट मे गैस, अपच, जोड़ो मे एवं सिर मे दर्द की शिकायत बहुत होती है।

- पेचिश और डायरिया 

 पेचिश और डायरिया जैसे रोग पैदा होते हैं। पेट में गैस ज्‍यादा बनती है और पेट फूलने लगता है। 

#वायरल फीवर – Viral Fever

वायरल फीवर बारिश के मौसम की सबसे आम समस्या है। बरसात के मौसम ( varsha ritu ) में सर्दी – जुकाम , खांसी , हल्का बुखार और हाथ पैरो में दर्द या सिर में दर्द आदि ये सब वायरल इंफेक्शन से होते है.

-पानी वाली , ठंडी हवा से , तापमान परिवर्तन नींद पूरी न होने आदि के कारण प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाता है। इससे हवा में फैले वायरस या दूषित और अशुध्द खाने पीने के सामान आदि के कारण वायरल फीवर हो जाता है।वायरल बुखार के लक्षण महसूस होने लग जाते है।

#दस्त , हैजा  – Diarrhea , Cholera

दस्त लगने की समस्या अक्सर बरसात के मौसम ( वर्षा ऋतु ) में हो जाती है। ये दूषित खाने पीने के सामान या गंदा पानी पीने से होता है। इस मौसम में ई-कोलाई , साल्मोनेला , रोटा वायरस , नोरा वायरस का संक्रमण बढ़ जाता है। जिसके कारण पेट व आँतों में सूजन और जलन होकर उल्टी दस्त आदि की शिकायत हो जाती है।

#मलेरिया – Malaria

तेज कंपकंपी छूटने के साथ तेज सिरदर्द और तेज बुखार ये सब मलेरिया के लक्षण है। कंपकंपी बहुत तेज होती है।

#पीलिया – Jaundice

यदि हल्का हल्का बुखार आता हो। भूख नहीं लगती हो। खाना देखने या मुँह में रखने से उबकाई आती हो। पेशाब गहरे पीले रंग का आता हो। थकान रहती हो। नींद बहुत आती हो। आंखें और नाखून पीले दिखते हो तो ये पीलिया रोग होता है। बरसात के मौसम ( वर्षा ऋतु ) में इस रोग के होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

#स्किन की समस्या – Skin Problems

बारिश ( Barish ) के मौसम में नमी बने रहने के कारण बैक्टीरिया आसानी से पनपते है। इसलिए त्वचा पर कई तरह के इंफेक्शन होने की सम्भावना होती है।

- वर्षा ऋतु में त्वचा पर फोड़े , फुंसी , दाद , खाज , घमोरियां  , रैशेज , फंगल इंफेक्शन आदि सकते है। पसीना ज्यादा आने के कारण भी स्किन पर घमोरियां आदि जाती है।

#वर्षा ऋतु मे वात रोग?

वर्षा ऋतु में वायु का विशेष प्रकोप तथा पित्त का संचय होता है। वर्षा ऋतु में वातावरण के प्रभाव के कारण स्वाभाविक ही जठराग्नि मंद रहती है, जिसके कारण पाचनशक्ति कम हो जाने से अजीर्ण, बुखार, वायुदोष का प्रकोप, सर्दी, खाँसी, पेट के रोग, कब्जियत, अतिसार, प्रवाहिका, आमवात, संधिवात आदि रोग होने की संभावना रहती है

- वर्षा ऋतु मे वात के साथ पित्त, कफ भी सहयोग कर अनेक रोगो को उत्पन्न करने लगते है. जैसे

दमा, कास,ज्वर,अतिसार, प्रवाहिका,

पैरालिसिस, जोडो के रोग,हड्डियों के रोग आदि उत्पन्न होते है.

#वर्षा ऋतु में न करें ये 9 गलती.

1-वात,पित्तबर्द्धक आहार न करे जैसे कढी,मठर,राजमा,उडद, गोभी न खायें।

2-अधिक देर तक स्नान न करे. पानी में अधिक देर तक न रहे. न ही अधिक देर तक बारिश में न रहें.

3- खुले आसमान मे रात मे न सोयें. ओस का सेवन न करें.

4-कुछ रोगी, बालक,70 साल से बडे वृद्ध व्यक्ति को छोड़ कर दिन मे न सोये.

5-नंगे पैर न रहे शरीर पर हल्का कपडा जरूर पहनने.

6-रात मे कभी छाछ,दही का प्रयोग न करें।

7-फ्राईड चीज ,पैकिंग किये हुए भोजन न करें. बाजार की मिठाई,कटे हुऐ फल,सब्जियों न खायें.

8-एसी,कुलर मे पानी भरकर न चलाये.

9-मच्छरों से बचने के लियें केवल मच्छरदानी का ही प्रयोग उत्तम है.


#वर्षा ऋतु में क्या न खाये?

वर्षा ऋतु में स्वस्थ रहने के लिए  

- चने की दाल, मोठ, उड़द, मटर, मसूर, मक्‍का, 

- आलू, कटहल,मटर,गोभी, जैसी भारी और गैस बनाने वाली चीजें नहीं खानी चाहिएं। - रुखा और बासी खाना भी न खाएं। पत्‍तेदार सब्‍जियों के साथ दही का इस्‍तेमाल न करें। - रात के वक्‍त दही या छाछ न पिएं। 

- जैम, मुरब्‍बा, अचार, कलौंजी से बचें। 

- दिन के समय सोना नहीं चाहिए और 

-ज्‍यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए। 

#बारिश के मौसम में क्‍या खाएं?

