Guru Ayurveda

शुक्रवार, 31 मार्च 2023

#सुबह खाली पेट अमरुद के पत्ते खाने से का होता है?In hindi.

 #सुबह खाली पेट अमरुद के पत्ते खाने से का होता है?In hindi.



#अमरुद के पत्तों के फायदे

#benefits of guava leaves

#Dr.VirenderMadhan.

 अमरूद के पत्ते, रोज सुबह खाने से निम्न लाभ होते है–

–अमरूद के पत्तों से वजन ठीक रहता है.

–अमरूद के पत्ते पाचन शक्ति को बेहतर करते हैं.

–अमरुद पत्तों का काढा पीने से दमा को ठीक होता हैं. 

–अमरूद के पत्ते डायरिया में फायदेमंद हैं 

–अमरूद के पत्ते खाने से त्वचा को एलर्जी से बचाते हैं 

–प्लेटलेट्स कम होने पर बढ़ाने में मददगार होते है.

–एनीमिया में अमरूद के पत्ते पानी मे पकाकर लेने से फायदा होता है।

–इम्यूनिटी जब कम होती है तब मजबूत करने के लिये अमरुद के पत्तों का काढा प्रयोग किया जाता है.

– जब ब्लड प्रेशर हाई रहता है तब इसे कंट्रोल करने के लिये अमरुद की नरम नरम पत्तियों को खाने के काम मे लाया जाता है.

– टॉक्सिन्स बाहर निकलने के काम भी आता हैं.

–डायबिटीज में अमरूद की पत्तियाँ खाने से फायदेमंद सिद्ध होते है

_ मुखपाक मे अमरुद के 1या2 पत्रे चबाने से मुखपाक ठीक हो जाता है।

डा०वीरेंद्र मढान,

बुधवार, 29 मार्च 2023

एंग्जाइटी है तो क्या करें उपाय? In hindi.

 एंग्जाइटी है तो क्या करें उपाय? In hindi.

एंग्जाइटी क्या होता है ?



What is anxiety?

#चिंता

हर दिन की स्थितियों के बारे में तीव्र, अत्यधिक और लगातार चिंता व डर. तेज़ दिल की धड़कनें, तेज़ी से श्वास-प्रश्वास, पसीना, और थकान महसूस हो सकते हैं.

#आम वजहें

सार्वजनिक भाषण या परीक्षा देने जैसी तनावपूर्ण स्थितियों में बहुत ज़्यादा चिंता होना सामान्य-सी बात है. किसी बीमारी के होने के बारे में यह तभी बताता है जब भावनाएं बहुत बढ़ जाएं, बाकी चीज़ों पर हावी हो जाएं और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर करने लगें.

 एंग्जाइटी एक मानसिक रोग है, जिसमें रोगी को तेज़ बैचेनी के साथ नकारात्मक विचार, चिंता और डर का आभास होता है । 

जैसे, अचानक हाथ कांपना, पसीने आना आदि । अगर समय पर इसका सही इलाज न किया जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है और मिर्गी का कारण भी बन सकता है ।

#एंग्जायटी क्यों होती है?

चिंता और उदासी का कारण

– चिंता और उदासी बढ़ने का कारण एंग्जायटी हॉर्मोन होता है, जिसे कोर्टिसोल कहते हैं। जब दिमाग की एड्रेनल ग्लैंड इसका उत्पादन ज्यादा करने लगती है, तो मरीज को तनाव व अवसाद घेर लेता है। इसके अलावा, सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे फील-गुड हॉर्मोन का गिरना भी विंटर ब्लूज का कारण बनता है।

#एंजायटी को कैसे दूर करे?

#How to remove anxiety?

- हल्के व्यायाम करें

इस हार्मोन के बढ़ने पर मूड में सुधार आ सकता है। तनाव होने पर हल्के व्यायाम जैसे कि वॉकिंग या स्विमिंग फायदेमंद साबित सकती है। इस दौरान एक्सरसाइज करने बहुत मदद मिलती है। 

#एंग्जायटी में क्या नहीं खाना चाहिए?

What should not be eaten in anxiety?

– हाई सोडियम फूड

चिप्स, केक, पेस्ट्री, बेक्ड आइटम व पैक्ड फूड आदि का अधिक सेवन आपके लिए परेशानी भरा हो सकता है। सोडियम की अधिकता हार्ट रिस्क को बढ़ाता है। साथ ही, यह आपके साइकोलॉजिकल हेल्थ के लिए भी अच्छा नहीं है। इतना ही नहीं, डिप्रेशन व एंग्जाइटी के रोगी कुछ दवाईयों का सेवन करते हैं, जो वजन बढ़ाती हैं।

#Anxiety मे क्या खायें?

What to eat in anxiety?

अपने भोजन में संतुलित पोषण के साथ सुगंधित खाद्य पदार्थ शामिल करना आपकी चिंताओं को कम करने में मदद कर सकता है। कुछ खाद्य पदार्थ जो आपकी चिंताओं को कम करने में मदद करते हैं :–

खजूर:-

 खजूर शांतिदायक खाद्य पदार्थ होते हैं जो एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं। खजूर में मौजूद ग्लूकोज शरीर के लिए उपयोगी होता है, जो चिंताओं को कम करने में मदद करता है।

ब्राउन राइस:-

 ब्राउन राइस में मैग्नीजियम होता है जो चिंताओं को कम करने में मदद करता है। ब्राउन राइस मे बी विटामिन की अच्छी स्रोत होता है।इससे भी मन मे शांति मिलती है।

अलसी के बीज:-

 अलसी के बीजों में मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड चिंताओं को कम करने में मदद करता है। अलसी के बीज आपको तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

खजूर:-

 खजूर में भरपूर मात्रा में मैग्नीजियम और विटामिन बी-कंप्लेक्स से भरपूर होता है जो चिंताओं को कम करने में मदद करते हैं।

तुलसी चाय:- 

 तुलसी चाय में मौजूद तत्वों में तुलसी आपको तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। तुलसी आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।

सफेद धनिया:-

 सफेद धनिया एक शांतिदायक खाद्य पदार्थ होता है जो आपकी चिंताओं को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड आपके मन को शांत करने में मदद करता है।

इन खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करने के साथ-साथ, आप आहार में ज्यादा पानी, हरे सब्जियां, फल, नट्स और सीधे खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, ओट्समील इत्यादि को शामिल कर सकते हैं जो पक्के खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक फाइबर होते हैं और आपको स्वस्थ और शांति महसूस करवाते हैं।

और आपको अपने खाद्य पदार्थों में अनुभव करने वाली उत्तेजक पदार्थों जैसे कॉफी, एनर्जी ड्रिंक आदि की मात्रा को कम कर देना चाहिए जो आपके तनाव को बढ़ा सकते हैं।

ध्यान रखें कि ये आहार तरल  होने चाहिए जैसे कि पानी, नारियल पानी, नींबू पानी आदि जो आपको हाइड्रेटेड रखेंगे और आपकी चिंताओं को दूर करने में मदद करेंगे।

** ध्यान रखें कि आपकी खान-पान की आदतों को बदलने के बजाय अनुकूलता के साथ आप इन आहार पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर लेना चाहिए। इन आहार पदार्थों को शामिल करने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, खासकर अगर आपकी कोई शारीरिक समस्याएं हैं

सोमवार, 27 मार्च 2023

किडनी खराब है तो क्या करें?In hindi.


 #किडनी खराब है तो क्या करें?In hindi.

</>Kidney kharabहै to kya karen
</>किडनी खराब है तो क्या करें
</>किडनी खराब है तो क्या करें घरेलू उपाय
</>किडनी खराब हो जाये तो क्या करें?

#किडनी सिकुड़ने पर क्या करें?

