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मंगलवार, 24 मई 2022

Nason ki kamjori|नसों की कमजोरी के कारण, लक्षण और उपचार हिंदी में.

 #Nason ki kamjori|नसों की कमजोरी के कारण, लक्षण और उपचार  हिंदी में.



#Nervous Weakness in Hindi

Dr.Virender Madhan.

खराब जीवनशैली के कारण नसों की कमजोरी भी हो जाती  है। नसों की कमजोरी तंत्रिका संबंधी विकार है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। इस बारे में हम वर्णन करेंगे। यह विकार गंभीर इसलिए भी है, क्योंकि यह कई मानसिक और शारीरिक तकलीफों का कारण बन सकता है 

विषय सूची

नसों की कमजोरी क्या है – What is Nervous Weakness in Hindi

नसों की कमजोरी के कारण – Causes of Nervous Weakness in Hindi

नसों की कमजोरी के लक्षण – Symptoms Of Nervous Weakness in Hindi

नसों की कमजोरी के लिए आयूर्वेदिक चिकित्सा – Ayurveda For Nervous Weakness

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#नसों की कमजोरी क्या है – What is Nervous Weakness in hindi.

 नसों की कमजोरी है क्या?  नसें हमारे शरीर में किसी कम्प्यूटर के वायर की तरह काम करती हैं, जो शरीर की विभिन्न क्रियाओं को करने के लिए दिमाग तक संदेश पहुंचाती हैं। जब किसी वजह से ये नसें दिमाग तक ठीक तरह से संदेश पहुंचाने में विफल होती हैं या फिर नहीं पहुंचा पाती हैं, तो इसे ही नसों की कमजोरी के रूप में जाना जाता है। मानों जैसे कम्प्यूटर में लगा कोई वायर ब्रेक हो जाने के कारण कम्प्यूटर ठीक से काम करना बंद कर देता है। यह विकार शरीर के एक या कई हिस्सों को प्रभावित कर नसों को कमजोर बना सकता है। 

#नसों की कमजोरी के कारण – Causes of Nervous Weakness in Hindi

- ज्यादा टेंशन में रहने, -अनहेल्दी फूड खाने  -फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा करने से.

- शरीर पर आने वाली चोट के कारण नसों में सूजन से

- डायबिटीज की समस्या के कारण नसों में होने वाली क्षति।

- हाई ब्लड प्रेशर या आर्टरी वॉल के अंदर फैट का जमाव।

-ऑटोइम्यून डिजीज के कारण, जिसमें गलती से प्रतिरोधक तंत्र अपने ही टिशू को नष्ट करने लगता है।

-किसी संक्रामक बीमारी के कारण, जिसका सीधा प्रभाव नसों की कार्यक्षमता पर पड़े।

- शरीर में हार्मोन असुंतलन की स्थिति भी नसों में कमजोरी की वजह बन सकती है।

-किडनी और लिवर से संबंधित विकार के कारण 

-अत्यधिक शराब का सेवन से

- पोषक तत्वों की कमी के कारण।

- ट्यूमर या कैंसर जैसी घातक बीमारी के कारण।

#नसों की कमजोरी के लक्षण – Symptoms Of Nervous Weakness in Hindi.

- नसें कमजोर हो रही हैं तो एक बड़ा संकेत है कि व्यक्ति की याद्दाश्त घटने लगती है। चक्कर आना भी एक महत्वपूर्ण लक्षण है 

- नसों में जान महसूस न होना।

- प्रभावित हिस्से में अत्यधिक दर्द या मरोड़।

- नसों में तनाव महसूस होना।

- हाथ या पैर में संवेदनहीनता।

- अत्यधिक पसीना आना।

- अनियंत्रित बल्ड प्रेशर।

- पेट से संबंधित विकार।

- स्पर्श को महसूस करने की शक्ति कमजोर होना।

#नसों में ताकत लाने के लिए क्या करें?

- सेंधा नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट पाया जाता है,

सेंधा नमक सूजन को कम करता है।

सेंधा नमक के पानी से नहाने से नसों और मांसपेशियों की कमजोरी को दूर किया जाता है। 

- वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें .

-रोगी को हाइड्रेटेड रहना चाहिए

- आलस छोडे,गतिशील रहें .

- धूम्रपान न करें.

#नसों को मजबूत बनाने के लिए क्या खाएं?

 नसों को मजबूत बनाने के लिए फूड्स|Foods for veins:

बादाम – 

 इसके नियमित इस्तेमाल से कई फायदे होते हैं. रोज बादाम खाने से लोगों की कमजोरी दूर होती है. इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल भी ठीक रहता है. बादाम हमारे वजन को भी बढ़ने से रोकता है.

- बहुत सारा फाइबर खाएं फाइबर पाचन तंत्र को सही ढंग से काम करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है.

- विटामिन सी और विटामिन ई का वाली चीचें सेवन करें।

अनार 

अनार में एंटीऑक्सीडेंट्स और नाइट्रेट्स उच्च मात्रा में होते हैं, जो कि रक्त वाहिकाओं (नसों) को रिलैक्स करने और खोलने में मदद करते हैं.

प्याज और लहसुन का प्रयोग करें ।

विटामिन-सी वाले फूड्स.

#नसों की कमजोरी के लिए आयूर्वेदिक चिकित्सा – Ayurveda For Nervous Weakness

आयुर्वेद के अनुसार नसों की कमजोरी को वात विकारों मे गिना है।

वात विकारों में अभ्यंग|मालिस करना और वस्तिकर्म को उत्तम माना है।

आयुर्वेदिक ऑयल मसाज के लिऐ बहुत से तैल उपलब्ध है

जैसे न्यूमोस आयल,

 महानारायण तैल,बलादितैल, अश्वगंधादि तैल,आदि इन तैलो की मालिस करने से नाडीयों को बल मिलता है।

घरेलू मसाज आयलः

एरण्ड तैल,सरसौ का तैल और तिल तैल मिलाकर शरीर पर मालिस की जाती है।

मगर नसों में अधिक दर्द रहता है तो इसमें पुदीने का तेल मिलाकर प्रयोग कर सकते है।

-कुटकी का तैल पेट पर मालिस करनें से स्नायु को बल मिलता है।

* कुछ आयुर्वेदिक औषधियोंः

अश्वगंधा चूर्ण,

बलामूल चूर्ण,

पुष्टि कैपसूल,

अर्थो-जी कैपसूल

शिलाजीत कैपसूल

नोटः- कोई भी औषधि प्रयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य करें।


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