Health and fitness यह ब्लॉग आयुर्वेदिक ज्ञान , औषधियों और जडी-बूटी की पूरी जानकारी के बारे में है ।
Guru Ayurveda
शनिवार, 30 अप्रैल 2022
अंजीर गर्मी के दिनों में अधिक खायें तो क्या होगा? In hindi.
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022
क्रोध आपका क्या क्या बिगाड़ सकता है?डा०वीरेंद्र मढान.in hindi.
# क्रोध आपका क्या क्या बिगाड़ कर सकता है?
Dr.Virender Madhan.
क्रोध {krodh} | ANGER.
क्रोध या गुस्सा एक भावना है। दैहिक स्तर पर क्रोध करने/होने पर हृदय की गति बढ़ जाती है.श्वास की गति तेज हो जाती है। रक्त चाप बढ़ जाता है। यह भय से पैदा हो सकता है। भय व्यवहार में स्पष्ट रूप से व्यक्त होता है जब व्यक्ति भय के कारण को रोकने की कोशिश करता है।तब क्रोध हो सकता है।
- क्रोध आने का प्रमुख कारण व्यक्तिगत या सामाजिक अवमानना है। उपेक्षित तिरस्कृत समझे जाने वाले लोग अधिक क्रोध करते है। क्योंकि वे क्रोध जैसी नकारात्मक गतिविधी के द्वारा भी समाज को दिखाना चाहते है कि उनका भी अस्तित्व है। क्रोध का ध्येय किसी व्यक्ति विशेष या समाज से प्रेम की अपेक्षा करना भी होता है।
क्रोध कैसे उत्पन्न होता है?
* जब अपमान होता है तब क्रोध आता है, जब नुकसान हो जाता है, तब क्रोध आता है।
* क्रोध आने का कारण होता है जब हमारे अनुकूल परिस्थितिया नही होती जैसा हम चाहते है या क्रोध हम उनके ऊपर करते है जिन्हें हम कमजोर समझते है जिन्हें हम अपने से शक्तिशाली समझते है उन पर हम क्रोध नही करते।
#क्रोध हवा का वह झोंका है,
जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है ।
- अधिक क्रोध के चलते अवसाद, चिंता, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग के साथ ही कई और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है।
#क्रोध से किसे परेशानी होती है?
लेकिन क्रोध को न्यायोचित ठहराना किसी भी हाल में समझदारी नहीं है। क्रोध को एक शक्ति के रूप में मानकर कई लोगों ने उसे हथियार बना लिया है। लेकिन दूसरों के ऊपर उस अस्त्र का इस्तेमाल करने पर वह अस्त्र घूमकर फेंकने वाले पर ही वार करता है। क्रोध करने वाले को स्वयं की बहुत हानि होती है।
उसने जिस नतीजे की कल्पना की थी, वह पूरा नहीं होता, और मामला बिगड़ भी जाता है।
#क्रोध के शारीरिक लक्षण (Physical signs of anger)
- उच्च रक्तचाप ब्लड प्रेशर बढने लगता है ।
- सिरदर्द रहने लगता है।प्यास बढ जाती है।
- अनिद्रा का रोग पैदा हो जाता है।रात भर ठीक से सो नही पाता है।
- त्वचा की स्थिति जैसे एक्जिमा,इरीटेबल बाउल सिंड्रोम जैसे पाचन विकार
- अवसाद होने लगता है।
-चिंता Stress हो जाती है।
#क्रोध के कौन से दुष्परिणाम होते हैं?
- गुस्सा करने से आपके स्वास्थ्य पर अत्यधिक बूरा असर होता है,
- क्रोध आने पर मस्तिष्क में ऐसे रासायनिक तत्व बनते हैं, जिनका शरीर और मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- आंखें लाल हो जाती हैं तथा हार्ट में जलन हो सकती है।और छाती में दर्द बन सकता है।
- ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
- आक्रामक भावनाएं उत्पन्न होती हैं।
- सोच-विचार की शक्ति कमजोर हो जाती है।दैनिक व्यवस्था करने में, तथा लक्ष्य प्राप्ति मे असफल होने लगता है।
- मानसिक तनाव बढ़ जाता है।
#क्रोध पर नियंत्रण के उपाय
10 उपाय जो गुस्से को कंट्रोल करने में कर सकते हैं.
- अपने गुस्से का इजहार करें।हां मुझे गुस्सा आ जाता है।
- गुस्सा पंचिंग बैग पर या किसी सामान पर न निकालें।
- तीन बार गहरी सांसें लें।
गुस्से के कारण को समझें, गुस्सा हर हाल मे हमारा ही नुकसान करेगा यह बात अपने दिमाग मे रखें।
- क्रोध में आपा ना खोएं नही तो बाद मे पछतावा होगा.बडी हानि भी उठानी पड़ सकती है।
- दूसरी जगह टहलने निकल जाएं क्रोध को शांत करें,जितनी देर तक गुस्से में रहोगे आपके शरीर को आपकी जिंदगी को खाता रहेगा।
- जीवन मे कुछ करना है तो आत्मनियंत्रण का हुनर सीखना पडेगा।
- गुस्से के लक्षणों को पहचानें
#एंगर|क्रोध की चिकित्सा?
#क्रोध को कैसे काबू करें,क्रोध या गुस्सा कम कैसे करें?
- जब आप क्रोध महसूस करते हैं तो आप अधिक सांस लेते हैं। सुनिश्चित करें कि आप सांस अंदर लेने से ज्यादा समय तक सांस बाहर छोड़ें और सांस छोड़ते समय रिलैक्स (शांति )मन मे बोलें। यह आपको शांत करने और स्पष्ट रूप से सोचने में मदद करेगा।
#क्या करे जब आपको गुस्सा आये?
- उल्टी गिनती करना उल्टी गिनती गिनने से आपको अपने गुस्से को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यह कुछ दिनों तक दिन में एक बार जरूर करें।
- टहलें थोड़ा बहुत टहल कर आप अपने अपने क्रोध पर अंकुश लगा सकते है।
- मैडिटेशन करें मैडिटेशन का अभ्यास करने से गुस्सा कम करने में मदद मिल सकती है ।
- गहरी सांस लें प्राणायाम करें।
- अपनी पसंद का संगीत सुनें ।
- चुप रहने का अभ्यास करें।मौन रहने से मानसिक शक्ति बढती है।
- रात मे जल्दी सोने की आदत डालें , अच्छी नींद लेने से शारिरीक व मानसिक दोनों तरह की शक्ति मिलती है।
#क्या खायें क्या न खायें?
तामसिक भोजन न करें, -अधिक मसालों का प्रयोग न करें
- किसी भी प्रकार का नशा न करें।
- उग्रता वेग वाले व हिंसक दृश्य या फिल्में, वीडियो न देखें।
सात्विक व पौष्टिक आहार ले।
- परमात्मा का ध्यान,भजन,प्रार्थना करें।
ध्यान रखें ..आपके साथ जो घटित होता है वह आपके ही कर्मो का परिणाम है।शांति के साथ भुगतान करने की कोशिश करें,
- अपने हाथों से दूसरों का भला करते चलो आपका भला स्वतः ही होगा।
धन्यवाद!
मंगलवार, 26 अप्रैल 2022
वजन कैसे बढायें|कृशता किसे कहते है?In hindi.
#वजन कैसे बढायें?
#पतलापन|कृशता किसे कहते है?In hindi.
* कृशता क्या है?
By:-Dr.Virender Madhan.
दुबले व्यक्ति के नितम्ब, पेट और ग्रीवा शुष्क होते हैं। अंगुलियों के पर्व मोटे तथा शरीर पर शिराओं का जाल फैला होता है, जो स्पष्ट दिखता है। शरीर पर ऊपरी त्वचा और अस्थियाँ ही शेष दिखाई देती हैं।
#शरीर में दुबलापन क्यों आता है?
मानसिक, भावनात्मक तनाव, चिंता की वजह से व्यक्ति दुबला हो सकता है। यदि शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाए तो व्यक्ति दुबला हो सकता है। चयापचयी क्रिया में गड़बड़ी हो जाने के कारण व्यक्ति दुबला हो सकता है। बहुत अधिक या बहुत ही कम व्यायाम करने से भी व्यक्ति दुबला हो सकता है
दुबलेपन के कारण : -
अग्निमांद्य या जठराग्नि का मंद होना ही अतिकृशता का प्रमुख कारण है। अग्नि के मंद होने से व्यक्ति अल्प मात्रा में भोजन करता है, जिससे आहार रस या 'रस' धातु का निर्माण भी अल्प मात्रा में होता है। इस कारण आगे बनने वाले अन्य धातु (रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्रधातु) भी पोषणाभाव से अत्यंत अल्प मात्रा में रह जाते हैं, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति निरंतर कृश से अतिकृश होता जाता है। इसके अतिरिक्त लंघन, अल्प मात्रा में भोजन तथा रूखे अन्नपान का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से भी शरीर की धातुओं का पोषण नहीं होता।
#दुबलेपन से परेशान है तो क्या करें।
-पौष्टिक आहार लें और खुब सोये।कठिन परिश्रम न करें।
#दुबले-पतले शरीर को मोटा कैसे बनाएं?
