Guru Ayurveda

बुधवार, 31 मई 2023

झुर्रियां बनने के कारण इन हिंदी.

 #झुर्रियां बनने के कारण इन हिंदी.

झुर्रियां के कारण

#शरीर पर झुर्रियां क्यों पड़ती है?

<शरीर पर झुर्रियां|wrinkles>

#Dr.VirenderMadhan.

झुर्रियां बनने के कारण:-

झुर्रियां कई कारणों से पड़ सकती हैं। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:

उम्र:-

 वृद्धावस्था एक मुख्य कारण है जब झुर्रियां शुरू होती हैं। शरीर में कॉलाजन (collagen) और एलास्टिन (elastin) नामक तंत्रिका प्रोटीन होते हैं जो त्वचा को फिरसे ढ़ीलापन और सुप्ल बनाए रखते हैं। यह उम्र बढ़ने के साथ कम हो जाते हैं, जिससे झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं।

सूर्य की किरणें:–

 दिनभर धूप में लंबी समय तक रहने से, सूर्य की तेज धूप के कारण त्वचा के ऊपरी परत को नुकसान पहुंच सकता है। इसके परिणामस्वरूप, कॉलाजन और एलास्टिन के कमी होती है और झुर्रियां बनने शुरू हो जाती हैं।

धूम्रपान और नशीली दवाएं:–

   धूम्रपान करने से और नशीली दवाओं का उपयोग करने से त्वचा की रक्षा के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है। इसके परिणामस्वरूप, झुर्रियां जल्दी दिखाई देती हैं।

 वजन घटाना:–

यदि व्यक्ति आपातकालीन रूप से वजन घटाता है, तो उसके शरीर में स्किन लूज होने और झुर्रियों की प्रारंभिक दिखाई देने की संभावना होती है। शरीर की चर्बी के कम हो जाने से, त्वचा को उसकी पूर्वस्थिति को बनाए रखने के लिए आवश्यक पोषण तत्वों की कमी हो सकती है। इसके कारण त्वचा कमजोर हो जाती है और झुर्रियां उत्पन्न हो सकती हैं।

खराब आहार:–

 अनुपयुक्त आहार और पोषणहीनता भी झुर्रियों के आविष्कार का कारण बन सकते हैं। शुगर, बेकरी उत्पाद, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, तला हुआ खाना, तेजी से खाना आदि का सेवन करने से त्वचा के लिए आवश्यक पोषण तत्वों की कमी होती है और झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं।

स्किन केयर की कमी:–

 सही स्किन केयर के अभाव में त्वचा को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक नियमित साफ़-सफाई, मोइस्चराइज़र का उपयोग, सूर्य से बचाव, त्वचा को प्राकृतिक पोषण प्रदान करने वाले आहार का सेवन आदि करने की जरूरत होती है। यदि आप स्किन केयर के अपेक्षित नियमित रूप से पालन नहीं करते हैं, तो आपकी त्वचा कमजोर हो सकती है और झुर्रियां बढ़ने की संभावना होती है।

धर्मपत्नी की परेशानियां:–  

        * शोध में पाया गया है कि विवादास्पद संबंधों या विवादों में रहने वाले लोगों में झुर्रियों की बढ़ती है। 

तनाव और चिंता के कारण,:–

 शरीर के अंगों के चारों ओर झुर्रियां बढ़ सकती हैं।

इन सभी कारणों से साथ ही, व्यक्ति के जीवनशैली, आहार, तंबाकू और अल्कोहल का सेवन, त्वचा का अवयवों और विशेषताओं के रूप में जीनेटिक प्रभाव, त्वचा के साथ संपर्क में आने वाली धूल और मायक्रोब्योम, त्वचा को प्रभावित कर सकते हैं।


झुर्रियों को प्राकृतिक रूप से रोकने और कम करने के लिए, आपको अपने त्वचा की देखभाल पर ध्यान देना चाहिए। स्किन को नमी देने के लिए नियमित रूप से मोइस्चराइज़र का उपयोग करें, सूर्य की किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए।

धन्यवाद!

#डा०वीरेंद्र मढान,

अनार के छिलके|Anar ke chilke kaise khaye,

 अनार के छिलके|Anar ke chilke kaise khaye,

#अनार के छिलके को कैसे इस्तेमाल करें?

#अनार के छिलके|Pomegranate Peels

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#Dr.VirenderMadhan.

•अनार के छिलकों का उपयोग भी बहुत स्वास्थ्यकर हो सकता है।इन्हें बेकार समझकर बाहर न फैंकें, आपके लिए यह बहुत उपयोगी हो सकता है। 

#अनार के छिलकों के कुछ उपयोग :–

* त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए:–

 अनार के छिलकों में गुणकारी तत्व होते हैं जो त्वचा को निखारने और सुंदर बनाने में मदद कर सकते हैं। हम अनार के छिलकों को पीसकर पेस्ट बना सकते हैं और इसे चेहरे पर लगा सकते हैं। यह त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाने में मदद कर सकता है और मुंहासे, दाग-धब्बे और झाइयां जैसी समस्याओं को कम करने में सहायता प्रदान कर सकता है।

* दांतों के स्वास्थ्य के लिए:–

अनार के छिलकों को दांतों पर रगड़ने से दांतों की सफाई में हो जाती है। यह दांतों की मसूड़ों को मजबूत बनाने में भी मदद कर सकता है।

*पाचन तंत्र के लिए:–

 अनार के छिलकों में एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद कर सकते हैं। आप अनार के छिलकों को सूखा करके पीस सकते हैं और फिर उन्हें मसाले के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इसे आप अपने भोजन में मिला सकते हैं या अन्य व्यंजनों में इस्तेमाल कर सकते हैं। 

* अनार के छिलकों में पाचन को बेहतर बनाने वाले एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करते हैं और अपच के लक्षणों को कम कर सकते हैं।

#युरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए:–

   अनार के छिलकों में उपस्थित तत्व युरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, अनार के छिलकों का सेवन गठिया और अन्य मूत्राशय संबंधी समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकता है।

#कब्ज़ को दूर करने के लिए:–

   अनार के छिलकों में प्राकृतिक फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद करती है और कब्ज़ से राहत दिलाती है। इसलिए, अनार के छिलकों का सेवन कब्ज़ को दूर करने और पेट स्वास्थ्य को सुधारने में मददगार हो सकता है।

    अनार के छिलकों को अच्छी तरह से धो लें और साफ पानी से धो लें, ताकि किसी कीटाणुओं की मौजूदगी की संभावना कम हो। अगर आप अनार के छिलकों को खाना चाहते हैं, तो आप उन्हें पहले सुखा लें और उन्हें चबाकर खा सकते हैं। आप भी अनार के छिलकों को पाउडर बना सकते हैं और उन्हें आपकी पसंदीदा रेसिपी में उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि शाकाहारी करी या धनिया-पुदीना चटनी।

>>अनार के छिलकों के सेवन से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना उचित हो सकता है, विशेषतः अगर आपको किसी खास रोग या एलर्जी की समस्या हो। अनार के छिलकों का सेवन कम मात्रा में शुरू करें और अपने शरीर की प्रतिक्रिया को ध्यान से निगरानी करें। यदि कोई अनुपातित प्रतिक्रिया होती है जैसे त्वचा रेशा, चकत्ते या अन्य अवसादी लक्षण, तो तुरंत इसका सेवन बंद करें और चिकित्सक से संपर्क करें।

कुछ प्रश्नोत्तर:-

Q:-अनार के छिलके के फायदे- 

 – खांसी और गले की खराश से दिलाए आराम खांसी और गले की खराश से आराम दिलाने में अनार का छिलका काफी फायदेमंद हो सकता है। 

– पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है

–शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है

– त्वचा का रंग साफ करताहै

Q:– अनार के छिलके का उपयोग कैसे करें?

Ans:– इसके पाउडर को पानी में मिला कर उसके गरारे करने से गले की खराश और खांसी से राहत मिलती है. विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है

– अनार के छिलकों में विटामिन सी पाया जाता है, जो घावों को हील करने और स्कार टिश्यूज को बनाने में मदद करता है.

 –विटामिन सी से इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है.

Q:–अनार के छिलके का फेस पैक

  Ans:–  इसके लिए एक-दो चम्मच अनार के छिलकों का पाउडर लें, इसमें गुलाब जल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इसे चेहरे पर लगाएं, 10-15 मिनट बाद सादा पानी से धो लें। मुलायम त्वचा के लिए आप इस फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Q:–गोरा होने के लिए फेस पैक कैसे बनाएं?

Ans:- इसके लिए आप

1 बाउल में बेसन, हल्दी और चंदन पाउडर डालकर इसे अच्‍छी तरह से मिला लें।

फिर दही और गुलाब जल को थोड़ा-थोड़ा करके तब तक मिलाएं जब तक कि पेस्ट न बन जाए।

इस पैक को चेहरे पर लगाएं।कुछ समय बाद इसे धीरे से साफ करें।

इस फेस पैक का इस्‍तेमाल करने के बाद टोनर और मॉइश्चराइजर लगाएं।

धन्यवाद!

मंगलवार, 30 मई 2023

सोने से कीमती केला के छिलके|Banana peel

 

सोने से कीमती केला के छिलके|Banana peel

#केले का छिलका मुंह पर रगड़ने से क्या होता है?

#कैसे काम करता है केले का छिलका?

– मुंहासों के दाग चेहरे से कम करता है. 

– यह आगे होने वाले मुंहासे को भी आने से रोकता है. 

– यह एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी की भरपूर होती है, जो त्वचा की इलास्टिसी को बढ़ाने में मदद करता है त्वचा को नर्म बनाता है  

– झुर्रियों को कम करता है.

#केले के छिलके चेहरे पर लगाने से क्या होता है?

-मुंहासों की समस्या के लिए केले के छिलकों का फेस पैक फायदेमंद होता है। 

- यह एंटी-एक्ने काम करता है,  - केले में जिंक एलिमेंट भी होता है, जिसे मुंहासे के इलाज के लिए जाना जाता है 

#केले के छिलके खाने से क्या होता है?

- पाचन के लिए अच्छा होता है

- केले का छिलका फाइबर से भरपूर होता है और अगर इसका रोज सेवन किया जाए तो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है. 

- ये कब्ज और दस्त की समस्याओं को दूर करता है. अगर आपको इरिटेबल बोल सिड्रोम की समस्या है तो केले के छिलके का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए.

#केले के छिलके को चेहरे पर कैसे लगाए?

कैसे करें इस्तेमाल –

केले के छिलके को छोटे टुकड़े काट लें. पहले चेहरे को साफ कर लें ताकि आपकी त्वचा पर कोई धूल या पसीना न हो. अब केले के छिलके का पीस लें और चेहरे पर मसाज करें. 

