गोदन्ती (हरताल) भस्म
#गोदंती के विषय में आयुर्वेदिक जानकारी।
#Dr_Virender Madhan.
Contains
गोदंती क्या है?
गोदंती का शोधन
गोदंती का मारण
गोदंती भस्म के गुण
* गोदंती:-
यह अपने नाम से प्रसिद्ध है। बाजार में पत्रमय-शीला या पाशेदार टुकड़ों के रूप में यह मिलती है। औषधि के लिऐ दोनों का प्रयोग होता है।
- मुंबई में इसे घापाण तथा दक्षिण भारत के सिद्ध संप्रदाय में इसे कर्पूर शिला एवं अंग्रेजी में से जिप्सम ( Gypsum) कहते हैं।
#गोदंती का शोधन विधि :-
अच्छी गोदंती को गर्म पानी से धोकर साफ करके धूप में सुखाकर रख लें।
#गोदंती भस्म बनाने की विधि :-
जमीन में एक हाथ दे गहरा गड्ढा बना उसका चौथाई भाग कण्डो से भरकर उस पर गोदंती के टुकड़ों को अच्छी तरह बिछा दें और ऊपर कण्डो से शेष भाग को भरकर आँच दें। स्वांग शीतल होने पर कण्डों की राख को सावधानी से हटाकर गोदंती भस्म को निकाल चंदनादि अर्क (उत्तम चंदन का चूर्ण, मौसमी गुलाब तथा केवड़ा, वेदमुश्क का मौलसरी और कमल के फूल सबको एकत्र कर उसमें 8 गुना पानी डालकर भवके से आधा अर्क खींचे) इसमें या ग्वारपाठा (घृतकुमारी) के रस में घोंटकर टिकिया बना कर धूप में सुखाएं, जब टिकिया खूब सूख जाए तो सराब-संपुट में बंद कर लघुपुट में फूँक दें। यह स्वच्छ-सफेद और बहुत मुलायम भस्म तैयार होगी।
दूसरी विधि :-
गोदंती के टुकड़ों के ऊपर-नीचे ग्वारपाठे का गुदा लगाकर हंडिया में रखकर गजपुट में पुट देने से एक-दो पुट में ही उत्तम भस्म बनकर तैयार हो जाती है।
गोदंती भस्म के गुण और उपयोग
गोदन्ती से बनाई गई यह भस्म एक खनिज आधारित आयुर्वेदिक औषधि है। यह प्राकृतिक कैल्शियम और सल्फर सामग्री में समृद्ध है।
- आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार, गोदन्ती भस्म तीव्र ज्वर (आयुर्वेद में इसे पित्तज ज्वर के रूप में भी जाना जाता है),
* सिरदर्द, जीर्ण ज्वर, मलेरिया, योनिशोथ, श्वेत प्रदर, गर्भाशय से अत्यधिक रक्तस्राव, सूखी खाँसी और रक्तस्राव के विकारों के लिए लाभदायक है।आयुर्वेदिक चिकित्सक इसका उपयोग उच्च रक्तचाप, उच्च रक्तचाप के कारण सिरदर्द, अनिद्रा, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम, कब्ज, अपच, निम्न अस्थि खनिज घनत्व, ऑस्टियोपोरोसिस, खाँसी और दमा में भी करते हैं।
सामान्यतया इसका
अल्सर, बुखार, कास, सांस की समस्या, सिर दर्द, पुराना बुखार, सफेद पानी की समस्या, कैल्शियम की कमी, आदि में प्रयोग करने से फायदेमंद होता है। गोदन्ती भस्म के सेवन से शरीर ठंड़ा रहता है, पित्त कम रखने जैसे गुण पाए जाते हैं।
चेतावनी:-किसी भी द्रव्य या औषधी का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
डा०वीरेंद्र मढान
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