Guru Ayurveda

सोमवार, 27 फ़रवरी 2023

आयुर्वेद के अनुसार चेहरे का ग्लो कैसे बढायें in hindi

 चेहरे का ग्लो बढ़ाना



Dr.virenderMadhan

आयुर्वेद के अनुसार चेहरे का ग्लो कैसे बढायें in hindi.

- चेहरे का ग्लो बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में कुछ उपाय हैं। निम्नलिखित उपायों को अपनाकर आप चेहरे का ग्लो बढ़ा सकते हैं:

*दूध और शहद:-

दूध में विटामिन ए, डी और शहद में एंटीवायरस गुण होते हैं जो चेहरे को ग्लो करने में मदद करते हैं। 

- आप रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं।

*सफेद चाँदी का प्रयोग:-

 सफेद चाँदी में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो चेहरे की त्वचा को स्वस्थ बनाए रखते हैं और ग्लो बढ़ाने में मदद करते हैं। आप सफेद चाँदी की शीशी से तार बना सकते हैं और उससे चेहरे को मालिश कर सकते हैं।

*निम्बू का रस:-

 निम्बू में विटामिन सी होता है जो त्वचा को ग्लो करने में मदद करता है। आप रोजाना सुबह-शाम निम्बू का रस पानी में मिलाकर पी सकते हैं या फिर निम्बू के चम्मच का रस एक कप पानी में मिलाकर पी सकते है,

*तुलसी का प्रयोग: -

 तुलसी में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो चेहरे को स्वस्थ बनाए रखते हैं। आप तुलसी के पत्तों को नीचे दिए गए तरीके से उपयोग कर सकते हैं,

- तुलसी के पत्तों को बारीक काट लें और उन्हें एक कप पानी में उबालें। जब पानी का एक तीसरा हिस्सा रह जाए, तब उसे ठंडा कर लें और चेहरे को इससे धोएं।

- तुलसी के पत्तों को पीसकर उनका रस निकाल लें और इसे चेहरे पर लगाएं। 15-20 मिनट बाद, उसे गर्म पानी से धो लें।

*हल्दी:-

- हल्दी में कुछ एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो चेहरे को स्वस्थ बनाए रखते हैं। आप इसका उपयोग निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं:

- एक चम्मच हल्दी का पाउडर और दूध को मिलाकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट के लिए रखें। उसके बाद उसे गर्म पानी से धो लें।

- एक चम्मच हल्दी का पाउडर, एक चम्मच शहद और एक चम्मच दही को मिलाकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट के लिए रखें। उसके बाद उसे गर्म पानी से

** ध्यान दें - चेहरे पर निखार और ग्लो तभी टिकेगा जब

स्वस्थ खानपान होगा

तला हुआ खाने से बचेंगे,

फल, दूध जैसी चीजें खाएंगे,

रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीएंग,

रोजाना चेहरे की सफाई करेंगे,

रोजाना योग और मेडीटेशन करें,

रोजाना भरपूर नींद लेंगे और चिंता-तनाव से दूर रहेंगे,

#रात को सोते समय चेहरे पर क्या लगाएं?

#Night Skin Care Tips: रात के समय स्किन की देखभाल बहुत ही जरूरी होती है. 

- रात में सोने से पहले चेहरे पर हल्दी और दूध का इस्तेमाल करें.

- सोने से पहले रात में स्किन पर नींबू का रस और शहद लगाएं. 

- एलोवेरा जेल स्किन के लिए काफी हेल्दी होता है. 

- स्किन की चमक को बढ़ाने के लिए रात में सोने से पहले चेहरे पर ऑलिव ऑयल लगाएं.

#Face को चिकना और चमकदार कैसे बनाएं?

#चेहरे को चिकना और खूबसूरत कैसे बनाएं?- How to Make Face Soft Naturally in Hindi.

- टमाटर का रस

 टमाटर पोषक तत्वों से भरपूर होता है।इसके प्रयोग से चहरे पर ग्लो बढता है,

- ऑलिव ऑयल से मसाज ...

- एलोवेरा जेल से भी मसाज किया जा सकता है,

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

रविवार, 26 फ़रवरी 2023

युवा बने रहने के लिए क्या करें?In hindi.


 युवा बने रहने के लिए क्या करें?In hindi.

युवा बने रहनेके लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:-

*स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:-

– नियमित व्यायाम,

– स्वस्थ आहार और पर्यावरण में शुद्धता रखने से आपकी ऊर्जा बढ़ती है और आप दिर्घायु हो सकते हैं।

–स्वस्थ रिश्तों को बनाए रखें:- आपके पास उत्तम सम्बन्ध होना चाहिए, जैसे कि परिवार, मित्र और समाज के साथ। ये सम्बन्ध आपको समाज में शांति और संतुष्टि देते हैं जो आपकी ऊर्जा को बढ़ाते हैं।

–ध्यान योग करें:-

 ध्यान और योग आपके शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने में मदद करते हैं और आपकी ऊर्जा को बढ़ाते हैं। ये आपके सामान्य स्वास्थ्य को भी सुधारते हैं।

–अधिक नींद लें:-

 नियमित नींद लेना आपके शरीर को शांति देता है और आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है। नियमित नींद लेने से आपके शरीर में शांति और सुधार होता है।

–तंदरुस्ती की जांच करवाएं:- आपको अपनी तंदरुस्ती की जांच नियमित रूप से करवानी चाहिए। इससे आपकी बीमारियों का पता चलता रहे

और समस्याओं को जल्दी से पहचाना जा सकता है और उन्हें ठीक करने के लिए उचित सलाह दी जा सकती है।

–स्ट्रेस को कम करें:-

 स्ट्रेस आपके स्वास्थ्य के लिए अधिक नुकसानदायक होता है। स्ट्रेस को कम करने के लिए आप मेडिटेशन, योग, प्रणायाम जैसे तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।

–नशे से दूर रहें:-

 नशे से दूर रहना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं और आपकी ऊर्जा को कम करते हैं।

–चीनी का प्रयोग कम करें,

–फास्ट फूड, पैकड फूड तेज मसालेदार भोजन न करें

–आवश्यकता के अनुसार पानी जरूर पीते रहे,

–सकारात्मक सोच के साथ रहें:-

 सकारात्मक सोच आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसलिए, नकारात्मक सोच से दूर रहें और अपने जीवन को सकारात्मक ढंग से देखें।

–सोशल मीडिया का मात्र समय निर्धारित करें:-

 सोशल मीडिया आपकी ऊर्जा को कम कर सकता है और आपकी सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, सोशल मीडिया का मात्र समय निर्धारित करें और अपने स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक कदम उठाएं।

#जवान रहने के लिए क्या खाएं (Young looking tips food in hindi)

–गेंहू के ज्वारे (whit grass) का सेवन करें,

-आंवला का सेवन रोज करें आंवले का चूर्ण, आंवला जूस,चटनी,च्यवनप्राश, के रुप मे आवलो का प्रयोग किया जा सकता है,

– अलसी को भूनकर उसके पाउडर का सेवन करें.

