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गुरुवार, 4 अगस्त 2022

psoriasis||सोरायसिस क्या रोग है?In hindi.

 psoriasis||सोरायसिस क्या रोग है?In hindi.

#What is psoriasis?In hindi.



सोरायसिस यह त्वचा की एक बहुत आम बीमारी है। इसमें त्वचा कोशिकाओं की अत्यधिक बढ़त होती है जिससे मोटी पपड़ी जम जाती है। ये दाग अलग-अलग साइज़ के हो सकते हैं और यह अधिकतर घुटनों, कोहनियों, खोपड़ी, हाथों, पैरों और पीठ पर आते हैं।

#सोरायसिस की क्या पहचान है?

What is the hallmark of psoriasis

- छोटे-छोटे उभार जिनमें मवाद भरी होती है और जिनके चारों ओर त्वचा लाल हो जाती है, लाल रंग के दाग जिनके चारों ओर पपड़ी जमी होती हैं । सोरायसिस पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकता है। यह सभी उम्र के लोगों को हो सकता है। महिलाओं को  सोरायसिस कम उम्र में हो जाती है।यह रोग करीबी रिस्तेदारो मे देखा जाता है।

 जबकि यह बीमारी संक्रामक नहीं होती , इस बीमारी से ग्रस्त लोग अधितकर अलग-थलग पड़ जाते हैं और समाज से कट जाते हैं।

#सोरायसिस के लक्षण क्या है?



What are the symptoms of psoriasis?

- त्वचा में सुखापान (Dryness) आ जाते है। जिसकी वजह से त्वचा में दरारें (Fissures) पड़ने लगती है।

त्वचा छिलने (Peeling) लगती है।

- त्वचा में लाल के चकत्ते (Rashes) बन जाते है ।

- शरीर में सफेद कलर की मोटी परत जमने लगती है।



- सोरायसिस जहां पर होता है वहां पर खुजली के साथ-साथ दर्द भी होता है।

- इन चकत्तों में लालपन (Redness) होने लगता है।

- यह लाल रंग के चकत्ते ज्यादातर घुटने और कोहनी के बाहरी भागों में होते है।

- सोरायसिस त्वचा के साथ-साथ नाखूनों को भी प्रभावित करता है।



- त्वचा की चमड़ी की मोटाई (Thickness) कम होने लगती है।

#सोरायसिस क्यों होता है?

Why does psoriasis happen?

सोरायसिस के कारण

 - ठंडा और सूखा पर्यावरण, त्वचा के जख्म, तनाव और चिंता, 

- कुछ संक्रमण जैसे (टोंसिलाइटिस या फंगल इन्फेक्शन ), और कुछ एंटी-इन्फेलेमेटरी दवाएं,   

- धूम्रपान, और शराब। 

 इस रोग के सही कारण अभी अज्ञात है

#5 home remedies for psoriasis.

सोरायसिस के 5 घरेलू उपाय:-

1- अर्कादि लेप

2- तक्रघारा

3-नीम तैल

4-अलसी बीज या सन बीज

5-आयुर्वेदिक एंटीइंफ्लेमेटरी द्रव्य

1-अर्कादि लेप:-

आक की सुखी लकड़ी-50ग्राम

चन्दन--10 ग्राम

नीम की छाल - 50 ग्राम

बबुल की छाल -50ग्राम

नारियल का। तैल 100 ग्राम

आक का दूध 20-25 बूंद

इन सब को अच्छी तरह मिला कर भूसे मे 15 दिनों के लिए दबा दे बाद मे निकाल कर रोग ग्रस्त जगह पर लगायें. 

लेप लगाने के बाद 2 घण्टे बाद स्नान कर लें।

2-तक्रघारा:-

आयुर्वेद में इस विधि मे त्वकरोग नाशक औषधियों से सिद्ध छाछ का प्रयोग कुछ दिनों तक करते है।रोग को आराम मिलता है।

3-नीम का तैल;-

नीम के तैल का प्रयोग प्रभावित जगह पर करने से अनेकों त्वकरोग मे आराम मिलता है।तथा सोरायसिस भी ठीक हो जाता है लेकिन इसका प्रयोग लम्बे समय तक करना पड़ता है।

4- अलसी के बीज या सन के बीज:-

इन बीजों को भुनकर खाने से कुछ समय में सोरायसिस मे लाभ मिलता है तथा पूरी त्वचा साफ हो जाती है।

5-आयुर्वेदिक शोथहर द्रव्यों का प्रयोग:-

जीरा, अदरक,जैतून का तैल,जैतून के बीज,जामुन, चेरी,सैमन,नटस आदि का खुब प्रयोग करें

 सोरायसिस के इलाज के लिए कुछ अन्य आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जा सकता है।जैसे

मुसब्बर (एलोवेरा),

 ब्लैक नाइटशेड,

 बोसवेलिया, या लोबान

 लहसुन,

 गुग्गुल,

 चमेली के फूल का पेस्ट,

 नीम,

 नोट:-

[आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को अपने आहार में शामिल करने से पहले लोगों को अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।]

- नारियल या जैतून के तेल जैसे प्राकृतिक सुखदायक तेल लगाने से त्वचा को कोमल बनाने और सोरायसिस की खुजली और परेशानी से राहत पाने में मदद मिल सकती है।

#सोरायसिस मे क्या न खायें?

एलोपैथी की एंटीइंफ्लेमेटरी दवा न ले रोग बढने के खतरे होते है।

विरूद्ध आहार न लें जैसे मिल्कसेक और दही,मूली और दूध,मछली और दूध,नमकीन और दूध,आदि

तली हुई, बासी भोजन, तेज मसाले,खटाई से परहेज करें.

धन्यवाद!

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