#तत्काल चमक के लिए केले के फेस पैक कैसे बनाये?

* एक पका केला लें और उसमें 2 से 3 चम्मच चावल का आटा और 1 चम्मच शहद मिला दें. अब इस पेस्ट को चेहरे और गले पर लगाएं और 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें. बाद में चेहरे को ठंडे पानी से धो दें. कुछ ही आपको चेहरे पर फर्क नजर आ जाता है।

#केले के छिलके की चाय कैसे बनायें?

banana peel tea

बनाने की विधि:-

- केले के छिलकों के टुकड़ों में काट कर उबलते पानी में डालते है. जब यह अच्छे से उबल जाए, तो इसे कप में इसे छान लें। फिर इसमें दालचीनी और शहद मिलाएं और पी लें।

- यह  दिल की बीमारियों से बचाता है

शनिवार, 27 मई 2023

बच्चे का वजन कैसे बढायें हिंदी


 #बच्चे का वजन कैसे बढायें हिंदी में.

प्रश्न-बच्चों को खाया पीया नही लगता क्या करें?

प्रश्न-बच्चे का वजन कैसे बढ़ाएं   प्रश्न-बच्चों की हेल्थ बनाने के क्या उपाय है?

प्रश्न-क्या घी या मक्खन का सेवन शिशु का वजन बढ़ा सकते है?

प्रश्न-क्या मेवा जैसे काजू और बादाम दें कर शिशु को स्वस्थ कर सकते है?

प्रश्न-क्या अण्डा और आलू शिशु का वजन बढ़ाने के लिए दे सकते है ?

प्रश्न-क्या मलाई वाला दूध पिलाकर बच्चे को मोटा कर सकते है?

By--Dr.VirenderMadhan.

इस प्रकार के प्रश्न हमसे रोज पुछे जाते है।

लेकिन सब से पहले बच्चे हेल्दी क्यों नही हो रहे है उनके कारण का पता करना चाहिए।

#बच्चों को खाया पीया न लगने के मुख्य कारण:-

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- लीवर का कमजोर होना।

- समय पर भुख न लगना।

- कुपोषण

- बच्चों को हर समय कुछ न कुछ खिलाते रहना।

- कोई बीमारी होना।

[कारण का पता करने के लिए एक बार अपने चिकित्सक को जरूर दिखायें।]

#क्या घी या मक्खन का सेवन शिशु का वजन बढ़ा सकते है?

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हां..अगर बच्चे का पाचन (डाइजेशन) ठीक है तो उसकी उम्र के अनुसार मक्खन दिया जा सकता है।

- शिशु का वजन, दाल का प्रोटीन बढ़ाता है दाल खिलायें।

- अगर बेबी का वजन नहीं बढ़ रहा है तो केला खिलायें।

- आप खिचड़ी, दाल, चावल में देसी घी डालकर बच्चों को खिला सकते हैं। 

- आप बच्चों को अरहर, मूंग दाल खिला सकते हैं।

-  केला खिलायें

केला पोटैशियम, विटामिन सी, विटामिनी बी6 और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है।

-  दालें –

दालों में प्रोटीन, मैग्‍नीशियम, कैल्शियम, आयरन, फाइबर और पोटैशियम होता है।

* कुछ अन्य वजन बढाने वाले पदार्थ:-

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- मलाई सहित दूध,:-

 बच्चे का वजन अगर कम है तो उसे मलाई वाला दूध पिलाना सही माना जाता है। 

- अंडे :-

अंडे प्रोटीन से भरपूर होते हैं। 

- आलू :-

आलू वजन बढ़ाने के लिए उपयोगी होते हैं। 

- शकरकंद :-

शकरकंद फाइबर, पोटेशियम, विटामिन ए,बी और सी से भरपूर होते हैं। 

- बच्चों को दही खिलायें।

- समय पर भोजन कराये

- समय पर बच्चे को सोने दे -नीद भी स्वस्थ्य के लिऐ बहुत जरुरी होता है।

गुरुवार, 25 मई 2023

मोर्निंग वाकिंग के 5 फायदे (Benefits of Morning Walking)


 #मोर्निंग वाकिंग के 5 फायदे (Benefits of Morning Walking)

[मोर्निंग वाकिंग]

#Dr.VirenderMadhan,

मोर्निंग वाकिगं करने के 5 फायदे–

सुप्रभात! इस सवाल का जवाब देने के लिए आपको मॉर्निंग वाकिंग (Morning walking) के 5 फायदों के बारे में बताता हूं:–

1–स्वास्थ्य सुधार:–

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 मोर्निंग वाकिंग आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है। यह आपकी रक्त संचार को बढ़ावा देती है, हृदय की सेहत को सुधारती है और मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करती है। यह आपको दिनभर ताजगी और ऊर्जा प्रदान करने में मदद करती है।

2–वजन कम करने में सहायता:–

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 यदि आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो मोर्निंग वाकिंग आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे आपकी कैलोरी खपत बढ़ती है और आपके शरीर के वसा को कम करने में मदद मिलती है।


3–मानसिक स्थिरता:

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 मोर्निंग वाकिंग मानसिक स्थिरता को बढ़ाने में मदद कर सकती है। इसके द्वारा आपके मस्तिष्क को शांति मिलती है और तनाव कम होता है। यह आपके मन को सकारात्मक रखकर आपकी मनोदशा को सुधार सकती है।

4–एंटी-एजिंग लाभ:

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 मोर्निंग वाकिंग समय आपके त्वचा को फायदेमंद ढंग से प्रभावित कर सकती है। वाकिंग करने से आपकी शरीर के अंदर ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, जिससे त्वचा की धूम्रपान क्षमता बढ़ती है। इसके फलस्वरूप, आपकी त्वचा स्वस्थ और चमकदार दिखती है और उसमें झुर्रियाँ और अनियमितताओं की कमी होती है।

5–संपूर्ण दिन के लिए ऊर्जा: 

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मोर्निंग वाकिंग आपको संपूर्ण दिन के लिए ऊर्जा प्रदान करती है। जब आप सुबह उठते हैं और वाकिंग करते हैं, तो आपकी शरीर की गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है और यह आपको दिनभर तरोताजगी और कार्यक्षमता के साथ रखता है। इसके अलावा, वाकिंग करने से आपकी नींद का प्रबंधन बेहतर होता है, जिससे आप रात्रि को अच्छी तरह सोते हैं और सकारात्मक दिनचर्या बना पाते हैं।

* ये थे मोर्निंग वाकिंग करने के 5 फायदे। सुबह की सैर आपकी शारीरिक, मानसिक और तात्कालिक प्रदर्शन को सुधार सकती

प्रश्नोत्तर:–

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Q:-मॉर्निंग वॉक के अन्य फायदे

कुछ मॉर्निंग वॉक के फायदे – Benefits of Morning Walk in Hindi

- वजन घटाने के लिए .

-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

-गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाए .

-हृदय स्वास्थ्य को सुधारे .

-कैंसर के जोखिम को कम करे .

- दिमागी कार्यक्षमता बढ़ाए .

-डिप्रेशन से राहत दिलाए .

-मधुमेह को नियंत्रित करे .

Q:–रोज मॉर्निंग वॉक करने से क्या होता है?

मॉर्निंग वॉक आपके दिन की शुरुआत और अंत अच्छे मूड में करती है । वे आपकी रचनात्मकता में भी मदद कर सकते हैं।

- उठने और हिलने-डुलने से आपको बैठने की तुलना में अधिक रचनात्मक होने में मदद मिलती है।

- टहलना आपको बेहतर नींद लेने में भी मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप अगली सुबह आपका मूड बेहतर होता है।

धन्यवाद

#डा०वीरेंद्र मढान,

अच्छी lifestyle को कैसे बनाए रखें?

 #अच्छी lifestyle को कैसे बनाए रखें?

#अच्छी lifestyle कैसे बनाएं?

[स्वस्थ जीवन शैली|healthy lifestyle]

#Dr.VirenderMadhan.

#अच्छी lifestyle को बनाए रखने के लिए, यहां 15 सूत्र हैं:

1–*स्वस्थ आहार|Healthy Diet:-

 संतुलित और पौष्टिक आहार खाना एक अच्छी lifestyle का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपने भोजन में सब्जियां, फल, पूरे अनाज, प्रोटीन, हेल्दी तेल और पर्याप्त पानी शामिल करें।

2–*नियमित व्यायाम|Regular exercise:-

 दिन में कुछ समय व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। योग, ध्यान, संभ्राम, वॉकिंग, जॉगिंग, स्विमिंग जैसे शारीरिक गतिविधियां शामिल करें।

3–*पर्याप्त नींद|Enough Sleep:-

 आवश्यक मात्रा में नींद लेना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। सात-आठ घंटे की नींद प्राप्त करने का प्रयास करें।

4–*मनोयोग|meditation:-

 मनोयोग तकनीकों जैसे मेडिटेशन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से अपने मन को शांत और स्थिर रखें। यह तनाव को कम करने, मन को ताजगी प्रदान करने और मानसिक चेतना को विकसित करने में मदद करता है।

5–*नकारात्मकता को कम करें|Reduce negativity :- 

नकारात्मकता, चिंता और तनाव आपके जीवन को अस्वस्थ बना सकते हैं। सकारात्मक सोच, स्वस्थ मनोवृत्ति और उन्नत जीवन दृष्टिकोण विकसित करने के लिए कोशिश करें।


6–*स्वास्थ्य जांच|Health check up:-

 नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं और अपने शारीरिक स्वास्थ्य को निरीक्षण करें। यदि कोई समस्या हो, तो उसका समय पर इलाज कराएं।

7–*संतुलित कार्य और छूट|Balancing Work and Discounts:-

 अपने कार्य और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें। अवकाश, मनोरंजन और सामाजिक सक्रियताओं के लिए समय निकालें।

8–*स्थायित्व और नियमितता|Stability and regularity:- 

नियमितता और स्थायित्व का पालन करें। एक नियमित दिनचर्या, नियमित समय पर उठना और सोना, भोजन के नियमित समय और स्वनिर्धारित व्यायाम अपनाएं।

9–*समय का उपयोग|Use of time:-

 समय को समझें और उसे सद्यस्थ रूप से उपयोग करें। आपके लक्ष्यों, प्राथमिकताओं और आपके आप को समृद्ध करने के कामों के लिए समय निर्धारित करें।

10–*सोशल मीडिया की सीमा|Social media limits:- 

सोशल मीडिया का मात्रात्मक और नियमित उपयोग करें

11–*संगठन स्तर बनाएं|Create organization level :-

 अपने जीवन को संगठित रखें। कार्यसूची, कैलेंडर, और नोट्स का उपयोग करें ताकि आप अपने कार्यों को संगठित रूप से नियंत्रित कर सकें।