–अंकुरित अनाज के सेवन से शक्ति व इम्यूनिटी बढती है।

–हमेशा पौष्टिक आहार का सेवन करें

इतने उपाय करने से आप युवा की तरह वृद्धावस्था मे भी कार्य कर सकते है।

डा०वीरेंद्र मढान,

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

मानसिक स्वास्थ्य कैसे बढ़ाएं? (How to Improve Mental Health?)

 मानसिक स्वास्थ्य कैसे बढ़ाएं? (How to Improve Mental Health?)



dr.virendermadhan

मानसिक स्वास्थ्य बढाने के लिये क्या करें?

मानसिक शक्ति के लिए शारिरिक स्वास्थ्य अच्छा होना भी जरूरी है।

मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कार्य किये जा सकते हैं:-

- नियमित व्यायाम:-

 योग, मेडिटेशन, स्पोर्ट्स आदि मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। नियमित व्यायाम से आपके दिमाग को ताजगी मिलती है और स्ट्रेस से छुटकारा पाया जा सकता है।

- अनुभव करना:-

 नए अनुभवों को खोजना, अपने रूटीन से बाहर निकलना और नए स्थानों का अनुभव करना आपके मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।

-समय का प्रबंधन करें:-

 अधिक काम करने वाले लोगों के लिए बहुत मुश्किल होता है लेकिन अपने दिन की कुछ घंटों को समय निर्धारित करना मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।

कुछ नया सीखते रहें:-

 दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए कोशिश करनी चाहिए कि कुछ नया सीखते रहना चाहिए।

-अधिक नींद:- 

नींद की कमी मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती है। नींद की अधिकता से स्वस्थ महसूस करने में मदद मिलती है।

- स्वस्थ खानपान:-

 स्वस्थ खानपान आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

 फल, सब्जियां, अधिक पानी, प्रोटीन युक्त आहार आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है।

- न करें यें काम:-

पारंपरिक खाद्य पदार्थों, तला हुआ और तीखा खाद्य पदार्थों, और बहुत अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचने की कोशिश करें।

 नियमित पौष्टिक खाने से आपके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा।

 #अपने दोस्तों और परिवार से संपर्क :-

 दोस्तों और परिवार से संपर्क बनाए रखने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। लोग आपकी मदद कर सकते हैं और आपको समर्थन दे सकते हैं।

* ध्यान देने वाली गतिविधियों को चुनें:-

 पढ़ाई-लिखाई, मुद्रा, तनाव कम करने की गतिविधियों से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

* समस्याओं का सामना करें: अक्सर लोग अपनी समस्याओं से भाग जाते हैं और यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। समस्याओं का सामना करना और उन्हें हल करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होता है।

* इन सभी कार्यो को करने से आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं। यदि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या से जूझ रहे है तो मनोचिकित्सक से बात करना अच्छा है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2023

क्या है? बाल उगाने का तरीके in hindi.

क्या है? बाल उगाने का तरीके in hindi.



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#drVirenderMadhan.

#क्या जड़ से गिरने के बाद बाल वापस उगते हैं?

बाल वापस आएंगे या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि  बाल किस कारण से झडे है. कुछ केस मे बाल जल्दी ही वापस आ जाते हैं,कुछ केस में दवाओं और तेल की मदद से बाल वापस आ जाते हैं और कुछ मामलों में बाल दोबारा नही उगते है।

#झड़े हुए बाल वापस लाने के लिए क्या करें?

* नींबू

सिर में जिस जगह के बाल झड़ गये हों वहां एक दिन में दो से तीन बार नींबू रगड़ने से दोबारा बाल उगने शुरू हो जाते है। सिर पूरी तरह गंजा हो तब भी यह विधि को करना चाहिए.

* हर बार नींबू लगाने के बाद बाल धोना जरूरी नहीं होता है।

#खाली जगह पर बाल कैसे उगाए?

या

#नए बाल कैसे उगाए - Naye Baal Kaise Ugaye

- प्याज के रस से बालों से जुड़ी तमाम समस्याओं के लिए प्याज का इस्तेमाल किया जा सकता है.

- धनिया के प्रयोग से देसी धनिया नए बाल उगाने में काफी कारगर सिद्ध होता है. 

- नीम का तेल भी बालों को झडने से बचाता है।

- जैतून और नारियल का तेल बोलों के लिये बहुत लाभप्रद होता है।

-अगर बाल उडते है तो अपन भोजन में नमक का कम इस्तेमाल करें ।

- आंवले के इस्तेमाल से नये बाल आने लगते है।

#सिर के आगे के बाल कैसे उगाए?

गर्म तेल की मालिश बालों को दोबारा उगाने के लिए हॉट हेयर ऑयल मसाज भी फायदेमंद है। 

- नीम और एलोवेरा का तैल सिर पर लगाने से लाभ होता है।

प्रोटीन भी है जरूरी

बाल के लिए नट्स और बीन्स का प्रयोग जरूर करें.

योग और ध्‍यान करें।


#घने बाल कैसे उगाएं?

बाल घने करने के लिए यें उपाय करें-

- नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर लगाएं।

- अंडे में दो चम्मच ऑलिव ऑयल मिलाकर सिर में मालिश करें।

-बालों में अरंडी के तेल से मालिश करें।

- प्याज को पीस कर उसका दो चम्मच रस निकाल लें।प्याज के रस को सिर अच्छी तरह से मालिस करें कुछ देर बाद सिर को धोलें.

#घने बालों के लिये क्या खायें,

भोजन में वह चीज शामिल करें जिससे हड्डियां मजबूत होती है 

आयुर्वेद बालों को हड्डियों का मल माने है हड्डी मजबूत तो बाल मजबूत।

- आंवले का मुरब्बा खाएं। 

- एलोवेरा जूस का सेवन करने से भी बालों को पोषण मिलता है और इससे बाल घने और मुलायम होते हैं।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

#guruayurvedainfaridabad.