- फल और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं।

 - अंगूर खाएं, क्योंकि ये किडनी से फालतू यूरिक एसिड निकालते हैं।

 - खाने में नमक, सोडियम और प्रोटीन की मात्रा घटा दें।

कम सोडियम / नमक वाले आहार करें, आहार में सोडियम या नमक का सेवन नियंत्रण में रखें। 

#किडनी को ठीक करने के लिए क्या करना चाहिए?

या

#किडनी को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?

निम्न उपायों को अपनाएँ 

1. व्यायाम करें या श्रम करें,

2. मीठा कम ही खायें 

3. रक्तचाप सामान्य रखें 

4. वज़न नियंत्रित रखें 

5.पर्याप्त जल का सेवन करें 

खूब पानी पिएं, यह आपके किडनी को स्वस्थ रखने का सबसे आम और सरल तरीका है। भरपूर पानी, विशेष रूप से गर्म पानी का सेवन करने से गुर्दे को शरीर से सोडियम, यूरिया और विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है।

6.धूम्रपान से बचें 

7.एलोपैथीक दवाइयों के अधिक सेवन से बचें 

#किडनी साफ करने के लिए क्या पीना चाहिए?

- किडनी की सफाई के लिए गर्म पानी एक अच्छा विकल्प है। 

– आप 1 लीटर पानी में 5 ग्राम अदरक और 5 ग्राम तक धनिया के बीज को लेकर एक साथ उबालें, जब तक 1 लीटर पानी पक कर 100 ग्राम तक ना हो जाए। इसे गुनगुना होने दें और फिर सेवन करें।

#किडनी को साफ करने के लिए क्या खाएं?

इन 9 चीज़ों को करें डाइट में शामिल

1-मूली या मूली का रस पीयें

2-पपीता खायें

3- अनानास खायें

4-आंवला,आवलों का रस,आमलकी रसायन लें,

5-धनिया का पानी बना कर कुछ दिन लगातार लें.

6-नींबू पानी पीयें,

7-नारियल पानी और

8-पानी खुब पीयें

9-जौं को भोजन में शामिल करें ,जौका पानी बनाकर पीयें.

#किडनी का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार पुनर्नवा, गोक्षुर, वरूण, गुडुची, कासनी, तुलसी, अश्वगंधा तथा आंवला जैसी आयुर्वेदिक बूटियां किडनी फंक्शन को ठीक करने में सफल है.

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 25 मार्च 2023

सर्वाइकल दर्द का रामबाण ईलाज क्या है?In hindi.


 सर्वाइकल दर्द का रामबाण ईलाज क्या है?In hindi.

Cervical का दर्द

Dr.VirenderMadhan.

Cervical का दर्द क्या होता है,

यह दर्द एक आम समस्या हो गई है जो व्यक्ति के उम्र, स्थिति और उनकी गतिविधियों पर निर्भर करती है।

Cervical pain.

गर्दन और कंधे में दर्द गर्दन से लेकर बांह तक बहुत तेज़ दुखे या बिजली के झटके की तरह महसूस होती है

सर्वाइकल का दर्द गर्दन से शुरू होकर पीठ तक पहुंच सकता है, इसके अलावा शरीर के और भी हिस्सों में हो सकता है. गर्दन में दर्द और अकड़न की समस्या सर्वाइकल का सबसे पहला लक्षण माना जाता है. यही वजह है कि आपके गर्दन में अकड़न हो जाती है और आप गर्दन घुमाने में भी असमर्थ हो जाते हैं.

#सरवाइकल के लक्षण

सर्वाइकल पेन के लक्षण

- गर्दन में जकड़न, दर्द

- गर्दन में सूजन और दर्द

- गर्दन की मांसपेशियों में दर्द

चक्कर आना

- सिर दर्द होना

- लगातार जी मिचलाना

- हाथ पैर में अक्सर झुनझुनी महसूस होना

- गर्दन को हिलाने पर गर्दन में से हड्डियों के टुटने जैसी आवाज़ का आना।

- हाथ, बाजू और उंगलियों में कमजोरी महसूस होना या उनका सुन्न हो जाना

- व्यक्ति को हाथ और पैरों में कमजोरी के कारण चलने में समस्या होना और अपना संतुलन खो देना हो जाता है.

#Cervical सर्वाइकल क्यों होता है?

CAUSES

सर्वाइकल मुख्य रूप से उन लोगों को होता है, जो सिर को एक तरफ झुकाकर घंटों कमप्यूटर पर काम करते रहते हैं या फिर एक ही पॉजिशन में फोन पर घंटों बात करते रहते हैं। लंबे समय तक एक ही पॉजिशन में बैठने से कान और गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और इस वजह से आपको कई तरह की परेशानियां भी होती हैं।

#सरवाइकल सिरदर्द का ईलाज 

अगर आपको सर्वाइकल दर्द की समस्या है तो कुछ सामान्य उपाय हो सकते हैं जैसे अधिक आराम, गर्म या ठंडे पैड का उपयोग, उचित बैठने की अभ्यास या फिर योग आदि।

#सर्वाइकल का रामबाण इलाज क्या है?

अगर आपको सर्वाइकल पेन है तो एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर उबाल लें. इसके बाद इसे ठंडा करके इसमें एक चम्मच शहद मिला लें. इसे रोज दिन में दो बार पीने से गर्दन के साथ-साथ शरीर के किसी भी दर्द में राहत मिलती है. 

सिकाई- 

गर्दन में दर्द की वजह से कई बार सूजन भी आ जाती है.इसके लिए गर्म ठंडी सिकाई से आराम मिलता है.

#सर्वाइकल में कौन सा तेल लगाएं?

अरंडी के तेल से मसल्स और हड्डियों दोनों को मजबूती मिलती है. सर्वाइकल के दर्द को कम करने में भी अरंडी का तेल असरदार है.

#सर्वाइकल में क्या परहेज करना चाहिए?

सर्वाइकल के दर्द से बचने के लिए शराब, धू्म्रपान, तंबाकू का सेवन बिल्कुल ना करें। चाय, कॉफी, मीठा, खट्टा और तला हुआ खाने से परहेज करें। डॉक्टर की सलाह से बताई गई एक्सरसाइज जरूर करें क्योंकि इससे काफी सुकून मिलता है

* लेकिन अगर आपको यह समस्या बहुत दिनों से हो रही है, तो आपको एक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वे आपके लिए सही उपचार और दवा बताने में सक्षम होंगे जो आपकी समस्या को ठीक कर सकते हैं।

#सर्वाइकल दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपचार कुछ निम्नलिखित हैं:

* पंचकर्म चिकित्सा:-

 इसमें आपको विशेष मालिश के साथ स्नेहन, स्वेदन, विरेचन, नस्य और रक्तमोक्षण

* स्नेहन चिकित्सा: इसमें शरीर के लिए तैल या स्नेह उपयोग किया जाता है। यह दर्द और स्पास्म को कम करने में मदद करता है।

* धूम्रपान:-

 धूम्रपान करने से संचित कोफ, स्लाइम और धूम्रपान संबंधी दोषों का नाश होता है जो सर्वाइकल दर्द के कारण बनते हैं।

* दही:-

 दही और दूध सर्वाइकल दर्द में लाभकारी होते हैं। यह शरीर के दर्द को कम करने में मदद करता है।

#आयुर्वेदिक दवाएं:- आयुर्वेदिक दवाएं जैसे महानारायण तैल, सैंधवादितैल, और ज्योतिष्मती तैल इत्यादि सर्वाइकल दर्द में लाभदायक होती हैं।

शलाकी, रास्ना, गुग्गुलु (कोमीफोरा मुकुल), गुडुची (टीनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया), अश्वगंधा (विथानिया सोमनीफेरा), शुंठ,सौंठ (अदरक) जैसी आयुर्वेदिक दवाएं और साथ ही कुछ रस औषधियां जैसे:-

 वातविध्वनसंन रस, बृहतवातचिंतामणि रस, सर्वाइकल के इलाज के लिए सबसे अच्छी दवाएं हैं। स्पोंडिलोसिस लेकिन इनका उपयोग अवश्य किया जाना चाहिए.