12–*स्वतंत्र समय|Free time:-

 अपने जीवन में स्वतंत्र समय को महत्व दें। यह आपको अपनी प्रिय गतिविधियों के लिए समय निकालने और स्वाधीनता का आनंद लेने में मदद करेगा।

13–*संबंधों की देखभाल|Relationship care:-

 परिवार, मित्र, और प्रियजनों के साथ संबंधों को महत्व दें। नियमित रूप से समय बिताएं, संवाद करें, और एक-दूसरे का समर्थन करें।

14–*स्वतंत्रता की आदत|Habit of freedom:-

 आपकी खुशहाली के लिए स्वतंत्रता और स्वाधीनता की आदत विकसित करें। स्वतंत्र विचारों का समर्थन करें, अपनी रुचियों और आपकी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करें।

15–*आनंद और मनोरंजन|Fun and entertainment:-

 आपके जीवन में आनंद और मनोरंजन को महत्व दें। यह आपको स्त्रोतों से आकर्षित रखेगा, नई गतिविधियों को अनुभव करने का मौका देगा, और आपकी मनोरंजन की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। यह फिल्में देखना, किताबें पढ़ना, संगीत सुनना, कला और शिल्प के प्रति रुचि रखना जैसी गतिविधियों को शामिल कर सकता है।


ये 15 सूत्र एक अच्छी lifestyle को बनाए रखने के लिए मददगार हो सकते हैं। हाथापाई और अभ्यास के माध्यम से इनका पालन करें और नए स्तर पर अपने जीवन को सुधारें। ध्यान दें कि हर व्यक्ति की आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए अपने व्यक्तिगत संदर्भों के अनुसार इन सूत्रों को अनुकूलित करें।

कुछ प्रश्नोत्तर

Q:–हेल्दी लाइफ कैसे जिए?

Healthy Lifestyle Tips:– सेहतमंद ज़िंदगी के लिए लाइफस्टाइल में लाएं ये 6 आसान बदलाव!

1-सुबह जल्दी उठना .

2- वर्कआउट ज़रूर करें .

3- हेल्दी नाश्ता करें .

4–बाहर का खाने से परहेज़ करें .

5-रात का खाना देर से न खाएं .

6-समय से सोएं और पूरी नींद लें

Q:–स्वस्थ जीवन शैली का क्या महत्व है?

[स्वस्थ रहने के लाभ]

*मानसिक रूप से बेहतर महसूस करना - 

नियमित व्यायाम आपके मूड को बेहतर कर सकता है और आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। 

*पैसा बचाना - 

 जंक फूड खाना, धूम्रपान करना और शक्करयुक्त पेय या शराब पीना सभी महंगी आदतें हैं। 

*कम स्वास्थ्य समस्याएं -

 एक स्वस्थ जीवन शैली जीने का अर्थ है कई विकसित होने का कम जोखिम होना,

Q:–जीवन शैली की सबसे अच्छी परिभाषा क्या है?

जीवन शैली एक व्यक्ति, समूह, या संस्कृति की रुचियों, विचारों, व्यवहारों और व्यवहारिक उसके रहन-सहन के ढंग को जीवन शैली कहते है - जीवनशैली को काम और अवकाश व्यवहार और गतिविधियों, दृष्टिकोण, रुचि, राय, मूल्यों और आय के आवंटन में व्यक्त किया जाता है।

धन्यवाद!

#डा०वीरेंद्र मढान,

बुधवार, 24 मई 2023

#बुद्धि कैसे बढ़ाएं?In hindi.

 #बुद्धि कैसे बढ़ाएं?In hindi.



 # आयुर्वेद से बुद्धि कैसे बढ़ाएं ?In hindi.

 #Dr.VirenderMadhan. 

#मेध्य (बुद्धि बढाने वाली औषधि)brain enhancer, 

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[बुद्धि कैसे बढ़ाएं?] 

विषय सूची:- 

*मेध्य (बुद्धि बढाने वाली औषधि)brain enhancer, के नाम, 
*दिमाग को तेज करने वाली कौन सी दवा है? 
*दिमाग को बढाने के लिये क्या खायें? 
*बुद्धि को बढाने के लिए क्या करें? 
*आयूर्वेद मे ब्रेन टॉनिक क्या है? 
*आयुर्वेदिक बुद्धि बर्द्धक औषधि  
*कौन सा फल खाने से दिमाग तेज होता है? 
*बुद्धि बढ़ाने के हैं ये 6 बेहतरीन तरीके

 #स्मरणशक्ति एवं बुद्धि बढ़ाने वाली आयुर्वेद औषधियां व जड़ी बूटियाँ- 

जैसे
  शंखपुष्पी, बच, शतावरी, ज्योतिष्मती, अश्वगंधा, आंवला, शहद आदि और खाद्य-पदार्थों में अनार, बथुवा, जौ , लहसुन, सैंधा नमक, गाय का दूध और घी, मालकांगनी, आदि बुद्धि-वर्धक हैं। 

#दिमाग को तेज करने वाली कौन सी दवा है? 

मस्तिष्क के लिए बेहतरीन टॉनिक है 

ब्राह्मी  - 

ब्राह्मी मस्तिष्क के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक औषधि मानी जाती है. अगर आप ब्राह्मी के अर्क का सेवन हर रोज नियमित रूप से करते हैं, तो इससे आपकी याददाश्त तेज, अल्जाइमर, सोचने-समझने की क्षमता, व्यवहारिक दक्षता आदि को बढ़ाने में सहायता मिलती है. 

#दिमाग को बढाने के लिये क्या खायें? 

कमजोर दिमाग को तेज करने के लिये अपने भोजन में शामिल करें. केले, ब्रोकोली और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां डाइट , तेज दिमाग के लिए पालक, केले, ब्रोकोली और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां सहायक होती हैं. अंडा का सेवन लाभदायक होता है. अखरोट खाने से दिमाग को बल मिलता है. 

#बुद्धि को बढाने के लिए क्या करें?

 - सही भोजन का सेवन करे . 
- रोजाना एक्सरसाइज करे. 
-समय पर , सही मात्रा में नींद ले.
 -  कुछ समय के लिए मनोरंजन करें.रोजाना गाने सुने ब्रेन गेम्स को खेले  

#आयूर्वेद मे ब्रेन टॉनिक क्या है? 

बीएचयू के आयुर्वेद विभाग के द्रव्य गुण विभाग में मण्डूकपर्णी के पौधे पर रिसर्च कर ब्रेन टानिक के रूप में उन गुणों को पाया गया है, जिनसे टेंशन, डिप्ररेशन, कमजोर यादाश्त से लड़ा जा सकता है। 
मण्डूकपर्णी के पौधे का रस दिमाग की इन्द्रियों को फ्रेश रखता है।  टेंशन और घबराहट के लिए 'ब्रेन टॉनिक' है 

#आयुर्वेदिक बुद्धि बर्द्धक औषधि :- 

- शंखपुष्पी सीरप
 - गुरु ब्रनिका सीरप 
- सारस्वतारिष्ट
 - अश्वगंधारिष्ट  

#कौन सा फल खाने से दिमाग तेज होता है? 

स्ट्रॉबेरी में सभी गुण होते हैं, जो आपके मानसिक संतुलन को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनॉएड्स मौजूद होता है, जो ब्रेन सेल्स को मजबूत करता है। दिमाग की शक्ति को बढ़ाता है। खासतौर से बढ़ते बच्चों के लिए स्ट्राबेरी खाना लाभदायक हो सकता है।

 #बुद्धि बढ़ाने के हैं ये 6 बेहतरीन तरीके - 

जीवन मे कुछ नया कीजिए . - 
- रोजना नियमित व्‍यायाम अपने बल के अनुसार करते रहें. 
- दिमागी कसरत करें जैसे पहेलियां सोल करना. - पोजेटिव सोच रखें। सकारात्‍मक सोच रखने से दिमाग की ताकत बढती है. 
 - सात्विक व स्‍वस्‍थ पोष्टिक आहार लेना चाहिए.  
- ज्ञान बर्द्धक ,मोटीवेशन करनेवाली किताब पढ़ें. धन्यवाद!

सोमवार, 22 मई 2023

जौ का सत्तू बनाने की आसान विधि. इन हिंदी.

 #जौ का सत्तू बनाने की आसान विधि

#जौ का सत्तू कैसे बनायें?

#Orgnaic Jaun Ka Sattu |जौ का सतू .

जौ का सतू बनाने के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी: –

सामग्री:-

जौ के दाने

चक्की या ब्लेंडर

विधि:–

सबसे पहले, जौ के दाने को धोकर अच्छी तरह से साफ कर लें।

अब, जौ के दानों को सुखाने के लिए उन्हें एक साफ सुखाने वाले थाली या किसी साफ जगह पर बिखेरें। इसे धूप में या अच्छी वेंटिलेशन वाले स्थान पर रखें और रोज़ाना बार-बार चेक करें कि दाने पूरी तरह से सूख रहे हैं।

जब जौ के दाने पूरी तरह से सूख जाएं, तो उन्हें चक्की या ब्लेंडर में डालें।

अब चक्की या ब्लेंडर को चालू करें और धीरे-धीरे जौ के दानों को पीसें। यदि आपका सतू थोड़ा कठोर हो रहा है, तो आप उसमें थोड़ा-थोड़ा पानी या दूध मिला सकते हैं।

जब जौ के दाने पूरी तरह से पीस जाएं और एक धूल बन जाए, तो आपका सतू तैयार है। आप इसे एक साफ और सुखे जार में स्टोर कर सकते हैं।

- यहाँ ध्यान दें कि जौ का सतू उत्पाद में जीरा, छोटी इलायची या काली मिर्च जैसे मसाले भी मिला सकते हैं, यदि आप चाहें तो। इसे पानी या दूध के साथ प्रयोग किया जा सकता है।

- जौ का सतू आपके भोजन के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प हो सकता है। आप इसे दूध, दही, या फलों के साथ मिलाकर शेक बना सकते हैं। इसे उबालकर, परांठा बनाकर, रोटी, डोसा, इडली आदि के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।

यह अच्छा विकल्प हो सकता है विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो ग्लूटेन का सेवन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि जौ ग्लूटेन-मुक्त अनाज होता है।

#सतू का शर्बत कैसे बनायें?

सामग्री:-

500 ग्राम जौ सतू

2-3 टी स्पून ब्राउन शुगर

1/2 नींबू का रस

1-2 चुटकी काला नमक या स्वादनुसार

1बड़ा कप पानी

3-4 बर्फ के टुकड़े

*******

<<सतू खाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना अच्छा होगा, विशेष रूप से यदि आपके पास कोई खाद्य एलर्जी या विशेष चिकित्सा स्थिति है।>>

#सतू का प्रयोग कैसे करें?

सतू को उपयोग करने के विभिन्न तरीके हैं। यहां कुछ सामान्य तरीके हैं जिनसे आप सतू का उपयोग कर सकते हैं:-

* सतू दूध शेक:-

 एक कटोरे में सतू और दूध को मिलाएं। इसमें चीनी या शहद डालकर अच्छी तरह से मिक्स करें। 

- इसे ब्लेंडर में पीसकर गाढ़ा और मुलायम शेक बना सकते हैं। इसे ठंडा करके पीयें।

*सतू का दोसा/चीला:-

 सतू को नमक और चटपटे मसालों के साथ गाढ़ा बैटर बनाएं। इसे तवे पर चटपटे दोसा या चीला के रूप में तलें। साथ में चटनी या सांभर सर्व करें।

*सतू की रोटी:–

 सतू को गेहूं आटे के साथ मिलाएं और नमक डालें। पानी के साथ गोंदे और बैलन या रोटी मेकर की मदद से पतली रोटी बनाएं। इसे तवे पर तलें और घी या मक्खन के साथ परोसें।

*सतू के लड्डू:-

 सतू को गुड़ या शक्कर के साथ मिलाएं और घी मिलाएं। इस मिश्रण को छोटे लड्डू के आकार में बांधें। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक मिठाई होगी।

*सतू की पूरी:-

 सतू को गेहूं के आटे के साथ मिलाएं और नमक डालें। इसमें थोड़ा सा तेल मिलाएं और पानी के साथ गोंदे ताकि एक मद्यम या मलाईदार आटा बने।

आटे को छोटे गोल पत्तियों में बांटें और इन्हें बेलन की मदद से पतली पुरियां बनाएं।

तवे को गर्म करें और इस पर पुरियों को तलें। साथ में ताजगी या आचार-चटनी सर्व करें।


ये थे कुछ सामान्य तरीके सतू का उपयोग करने के। आप सतू को अपने स्वाद और पसंद के अनुसार उपयोग करके और इसे अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार सामग्री के साथ मिलाकर विविध पकवान तैयार कर सकते हैं।

रविवार, 21 मई 2023

लिपिड गडबड हो जाये तो क्या होता है?


 #लिपीड विकार समस्याएं (Lipid Vikar Samasyaen)

#लिपिड गडबड हो जाये तो क्या होता है?

What happens if lipids get messed up?


लिपिड एक प्रकार का वसा है जो शरीर में पायी जाती है। यह शरीर के लिपिड मेटाबोलिज़म के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें खाद्य से प्राप्त होने वाले तत्वों को उन्हें संग्रहित करना और उन्हें उपयोग करना शामिल है।

लिपीड गडबड होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अधिक वसा खाना, आंतरिक रोग, यहां तक कि आनुवंशिक प्रभाव भी हो सकता है। इन्हें आमतौर पर "लिपीड विकार" कहा जाता है।

लिपीड गडबड हो जाने पर निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:–

*हार्ट रोग:–

 अधिक लिपीड उपलब्ध होने के कारण, आपकी धमनियों में तकलीफ हो सकती है और आपको हार्ट अटैक, दिल की बीमारी और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


* उच्च रक्तचाप:–

 अधिक लिपीड रक्तवाहिनियों को जमा कर सकती है जिससे आपके रक्तचाप में बढ़ोतरी हो सकती है। यह आपको हृदयाघात कर सकता है

*शरीर का वजन वृद्धि:–

 अधिक लिपीड आपके शरीर में जमा होने से आपका वजन बढ़ सकता है, जो ओबेसिटी या मोटापा की एक मुख्य कारण है।

*मेटाबोलिक सिंड्रोम:–

 यह एक समूह का रोग है जिसमें उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा स्तर, अधिक वजन, लिपीड विकार और मधुमेह के लक्षण शामिल हो सकते हैं।

* घातक फेफड़ों की बीमारियां:–

लिपीड गड़बडी के कारण, अनुचित लिपीड संघटकों की उपस्थिति श्वसन प्रणाली को प्रभावित कर सकती है, जिससे दमा, अस्थमा और अन्य श्वसन रोग हो सकते हैं।

*गंदगी वाली शरीर:–

 अधिक लिपीड के कारण, शरीर में वसा जमा हो सकती है, जिससे त्वचा की स्वास्थ्य बिगड़ सकती है और आपको त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे चर्बी की गाठें, एक्जिमा, और दाद आदि।

#लिपिड खराब होने के लक्षण:–

कुछ लक्षण इस प्रकार हो सकते है, जैसे–

- चलते हुए पैरों में दर्द या सूजन होना (Leg Pain or Swelling)

- छाती में दर्द और सीने में जकड़न (Chest Pain and Tightness)

- सांस लेने में तकलीफ होना (Shortness of Breath)

- गर्दन और पीठ में दर्द होना (Neck and Back Pain)

- अनिद्रा और थकावट (Insomnia and Exhaustion)

- अपच की समस्या और चक्कर आना (Indigestion and Dizziness)

- गर्दन की नसों में सूजन (Swelling of Neck Veins)

- दिल घबराना और उल्टी आना (Heartburn and Vomiting


** यदि आपको लगता है कि आपकी लिपीड में गड़बडी है, तो आपको अपने चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और उपयुक्त विशेषज्ञ सलाह देंगे। आपके चिकित्सक द्वारा निर्धारित उपचार आपकी स्थिति के आधार पर निर्धारित किए जाएंगे। यह उपचार आपके लिपीड स्तर को सामान्य करने और संतुलित रखने के लिए शामिल हो सकते हैं।

#कुछ सामान्य उपचार विकल्प शामिल हो सकते हैं:

आहार परिवर्तन:–

 स्वस्थ आहार व्यवस्था अपनाना और तैल, मक्खन, ग्रीसी और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की मात्रा को कम करना जैसे उच्च फाइबर और पौष्टिक भोजन लेना।

व्यायाम:–

 नियमित शारीरिक गतिविधि करना, जैसे योग, वॉकिंग, धावन, या अन्य व्यायाम आपके लिपीड स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकता है।

दवाइयाँ:–

 आपके चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाइयाँ लेना, जैसे कि स्टेटिन या फिब्रेट्स, लिपीड स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।

पक्षाघात, किडनी समस्याएं, गंभीर लिपीड विकार या अन्य संबंधित समस्याओं की जांच और उपचार के लिए विशेषज्ञ सलाह लेना महत्वपूर्ण हो सकता है। वे आपके स्वास्थ्य परिस्थितियों का मूल्यांकन करेंगे और आपके लिए उपचार की सलाह देंगे।

लिपीड विकार को संभालने के लिए स्वस्थ जीवनशैली परिवर्तन भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जैसे कि:-

नियमित वजन प्रबंधन:–

 स्वस्थ वजन पर नियंत्रण रखना लिपीड स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। आपके चिकित्सक के साथ एक संतुलित आहार योजना बनाने और वजन प्रबंधन करने के लिए सलाह लें।

नियमित प्रशिक्षण:–

 योग, ध्यान, प्राणायाम और अन्य शारीरिक एक्सरसाइज लिपीड स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, नियमित व्यायाम आपके सामान्य स्वास्थ्य और कार्डियोवास्कुलर स्वास्थ्य को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

स्वस्थ आहार:-

 हेल्दी आहार व्यवस्था अपनाना लिपीड स्तर को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण होता है। अपने आहार में निम्नलिखित सामग्री को शामिल करें:-

हेल्दी फैट:–

 अच्छी गुणवत्ता वाले तेलों का उपयोग करें, जैसे कि जैतून का तेल, कानोला तेल, और अवोकाडो तेल। अंडे, मछली, नट्स, और सीड्स जैसे भोजन में भी स्वस्थ फैट पाया जाता है।

फाइबर:–

 फल, सब्जियाँ, पूरे अनाज, और दालों में अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। फाइबर खाद्य सामग्री को पचाने में मदद करता है और लिपीड स्तर को नियंत्रित करने में सहायता प्रदान कर सकता है।

पूर्ण अनाज:–

 अनाज की एक अच्छी स्रोत होने के कारण, गेहूं, चावल, बार्ली, और ओट्स को अपने आहार में शामिल करें। इनमें उच्च फाइबर होती है जो लिपीड स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

संक्रामक्षिप्त खाद्य पदार्थों से बचें:–

 प्रोसेस्ड और तला हुआ खाद्य पदार्थ जैसे कि चिप्स, नमकीन, बिस्किट, और अन्य जंक फूड लिपीड स्तर को बढ़ा सकते ह

Q:- लिपिड प्रोफाइल बढ़ने से क्या होता है?

And:– ये फैट कोशिकाओं की हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है लेकिन इनका खराब रूप खून की धमनियों को ब्लॉक करने लगता है और उसमें सूजन बनाने का कारण बनने लगता है. इससे हार्ट की क्षमता प्रभावित होती है और हार्ट से संबंधित कई बीमारियों को प्रोत्साहन मिलती है.

Q:-लिपिड से कौन सी बीमारी होती है?

Ans:–यदि रक्त में किसी कारण से बहुत अधिक लिपिड हो तो, तो यह रक्तवाहिकाओं में जमा होकर उसे संकुचित कर देता है या फिर अवरोधित भी कर देता है। इसको एथ्रोसक्लेरोसिस कहते हैं और यह समय के साथ और बढते जाता है। अंत में यह विभिन्न अंगों में रक्त-प्रवाह को कम करके हानि पहुँचाता है, जैसे कि हृदयाघात या पक्षाघात आदि।

Q:–लिपिड प्रोफाइल को कैसे ठीक करें?

Ans:– खट्टे फल जैसे कि संतरा और अंगूर आदि का सेवन हाई कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद साबित हो सकता है। इन सबके अलावा, अगर आपके कोलेस्टेरॉल का स्तर बढ़ गया है तो आपको रोजाना सुबह और शाम में कुछ समय के लिए पैदल टहलना चाहिए। कोलेस्टेरॉल को कम करने का यह सबसे रामबाण इलाज माना जाता है।

Q:–लिपिड की कमी होने पर क्या होता है?

Ans:- यदि आपको अपने आहार में पर्याप्त वसा नहीं मिलती है, तो आपको सूखे चकत्ते, बालों का झड़ना, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और विटामिन की कमी से संबंधित समस्याएं जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद के लिए, आपके द्वारा खाए जाने वाले अधिकांश वसा मोनोअनसैचुरेटेड या पॉलीअनसेचुरेटेड वसा होने चाहिए।

Q:– लिपिड ज्यादा हो तो क्या करें?

Ans:–आपके लिपिड स्तर को कम करने के पहले तरीके हैं (1) कम वसा खाना , (2) नियमित रूप से व्यायाम करना और (3) वजन कम करना यदि आपका वजन बहुत अधिक है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो धूम्रपान बंद कर दें। यदि ये कदम आपके एलडीएल स्तर को पर्याप्त रूप से कम नहीं करते हैं, तो आपका डॉक्टर आपके रक्त से वसा को बाहर निकालने के लिए दवा ले सकता है।

Q:–लिपिड प्रोफाइल ज्यादा होने पर क्या होता है?

Ans:- अधिक मात्रा में रक्त लिपिड आपकी धमनी की दीवारों में वसा जमा कर सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

Q:-लिपिड शरीर में क्या कार्य करता है?

Ans:– लिपिड वसायुक्त यौगिक होते हैं जो आपके शरीर में विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं। वे आपकी कोशिका झिल्लियों का हिस्सा हैं और आपकी कोशिकाओं के अंदर और बाहर क्या जाता है इसे नियंत्रित करने में मदद करते हैं । वे ऊर्जा को स्थानांतरित करने और संग्रहीत करने, विटामिन को अवशोषित करने और हार्मोन बनाने में सहायता करते हैं। कुछ लिपिड का अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक होता है।

गुरुवार, 18 मई 2023

 

आम के पत्तों के फायदे?

क्यों खाये आम के पत्ते?

#आम के पत्तों खाने के अद्भुत लाभ

#आम के पत्तों को कैसे खाये?

#How to eat mango leaves?

इस लेख मे  “आम के पत्तों खाने के अद्भुत लाभ” और “आम के पत्तों को कैसे खाये”

के बारे मे वर्णन करते है,

 यहां कुछ मुख्य आम के पत्तों के फायदे हैं:

पर्याप्‍त मात्रा में पोषक तत्‍व होने के कारण आम के पत्ते हमें बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्रदान करते हैं। आम के पत्तों का औषधीय उपयोग कर हम पथरी, कान का दर्द, त्‍वचा की जलन, पेट की समस्‍याओं आदि परेशानियों से बच सकते हैं। आइए जाने आम के पत्‍तें के फायदे 

*पाचन प्रणाली को सुधारे:-

Improve digestive system

 आम के पत्तों में एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइबर्स की मात्रा होती है, जो पाचन प्रणाली को सुधारकर अच्छा डाइजेस्टिव सिस्टम सुनिश्चित करते हैं। इसके लिए, आप ताजा आम के पत्तों का रस पी सकते हैं या कच्चे ताजे पत्ते सलाद में शामिल कर सकते हैं।

*वजन कम करने में मददगार:-

weight loss aid–

 आम के पत्तों में कम कैलोरी होती है और वे फाइबर से भरपूर होते हैं, जो भोजन को पूरा करने में मदद करता है और बढ़ते वजन को नियंत्रित करता है।


#डायबिटीज को नियंत्रित करे:-

Control Diabetes:-

 आम के पत्तों में प्री-बायोटिक्स होते हैं, जो इंसुलिन संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये पत्ते अपनी कार्बोहाइड्रेट की गणना में मदद करके शरीर में ग्लूकोज के स्तर को सामान्य रख सकते हैं।

* श्वासनली संबंधी समस्याओं को कम करे:- 

Reduce respiratory problems –

आम के पत्तों में विटामिन सी और अन्य पोषकों की मात्रा होती है, जो श्वसनली संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए, आप आम के पत्तों का रस पी सकते हैं या इन्हें शहद के साथ मिश्रित करके सेवन कर सकते हैं।

#चर्बी को कम करने में सहायक:-

Aids in reducing fat–

 आम के पत्तों में हाइड्रोक्सीसिट्रिक एसिड (HCA) होता है, जो चर्बी के ऊतकों को जलाने में मदद कर सकता है। यह शरीर की मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर वसा प्रबंधन में मदद कर सकता है।

* मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा दें:-

Promote brain health

 आम के पत्तों में विटामिन ए और विटामिन एस होते हैं, जो मस्तिष्क के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये विटामिन एंटीऑक्सीडेंट्स के रूप में कार्य करते हैं और मस्तिष्क के न्यूरोन्स को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।

*दांतों की स्वच्छता को बढ़ावा दें:-

Promote dental hygiene:-

 आम के पत्तों का चबाने से मुंह में ताजगी और श्वेतता आती है, जो दांतों की स्वच्छता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा, आम के पत्तों में मौजूद एंटी-बैकटीरियल गंदगी के विरोधी गुण भी होते हैं, जो मुंह में बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। आम के पत्तों को चबाने से मसूड़ों की मजबूती और दंतों की मजबूत सजगता के साथ-साथ मुंह के रोगों से बचाव भी होता है।

*त्वचा की सुरक्षा:-

Skin protection

 आम के पत्तों में विटामिन सी होता है, जो त्वचा को उज्ज्वल, ग्लोइंग और सुंदर बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही, आम के पत्तों में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को रखते हैं दर्द के बिना।

– ये थे कुछ मुख्य आम के पत्तों के फायदे। ध्यान दें कि ये सामग्री केवल सामान्य सूचना के लिए हैं और किसी भी चिकित्सा सलाह के बदले नहीं हो सकती हैं। यदि आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो एक चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा अच्छा विचार होगा।

#आम के पत्तों को कैसे खाये?

#How to eat mango leaves?

आम के पत्तों को खाने के कई तरीके हो सकते हैं। यहां कुछ आसान तरीके हैं आम के पत्तों का सेवन करने के लिए:

* स्वादिष्ट सलाद:-

Yummy salad–

 आम के पत्तों को ताजा सलाद में शामिल करके सेवन कर सकते हैं। आप इन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर बारीक टमाटर, ककड़ी, प्याज़, हरी मिर्च और नींबू रस के साथ मिला सकते हैं।

* पत्तों का रस:-

 आप आम के पत्तों का रस निकालकर पी सकते हैं। इसके लिए, ताजा पत्तों को धोकर मिक्सर या जूसर में पीस लें और छानकर उसे पीने के लिए तैयार करें। आप इसे थोड़ी मधुरता के साथ पी सकते हैं या शहद जोड़कर स्वादिष्ट बना सकते हैं।

* चबाना:-

 आप आम के पत्तों को सीधे चबा सकते हैं, जिससे आपको इसके स्वाद का आनंद मिलेगा और इसके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होंगे।

*टी बनाना:-

 आम के पत्तों के सूखे पत्ते को उबालकर टी के रूप में उपयोग किया जा सकता है। आप इन्हें पानी में उबालें और उसे गर्म करके पी सकते हैं, या फिर उन्हें दूध और चीनी के साथ मिलाकर मसालेदार आम की पत्ती चाय बना सकते हैं। आप चाय के पत्तों के साथ आम के पत्तों को उबालकर उन्हें अपने पसंदीदा चाय पाउडर के साथ मिलाकर पी सकते हैं।

* तड़का या सब्जी में शामिल करना:-

 आम के पत्तों को तड़के में शामिल करने के लिए आप उन्हें तेल में तल सकते हैं और उन्हें धनिया, लाल मिर्च, नमक और अन्य मसालों के साथ मिला सकते हैं। यह तड़का दाल, सब्जी, खिचड़ी आदि में एक मजेदार तत्व के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

* रोटी के लिए पेस्ट बनाएं:- 

आप आम के पत्तों को पीसकर पेस्ट बना सकते हैं और इसे रोटी के साथ सेव कर सकते हैं। यह रोटी को स्वादिष्टता और पोषण के साथ-साथ आपको आम के पत्तों के लाभ भी प्रदान करेगा।

– आप इन विभिन्न तरीकों से आम के पत्तों का सेवन कर सकते हैं। जब भी आप आम के पत्तों का सेवन करें, ध्यान दें कि आप स्वच्छ और ताजगी से पके हुए पत्ते का चयन करें और उन्हें अच्छी तरह से धोएं।

*अगर आप आम के पत्तों को और रोचक बनाना चाहते हैं, तो आप उन्हें इन तरीकों से उपयोग कर सकते हैं:

*आम के पत्तों की पकोड़ी:– 

आप आम के पत्तों को एक बेटर में डुबोकर गर्म तेल में तल सकते हैं और इन्हें आम के चटपटे स्वाद के साथ खा सकते हैं। यह एक मजेदार व्यंजन होता है।

* आम पत्तों की चटनी:-

 आप आम के पत्तों को पीसकर ताजगी और धनिये के पत्ते के साथ मिलाकर चटनी बना सकते हैं। यह चटनी भापी चाव, ताजगी और आम के पत्तों के स्वाद को मिलाकर बनती है।

*आम पत्तों की पुदीने की चाय:-

आप आम के पत्तों को पुदीने के साथ मिलाकर एक चाय का मिश्रण तैयार कर सकते हैं। इसे गर्म पानी के साथ मिलाकर पीने से आपको एक रेफ़्रेशिंग और मसालेदार चाय का आनंद मिलेगा।

* आम पत्तों का स्वादिष्ट राइता:-

 आप आम के पत्तों को दही, नमक, काली मिर्च और जीरा के साथ मिलाकर राइता बना सकते हैं। यह आपके भोजन को स्वादिष्ट बनाएगा और आम के पत्तों के स्वास्थ्य लाभ और विटामिन सी का लाभ भी प्रदान करेगा।

* आम पत्तों की सब्ज़ी:-

 आप आम के पत्तों को धनिये, प्याज़, टमाटर, हरी मिर्च और मसालों के साथ मिलाकर सब्ज़ी बना सकते हैं। यह एक मसालेदार साथी के रूप में आपके भोजन में शामिल होगी।

* आम पत्तों का पकोड़ा:-

 आप आम के पत्तों को बेसन, हरी मिर्च, हरा धनिया, नमक और मसालों के साथ मिलाकर पकोड़े बना सकते हैं। यह आपके नाश्ते को मजेदार बनाएगा और आम के पत्तों का स्वाद आपको आनंद देगा।

* आम पत्तों का आचार:-

 आप आम के पत्तों को तेल, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, नमक और मसालों के साथ मिलाकर आचार बना सकते हैं। इससे आपके भोजन को उच्च रसीलापन और आम के पत्तों के स्वाद का आनंद मिलेगा।

- - - आप इन विभिन्न तरीकों से आम के पत्तों का सेवन करके उनके लाभ और स्वाद का आनंद ले सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आप स्वच्छ, ताजगी और स्वस्थ पत्ते का उपयोग कर रहें हैं और सेवन से पहले उन्हें अच्छी तरह से धोएं।

धन्यवाद!

बुधवार, 17 मई 2023

वजन न बढ़ने के कारण और उपाय

 

#वजन न बढ़ने के कारण और उपाय 

#खाना खाने के बाद भी वजन क्यों नहीं बढता

#शरीर का वजन न बढने के कारण?

इस लेख मे “वजन न बढ़ने के कारण” “किन रोगों के कारण वजन नही बढता?”और “वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा”के बारे मे बात करगें.

Dr.ViernderMadhan.