सोमवार, 20 फ़रवरी 2023

क्या होता है बेलपत्र खाने के बाद,

 #बेल का फल और पत्तों के गुण उपयोग in hindi.



बेलपत्र /एगल मार्मेलोस/ (Aegle marmelos)| स्टोन एप्पल|वुड एप्पल.

By:- Dr.VirenderMadhan.

बेलपत्र को संस्कृत में बिल्व पत्र (Bilva Patra) कहा जाता है। BelPatra (बेलपत्र) को पवित्र माना जाता है इसलिए इसे देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है। बिल्व शब्द का अर्थ बेल का पेड़ और पत्र का अर्थ पत्ता होता है।

अंग्रेजी में बेलपत्र को एगल मार्मेलोस (Aegle marmelos) या आमतौर पर स्टोन एप्पल या वुड एप्पल कहा जाता है।

बेल पत्र के बहुत लाभ हैं। इसका फल विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है जिसमें विटामिन सी, विटामिन ए, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन बी1, बी6 और बी12 शामिल हैं ।

आयुर्वेद के अनुसार, तीन दोष होते हैं - वात, पित्त और कफ , और बेलपत्र का सेवन तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है ।



#बेल के फल व पत्तों के उपयोग:-

- बेलपत्र रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में लाभदायक है। 

- बेलपत्र का इस्तेमाल करने से त्वचा पर होने वाले रैशेस को ठीक करने में मदद मिल सकती है। 

यदि आप अधिक पसीने या त्वचा पर रैशेज के कारण दुर्गंध की समस्या से परेशान हैं तो बेलपत्र के मिश्रण को कुछ दिनों तक लगाने से शरीर की दुर्गंध कम हो जाएगी क्योंकि यह शरीर की दुर्गंध को दूर करने का कार्य करता है। 

- बेलपत्र का जूस पीने से आपके बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी और रूखे और सुखे बाल मुलायम हो जाते हैं।


- बेल का जूस पीने से डाइजेशन (Digestion) बेहतर होता है.

- कब्ज, एसिडिटी और गैस की समस्या से राहत मिलती है. 

- बेल का जूस पीने से पेट ठंडा रहता है जिससे मुंह में हुए छालों से भी आराम मिलता है. 

- बेल का जूस खून को साफ करने का भी काम करता है, 


#बेलपत्र कौन सी बीमारी में काम आता है?

अतिसार, डाईसेंट्री, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल और दिल से संबंधित बीमारियों को सही करने में बेल पत्र का सेवन बहुत लाभदायक साबित होता है. 

- बेल का फल पेट साफ करने के लिए उत्तम औषधि है.  

- डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखती हैं. बेलपत्र में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं.

#सुबह खाली पेट बेलपत्र खाने से क्या फायदा?

- कब्ज :-

  कब्ज की समस्या है तो बेल के पत्ते खाएं।

- पाचन शक्ति बढ़ाए

-  बेल पेट को साफ करने का काम करता है।  

- इसकी ठंडी तासीर शरीर से गर्मी को निकाल कर फिर से स्वस्थ कर देती है.

 - गर्मी या पित विकार की वजह से नाक से खून निकलता है तब भी इस फल को दवाई के रूप में खिलाया जाता है. -


- बेलपत्र पेट दर्द, गैस, कब्ज,से राहत दिलाता है।

#बेल का जूसपीने का सही समय:-

- बेल का जूस पीने का सबसे सही समय सुबह के वक्त होता है। इसके अलावा आप दोपहर में भी 1 गिलास बेल का जूस पी सकते हैं। 

* ध्यान रखें कि चाय या कॉफी जैसी गर्म चीज पीने के तुरंत बाद बेल का शरबत न पिएं।

>> शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है। 


- बेलपत्र को हृदय के रोगियों के लिए भी बहुत ही खास औषधि माना जाता है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से रक्‍तसंचार ठीक होता है, रक्‍तसंचार अच्‍छा होने से हृदय मजबूत होता है। ऐसा होने से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। 

-बेल की पत्तियों का रस पीने से श्‍वास संबंधी रोगों में भी लाभ मिलता है।

- बेलपत्र कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित रखने में मददगार हो सकता है।

-बेलपत्र दस्त और डायरिया की समस्या में भी फायदेमंद होता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

#guruayurvedainfaridabad.

शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

सुपारी खाने वाले सावधान!जाने सुपारी खाने से क्या होता है?In hindi.

 #सुपारी, #Healthtips, #घरेलू उपाय, #आयुर्वेद

सुपारी खाने वाले सावधान!जाने सुपारी खाने से क्या होता है?In hindi.

Dr.virender madhan

#सुपारी खाने से क्या होता है?In hindi.



सुपारी खाना हानिकारक क्यों है?

 कुछ लोगों को सुपारी खाने मे स्वादिष्ट लगती है और उन्हें इसकी आदत हो जाती है। 

- सुपारी खाने के अनेक स्वास्थ्य सम्बंधी नुकसान हो सकते हैं।

-अधिकतर सुपारी मसालों का प्रयोग करने वाली लोग बीच में पान के पत्ते मे डालकर खाते हैं। 

इसमें कुछ मात्रा में कैल्शियम कार्बोनेट, सुपारी, जिंक और मेथल जैसे तत्व होते हैं। जब आप सुपारी चबाते हैं, तो वह आपके मुंह में नीचे जाकर पान में मौजूद लेमनिन को उत्पन्न करती है। इससे मुंह में एसिडिटी बढ़ती है जो कई समस्याओं को पैदा कर सकती हैं।



अधिक जानकारी के लिए:-

https://youtu.be/N50ZT0bo7eg

- कुछ शोधों में पाया गया है कि सुपारी खाने से मुंह में कैंसर के बनने की संभावना बढ़ती है। अधिकतर सुपारी में पाये जाने वाले कीटनाशक भी कैंसर के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

- सुपारी के अधिक सेवन से गले का कैंसर हो सकता है, इसे घेंघा कैंसर भी कहते हैं। इसमें मौजूद तत्व सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक है, इससे घेंघा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है ।इसलिए ज्यादा सुपारी का सेवन करने से दूर रहना चाहिए।

- सुपारी खाने से कुछ लोगों को चक्कर आना, उल्टी, पेट में गैस बनना और त्वचा में सूखापन जैसे लक्षण मिलते है।

-सुपारी, गुटखा खाने वालों का मुखद्वार इतना छोटा हो जाता है कि कई बार भोजन करना मुश्किल हो जाता है।

- सुपारी खाने से धातु नाश होता है।



#सुपारी खाने से लाभ?

