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सोमवार, 7 मार्च 2022

सांस क्यों फूलता है और इसके उपाय क्याहै।In Hindi.


 # सांस क्यों फूलता है और इसके उपाय क्याहै।In Hindi.

By- Dr_Virender_Madhan.


#Hyperventilation सांस का फूलना।

- सामान्य से अधिक बार सांस लेने की स्थिति को हांफना या सांस फूलना कहते हैं। तेजी से सांस लेने की इस प्रकिया को अंग्रेजी में हाइपरवेंटिलेशन कहा जाता है।

- हम नाक और मुंह के माध्यम से सांस के रूप में जो ऑक्सीजन लेते हैं, वह वायुमार्ग के माध्यम से ही शरीर के अंदर प्रवेश करती है और रक्त में मिलकर पूरी शरीर को जीवित और ऊर्जावान बनाए रखने का काम करती है।


-वायुमार्ग या श्वसनतंत्र मे यदि किसी बीमारी के कारण श्वसनतंत्र के कार्यों में बाधा आती है तो सांस फूलने की समस्या हो सकती है। 

- इन कारणों में शरीर में बढ़ा हुआ फैट, हार्ट की समस्या या ट्यूमर जैसे रोग भी शामिल हैं।

- हार्ट फेलियर,

- फेफड़ों में संक्रमण, 

- दम घुटने आदि जैसी स्थिति के दौरान व्यक्ति में हांफने जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। दरअसल सांस फूलना कोई बीमारी नहीं हैं, हालांकि यह किसी बड़ी बीमारी का लक्षण जरूर हो सकता है। 


#सांस फूलने के कारण क्या क्या कारण होते है?

-सीओपीडी -

यह फेफड़ों से जुड़ी एक आम बीमारी है, जिसमें ब्रोंकाइटिस में सांस की नली में सूजन और एंफिसेमा में फेफड़ों में मौजूद छोटी हवाओं की थैली नष्ट हो जाने जैसी समस्या उत्पन्न होती है। 

-अस्थमा-

जल्दी-जल्दी सांस लेना अस्थमा अटैक का भी लक्षण हो सकता है। 

-शरीर में पानी की कमी-

शरीर में पानी की कमी होने पर सांस लेने के तरीके में भी बदलाव आने लगता है। समस्या का शिकार होकर जल्दी-जल्दी हांफने लगता है।

-खून के थक्के-

जब व्यक्ति को पल्मोनरी एंबॉलिज्म की समस्या होती है तो फेफड़ों में खून के थक्के जमने लगते हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति को तकलीफ होने लगती है।

-संक्रमण-

फेफड़ों को संक्रमित करने वाले रोग जैसे निमोनिया, व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न करते हैं। 

-वजन बढ़ने के कारण सांस लेने में समस्या होना

-बिना रुके लगातार शारीरिक श्रम करना भी सांस फूलने की वजह हो सकती है।

-शारीरिक कमजोरी और खून की कमी के कारण भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

-नींद पूरी ना होना भी सांस लेने में समस्या का कारण बन सकता है।

-अत्यधिक प्रदूषण युक्त स्थान पर रहने से सांस लेने में दिक्कत होती है।

-जो लोग बहुत अधिक स्मोकिंग करते हैं, उन्हें भी सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।


#सांस फूलने के लक्षण क्या है?

- गले में जलन और फेफड़ों में जलन महसूस करना।

- आंखों में पानी आ जाना

- चक्कर आना या बेहोशी महसूस करना

- सांस लेते वक्त आवाज निकलना

- दिल की गति का तेज हो जाना


#सांस फूलने से कैसे बचें?


- जीवनशैली को ठीक करें

-फेफड़ों को क्षति पहुंचाने वाली आदतें बदलें जैसे अल्कोहल और धूम्रपान का सेवन करने से बचें।

-कपालभाती, प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम जैसे सरल प्राणायाम करने से हांफने की समस्या को दूर किया जा सकता है।

-नियमित व्यायाम करने से भी हाइपरवेंटिलेशन की समस्या को रोका जा सकता है।

* आगे की तरफ झुककर बैठें

यदि सांस फूले तो आप तुरंत ही कुर्सी पर आगे की तरफ झुककर बैठने की कोशिश करें। बैठने से भी ब्रीदिंग को बढ़ा सकते हैं। 

* होठों को बंद करके गहरी सांस लेना।

फर्श पर पद्मासन (Padmasana) की अवस्था में सीधे तन कर बैठ जाएं। नाक से गहरी सांस अंदर लें और 5-6 सेकेंड के लिए रुकें। अब होंठों को गोल (pursed lip exercise) करके (जैसे सीटी बजाते समय करते हैं) 5 सेकेंड के लिए सांस को मुंह से धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। सांस अंदर लेने से ज्यादा समय सांस को बाहर छोड़ें। इस प्रक्रिया को 10 बार जरूर करें। इससे वायुमार्ग में उत्पन्न हुई बाधा दूर होती है

“यदि आप पैनिक अटैक जैसा महसूस कर रहे हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।”


#सांस फूलने पर घरेलू उपाय क्या करें?

- पानी की भाप लें।

- ब्लैक टी पीयें।

-अदरक रस को शहद में मिलाकर लें।

- गुड को सरसों के तैल मे मथकर चाटने से आराम मिलता है।

-दशमुल के काढे मे पोहकरमूल    चूर्ण मिलाकर पीने से राहत मिलती है।

-भुनी हुई अलसी 3 भाग,काली मिर्च1भाग मिलाकर शहद के साथ लेने से आराम मिलता है।

-हृदय रोग मे सांस फूलने मे अर्जुन छाल का काढा लेना लाभप्रद है।

- पानी की कमी मे चंदन का शर्बत पीना हितकारी है।

-कमजोरी मे अमृतप्राश या च्यवनप्राश खाये।

-इम्यूनिटी के लिये गिलोय का प्रयोग करें।

  आयुर्वेद की अधिक जानकारी के लिए :-

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धन्यवाद!

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