इन आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग करके सर्वाइकल दर्द को कम किया जा सकता है। 

धन्यवाद!

#डा०वीरेंद्र मढान,

मंगलवार, 21 मार्च 2023

मखाने खाने के क्या फायदे होते है?in hindi.

 मखाने खाने के क्या फायदे होते है?in hindi.



#Dr.VirenderMadhan.

मखाने खाने के कई फायदे होते हैं। यह एक प्राकृतिक खाद्य है जो उच्च पोषण मूल्य वाला होता है और आपके शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है।

कुछ मुख्य फायदों में शामिल हैं:–

* मखाने खाने से पाचन तंत्र को सुधारता है:– 

मखाने खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसमें फाइबर का अच्छा स्रोत होता है जो आपके पेट में खुराकों को अच्छी तरह से पचाने में मदद करता है।

मखाने पाचन में सुधार करने और कब्ज को दूर रखने में मदद करते हैं । वे महान एंटी-एजिंग खाद्य पदार्थ हैं क्योंकि उनमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। रोजाना मुट्ठी भर मखाने भी आपको जवां त्वचा देंगे।

* मखाने वजन घटाने में मददगार होते है:–

वजन घटाने के लिए मखाना  एक कप या 32 ग्राम मखानों में 106 कैलोरी होती है. फॉक्स नट्स एक बढ़िया स्नैक बना सकते हैं क्योंकि वे कैलोरी में कम होते हैं. मखाने आपको ज्यादा समय तक भरा हुआ रख सकते हैं, प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा की उपस्थिति आपको ओवरईटिंग और क्रेविंग से बचाने में मदद करता है.

 मखाने कम कैलोरी वाले खाद्य होते हैं जिससे आपका वजन घटने में मदद मिलती है। इसके अलावा, इसमें शामिल फाइबर आपको भूख कम करने में मदद करता है जिससे आप अधिक नहीं खाएंगे।

* मखाने एलर्जी को कम करने में मददगार: -

मखाने में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो आपकी शरीर को बिना किसी संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इससे आपके अलर्जी के लक्षण भी कम होते हैं।

* मखाने बढ़ती उम्र को कम करने में मददगार:–

मखाने में फ्लेवोनॉइड्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो वजन कम करने के अलावा बढ़ती उम्र का असर कम करने और कई बीमारियों से बचाने में मददगार हैं। इसे देसी घी में भूनकर खाने से डायरिया में आराम मिलता है और दूध में मिलाकर खाने से पेट की जलन दूर होती है। मखाने को कच्चा, सेंक कर, उबालकर या पीसकर भी खा सकते हैं।

 मखाने में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो आपके शरीर को बुढापे के लक्षणों दूर करती है। इससे आपकी त्वचा स्वस्थ और जवान रहती है।

* मखाने हड्डियों के लिए अच्छे होते है:– 

मखाने में कैल्शियम होता है जो आपकी हड्डियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। इससे आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं और आपको ऑस्टियोपोरोजिस की समस्या से बचाया जा सकता है।

* अच्छे नींद के लिए मखाने खाना उपयोगी होता है:– 

 रात को सोते समय एक गिलास दूध में मखाना उबालकर खाने से नींद के पैटर्न में सुधार आत है. इसके साथ ही नींद की बीमारी भी ठीक होती है. दरअसल इसमें तनाव और चिंता को दूर करने के गुण पाए जाते हैं जो नींद लाने में आपकी मदद करेगा

मखाने में मेलेटोनिन होता है जो आपकी नींद को सुधारने में मदद करता है। 

धन्यवाद!

शुक्रवार, 17 मार्च 2023

किडनी को स्वस्थ कैसे रखें?In hindi.


 किडनी को स्वस्थ कैसे रखें?In hindi.

Dr.VirenderMadhan.

#Kidney को कैसे बचायें in hindi.

स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं, नियमित रूप से व्यायाम करें, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें, जंक फूड और ऑइली फूड से दूरी बनाएं, मोटापा कम करें और शराब व तंबाकू के सेवन से बचें।

खूब पानी पिएं: यह आपके किडनी को स्वस्थ रखने का सबसे आम और सरल तरीका है। भरपूर पानी, विशेष रूप से गर्म पानी का सेवन करने से गुर्दे को शरीर से सोडियम, यूरिया और विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है। कम सोडियम / नमक वाले आहार: अपने काने में सोडियम या नमक का सेवन नियंत्रण में रखें।

Kidney की सुरक्षा कैसे करें?

#किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कुछ उपाय हैं जो निम्नलिखित हैं:-

* पर्याप्त पानी पीना:–

Drinking enough water:–

 पानी शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है जो अधिकतम किडनी कार्य के लिए जरूरी होता है। समय-समय पर पानी पीने से किडनी के लिए स्वस्थ रहना आसान होता है। प्रतिदिन कम से कम 6-8 गिलास पानी पीना चाहिए।

* स्वस्थ खानपान:–

Healthy eating–

स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ खानपान बहुत जरूरी होता है। स्वस्थ भोजन खाना, प्रोटीन और फल-सब्जी जैसे पोषण से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए।

किडनी को हमेशा हेल्दी रखने के लिए आप रोजाना पपीते का सेवन जरूर करें. जौ का आटा- जौ एक फायदेमंद साबुत अनाज है, इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. जौ में कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर पाया जाता है. 

अनानास अगर आप किडनी को हेल्दी बनाने वाला फल ढूंढ रहे हैं, तो अनानास को जरूर खाइए। क्योंकि, अनानास एक लो-पोटैशियम फूड है, जो कि किडनी रोगियों को फायदा देता है। वहीं, इसमें मौजूद फाइबर, विटामिन सी, ब्रोमेलिन, मैंगनीज आदि गुर्दे की सूजन को कम करके किडनी इंफेक्शन और किडनी डिजीज से बचाते हैं।

*व्यायाम करना:–

To exercise–

 रोज व्यायाम करना किडनी के लिए बहुत लाभकारी होता है। यह शरीर को स्वस्थ रखता है और किडनी के साथ भी बहुत उपयोगी होता है।

किडनी की सेहत के लिए स्विमिंग को एक अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है. स्विमिंग से मेटाबॉलिज्म और किडनी में सूजन को कम किया जा सकता है. वाकिंग और स्विमिंग के अलावा, साइकिलिंग से भी किडनी की सेहत अच्छी की जा सकती है. डायलिसिस कराने वाले लोग भी साइकिलिंग कर सकते हैं.

* स्मोकिंग और अल्कोहल:– 

Smoking and alcohol–

धूम्रपान और अल्कोहल खराब होते हैं और किडनी के लिए हानिकारक होते हैं। इन्हें बचना चाहिए।

बदलते लाईफ़ स्टाईल, स्मोकिंग की आदत,अल्कोहल और तंबाकू का सेवन भी किडनी रोग के कारण बन रहे हैं। किडनी रोगों में हाल के वर्षों में काफ़ी तेज़ी आई है। बदलते लाईफ़ स्टाईल, स्मोकिंग की आदत,अल्कोहल और तंबाकू का सेवन भी इस रोग के कारण बन रहे हैं।

* दवाओं का सेवन:–

Prescription drugs–

 दवाओं का अधिक सेवन किडनी के लिए हानिकारक होता है। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले उसकी संभावित प्रभावों और साइड इफेक्ट्स के बारे में जानकारी लेना चाहिए। अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए और केवल उन्हीं के निर्देशों के अनुसार दवाओं का सेवन करना चाहिए।

डॉक्टर की देखरेख के बिना लम्बे समय तक ज्यादा मात्रा में दवाइँ का उपयोग करने से किडनी खराब होने का खतरा ज्यादा रहता है। लम्बे समय तक ऐसी दवा का इस्तेमाल करने, जिसमें कई दवाएँ मिली हों उनसे किडनी को क्षति पहुँच सकती है।

* नियमित चेकअप:–

Regular checkup–

 किडनी स्वस्थ रखने के लिए नियमित चेकअप करना चाहिए। इससे किडनी समस्याओं का पता चलता है और उन्हें समय रहते ठीक किया जा सकता है।

* स्ट्रेस कम करना:–

Reduce stress–

 अधिक मानसिक तनाव किडनी के लिए नुकसानदायक होता है। स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान योग और विभिन्न मनोरंजन के साधन करें.


इन सभी उपायों के अलावा, किडनी स्वस्थ रखने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात है कि आप नियमित चेकअप करवाएं और अपने डॉक्टर की सलाह पर चलें। अगर आप किडनी समस्याओं के बारे में चिंतित हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

सोमवार, 13 मार्च 2023

शराब छूड़ने के उपाय और आयुर्वेदिक चिकित्सा in hindi


शराब छूड़ने के उपाय और आयुर्वेदिक चिकित्सा in hindi.

#Dr.VirenderMadhan

#शराब छूडाने के उपाय-

Ways to get rid of alcohol:-

शराब अधिक पीना एक संगीन मसला है जो व्यक्ति के जीवन को बहुत बुरे तरीके से प्रभावित करता है। यदि आप शराब की अधिकता से पीड़ित हैं तो निम्नलिखित उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:

* स्वस्थ आहार:–

 अपने आहार में स्वस्थ और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना शराब की इच्छा को कम कर सकता है। सब्जियां, फल, प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन करने से आपको मदद मिल सकती है।

* योग और मेडिटेशन:-

 योग और मेडिटेशन शराब की इच्छा को कम करने में मदद कर सकते हैं। ध्यान और प्राणायाम आपके मन को शांत रखते हैं और शराब की इच्छा को कम करते हैं।

* समर्थन समूह [Support group]:-

 शराब की अधिकता से मुक्ति पाने के लिए समर्थन समूहों का सहारा लेना अच्छा विकल्प हो सकता है। ये समूह आपको शराब से दूर रहने में मदद करते हैं और आपको सही दिशा में ले जाते हैं।

 एक सलाहकार आपकी मदद कर सकता है आपकी शराब की अधिकता को समझने में और उचित उपचार चुनने में।

* उपयोगी टिप्स [ Useful tips] :–

 शराब की अधिकता से निपटने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स निम्नलिखित हैं:

अपनी शराब की इच्छा को समझें और उसे रोकने के लिए अपने आप पर नियंत्रण रखें।

शराब की जगह उपयोगी विकल्प जैसे चाय, कॉफी या फल जूस का सेवन करें।

शराब को अपने से दूर रखें |


#शराब छोड़ने के आयुर्वेदिक उपाय:–

शराब छूडाने के आयुर्वेदिक उपाय 

शराब छोड़ने के लिए आयुर्वेदिक उपाय कुछ इस प्रकार हैं:

–अश्वगंधा:–

 अश्वगंधा शरीर में शराब का सेवन कम करने में मदद कर सकता है। इसे खाने के लिए रात को सोने से पहले एक छोटी चम्मच लें।

– शराब की लत को छुड़ाने के लिए मृतसंजीवनी सुरा काफी कारगर होता है। दरअसल, मृतसंजीवनी सुरा को शराब के विकल्प के तौर पर पिया जाता है।

ब्राह्मी:–

 ब्राह्मी मन को शांत करने में मदद कर सकती है और शराब की लत से छुटकारा पाने में मदद कर सकती है। इसे रोजाना खाने से फायदा होगा।

अर्जुन की छाल:–

 अर्जुन की छाल का उपयोग शराब की लत से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। आप इसे ताजे पानी में भिगोकर पी सकते हैं।

आंवला:–

 आंवला शरीर को ताकत प्रदान कर सकता है और शराब की लत से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। आप इसे सबसे अधिक ताजे रूप में खा सकते हैं।

शंखपुष्पी:–

 शंखपुष्पी शराब की लत से छुटकारा पाने में मदद कर सकती है। आप इसे रोजाना खा सकते हैं या फिर इसका रस निकालकर पी सकते हैं।

शीशम:-

 शीशम शराब की लत से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। 

शीशम की जड़ों को पानी में उबालकर तैयार किया जाता है, फिर इस उबले पानी को ठंडा कर उसे पीने से शराब की लत से छुटकारा मिल सकता है।

जीरा:-

 जीरा शराब की लत से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। आप इसे खाने से पहले पानी में भिगोए या फिर इसका पाउडर बनाकर पानी के साथ ले सकते हैं।

इन आयुर्वेदिक उपायों के साथ-साथ शराब की लत से छुटकारा पाने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का भी उपयोग कर सकते हैं:

* नियमित व्यायाम करें।

* शराब की जगह ताजा फलों और सब्जियों को शामिल करें।

* अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने का प्रयास करें जो शराब की लत नहीं रखते।

* अपनी मनोदशा को संतुलित रखने के लिए ध्यान और मेडिटेशन का प्रयास करें।

[अपने डॉक्टर से सलाह लें और अपनी शराब की लत से छुटकारा पाने के लिए जरूरी उपाय और निर्देशों का पालन करें।]

* समरस रहें:-

 अपने जीवन में संतुलित रहने के लिए आप अपने समस्त सम्बंधों में समरस बनाए रखने का प्रयास कर सकते हैं।

* अपने समुदाय से संबंध बनाए रखें:-

 सामाजिक समुदाय से जुड़े रहने से आप अकेलापन महसूस नहीं करेंगे और शराब की लत से छुटकारा पाने में आसानी होगी।

 * शुरुआती चरणों में जरा सावधानी बरतें:–

 शराब की लत से छुटकारा पाने का सफर आसान नहीं हो सकता है। आपको इसमें अधिक समय और संयम की आवश्यकता होगी। इसलिए, आपको शुरुआती चरणों में जरा सावधानी बरतनी चाहिए।

* शराब की लत से छुटकारा पाना संभव है। इसके लिए आपको उपरोक्त उपायों का पालन करने की आवश्यकता होगी। आपको अपने जीवन को संतुलित रखने और समस्याओं का समाधान करने के लिए अपने आसपास के लोगों से सहायता लेनी चाहिए। इसके अलावा, यदि आपको इसमें जरूरत हो तो आप एक पेशेवर से भी सलाह ले सकते हैं।

* शराब की लत से निजात पाने के लिए तुलसी का सेवन भी काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए रोज सुबह तुलसी की पत्तियों को जीभ पर रखें। इसके अलावा तुलसी के पत्तियों को गर्म पानी में उबालकर इसे काढ़े के रूप में सेवन कर सकते हैं। इससे भी शराब को छोड़ने में मदद मिलती है

#शराबी की शराब कैसे छुड़ाएं घरेलू उपाय?

शराब की लत कैसे छुड़ाएं

1- किशमिश- 

शराब की लत छुड़ाने के लिए आप किशमिश का इस्तेमाल करें. 

2- खजूर- 

शराब पीने की लत छुड़ाने के लिए आप खजूर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

3- गाजर का जूस-

 शराब छोड़ने के लिए गाजर का जूस पीने की सलाह दी जाती है. 

4- तुलसी के पत्ते-

 तुलसी एक आयुर्वेदिक औषधि है.

5- फलों का जूस 

शराब की लत से निजात पाने के लिए करीब 10 दिनों तक फलों का जूस पिएं। 11वें दिन खुद-ब-खुद शराब के लिए आपकी तलब कम हो जाएगी। 

6-योगा:-

 योगा करने से आप स्वास्थ्य महसूस करते हैं। आपका दिमाग शांत और शरीर रिलैक्स रहता है। 

7- खुद को रखें व्यस्त

 शराब से छुटकारा पाने का यह सबसे आसान तरीका है।


8- लिकोरिस शराब छुड़ाने की जड़ी बूटी:-

लिकोरिस (मधुयष्ठी) नामक एक जड़ी बूटी आती हैं. जो आपको किसी भी आयुर्वेदिक दवाई की दुकान पर मिल जाएगी. ऐसा माना जाता है की इस जड़ी बूटी में प्रचुर मात्रा में एंटीओक्सिडेंट पाया जाता हैं. अगर आप लिकोरिस की रूट का सेवन करते हैं.

शनिवार, 11 मार्च 2023

कमजोर हड्डियों के कारण, लक्षण, व उपाय in hindi.

 कमजोर हड्डियों के कारण, लक्षण, व उपाय in hindi.

#Dr.VirenderMadhan.



#कमजोर हड्डियों के लक्षण:-

symptoms of weak bones:-

- कमर के निचले हिस्से में दर्द होना- 

 हड्डियां कमजोर होने का एक सबसे कॉमन संकेत कमर में दर्द है.

- हाइट कम होना-

 उम्र के साथ-साथ हाइट का कम होना काफी आम है. 

-बोन फ्रैक्चर-

 हड्डियां कमजोर होने पर वह आसानी से टूट जाती है. 

-अर्ली मेनोपॉज-

 लो बोन डेंसिटी के चलते मेनोपॉज की शुरुआत जल्दी हो सकती है.

कमजोर हड्डियों के कुछ लक्षण  इस प्रकार हो सकते हैं:

–दर्द या आहार से जुड़ी समस्याएं:-

 कमजोर हड्डियां दर्द करने लगती हैं जब आप उन्हें ठोस वस्तुओं से टकराते हैं। 

 कमजोर हड्डियों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे कि हड्डियों का टूटना या हड्डियों के दर्द।

- ढीली हड्डियां:-

 कमजोर हड्डियों के कारण, आपकी ढीली हड्डियां लटकने लगती हैं और आपके शरीर में असंतुलन होने लगता है।

-आंखों में समस्याएं:-

 कमजोर हड्डियों के कारण, आपकी नेत्रों के आसपास की हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं। इससे आपकी आंखों में समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि  आंखों का फड़फड़ाना या दृष्टि के लिए कठिनाई होना।



 #कमजोर हड्डियों के कारण निम्न समस्या हो सकती है:-

आपकी एक या दोनों बाएं और दाएं हथेलियों में कमजोरी हो सकती है। इसके अलावा, आपकी हड्डियों में जलन, सूजन,अधिक पसीना, बार-बार गिरने का खतरा आदि भी हो सकते हैं।

- बढ़ते उम्र के लक्षण:-

 उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों की कमजोरी होती है और इससे आपके शरीर में कुछ समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि ओस्टियोपोरोज़िस या हड्डियों के टूटने का खतरा।

-विकसित हड्डियों में असंतुलन:-

 कमजोर हड्डियों के कारण, आपके शरीर में विकसित हड्डियों में असंतुलन हो सकता है जो आपकी चाल में असंतुलितता या दर्द का कारण बन सकता है।

[यदि आपको कमजोर हड्डियों के लक्षण हैं, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और उपचार के उपाय सुझायेंगे]

#हड्डियां कमजोर होने के कारण:-

What are the reasons for weakening of bones:-

हड्डियां कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं।

हड्डियों के कमजोर होने का मुख्‍य कारण है 

* शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी. इसके अलावा कई ऐसे फूड आइटम और ड्रिंक्‍स हैं जो हड्डियों को कमजोर बनाने का काम करते हैं. 

* अधिक नमक और चीनी को उपयोग हड्डियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

* उम्र के साथ:-

 जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो ज्यादातर लोगों में होती है।

* पोषण की कमी:-

 अगर आपका शरीर उचित पोषण नहीं प्राप्त करता है, तो यह आपकी हड्डियों को असंतुलित बना सकता है। यह अन्य रोगों की भी वजह बन सकता है।

* थायराइड समस्याएं:- 

थायराइड ग्रंथि से संबंधित समस्याएं भी हड्डियों को कमजोर कर सकती हैं।

* वजन कम होना:- 

वजन कम होने से भी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।

* रोग या घाव:-

 अन्य रोग या घावों से भी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। यह घावों के इलाज के बाद भी हो सकता है।

* रोगों का संक्रमण:-

 अन्य रोगों जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोमालेशिया, आदि भी हड्डियों को कमजोर कर सकते हैं।

* सड़न या घुटने के बल गिरना:- 

यदि आप अधिक बार अपने हाथ-पैरों पर गिरते हैं या अधिक बार घुटनों के बल गिरते हैं, तो इससे आपकी हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं।

* रक्त संचार की कमी:-

 हड्डियों को सही ढंग से पोषण करने के लिए उन्हें आवश्यक तत्वों जैसे कैल्शियम, विटामिन डी, प्रोटीन आदि की आवश्यकता होती है। इन तत्वों का संचार सही ढंग से न होने से भी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।

* नियमित शारीरिक गतिविधियों की कमी:-

 अनियमित शारीरिक गतिविधियों से भी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।


#कमजोर हड्डियां है तो क्या करें:-

What to do if you have weak bones?

कैल्शियम की अधिक मात्रा लें- हड्डियों को कमजोर होने से बचाने के लिए जरूरी है कि डॉक्टर से बात करके रोजाना कैल्शियम की सही मात्रा का सेवन करें. ऐसी चीजों का सेवन करें जिनमें कैल्शियम की मात्रा ज्यादा हो. आप कैल्शियम सप्लीमेंट्स का भी सेवन कर सकते हैं. लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से बात जरूर कर लें.

* कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए डाइट में दूध, दही, पनीर, बटर, छाछ आदि चीजों को जरूर शामिल करें। इन चीजों के सेवन से रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है। इसके अलावा, नारंगी, हरी सब्जियां, खट्टे फल, बीन्स और सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स का जरूर सेवन करें।

कमजोर हड्डियों की समस्या कई कारणों से हो सकती है जैसे वयस्कता, आहार और विटामिन और मिनरल की कमी, अल्कोहल और धूम्रपान आदि। इस समस्या से निपटने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

* आहार:-

 हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आपको अपने आहार में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन D और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों का सेवन करना चाहिए। इसके लिए दूध, दही, सोयाबीन, मटर, बादाम, सेसम सीड्स, ब्रोकोली, पालक आदि खाद्य पदार्थ शामिल करें।

* व्यायाम:-

 व्यायाम हड्डियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। व्यायाम करने से आपके हड्डियों की मजबूती बढ़ती है और आपके शरीर का मांसपेशियों में स्ट्रेंथ बढ़ती है।

* धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन कम करें:-

 धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन आपके हड्डियों को बहुत नुकसान पहुंचाता है जिससे उनकी मजबूती कम हो जाती है। इसलिए इनका सेवन कम करें या पूरी तरह से बंद करें।

* विटामिन और मिनरल युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें:- हड्डियों के लिए विटामिन और मिनरल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। आप अमेरिकन स्पोर्ट्स मेडिसिन इंस्टीट्यूट (American Sports Medicine Institute) की सिफारिशों के अनुसार दैनिक 600-800 आईयू विटामिन डी लें। विटामिन सी और विटामिन ए भी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