सुपारी के लाभ हानियों से काफी कम होते है। 

-सुपारी से बना सुपारीपाक महिलाओं मे होने वाले श्वेत प्रदर,कमरदर्द मे बहुत अच्छा काम करता है।

-सुपारी खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

 - दांतो मे कीडे नही लगते है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023

विटामिन डी की कमी क्यों और कैसे होती है?In hindi.


 # विटामिन डी की कमी क्यों और कैसे होती है?In hindi.

#Dr.VirenderMadhan.

शरीर में विटामिन डी की मात्रा लोगों को भोजन और धूप के माध्यम से विटामिन डी मिलता है. 

  - वयस्कों के लिए, विटामिन डी की कमी चिंता का विषय नहीं है. 

- काली त्वचा वाले और 65 से अधिक उम्र के वयस्कों को इसकी कमी अधिक होती है.

#विटामिन डी की कमी होने से क्या होता है?

- विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। 

- हल्का चोट लगने पर भी हड्डियों की टूटने की आशंका रहती है। 

- शरीर में ऐठन की समस्या भी होने लगती है। 

- मोटे व्यक्तियों में फैट की मात्रा अधिक होती है तो उन्हें भी इसकी कमी हो जाती है।

# विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग:-

- निम्न रक्त कैल्शियम का स्तर (हाइपोकैल्सीमिया)।

- निम्न रक्त फॉस्फेट स्तर (हाइपोफॉस्फेटेमिया)।

- रिकेट्स (बचपन में हड्डियों का नरम होना)।

- ऑस्टियोमलेशिया (वयस्कों में हड्डियों का नरम होना)।


- विटामिन डी की कमी के दो मुख्य कारण हैं:-

 अपने आहार में या धूप के माध्यम से पर्याप्त विटामिन डी का न मिलना। आपका शरीर विटामिन डी को ठीक से अवशोषित नहीं कर रहा है।

अन्य कारण:-

- सिस्टिक फाइब्रोसिस

- मोटापा

- गुर्दे की बीमारी और लीवर की बीमारी

- सर्जरी

- दवाएं जो विटामिन डी की कमी का कारण बन सकती हैं।

- जुलाब ।

- स्टेरॉयड (जैसे कि प्रेडनिसोन )।

० कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं (जैसे कोलेस्टेरामाइन और कोलस्टिपोल)।

०अवशोषण को रोकने वाली दवाएं 

जैसे फेनोबार्बिटल और फ़िनाइटोइन ।

- रिफैम्पिन (एक तपेदिक दवा)।

- Orlistat (एक वजन घटाने वाली दवा)।

#विटामिन-डी की कमी के लक्षण:-

-शरीर में विटामिन-डी कम होने से हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं, 

-ऑस्टियोपोरोसिस, 

-हड्डियों में दर्द, 

-मांसपेशियों का फड़कना, -मांसपेशियों का कमज़ोर होना, -मांसपेशियों में तेज़ दर्द और जोड़ों में अकड़न होना लक्षण है।

#विटामिन डी की कमी के लिए क्या उपाय करें?

 मशरूम, कॉड लिवर ऑयल, दूध, टोफू, दही, संतरे का रस, पनीर, मछली, शैवाल, अंडे की जर्दी,आदि जैसे फूड्स में विटामिन डी पाया जाता है.

- गाय का दूध विटामिन डी के स्रोत में दूध का नाम सबसे पहले आता है। 

- मछली में विटामिन डी होता है।

- संतरे का जूस पीने से विटामिन डी की पुर्ति करने में मदद मिलती है।

-मशरूम,कॉड लिवर ऑयल भी इसके लिए लाभकारी होती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

रविवार, 12 फ़रवरी 2023

सर्प विष से बचाने वाली औषधि-द्रौणपुष्पी|गुमा क्या है?In hind

 सर्प विष से बचाने वाली औषधि-द्रौणपुष्पी|गुमा क्या है?In hindi.

[द्रौणपुष्पी|गुमा]



<साँप के काटने से बचाने वाली औषधि>

By:- Dr.VirenderMadhan.

 द्रौणपुष्पी पौधे की गाँठों पर सफेद फूलों के गुच्छे लगते हैं। द्रोणपुष्पी का पौधा बारिश के मौसम में लगभग हर जगह पैदा होता है, गर्मी के मौसम में इसका पौधा सूख जाता है। इसकी ऊंचाई 1-3 फुट और टहनी रोमयुक्त होता है।

द्रोणपुष्पी या 'गोफा' या 'गुमा' औषधीय गुणों से युक्त पौधा है।

#द्रौणपुष्पी के नाम:-

लै०Leucas cephalotes spring.

स०-द्रौणपुष्पी,फलपुष्पा,हिंदी- गोफा,गूमा, ब०-हलकमा,घलघसे, म०- तुबा,कुमा,

#द्रौणपुष्पी के आयुर्वेदिक गुण:-

गुण―गुरु, रुक्ष,तीक्ष्ण

रस–कटु,   विपाक–कटु,

वीर्य–उष्ण

#द्रौणपुष्पी के कर्म और प्रयोग:-

 - यह कफवात शामक और पित्त शोधक है।यह शोधन के लिये प्रयोग किया जाता है।

- गुमा कफध्न,जन्तुध्न,बिषध्न है।

#द्रौणपुष्पी किस काम आता है?

- इसका स्वरस का नस्य प्रतिश्याय और शिरशूल के लिए  दिया जाता है।

- इसके क्वाथ से घाव को धोते है और सर्पदंश पर भी लगाते है।

- उदररोगोमे-

इसका प्रयोग भूख की कमी, टाइफाइड, बुखार के कारण होने वाली भूख की कमी, और पेट के रोगों के इलाज में किया जाता है।

- आध्यमान (पेट फूलना),शूल (दर्द),विबन्ध (कब्ज), कामला,तथा कृमि रोग में इसका प्रयोग लाभकारी होता है।

- श्लैष्मिक ज्वरों मे मे भी लाभप्रद है।,सर्पविष मे भी प्रयोग होता है।

- रक्तविकार, शोथ,मे प्रयोग किया जाता है।

- कास,श्वास रजोवरोध, कष्टरजःमे उपयोगी है।

#द्रौणपुष्पी का विशेष चमत्कारी उपयोग :-

सर्प के काटने पर थोडी थोड़ी देर बाद द्रौणपुष्पी के रस की 3-4 बूंदें नाक मे डालते रहने से सर्प विष समाप्त हो जाता है और रोगी का जीवन बच जाता है।

#प्रयोज्य अंग- 

पंचाग ( विशेषता पत्र),स्वरस,

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

अंगूर खाने से व्यक्ति के शरीर मे क्या होता है? In hindi

 #अंगूर खाने से व्यक्ति के शरीर मे क्या होता है? In hindi



अंगूर खाने से व्यक्ति के शरीर के लिए कई लाभ होते हैं, 

- विटामिन सी और फैटी एसिड्स:-

 अंगूर में विटामिन सी और फैटी एसिड्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर के विकास और स्वस्थ रहने के लिए जरूरी होते हैं.

