Guru Ayurveda

शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

Shatavari|शतावरी|Asparagus racemosus,परिचय, गुण,उपयोग हिंदी में.

 Shatavari|शतावरी|Asparagus racemosus,परिचय, गुण,उपयोग हिंदी में.




शतावरी|Asparagus racemosus,

By:- DrVirenderMadhan.

#शतावरी क्या है?

शतावरी बेल या झाड़ (shatavari plant) के रूप वाली शतावरी एक जड़ी-बूटी है। 

-- इसकी जड़ें लगभग 30-100 सेमी लम्बी, एवं 1-2 सेमी मोटी होती हैं।

- जड़ों के दोनों सिरें नुकीली होती हैं।

- एक-एक बेल के नीचे कम से कम 100, इससे अधिक जड़ें होती हैं। 

- इन जड़ों के ऊपर से छिलके को निकाल देने से अन्दर दूध के समान सफेद जड़ें निकलती हैं। जड़ों के बीच में कड़ा धागे के समान रेशा होता है।

- शतावरी एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है जो शरीर को भावनात्मक और शारीरिक तनाव से निपटने में मदद करती है। 

#शतावरी के नाम :-

- शतावरी अनगिनत नामों से जाना जाता है।

 जैसे शतावरी रेसमोसस, बहुसुता,भीरू, सतावरी, सतावर,इन्दीबरी,बरी,नारायणी, शतपदी,शतमूली आदि। 

- शतावरी का उपयोग मुख्य रूप से यौन समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। 

#शतावरी के आयुर्वेदिक गुण:-

- शतावरी भारी,शीतल, कडवी मधुर, रसायन,बुद्धि के लिए उत्तम होता है।अग्नि बर्द्धक, नेत्रों के लिए हितकारी होती है।वीर्यवर्धक,दूधबढाने वाली होती है।बलदायक,गुल्म,अतिसार वात,पित्त, रक्तविकार, तथा शोथ नाशक होती है।हृदय को ताकत देने वाली होती है।



#शतावरी कब लेना चाहिए?

 शतावरी का सेवन रात को सोने से डेढ़ घंटे पहले कर सकते हैं। 

- शतावरी के चूर्ण को  गर्म दूध में हल्दी मिलाकर भी पी सकते हैं। 

- दूध में पके घी को मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।

#शतावरी कितने दिन तक खाना चाहिए?

#अश्वगंधा और शतावरी कितने दिन तक खाना चाहिए? 

- रोजाना रात में सोते समय अथवा सुबह में नाश्ते के वक्त दूध में शतावरी और अश्वगंधा चूर्ण को मिलाकर सेवन करें। इसके सेवन से 6 हफ्ते में वजन बढ़ जाता है। इसके अलावा अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें।

- शतावरी ( Asparagus Racemosus ) खाने में मधुर व तासीर ठंडी होती है। यह एंटीऑक्सीडेंट युक्त है और वात, पित्त कम करती है।

#प्रयोज्य अंग:-

मूल,पत्ते, अंकुर ।

#मात्रा:-

मूल,मूलस्वरस--1 से 2 ग्राम।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें