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काली मिर्च के फायदे / Black Pepper Benefits.in hindi.
By:-Dr.VirenderMadhan.
#काली मिर्च के फायदे / Black Pepper Benefits
काली मिर्च क्या है?
काली मिर्च (Black Pepper) की लता होती है। इस पर गुच्छों में फल लगते है। कच्ची अवस्था में फल हरे रंग के होते है और पकने पर लाल रंग के होते है और सूखने पर काले रंग के हो जाते है।
#आयुर्वेद के अनुसार कालीमिर्च के गुण:-
काली मिर्च #Black Pepper:-अग्निदीपक, कफ तथा वायु को शमन करनेवाली, उष्णवीर्य, पित्तकारक तथा श्वास, शूल और कृमिनाशक है। यह रुके हुए कफ को निकालने वाली,हृदयरोग, प्रमेह और बवासीर का नाश करनेवाली है।
काली मिर्च को मात्रापूर्वक सेवन करने से ह्रदय, वृक्क (Kidney), मूत्रपथ तथा आंतों की श्लेष्मधराकला (चिकनी त्वचा) को उत्तेजना मिलती है।
अतिमात्रा में सेवन करने पर पेट दर्द, उल्टी, मूत्राशय व मूत्रस्त्रोतों में उत्तेजना पैदा करती है।
#हानिनिवारक द्रव्य :-
घी,शहद का प्रयोग करते है।
#मिर्च के अभाव मे:-
पीपल प्रयोग करें।
काली मिर्च के उपयोग:-
- काली मिर्च (Kali Mirch) का आयुर्वेदिक दवाओं में बहुत उपयोग होता है। यह आमाशय (Stomach) को उत्तेजना देनेवाली, रुके हुए मल को तोड़नेवाली और कफ को बहानेवाली है।
यह कफ को पतला करती है और पेट में कृमि नहीं होने देती।
- काली मिर्च (Kali Mirch) भूख लगाती है और अन्न को पचाती है। काली मिर्च तीक्ष्ण होने से लाला रस का स्त्राव बढ़ाती है इस लिये यह रुचिकारक है। रुक्ष होने के कारण यह अत्यंत कफहर (कफनाशक) गुण रखती है।
#आयुर्वेदीक औषधियों में काली मिर्च को मिलाने के कारण:
काली मिर्च के आयुर्वेदिक योग और गुण:-
[त्रिकटु]
यह अग्निदीपक और अन्न को पाचन करने के लिये सुप्रसिद्ध योग ‘त्रिकटु’ (सोंठ, काली मिर्च और पीपर) का यह एक भाग है। यह अग्नि दीप्त करता है।श्वास, कास, त्वचा के रोग, गुल्म, प्रमेह, कफ,स्थूलता, मेद, श्लीपद और पीनसरोग इन सब को नष्ट करता है।
[चतुरूषण]
सौठ,मिर्च, पीपल मे पीपलामूल मिलने से चतुरूषण बनता है।इसके गुण त्रिकटु से अधिक हो जाते है।
[मरीचादि वटी]
- यह कफ नाशक (कफ को पतला कर बहाने के लिये) खांसी को कम करने के लिये (प्रसिद्ध औषधि मरीचादि वटी में काली मिर्च का योग है, काली मिर्च फुफ्फुस आदि में -उत्पन्न कफ को बाहर निकालकर खांसी को कम करनेवाली औषधियों में से एक है)
[विडंगारिष्ट]
कालीमिर्च वातनाशक, पेट की गैस को नाश करने के लिये कृमिनाशक (विडंगारिष्ट) है।
काली मिर्च की मात्रा:-
अधिक से अधिक 0.97 ग्राम।
क्वाथ:-10ml से 20ml
#काली मिर्च के 11 घरेलू नुस्खे:-
1 - खाये हुए घी को पचाने के लिये –
काली मिर्च का चूर्ण सेवन करना चाहिये।
2- खांसी पर –
काली मिर्च के चूर्ण को घी, शहद और मिश्री के साथ चाटने से सब प्रकार की खांसी दूर होती है।
3- प्रवाहिका में –
काली मिर्च का बारीक चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से प्रवाहिका नष्ट होती है। 4- 20 काली मिर्च गुलाब जल में पीसकर रात को चेहरे पर लगाकर प्रातःकाल गरम पानी से धोने से कील, मुँहासे, झुर्रीया साफ होकर चेहरा चमकने लगता है।
5- ज्वर (बुखार) उतारने के लिये
– काली मिर्च का चूर्ण गर्म जल के साथ देने से या काली मिर्च का क्वाथ या मरिच (काली मिर्च ) तुलसी पत्र का क्वाथ देने से पसीना आकार विषम ज्वर उतार जाता है। 6- काली मिर्च, सैंधा नमक, जीरा, सोंठ, सभी समभाग लेकर चूर्ण बनाकर मधु में मिलाकर 3 से 6 माशा तक दिन भर में 2-3 बार चाटने से संग्रहणी, बवासीर, गुल्म (पेट की गांठ) इत्यादि समस्त रोग नष्ट हो जाते है।
7- गरम दूध में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर अथवा काली मिर्च मिलाई हुई गरम चाय पीने से नया जुकाम ठीक हो जाता है।
8-सब प्रकार की पीनस (जुकाम सड़कर नाक में कीड़े पड़ना) में –
काली मिर्च और गुड को दही के साथ खाना चाहिये इससे पीनस में शांति होती है।
9- 30 ग्राम मक्खन से 8 काली मिर्च और शक्कर मिलाकर नित्य प्रति चाटने से स्मरणशक्ति बढ़ जाती है। मस्तिष्क में तरावट आती है तथा कमजोरी भी दूर होती है।
10- काली मिर्च 5-7 दानें, अजवायन 2 माशा, तुलसी 1 तोला (1 तोला=11.66 ग्राम) को पीसकर 10 तोला जल में क्वाथ बनाकर 5 तोला जल शेष रह जाने पर छानकर सुबह-शाम पीने से मलेरिया बुखार नष्ट हो जाता है।
11- दो ग्राम पिसी हुई काली मिर्च को फांककर ऊपर से नीबू का रस मिले गरम जल को पानी से सायंकाल और रात को 10-12 दिन तक निरंतर पीये। पेट में गैस बनने का रोग नष्ट हो जाता है।
धन्यवाद!
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