- पोषक तत्व:-

 अंगूर में प्रोटीन, कार्बोहाड्रेड, विटामिनों और मीनरल के अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के विकास और बलबर्द्धि में मदद करते हैं.

- कैंसर से बचाव:-

 अंगूर में कैंसर रोघी तत्व होते हैं, 

- एंटी-ऑक्सिडेंटी, 

- एंटी-इंफेक्शन,

- स्वस्थ त्वचा:-

 अंगूर खाने से त्वचा के स्वस्थ होती है, अंगूर मे विटामिन के साथ-साथ मिनरल और मैग्नीशियम भी होते हैं।

इसलिए, अंगूर खाने से स्वस्थ और सुंदर त्वचा, कैंसर से बचाव, लिए पोषक तत्व मिलते हैं।

इसलिए, अंगूर खाने से शरीर को बहुत लाभ मिलता हैं।

#अंगूर के आयुर्वेदिक गुण व फायदे क्या है?

- अंगूर गुण मे शीतल, नेत्रों को हितकारी, पुष्टिकारक,

- पाक या रस में मधुर, स्वर को उत्तम करने वाले, कषाय, मल तथा मूत्र को निकालने वाले, वीर्यवर्धक, पौष्टिक, कफकारक तथा रुचिकारक है।

-  अंगूर ,प्यास, बुखार, खांसी वातरक्त, पीलिया आदि रोगों में लाभकारी है।

#कब न खायें अंगूर?

ज्यादा अंगूर खाने से पेट खराब हो सकता है जब पेट खराब हो तो अंगूर का सेवन नहीं करना चाहिए.

 - किडनी से जुडे रोग, डायबिटीज वाले लोगों को  अंगूर नहीं खाने चाहिए. 

#अंगूर कितना खा सकते है?

अंगूर को कितना कोई खा सकता है यह अलग अलग व्यक्ति के अनुसार अलग अलग हो सकता है। इसकी कोई निश्चित मात्रा नही है।

#क्या अंगूर सर्दियों में खा सकते है ?

हाँ, अंगूर सर्दियों में खा सकते हैं। सर्दियों में शरीर को संतुलित विटामिन और पोषक तत्वों की जरूरत होती है, और अंगूर इन तत्वों के स्रोत होते हैं। इसलिए, सर्दियों में अंगूर खाने से शरीर को शक्ति मिलती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

हड्डियां मजबूत करने के लिए क्या करें?In hindi.


 हड्डियां मजबूत करने के लिए क्या करें?In hindi.

#हड्डियों को मजबूत कैसे करें?

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए, भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम, फैटी एवं विटामिन शामिल करने चाहिए।  उसके लिए–

- डेयरी प्रोडक्ट्स

कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए डाइट में दूध, दही, पनीर, बटर, छाछ आदि चीजों को जरूर शामिल करें। इन चीजों के सेवन से शरीर की हड्डी भी मजबूत होती है। इसके अलावा, नारंगी, हरी सब्जियां, खट्टे फल, बीन्स और सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स का जरूर सेवन करें।

- इसके अलावा, हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए-

-  नियमित व्यायाम करना चाहिए,

- तनाव को कम करना, अच्छी नींद और स्वस्थ जीवन शैली होना हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

* हड्डियों के लिए दही

दही में प्रोटीन होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए दही का उपयोग करना, स्वस्थ खान-पान और व्यायाम के साथ सही हो सकता है। लेकिन, दही की अधिकतम मात्रा में खाने से मोटापा बढ़ने की समस्याएं हो सकती हैं।

दूध पीना-

दूध पीने से मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं 

- दूध पीने से बॉडी को ऊर्जा मिलने के साथ-साथ मांसपेशियां और हड्डियां भी मजबूत होती है. दूध के अंदर विटामिन डी और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है. 

#हड्डी के लिए कौन सा फल खाना चाहिए?

 हड्डियों के लिए अच्छे फल - संतरा, केला,आलूबुखारा, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, पपीता, अनानास और अमरूद विटामिन सी से भरपूर फलों के अलावा, विटामिन के से भरपूर फल, जैसे कि अंजीर, ब्लूबेरी, रसभरी, आलूबुखारा और अंगूर हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं।

तैल:-

 तैल जिससे हड्डियां मजबूत हो सकती हैं.

सरसो का तेल सरसो का तेल 

बादाम का तेल 

तिल के तेल 

 जैतून का तेल

#हड्डियों को मजबूत करने का सरल तरीका।

- हड्डियों को ताकतवर बनाने के लिए हरी सब्जियां जरूरी खाएं.

- अपने भोजन में ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम, अखरोट और किशमिश शामिल करें.

- कैल्शियम के लिए आप खाने में गुड़ जरूर शामिल करें. 

- खट्टे फलों में विटामिन c, विटामिन डी और कैल्शियम काफी होता है.इसलिए फल जरूर खायें।

- अंडा में सभी जरूरी पोषक तत्व पाए होते हैं.जिससे हड्डी मजबूत होती है।

*आपको अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम (calcium) की जरूरत होती है। और आपके शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी (Vitamin D) की आवश्यकता होती है। हड्डियों का खराब स्वास्थ्य रिकेट्स (Rickets)और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है।

#हड्डियों को मजबूत करनेवाले आयुर्वेदिक दवा-

शतावरी, अश्वगंधा, अशोक, ब्राह्मी और हल्दी, शुद्ध गुग्गुल का रोज सेवन करने से अस्थि मजबूत होती है।

#क्या खाने से हड्डी कमजोर होती है?

चीनी और नमक शरीर को कैल्शियम अब्‍जॉर्ब करने से रोकता है जिस वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. चलिए जानते हैं नमक के अलावा क्‍या खाने से हड्डियां कमजोर होती हैं. हड्डियों को कमजोर बनाने में नमक के साथ चीनी भी बराबर की हानिकारक होती है.

सारांश;-

हड्डियों को मजबूत रखने के लिये 

पौष्टिक आहार, दुध, दही, हल्दी, गुड,तैल, फलों का प्रयोग जरुर करें

तैल की शरीर पर मालिस करें.

मानसिक तनाव ना लें इसके लिए योग,प्राणायाम करें

शरीरिक व्यायाम करें, पैदल घूमने जायें।

किसी प्रकार का नशा न करें।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

सिरदर्द|Heacach किसे कहते है?शिरशूल हो तो क्या करें?In hindi.

 सिरदर्द 



सिरदर्द|Heacach किसे कहते है?शिरशूल हो तो क्या करें?In hindi.

परिभाषा:-

सिरदर्द, सिर, खोपड़ी, या गर्दन में दर्द या बेचैनी की विशेषता वाली एक सामान्य स्थिति को सिरदर्द कहा जाता है।  

#सिरदर्द|शिरशूल के क्या कारण है?

* ;सिरदर्द के कुछ सामान्य कारणों में तनाव, 

- साइनसाइटिस,

- माइग्रेन, 

- निर्जलीकरण और

- मानसिक तनाव होना भी बडा कारण हैं।  

 - पर्याप्त नींद न आना या कार्यवश नीदं पूरी न कर पाना,

#सिरदर्द के उपाय क्या करें?

 - तनाव कम करने का प्रयास करें, 

- पर्याप्त पानी पीयें ।

- मालिश,सिर पर तैल मालिस करायें।

-  योग करने से भी कुछ व्यक्तियों के लिए प्रभावी लाभ हो सकते हैं।  

अगर आपका सिरदर्द अक्सर रहता है या गंभीर होता है, तो चिकित्सक को दिखाना उचित है।

 #सिरदर्द का घरेलू उपाय क्या है?

- मालिश करें:-

 हल्के हल्के हाथ से सिर और गर्दन की मालिश करने से सिरदर्द के दर्द से आराम मिल सकता है.

 मालिस तेल:- 

पेपरमिंट मिला सरसौं तैल,नारियल तेल, जैतून तैल, तिल तैल जैसे आवश्यक तेलों के साथ अरोमाथेरेपी से सिरदर्द दर्द मे आराम पाने मे मदद  मिल झसकती है।

- तनाव दूर करें:-

 तनाव सिरदर्द को उत्पन्न कर सकते हैं, इसलिए गहरी सांस लेने या ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें।

-नींद:-

 पर्याप्त नींद लेना और लगातार नींद का समय बनाए रखना उचित है।

- सुनिश्चित करें कि आप पूरे दिन पर्याप्त पानी पी रहे हैं।क्योंकि हाइड्रेशन: निर्जलीकरण सिरदर्द का कारण बन सकता है।

- गर्म/ठंडा थेरेपी:-

  माथे पर एक गर्म या ठंडा तौलिया गर्दन के पीछे रखने से सिरदर्द के दर्द को कम करने में सहायक होन सकती है।

- व्यायाम:-

 नियमित शारीरिक व्यायाम तनाव को कम करने और सिरदर्द को रोकने में लाभकारी होता है।

-[तीव्र शिरशूल होने पर अपने चिकित्सक से सलाह ले उचित होता है।]

 #शिरशूल हो तो क्या खायें?

- सिरदर्द है तो आपको अपने खाने पर ध्यान देना चाहिए। ―न्यूट्रिटिव और कफ वितरित करने वाले फ़ूड्स शामिल करें, जैसे कि विटामिन ए वाले फल (जैसे कि अंगूर), 

- सब्जियां, सेव और नारंगी। 

- पीने के लिए पानी और तरल पीने वाले पदार्थ होने चाहिए। 

#क्या न खायें?

 कुछ पदार्थ सिर दर्द को बढ़ा सकते हैं, जैसे:-

- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ–पैकड फूड,

- कैफीन-चाय, कोफीआदि।

- शराब और

- कृत्रिम मिठास।  

👍 डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

बालों के झड़ने के क्या क्या कारण हो सकते है?In hindi.


 #बालों के झड़ने के क्या क्या कारण हो सकते है?In hindi.

[Hair fall|बालों का झडना]

Dr.VirenderMadhan.

बाल झड़ने का कारण―

 बालों के झड़ने के बहुत कारण हो सकते हैं जैसे:-

- आनुवंशिकी

- हार्मोनल असंतुलन, जैसे कि थायरॉयड समस्याओं के कारण या रजोनिवृत्ति के कारण,

- खालित्य रोग या खोपड़ी संक्रमण

- तनाव और चिंता मे रहना,

– दवाएं के कारण, जैसे कीमोथेरेपी दवाएं या रक्त पतले रखने की दवा,

- कुपौषण और विटामिन और खनिजों की कमी होना,

- ओवरस्टाइलिंग और रासायनिक उपचार, जैसे- डाई आदि करना,

- उम्र बढ़ने पर बाल झडने लगते है।

- तेजी से वजन कम होना या  के कारण,

-  तंग चोटी बांधना जैसे कुछ हेयर स्टाइल जो ट्रैक्शन एलोपेसिया का कारण बन सकती हैं, 

** बालों के झड़ने के कुछ अन्य कारण भी शामिल हैं:-

- खोपड़ी के संक्रमण जैसे फंगल संक्रमण या दाद होना,

-  खोपड़ी के रोग जैसे कि सोरायसिस या सेबरेरिक डार्माटाइटिस होना,

-  खोपड़ी में जलन या चोट लग जाना,

- रसायनों के कारण:- जैसे कि बालों के उत्पादों, रंगों या स्टाइलिंग टूल में पाए जाने वाले रसायन,

- ट्रिकोटिलोमेनिया,

 एक आवेग नियंत्रण विकार जहां एक व्यक्ति बार-बार अपने बालों को खींचता है,

- एनीमिया या लोहे की कमी होना,

- विटामिन और खनिज की कमी, जैसे विटामिन डी, विटामिन बी 12 या आयरन की कमी होना, 

*बालों के झड़ने गंभीर होने पर इलाज की आवश्यकता होती है।  

* एक स्वस्थ आहार बनाए रखना, 

* तनाव कम करना और 

* कठोर रासायनिक उपचार से बचना भी बालों के झड़ने को रोकने में मदद कर सकता है।


#बाल झड़ने के घरेलू उपाय क्या है?