#वजन न बढ़ने के कारण क्या है?

वजन न बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ प्रमुख कारण देखें-


*कम खाना:-

 अगर आपकी खुराक काफी कम है या आपके खाने में पर्याप्त पोषक तत्व नहीं हैं, तो आपका वजन नहीं बढ़ सकता है। शरीर को उपयोग करने के लिए पर्याप्त कैलोरी नहीं मिलती है, तो यह अपने मांसपेशियों को तरोताजा करने की जगह वजन बढ़ाने के बजाय खर्च करने मे इस्तेमाल करता है।

*तनाव और चिंता:-

 तनाव और चिंता भी वजन बढ़ाने में बाधाकारक हो सकते हैं। जब हम तनाव या चिंता में होते हैं, तो हार्मोनल प्रभाव के कारण खाने की प्रवृत्ति बदल सकती है ठीक से भोजन नही किया जाता और वजन नहीं बढ़ता है।

* थाइरॉयड:-

 थाइरॉयड ग्रंथि के अधिक निष्क्रिय हो जाने के कारण भी वजन में कमी हो सकती है। इसे हाइपोथायराइडिज़्म कहा जाता है, और इसमें मेटाबोलिज़्म कम हो जाता है, जिसके कारण वजन बढ़ने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

*बीमारी या दवाओं का सेवन:-

 कुछ बीमारी मे या उनकी दवाओं के कारण वजन नही बढता,

*मेडिकल कॉन्डीशन्स:-

 कुछ मेडिकल कॉन्डीशन्स, जैसे-

 डायबिटीज, 

कैंसर, 

हार्ट रोग,

 गैस्ट्रोइंटेस्टिनल रोग, 

कुछ एलर्जी, और अन्य रोग, वजन बढ़ाने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। इन रोगों के कारण आपके शरीर की मेटाबोलिक गतिविधियों में परिवर्तन हो सकता है और वजन नहीं बढ़ता है।

*एल्कोहल और नशीली दवाएं:-

 अधिक मात्रा में एल्कोहल का सेवन या नशीली दवाओं का उपयोग वजन न बढ़ने का कारण बन सकता है। ये तत्व आपके शरीर के उपाय सिस्टम को प्रभावित करके खाने की प्रवृत्ति को बदल सकते हैं और वजन नहीं बढ़ा सकते हैं।

*अनियमित और अस्वस्थ आहार:-

 अनियमित और अस्वस्थ आहार भी वजन न बढ़ने का कारण हो सकता है। अगर आपके आहार में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं हैं या आपका आहार तेजी से पाचन हो जाता है, तो वजन नहीं बढ़ता है।

*व्यायाम की कमी:-

 अगर आप रोज व्यायाम नहीं करते हैं या आराम

पूर्वक में रहते हैं, तो यह वजन न बढ़ने का कारण बन सकता है। व्यायाम शरीर के मेटाबोलिज़्म को बढ़ाता है, स्ट्रेंथ बढ़ाता है और संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है। यदि आप व्यायाम नहीं करते हैं, तो आपका वजन नहीं बढ़ सकता है।

*जीवनशैली और दिनचर्या:- 

आपकी जीवनशैली और दिनचर्या भी वजन न बढ़ने का प्रभाव डाल सकती है। यदि आप अधिक समय बैठे रहते हैं, सक्रिय नहीं रहते हैं, नियमित नींद नहीं लेते हैं, और स्वास्थ्यप्रद आदतों को अनदेखा करते हैं, तो वजन नहीं बढ़ सकता है।

*आनुवंशिक कारण:-

 कुछ लोगों में आनुवंशिक गुणों के कारण वजन नहीं बढ़ता है। यदि आपके परिवार में इस समस्या से संबंधित कोई इतिहास है, तो इसका भी प्रभाव हो सकता है।

#किन रोगों के कारण वजन नही बढता?

वजन कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि यदि किसी व्यक्ति का वजन नहीं बढ़ रहा है, तो इसके पीछे कुछ संभावित कारण शामिल हो सकते हैं। यहां कुछ ऐसे रोग या स्थितियाँ हैं जिनके कारण वजन नहीं बढ़ सकता है:

*थायराइड प्रशमन (हाइपोथायराइडिज्म):- 

थायराइड ग्रंथि की समस्या से प्रभावित होने पर वजन बढ़ने में कठिनाई हो सकती है। थायराइड हार्मोन की कमी वजन बढ़ाने के प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।

*डायबिटीज (मधुमेह):-

 मधुमेह रोगी जो इंसुलिन की कमी के कारण उपचार करते हैं, उनका वजन कम हो सकता है। इंसुलिन की कमी वजन नियंत्रण में असमर्थता ला सकती है और वजन बढ़ाने को रोक सकती है।

*कैंसर:-

 कुछ कैंसर प्रकार वजन कम होने का कारण बन सकते हैं। अस्थायी या स्थायी सर्जरी, रेडिएशन या कीमोथेरेपी द्वारा उपचार के दौरान व्यक्ति का वजन घट सकता है।

*खाना खाने की स्थिति मे न होना:-

 कई रोग या स्थितियाँ व्यक्ति को खाने जाने मे असमर्थ बना सकती हैं, जिसके कारण उनका वजन नहीं बढ़ता है। इसमें दांतों के संबंधित समस्याएं, मुंह और गले के संक्रमण, पाचन तंत्र की समस्याएं शामिल हो सकते हैं।

*गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग (GI Disorders):-

 कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग जैसे कि क्रोन रोग और कोलाइटिस आहार को प्रभावित कर सकते हैं और इससे वजन कम हो सकता है।


*मनोचिकित्सा रोग:-

 चिंता, डिप्रेशन, अवसाद और अन्य मनोचिकित्सा रोग व्यक्ति के भोजन प्रवृत्तियों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे वजन बढ़ने में कठिनाई हो सकती है।

*इंफेक्शन और परजीवी संक्रमण:-

 कुछ इंफेक्शन और परजीवी संक्रमण जैसे कि टीबी, एचआईवी, मलेरिया, टॉपिकल स्प्रू, परजीवी जीनेरा इत्यादि व्यक्ति का वजन बढ़ने में असमर्थता ला सकते हैं।

#वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा:-

आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप इन्हें किसी प्रशिक्षित आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के सलाह पर ही उपयोग करें, क्योंकि हर व्यक्ति की प्रकृति और अवस्था अद्वितीय होती है। आयुर्वेद में, वजन बढ़ाने के लिए व्यक्ति की आहार और जीवनशैली में परिवर्तन करने की सलाह दी जाती है।

यहां कुछ आयुर्वेदिक दवाएं हैं जिन्हें वजन बढ़ाने के लिए सुझाया जा सकता है, लेकिन इनका उपयोग करने से पहले अपने वैद्य से परामर्श करें:

*अश्वगंधा (Ashwagandha):-

 यह जड़ी-बूटी तंत्रिका को पौष्टिक बढ़ावा देने और वजन बढ़ाने में मदद करने के लिए जाना जाता है। इसका सेवन वजन बढ़ाने के लिए संक्रमण व संप्रेषण को बढ़ा सकता है।

*शतावरी (Shatavari):-

 यह पौष्टिक जड़ी-बूटी होती है जिसे वजन बढ़ाने में उपयोग किया जाता है। इसे वजन बढ़ाने के लिए आहार में शामिल करने के लिए ताजगी से उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा शतावरी प्रोटीन और विटामिन्स को बढ़ाने में भी मदद कर सकती है, जो वजन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

*अजवाइन (Ajwain):- 

अजवाइन वजन बढ़ाने के लिए उपयोगी हो सकती है। इसे तवा में भूनकर और फिर उसे पीसकर शहद के साथ सेवन किया जा सकता है। अजवाइन में पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं जो पाचन प्रक्रिया को सुधारकर वजन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

*अंजीर (Anjeer):-

 अंजीर में ऊर्जा, प्रोटीन, और पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है। इसे रोजाना सोखकर खाने से वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

*आमला (Amla):-

 आमला शक्तिशाली वजन बढ़ाने और पोषण प्रदान करने वाली आयुर्वेदिक दवा है। इसे स्वास्थ्य बढ़ाने, पाचन प्रक्रिया को सुधारने, और वजन बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।


यदि आप वजन बढ़ाने के लिए किसी आयुर्वेदिक दवा का सेवन करना चाहते हैं, तो इसे अपने आयुर्वेदिक वैद्य से परामर्श करें। वे आपकी प्रकृति, मेडिकल हिस्ट्री, और वर्तमान स्थिति के आधार पर आपको सबसे उपयुक्त दवा और खाद्य सामग्री की सलाह देंगे। वे आपको सही मात्रा, दिशा, और समय के साथ सेवन करने की भी दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।

इसके अलावा, वजन बढ़ाने के लिए आप निम्नलिखित सामान्य सुझावों का अनुसरण कर सकते हैं:

#वजन बढाने के लिए क्या करें?

*पौष्टिक आहार:-

 अपने आहार में पौष्टिक और कैलोरी भरपूर खाद्य सामग्री शामिल करें। अधिक प्रोटीन, सही प्रकार के प्रतिस्थापनीय पदार्थ, गर्म तेल, नट्स, दूध, पनीर, और दालें शामिल करें।

*स्वस्थ तेलों का सेवन:-

 घी, सरसों का तेल, और नारियल का तेल जैसे स्वस्थ तेलों का उपयोग करें। इनमें प्राकृतिक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है जो वजन बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।

*व्यायाम:-

 वजन बढ़ाने के लिए बार बेल, वजन ट्रेनिंग, और मसल टोनिंग व्यायाम करें। यह मांसपेशीय बढ़ाने और मांसपेशियों को स्थूलता देने में मदद कर सकते हैं। आपके आयुर्वेदिक वैद्य आपके लिए सही व्यायाम प्रणाली और संशोधित कार्यक्रम सिफारिश करेंगे।

*विश्राम और निद्रा:-

 पर्याप्त आराम और निद्रा प्राप्त करें। यह शरीर को स्थायीकृत करने और मांसपेशियों का विकास करने में मदद करेगा।

*स्ट्रेस का प्रबंधन:-

 स्ट्रेस को संयंत्रित करने के लिए योग, ध्यान, और प्राणायाम जैसी तकनीकों का उपयोग करें। स्ट्रेस के कारण वजन घट सकता है, इसलिए इसे प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है।

धन्यवाद!

सोमवार, 15 मई 2023

आंवला जूस और उसके गुण ,


 आंवला जूस और उसके गुण ,

आंवला जूस पीने के फायदे ? इन हिंदी.

आज इस लेख मे “आंवला जूस” बनाने व  “आंवला जूस पीने का तरीका” – “Amla जूस पीने से क्या होता है?” तथा “आंवला जूस कब पीना चाहिए” के बारे मे जानकारी दी जायेगी.