आयुर्वेदिक चिकित्सा
संतर्पण क्रिया:-
सर्वप्रथम उसके अग्निमांद्य को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। लघु एवं शीघ्र पचने वाला संतर्पण आहार, मंथ आदि अन्य पौष्टिक पेय पदार्थ, रोगी के अनुकूल ऋतु के अनुसार फलों को देना चाहिए, जो शीघ्र पचकर शरीर का तर्पण तथा पोषण करे।
- रोगी की जठराग्नि का ध्यान रखते हुए दूध, घी आदि प्रयोग किया जा सकता है।
-कृश व्यक्ति को भरपूर नींद लेनी चाहिए, इस हेतु सुखद शय्या का प्रयोग करें।
- कृशता से पीड़ित व्यक्ति को चिंता, मैथुन एवं व्यायाम का पूर्णतः त्याग करना चाहिए।
पंचकर्म :-
- कृश व्यक्ति के लिए मालिश अत्यंत उपयोगी है। पंचकर्म के अंतर्गत केवल अनुवासन वस्ति का प्रयोग करना चाहिए तथा ऋतु अनुसार वमन कर्म का प्रयोग किया जा सकता है। कृश व्यक्ति के लिए स्वेदन व धूम्रपान वर्जित है।
रसायन एवं वाजीकरण :-
- कृश व्यक्ति को बल प्रदान करने तथा आयु की वृद्धि करने लिए रसायन औषधियों का प्रयोग परम हितकारी है, क्योंकि अतिकृश व्यक्ति के समस्त धातु क्षीण हो जाती हैं तथा रसायन औषधियों के सेवन से सभी धातुओं की पुष्टि होती है,
औषधि चिकित्सा क्रम :-
- सर्वप्रथम रोग की मंद हुई अग्नि को दूर करने का प्रयोग आवश्यक है, इसके लिए दीपन, पाचन औषधियों का प्रयोग अपेक्षित है। अग्निमांद्य दूर होने पर अथवा रोगी की पाचन शक्ति सामान्य होने पर जिन रोगों के कारण कृशता उत्पन्न हुई हो तथा कृशता होने के पश्चात जो अन्य रोग हुए हों, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही औषधियों की व्यवस्था करना अपेक्षित है।
#कृशता में उपयोगी औषधियाँ :-
*लवणभास्कर चूर्ण,
* हिंग्वाष्टक चूर्ण,
* अग्निकुमार रस,
* आनंदभैरव रस, *
* लोकनाथ रस( यकृत प्लीहा विकार रोगाधिकार),
* संजीवनी वटी,
* कुमारी आसव,
*द्राक्षासव,
*लोहासव,
* भृंगराजासन,
* द्राक्षारिष्ट,
* अश्वगंधारिष्ट,
* सप्तामृत लौह,
* नवायस मंडूर,
* आरोग्यवर्धिनी वटी, *च्यवनप्राश,
* मसूली पाक,
* बादाम पाक,
* अश्वगंधा पाक,
* शतावरी पाक,
* लौहभस्म,
* शंखभस्म,
* स्वर्णभस्म,
* अभ्रकभस्म
-- मालिश के लिए
- बला तेल,
- महामाष तेल (निरामिष) आदि का प्रयोग आवश्यकतानुसार करना चाहिए।
#दुबलेपन से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय?
* कृशता मे क्या खायें?
भोजन में जरूरी : गेहूँ, जौ की रोटी, मूंग या अरहर की दाल, पालक, पपीता, लौकी, मेथी, बथुआ, परवल, पत्तागोभी, फूलगोभी, दूध, घी, सेव, अनार, मौसम्बी आदि फल अथवा फलों के रस, सूखे मेवों में अंजीर, अखरोट, बादाम, पिश्ता, काजू, किशमिश आदि। सोते समय एक गिलास कुनकुने दूध में एक चम्मच शुद्ध घी डालकर पिएँ, इसी के साथ एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लें, लाभ न होने तक सेवन करें।
सोमवार, 25 अप्रैल 2022
मोटापा|मेदोरोग|Obesity क्या है?In hindi.
मोटापा|मेदोरोग|Obesity क्या है?In hindi.
By:-Dr.VirenderMadhan.
#मोटापा,Obesity वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है। यह आयु संभावना को भी घटा सकता है।
-मेद के मार्ग रुक जाने के कारण अन्य घातुओं का पोषण नही होता।
इसके कारण मेद अधिक बढ जाती है रोगो कार्यों के करने मे असमर्थ होने लगता है।
पेट पर चर्बी बढने से रोगी को सांस लने मे कठिनाई होती है। पसीना दुर्गंध युक्त आने लगता है।
प्यास, मोह,निंद्रा बढ जाती है।शरीर की शक्ति कम हो जाती है।मेद से रुकी हुई वायु जठराग्नि को बढा देती है इसलिए रोगी की भुख बढ जाती है।तथा अनेक विकार उत्पन्न हो जाते है।रक्तविकार ,विसर्प,कोढ,भगंदर, बवासीर, ज्वर,अतिसार, प्रमेह, कामला आदि रोग होने लगते है।
कैंसर, प्रजनन क्षमता में कमी, दिल, ऑस्ट्रियोआर्थराइटिस, टाइप 2 डाइबिटीज, पित्ताशय की बीमारी, सांस, उच्च रक्तचाप, लिवर में मोटापा, नर्व डिसऑर्डर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
#मोटापा क्यों बढता है?
मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है। असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।
#मोटे होने के कारण क्या है?
- मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवनशैली मोटापे का प्रमुख कारण है। असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।
सबसे बडा मोटापे के कारण मुख्यतः
- अधिक भोजन करना, -अनुवांशिक, और
- अंतःस्रावी ग्रंथियों का प्रभाव होता है।
# क्या चीज खाने से मोटापा बढ़ता है?
फ्राईड भोजन जैसे परांठे, पुरी,कचौड़ी, हलवा, आदि गरिष्ट भोजन खाने से मेद बढता है।
इंस्टेंट नूडल्स, पास्ता, फ्राइड फूड खाने से वजन बढ़ता है, फिर चाहे आप रोजाना कार्य करते हों. इन चीजों में प्रिजर्वेटिव होते हैं किसी तरह का कोई पौष्टिक तत्व नहीं होता है. इसके अलावा ये चीजें मैदा से बनी होती हैं जिसमें आर्टिफिशयल कलर और टेस्ट डाला होता है.
- मिठाई दूध, दही, मावे की चीचें खाने से,
- अधिक आराम व सोने से मेदोरोग हो जाता है।
#मोटापा कितने प्रकार का होता है
-निष्क्रियता मोटापा ( Inactivity obesity) :
- भोजन के कारण होने वाला मोटापा:
- एंग्जाइटी ओबेसिटी :
- वीनस ओबेसिटी :
- एथेरोजेनिक मोटापा:
- ग्लूटेन ओबेसिटी :
# मोटापे से होने वाली परेशानियां (Complications of obesity).
* उच्च रक्तचाप (high blood pressure) (हाइपरटेंशन) -
इससे गंभीर हृदय रोग (ऐसी समस्या जो शरीर के चारों ओर क्त के प्रवाह को प्रभावित करती है) की समस्या बढ़ सकती है
* बांझपन (infertility)
* टाइप 2 डायबिटीज
* कई प्रकार के कैंसर
* हृदय रोग
* आघात (stroke)
* अस्थमा
#मोटापा कैसे कम करें?
पेट की चर्बी
- रोजाना एक कप हल्का गर्म पानी पिएं। लगातार एक माह पीने से आपका कम से कम 2 किलो वजन कम हो जाएगा।
- रोजाना कपालभाति करें।
- चीनी का सेवन बेहद कम कर दें।
- खाने के बाद वज्रासन करें।
- सप्ताह में एक बार व्रत रखें।
- व्रत के समय फलों का सेवन करें।
#तुरंत मोटापा कम कैसे करे?
#मोटापा कम करने की विशिष्ठ चिकित्सा।
- अगर तोंद अधिक बढ गई है तो धतूरे के पत्तों का रस निकाल कर तोंद पर प्रतिदिन लगायें।आवश्यकता अनुसार अन्य भागों पर भी मालिस करें।
- ताड के पत्तों का क्षार और हिंग को चावल के माण्ड मे मिलाकर पीने से मेदो बृध्दि मे लाभ मिलता है।
- पीपल को पीसकर शहद मे मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से मोटापा कम होता है।
- कुलथी दाल प्रतिदिन बनाकर खाने से मोटापा और पथरी को नष्ट करती है।
- 10 नीबूं के रस को पीने मे मिलाकर रोज पीने से साथ मे उपवास करने से मेद रोग मे आराम मिलता है।
-त्रिफला और गिलोय का काढा (गिलोय त्रिफला रस ) पीने से मोटापा दुर होता है।
-त्रिफला क्वाथ मे शहद मिलाकर पीने से मोटापा घट जाता है।
- चावल का मांड रोज पीते रहने से मोटापा नही रहता है।
-पानी को उबालकर कर ठंडा करके फिर उसमे 50 ग्राम शहद मिला कर कुछ दिन पीने से मोटापा भाग जाता है।
- आप मेथी दाना को पीसकर पेस्ट तैयार कर लें और इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर खाएं, इससे तेजी से वजन कम करने में हेल्प मिलेगी. वजन घटाने और शरीर का फैट बर्न करने के लिए मेथी की चाय का सेवन फायदेमंद माना जाता है. एक कप पानी में एक चम्मच मेथी दाना, दालचीनी की कुछ टुकड़े, चीनी और अदरक मिलाएं. इसे धीमी आंच पर 5 मिनट तक पकाएं.
#मोटापे मे क्या करें?[पथ्य]
मोटापा होने पर पथ्य:-
चिन्ता, टेंशन, परिश्रम, स्त्री प्रसंग, लंघन (भुखे रहना),उबटन ,धूप में रहना,भ्रमण(घूमना),पुराने धान्य - चावल,जौ, कुलथी, चना , मसूर, मूंग, अरहर,शहद, खील, मठ्ठा (छाछ)बैंगन का भुरता,आदि भोजन मे शामिल जरुर करें।
त्रिफला, लौहभस्म, त्रिकुटा, इलायची, शिलाजीत औषधि रूप मे लें।
समस्त रूखे पदार्थ, पत्तों का साग, गर्म जल, चन्दन का लेप, कच्चा केला,बनाकर खायें।
#मोटापे मे यह न करें [अपथ्य]
मोटापा कम करने के लिए -
जितने कफबर्ध्दक पदार्थ है, चिकने पदार्थ, दूध, दही, मक्खन, धी मे बने भोजन ,पका केला, नारियल, मछली, मांस, न खायें।
सुखदायक बिस्तर पर न सोयें।आलस्य को भगा दें।अधिक स्नान करना,भोजन के बाद पानी पीना, बल बढाने वाले रसायन, मिठाई खाना,इत्र लगना छोड दें।
आपको लेख उपयोगी लगा हो तो कोमेंट मे जरूर बतायें।
धन्यवाद!
शनिवार, 23 अप्रैल 2022
किडनी को स्वस्थ कैसे रखें?In hindi.
#Healthcare, #आयुर्वेदिकचिकित्सा, #घरेलूउपाय #डा०वीरेंद्रमढान
किडनी को स्वस्थ कैसे रखें?In hindi.
किडनी स्वस्थ रखने के लिए क्या घरेलू उपाय हैं
Dr.VirenderMadhan.