 कुछ लोकप्रिय उपाय:-

- तैल मालिस-

- जैतून का तेल, नारियल का तेल या अरंडी के तेल जैसे आवश्यक तेलों से सिर की मालिश करें।

- एलोवेरा जेल:- 

सीधे स्कैल्प पर लगाया जाता है, एलोवेरा बालों के विकास को बढ़ावा देने और बालों के झड़ने को कम करने में मदद कर सकता है।

- प्याज का रस:-

 प्याज के रस में सल्फर होने से खोपड़ी में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और बालों के झड़ने को कम करने में मदद करता है।

- मेथी के बीज:-

 मेथी के दानों को रात भर भिगोकर और पीसकर पेस्ट बनाकर बालों के झड़ने को कम करने में मदद करने के लिए बालों पर लगाया जा सकता है।

- टी ट्री ऑयल:-

 सिर पर टी ट्री ऑयल लगाने से स्कैल्प के स्वास्थ्य में सुधार और बालों का झड़ना कम होता है।

-ग्रीन टी:-

 सिर पर ग्रीन टी लगाने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार और बालों के विकास को बढ़ावा मिलता है।

- आयरन, विटामिन सी और बायोटिन जैसे विटामिन और खनिजों से भरपूर स्वस्थ आहार खाने से भी बालों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।


 नोट:-  

ये उपाय सभी के लिए काम नहीं कर सकते हैं।  साथ ही, किसी भी नए उपाय को आजमाने से पहले या आपकी कोई चिकित्सा चल रही है तो डॉक्टर से जांच कराना चाहिए।

 #बालों के झड़ने के अन्य घरेलू उपचार

 - अंडे का मास्क:-

 बालों और सिर पर अंडे का मास्क लगाने से बालों के रोम को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं 

-चुकंदर और गाजर का रस:- 

चुकंदर और गाजर के रस का मिश्रण पीने से खोपड़ी में रक्त परिसंचरण ठीक से होता है, बालों के रोम को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और बालों का झड़ना कम होता है।

-मेंहदी:-

 बालों और स्कैल्प पर मेंहदी लगाने से भी बालों का झड़ना कम होता है।

-अदरक:-

 अदरक के रस और जैतून के तेल के मिश्रण को स्कैल्प पर लगाने से रक्त संचार ठीक होता है और बालों का झड़ना कम होता है।

- नींबू का रस:-

 सिर पर नींबू का रस लगाने से सिर के पीएच स्तर को संतुलित करने और बालों के झड़ने को कम करने में मदद मिल सकती है।

- मुलेठी की जड़:-

मुलेठी की जड़ को पानी में उबालकर और शैम्पू करने के रूप में उपयोग करने से बालों के झड़ने को कम करने और बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।

सारांश–

 - रासायनिक उपचार, -अत्यधिक हीट स्टाइलिंग, और तंग हेयर स्टाइल जो बालों को खींच सकते हैं, इन सब से बचकर अपने बालों की देखभाल करना चाहिए, अपने बालों को नियमित रूप से सौम्य शैम्पू से धोना और नियमित रूप से कंडीशनिंग करना भी खोपड़ी और बालों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

वर्टिगो (चक्कर आना)क्या होता है in hindi.

 वर्टिगो (चक्कर आना)क्या होता है in hindi.



जब रोगी को अपन आसपास की सभी चीजें घुमती हुई लगाने 

खडा होने बैठने मे परेशानी हो कभी कभी लेटे लेटे भी हिलता ढुलता अनुभव होता है इस अवस्था को Vertigo कहते है।

#चक्कर आने के लक्षण क्या हैं?

लक्षण:-

आंखों पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या।

एक या दोनों कानों में सुनवाई कम होना।

- संतुलन खोना व्यक्ति गिर भी सकता है।

- कान में  सूं सूं की आवाज आना या घंटी बज रही है ऐसा अनुभव होना।

- कभी कभी मतली और उल्टी होना, जिससे शरीर के तरल पदार्थ का नुकसान होता है।

#चक्कर आने के मुख्य कारण क्या क्या हो सकते है?

चक्कर आने के मुख्य कारण ― बुख़ार, मधुमेह, विटामिन की कमी, अन्य व्यक्तिगत क्षतिग्रस्तताएं, तंग दिमाग, हृदय की समस्याएं, इंन्द्रियों की कमी, व्याधियों, इल्ज़ाम और धुप-धूल की अवस्थाओं के रूप में हो सकते है।

इनमें से कुछ अन्य कारण हो सकते हैं जैसे:-

- वित्तीय चिंताएं,

- किसी व्यक्ति की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं,

- तनाव, 

- अतिरिक्त शक्ति की कमी और - तंग ध्वनियों के प्रभाव से। इन सभी कारणों से चक्कर आ सकते है।

इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी ख़ास ध्यान दें अपनी स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के होने पर। अगर हमें चक्कर आने के लिए समस्याएं होती हैं, तो हमें अपने डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए।

#कुछ आयुर्वेदिक औषधियाँ:-

-नवजीवन रस 1-1 गोली लेने से स्नायुओं की कमजोरी दूर हो जाती है।

- त्रिफलारिष्ट 15-30 मि०ली० सवेरे शाम ले।

-कामदुधा रस आंवला के जूस से ले।

अश्वगंधादि घृत 3-6 ग्राम दूध में मिलाकर दिन में दो बार लें।

-अश्वगंधारिष्ट 15-30 मि०ली० दिन में दो बार लें।

इस प्रयोग के करने से स्नायु मजबूत हो कर चक्कर बंद हो जाते है।

Vertigo चक्कर आने के घरेलू उपाय:-

-सिर पर बादाम तैल मे कपूर मिलाकर दिन मे दो बार मालिस करें।

-छोटी ईलायची के काढे मे गुड का शीरा मिलाकर पीने से चक्कर आना ठीक हो जाता है।

-गर्मियों में चक्कर आने पर तुलसी का पेसट शरबत मे मिलाकर पीने से Vertigo ठीक हो जाता है।

-कच्ची हल्दी का लेप मस्तक पर करने से चक्कर में आराम मिलता है।

-प्याज का रस नस्य की तरह प्रयोग करने से चक्कर आना बंद हो जाता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

क्यों होता है कमर का दर्द?In hindi. Kyon hota hain kamar darad ? In hindi.

 क्यों होता है कमर का दर्द?In hindi.

Kyon hota hain kamar darad ? In hindi.

Why does back pain happen?



[Back pain|कमरदर्द]

By:-

Dr.VirenderMadhan.

#कमर दर्द के क्या क्या मुख्य कारण हो सकते है?

What can be the main reasons for back pain?