-ऐसा खाना खाएं जो आराम से पच जाता हो जो सुपच हो।  -सब्‍जियों में तोरी, लौकी, टमाटर, भिंडी, प्‍याज, पुदीना ले सकते हैं। 

- फलों में अनार, सेब, केला, आडू आदि खाएं। 

- खाने में गेहूं, चावल, जौ, मूंग की दाल, खिचड़ी, दही, लस्‍सी ले सकते हैं। खाने में काली मिर्च, धनिया, अदरक, हींग आदि डालें। अगर चौलाई मिले तो जरूर खाएं। 

- बरसात में नॉन वेज नहीं खाना चाहिए।

अपने आहार मे शामिल करें:-

1. साफ-सुथरा पानी खूब पिए।

​2. दलिया

3.मिक्स आटे की रोटियां

​4.ताजे फल

​5.खट्टे फलों का सेवन

​6.नींबू की चाय

7.​ताजी सब्जियां

8.​बिल,मौसमी,पुदीना आदि का जूस

9.​गरम सूप

10.​घर पर बना हुआ चटपटा आहार

धन्यवाद!





रविवार, 24 जुलाई 2022

अदरक के जो आप नही जानते आयुर्वेदिक अनेकों चमत्कारिक गुण,लाभ हिन्दी में.

 अदरक के जो आप नही जानते आयुर्वेदिक अनेकों चमत्कारिक गुण,लाभ हिन्दी में.

Dr.VirenderMadhan.

#अदरक क्या है?



अदरक (वानस्पतिक नाम: जिंजिबर ऑफ़िसिनेल / Zingiber officinale), एक भूमिगत रूपान्तरित तना है। यह मिट्टी के अन्दर क्षैतिज बढ़ता है। इसमें काफी मात्रा में भोज्य पदार्थ संचित रहता है जिसके कारण यह फूला होता है।

अदरक में हमें स्वस्थ रखने की  शक्ति होती है। भारतवासियों को 5,000 साल पहले से अदरक में पाए जाने वाले गुणों के विषय में जानकारी है।

#अदरक के औषधीय गुण क्या है

आयुर्वेद के अनुसार, 

- अदरक दर्द निवारक है। इससे सूजन दूर होती है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण हैं जो गैस, अपच, सर्दी और सिर दर्द जैसी बीमारियों को से दूर करता है। 

- अदरक में विटामिन ए, विटामिन डी और विटामिन ई है।

#कच्चा अदरक खाने के क्या फायदे है।

- पेट के लिए फायदेमंद- 

कच्चा अदरक पेट के ले काफी फायदेमंद माना जाता है.

- माइग्रेन दर्द में फायदेमंद- 

कच्चा अदरक माइग्रेन के दर्द में काफी फायदेमंद माना जाता है. 

- कोलेस्ट्रॉल लेवल होता है कम- 

कच्चा अदरक हार्ट के लिए काफी लाभकारी माना जाता है.

#अदरक की चाय के फायदे ?

- ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में सहायक है।

- दर्द में राहत दिलाने में प्रभावी है.

- माहवारी के दौरान होने वाली परेशानी में आरामदायक है.

-जी मचलना,मितली और दस्त पर काबू पाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

- रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी इसका उपयोग करते है।

- सांस संबंधी बीमारियों में बहुत ज्यादा प्रभावी औषधि है।

#अदरक की चाय पीने से क्या फायदे होते हैं?

#अदरक वाली कड़क चाय पीने से क्या होता है?

- ब्लड प्रेशर को नोर्मल रखता है।

- अदरक का माइग्रेन रोग में उपयोग करते है

- अदरक सुजन को कम करता है। 

- यह रक्त को पतला रखता है इसलिए हृदय के लिए लाभदायक है।



- स्त्रियों मे पीरियड्स के दौरान दर्द को ठीक करता है।

#अदरक के रस के गुण:-



- अदरक के रस में सूजन को कम करता है 

 - जोड़ों के दर्द और सूजन से परेशान हैं। उन्हें बहुत आराम मिलता है।

- अदरक के रस में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में ताजे रक्त के प्रवाह को बढ़ाते हैं, क्योंकि इनमें खून को साफ करने का खास गुण होता है।

- अदरक में कैंसर जैसी भयानक बीमारी से शरीर को बचाए रखने का गुण होता है। 

- अदरक में खून को पतला करने का गुण होता है और इसी वजह से यह ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी में लाभ मिलता है।

- अदरक दर्द नाशक है दांत में दर्द हो या सिर में अदरक का रस बहुत असरकारक है। 

- यह माइग्रेन से बचने में भी आपकी सहायता करता है।

- अगर आपको पाचन संबंधी कोई भी समस्या है कुपच है तो अदरक का रस लेने से कुपच ठीक हो जाता है और पेट दर्द से भी निजात दिलाता है। 

 - अदरक के रस में गठिया रोग को भी ठीक करने की क्षमता होती है। 

-थायराईड के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी हैं।

 - अदरक के स्वरस के नियमित इस्तेमाल से आप कोलेस्ट्रॉल को हमेशा कंट्रोल मे रख सकते हैं। 

- अदरक रस रक्त के थक्कों को जमने नहीं देता और खून के प्रवाह को बढ़ाता है और इस प्रकार हृदयाघात की आशंका कम होती है।

 - अदरक रस, सर्दी से बचाने में सबसे सही उपाय है।

#अदरक की चाय के फायदे और नुकसान?