#किडनी को स्वस्थ रखने के उपाय?
1.) व्यायाम करें।
2.) शुगर या शर्करा की मात्रा पर नज़र रखें कम से कम खायें।
3.) रक्तचाप सामान्य रखें ।
4.) वज़न नियंत्रित रखें ।
5.) पर्याप्त जल का सेवन करें।
6.) धूम्रपान से बचें ।
7.) दवाइयों के अधिक सेवन से बचें।
#किडनी को मजबूत करने के लिए क्या खाएं?
- लाल शिमला मिर्च खाएं
- फूलगोभी का सेवन करें
- प्याज को डाइट में शामिल करें
- स्ट्रॉबेरी खाएं
किडनी रोग में कौन सा फल खाना चाहिए?
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप अंगूर का सेवन कर सकते हैं. स्ट्रॉबेरी – स्ट्रॉबेरी विटामिन-सी और मैंगनीज से भरपूर होती है. इसमें एंथोसायनिन होता है. ये एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है.
#किडनी को ठीक रखने के लिए घरेलू व आयुर्वेदिक उपाय?
*अनार का रस इलायची मिलाकर लें।
*पुर्ननवा के पत्तों का रस निकाल कर पीयें।
* हरे बांस का पानी पीने से किडनी साफ व स्वस्थ रहती है।
* गोक्षुर का काढा पीयें।त्रिफला के रस मे गुड मिलाकर पीने से मूत्र खुलकर आता है।
* शिलाजीत का कभी कभी प्रयोग करना चाहिए।
*सहंजना के पत्तों का प्रयोग गुर्दो के लिए लाभप्रद है।
* अर्जुन की छाल का क्वाथ भी दिल और गुर्दों के लिए फायदेमंद होता है।
#किडनी के रोगी क्या दूध पी सकते है?
हाँ , तरल पेय दूध, छाछ,पानी ,नींबू पानी, नारियल पानी खुब पीना चाहिये।
#किडनी को साफ कैसे करें?
* जीरा,घनिया का पानी पीयें।
*धनिया, किसमिस का पानी पीने से किडनी स्वस्थ रहती है।
*खुब पानी पीयें।
धन्यवाद!
नाखून देखकर कैसे करें बीमारी की पहचान?In hindi.
#नाखून देखकर कैसे करें बीमारी की पहचान?In hindi.
Dr.Virender Madhan.
नाखून चबाने की आदत :-
नाखून चबाने की आदत लगातार चिंता बनी रहने के कारण हो जाती है। कुछ मामलों में चिंता का इलाज होने से यह आदत भी छूट जाती है। इस आदत को ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिस्आर्डर से भी जोड़कर देखा जाता है।
#आपके नाखूनों पर धारदार लकीरें क्यों बन जाती हैं?
- धारदार लकीरें,
अगर आपके नाखूनों पर लंबी और खड़ी धारियां हैं तो व्यक्ति में जोड़ों की बीमारियों का अंदेशा रहता है। हाथ से छूने पर ये धारियां आपको महसूस होती हैं। ऐसी धारियां व्यक्ति के जीवन में धन संबंधी परेशानियों को भी दर्शाती हैं।
- ऐसे लोगों को किडनी से संबंधित परेशानियां भी हो सकती हैं।
#नाखून खराब होने के क्या कारण है?
- नाखून किसी ना किसी बीमारी का भी संकेत देते हैं. जैसे की शरीर में खून की कमी होना, कुपोषण, लिवर की बीमारी या फिर हार्ट फेलियर. अगर नाखून का रंग खत्म होने के साथ आपको कुछ और लक्षण भी महसूस हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
# नीले नाखून और रोग
नीले रंग के नाखून होने का मतलब है शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. यह फेफड़ों से संबंधित बीमारी एम्फिसीमा (ऐसी बीमारी जिसमें व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है) की ओर संकेत हो सकता है. साथ ही नीले रंग के नाखून, दिल से जुड़ी समस्याओं का कारण हो सकते हैं.
#नाखून पर सफेद लाइन-
अगर आपके नाखून पर सफेद धारियां दिख रही हैं तो ये शरीर में किडनी या लीवर से जुड़ी किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. इसके अलावा नाखून में सफेद लाइन होना हेपेटाइटिस जैसी बीमारी का भी संकेत है.
#पीले नाखून गंभीर बीमारी की सूचना
- पीले नाखून एनिमिया, जन्मजात दिल की बीमारी, लिवर की बीमारी या कुपोषण की समस्या को उजागर करते हैं। नाखून सफेद झक्क दिखाई दे रहे हों और उनकी अंदरूनी रिंग गहरे रंग की हो तो समझना चाहिए कि इस व्यक्ति को हिपेटाइटिस जैसी लिवर की कोई गंभीर समस्या है।
- नाखूनों का रंग बदरंग फंगल इन्फेक्शन के कारण होता है।
इंफेक्शन की वजह से होते हैं। इंफेक्शन के ज्यादा बढ़ने पर आपका नाखून बहुत पीला पड़ जाता है. यह थायरॉइड (Thyroid), डायबिटीज (Diabetes), फेफड़ों की समस्या (Lung Disease) और सोरायसिस (Psoriasis) का संकेत होता है.
- ऐसे नाखून हेपेटाइटिस जैसी बीमारी की ओर संकेत करते हैं. पीले नाखूनों का सबसे सामान्य कारण फंगल इंफेक्शन हो सकता है. जैसे-जैसे संक्रमण ज्यादा होता जाता है वैसे नाखून की परत मोटी होकर टूट जाती है. कुछ मामलों में पीले नाखून थायराइड रोग, फेफड़े की बीमारी, डायबिटीज या सोरायसिस जैसी गंभीर समस्याओं का कारण हो सकते हैं.
- नाखून पर काले निशान त्वचा के कैंसर का सूचक है।
* नाखून पर किसी भी प्रकार का निशान या बदला रंग हो तो केवल अपने चिकित्सक को दिखकर ही कुछ निर्णय लें।
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022
दांत का दर्द तुरंत कैसे ठीक करें?In hindi
दांत का दर्द तुरंत कैसे ठीक करें?In hindi
दांत दर्द का क्या कारण है?
दांत दर्द|दंतशूल|ToothacheTreatment:
Dr_Virender_Madhan.
दांत दर्द एक आम रोग है।यह अधिकतर कीडा लगने पर,
* कभी कभी स्नायु के कारण भी दंत पीडा होती है।
* चोट लगने से ,
* आमतौर पर दांतों में दर्द ज्यादा गरम या ठण्डा खाना खाने, या
* ठंडे के ऊपर गर्म और गर्म के ऊपर ठंडा खाने पर दांत दर्द हो जाता है।
* दांतों की सफाई ना रखने, *कैल्शियम की कमी, *बैक्टीरियल इंफेक्शन या फिर * दांतों की जड़ों के कमजोर होने से होता है.
* अक्ल दाढ़ (Wisdom Tooth) निकलने के दौरान भी दांतों में तेज दर्द होता है।
#दांत दर्द के लक्षण क्या हैं? दांत दर्द का निदान कैसे किया जाता है?
दांत दर्द के लक्षणों में शामिल हैं:
- आप अपने एक दांत में और उसके आसपास तेज, लगातार, धड़कते हुए सनसनी महसूस कर सकते हैं।
- यह दर्द तब हो सकता है जब आप अपने दांतों पर दबाव डालते हैं या सामान्य परिस्थितियों में भी।
- आपके दांत के आसपास का क्षेत्र सूज हो सकता है।
- आपको सिरदर्द या बुखार का अनुभव हो रहा होता है।
- दांत दर्द में खाने पीने मे असमर्थ हो जाता है।
- चेहरा लाल दिखाई देता है।
#आयुर्वेदिक औषधियों:-
* दंतप्रभाचूर्ण :- दिन मे दो बार दातों पर मले।
* इरिमिदादि तैल दांतों पर दिन में दो बार मलें।
* पायोरि टूथ पाउडर (गुरूफार्मास्यूटिकलस ) का दिन मे दो बार दांतों पर मलें।
* कर्पूरादि वटी चूसने से दांतों में आराम मिलता है।्
#घरेलू अनुभूत उपाय।
- कायफल को सिरके मे घिसकर दांतों में लगाने से दांत दर्द मे आराम मिलता है।
- नौसादर को रुई मे लेकर दंत छिद्र मे रखने से आराम होता है।
-अकरकरा को दांत के नीचे रखने से दांत दर्द बन्द हो जाता है।
-पीपल और बड की छाल का क्वाथ से कुल्ले करने से दांत दर्द को आराम मिलता है।
-खजूर की जड का काढे से कुल्ले करना चाहिए।
- खतमी के काढे मे सिरका मिला कर कुल्ला करते है।
- अनन्तमूल के पत्ते पीसकर दांतों के बीच रखने से दर्द में आराम मिलता है।
- अपामार्ग की ताजी जड से दातुन करते हैं।
- बरगद के दूध को रूई मे लगा कर दर्द वाली दांतों पर लगाते हैं।
- अमरुद के पत्तों को चबाने से भी दांत दर्द ठीक हो जाता है।
- भिलावे की राख मलने से दांत दर्द ठीक हो जाता है।
#दांतों के दर्द में क्या खायें क्या न खाये?
- मीठे खट्टे पदार्थ व पेय न लें।
- अत्यधिक ठंडा व गर्म न लें।
- आईस्क्रीम न खायें।
अगर दांत दर्द हो रहा है तो इन चीजों को खाने से बचें
- आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जिन्हें चबाना मुश्किल हो।
- एसिडिक, मसालेदार और नमकीन खाद्य पदार्थ आपके मसूड़ों को और अधिक परेशान कर सकते हैं।
- ऐसे समय में आपको माउथवॉश का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए जिसमें अल्कोहल हो।
#जब आपके दांत में दर्द हो, तो इन खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करें:
- छेना या पनीर पनीर काफी नरम और हेल्दी विकल्प होता है।
- उबले हुए आलू आलू को सब्जियों का राजा माना जाता है।
- दलिया ,सूप खाया जा सकता है।
धन्यवाद!
डा०वीरेंद्र मढान।
गुरुवार, 21 अप्रैल 2022
हार्ट अटैक क्या होता है?In hindi.
#हार्ट अटैक क्या होता है?In hindi.
हार्ट के लक्षण क्या होते हैं?
Heart Attack|हृदयावरोध के लक्षण क्या हैं?
हार्ट अटैक का सबसे प्राथमिक लक्षण है सीने में दर्द होना जिसे angina pain कहते है। यह एक pressure , heaviness या tightness जैसे महसूस होने लगता है।
अटैक के समय सीने में शिकंजे से जकडने जैसी तीव्र पीडा होती है।
श्वास लेने में कठिनाई होती है।
ठंडे पसीने आते है।
रोगी अपने को बहुत कमजोर अनुभव करता है।
रोगी को वमन जैसा (उबकाई) महसुस होती है।
रोगीको अपने हृदयस्पंदन बाहर तक महसुस होते हैं।
यह दर्द चले से या परिश्रम करने से बढ़ता है , थोड़ा आराम करने से कम होता है।
सांस की तकलीफ और पसीना आना मे राहत मिल सकती है।
कुछ लोगो को गैस होने की फीलिंग आती है।
#हार्ट अटैक आने से पहले क्या होता है?
अगर आपके सीने में असहज दबाव, दर्द, सुन्नता जैसा महसूस हो रहा है तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए. अगर यह बेचैनी आपकी बाहों, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल रही है तो आप सचेत हो जाएं । यह हार्ट अटैक आने के कुछ मिनट या घंटे पहले के लक्षण हैं.
#हार्ट अटैक का मुख्य कारण क्या है?
इसे कोरोनरी थ्रोम्बोसिस ,तीव्र हृदयपेशीय रोधगलन आदि नाम से भी जाना जाता है।हृदयपौषक धमनियों की किसी बडी शाखा मे एक थक्का फसने से अथवा अन्दर की झिल्ली के नीचे रक्त स्राव होने से मांस सूत्रों मे मृत्यु प्रकिया शुरू हो जाती है वहाँ की दिवार रक्तावरोध से वाहनी फैट भी जाती है।और अचानक मृत्यु भी हो जाती है।अर्थात् हार्ट अटैक या हृदयाघात जब शरीर की नसों में खून का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं हो पाता है तो ऐसे में खून जमने की समस्या या क्लॉटिंग होना शुरू हो जाती है। इस क्लॉटिंग की वजह से खून हृदय तक पहुँचने में असमर्थ होता है। इसी के साथ हृदय को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। यह स्थिति हार्ट अटैक की होती है।
*तले चिकने वसा युक्त भोजन करने से,
*अत्यधिक एनिमिया (रक्ताल्पता) से,
*थायराइड विकार मे,
*उच्च रक्तचाप,
*मधुमेह के कारण,
*मोटापा बढने पर,
*अत्यधिक चिंता करने से,
*शराब,चरस,गांजा, चाय,कोफी अधिक लेने से,
*बेहोशी की दवाई से,
*अत्यधिक भोजन से,
*मानसिक आघात से हृदयाघात हो जाते है।
~~अंडे और डेयरी उत्पादों जैसे उच्च वसा वाले पशु खाद्य पदार्थों की अधिक मात्रा लेने से आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। जो हृदय के लिये हानिकारक हो सकता है।
#हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
- यदि आपके पास Disprin, Ecosprin या Aspirin है, तो आपको इसे रोगी को देना चाहिए।
- अगर किसीके घर में कोई हार्ट पेशेंट हो तो sorbitrate की 5mg की टेबलेट जीभ के नीचे रखनी है , इसे दर्द की तीव्रता थोड़ी कम हो जाती है।
तुरंत नजदीकी हस्पताल के ambulance से संपर्क करना है।
* कुछ लोगों के अनुभव के अनुसार अगर आप किसी को भी हार्ट अटैक आते देखते हैं तो एक चम्मच लाल मिर्च एक ग्लास पानी में घोलकर मरीज को दे दीजिए। एक मिनट के भीतर मरीज की हालत में सुधार आ जाएगा। इस घोल का असर सिर्फ एक अवस्था में होता है जिसमें मरीज का होश में होना आवश्यक है।
- पुराना गुड और हरड 3 ग्राम मिलाकर खिला दें।
- लहसुन की 10- 30 बूंद तक रोगी को दे दें।
इस देने से रोगी मृत्यु से बच सकता है।
-बाद मे रोगी को मुलहठी और अर्जुन को चूर्ण 1-1 चम्मच 2-3 बार खिलाते रहे।
- हृदयावरण रस 2-2गोली दिन में 2-3 बार दें।
अजुर्न चूर्ण 1-1 चम्मच दूध या पानी से दिन में 2-3 बार दें।
अर्जुनारिष्ट दिन मे 2बार जरुर ले।
#हार्ट अटैक का रोगी क्या खायें क्या न खायें?
-रोगी अपना लाईफस्टाइल ठीक करें।
-कम कैलोरी का भोजन करें।
-वजन कंट्रोल करे।
-हल्का व्यायाम करें भारी शारिरिक श्रम से बचे।
खोवा की मिठाइयों, चिकनी चीचें, रबडी, चोकलेट, मैदा की बनी चीचें न ले
मेडिटेशन करें चिन्ता को हटाऐ।
किसी भी चिकित्सा करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरुर लें।
धन्यवाद!
मंगलवार, 19 अप्रैल 2022
सेब का सिरका के फायदे,In hindi.
सेब का सिरका पीने से क्या होता है?
#सेब का सिरका के फायदे,In hindi.
Dr.Virender Madhan.
#रात में सोने से पहले सेब का सिरका लेने से क्या होता है?#सेब के सिरके के क्या क्या फायदे हैं?
#सुबह खाली पेट में सेब सिरका पीने के फायदे
* वजन कम करने में सहायक सेब का सिरका पीने से तेजी से वजन घटाने में मदद मिल सकती है।
पाचन समस्या से छुटकारा
- कई लोग पाचन की समस्या से परेशान रहते हैं।सेव का सिरका पानी मे लेने से राहत मिलती है।
इम्यून सिस्टम बनाए मजबूत
- सेव के सिरका प्रयोग करने से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढती है।
कोलेस्ट्रोल कम करे
- सेव के सिरका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है।
डायबिटीज को करें कंट्रोल
- डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए सेव का सिरका मददगार होता है।
जोड़ों के दर्द में आराम
जोडो के दर्द को ठीक करने में सेव का सिरका लाभदायक सिद्ध होता है।
#रात में सोने से पहले सेब का सिरका लेने से क्या होता है?
Bedtime Drink : रात में सोने से पहले इस तरह करें एप्पल साइडर विनेगर का सेवन, मिलेंगे ये 5 जबरदस्त फायदे
- रात में सोने से पहले आधा चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से कई बेहतरीन लाभ मिलते हैं।
*पाचन क्रिया सुधारे
* वजन घटाने के लिए
वजन घटाने के लिए एप्पल साइडर विनेगर का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है।
* कैंसर का खतरा कम होगा
- एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करने से कैंसर का खतरा भी कम होता है।
* मुंहासों से छुटकारा
- मुंहासों की समस्या ज्यादा ऑयली खाना खाने के कारण भी होती है। वहीं, एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करने से शरीर में ऑयल की मात्रा को पचाने में मदद मिलती है और मुंहासों का खतरा भी कम हो जाता है।
* पेट दर्द से राहत
पेट में कब्ज और पेट दर्द की समस्या होने पर एप्पल साइडर विनेगर का सेवन किया जा सकता है।
सेव का सिरका लीवर के लिऐ-
लाभदायक है एप्पल साइडर विनेगर लीवर को हेल्दी रखने में काफी फायदेमंद माना जाता है. ऐसे में सेब का सिरका लीवर के लिए एक हेल्दी डाइट के रूप में काम कर सकता है. हालाकि सेब के सिरका सेवन रोजाना नहीं करना चाहिए.
#सेब साइडर सिरका के दुष्प्रभाव क्या हैं?
- इसे खाली पेट पीने से भयंकर नुकसान हो सकते हैं। इससे गले में इंफेक्शन हो सकता है, -एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इसलिए भूलकर भी इसका सेवन खाली पेट न करें।
#सेब का सिरका कितने दिन तक पीना चाहिए?
- पूरे दिन में कई बार या अधिक मात्रा में सेब का सिरका न पिएं.
#सेब के सिरके के और नुकसान क्या है?
- सेब के सिरके के नुकसान
सेब के सिरके में एसिड होने के कारण यह शरीर में मौजूद ब्लड में पोटैशियम के स्तर को कम करता है। सेब के सिरके को सीधा दांतों पर इस्तेमाल करने से दांतों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा इसका सीधा प्रयोग करना दांतों में पीलेपन की समस्या को भी बढ़ाता है।
इसके प्रयोग से पहले एक बार
*अपने चिकित्सक से सलाह जरूर करें।
धन्यवाद!
सोमवार, 18 अप्रैल 2022
सुबह खाली पेट काली मिर्च खाने से क्या फायदा होता है?In hindi.
सुबह खाली पेट काली मिर्च खाने से क्या फायदा होता है?In hindi.
Dr.Virender Madhan.
- मसाले न सिर्फ खाने का टेस्ट बढ़ाते हैं, बल्कि इसके सेवन से सेहत को कई लाभ होते हैं. आज हम काली मिर्च (Black Pepper) के सेवन से होने वाले फायदों से आपको जानकारी दे रहे हैं.
काली मिर्च (Black Pepper) को गरम मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है,
#खाली पेट काली मिर्च खाने के फायदे ?
इसेआप घरेलू उपाय के रूप मे अपना सकते हैं। काली मिर्च के सेवन से दांतों से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके सेवन से मसूड़ों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलता है। पेट दर्द - अक्सर कुछ भी गलत खाने पर लोगों को पेट दर्द की शिकायत हो जाती है तो ऐसे में काली मिर्च बड़े काम की हो सकती है।
#गुनगुने पानी के साथ काली मिर्च के सेवन के 6 फायदे?