* वजन नियंत्रण:-

 अधिक वजन हड्डियों के लिए बुरा होता है। अतः वजन नियंत्रण में रहने के लिए आपको अपने आहार में फल, सब्जियां, प्रोटीन और फाइबर शामिल करना चाहिए।

* डेली विटामिन सप्लीमेंट्स:-

 यदि आपको अपने आहार से विटामिन और मिनरल की कमी है तो आप एक डेली विटामिन सप्लीमेंट ले सकते हैं। इससे आपके हड्डियों को आवश्यक खनिज पदार्थ मिलेंगे।

* चिकित्सा जांच:-

 यदि आपकी हड्डियों की कमजोरी अधिक है तो आप एक चिकित्सा से मिलें जो आपकी स्थिति की जांच करेंगे और आपको उचित सलाह देंगे।

* उचित व्यायाम:-

 हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए उचित व्यायाम करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। व्यायाम से हड्डियों में बाल की घटाव होती है जिससे वे मजबूत होते हैं। अधिकतम लोग अपनी हड्डियों के लिए वजन उठाने वाले व्यायाम जैसे कि स्क्वॉट, डेडलिफ्ट, बेंच प्रेस, शोल्डर प्रेस और लेट पुल आदि करते हैं। लेकिन वजन उठाने वाले व्यायाम के बजाय आप सीधे हड्डियों को लकड़ी की पट्टी और योगासनों से भी मजबूत कर सकते हैं। अपने चिकित्सक से व्यायाम की सलाह लें।

* ध्यान रखें कि आपकी आयु एवं लाइफस्टाइल संबंधित जटिलताओं के कारण आपके हड्डियों की मजबूती प्रभावित हो सकती है। अतः, अपने चिकित्सक की सलाह लेकर आप अपने आहार, व्यायाम और स्वस्थ जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

- उपरोक्त उपायों के साथ-साथ, अन्य चरम शारीरिक कारणों से हड्डियों की कमजोरी होती है जैसे बुखार, अनियमित मासिक धर्म 

धन्यवाद!

#डा०वीरेंद्र मढान.

बुधवार, 8 मार्च 2023

कमजोर नसों का ईलाज in hindi.

 कमजोर नसों का ईलाज in hindi.



Dr.virenderMadhan.

#कमजोर नसों का क्या ईलाज करें?

ईलाज से पहले रोग का कारण व लक्षण देखने चाहिए.

कमजोर नसें किसी अन्य रोग के लक्षण हो सकते हैं, जैसे थकान, मांसपेशियों में दर्द या शरीर में कमजोरी। 

[इसलिए, सबसे पहले आपको अपने वैद्य से परामर्श करना चाहिए और जांच करवानी चाहिए कि आपके साथ कोई अन्य समस्या तो नहीं है।]


यदि कमजोर नसें किसी अन्य समस्या के कारण हो रही हैं, तो आपके वैद्य आपको दवाइयों के लिए सलाह दे सकते हैं। इन दवाओं में एंटीडिप्रेसेंट्स, मस्तिष्क संबंधी और नस संबंधी दवाएं शामिल हो सकती हैं।

नसों को मजबूत बनाने के कुछ घरेलू उपाय:-

कुछ साधारण घरेलू उपाय भी हैं जो नसों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं, जैसे:

– व्यायाम करें:

 नियमित व्यायाम नसों को मजबूत करती है। आप योग, पावर व्यायाम या अन्य व्यायाम का चयन कर सकते हैं।

उचित आहार:

 सही आहार खाने से आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जो नसों के मजबूत करने में मदद करते हैं। आप जितना संभव हो सके, स्वस्थ आहार खाएं और विटामिन युक्त आहार करें और प्रोटीन जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की मात्रा बढ़ाएं।


- स्थायित्व बनाएं:

 स्थायित्व आपके शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपके पोस्ट्यूर, बैलेंस और सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए एक आसान तरीका होता है योगा या पायोमेंट।

राहत दें:-

 सफलता और अधिक भागीदारी चाहते हुए भी अपने शरीर को आराम करने का अवसर देना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अधिक देर तक बैठे या खड़े रहने से नसों में तनाव बढ़ सकता है। इसलिए, अपने शरीर के आवश्यकताओं के अनुसार अपने आप को राहत देना आवश्यक होता है।

नसों की कमजोरी के कारण क्या है?In hindi.

Dr.virendermadhan

#नसें कमजोर क्यों होती हैं

– नसें शरीर के अंगों तक रक्त पहुँचाती हैं जो उनकी ऊर्जा और ऊर्जा वितरण में मदद करती हैं। नसों कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं। नीचे कुछ संभवी कारणों की एक सूची है:

-अल्कोहल या तंबाकू का सेवन:

 तंबाकू और अल्कोहल का सेवन नसों को कमजोर बनाता है।

- वास्तविक अभ्यास की कमी: यदि आप नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं तो आपकी नसों कमजोर हो सकती हैं।

-वयस्कता: 

वयस्कता के साथ, शरीर की नसों कमजोर होने लगती हैं।

- नसों का दबाव:

 एक बार्फ के दौरान नसों पर ज्यादा दबाव होने से नसों में क्षति हो सकती है।

– खुराक और अन्य दवाओं का सेवन:

 अधिक खुराक या कुछ अन्य दवाओं का सेवन भी नसों को कमजोर बना सकता है।

-आहार:

 अगर आप उन्हें पोषण नहीं देते हैं, तो आपकी नसों कमजोर हो सकती हैं।

अधिक संभव कारणों के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

-सड़न या चोट: 

नसों की सड़न या चोट भी नसों को कमजोर कर सकते हैं।

- नसों में संक्रमण:

 नसों में संक्रमण नसों को कमजोर बना सकता है।

- दबाव या तनाव:

 दबाव या तनाव के कारण नसों को दबाव में रखा जाता है जो उन्हें कमजोर बना सकता है।

-जीवन शैली: 

अस्वस्थ जीवन शैली, जैसे कि बहुत समय बैठा रहना, अनियमित खानपान और समय पर न सोना, भी नसों को कमजोर बना सकती है।

इन सभी कारणों के अलावा, कुछ बीमारियों, 

जैसे शरीर में टेंशन या ब्लड क्लॉट्स के कारण भी नसों को कमजोर बना सकती हैं। इसलिए, नसों के कमजोर होने के कारण का पता लगाने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करना उचित होगा।

#नसों की कमजोरी में क्या खायें?

नसों की कमजोरी में खानपान एक अहम भूमिका निभाता है। इसलिए, कुछ आहार जो नसों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं वे हैं:

प्रोटीन युक्त आहार:-

 दूध, पनीर, दही, मीट, अंडे, अनाज और दाल जैसे प्रोटीन युक्त आहार नसों के विकास और मजबूती में मदद कर सकते हैं।

-विटामिन सी:

 आम, संतरे, नींबू, आंवले और टमाटर जैसे विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ नसों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। ये नसों के ट्यूबलाइन में जमा हुए वसा को कम करने में मदद करते हैं जो नसों की कमजोरी का कारण बनता है।

- विटामिन ई:

 सूखे मेवे, नट्स, सोयाबीन और अन्य विटामिन ई युक्त आहार भी नसों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। ये नसों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं और शरीर को खून के सिरे को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

- खाने का तरीका:

 भोजन करने का तरीका भी नसों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अपने भोजन को छोटे-छोटे पार्शों में अलग-अलग विभागों में बांटकर खाने से शरीर में नियमित रूप से ऊर्जा का संचार होता है जो नसों को मजबूत बनाता है। 

खाने के साथ भी अधिक मात्रा में पानी पीना नसों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। 

- नारियल पानी, ताजे फलों और सब्जियों का रस नसों की कमजोरी को दूर करने में मदद करता है।

*इसके अलावा, निम्नलिखित आहार का सेवन नसों की कमजोरी को कम करने में मदद कर सकता है:

–अखरोट

– बादाम

– मेथी दाना

– तिल

– हरी सब्जियां और फल

– सूखे मेवे

अधिकतर वसा वाले खाद्य पदार्थों, तला हुआ खाना, चिकन, रेड मीट और प्रसिद्ध खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए क्योंकि वे नसों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

- अंत में, नसों की कमजोरी से ग्रस्त लोगों को नियमित रूप से व्यायाम करना भी बेहद जरूरी है। उन्हें योग, ध्यान और अन्य प्राणायाम भी करने चाहिए जो नसों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

सोमवार, 6 मार्च 2023

पानी जीवन के लिये क्यों जरूरी है in hindi.

