#गोमूत्र चिकित्सा के 11 फायदे.in hindi.
Gau mutra chikitsa ke 11fayde.in hindi.
#Dr.VirenderMadhan.
11 benefits of cow urine therapy.in hindi.
गोमूत्र:-
आयुर्वेद अनुसार गौ की महिमा लिखी है।
उनके दूध, दही़, मक्खन, घी, छाछ, मूत्र आदि से अनेक रोग दूर होते हैं।
गोमूत्र का आयुर्वेद और अन्य शास्त्रों में चिकित्सकीय महत्व बताया गया है।
#गौ मूत्र पीने से क्या फायदा होता है?
गोमूत्र दर्दनिवारक होने के साथ ही गुल्म, पेट के रोग, आनाह, विरेचन कर्म, आस्थापन, वस्ति आदि बीमारियों का नाश करता है। आयुर्वेद में गोमूत्र से कुष्ठ तथा अन्य चर्म रोगों का उपचार किया जाता है। श्वास रोग,आंत्रशोथ, पीलिया भी गोमूत्र से नष्ट होते हैं।
गोमूत्र एक महौषधि है।
इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम क्लोराइड, फॉस्फेट, अमोनिया, कैरोटिन, स्वर्ण क्षार आदि पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं इसलिए इसे औषधीय गुणों की दृष्टि से महौषधि माना गया है।
गोमूत्र के लाभ -
इससे सालों साल पुरानी कब्ज भी दूर हो जाती है जो हर रोग की मूल जड़ होती है। इससे कमर जोड़ों के दर्द के अलावा गाठिए और मोटापे का भी इलाज हो जाता है। वात रोगों भी इस प्रक्रिया से ठीक हो जाती हैं। गोमूत्र और गुड़ के मिश्रण से तैयार की गई औषधी से गठिया का कारगर इलाज होता है।
- गौमूत्र दर्दनिवारक, पेट के रोग, स्किन प्रॉब्लम , श्वास रोग (दमा), आंतों से जुड़ी बीमारियां, पीलिया, आंखों से संबंधित बीमारियां, अतिसार (दस्त) आदि के उपचार के लिये प्रयोग किया जाता है। - आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में तीनों दोषों की गड़बड़ी की वजह से बीमारियां फैलती हैं, लेकिन गौमूत्र पीने से बीमारियां दूर हो जाती हैं।
1. पेट में कृमि Worms -
1/2 चम्मच अजवाइन के चूर्ण के साथ 4 चम्मच गोमूत्र 1 सप्ताह सेवन करें।
2-Joits pain जोड़ों का दर्द -
जोड़ों में दर्द होने पर गोमूत्र का प्रयोग किया जा सकता है। सर्दी में जोड़ों का दर्द होने पर 1 ग्राम सोंठ के चूर्ण के साथ गोमूत्र का सेवन करें।
3. मोटापा obesity -
- आधे गिलास ताजे पानी में 4 चम्मच गोमूत्र, 2 चम्मच शहद तथा 1 चम्मच नींबू का रस मिलाकर नित्य सेवन करें।
4- चर्मरोग Skin diseases:-
नीम गिलोय क्वाथ के साथ सुबह-शाम गोमूत्र का सेवन करने से रक्तदोषजन्य चर्मरोग नष्ट हो जाता है।
- चर्मरोग पर जीरे को महीन पीसकर गोमूत्र मिलाकर लेप करना भी लाभकारी है।
5 - पीलिया (पांडूरोग)-
200-250 मिली गोमूत्र 15 दिन तक पिएं,
- उच्च रक्तचाप होने पर एक 1/4 प्याले गोमूत्र में एक चौथाई चम्मच फूली हुई फिटकरी डालकर सेवन करें
-दमा के रोगी को छोटी बछड़ी का 1 तोला गोमूत्र पीना लाभकारी होता है।
6- यकृत या प्लीहा बढ़ना-
5 तोला गोमूत्र में 1 चुटकी नमक मिलाकर पिएं या पुनर्नवा के क्वाथ को समान भाग गोमूत्र मिलाकर लें।
7 कब्ज या पेट फूलने पर -
- तीन तोला ताजा गोमूत्र छानकर उसमें आधा चम्मच नमक मिलाकर पिलाएं।
- बच्चे का पेट फूल जाए तो 1 चम्मच गोमूत्र पिलाएं।
- गैस की समस्या में प्रात:काल आधे कप गोमूत्र में नमक तथा नींबू का रस मिलाकर पिलाएं
8 गले का कैंसर -
100 मिली गोमूत्र तथा सुपारी के बराबर गाय का गोबर दोनों को मिलाकर स्वच्छ बर्तन में छान लें। सुबह नित्य कर्म से निवृत्त होकर निराहार 6 माह तक प्रयोग करें।
- गोमूत्र मे हल्दी पकाकर लेने से भी कैंसर मे लाभ मिलता है।
9 हृदयरोग -
4 चम्मच गोमूत्र का सुबह-शाम सेवन करना हृदय रोगियों के लिए लाभकारी होता है।
10 आंख के रोग -
आंख के धुंधलेपन एवं रतौंधी में काली बछिया के मूत्र को तांबे के बर्तन में गर्म करें। 1/4 भाग बचने पर छान लें और उसे कांच की शीशी में भर लें। उससे सुबह-शाम आंख धोएं।
11. दंत रोग -
दांत दर्द एवं पायरिया में गोमूत्र से कुल्ला करने से लाभ होता है।
- पुराना नजला, श्वास- गोमूत्र एक चौथाई में एक चौथाई चम्मच फूली हुई फिटकरी मिलाकर सेवन करें।
#गोमूत्र सेवन कब न करें?
*गोमुत्र लेते समय 7 जरूरी सावधानियां -
1 देशी गाय का गोमूत्र ही सेवन करें।
(गाय गर्भवती या रोगी न हो।)
2 जंगल में चरने वाली गाय का मूत्र सर्वोत्तम है।
3 1 वर्ष से कम की बछिया का मूत्र सर्वोत्तम है।
4 मालिश के लिए 2 से 7 दिन पुराना गोमूत्र अच्छा रहता है।
5 पीने हेतु गोमूत्र को 4 से 8 बार कपड़े से छानकर प्रयोग करना चाहिए।
मात्रा;-
बच्चों को 5-5 ml
बडो को 10-20 ml.
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