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गुरुवार, 3 मार्च 2022

त्रिफला Triphala एक अद्भुत औषधि है ।in hindi.


 त्रिफला Triphala एक अद्भुत औषधि है 

#Dr.Virender Madhan.


#त्रिफला क्या है?


त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक  योग ( फ़ार्मुला ) है

त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ है 'तीन फल'।ले‍किन आयुर्वेद का त्रिफला 3 ऐसे फलों का मिलन है जो तीनों ही अमृतीय गुणों से भरपूर है। आंवला, बहेड़ा और हरड़। आयुर्वेद में इन्हें अमलकी, विभीतक और हरितकी कहा गया है। 

त्रिफला मुख्यतया दो प्रकार का होता है

1-त्रिफला में इन तीनों को बीज निकाल कर समान मात्रा में चूर्ण बनाकर कर लिया जाता है। 

 2- जिसमें अमलकी (आंवला (Emblica officinalis)), बिभीतक (बहेडा) (Terminalia bellirica) और हरितकी (हरड़ Terminalia chebula) के बीज निकाल कर (1 भाग हरड, 2 भाग बहेड़ा, 3 भाग आंवला) 1:2:3 मात्रा में लिया जाता है। त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ है "तीन फल"।


#त्रिफला के फायदे (गुण)


» कब्ज़ दूर करने में सहायक

त्रिफला कब्ज की लोकप्रिय औषधि है।आयुर्वेद में त्रिफले को रेचक माना है।


» पेट में गैस की समस्या(एसिडिटी) से राहत।


त्रिफला पाचक व रोचक है यानि पाचनशक्ति देता है


» आंखों के लिए त्रिफला:-

आंखों की कमजोरी, आंखों में मैल आना, नजर कमजोर हो तो त्रिफला घृत खाने से ठीक हो जाती है।

त्रिफला कषाय (त्रिफला के पानी) से आंखों को धोने से नेत्ररोगों मे आराम मिलता है।


» वजन घटाने और मोटापा कम करने में सहायक।


त्रिफला खाने से अधिक बढा हुआ फैट(वसा)कम होती है मोटापा कम करने में बहुत लाभकारी है।

» पाचन शक्ति बढ़ाता है

त्रिफला पाचक है इसलिए इसके प्रयोग से पाचन शक्ति बढती है तथा भोजन के प्रति रूचि बढती है।आंत्र शुध्द तथा पुष्ट होती है।


» बालों का झड़ना रोकता है

आजकल बाल झडने की समस्या बहुत बढ गई है 50% पुरुषों मे तथा 65% स्त्रियों मे बालों की समस्या होती है। इसके लिये त्रिफला को पानी मे भिगोकर रखते है फिर उसके पानी से बालों को धोते है।साथ मे त्रिफला चूर्ण 1-1 चम्मच पानी से सवेरे सायः लेने से बाल झडने की समस्या दूर करने मे मदद मिलती है।

»  मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी

पित्त विकार के कारण मुत्र की जलन ,मुत्राल्पता आदि रोगों में त्रिफला प्रयोग करने से लाभ मिलता है।


» कमजोरी दूर करे त्रिफला।

शारीरिक दुर्बल व्यक्ति के लिए त्रिफला का सेवन रामबाण साबित होता है. इसके सेवन करने वाली व्यक्ति की याद्दाश्त भी अन्य लोगों के मुकाबले तेज होती है. इसका सेवन करने से दुर्बलता कम होती है. दुर्बलता को कम करने के लिए त्रिफला को हरड़, बहेड़ा, आंवला, घी और शक्कर को मिलाकर खाना चाहिए.


» रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए।

त्रिफला चूर्ण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है. यदि आपके शरीर में दुर्बलता है तो भी त्रिफला चूर्ण का सेवन कर आप अपने शरीर का कायाकल्प कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप इसका कई वर्ष तक नियमित रूप से सेवन करें.


» हाई ब्लड प्रेशर में त्रिफला उपयोगी।

त्रिफला का सेवन करने से हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप में आराम मिलता है. 

- तीन से चार ग्राम त्रिफला के चूर्ण का सेवन प्रतिदिन रात को सोते समय दूध के साथ कर लें. 


» चर्म रोग दूर करे त्रिफला।


चर्म रोग जैसे दाद, खाज, खुजली, फोड़े-फुन्सी की समस्या में सुबह-शाम 4 से 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण खाने से फायदा होता है.


» त्रिफला कषाय मुखपाक मे लाभकारी:-

 एक चम्मच त्रिफला को एक गिलास ताजा पानी में दो-तीन घंटे के लिए भिगो दें. अब इस पानी की घूंट भरकर मुंह में थोड़ी देर के लिए डाल कर अच्छे से कई बार घुमाये और इसे निकाल दें. इससे मुंह की समस्या में राहत मिलेगी.


» सिर दर्द में गुणकारी ।

त्रिफला, हल्दी, चिरायता, नीम के अंदर की छाल और गिलोय को मिला कर बनें मिश्रण को आधा किलो पानी में पकाएं. ध्यान रहे इसे 250 ग्राम रहने तक पकाते रहें. अब इसे छानकर कुछ दिन तक सुबह व शाम के समय गुड़ या शक्कर के साथ सेवन करने से सिर दर्द कि समस्या दूर होती है.


#त्रिफला कितना खाना चाहिए?


» त्रिफला की मात्रा ?

सेंधा नमक, चीनी, शक्कर या गुड़ आदि के साथ बच्चों को आधा चम्मच व बड़ों को 1-1 चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ दें। ध्यान रहे खाली पेट लेना लाभदायक है। भोजन से आधा घंटा पहले या आधा घंटा बाद में 

» अनुपान:-

त्रिफला चूर्ण को शक्कर, शहद,मिश्री, पानी या दूध के साथ ले सकते है ।


“अच्छा होगा मगर आप किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेकर खाये क्योंकि चिकित्सक आपके दोष विकार के अनुसार उचित अनुपान बता सकते है। ”












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