सौफ खाने से पहले जाने|क्या होगा सौफ खाने के बाद?In hindi.
सौंफ क्या है?
Dr.VirenderMadhan.
#सौफ को किस किस नाम से जानते है लोग?
-शतपुष्पा,मधुरा,कारवी,मिसि,शतछत्रा,शालीन आदि सौफ के नाम है।
#सौफ के आयुर्वेदिक गुण क्या है ?
इसके गुण सोया के समान है।सौफ हल्की, तीक्ष्ण, पित्तकारक, दीपन,चरपरी, गर्म
ज्वर,व्रण,शूल,तथा नेत्रों के हितकारी है।
यह मधुर,स्निग्ध होने से वात तथा शीत होने से पित शामक है।
यह मेध्य, तथा दृष्टि बृर्द्धक है।यह तृष्णाहर है।वमन को ठीक करनेवाली है।यह दीपन,और पाचन है यानि भुख बढाती है तथा भोजन को पचाती है।
#सौफ दिल के मरीजों के लिये कैसी है?
यह हृद्य तथा रक्तप्रसादन है।अर्थात हृदय के लिये लाभकारी तथा रक्त को साफ करने वाला है।
-कफनिसारक है कफ को बाहर निकलने वाला है।
यह मूत्रल है यानि पेसाब को साफ करने वाला है मूत्रकृच्छ को ठीक करने मे सहायक है।
यह स्त्रियों में दूध बढाने वाला है।
यह पसीना लाने वाला होता है।इसलिए ज्वर मे तथा दाह मे लाभदायक है।
यह मस्तिष्क दौर्बल्यता को नष्ट करता है।
#खाना खाने के बाद सौफ खाने से क्या होता है?
खाना खाने के बाद सौफ खाने से-
सौफ दृष्टि को बढाता है।
सौफ खाने से आग्निमांध,उदरशूल,आध्यमान(अफारा)को दूर करनेवाला होता है।
प्रवाहिका मे सौफ खाने से आमदोष बाहर निकल जाता है।अनुलोमन होने के कारण पेट की मरोड़ ठीक करता है।
यह अर्श (बवासीर) मे भी काम करती है।
यह शुक्र बृद्धि करती है।
यह रक्तविकारों मे,कास,श्वास मे भी लिया जाता है।
सौफ को चर्मरोगों मे,कमजोरी मे,क्षयरोग मे उपयोगी पाया है।
#सौफ के प्रयोज्य अंग:-
सौंफ के फल,तैल,मूल प्रयोग में आते है।
#सौफ की मात्रा:-
फल चूर्ण-3-6 ग्राम, तैल 5-10 बूंदें, ली जाती है।
#विशिष्ट योग:-
शतपुष्पादि चूर्ण, शतपुष्पार्क।
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