– कमर दर्द का कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे:-

* तनाव होना, 

* सूजन के कारण, 

* अवसाद होना, 

* शरीर का वजन बढ़ना,  

* कब्जरहना, 

* मलद्वार की समस्या, 

* गठिया रोग होना, 

* विपरीत स्थितियाँ मे बैठना, उठना, और 

* इन्फेक्शन होने से कमर दर्द हो सकता है। 

* किडनी के रोग, पथरी आदि होना,

* काम के कारण दुर्बल होने पर कमर दर्द होता है। 

* कमर मे चोट लगना।

[कारण जानने के लिए डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।]

#कमरदर्द का उपचार कैसे करें ?

कमर दर्द के उपचार में:-

पर्याप्त आराम, प्राकृतिक दवाइयों का प्रयोग सही उपचार हो सकते हैं। 

कुछ व्यक्तियों के लिए, कमर दर्द का मुख्य तौर पर देखभाल करने से हल किया जा सकता है, जैसे:- 

-वजन कम करने के लिए व्यायाम, 

-खराब खान-पान पर ध्यान देना, तथा 

- स्वस्थ रहने के तरीकों के अनुयायी होना। इसके अलावा, कुछ व्यक्तियों के लिए, 

- मालिस करना।

- व्यायाम के उचित तरीके अपनाना, कमर दर्द में मदद कर सकते हैं। 

#कमर दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपाय हैं:-

कमर दर्द से तुरंत छुटकारा कैसे पाए?

आयुर्वेद के चिकित्सक कमर दर्द को वातरोग मे मानते हैं।

इसके लिए आयुर्वेद में पंचकर्म करने का विधान है।

जैसे:- स्नेहन,स्वेदन,अभ्यंग,बस्ति आदि।

#कमर दर्द मे कौनसे तैल की मालिस करें?

-सरसौ का तैल, तिल तैल,एरण्ड तैल,बादाम तैल,नारियल तैल,जैतून तैल,

या आयुर्वेद में काफी वातनाशक तैल आते है उनका प्रयोग कर सकते है।

#कमर दर्द में क्या खाना चाहिए?

–मेथीदाना को रात मे भिगोकर सवेरे उसे खाना चाहिए और उसके पानी को भी पी लेना चाहिए।

रात मे लहसुन का पका हुआ दुध पीना चाहिए।

अगर आप कमर दर्द से पीड़ित हैं, तो रोज डाइट में पालक, मेथी के पत्ते, हरीसब्जी आदि को शामिल कर सकते हैं। आप इन सब्जियों को सलाद, सूप आदि के रूप में खा सकते हैं। 

कमर को मजबूत करने के लिए आवश्यक है कि ऐसी चीजें खाना चाहिए जिनमें कैल्शियम, प्रोटीन, कैरोटिन, ओमेगा-३ फैटी एसिड अधिक मात्रा में हो। इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, पनीर, सालमन मछली, दालचीनी, तुलसी, दही इत्यादि खाने चाहिए।

सही कारण और ईलाज के लिये किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेने चाहिए।

धन्यवाद!

डा० वीरेंद्र मढान,

काली मिर्च (black pepper)क्या होती है?

 #काली मिर्च (black pepper)क्या होती है?



-काली मिर्च (black pepper) एक विशेष प्रकार की मसाले का द्रव्य है, जो की कई फायदों के साथ रोगों मे प्रयोग होती हैं। 

कालीमिर्च के नाम:-

लै०– पाइपर नाइग्रम(Piper nirgun),सं०-मरिच,गोलमरिच; अं०- ब्लैक पीपर,


काली मिर्च के आयुर्वेदिक गुण:-

गुण–लघु, तीक्ष्ण

रस–कटु,      विपाक–कटु,

वीर्य(तासीर)–उष्ण,

#काली मिर्च का आयुर्वेदिक उपयोग कैसे होता है?

प्रयोग:- यह कफवात जन्य विकारों मे उपयोग होती है।

-काली मिर्च का श्वित्र,किलास,पामा आदि चर्मरोग मे लेप करते है।

-दंतशूल तथा दंतकृमि मे इसके चूर्ण का मंज्जन करते है।

-अग्निमांद्य, अजीर्ण, यक।तविकारों मे,शूल होने की आयुर्वेदिक औषधियों मे कालीमिर्च का प्रयोग किया जाता है।

-प्रतिश्याय(जुकाम),कास,और श्वास रोग मे कालीमिर्च का बहुत लाभ मिलता है।

-कालीमिर्च को पुरुषरोगो मे भी बहुत महत्वपूर्ण प्रयोग होता हैं।

#काली मिर्च के अद्भुत लाभ :-

- यह मधुमेह, शरीर को सूखाने वाली बीमारियों, पेट की गैस, जीवनशैली की समस्याओं, जीवनशैली के लिए खतरनाक बीमारियों तक के लिए लाभप्रद काम करते हैं। 

- काली मिर्च के फायदे विविध हैं, इनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:-

*मधुमेह:-

 काली मिर्च मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

*सूखने वाली बीमारियों मे:- 

- काली मिर्च शरीर में विषाक्तताओं को मिटाने में मदद करते हैं।

*पेट की गैस:-

- काली मिर्च पेट में गैस को कम करने में मदद करते हैं।

* स्वास्थ्य बढ़ाने:-

- काली मिर्च मे शरीर को ताकत देने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है। इससे शरीर की स्वास्थ्यवर्धकता बढ़ती है।

* दर्द के लिए:-

- काली मिर्च दर्द को कम करने में मदद करते हैं। यह मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाते हैं, जो दर्द को भी कम करने में मदद करती है।

* मेंटल हेल्थ:-

 काली मिर्च मेंटल हेल्थ को बढ़ाने में मदद करते हैं। 

* स्वाद की बढ़ोतरी:-

- काली मिर्च खाद्य पदार्थों को अधिक स्वादिष्ट बनाने में मदद करते हैं।

* समय पर रोग नहीं होने की गारंटी:-

- काली मिर्च हमेशा शरीर की स्वास्थ्य सम्बन्धी रोगों से बचाने में मदद करते हैं। इससे शरीर के लिए समय पर कुछ भी रोग होने की ख़तरा कम होती है।

* घटिया प्रक्रियाओं में मदद:-

 -काली मिर्च अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ मिलें, तब घटिया प्रक्रियाओं को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

सारांश:-

>> काली मिर्च के इन फायदों के लिए, हमेशा इसे अपने दैनिक खान-पान में शामिल करने की सलाह दी जाती है। यह आपके शरीर को ताकतवर्धक और स्वस्थ रखने में मदद करेगा।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,