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मंगलवार, 20 सितंबर 2022

मोतियाबिंद का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें?In hindi

 मोतियाबिंद क्या होता है ?



मोतियाबिंद का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें?In hindi

मोतियाबिंद का घरेलू उपाय क्या है?

क्या मोतियाबिंद का बिना ओपरेशन ईलाज हो सकता है?

#मोतियाबिंद क्या होता है ?

#DrVirenderMadhan.

मोतियाबिंद|Cataract मे आंखों के लेंस या उसके आवरण या दोनों पर धुंधलापन आ जाता है।लेंस मे रक्तवाहिनियां न होने के कारण उसमे शोथ नही हो सकता है।परन्तु उसमें डिजनरेशन होता है।जिसके कारण लेंस धुंधले हो जाते है।लेंस के तंतु अपारदर्शक हो जाते है और मोतियाबिंद की उत्पत्ति हो जाती है।इससे दृष्टि शैन शैन कम होती है और अन्तः मे दिखना बन्द हो जाता है।यह एक या दोनों आंखों में हो सकता है।

#मोतियाबिंद बनने के कारण:-

- बृद्धावस्था से,

- नेत्रों में चोट लगने से,

- अल्ट्रावायलेट चिकित्सा के अधिक होने से,

- तेज रोशनी से,

-कुछ औषधियां के कारण जैस स्टेरॉयड, या एण्टीकोलिनेस्ट्रेस का लम्बे समय तक प्रयोग करने से,

- कुछ शारिरिक रोगों से जैस मधुमेह, पैराथायराइड, टिटेनी,मायोटानिक डिस्ट्राफी, आदि

- पैत्रिक भी होता है।

-रसायनिक पदार्थों के प्रयोग से,

- बिजली के करंट लगने से,

-कुछ त्वचा के रोग में मोतियाबिंद हो जाता है।

-अधिक धूल, धूप आदि मे काम करने से,

- अधिक चिंता से भी मोतियाबिंद हो जाता है।

#मोतियाबिंद के लक्षण क्या क्या होते है?

-प्रारंभ में दृष्टि मे कुछ अडचने आने लगती है।धीरे धीरे दृष्टि में धुंधलापन आने लगता है।

बाद मे दिखना बन्द हो जाता है।

एक ही चीज के 2 या 3 प्रतिबिंब दिखाई देते है।

बल्ब के आसपास इन्द्रधनुष के रंग दिखाई देते है।



#मुख्य आयुर्वेदिक पेटेंट औषधि

-नेत्रामृत अंजन:-

त्रिफला क्वाथ से आंखें धोकर अंजन नित्य लगायें।

- इसी प्रकार नेत्रज्योति वर्धक सुरमा लगायें।

#शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधियां:-

सप्तामृत लौह 1 ग्राम

गाय का धी 3ग्राम, 

असली शहद 6 ग्राम मिलाकर सवेरे सांय चाटकर उपर से दूध पिलाये।

- नेत्रसुदर्शन अर्क 2-3 बूंद दिन मे मे 2-3 बार डालें ः

- रसकेश्वर गुटिका- शहद मे घीसकर आंखों में लगायें।

त्रिफाला धृत 1-1 चम्मच प्रातः सायदूध के साथ खायें।

-चन्द्रोदय वर्ती- शहद मे घीसकर आंखों में अंजन की तरह लगायें।

#घरेलू अनुभूत प्रयोग

- सौंठ, हींग, वच,और सौफ समान मात्रा मे लेकर चूर्ण बना लें 3-4 ग्राम रोज लेने से मोतियाबिंद नही बढता है।

- रोग के प्रारंभ में निर्मलीशहद मे घिसकर आंखों में लगाने से मोतियाबिंद नष्ट हो जाता है।

- सफेद चिरमिटी के स्वरस , कागजी नींबू के रस मे मिलाकर आंखों में लगने से मोतियाबिंद मे आराम हो जाता है।

- सौफ के हरे पेड को लाकर कांच या चीनीमिट्टी के बर्तन में रखकर सुखा ले बाद मे बारीक चूर्ण बना ले।इसे सुरमे की तरह आंखों में लगाने से मोतियाबिंद नष्ट हो जाता है।

- सत्यानाशी के रस की 1 बुंद को धी मे मिलाकर आंजने से नेत्रशुक्ल,अधिमांस,और अंधापन दूर हो जाता है।

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