ठंड के मौसम में अदरक की चाय पीने से ठंड से राहत मिल  जाती है. 

* अदरक वाली चाय ज्यादा मात्रा में पीने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है.

अदरक की चाय के ज्यादा सेवन से पेट की परेशानी बढ़ सकती है और गैस की समस्या भी हो सकती है.  

#अदरक का काढ़ा कैसे बनाया जाता है?

लौंग, तुलसी, अदरक और काली मिर्च का काढ़ा बनाने के लिए दो कप पानी, 7-8 तुलसी के पत्ते, 5 काली मिर्च, 5 लौंग और एक बड़ा चम्मच कद्दूकस किया अदरक लें. इसे मध्यम आंच पर रखकर 10 मिनट तक उबालें फिर छानकर हल्का गुनगुना ही पीएं. रोज सुबह-शाम पीने से सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है.

#गुड़ और अदरक के फायदे

अदरक साथ में खाने के 17-18 फायदे होते है.

- शरीर में सूजन कम करे.

- रक्तपित्त दोष में लाभकारी.

- गठिया दर्द म उपयोगी. 

- आलस्य को करे दूर.

- स्किन की समस्या मे उपयोगी.

- मोटापा मे लाभकारी.

- सर्दी-जुकाम और सूखी खांसी श्वास नाशक.


#अदरक का रस पीने से क्या फायदा होता है?

- अदरक के रस में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में ताजे रक्त के प्रवाह को बढ़ाते हैं, क्योंकि इनमें खून को साफ करने का खास गुण होता है।

- अदरक में कैंसर जैसी  बीमारी से शरीर को बचाए रखने का गुण होता है। यह कैंसर पैदा करने वाले जीवाणु को खत्म करता है।

#अदरक का तेल

पाचन तंत्र :-

 अदरक तेल पेट से विषाक्त तत्वों को और आंत से हानिकारक बैक्टीरिया को निकालने में मदद करता है, पाचन तंत्र को सुधारता है। साथ ही पेट और आंतों की बीमारियों को दूर करता है। 

यह अपच, कब्ज और दस्त या अतिसार में भी राहत देता है। त्वचा :- 

अदरक तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिनका त्वचा पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

 जो त्वचा मे कसाव चाहते है उन्हें अदरक के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए.

-अदरक का तेल कॉलेस्ट्रोल लेवल को कम करता है.

- दिल की बीमारी से लड़ने में मदद करता है. 

- ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है.

#अदरक का तेल घर पर कैसे बनाएं?

अदरक का तेल बनाने के लिए पहले अदरक को घीस लें, इसमें 1 चम्मच ऑलिव ऑयल या तिलतैल मिलाएं। दोनों को मिक्स करके गैस पर कम से कम 15 मिनट तक उबालें। -इसके बाद उस तैल को ठंडा करके कांच की शीशी में भर दें। -अदरक का तैल तैयार है।


#अधिक अदरक खाने के नुकसान क्या क्या है?

- गैस और सीने में जलन होना.

- गर्भावस्था में परेशान : गर्भावस्था के दौरान अदरक का सेवन करना जहां गर्भवती महिलाओँ को जी मिचलाने और उल्टी से निजात दिलाता है, मगर अदरक का अधिक सेवन करना गर्भपात के खतरे को बढ़ जाता है.

- ब्लीडिंग का कारण बन सकता है.

#1 दिन में कितनी अदरक खानी चाहिए?

मात्रा – सामान्य रूप से दिन में 100 एमजी से लेकर दो ग्राम तक अदरक का सेवन किया जा सकता है 

धन्यवाद!


गुरुवार, 21 जुलाई 2022

सोने की कीमत वाले|फल और सब्जियों के छिलके.in hindi.

 सोने की कीमत वाले|फल और सब्जियों के छिलके.in hindi.



Dr.VirenderMadhan.

फल और सब्जियों के छिलके बहुत किमती होते है.जिन्हें आप बेकार समझ कर कूडेदान मे फैके देते हो.यह सब हम अज्ञानता के कारण करते है.अगर हम थोड़ा उन चीजों के बारे मे जानकारी कर लें जिन चीजों को हम अपने घर से फेंकते रहते है.जैसे फल और सब्जियों के छिलके हम रोज डस्टबिन मे डालते रहते है.

इनके बारे मे जानकर हमे पैसों की बचत के साथ साथ पौष्टिकता भी मिलती है.

अधिकतर लोग फलों (Fruit) और सब्जियों (Vegetables) के छिलके (Peel) फेंक देते हैं लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि ये छिलके दरअसल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद (Benefits) होते है।इनके प्रयोग करने से धन की बचत भी होती है।

#फल और सब्जियों के छिलकों मे क्या क्या होता है?

फलों के छिलके विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट जैसे लाभकारी पोषक तत्वों से भरे होते हैं जो कुछ बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों को उनके छिलकों के साथ खाना एक अच्छा उपाय होगा।”

#छिलक को हटाए बिना खाने कौन कौन से 5 फल खाये जाते है?

छिलक को हटाए बिना खाये जाने वाले 5 फल.

1 आलूबुखारा.

2 नाशपाती.

3 कीवी.

4 सेब.

5 चीकू.