#Dr.virenderMadhan.

<आंवला जूस>

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आंवला (अमला) एक प्राकृतिक फल है जिसे विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं और उपायों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह एक पूर्ण खाद्य औषधि है और विटामिन सी, ए, और इंफलेमेटरी एंजाइम, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। यहां आपको आंवला जूस पीने के कुछ मुख्य फायदे बताए गए हैं:

* इम्यून सिस्टम को मजबूत करें.

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 आंवला जूस एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जिसमें विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। इससे आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।


* त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा दें:–

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 आंवला जूस त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा को चमकीला बनाता है, झुर्रियों को कम करता है और त्वचा को निखारता है। इसका नियमित सेवन करने से त्वचा की ग्लो बढ़ती है और त्वचा के झुर्रियों का प्रतिरोध बढ़ता है।

*आंवला जूस बालों के लिए फायदेमंद

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आपके बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी आंवला जूस मददगार साबित होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी, आंवला जूस कोलाजन के उत्पादन में मदद करता है जो बालों के लिए आवश्यक होता है। इससे बालों की मजबूती बढ़ती है, बाल झड़ना कम होता है और बालों का विकास स्वस्थ रूप से होता है।

* पाचन को सुधारें:–

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 आंवला जूस पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है। यह पेट को संतुलित करके आपके खाद्य पदार्थों को अच्छे से पचाने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन करने से अपच और अन्य पाचन संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं।


* वजन को कंट्रोल में रखता है:–

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 आंवला जूस वजन नियंत्रण के मामले में भी लाभकारी हो सकता है। यह वजन घटाने में मदद करने के साथ-साथ, शरीर को पोषण देता है और भूख को कम करने में मदद करता है। इससे आपको अधिकतम पोषण मिलता है और अधिक खाने की इच्छा कम होती है।

*एंटी-एजिंग गुण:–

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आंवला एक रसायन द्रव्य है,

आंवला जूस शरीर को एंटी-एजिंग लाभ प्रदान करने में भी सहायक हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट प्रदान करने वाले तत्व शरीर के कोशिकाओं को मुक्त करते हैं और रेडिकल के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं। इससे त्वचा के लक्षणों को ठीक करने, झुर्रियों और उम्रके छिद्रों को कम करने, और चमकदार और जवां त्वचा को प्रोत्साहित करने में मदद मिलती है।

* डायाबिटीज को कंट्रोल करता है:– 

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आंवला जूस मधुमेह (डायाबिटीज) के प्रबंधन में भी सहायक हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य रखने में मदद कर सकते हैं। यह इंसुलिन संबंधी प्रशंसा में सुधार करके मधुमेह के प्रकोप को कम कर सकता है।

* नेत्र स्वास्थ्य का संरक्षण:–

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 आंवला जूस आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। यह आंतरिक रूप से रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर और नेत्र में पोषण पहुंचाकर आंखों की रोशनी बढ़ा सकता है। आंवला जूस में पाए जाने वाले विटामिन सी नेत्रों के लिए महत्वपूर्ण होता है और आंखों की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है, जैसे कि अंधापन, आंखों में सूजन, रात्रिभोजन देखने की समस्या, और आंखों की दृष्टि की कमजोरी।

* हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दें:– 

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आंवला जूस में प्राकृतिक ऐंटीऑक्सिडेंट्स और पोषक तत्व होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित कर सकता है, रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है, और हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को कम कर सकता है।

* शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करें:–

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 आंवला जूस शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व स्ट्रेस को कम करने, मनोभाव स्थिति को सुधारने और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।

#आंवला जूस की मात्रा:-

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आंवला जूस - 3-4 चम्मच दिन में एक या दो बार । आंवला पाउडर - ¼- ½ चम्मच दिन में दो बार।


आमतौर पर, आंवला जूस को सुरक्षित और उमदा तरीके से लिया जा सकता है, लेकिन कृपया ध्यान दें कि हर किसी के शरीर की आवश्यकताएं  भिन्न हो सकते हैं। अधिक मात्रा में आंवला जूस का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेना अच्छा होगा, विशेष रूप से यदि आपको किसी विशेष मेडिकल कंडीशन या दवाओं के साथ संबंधित समस्या है। 

#आंवला जूस को स्वदेशी तरीका–

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 आंवले को छोटे टुकड़ों में काटें और उन्हें मिक्सर या ब्लेंडर में पीस लें। इसे सीधे पीने से पहले थोड़ी मात्रा में पानी या शहद जोड़ें, यदि आवश्यक हो। आप इसे बाजार से तैयार किए गए आंवले का रस भी खरीद सकते हैं, लेकिन सुनिश्चित करें कि वह प्राकृतिक और निष्पक्ष है।


ध्यान रखें कि आंवला जूस का सेवन एकमात्र उपाय नहीं है, बल्कि स्वस्थ और संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त पानी पीना और अन्य स्वस्थ जीवनशैली अनुसार रहने का हिस्सा होना चाहिए।

धन्यवाद!

असली चाय पत्ती की पहचान

 

#असली चाय पत्ती की पहचान

#चाय असली है या नकली?

असली चाय पत्ती की पहचान करने के लिए निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना चाहिए:

1- पत्ती का रंग: –

 असली चाय पत्ती का रंग हरा या चमकदार होता है। ध्यान दें कि यह न कि वर्णमाला के पत्ते की तरह संयोजित होता है।

2-पत्ती की संरचना:–

 असली चाय पत्ती अपने आप में संकर होती है और संयोजित नहीं होती है। पत्ती में टुकड़े हो सकते हैं, लेकिन वे स्पष्ट रूप से पत्ती के हिस्सों से अलग होंगे।


4-बौछार:–

 असली चाय पत्ती को गर्म पानी में डालने पर यह देशी चाय के रूप में बौछारें उत्पन्न करेगी। ये छोटी छोटी गोल गोल बौछारें होती हैं जो आपको चाय के बनाने के दौरान दिखेंगी।

5-गंध:–

 असली चाय पत्ती की गंध ताजगी और आकर्षक होती है। जब आप इसे अपनी हाथों में लेंगे, तो उससे आपको मिलने वाली सुगंध को महसूस कर सकते हैं।

परीक्षा:-

* चायपत्ती लेकर उसे गीले लिटमस या कागज पर ही घिसे यदि रंग छोड़ती है तो पक्का मिलावटी चायपत्ती है।

* असली चाय पत्ती को एक परीक्षा के रूप में बना सकते हैं। आप एक छोटे से टुकड़े को हाथों में लेकर उसे पूरी तरह से पीसें और उसे अपनी उंगलियों के बीच में रगड़ें। असली चाय पत्ती की पहचान के लिए, आपको एक मधुर और ताजगी भरी गंध महसूस होनी चाहिए। असली चाय पत्ती जब आप इसे तोड़कर महसूस करेंगे, तो यह आपको एक अन्य दृष्टि और गंध का एक अनुभव देगी।

चाय की पत्ती की पहचान कैसे करें?

1- चाय की पत्ती में मिलावट की पहचान करने के लिए सबसे पहले एक टिश्यू पेपर लें और उस पर 2 चम्मच चाय की पत्तियां रखें. इसके बाद पत्तियों पर कुछ बूंदें पानी डालकर थोड़ी देर धूप में रख दें. अब टिश्यू पेपर से चाय की पत्तियों को हटा लें. अगर चाय की पत्तियों में मिलावट होगी तो, टिश्यू पेपर पर दाग के निशान पड़ जाएंगे.


*हालांकि, मुझे यह बताना महत्वपूर्ण है कि असली चाय पत्ती की पहचान करना आदिकारी रूप से या विशेषज्ञ के बिना कठिन हो सकता है। चाय पत्ती की अच्छी गुणवत्ता और प्रकाशित ब्रांडों के उपयोग करके आप एक अच्छी और परखी हुई चाय का आनंद ले सकते हैं।


रविवार, 14 मई 2023

सोने से क्या लाभ होता है?

 


सोने से क्या लाभ होता है?

“निद्रा” 

#drVirenderMadhan.

#नीदं क्या है?

आयुर्वेद में स्वास्थ्य के तीन 

उपस्तम्भ बताये है,

आहार,निद्रा,और ब्रह्मचर्य,

निद्रा–

दूसरा उपस्तम्भ है,

अब हम बताने वाले है कि 

- सोने से हमें क्या लाभ है

और क्या हानि होती है,

- दिन मे सोने से क्या होता है

- गर्मीयों मे दोपहर मे हमें सोना

चाहिए या नही

<उल्टा सोने के फायदे>

और अधिक सोने से क्या नुकसान है

या कम सोने से क्या होता है।

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*नींद न आने से– 

दुखः मिलता है

शरीर सूख जाता है

दुर्बलता आती है,

अज्ञानता बढती है,

मृत्यु निकट आ जाती है,

* सुखद नीदं आने से –

सुख,मिलता है

शरीर बलवान होता है,

ज्ञान बढता है

लम्बा जीवन मिलता है,


* अत्यधिक नीदं लेने से–

सुख और आयु दोनों नष्ट हो जाते है

#दिन मे सोने से क्या होता है?

- दिन मे सोनेसे कफदोष बढता है,

- शरीर मे स्निग्धता बढती है

- वजन बढता है,

रात्रिजागण:-

रात मे जागने से रुक्षता बढती है वातदोष बढता है,

बैठ कर सोने से, झपकी लेकर सोने से न रुक्षता आती है न स्निग्धता आती है,

*गर्मियों के दोनों में वातदोष का संचय होता है आदानकाल के कारण रुक्षता आती है,

रात छोटी होती है,इसलिए दिन मे सोना हितकर है,

*अन्य ऋतुओं मे कफ विकार होते है दिन मे सोना कफकारक होता है।

#दिन मे कौन लोग सो सकते है?

अष्ठांग हृदय के श्लोक न०56 से 60 तक वर्णन है कि

अधिक बोलने से,

सवारी करने से,

शराब पीने पर,

नवविवाहित को,

क्रोध से,  भय से , शोक से,

थके हुये परुष को,

श्वास, कास ,अतिसार के रोगी को,

बृद्ध , बालक , दुर्बल ,

क्षीण ,क्षयरोगी,  प्यास रोग, 

शूलरोग से पीडित को,

अजीर्ण रोगी , घायल ,पागल आदि को दिन में सोने की अनुमति है

#उल्टा सोने से क्या होता है?

पेट के बल सोन से पीठ में दर्द की शिकायत भी हो सकती है,वातदोष बढ जाता है,

#कुसमय सोने से कौन से रोग होते है?

मोह,  ज्वर ,क्लेद ,पीनस

बहने वाला जुकाम, शिरोरोग

यानि शिर के रोग,

सुजन,  जीमचलना,

तथा मन्दाग्नि  हो जाती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 13 मई 2023

गर्मी के दिनों में क्या खायें?