1. पेट के लिए फायदेमंद
अगर आपको सर्दियों में पेट दर्द की शिकायत अक्सर हो जाती है तो इससे निजात पाने के लिए आप काली मिर्च का प्रयोग कर सकते हैं. इसे यूज करने के लिए सबसे पहले काली मिर्च पाउडर लें और उसमें अदरक, काला नमक और हींग मिलाएं. इसे मिक्स कर इसे गुनगुने पानी से खा जाएं. आपको कुछ ही देर में दर्द से आराम मिल जाएगा
- अगर पेट में गैस है या फिर एसिडिटी हो रही है तो नींबू के रस में काला नमक और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर चुटकी भर लें, दर्द से पल भर में आराम आ जाएगा.
2. स्टेमिना बढ़ाने में कारगर है.
शरीर को डिटॉक्सीफाई (सफाई) करे- सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ काली मिर्च का सेवन करने से शरीर डिटॉक्सीफाई होता है. साथ ही शरीर के सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. -डिहाइड्रेशन को रोके-
गर्म पानी और काली मिर्च का सेवन करने से त्वचा की कोशिकाओं को पोषण मिलता है साथ ही डिहाइड्रेशन भी नहीं होता.
गुनगुने पानी (Lukewarm Water) के साथ काली मिर्च (Black Pepper) का सेवन करने से शरीरिक क्षमता (Stamina) बढ़ती है. साथ ही शरीर में पानी की कमी नहीं होती.
3. टेंशन को करे दूर काली मिर्च.
-अगर आपको टेंशन हो तो
5 काली मिर्च के दाने खाये क्योंकि काली मिर्च में पिपराइन मौजूद होती है और उसमें एंटी-डिप्रेसेंट के गुण होते है. जिस कारण काली मिर्च लोगों की टेंशन और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करती है.
4. मसूड़ों की कमजोरी करें दूर.
काली मिर्च से मसूड़ों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलता है. काली मिर्च, माजूफल और सेंधा नमक तीनों चीजों को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाकर कुछ बूंद सरसों के तेल में मिलाकर दांतों और मसूड़ों में लगाएं और आधे घंटे के बाद मुंह साफ कर लें. इससे आपके दांत और मसूड़ों में दर्द होने वाली समस्या भी दूर हो जाएगी.
5. कैंसर से होगा बचाव.
- महिलाओं के लिए काली मिर्च खाना बहुत फायदेमंद होता है. कालीमिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, फ्लेवोनॉयड्स, कारोटेन्स और अन्य एंटी -ऑक्सीडेंट होता है, जिससे महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है.
6.काली मिर्च जुकाम की परेशानी दूर करता है ?
- जुकाम होने पर काली मिर्च गर्म दूध में मिलाकर पीने से आराम मिलता है. इसके अलावा जुकाम बार-बार होता है, छीकें लगातार आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक ले जाएं फिर प्रतिदिन एक घटाते हुए पंद्रह से एक पर आएं. इस तरह जुकाम की परेशानी में आराम मिलेगा.
#काली मिर्च गर्मी करती है क्या?
माना जाता है कि काली मिर्च को आप सर्दी-खांसी और जुकाम को ठीक करने के लिए मेडिसिन की तरह भी खा सकते हैं। काली मिर्च अनेकों तत्वों से भरपूर होती है जो शरीर को फायदा पहुँचाती है। इसमें एक पेपरिन महत्वपूर्ण कंपाउंड पाया जाता है। जो सर्दी-खांसी और जुकाम जैसी बीमारियों को ठीक करने में काफी हद तक लाभदायक हो सकता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें.
शनिवार, 16 अप्रैल 2022
कैसे जानोगे आपकी किडनी खराब हो गई है?In hindi.
कैसे जानोगे आपकी किडनी खराब हो गई है?In hindi.
Dr_Virender_Madhan.
#किडनी की बीमारियों के सामान्य लक्षण
-चेहरे की सूजन,
- पेट और पैरों में सूजन,
किडनी की बीमारी की ओर संकेत करते है।
- भूख की कमी,
- मितली एवं उलटी भूख की कमी,
- मुँह में असामान्य स्वाद लगना आदि कुछ आम लक्षण हैं।
- उच्च रक्तचाप रहना।
- रक्तल्पता या एनीमिया और कमजोरी रहना। बीमार किडनी के लक्षण है
#किडनी रोग के पूर्व लक्षण?
- किडनी खराब होने से पहले शरीर देता है ये 5 संकेत,
- भूख में कमी आना शरीर में विषाक्त पदार्थों और वेस्ट का संचय भी आपकी भूख को कम कर सकता है, जिससे वजन भी घटने लगता है।
- टखने और पैरों में सूजन ,
- त्वचा में सूखापन और खुजली ।
- कमजोरी और थकान महसूस होना ।
- बार-बार पेशाब आना
- रोगी को अधिक थकान महसूस होती है। इस स्थिति में पीठ में दर्द होता है।
- कभी-कभी जब गुर्दे के फिल्टर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो रक्त कोशिकाएं पेशाब में रिसने लगती हैं। गुर्दे की बीमारी का संकेत देने के अलावा, पेशाब में खून का आना रक्त ट्यूमर, गुर्दे की पथरी या किसी अन्य तरह के संक्रमण का संकेत दे सकता है। पेशाब में मवाद आने के साथ बुखार या ठंड लगना गंभीर हो सकता है।
अधिक जानकारी के लिऐ क्लिक करें:-
https://youtu.be/Rq3hi4flGYU
#किडनी रोग के कारण?
जैसे-जैसे गुर्दे की कार्य क्षमता कम होते जाती है, शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमाव होता जाता है, जिससे त्वचा में खुजली, सूखापन और दुर्गंध होती है। पीठ दर्द या पेट के निचले हिस्से में दर्द: पीठ, बाजू या पसलियों के नीचे दर्द गुर्दे की गड़बड़ी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं जैसे कि गुर्दे की पथरी होना।
#किडनी की बीमारी क्यों होती है?
किडनी फेल होने के कारण- किडनी फेल होने के पीछे कई कारण हैं जैसे कि किसी बीमारी की वजह से यूरिन का कम हो जाना,
हार्ट अटैक, दिल की बीमारी, लिवर का फेल हो जाना, प्रदूषण,
कुछ दवाएं भी किडनी रोग का कारण बनती है,
क्रोनिक डिजीज, डिहाइड्रेशन, किडनी ट्रॉमा, एलर्जी रिएक्शन, गंभीर इंफेक्शन और हाई ब्लड प्रेशर.
इसमे आयुर्वेदिक दवाएं जैसे की पुनर्नवा मंडूर, चन्द्रप्रभावटी, श्वेत पर्पटी, गिलोय सत्व, मुक्ता पिष्टी, मुक्तापंचमतामृत रस इत्यादि का सेवन आप डॉक्टर की देख रेख में ही ले। नियमित रूप से एलोवेरा, ज्वारे और गिलोय का जूस पिने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है।
#पुनर्नवा मंडूर एक आयुर्वेदिक दवा।
PUNARNAVA MANDUR
यह जड़ी बूटी किडनी फेलियर के इलाज के लिए रामबाण इलाज है क्योंकि यह ब्लड में छुपे अपशिष्ट पदार्थ को अलग करता है और यही नहीं यह आपकी बॉडी में ब्लड की शुद्धता को भी अच्छा बनाती है। इस जड़ी बूटी की 2 गोलियाँ आप भोजन के बाद सादे पानी के साथ हर दिन ले।
किडनी को साफ करने के लिए क्या खाना चाहिए?
#किडनी को कैसे स्वस्थ रखे?
* किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप कौन से फूड्स डाइट में शामिल कर सकते हैं.
- लाल शिमला मिर्च – लाल शिमला मिर्च में स्वाद अधिक होता है लेकिन इसमें पोटैशियम की मात्रा कम होती है।
- फूलगोभी – इस सब्जी में फोलेट और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व होते हैं।
- गोभी – इसमें कोलेस्लो इंग्रेडिएंट फाइटोकेमिकल्स का एक अच्छा सोर्स है.
खरबूजा ,तरबूज, ककडी आदि का प्रयोग करें।
पानी का स्तर बनाये रखें।
मेदे से बने भोजन, तले भोजन न करें।
अदरक, अजवाइन, हल्दी का प्रयोग करें।
धन्यवाद!
मुहांसे|पिंपल क्यों निकलते हैं?In hindi.
मुहांसे|पिंपल क्यों निकलते हैं?In hindi.
<मुंहासे|पिटिका|Pimples|Acne >
Dr_Virender_Madhan.
#पिंपल|मुंहासे,
इन्हें कई नामों से जानते है।
-चेहरे पर पिंपल निकलने की समस्या आमतौर पर टीनएज से जोड़कर देखी जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस उम्र में हमारे शरीर में तेजी से हॉर्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं। इस कारण हॉर्मोन्स लेवल डिस्टर्ब होने हमारी स्किन पर पिंपल्स उगने लगते हैं। जो शुरुआत में किसी छोटे दाने या उभार की तरह महसूस होते हैं।
#पिंपल्स होने के कारण क्या क्या है?
पिंपल्स होने की एक और वजह प्रदूषण और धूल मिट्टी है जिसकी वजह से चेहरे पर गंदगी जम जाती है और इससे कील-मुंहासे हो जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि कहीं भी जाते समय अपने चेहरे को अच्छी तरह से ढंककर चलें और नियमित रूप से चेहरे की साफ सफाई करें।
#क्यों होते है मुहांसे?
मुहांसे हार्मोन्स के अलावा
धूल, धूप मे रहन से,
कब्ज रहने से,
चाय,कोफी पीने से,
स्ट्रेस यानि मानसिक तनाव मे,
और त्वचा विकार होने पर(Skin infection) से भी पिम्पल्स होते है.
#..माथे पर पिंपल्स क्यों निकलते हैं?
-ऐसा होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जिसमें स्किन एलर्जी, धूल-मिट्टी, ऑयली स्किन आदि वजहें शामिल हैं। शुरुआत में यह एक या दो देखने को मिलते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इनकी झड़ी लग जाती है। कुछ महिलाओं को थ्रेडिंग के बाद माथे पर काफी मुंहासे होने लगते हैं।
#मुहांसों के घरेलू उपाय क्या है?