#वे कौन कौन से 6 फल हैं जिनको छिलकर खाया जाता है ?

छिलकर खाये जाने वाले 6 फल:-

1-संतरा

2-केला

3-आम

4-लीची

5-अनार

6-सीताफल

#फल और सब्जियों के छिलकों से रोगों का ईलाज कैसे होता है?

</>केला के छिलके|Banana peel

#केले का छिलका मुंह पर रगड़ने से क्या होता है?

- कैसे काम करता है केले का छिलका.

मुंहासों के दाग चेहरे से कम करता है. 

* यह आगे होने वाले मुंहासे को भी आने से रोकता है. 

- यह एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी की भरपूर होती है, जो त्वचा की इलास्टिसी को बढ़ाने में मदद करता है त्वचा को नर्म बनाता है  

- झुर्रियों को कम करता है.

#केले के छिलके चेहरे पर लगाने से क्या होता है?

-मुंहासों की समस्या के लिए केले के छिलकों का फेस पैक फायदेमंद होता है। 

- यह एंटी-एक्ने काम करता है,  - केले में जिंक एलिमेंट भी होता है, जिसे मुंहासे के इलाज के लिए जाना जाता है 


#केले के छिलके खाने से क्या होता है?



- पाचन के लिए अच्छा होता है

- केले का छिलका फाइबर से भरपूर होता है और अगर इसका रोज सेवन किया जाए तो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है. 

- ये कब्ज और दस्त की समस्याओं को दूर करता है. अगर आपको इरिटेबल बोल सिड्रोम की समस्या है तो केले के छिलके का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए.

#केले के छिलके को चेहरे पर कैसे लगाए?

कैसे करें इस्तेमाल –

केले के छिलके को छोटे टुकड़े काट लें. पहले चेहरे को साफ कर लें ताकि आपकी त्वचा पर कोई धूल या पसीना न हो. अब केले के छिलके का पीस लें और चेहरे पर मसाज करें. 

#तुरंत चमक के लिए केले के फेस पैक कैसे बनाये?

* एक पका केला लें और उसमें 2 से 3 चम्मच चावल का आटा और 1 चम्मच शहद मिला दें. अब इस पेस्ट को चेहरे और गले पर लगाएं और 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें. बाद में चेहरे को ठंडे पानी से धो दें. कुछ ही आपको चेहरे पर फर्क नजर आ जाता है।


#केले के छिलके की चाय कैसे बनायें?

banana peel tea

बनाने की विधि:-

- केले के छिलकों के टुकड़ों में काट कर उबलते पानी में डालते है. जब यह अच्छे से उबल जाए, तो इसे कप में इसे छान लें। फिर इसमें दालचीनी और शहद मिलाएं और पी लें।

- यह ​दिल की बीमारियों से बचाता है

#आम का छिलका

आम के छिलका में पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। यह आपके दिल की सेहत के लिए अच्छा है और हार्ट अटैक, कार्डिट अरेस्ट जैसी हृदय संबंधी समस्याओं से बचाता है। आम के छिलके में उच्च फाइबर सामग्री भी दिल की समस्याओं को दूर करती है।

आलू के छिलके

#आलू के छिलके में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

आलू के छिलके में भरपूर मात्रा में विटामिन बी3 पाया जाता है. विटामिन बी3 ताकत देने का काम करता है. 

- आलू के छिलके में ढेर सारा आयरन भी पाया जाता है, जो लाल रक्त कोशिका के कार्य में मदद करता है। इसमें आपको ढेर सारा विटामिन-बी 3 भी मिलेगा, 

- यह आपकी कोशिकाओं को शारीरिक तनाव से उबरने में भी सहायता करता है।

#घिया के छिलके



इन छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लें और इसे रोजाना ठंडे पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करें। 

- दस्त की समस्या में छूटकारा दिलाने में भी लौकी के छिलके बड़े लाभकारी होता हैं। 

-कब्‍ज और गैस- 

लौकी के छिलके में भरपूर मात्रा में फाइबर और आवश्‍य‍क तत्‍व पाए जाते हैं।

- लौकी ऐसी सब्जी है, जिसे कई बीमारियों में खाने की सलाह दी जाती है। लौकी के छिलके भी कम फायदेमंद नहीं हैं। 

- लौकी के छिलकों में विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5 और बी6, कैल्शियम, आयरन, जिंक, पोटेशियम, मैग्रीशियम और मैग्नीज जैसे तत्व पाए जाते हैं। 

- गैस

गैस की समस्या से परेशान हैं तो लौकी के छिलके खायें.  -लौकी के छिलकों में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो गैस, कब्ज की समस्या को ठीक करने में मदद करता है।

-पाइल्स

 पाइल्स के लिए लौकी के छिलके फायदेमंद हो सकते हैं।  लौकी के छिलकों को सुखाकर पाउडर बनाये और इसे रोजाना ठंडे पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करना है। यह पाइल्स की समस्या मे लाभकारी है। 

- जलन

गर्मियों के मौसम में हाथ पैर के तलवे  जलते हैं, ऐसे में लौकी के छिलके कारगर होता हैं। लौकी के जूस का सेवन करने से भी जलन में आराम मिलती है।

- बालों

लौकी में फोलेट, विटामिन सी, विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन और जिंक जैसे आवश्कोल तत्वट शामिल होते हैं, जो बालों की हेल्थ के लिए अच्छे माने जाते हैं। लौकी के छिलकों का इस्तेमाल कर बालों को हेल्दी रखा जा सकता है।

- वेट लॉस  के लिये लौकी के छिलके.