 

<गर्मियों का खाना>

#गर्मी के दिनों में क्या खायें?

#garmi ke dino me kya khana chahiye,?

#Dr.VirenderMadhan.

गर्मियों के दिनों में शरीर को स्वस्थ और ठंडा रखने के लिए, सही तरह से पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी होता है। 

#garmi ke dinon mein kya kya khana chahie,

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ आपको गर्मी के दिनों में ठंडा और ताजगी से भर देंगे:-


#फल और सब्जियां:-

 गर्मियों में खाने के लिए, आप कच्चे फल और सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि तरबूज, खरबूजा, आम, अनार, खीरा, टमाटर, प्याज, स्पिनेच, ककड़ी आदि। ये फल और सब्जियां आपके शरीर को ठंडा और ताजगी देंगे और आपको गर्मियों में हाइड्रेटेड रखेंगे।


#ठंडे पेय:–

 गर्मियों में पानी, नारियल पानी, लेमनेड, जलजीरा, नींबू-पानी, फलों का शेक, आदि ठंडे पेय शरीर को ताजगी देते हैं 

#ठंडे दूध के उत्पाद:-

 दूध, दही और पनीर जैसे थंडे दूध के उत्पाद भी आपको गर्मियों में ठंडा रखते हैं। लस्सी, छाछ, कुल्हड़ वाला दूध, फलों

और नट्स के साथ दही खाना बहुत स्वास्थ्यप्रद होता है।

#ठंडे खाद्य पदार्थ:-

 गर्मियों में आपको ठंडा और ताजगी देने वाले खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं, जैसे फलों का सलाद, चावल, सूप, सेवईयों का सलाद आदि। आप इन पदार्थों को ठंडे रखने के लिए फ्रिज में भी रख सकते हैं।


#प्रोटीन स्रोत:-

 गर्मियों में प्रोटीन स्रोत भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। दाल, सोयाबीन, अंडे और फिश आपको प्रोटीन देते हैं और आपको ताजगी और ऊर्जा देते हैं।

इन आहार विकल्पों के साथ-साथ, आप अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडी छत, ठंडी जलवायु नियंत्रण, विश्राम और नियमित व्यायाम के लिए भी जानकारी होना चाहिए।

#garmi me kya khaye kya na khaye,?

* ताजा शिकंजी:–

 ताजा शिकंजी एक और बहुत अच्छा विकल्प होता है गर्मियों में। यह एक सुगंधित नींबू पानी होता है जो आपको ताजगी देता है और आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।

* फलों और सब्जियों का उपयोग:–

 गर्मियों में फलों और सब्जियों का उपयोग करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। फल और सब्जियां आपको ऊर्जा देते हैं और आपके शरीर को विटामिन, मिनरल और फाइबर प्रदान करते हैं। आप आम, केले, तरबूज, खीरा, ककड़ी, तरबूज, अमरूद, अनार, संतरे, आम, पपीता, गाजर, टमाटर, ककड़ी, तोरी, बैंगन आदि जैसे फल और सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं।


* ठंडे पानी का उपयोग:–

 गर्मियों में आपको ताजगी और ऊर्जा देने के लिए ठंडे पानी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप ठंडे पानी के साथ नींबू, मिर्च और पुदीना का रस मिलाकर पी सकते हैं।

#गर्मियों में क्या न खाएं?

– कैफीन से परहेज करें, –चाय-कॉफी का कम से कम सेवन करें.

– गर्मी के मौसम में बासी खाना बिल्कुल भी न खाएं, इससे फूड प्वाइजनिंग खतरा हो सकता है.

– जंक फूड, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड खाने से परहेज जरूरी है.

– रेड मीट के सेवन से बचें, क्योंकि गर्मियों में प्रोटीन को पचाने में काफी समय लग जाता है.

Q:-गर्मी से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?

* खीरा रोज खाएं

– खीरा खीरा का सेवन गर्मी के दिनों में करना बहुत ही लाभदायक माना जाता है,

* नींबू पानी का करें

- सेवन गर्मी आते ही शरीर में पानी की कमी होने लगती है.

* बेल का शर्बत

– गर्मियों में खासतौर से लोगों को बेल का शर्बत जरूर पीना चाहिए. 

* आमपन्ना

- आमपन्ना फायदेमंद होता है.

* तरबूज

- तरबूज खाने से यह गर्मी से बचाएगा,

Q:- शरीर के लिए कौन सा फल ठंडा है?

आम के अलावा तरबूज एक और ऐसा फल है जो भारत में गर्मी के मौसम में अक्सर खाया जाता है। आमतौर पर तरबूज पीने में पानी की मात्रा 92% तक होती है, जो डिहाइड्रेशन को रोकने और शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगा। अगर नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शुक्रवार, 12 मई 2023

#भूख लगने के लिए क्या करना चाहिए? #भूख क्या है?

 


#भूख लगने के लिए क्या करना चाहिए?

#भूख क्या है?

भूख उस समय अनुभव होती है, जब खाना खाने की इच्छा होती है। परितृप्ति भूख का अभाव है। भूख की अनुभूति हाइपोथैलमस से शुरु होती है जब यह हार्मोन छोड़ता है। यह हार्मोन यकृत के अभिग्राहक पर प्रतिक्रिया करती है।

#भूख क्यों नहीं लगती है?

संक्रमण या पाचन संबंधी समस्याओं में यह दिक्कत अस्थायी होती है और इलाज के साथ ठीक हो जाती है। पर कई गंभीर रोग जैसे डायबिटीज, हृदय रोग और कुछ स्थितियों में कैंसर के विकास के कारण भी भूख में कमी महसूस होती रह सकती है, इसपर समय रहते गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता होती है


#खाना खाने की इच्छा क्यों नहीं होती है?

feeling no appetite: भूख न लगना आमतौर पर एक पाचन से जुड़ी समस्या होती है, लेकिन कई बार ईटिंग डिसऑर्डर भी इसके पीछे का कारण हो सकता है। भोजन विकार एक गंभीर समस्या है और इसका जल्द से जल्द इलाज होना बहुत जरूरी है।

#भुख न लगने के 5 कारण ?

भुख न लगने के कई कारण हो सकते हैं, ये निम्नलिखित हो सकते हैं:-

*उच्च तापमान:-

 अधिक तापमान से शरीर का अपच बढ़ता है और इससे भुख नहीं लगती है।

*अधिक तनाव:–


 तनाव या स्ट्रेस से शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन उत्पन्न होता है, जो भुख को कम करता है।

*बीमारी:-

 कुछ बीमारियों जैसे कैंसर, थायराइड और एचआईवी इत्यादि भुख कम कर सकती हैं।

*दवाओं का सेवन:-

 कुछ दवाओं के सेवन से भी भुख कम हो सकती है, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट, एंटीबायोटिक इत्यादि।

*बार-बार खाने से उबलपन:– 

कई लोगों को बार-बार खाने से उब जाता है जिससे उनकी भुख कम हो जाती है।

[यदि आपको भुख नहीं लग रही है तो इसकी वजह का पता लगाने के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें।]



#भूख नही लगती है तो क्या करें?

 नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने में थोड़ा थोड़ा खाने की कोशिश करें, भले ही आपको भूख न लगी हो। तरल 

*भोजन का सेवन करें:-

 यदि आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं, तो तरल भोजन के माध्यम से अपनी दैनिक कैलोरी की मात्रा का उपभोग करना आसान हो सकता है।

#भूख ना लगने पर क्या खाना चाहिए?

भूख ना लगने पर अनार, आंवला, इलायची, अजवाइन और नींबू आदि चीजों का सेवन करना चाहिए. यह सभी चीजें स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं. इन्हें खाने से शरीर में कई पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है. इसके अतिरिक्त व्यायाम करना भी बेहद जरूरी है.

#भूख बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?

भूख नहीं लगती तो आजमाएं ये घरेलू उपाय, बढ़ जाएगी आपकी डाइट

>अजवाइन:-

 अजवाइन पेट की कई समस्याओं को आसानी से दूर करती है। 

>हरा धनिया:-

 हरे धनिया से भूख बढ़ाने के लिए मिक्सर में धनिया पत्ते और पानी को मिलाकर इसका जूस बनाएं। 

>काली मिर्च:-

 काली मिर्च का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 

>इलायची 

>अदरक

Q:-भूख नहीं लग रही है तो क्या करें?

*अत्याधिक मिर्च-मसाले वाले भोजन से परहेज करें और रात के समय गरिष्ठ भोजन न करें। * दही और छाछ का सेवन भी भूख खोलता है।

* रोज सुबह नारियल तेल से कुल्ला (कोकोनट ऑइल पुलिंग) करने पर भी भूख खुलती है। 

* भोजन के बाद एक चम्मच देसी घी और शक्कर का सेवन भूख बढ़ाने में मदद करता है।

Q:-कौन सा फल भूख बढ़ाता है?

अनार एक गुणकारी फल है, जो एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन्स से समृद्ध होता है। पाचन स्वास्थ्य के लिए अनार बहुत फायदेमंद है। भूख को बढ़ाने के रूप में रोजाना अनार का रस पी सकते हैं 

Q:–मुझे भूख क्यों कम हुई है?

– वृद्ध वयस्कों में भूख में कमी अक्सर देखी जाती है। अक्सर, कोई भौतिक कारण नहीं पाया जाता है। उदासी, अवसाद या शोक जैसी भावनाएँ भूख न लगने का कारण बन सकती हैं। कैंसर के कारण भूख भी कम हो सकती है ।

#भूख बढाने के आयुर्वेदिक उपचार -

 Bhookh Badhane Ke Ayurvedic upchar-

गेहूं का चोकर, अजवाइन और सेंधा नमक- भूख न लगने की समस्या को हम गेहूं के चोकर में सेंधा नमक और अजवाइन मिलाकर इसकी रोटी बनाकर खाने से भी दूर कर सकते हैं. 

मेथी,हिंग, पुदीना और कालीमिर्च,सेब,नींबू

अजवाइन और काला नमक का अपने भोजन में प्रयोग करें?

Q:-बिना दवा के भूख कैसे बढ़ाएं?

>अजवाइन:-

 अजवाइन पेट की समस्या के लिए बेहद कारगर है। 

>काली मिर्च-

 काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो पाचन ठीक करने के साथ भूख बढ़ाने में भी कारगर है। 

>अदरक-

 अदरक औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ...

>आंवला:-

 आंवला में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। ...

>त्रिफला चूर्ण-

 त्रिफला चूर्ण सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।

#आयुर्वेदिक दवा:-

>हिंग्वाष्टक चूर्ण

>लवणभास्कर चूर्ण

>स्वादिष्ट पाचन चूर्ण 

आदि,