* एक चम्मच बेकिंग सोडा को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे पिम्पल पर लगाएं और करीब पांच मिनट बाद हल्के गर्म पानी से फेस धो लें।
* लहसुन लगाने से भी पिम्पल जल्दी ठीक हो जाता है और निशान भी नहीं पड़ता है।
* चंदन लगाएं-
चंदन और चंदन का तेल हमारे चेहरे की कोशिकाओं को ऑक्सीजन देने के साथ सफेद दानों से भी निजात दिलाता है। इसलिए आप चेहरे पर चंदन लगाकर इसे सूखने दें और जब यह सूख जाए, तो पानी से धो लें।
* एलोवेरा
सबसे पहले एलोवेरा का एक ताजा पत्ता लें और उसे काटकर अंदर से चम्मच की मदद से जेल को निकाल लें. अब इस जेल को पेस्ट बनाकर मुंहासों के ऊपर लगाएं और रातभर के लिए छोड़ दें. सुबह उठकर चेहरा धो लें और ऐसा तबतक रोजाना करें. जबतक कि आपके मुंहासे ठीक नहीं हो जाते
* हल्दी और शहद
1 छोटे चम्मच हल्दी को आधा चम्मच शहद के साथ मिक्स करें। इस पेस्ट की एक मोटी लेयर अपने पिंडिका पर लगाएं यानि कि उन जगहों पर जहां आपको बार-बार पिंपल्स होते हैं। 15 मिनट तक लगाए रखे।
* बेसन
बेसन काफी उपयोगी है. मुंहासों के दाग-धब्बे हटाने के इस उपाय के लिए 1 चम्मच बेसन, गुलाब जल व आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को दाग-धब्बों पर लगाएं और सूखने के बाद सामान्य पानी से धो लें.
कई बार कील मुंहासे छिल जाते हैं, जिससे चेहरे पर घाव भी हो जाता है और निशान बन जाते हैं। पिम्पल्स हटाने के लिए आप घर में भी उपाय कर सकते हैं।
इसके लिए आप नींबू को काटकर उसका रस एक कटोरी में निकालें, इसमें थोड़ा नमक और शहद मिलाकर इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं। करीब 15 मिनट बाद जब यह सूख जाए तो गुनगुने पानी से धो दें।
* आयुर्वेदिक दवा
ये औषधियों चिकित्सक से पूछ कर ही लें-
कायाकल्प वटी
गुरु रक्तशोधी सीरप
खदिरारिष्ट
गन्धकरसायन
धन्यवाद!
गुरुवार, 14 अप्रैल 2022
हड्डियां नही टूटेगी अब ..डा०वीरेंद्र मढान in hindi.
#AyurvedicTreatment, #AyurvedicTips, #health #care,
हड्डियां नही टूटेगी अब ..डा०वीरेंद्र मढान in hindi.
#हड्डियां क्यों दुखती है?
#कमजोर हड्डियों के लक्षण?
#हड्डियों को मजबूत करने के उपाय।
हड्डियां शरीर की बनावट बनाने का काम करती है। मासंपेशियों को भी सही रखती हैं और कई अंगो की रक्षा भी करती हैं. इसलिए हड्डियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. समय के साथ-साथ हड्डियों की मजबूती कम होने लगती है. 30-35 साल के बाद ज्यादातर लोगों का बोन मास (घनत्व) कम होने लगता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
#कमजोर हड्डियों के लक्षण?
* मसुड़ों का कमजोर होना
- हड्डियों के कमजोर होने से मसूड़ों में दिक्कत होने लगती है.
- जबड़े कमजोर होने से दांत खराब भी हो सकते हैं.
- हाथों की पकड़ कमजोर होना।
- कमजोर और टूटते नाखून- अगर आपके नाखून बार-बार टूटते हैं तो हो सकता है कि आपके शरीर में कैल्शियम और कोलेजन की कमी हो. ये दोनों पोषक तत्व मजबूत हड्डियों के लिए बहुत जरूरी माने जाते हैं. कमजोर नाखून को एक
- ऐंठन, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द-
विटामिन डी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम सहित कुछ विटामिन और मिनरल्स हड्डियों की सेहत के लिए जरूरी होते हैं. इनकी कमी की वजह से शरीर में ऐंठन, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द हो सकता है.
- शरीर झुक जाना-
हड्डियों के फ्रैक्चर की वजह से शरीर आगे की तरफ झुकने लगता है. ये कमजोर हड्डियों का शुरुआती लक्षण हो सकता है.
#हड्डियों को मजबूत करने के उपाय?
- आहार में ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम, अखरोट और किशमिश शामिल करें.
- कैल्शियम के लिए आप खाने में गुड़ जरूर शामिल करें.
- खट्टे फलों में विटामिन सी, विटामिन डी और कैल्शियम काफी होता है.
- अंडा में सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं.
- हड्डियों को ताकतवर बनाने के लिए हरी सब्जियां जरूरी खाएं.
#क्या चीज खाने से हड्डी मजबूत होता है?
प्रोटीन के लिए हमें कद्दू के बीज, मूंगफली, टोफू, अमरूद और झींगा आदि का सेवन करना चाहिए। इसी के साथ हड्डियां मजबूत करने के लिए हमें मैग्नीशियम और पोटेशियम भी लेना चाहिए। जिसके लिए आप पालक , सोयाबीन आदि चीजें शामिल करें। विटामिन सी, के और ए भी हमारे लिए बहुत जरूरी होता है।
#कौन सा फल खाने से हड्डी मजबूत होता है?
* संतरे –
संतरे का रस शरीर को कैल्शियम और विटामिन डी दोनों प्रदान करता है. ये हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है. संतरे के जूस के नियमित सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस से भी बचा जा सकता है.
* केले –
केला पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने लिए जाना जाता है.
* कीवी-
कीवी खाने से हड्डियों में ताकतआती है। फलो मे कीवी में सबसे अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है।
#कैल्शियम बढने के लिऐ क्या खाना चाहिए?
जाने,
<हड्डियों में कैल्शियम कैसे बढ़ाए?
कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए रोजाना दूध, दही, पनीर, मक्खन आदि चीजों का प्रयोग करें। बच्चों को रोजाना एक गिलास दूध पीने की सलाह दें। सीफूड में भी कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।
- हरी पत्तेदार सब्जियां, केला, पालक, सोया मिल्क,प्रोटीन, चौलाई और टोफू जैसी चीजें हमारी हड्डियों को मजबूत करती हैं.
- कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत दूध को माना जाता है। एक गिलास दूध में करीब 300 ग्राम कैल्शियम होता है।
# हड्डियां मजबूत रखने के लिए जीवनशैली:-
-1 रोज 25 मिनट धूप में गुजारने से शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिलता है जो हड्डियां मजबूत करने के लिए जरूरी है।
2 इसके अलावा धूप में बैठकर शरीर की मालिश करना।
3 हफ्ते में चार दिन पैदल चलना व व्यायाम करना हड्डियां मजबूत करने के लिए जरूरी है।
4 मालिस करना
जैतून का तेल तथा तिल की मालिस लाभदायक होती है।
नारियल का तेल मालिस करने से त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करता है.
बादाम का तेल या सरसों का तेल की अपने शरीर की मालिश जरुर करते रहे।
एक बार अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर करें।
धन्यवाद!
बुधवार, 13 अप्रैल 2022
कमरदर्द|कटीशूल|Katishul|LUMBAGO,क्या है?In hindi.
कमरदर्द|कटीशूल|Katishul|LUMBAGO,क्या है?In hindi.
Dr_Virender_Madhan,
#आयुर्वेद में कमर दर्द को #कटिशूल कहा जाता है। इस दर्द में पीठ के निचले हिस्से में #सूजन और #अकड़न रहती है। #वात दोष के असंतुलन के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है जिसे पीठ या #कमर दर्द के नाम से जाना जाता है।
#क्यों होता है कमरदर्द?
आयुर्वेद में कमरदर्द|कटिशूल, का कारण वातदोष बताया गया है। तीखे व कसैलेरस युक्त आहार जैसे अधिक मिर्च व तेलयुक्त आहार, चटपटा खाना, फ्रिज में रखा हुआ खाना, अधिक शीतल पेय, आइसक्रीम, अत्यअधिक बीज वाले फल व सब्जी जैसे अमरूद, बैगन, काचरी, परवल आदि लेने से कमरदर्द की समस्या होती है।
गलत आसान पर बैठने से,
अधिक थकने वाले काम करने से,
आगे झुक कर काम करने से भी कमर दर्द होता है।
गर्भावस्था में, ज्यादा काम से कटीशूल हो जाता है।
#कटिशूल|कमरदर्द का घरेलू उपाय?
कमर दर्द के इलाज में शुंथि (सूखी अदरक), रसना, रसोनम (लहसुन) और अरंडी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है।
आयुर्वेदिक औषधि
जैसे कि योगराज गुग्गुल, सिंहनाद गुग्गुल, दशमूल कषाय और बालारिष्ट से कमर दर्द का इलाज किया जा सकता है। #आयुर्वेदिक ग्रंथों में कमर दर्द के इलाज के लिए प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों का उल्लेख मिलता है जिसमें #उदवर्तन (पाउडर से मालिश), स्वेदन (पसीना निकालने की विधि), #अभ्यंग (तेल मालिश), बस्ती कर्म (एनिमा चिकित्सा), विरेचन कर्म (मल त्याग की विधि), #लेप (शरीर के प्रभावित हिस्से पर औषधि लगाना) और #अग्निकर्म (शरीर के किसी हिस्से को जलाने की विधि) शामिल है।
अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी #आयुर्वेदिक #चिकित्सक से परामर्श करें और अपने रोग का निवारण करें l
GuruAyurvedainfaridabad,
मंगलवार, 12 अप्रैल 2022
डैंड्रफ से छुटकारा दिला सकते हैं घरेलू उपाय?In hindi
<डैंड्रफ|Dandruff>
डैंड्रफ से छुटकारा दिला सकते हैं घरेलू उपाय?In hindi
Dr.VirenderMadhan.
#डैंड्रफ|रुसी|पयास, क्या है?
आपके कंधे पर सफेद रंग की पपड़ीनुमा जैसी कोई चीज गिर जाती है। आप बार-बार उसे हटाने की कोशिश करते हैं, लेकिन थोड़ी ही देर में वह फिर से आ जाती है.. है ना?
सिर में होने वाली इसी समस्या को रूसी या डैंड्रफ|(Dandruff) होना कहा जाता है। भारत में बड़ी संख्या में लोग रूसी या डैंड्रफ से परेशान हैं। और यह समस्या दिन पर दिन बढ रही है।
#डैंड्रफ Dandruff कितने प्रकार के होते हैं?