पानी जीवन के लिये क्यों जरूरी है in hindi.

#Dr.VirenderMadhan

पानी जीवन के लिये क्यों जरूरी है



- पानी हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

- शरीर को तरलता प्रदान करना:

 पानी शरीर के विभिन्न अंगों में तरलता प्रदान करता है जो सही कामकाज और ऊर्जा स्तर के लिए आवश्यक होता है।

- ऊर्जा का स्रोत:

 पानी शरीर में ऊर्जा का स्रोत होता है जो हमें दिनभर के कामों के लिए तैयार रखता है।

- शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना:

 पानी शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।

- भोजन को पचाने में मदद करना:

 पानी शरीर के अंदर पचाने के लिए आवश्यक अवयवों को आसानी से गति देता है।

- त्वचा की सुरक्षा:

 पानी शरीर को त्वचा की सुरक्षा प्रदान करता है। यह शरीर की त्वचा को नर्म और चमकदार बनाता है।

* इन सभी कारणों से स्पष्ट होता है कि पानी हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। हमें रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि हम स्वस्थ रहें और शरीर के विभिन्न कार्यों को सही तरीके से निभा सकें। इसके अलावा, पानी की अभाव से शरीर में तंदुरुस्ती की कमी होती है जो विभिन्न बीमारियों का कारण बनती है।



इसलिए, हमें नियमित रूप से पानी पीना चाहिए और समय-समय पर अपने शरीर के जरूरतों के अनुसार अधिक पानी पीना चाहिए। साथ ही, हमें उपयुक्त पानी के स्रोत से परख कर रखना चाहिए ताकि हम विभिन्न बीमारियों से बच सकें।

अंततः, पानी जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है और हमें इसके महत्व को समझना चाहिए।

- पानी हमारे शरीर के अंगों, ऊतकों, रक्त वाहिकाओं, गतिशीलता और तापमान को नियंत्रित करता है। हमारे शरीर के लिए पानी एक महत्वपूर्ण आयाम है जो इसके संरचनात्मक और क्रियात्मक कार्यों को सही ढंग से संचालित करता है।

- पानी शरीर में आवश्यक एलिमेंट्स और ऊर्जा की आपूर्ति करता है और अनुमानित रूप से 60% से 70% तक हमारे शरीर का वजन पानी से बना होता है। पानी समृद्ध वसा वाले खाद्य पदार्थों को घटाने में मदद करता है जिससे हम वजन कम कर सकते हैं।

- पानी के सेवन से शरीर की तापमान नियंत्रित रहती है जो उच्च तापमान और दुर्गंध को कम करता है। यह भी नकारात्मक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है जो कि शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

- समस्याओं से बचने के लिए, हमें उपयुक्त पानी के स्रोतों को जाँचना चाहिए जैसे कि शुद्ध जल और प्राकृतिक जल स्रोत। हमें नियमित रूप से पानी की सेवन और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए जो हमारे शरीर को सही ढंग से काम करने में मदद करता है। अधिक मात्रा में कॉफी और एल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि वे शरीर से पानी को निकालते हैं और दुर्गंध का कारण बनते हैं।

- पानी की कमी से शरीर में अनेक समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि उत्थान के दौरान थकान, मुख्य अंगों जैसे कि श्वसन और हृदय के लिए असंतुलितता, त्वचा की खराबी और शरीर में अतिरिक्त वसा जमा होना।

इसलिए, हमें नियमित रूप से पानी की सेवन करना चाहिए और देह्यावधि के अनुसार अपने शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पानी की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। यह बहुत आसान है - बस समय-समय पर पानी की बोतल या जल की घड़ी ले और संभवतः समय-समय पर उसे  पीना।

इसलिए, पानी जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। इसके बिना हमारे शरीर को अपने समस्याओं से निपटने में दिक्कत हो सकती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 4 मार्च 2023

शुगर के उपचार कैसे करें?In hindi.

 #घरेलू नुस्खे,#आयुर्वेदिक चिकित्सा, #healthcare 

शुगर के उपचार कैसे करें?In hindi.

#Dr.virenderMadhan.

#शुगर के उपचार



शुगर रोग क्या है?

शुगर (डायबिटीज) एक बहुत आम रोग है जो आजकल बहुत से लोगों को प्रभावित करता है। यह रोग शरीर के रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाता है जिससे शरीर के अन्य भागों को नुकसान पहुंचता है। 

डायबिटीज (शुगर) जो कि बहुत सी समस्याओं का कारण बन सकता है।

इस रोग के उपचार के लिए निम्नलिखित उपाय फायदेमंद हो सकते हैं:

#आहार व्यवस्था:-

स्वस्थ खानपान अपनाएं:- स्वस्थ और संतुलित खाने के अभ्यास को अपनाएं। इसमें अन्न, सब्जियां, फल, दूध और दालें शामिल होनी चाहिए। इससे आपको सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन मिलता है। अधिक मात्रा में शक्कर, स्पाइसी खाद्य पदार्थों, तला हुआ और तला हुआ खाना न खाएं।

 शुगर के लिए आहार व्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण होती है। शुगर के मरीजों को आंखों से बुरा दिखता होगा, इसलिए उन्हें सुगंधित आहार लेना चाहिए। 

#व्यायाम:-

व्यायाम, योग, वॉकिंग, जिमिंग जैसे व्यायाम आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। व्यायाम आपकी शरीर में ज्यादा शुगर का उपयोग करने में मदद करता है और इससे शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।

 व्यायाम शुगर के मरीजों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। व्यायाम से शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है जिससे शुगर का स्तर कम होता है। अपने दैनिक जीवन में योग, ध्यान और भ्रमण को शामिल करना चाहिए।

- अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार खाने के बाद 10 मिनट टहलने से ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। दरअसल, खाने के 30 मिनट बाद ब्लड शुगर स्पाइक शुरू होता है। ऐसे में टहलने से शरीर ऊर्जा के लिए ग्लुकोज का उपयोग करता है। और ब्लड शुगर नियंत्रित बना रहता है।

#वजन नियंत्रण:-

 अधिक वजन रखने वाले लोगों को शुगर के रोग का खतरा अधिक होता है। वजन नियंत्रण के लिए सही आहार व्यवस्था और व्यायाम करना चाहिए।

#स्ट्रेस नियंत्रण:-

 स्ट्रेस के कारण शुगर का स्तर बढ़ता है। इसलिए, स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान योग, प्राणायाम आदि करना चाहिए।

#नियमित चेकअप:-

 शुगर के मरीजों को नियमित चेकअप के लिए अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इससे उन्हें अपने शुगर का स्तर नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

[यदि आपको शुगर के लिए संबंधित समस्याएं हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपको सही उपाय बताकर शुगर के रोग से निपटने में मदद करेंगे।]


#मधुमेह का घरेलू उपाय कैसे करें?

