हाइड्रोसील|अण्डकोष बृद्धि क्या है? हिन्दी में.
हाइड्रोसील|अण्डकोष बृद्धि:-
By:-Dr.VirenderMadhan.
वृषण का बढ जाना हाइड्रोसील कहलाता है।
हाइड्रोसील के लक्षण (Symptoms of Hydrocele in Hindi)
हाइड्रोसील के लक्षण
- अंडकोष में बिना दर्द के सूजन, टेस्टिकल मे भारीपन महसूस होना।
- अंडकोष का आकार बढ़ना
- हाइड्रोसील में तेज दर्द होना
- हाइड्रोसील में सूजन होना
- शरीर का अस्वस्थ होना
- चलने फिरने में दर्द और असहजता होना
- उल्टी, कब्ज, दस्त और बुखार आना
- ज्ञानेन्द्रियों की नसें ढीली और कमजोर होना
#हाइड्रोसील बढ़ने का मुख्य कारण क्या है?
- टेस्टिकल में चोट लगने की वजह से भी हाइड्रोसील हो सकता है। चोट लगने से टेस्टिकल कमजोर हो जाता है जिसके कारण उसके काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है।
- प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित पुरुष को हाइड्रोसील होने की संभावना ज्यादा होती है।
#दिव्य औषधि उपाय
छोटी कटेरी(भम्भाड) की ताजा जड 20 ग्राम,
कालीमिर्च के 7 दाने दोनों को पीसकर पेस्ट बनाकर 100ग्राम पानी में घोलकर कर पी लें।
बायविडंग, कुन्दरू, पुरानी ईंट तीनों 5-5 ग्राम लेकर 35ग्राम. धी के साथ खायें।यदि पहले दिन वमन हो तो अण्डकोष अपनी पहली दशा में आ जाते है।
- कटकरज्जा के तीन दानों को भुनकर 7 दिन खाने से अण्डकोष बृद्धि दूर हो जाता है साथ ही इन दानों के चूर्ण को एरण्ड के पत्तों पर बुरक कर अण्डकोष पर बांधना चाहिए।
- हिंग,सैन्धव नमक,जीरा तीनों को समभाग पीसकर ,चौगुने सरसौ के तैल मे पका कर लेप करने से अण्डकोषबृद्धि दूर होती है इसके अतिरिक्त सभी प्रकार के दर्द मोच,चोट आदि ठीक हो जाते है।
- शुद्ध गुग्गुल 6ग्राम, अरण्डी का तैल 12 ग्राम, गोमूत्र 120 ग्राम---तीनों को मिलाकर 1 माह तक पीने से अण्डकोष बृद्धि ठीक हो जाती है।
-एरण्ड की जड का चूर्ण 4 ग्राम
एरण्ड का तैल 10 ग्राम,
120 ग्राम दूध मे घोटकर पीने से यह रोग 25- 20 दिनों में यह रोग ठीक हो जाता है।
-वचव सरसों को पीनी मे लेप बनाकर सुहाता सुहाता लेप करें।
-इन्द्रायण की जड को पानी में पीसकर सुहाता सुहाता लेप करें य लेप अण्डकोष की सुजन व दर्द को कम करता है।
#3 घरेलू उपाय
- 10 ग्राम जीरा और 10 ग्राम अजवायन पानी में पीसकर थोड़ा गर्म कर अण्डकोष पर लेप करने से अण्डकोष मे आराम मिल जाता है।
- आयुर्वेद में अंडकोष में दर्द होने पर बर्फ से सिंकाई से लाभ हो जाता है. अगर अंडकोष में चोट या अन्य किसी वजह से तेज दर्द हो रहा है तो बर्फ के टुकड़े से सिंकाई करनी चाहिए. यह तुरंत राहत मिल जाती है
-100 ग्राम बकायन के पत्ते को 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, फिर उसमें कपड़ा भिगोकर अण्डकोषों को सेंकने और सुहाता गर्म पत्ते को बांधने से अण्डकोषों की सूजन में राहत मिलती है।
#शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधियां
- बृद्धि बाधिका वटी
- चन्द्रप्रभा वटी
- वरुणादि क्वाथ
- दशमुल क्वाथ
- पुनर्नवादि क्वाथ आदि
सूचना:-
किसी भी औषधि का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरुर करें।
धन्यवाद!
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