जानें,
कितने प्रकार के होते हैं डैंड्रफ ?
* ड्राय स्किन डैंड्रफ
* ऑइल संबंधित डैंड्रफ
* फंगल डैंड्रफ
* बीमारी संबंधित डैंड्रफ
#डैंड्रफ से क्या क्या होता है?
जानें
डैंड्रफ से क्या नुकसान होता है,
* इससे सिर की ऊपरी त्वचा में छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं या यूं कहें कि जड़ें खुल जाती हैं. इससे बाल टूटने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में गीले बालों में कंघी करने से हेयर फॉल हो सकता है. इसके अलावा ज्यादा हेयर ड्रायर इस्तेमाल करना भी बालों के लिए ठीक नहीं होता.
#डैंड्रफ से चेहरे पर क्या नुकसान होता है?
जाने
डेंड्रफ का चेहरे पर क्या साइड इफेक्ट्स या नुक्सान होता है?
* अत्यधिक डैंड्रफ होने पर वह आपके चेहरे या त्वचा के जिन स्थानों पर गिरता है, वहां मुहांसे हो सकते हैं। यह आपकी त्वचा को खराब कर सकता है।
* खुजली - जब भी डैंड्रफ होता है, आपके सिर की त्वचा मृत कोशिआओं को बाहर निकालती है और आपको खुजली होती है।
# डैंड्रफ का घरेलू उपचार क्या है?
जाने-
डेंड्रफ की समस्या को दूर करने के टिप्स,
> टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करें।
> बालों को दें दही का पोषण ।
> ऐलोवेरा जेल का प्रयोग करें।
> मेथी को जड़ों में लगाएं।
> नींबू और नारियल तेल कर सकता है रूसी को खत्म।
#बालों में डैंड्रफ की समस्या:-
डैंड्रफ के लिए एलोवेरा का रस
आप इस जेल को छानकर सीधा अपने सिर की त्वचा और बालों पर लगाकर 15-20 मिनट बाद सामान्य पानी से धो सकते हैं. आप एलोवेरा का जेल निकालकर उसमें 1 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच नारियल तेल मिला लें. अब इन सभी चीजों को ब्लेंड करके बालों में लगाएं और 15-20 मिनट बाद माइल्ड शैंपू से धो लें.
#सर्दियों में सिर की रूसी को जड़ से खत्म करने के उपाय – (How to Avoid Dandruff in Winter Naturally)
तिल का तेल
तिल का तेल बालों के लिए औषधि का काम करता है। ...
नारियल का तेल
200 ग्राम नारियल के तेल में करीब 5 ग्राम कपूर का पाउडर मिक्स करके तीन हफ्तों तक लगाने से रूसी खत्म हो सकती है।
#डेंड्रफ का आयुर्वेदिक इलाज?
* नीम का तेल
नीम का तैल की मालिस करें।
* नीम की पत्ती
नीम की पत्तियों (Neem Leaves)को पानी में डालकर उबाल लें। बाद में पत्तियों को पीसकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसे पेस्ट को 10 मिनट तक सिर पर लगाकर रखें। बाद में पानी से सिर को धो लें।
* दही (Curd)
पुराने और खट्टे दही या मट्ठे को अपने पूरे सिर पर लगाएं। कम से कम 10 मिनट तक लगाकर रखें (बेहतर होगा कि कम से कम 30 मिनट तक लगाएं)। बाद में सिर को पानी से धो लें।
*नींबू का जूस + नारियल तेल (Lemon juice + Coconut oil)
नारियल तेल लेकर उसे गर्म कर लें। गुनगुने नारियल तेल में बराबर मात्रा में नींबू का जूस मिला लें। इस मिश्रण को अच्छे से बालों की जड़ों में लगा लें। 10 मिनट या पूरी रात लगाकर रखें और सुबह किसी माइल्ड शैंपू से बालों को अच्छी तरह से धो लें।
* बेकिंग सोडा (Baking soda)
सिर को धो लें। इसके बाद एक टेबल स्पून बेकिंग सोडा को पूरे सिर पर अच्छी तरह से मलें। सिर को एक मिनट के लिए छोड़ दें और बाद में धो डालें।
* मेंहदी + चाय की पत्ती + नींबू (Henna + Tea Liquor + Lemon juice)
एक टेबल स्पून चाय की पत्ती को डेढ़ कप पानी में उबाल लें। बाद में जब एक कप बच जाए तो उसे छान लें। इसी पानी में मेंहदी पाउडर और दो चम्मच नींबू का जूस मिला लें। गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसी पेस्ट को अपने सिर और बालों में लगाएं। कम से कम 10 मिनट या फिर पूरी रात के लिए लगा रहने दें। सुबह इस पेस्ट को शैंपू से धोकर निकाल दें।
धन्यवाद!
सोमवार, 11 अप्रैल 2022
कॉर्न|गोखरू क्या हैफुट?In hindi.
# फूटकॉर्न|गोखरू क्या है?In hindi.
Dr.VirenderMadhan
फुट कॉर्न को बनियन्स (Bunions) भी कहते हैं। इसे “गोखरू” और डील नाम से भी जानते है।
#फूटकोर्न किसे कहते है?
आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में वात और कफ दोष के असंतुलन के कारण फुट कॉर्न होते हैं।
फुट कॉर्न, त्वचा की एक मोटी परत होती है, जो घर्षण, रगड़ और दबाव के कारण प्रतिक्रिया करके त्वचा में (खासकर पैरों के तलवे में) उत्पन्न होने लगती हैं। कॉर्न के कारण चलने पर दर्द होता है।
#फूटकोर्न कैसा होता है?
>> गोखरू|कॉर्न्स अक्सर छोटे-छोटे, परतदार गोल चक्र के आकार के होते हैं, जो आम तौर पर पैरों की उंगलियों के ऊपर, बराबर में या तलवे पर होते हैं। फुट कॉर्न अक्सर दुबले-पतले लोगों के पैरों में होते हैं,
#गोखरू|फुटकोर्न किसे होता है?
- जो लोग सही फिटिंग के जूते नहीं पहनते हैं या
- जिनके पैरों में पसीना आता है या
- जो दिन में ज्यादातर समय खड़े रहते हैं, उन लोगों में यह समस्या काफी आम होती हैं। फुट कॉर्न पुरूषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है।
फुटकोर्न के लक्षण
एक कठोर तथा ऊपर की तरफ उठा हुआ उभार (गांठ आदि),
प्रभावित त्वचा खुरदरी तथा मोटी होना,
त्वचा पर सूखी या मोम जैसी परत बनना,
त्वचा के अंदर दर्द या छूने पर दर्द महसूस होना,
चलने या अन्य गतिविधियां करते समय दर्द महसूस होना, इत्यादि।
फुटकोर्न के कारण
- पैरों की त्वचा में कुछ कॉर्न्स ठीक तरीके से न चलने के कारण भी होता है,
- ज्यादातर फुट कॉर्न का कारण ठीक साइज के जूते ना पहनना ही होता है।
- ऊंची एड़ियों के जूते पहनना भी ऐसी स्थिति पैदा करने का एक मुख्य कारण माना जाता है,
- नंगे पैर चलना भी कारण बनता है।
-अन्य कारण
*पैरों तथा उनकी उंगलियों की संरचना में असामान्यता।
*चलने में असामान्यता।
*खराब फिटिंग के जूते या मौजें।
*किसी उपकरण, औजार या इंस्ट्रूमेंट्स आदि का इस्तेमाल करना,
*जिससे पैर की किसी एक जगह दबाव पड़ता हो।
*बिना जुराबों के जूते या सैंडल आदि पहनना, इससे पैरों में घर्षण बढ़ता है।
*नियमित रूप से नंगे पैर चलना, ऐसे में पैर खुद को बचाने के लिए त्वचा की मोटाई बढ़ाने लगते हैं।
*दोहराने जाने वाली गतिविधियां, जैसे एक ही तरीके से चलना या दौड़ना।
*कुछ प्रकार के व्यवसाय, जैसे खेतों या गार्डन आदि में काम करने वाले लोग।
*वृद्धावस्था, क्योंकि इस उम्र में त्वचा में फैटी टिश्यू कम हो जाते हैं,
*जिससे त्वचा में गद्दापन (Padding) कम हो जाता है। जिससे फुट कॉर्न आदि विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है।
#ट्रीटमेंट ऑफ फुट कॉर्न|कॉर्न को ठीक करने के लिए घरेलू इलाज (Home Remedy To Cure Corn)
प्यूमिक स्टोन (Pumice Stone)
प्यूमिक स्टोन से रगडें फिर कैस्टर आयल लगायें।
मुलेठी (Mulethi)
पैर धोकर मुलहठी का लेप करें।
सेंधा नमक (Rock Salt)
सेंधानमक के पानी से धाये।
सफेद सिरका (White Vinegar)
सफेद सिरका या सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar) कुछ दिनों तक लगायें।
लहसुन (Garlic) का पेस्ट बनाकर प्रयोग करें।
#फूटकोर्न से बचने के लिए क्या करें।?
** उचित साइज के जूतें पहनने चाहिए।
* पैरों को हर शाम को साबुन और पानी के साथ धोएं, पैरों को धोने और अच्छी तरह से सुखाने के बाद उन पर तैल क्रीम लगाएं।
रविवार, 10 अप्रैल 2022
स्वस्थ|Healthy रहने के सरल उपाय।in hindi.
#Health&care #gherelu upaye #Ayurvedictreatment.
स्वस्थ|Healthy रहने के सरल उपाय।in hindi.
एक स्वस्थ व्यक्ति के लक्षण क्या है?
Dr.virenderMadhan.
#स्वस्थ व्यक्ति की पहचान क्या है?
* किसी व्यक्ति की मानसिक,शारीरिक और सामाजिक रुप से अच्छे होने की स्थिति को स्वास्थ्य कहते हैं।। स्वास्थ्य सिर्फ बीमारियों की अनुपस्थिति का नाम नहीं है। हमें सर्वांगीण स्वास्थ्य के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है।
* समय पर भूख लगती हो।
* शारीरिक चेष्टा सम मात्रा में हो।
* जिसका मेरुदण्ड सीधा हो।
* चेहर पर कांति ओज तेज हो।
* कर्मेन्द्रिय (हाथ पांव आदि) स्वस्थ हों।
* मन प्रसन्न दिखाई देता है।
* सकारात्मक विचार हो
* मल विसर्जन सम्यक् मात्रा में समय पर होता हो।
* शरीर की उंचाई के हिसाब से वजन हो,आदि।
#हमेशा स्वस्थ रहने के उपाय|Seda swasth kaise rehne?