घरेलू उपाय से निम्नलिखित उपाय फायदेमंद हो सकते हैं:

– मधुमेह (डायबिटीज) के लिए कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:

० करेले का जूस:-

 करेले का जूस मधुमेह के लिए बहुत फायदेमंद होता है। करेले में मौजूद चर्बीदार तत्व इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करते हैं जो मधुमेह में उपयोगी होता है। आप करेले का जूस रोजाना पी सकते हैं।

०जामुन:-

 जामुन का जूस भी मधुमेह के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जामुन में मौजूद विशेष तत्व इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करते हैं जो मधुमेह में उपयोगी होता है। जामुन का जूस रोजाना पीना चाहिए।


०मेथी के बीज:-

 मेथी के बीज मधुमेह के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। मेथी के बीज में मौजूद तत्व ग्लूकोज के स्तर को कम करते हैं और इंसुलिन के स्तर को बढ़ाते हैं। आप मेथी के बीज को पीसकर इसका पाउडर बना सकते हैं और रोजाना खाने के साथ दूध पी सकते हैं।

०तुलसी:-

 तुलसी मधुमेह के लिए एक उपयोगी घरेलू उपाय है। तुलसी के पत्तों में मौजूद टैनिन नामक तत्व मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। आप तुलसी के पत्तों को अपने खाने के साथ या तुलसी की चाय पी सकते हैं।

सुबह उठकर खाली पेट तुलसी की पत्ती का रस भी पी सकते हैं ।

०जीरा: -

 जीरा मधुमेह के लिए एक अन्य उपयोगी घरेलू उपाय है। जीरे में मौजूद तत्व ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करते हैं जो मधुमेह में उपयोगी होता है। आप जीरे को पीसकर इसका पाउडर बना सकते हैं और रोजाना खाने के साथ दूध पी सकते हैं।

०नीम के पत्ते:-

 नीम के पत्तों में मौजूद तत्व इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करते हैं। नीम के पत्ते को पीसकर इसका पाउडर बना सकते हैं और रोजाना खाने के साथ दूध पी सकते हैं।

यह सभी उपाय केवल राहत के लिए होते हैं और आपको अपने विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वे आपको आपकी स्थिति के अनुसार सही उपचार के बारे में बता सकते हैं।

०आंवला:- 

आंवला मधुमेह के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपाय है।

बुधवार, 1 मार्च 2023

#बार बार मल त्यागने की समस्या से छुटकारा कैसे पायें? In hindi.

 मल त्याग समस्या का समाधान (Solution for bowel problems)

#बार बार मल त्यागने की समस्या से छुटकारा कैसे पायें? In hindi.



How to get rid of the problem of frequent bowel movements?  In hindi.

#Dr.virenderMadhan

बार बार मल त्यागने की समस्या से छुटकारा

#बार बार मल त्यागने की समस्या का कारण:-

Causes of frequent bowel movements:-

- पाचन तंत्र के खराब होने के कारण शरीर से मल निकलने की मात्रा बहुत कम हो जाती है और मल निकालने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है।

*मल त्यागने की बार बार समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि 

- मधुमेह, आंत की समस्याएं, तनाव आदि। इसलिए, बार बार मल त्यागने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। वे आपको विस्तार से जांच करेंगे और आपकी समस्या के कारण और उपचार के विकल्पों को देखेंगे।

- कुछ उपाय जो आप अपना सकते हैं ताकि बार बार मल त्यागने की समस्या कम हो जाए, वे हैं:

- पूरे दिन में पर्याप्त पानी पिएं। इससे आपके शरीर से अधिक तरल निकलेगा और मल बनाने में मदद मिलेगी।

#बार बार लैट्रिन जाने से छुटकारा कैसे पाएं?

How to get rid of frequent going to the latrine?

इस समस्या से बचने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। फाइबर से भरपूर खाद्य पर्दा‍थों में नाशपाती, सेब, मटर, ब्रोकोली, साबुत अनाज, सेम और दालें शामिल है। साथ ही आहार में दही, कच्चे सलाद, अदरक, अनानास, अमरूद, अजमोद आदि को शामिल करें।

- फल, सब्जियां, अनाज आदि जिनमें फाइबर होता है, का सेवन करें। फाइबर, मल बनाने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

- आपके खाने के समय थोडा विश्राम  करें। इससे आपके शरीर का पाचन ठीक से होता है जिससे मल बनाने में मदद मिलेगी।

- व्यायाम करें। योग और व्यायाम मल बनाने में मदद करते हैं।

- नियमित आहार लें और नाश्ता न करे,

- उत्तम तरीके से सोएं। समय पर सोना और पर्याप्त नींद लेना आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है।

- आपको तंत्रिका उत्तेजना के साथ अधिक संबंध बनाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे आपके शरीर में मल बनाने की समस्या हो सकती है।

- आपको अपने डाइट में जंक फूड, मिठाई, चाय और कॉफी जैसी चीजें कम करनी चाहिए। इन खाद्य पदार्थों में उच्च तापमान और तरल पदार्थ होते हैं जो मल बनाने में मदद करते हैं।

- जरूरत के अनुसार लैक्टोज और ग्लूटेन जैसे खाद्य पदार्थों से बचें।

[- आप डॉक्टर की सलाह पर खाद्य पदार्थों में फाइबर या एंजाइम सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।]

#बार बार मलत्याग का आयुर्वेदिक उपाय:-  

Ayurvedic remedy for frequent bowel movements: -

– ईसबगोल 4 ग्राम को 40 ग्राम गरम जल में भिगो दें। शीतल हो जाने पर उसमें 10 ग्राम नारंगी या अनार का शर्बत मिलाकर कुछ ही दिनों में यह समस्या दूर हो जाती है। -पिप्पली, भांग तथा सोंठ के समभाग चूर्ण को शहद के साथ सेवन करते रहने से भयंकर संग्रहणी में भी लाभ हो जाता है।

- इन उपायों से आप बार बार मल त्यागने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन आपको अपने चिकित्सक की सलाह का पालन करना चाहिए और यदि यह समस्या जारी रहती है तो वे और जांच करेंगें।


#बार बार लैट्रिन जाने से क्या खाना चाहिए?

- ज्यादा से ज्यादा करें पानी पिएं पेट खराब होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है. 

- अदरक भी फायदा करेगा-खराब पेट में अदरक का इस्तेमाल काफी कारगर होता है.

– दही -

 पेट दर्द में दही का इस्तेमाल काफी फायदेमंद रहता है. 

– केला खाना भी सही रहेगा 

– जीरा को अनदेखा नहीं कर सकते, जीरा सब्जी मे या छाछ मे मिला कर लें।

#क्या छाछ दस्त के लिए अच्छा है?

#Is buttermilk good for diarrhoea?

अधिकतर बच्चे घर में उपलब्ध प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तरल पदार्थों को पीकर ही दस्त से ठीक हो जाएंगे। ऐसे तरल पदार्थों में नींबू का रस, नमकीन छाछ, नारियल पानी, चावल की कांजी, चीनी के साथ कमजोर चाय और स्तन का दूध शामिल हो सकते हैं।

#क्या दस्त में दही खा सकते हैं?

- दस्त होने पर खाने में चावल और मूंग दाल की पतली खिचड़ी दही के साथ खाएं. 


–दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट में गुड और बैड बैक्टीरिया के बैलेंस को ठीक करते हैं. इसलिए दही का सेवन जरूर करें.

#बार बार मलत्याग की समस्या है तो क्या न खायें?

- तले भोजन न करें'

पुरी,कचौड़ी, समोसा,पराठें आदि न खायें

- शराब, आदि नशा न करें 

-रात्रि में न जागें।

अधिक थकने का काम न करें.

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,