#जीवनी शक्ति Vitality क्या है? In hindi.
By .#Dr_Virender_Madhan.
Vital force जीवन को बहतर चलाने की शक्ति स्वास्थ्य का आधार है – जीवनी शक्ति (वाईटल एनर्जी) कहलाती है। यदि जीवनी शक्ति ठीक है तो हम रोगमुक्त रह सकते हैं। अगर जीवनी शक्ति दुर्बल है तो रोगों का आक्रमण होता है और जीवनी शक्ति से ही जीवन है।
जीवनी शक्ति के कमजोर होने से अनेकों रोग हो जाते है।
जब हम प्रसन्न रहते हैं तो जीवन में उत्साह रहता है, किसी भी काम को करने में खुशी मिलती है। इसी से जीवनी शक्ति बढ़ती जाती है। प्राण शक्ति के संचय के लिए प्रसन्नता अमृत का काम करती है। दूसरी ओर जो लोग दुखी रहने का नाटक करते हैं, हमेशा उदास रहते हैं, उनकी जीवनी शक्ति घटती रहती है
#जीवनी शक्ति दुर्बल होने के पाँच मुख्य कारण हैं-
1- सामर्थ्य से अधिक शारीरिक तथा मानसिक कार्य करना एवं आवश्यक विश्राम न लेना।
2- भय, चिंता, क्रोध आदि के कारण शरीर व मन को तनाव में रखना।
3- पौष्टिक आहार का अभाव या आवश्यकता से अधिक खाना। नशीली वस्तुओं एवं गलत आहार का सेवन। रात्रि को देर से भोजन करना व दिन को भोजन करके सोना।
4- उपवास करें अथवा रसाहार या फलाहार पर रह कर, जीवनी शक्ति को पाचन कार्य में कम व्यस्त रखकर शरीर की शुद्धि तथा मरम्मत के लिए अवसर देंगे तो तुरंत स्वास्थ्य लाभ होगा।
5- वीर्यरक्षा (ब्रह्मचर्य) की उपेक्षा करना।
और विषैली औषधियों, इंजेक्शनों का प्रयोग तथा ऑपरेशन करना एवं प्रकृति के स्वास्थ्यवर्धक तत्त्वों से जीवनी शक्ति कम होती है।इनसे अपने को दूर रखना।
#जीवनी शक्ति कैसे बढ़ाएं?
आयुर्वेद के अनुसार रसायनों का प्रयोग करने से स्वास्थ्य बढता है जीवन शक्ति बढती है ।आरोग्यता बढती है।
* इसके लिए आंवला, आंवला रस,आमलकी रसायन का वर्णन मिलता है।
* गिलोय को भी रसायन बताया है। गिलोय का ताजा रस 50 ग्राम दूध के साथ पीने से अनेकों रोगों से मुक्ति मिलती है तथा शरीर में जीवनी शक्ति बढती है।
* रोज प्रात काल में शहद और घी की असमान मात्रा लेकर उसके साथ कुठ का चूर्ण 13-14 ग्राम लेने से भी लाभ मिलता है।
*ब्राह्मी 6ग्राम, बादाम 5दाने, दाख 7दाने, काली मिर्च 10,सबको घोटकर 200 मि०ली० पानी में घोलकर कर मिश्री मिला कर पीने से स्वास्थ्य उत्तम होता है बुद्धि बढती है।
* आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला भी बढा रसायन है त्रिफला रस , त्रिफला क्वाथ, या त्रिफला चूर्ण लेने से त्रिदोषज रोग भी शांत हो जाते है ।रक्तविकार , नेत्र विकार , बाल व त्वचा रोग ठीक होते है तथा बल प्राप्ति होती है।
*रसायन चूर्ण:-गिलोय, गोक्षुरु ,आंवला सममात्रा मे लेकर चूर्ण बनाले फिर इसमे से 6ग्राम रोज दूध के साथ खाने से बहुत लाभ मिलता है।
#जीवनी शक्ति के लिए लाईफ स्टाईल:-
*आशावादी बने।
आशावादी दृष्टि और प्रसन्नता से प्राण ऊर्जा बढ़ती रहती है। जब हम प्रसन्न रहते हैं तो जीवन में उत्साह रहता है, इसी से जीवनी शक्ति बढ़ती जाती है। जीवनी शक्ति को प्रबल रखकर सदा स्वस्थ रह सकते हैं।
* प्राणायाम करें
जीवनी शक्ति प्राणायाम से बढ़ती है।
* सूर्य की किरणों में भी रोगप्रतिकारक शक्ति होती है।
सूर्य की किरणों में बैठकर 10 प्राणायाम करें और शवासन में लेट जायें।
* सकारात्मक विचार करें.
[ सब कुछ अच्छा है ] ऐसा संकल्प बार बार करें।
* प्राणायाम करने से मनोबल भी बढ़ता है और बुद्धिबल भी बढ़ता है। बहुत से ऐसे रोग होते हैं जिनमें कसरत करना संभव नहीं होता लेकिन प्राणायाम किये जा सकते हैं।
- ज्यों ही रोगप्रतिकारक शक्ति कम होती है जीवाणु-बिषाणु जो शरीर में पहले से ही होते है सक्रिय होकर दमा, टी.बी. आदि बीमारियों का रूप ले लेते हैं। प्राणायाम के अभ्यास से ऐसे कई रोगों के जीवाणु बाहर चले जाते हैं।
प्राणायाम से वात-पित्त-कफ के दोषों का शमन होता है। अगर प्राण ठीक से चलने लगेंगे तो वात-पित्त-कफ आदि त्रिदोषों में जो गड़बड़ है, वह गड़बड़ी ठीक होने लगेगी।
* उत्तम आहार करें
आहार, आयु ,ऋतु, बल के अनुसार करें। जितना आप ठीक से पचा सकते हो उतना ही करें।
*विरुद्ध आहार न करें
जैसे दूध के साथ मछली या मूली न खाई जाती।
नोट:-कोई भी द्रव्य ,या औषधि प्रयोग करने से पहले कपने चिकित्सक से सलाह जरूर ले।
आयुर्वेद की अधिक जानकारी के लिए :-
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