मोटापे से परेशान हैं, तो लौकी के छिलके का इस्तेमाल कर सकते हैं। लौकी में कैलोरी की मात्रा बहुत कम पाई जाती है। लौकी के छिलकों का जूस पीने से वजन को आसानी से कम किया जा सकता है।

नारियल की जटा

#नारियल की जटा के क्या क्या फायदे है?

(Coconut peel benefits)

- नारियल की जटा में फाइबर की अधिकता होती है, यह आपको पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में असरकारी माना जाता है। बवासीर से पीड़ित मरीजों के लिए नारियल की जटा काफी फायदेमंद हो सकती है। इसके इस्तेमाल से आप पुरानी से पुरानी बवासीर की समस्या को दूर कर सकते हैं।

नारियल की जटा को जलाकर भस्म बन लें .

यह भस्म पेट की समस्या, जलन,गैस,बवासीर, खांसी,सांस फुलना आदि रोगो मे लाभदायक है

संतरे के छिलके

#संतरे के छिलके लगाने से क्या होता है?

- त्वचा के लिए है फायदेमंद रहता है

-त्वचा को जवां बनाए रखता है - इससे त्वचा पर मौजूद ब्लैक हेड्स, दाग-धब्बे, मुंहासों, झाइयों की समस्या दूर हो सकती है. 

- त्वचा पर निखार आता है. प्रीमैच्योर एजिंग से बचे रहते हैं.

 #संतरे के छिलकों को चेहरे पर कैसे लगाएं?

एक बड़े चम्मच संतरे के छिलके के पाउडर में दही मिलाकर फेस पैक बनाएं. इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं. इसे 15 से 20 मिनट के लिए लगा रहने दें.बाद मे साफ करें.

#संतरे के छिलके का लेप कैसे बनाएं?

- एक बर्तन में संतरे के छिलके का पाउडर और हल्दी को मिला लें और इसमें गुलाब जल डालकर पेस्ट तैयार कर लें।

 इसे चेहरे और गर्दन पर लगाकर 10 से 15 मिनट के लिए सूखने दें।

 बाद मे चेहरे को धो लें।


अनार के छिलके

#अनार के छिलके के फायदे

अनार के छिलके

- हृदय के लिए फायदेमंद  होता है। 

- अनार के छिलके में मेथनॉल अर्क में एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं यह बेड कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है. 

- मुंह की बदबू को दूर करता है.

- पीरियड्स के दर्द से राहत दिलाता है.

- झुर्रियों को कम करता है.

धुप के दुष्प्रभाव को दूर करता है.

#अनार के छिलके चेहरे पर कैसे लगाएं?

- अनार के छिलकों को सूखा ले फिर चूर्ण बना लें. अब दो चम्मच पाउडर में दो चम्मच गुलाब जल मिला कर अच्छे से मिक्स कर लें. इसके बाद इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगा लें. 20 से 25 मिनट के बाद साफ पानी से अपना चेहरा धो लें.

खीरे का छिलका

खीरे का छिलका विटामिन A  पाया जाता है, 

- यह आई साइट को स्ट्रांग करने में मदद करता है और आंखों को स्वस्थ रखता है. खीरा के छिलके में विटामिन K  होता है, जो ब्लड क्लॉटिंग को रोकने में मदद करता है. साथ ही यह ब्लड वेसेल्स को हेल्दी बनाता है, 

धन्यवाद!





रविवार, 17 जुलाई 2022

झुर्रियां समय से पहले क्यों आ जाती हैं ? In hindi.

 #झुर्रियों की आयुर्वेदिक दवा

Ayurvedic medicine for  wrinkles



Dr.virenderMadhan.

- झुर्रियां समय से पहले क्यों आ जाती हैं ? In hindi.

 Why do wrinkles appear on the face before time?

- जो जो हमारी उम्र बढ़ती है वैसे - वैसे चेहरे पर झुर्रियां भी आनी शुरू हो जाती हैं,त्वचा में इलास्टीसिटी और मॉस्चराइजर कम होने लगता है जिसके कारण से हमारी त्वचा ढीली पड़ती जाती है और शरीर पर झुर्रियां दिखाई देनी शुरू हो जाती है.

#झुर्रियां|Wrinkles.

* झुर्रियां को राइटिड्स भी कहा जाता है, उम्र बढ़ने का एक स्वाभाविक हिस्सा हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, 

- त्वचा में दरारें, सिलवटें और रेखाएं दिखने लगती हैं। ऐसा  त्वचा के पतली होने के कारण होता है और समय के साथ अपनी कोमलता व लचीलापन समाप्त हो जाती है।

#झुर्रियों के कारण:-

बडी उम्र में तो लोग झुर्रियों का शिकार होते हैं. झुर्रियां कम उम्र में होना अधिक तनावग्रस्त रहने, शरीर में विटामिन डी 3 की कमी से भी होता है।

- अत्याधिक कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल,

- धूम्रपान,

- प्रदूषण और 

- सूरज की अल्ट्रावायरस किरणों से होता है.

- चेहरे पर ज्यादा और गलत कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करने से झुर्रियां हो जाती है.

 - आपकी स्किन ड्राई रहती है या रुखा बनाने वाली क्रीम का प्रयोग करते हैं तो इससे झुर्रियां हो सकती हैं.

