Guru Ayurveda

गुरुवार, 4 नवंबर 2021

भुलने का रोग [ मेमोरी लोस ] है तो क्या करें ?

 #भुलने का रोग[अल्जाइमर रोग]



#DrVirender Madhan.

(Alzheimer's Disease) 'भूलने का रोग' है। इसका नाम अलोइस अल्जाइमर पर रखा गया है,


#याददाश्त[मेमोरी]क्या है ?

घटनाओं को संचित करना व जरूरत पड़ने पर वापस याद करके उपर्युक्त घटनाओं का वर्णन करना याददाश्त कहलाता है। 

#मेमोरी कम क्यों हो जाती है?

यह वृद्धावस्था में होने वाला रोग है।

जब तनाव की समस्या जो धीरे-धीरे अवसाद का रूप ले लेती है। उदासीनता महसूस होना, अकेलेपन का अहसास या समाज से दूरी बना लेना, रोजमर्रा के बर्ताव में बदलाव, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना या शक की भावना का बढऩा प्रमुख है। इसके अलावा बढ़ती उम्र भी कारण है जिसके साथ व्यक्तिमें आक्रोश बढ़ जाता है।

लेकिन युवावस्था में याददाश्त की कमी के कई अन्य कारण सामने आते हैं-

1  कई बार दुर्घटना में सिर में चोट आने से व्यक्ति को मिर्गी की समस्या हो जाती है। और   याददाश्त पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

2- चिकित्सा: कई दवाएँ जैसे अवसादरोधी दवाएँ (एंटीडिप्रेससेंट), एंटीहिसटामाइंस, स्ट्रेस निवारक दवाएँ, मांसपेशियों को ढीला करने वाली दवाएँ, ट्रांक्विलाइज़ेर्स, नींद की गोलियाँ, और सर्जरी के बाद दी जाने वाली दर्द की दवाएँ याददाश्त कमज़ोर कर सकती है। 

3- शिक्षा का बढ़ता बोझ 

-जिसके कारण न्यूरोन्स को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है। कई बार ऐसी परीक्षाओं में विफलता के कारण और मस्तिष्क की निष्क्रियता के चलते याददाश्त की कमीहो जाती है।

4- नशे की लत -शराब या सिगरेट से धीरे-धीरे मस्तिष्क में डोपामाइन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का स्त्राव कम होने लगता है। इसकी कमी से याददाश्त कमजोर होने लगती है।

5-मोबाइल का प्रयोग -

कम्प्यूटर व मोबाइल का अधिक प्रयोग भी इसकी एक वजह है 

6-खानपान के कारण -

आधुनिक युवावर्ग फास्ट-जंक फूड व अधिक वसायुक्तखाना पसंद करता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन की कमी पाई जाती है। 

#अल्जाइमर के जोखिम को कम करने के लिए क्या करें?

1. उचित वजन बनाए रखें. 

2. सोच समझ कर खाएं. विटामिन युक्त सब्जियों और फलों पर जोर दें. 

3. साबुत अनाज, मछली, लीन पोल्ट्री, टोफू और सेम व अन्य फलियां जैसे प्रोटीन स्रोतों से मिली स्वस्थ वसा पर ध्यान दें.

4. मिठाई, सोडा, सफेद ब्रेड या सफेद चावल, अस्वास्थ्यकर वसा, तले और फास्ट फूड, नासमझीपूर्ण स्नैकिंग जैसी अनावश्यक कैलोरी कम करें. 5-नियमित रूप से व्यायाम करें.तेज चलने के लिए हर सप्ताह ढाई से 5 घंटे का लक्ष्य रखें, जॉगिंग जैसे व्यायाम करने की कोशिश करें.


#मेमोरी लॉस के अलावा अल्जाइनर के और लक्षण क्या है?

1. आंखें कमज़ोर होना.

2. मूड में बहुत जल्द बदलाव आना.

3. रोज़ाना की अपनी मनोरंजक चीज़ों में मन ना लगना.

4. सोशल कामों में भी मन ना लगना,  बाहर हो रही चीज़ों से कटना.

5. चीज़ों को जज ना कर पाना. 

#आप भुलते है तो क्या करें?

#आयुर्वेदिक चिकित्सा :-

*तिल का तेल का नस्य:-

-आयुर्वेद में तिल के तेल का प्रयोग याददाश्त बढ़ाने में उपयोगी है। तिल के तेल को गुनगुना गर्म कर उसकी 3-3 बूंदें अपने नाक के दोनों नथुनों में डाल सकते हैं। 

- सिर व पैरों के तलवों की मालिश के अलावा तेल को भोजन में भी प्रयोग कर सकते हैं।

*अश्वगंधा

अश्वगंधा ऐसी जड़ीबूटी है जो रोग को बढऩे से रोकती है। इसका काम दिमाग को मजबूत करना है।मानसिक कार्यक्षमता बढ़ाते हैं।

* हल्दी व बादाम

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्त्व अच्छा एंटीऑक्सीडेंट्स है। रोजाना भोजन में इसके प्रयोग से या फिर दूध में चुटकीभर इसे लेने से दिमाग को ताकत मिलती है। 

* गाजर खाएं

इसमें मौजूद विटामिन-ए से याददाश्त पर हुआ नकारात्मक प्रभाव कम होता है। इसे सब्जी के रूप में, जूस या हलवे (गाजर पाक) के रूप में खा सकते हैं। 

* शंखपुष्पी

ब्रेन टॉनिक है शंखपुष्पी। इसके खास तत्त्व दिमागी कोशिकाओं को सक्रिय कर भूलने की समस्या दूर करते हैं। 3-6 ग्रा. चूर्ण रोज दूध के साथ पीएं।


#[ब्रैनिका सीरप (गुरु फार्मास्युटिकल)के 2-2 चम्मच दिन मे 2 बार ले।

*सारस्वतारिष्ट प्रतिदिन प्रयोग करें।

धन्यवाद!

#डा०वीरेंद_मढान.








कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें