#हिचकी[हिक्का] <Hiccup> [Hiccough]
{हिचकी तब नही आती जब हमें कोई याद करता है।
हिचकी तब आती है जब शरीर में कोई विकृति होती है।}
#हिचकी क्यों आती है?
सुश्रुत संहिता के अनुसार:-
आमदोष छाती आदि मे चोट लगना,क्षयरोग की पीडा मे, बिषम भोजन करने में, भोजन पर भोजन करने से,यानि भोजन के पचने से पहले ही दुसरी बार भोजन कर लेने से हिक्का रोग हो जाता है।दाहक भोजन करने से,भारी,अफारा करनेवाला, अभिष्यंदी पदार्थ खाने से, शीतल जल व शीतल भोजन करने से, गरमी से, गर्म हवा में घूमने से,अधिक बोझा उठाने से, उपवास, व्रत करने से, मल-मूत्र आदि वेगो को रोकने से मनुष्य को हिक्का, श्वास, कास आदि रोग हो जाते है।
* हिचकी क्यों आती है- हिचकी आने की कई वजहें हो सकती हैं, इसमें कुछ शारीरिक होती हैं तो कुछ मानसिक. ऐसा इसलिए होता है कि तंत्रिका में आई दिक्कत दिमाग और डायाफ्राम से जुड़ी है. बहुत ज्यादा और जल्दी खाने की वजह से भी हिचकी आती है. ज्यादा नर्वस या उत्साहित होने, कार्बोनेटेड ड्रिंक या बहुत अधिक शराब पीने से भी हिचकी आती है.
* हिचकी आने का सबसे बड़ा कारण पेट और फेफड़े के बीच स्थित डायफ्राम और पसलियों की मांसपेशी में संकुचन है। डायफ्राम के सिकुड़न से फेफड़ा तेजी से हवा खींचने लगता है, जिसकी वजह से किसी को भी हिचकी आ सकती है। इसके अलावा खाना खाने या गैस के चलते पेट बहुत ज्यादा भरा हुआ महसूस होता है तब भी हिचकी आ सकती है।
हिक्का के भेद :-
१-अन्नजा-
स्वस्थ व्यक्ति के अनापशनाप खाने से होता है।अन्नजा हिक्का मे चिकित्सा की आवश्यकता नहीं होती है कुछ देर बाद स्वम् शांत हो जाता है।
२-यमला:-
जिस रूक रुक कर २-२हिचकी आती है यह सिर और गर्दन को कपकपा देती है।यमला का अर्थ है दो-दो।यह कष्टसाध्य होती है।इसके साथ प्रदाह,दाह,प्यास,मुर्छा आती है जो रोगी के लिये घातक होती है।
३-क्षुद्र
४-गम्भीर
५-महती
#आयुर्वेदिक चिकित्सा:-
आयुर्वेदिक पेटेंट औषघियों
शास्त्रीय योग
<<घरेलू नुस्खे>>
#अनुभुत प्रयोग -
#हिचकी है तो क्या करें क्या न करें ?
पथ्य:-
अपथ्य:-
अपान वायु, मल,मूत्र, डकार, खांंसी , आदि अधारणीय वेगोंं को रोकना नही चाहिए।धुल ,धुप,अधिक श्रम , विरुद्ध आहार, कब्ज करने वाले पदार्थ, कफ बर्द्धक ,आलू आदि कन्द फ्राईड चीजों को त्याग देना चाहिए।
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