 - नींद पूरी ना लेना, तनाव में रहना और शरीर में पोषण की कमी होना भी शामिल है। 

- शरीर में वात कुपित होकर भी   चेहरे पर झुर्रियां हो जाती है।

#झुर्रियों के घरेलू उपाय क्या करें?

-नारियल तेल: 

नारियल का तेल त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, 

- नारियल तेल में थोड़ा-सा संतरे का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से भी चेहरे की बारीक रेखाएं हल्की हो जाती हैं.

-नींबू:-

 विटामिन-सी त्वचा के लिये लाभकारी होती है। साथ ही यह झुर्रियों को भी कम करता है।इसके लिए-

- नींबू का रस माथे, चेहरे पर आंखों के आसपास उभर आई झुर्रियों पर नींबू का रस लगाएं. 15-20 मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इससे झुर्रियां कम होती हैं.

- केला:-

केले को शहद के साथ मिलाएं. इसे पूरे चेहरे पर लगाएं. इससे झुर्रियां, रेखाएं आदि कम होती हैं.

-एक चम्मच बेसन, दो चुटकी हल्दी और 5 बूंद जैतून के तेल की मिलाकर लेप तैयार करें। इसे चेहरे से लेकर गर्दन तक पर लगाएं और करीब 25 मिनट तक रहने दें। इसके बाद साफ पानी से चेहरा धो लें। 

- आंखों के नीचे झुर्रियों का कारण कई बार शरीर में पानी की कमी भी होती है. ऐसे में खूब पानी पिएं और खीरे और ककड़ी का सेवन करें. इसके अतिरिक्त आप खीरे या ककड़ी के रस को निकालकर अपनी आंखों के नीचे भी लगाएं.

अंगूर:-

अंगूर को काटकर उसका रस झुर्रियों वाली जगह पर लगाएं. 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा साफ कर लें. 

- सेब:-

कच्चे सेब को पीसकर चेहरे पर लगाएं. सेब त्वचा को साफ़ करता है और रेखाओं को भी हल्का कर देता है.

- पपीता

पपीता विटामिन ए से भरपूर होता है।पपीते को पीसकर चेहरे पर लगाने से त्वचा में कसाव आता है और झुर्रियां कम होती हैं.

- खीरा:-

खीरे को कद्दूकस करके थोड़ा सा दही मिलाएं. लेप करें, सूख जाने पर पानी से धो लें.

- दही:-

एक चम्मच दही में एक चम्मच उड़द दाल का पाउडर डालकर  पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाएं. सूखने पर पानी से धो दे।

#आयुर्वेदिक इलाज

इसके लिये आप अपने चिकित्सक से सलाह ले कर 

- त्रिफला चूर्ण

- चोपचीन्यादि चूर्ण

- खदिरारिष्ट 

- गिलोय रस

- रक्तशोधी (गुरु)आदि का प्रयोग कर सकते है।

#झुर्रियां है तो क्या खायें?

झुर्रियां मिटाने के लिए 

- एंटी एजिंग फूड्स खाएं.

- विटामिन सी युक्त फूड्स.

- ब्रेकफास्ट में स्प्राउट्स खाएं.

- फ्लैक्स सीड्स के फायदे.

फलों में-

पपीता

- पपीता मे कई विटामिंस और मिनरल्स जैसे- विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, पैंटोथेनिक एसिड, कॉपर, फोलेट, पोटेशियम होते है. 

-एवोकाडो

 एवोकाडो हेल्दी वसा से भरपूर फल है. 

- संतरा,अनार,आम आदि खाना उपयोगी है।

- चिया के बीज,दालचीनी,अदरक,दलिया,शकरकंदी,टमाटर,अखरोट इत्यादि का प्रयोग करें।

#झुर्रियां  है, तो क्या न खाएं - What not to eat to avoid wrinkles in Hindi

- तले हुए नमकीन खाद्य पदार्थ

- बहुत अधिक नमक का सेवन करने से त्वचा में झुर्रियां पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. 

- व्हाइट ब्रेड न खायें।

- चीनी के सेवन से पिंपल्स जैसी त्वचा की समस्याएं बढ़ जाती हैं.  

- प्रोसेस्ड मीट्स त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं. 

- शराब - पोषक तत्वों,और विटामिन ए के स्तर को कम कर देती है, इन सभी का झुर्रियों पर सीधा प्रभाव पड़ता है.

अधिक जानकारी के लिये अपने चिकित्सक से सलाह लें

धन्यवाद!








गुरुवार, 14 जुलाई 2022

मकई का उपयोग कैसे करें? हिंदी में.

 



#how to use corn in hindi.

#मकई का उपयोग कैसे करें? हिंदी में.

</>मक्का के भुट्टे|corn kernels

भुट्टा (कॉर्न) क्या होता है – 

What is Corn in Hindi

मकई या भुट्टा का वैज्ञानिक नाम 'जी-मेज' है। 

मक्का की गिनती मोटे अनाजों में की जाती है। मकई यानी मक्का को भुट्टा लगभग पूरे भारत में खाया जाता है।

- बरसात मे भुट्टे बाज़ार में आ जाते है| नर्म भुट्टों को भूनकर घी या निम्बू-नमक लगाकर खाते है| इससे दांत और जबड़े मज़बूत होते है|

-भुट्टा यानी साबुत मक्का मे पोषक तत्वों बहुत होते है. 100 ग्राम उबले कॉर्न में 96 कैलोरी, 73% पानी, 3.4 प्रोटीन, 21 ग्राम कार्ब, 4.5 ग्राम शुगर, 2.4 फाइबर और 1.6 फैट होता है. इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) भी बहुत कम होता है. 112 ग्राम पॉपकॉर्न में 16 ग्राम फाइबर होता है.

#मकई का भुट्टा खाने से क्या होता है?

- भुट्टो में फोलिक एसिड होता है जो कि कैंसर जैसी बीमारी में लड़ने में बहुत मददगार होता है। 

- भुट्टे में मिनरल्स और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। 

-भुट्टे को एक बेहतरीन कोलेस्ट्रॉल फाइटर माना जाता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत अच्छा है। 

- बच्चों के लिए भुट्टा बहुत लाभप्रद माना जाता है।


>मक्का की तासीर क्या होती है?

मक्का की तासीर गर्म होती है, 

- इसे खाने के तुरंत बाद पानी नही पीना चाहिये.

#आयुर्वेद के अनुसार भुट्टे के गुण क्या है?

What are the properties of corn according to Ayurveda?

आयुर्वेद के अनुसार भुट्टा तृप्तिदायक, वातकारक, कफ, पित्तनाशक, मधुर और रुचिकर अनाज है| पकाने के बाद इसकी पौष्टिकता बढ जाती है।

#भुट्टा खाने के क्या फायदे हैं?

* स्वीट कॉर्न में विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट होते है . 

- भुट्टे का सेवन करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है।

* पाचन शक्ति 

स्वीट कॉर्न के सेवन से पाचन शक्ति मे बृद्धि होती है।

-  भुट्टा वजन घटाने में भी मदद करता है। 

-  स्वीट कॉर्न खाने से एनीमिया,पिलिया का खतरा कम हो जाता है। 

- रेशे से भरपूर होने के कारण  डायजेशन के लिए अच्छा रहता है। इससे कब्ज, बवासीर और पेट के कैंसर के होने की संभावना नही होती है।

#रोगों के अनुसार मक्का का उपयोग कैसे करें?

How to use maize according to diseases?

-  भुट्टे के दानो को खाकर बचे हिस्से (गुल्ली)को फेकें नही 

जुकाम:-

-मक्का के दाने निकालने के बाद बचा हिस्सा (गुल्ली)को तोडकर सुंघाने जुकाम ठीक होता है।

- कुछ टुकडो को जलाकर राख बना कर रख लें आवश्यकतानुसार

- श्वांस रोगों

 मे प्रयोग करें। इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिला लीजिए। हर रोज कम से कम चार बार एक चौथाई चम्मच हल्का गरम पानी के साथ लें।

-इससे खांसी समाप्त हो जाती है। इससे विशेषकर कुक्कुर खाँसी मे बडा आराम मिलता है।

पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी:-

- मक्का के भुट्टे को पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी समाप्त हो जाती है।

मक्का का स्टार्च:-

- त्वचा की खुश्की, स्किन रैशज और खुजली के लिये भी भुट्टे का स्टािर्च प्रयोग किया जाता है जिससे स्किन बहुत कोमल बन जाती है।

मक्का का तैल-

- बच्चों के विकास के लिए भुट्टा बहुत फायदेमंद माना जाता है। ताजे दूधिया (जो कि पूरी तरह से पका न हो) मक्का के दाने पीसकर एक खाली शीशी में भरकर उसे धूप में रखिए। जब उसका दूध सूख कर उड़ जाए और शीशी में केवल तेल रह जाए। 

-इस तेल को बच्चों के पैरों में मालिश कीजिए। इससे बच्चों का पैर ज्यादा मजबूत होगा और बच्चा जल्दी चलने लगेगा।

- इस तेल को पीने से शरीर शक्तिशाली होता है। हर रोज एक चम्मच तेल को चीनी के बने शर्बत में मिलाकर पीने से बल बढ़ता है।

>मक्का के बाल

मक्के के बाल (सिल्क) का उपयोग पथरी रोगों के लिए करते है। पथरी से बचाव के लिये रात भर सिल्क को पानी मे भिगोकर सुबह इसका पानी पीने से लाभ होता है।

- पथरी के  पानी में उबालकर बनाये गये काढ़े का प्रयोग होता है।

#मक्का का आहार प्रयोग?

-मक्का के आटे की रोटी बना कर खाते है।

-इसके आटे मे बेसन मिला कर पकौड़ी बनती है।

-मक्का के आटे के घोल को -सब्जियों की तरी को गाढा बनाने लिये सब्जियों में डालकर पकाते है।

-ताज़े भुट्टों को कद्दूकस कर सूप में मिलाएं तो अलग ही स्वाद आता है|

#शुगर में भुट्टा खा सकते है?

शुगर के रोगी को भुट्टे खाने से कोई हानि नही होती है.

अधिक जानकारी के लिए अपने आयुर्वेदिक चिकित्सिक से मिले.

धन्यवाद!


मंगलवार, 12 जुलाई 2022

बरसात के दिनों में रोगो से बचने के 5 उपाय.in hindi 5 ways to avoid diseases during rainy

 #बरसात के दिनों में रोगो से बचने के 5 उपाय.in hindi

5 ways to avoid diseases during rainy days.

वर्षा ऋतुचर्या|Rainy season.



Dr.VirenderMadhan.

#वर्षा क्या है?

पानी वाष्पित होकर पृथ्वी के सतह से ऊपर उठता हैऔर ठण्डा होकर पानी की बूंदों के रूप में पुनः धरती पर गिरता है। इसे वर्षा कहते हैं।



#बारिश क्यों होती है ( Barish Kyu Hoti Hai)

- हवा अपने अंदर इकट्ठे पानी को ऊंचाई पर ले जाती है तो ठंडे जलवायु मे मिल जाती है और अपने अंदर का जमा हुआ पानी के भारी हो जाने पर उसे नीचे गिराने लगती है। जिसे बारिश या वर्षा कहते हैं।

#बरसात का शरीर पर बुरा प्रभाव क्या होता है?

- पतले दस्त, उल्टी होना, जी मचलाना, पेट फूलना, भोजन पश्चात दस्त, बुखार, पेट में रुक-रुक कर दर्द, कब्ज या बारी-बारी से दस्त, थकान, वजन का एकदम कम होना, भूख न लगना, अपच वायु-विकार इसके प्रमुख हैं। 

#बरसात में कौन कौन सी बीमारियां होती है?

- बरसात में होने वाली 5 बीमारियां ?

 मलेरिया - 

मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। ... 

 डेंगू - 

डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, 

दस्त, हैजा ,अतिसार ,वायर फीवर,टायफाइड,

वातरोग, सन्धिवात, आमवात, लकुवा,अधरंग,

श्वास रोग,दुर्बलता, आदि रोग वर्षा ऋतु मे तीव्र हो जाते है।

#बारिश के दिनों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?

बरसात के मौसम में क्या खायें क्या न खायें?

वर्षा ऋतु में आदमी की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है इसीलिए हमें हल्का-फुल्का और सुपाच्य भोजन करना है।  तोरई ,लौकी ,भिंडी ,बैंगन ,मूली खा सकते हैं अदरक ,पुदीना इस्तेमाल करना चाहिए।

- ऐसी चीजों का सेवन करें जो वात को शांत करते हों। इसलिए पुराना अनाज जैसे गेहूँ, जौ, शालि और साठी चावल, मक्का (भुट्टा), सरसों, राई, खीरा, खिचड़ी, दही, मट्ठा, मूँग खाएं।

*हरी पत्तेदार (शाक)सब्जियां न खाएं

* बारिश के मौसम में पालक, मेथी, बथुआ, बैंगन, सरसों, गोभी, पत्ता गोभी जैसी पत्तेदार सब्जियां खाने से परहेज करना चाहिए. 

*इस मौसम में इनमें कीड़े मकौड़े और बैक्टीरिया पनपते हैं. इसलिए ताजा भोजन खायें

*ताजा फल खायें कटे रखे फल न खायें।

* ऑयली फूड और मसालेदार खाने से बचें।

बारिश के मौसम में पकोड़े और समोले खाने में मज़ा आता है, लेकिन ज़्यादा मसालेदार या ऑयली खाना खाने से पेट में ब्लोटिंग हो सकती है। 

 * बारिश के मौसम में पेट से जुड़ी बीमारियां आसानी से हो जाती हैं, क्योंकि उमस हमारे जठराग्नि को धीमा करती हैं।

* वर्षा ऋतु में कच्ची सब्ज़ियां खाना नही खानी चाहिए।

- कुछ सब्जि़यों में गंदगी के कारण बहुत अधिक मात्रा में रोगाणु होते हैं, जिससे जठर संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।   * इस मौसम में पका हुआ ताज़ा खाना ही खाएं। 

* सी-फूड खाने से भी बचें।

* हरी पत्तेदार सब्ज़ियां न खाएं

* वातकारक कोई भी भोज्य पदार्थ नही खाना चाहिए।

* नारियल पानी का सेवन करें। * काली चाय बनाकर पिएं।

* गुरु आयुर्वेदिक मसाला चाय पिएं।

* पानी की पुर्ति के लिए गर्म पानी और तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना चाहिए। साथ ही आप मसाला चाय का आनंद भी ले सकते हैं। मसाला चाय में दालचीनी, तुलसी, अदरक, इलाइची जैसी चीज़ों का इस्तेमाल ज़रूर करें, ताकि संक्रमण से बचे रहें।

* साफ पानी ही पिएं।

* मसालों का इस्तेमाल करें । मसाले एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। 

* हल्दी, काली मिर्च और लौंग तेजपत्ता, दालचीनी जैसे मसाले भोजन मे प्रयोग करने से संक्रमणों से बचे रहेंगे।ज़ुकाम और खांसी का जोखिम भी कम होगा।

#वर्षा ऋतु में जीवनशैली ?

-शरीर की मालिश करें। 

- साफ सुथरे और हल्के कपड़े पहनें। 

- बारिश में भीग जाने पर तुरंत अपने कपड़ों को बदल लें। 

 - जहाँ अधिक हवा और नमी न हो ऐसे स्थान पर सोना चाहिए। 

-  भूख लगने पर ही भोजन करेंऔर ठीक समय पर ही करना चाहिए। 

- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। 

-घर के आसपास खड्डों मे धास मे उनमें कीटनाशक छिड़क देना चाहिए। 

[रोगी होने पर अपने आयुर्वेदिक चिकित्सिक से सलाह जरूर करें.]

धन्यवाद!