#सदा स्वस्थ कैसे रहे?
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<स्वस्थ> रहने के लिए कुछ
संकल्प करें।
* तनाव भगाएं ।
* मोटापे से बचें।
* व्यायाम की आदत डालें।
* पौष्टिक भोजन करें।
* समय, आयु, अवस्था के अनुसार नींद लें ।
#हमेशा स्वस्थ रहने के लिए क्या करें?
Hamesha swasth rehne ke liye kya karen?
* सुबह जल्दी उठने की आदत डालें:
- ब्रह्म मुहर्त सब सब पहले जल पीयें।
- सुबह उठकर व्यायाम करें:
भरपूर नाश्ता करें:
* कुछ लोगों की आदत होती है कि वो नाश्ता नहीं करते सीधे दिन में खाना खाते हैं।यह गलत है।
- सुबह जल्दी उठो और ३- ४ मील (४- ६ किलोमीटर) रोज टहलो। संभव हो तो शाम को भी थोड़ा टहलो।
- टहलते समय नाक से लम्बी- लम्बी सांसें लो तथा यह भावना करो कि टहलने से आप अपने स्वास्थ्य को संवार रहे हैं।
- प्रातः पौष्टिक पदार्थों का सेवन करें। अंकुरित अन्न, भीगी मूंगफली, आंवला या इससे बना कोई पदार्थ, संतरा या मौसम्मी का रस अच्छे नाश्ता का अंग होते हैं।
- भोजन सादा करो एवं उसे प्रसाद रूप में ग्रहण करो, शांत, प्रसन्न और निश्चिन्तता पूर्वक करो और उसे अच्छी तरह चबाचबा कर खाओ। खाते समय न बात करो और न हंसो। एकाग्र चित्त होकर भोजन करना चाहिए।
- भोजन में रोज अंकुरित अन्न अवश्य शामिल करो। अंकुरित अन्न में पौष्टिकता एवं खनिज लवण गुणात्मक मात्रा में बढ़ जाते हैं। इनमें मूंग सर्वोत्तम है। चना, अंकुरित या भीगी मूंगफली इसमें थोड़ी मेथी दाना एवं चुटकी भर- अजवायन मिला लें तो यह कई रोगों का प्रतिरोधक एवं प्रभावी ईलाज है।
- मौसम की ताजा हरी सब्जी और ताजे फल खूब खाओ। जितना हो सके कच्चे खाओ अन्यथा आधी उबली/ उबली तथा कम मिर्च- मसाले, खटाई की सब्जियां खाओ।
- आटा चोकर समेत खाओ, सम्भव हो तो हाथ का पिसा हुआ खाओ। जौ, गेहूं, चना, सोयाबीन का मिस्सी रोटी का आटा सुपाच्य एवं पौष्टिक होता है। पौष्टिकता की दृष्टि से रोटी में हरी सब्जी, पालक, मेथी ,, बथुआ आदि पत्तीदार सब्जी मिलाकर बनायें / खायें। दलिया / खिचड़ी में भी पत्तीदार एवं हरी सब्जियाँ मिलाकर पौष्टिकता बढ़ाई जा सकती है।
- सब्जियों के सूप का नित्य सेवन पौष्टिक एवं हलके भोजन का अच्छा अंग हो सकता है।
- भोजन के साथ पानी न पीओ। दोपहर के भोजन के घंटे भर बाद पानी पियें । भोजन यदि कड़ा और रूखा हो तो
सवेरे जूस या नीबू पीनी, दोपहर मे छाछ, रात मे दूध ले सकते है।
- प्रातः उठते ही खूब पानी पीओ। दोपहर भोजन के थोड़ी देर बाद छाछ और रात को सोने के पहले उष्ण दूध अमृत समान है।
- धूम्रपान, मादक पेय- पदार्थ (जरदा, गुटखा, सॉफ्ट ड्रिंक जैसे कोकाकोला, पेप्सी इत्यादि एवं शराब आदि )) सर्वथा छोड़ दो।
- चाय- कॉफी आदि के स्थान पर सादा ठंडा या गुनगुना पानी, नींबू पानी, छाछ, गाजर, पालक चुकन्दर, लौकी, टमाटर इत्यादि सब्जियों का एव मौसम्मी या संतरा, पपीता इत्यादि फलों के रस का उपयोग लाभकारी होता है।
- डाइबीटीज (शक्कर) के रोगी को शक्कर या उससे बने पदार्थों से पूर्ण परहेज करना चाहिए। फलों में अधिक मीठे फल का सेवन कम करें। फल के रस के बजाय फल खायें ।।
#मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के उपाय,?
दिमाग को फिट रखने के तरीके।
अध्ययन करते रहें। नया सीखते रहें दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए कोशिश करनी चाहिए कि कुछ नया सीखते रहना चाहिए।
शरीर का ध्यान रखें ।
सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं उनसे मित्रता रखें।
दूसरों की सहायता करेगें तो तनाव को दूर रह सकते है तथा मन को शांति मिलेगी ताकत मिलेगी।
जीवन मे एक लक्ष्य तय करें।
आलस्य छोड़ कर अपने काम मे व्यस्त रहें।
#“स्वस्थ शरीर के लाभ क्या है?”
यदि मनुष्य का शरीर स्वस्थ होगा, तो वह किसी भी भौतिक समस्या या परिस्थिति का सामना कर उसका समाधान निकाल सकता है। इससे उसके मन में किसी भी तरह की परेशानी व संशय का निर्माण नहीं होगा, अपितु इस सफलता से उसके मन में उत्साह बढ़ेगा और वह आगे की परिस्थितियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहेगा।
धन्यवाद!
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2022
#डिप्रेशन|अवसाद क्या है?क्या करें उपाय?In hindi.
#डिप्रेशन|अवसाद क्या है?In hindi.
अवसाद या डिप्रेशन का मतलब (depression meaning):-
मानसिक-खिन्नता ,उदासीनता,डिप्रेशन का ही रूप है।
यह ऐसी अवस्था है जब व्यक्ति का मन और दिमाग दोनों ही नैगिटिविटी, चिंता, तनाव और उदासी से घिर जाता है। डिप्रेशन की इस अवस्था में व्यक्ति की सोचने-समझने की ताकत क्षीण यानि खत्म हो जाती है और व्यक्ति धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है।
डिप्रेशन दो प्रकार से होता है
* 1-भारी रूप से नुकसान होने से , वियोग से ,आपत्तिजनक प्रस्थिति से।
* 2-अंदरूनी कमजोरी या बिमारी के कारण होने वाली डिप्रेशन।
#डिप्रेशन|अवसाद के लक्षणों ?
Depression ke lakshan?
- दिन भर और खासकर सुबह के समय उदासी.
- प्रतिदिन थकावट और कमजोरी महसूस करना।
- स्वयं को अयोग्य माना
या अपने को दोषी मानना।
- एकाग्र रहने तथा फैसले लेने में कठिनाई होना।
- लगभग हर रोज़ बहुत अधिक या बहुत कम सोना।
- सारी गतिविधियों में नीरसता आना।
लक्षण
- डिप्रेशन मे ज्यादातर लोगों किसी न किसी बात को लेकर गिल्ट वाली फीलिंग रहती है.
- ऐसे में लोग हर समस्या के लिए खुद को जिम्मेदार मानने लगते हैं.
- डिप्रेशन में रहने वाले व्यक्तियों को बहुत जल्दी गुस्सा और खीज आती है.
- कई बार ऐसे लोगों के मन में जीवन बेकार लगने लगता है।
-रोगी अकेला रहना पंसद करता है।
#डिप्रेशन क्यों होता है? – Why does depression happen?
डिप्रेशन के कई कारण होते हैं।
आजकल जीवन से अत्यधिक आकांक्षा बढने से, धनदौलत की ईच्छा बढने से,रिश्तों की अहमियत धट जाने के कारण डिप्रेशन कई गुणा बढ गई है।बुजुर्गों मे अकेलापन के कारण डिप्रेशन के शिकार हो रहें है।
कई बार हमारे जीवन में कोई बड़ा हादसा, संघर्ष, पारिवारिक समस्या, आर्थिक समस्या, हार्मोन में आए बदलाव, थायराइड, प्रसव, रजोनिवृत्ति, मौसम में परिवर्तन आदि के कारण भी व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है।
#डिप्रेशन से कैसे बचा जा सकता है?,कैसे करें अपना डिप्रेशन दूर?
सबसे पहले डिप्रेशन दूर करने के लिए
-आठ घंटे की नींद लें। नींद पूरी होगी तो दिमाग तरोताजा होगा और नकारात्मक भाव मन में कम आएंगे।
- प्रतिदिन सूरज की रोशनी में कुछ देर जरूर रहें। इससे अवसाद जल्दी हटेगा।
- बाहर टहलने जाएं।
- अपने काम का पूरा हिसाब रखें।
- ध्यान व योग को दिनचर्या में शामिल करें।
#डिप्रेशन को कैसे खत्म करें?,अकेले होने पर डिप्रेशन को कैसे हराएं?
- आपको मेडिटेशन करना चाहिए।
- प्रकृति और पेड-पौधों से प्यार करना दिमागी शांति के लिए काफी फायदेमंद है।
- एक्सरसाइज करने से हमारे दिमाग में हैप्पी हॉर्मोन्स का उत्पादन बढ़ता है।
- संगीत,म्यूजिक सुनना भी एक मददगार तरीका है, जो आपके तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करता है.
#डिप्रेशन का घरेलू उपाय क्या है?डिप्रेशन दूर करने के उपाय।
-राई के तैल से मालिस करने से राहत मिलती है।
-खिरनी खाने से पुनः चेतना आ जाती है।यह बृद्धावस्था मे बहुत उपयोगी होता है।
- कम से कम 5 बादाम खाकर एक गिलास हल्का गर्म दूध पीने से तनाव में काफी रहात मिलती है।
बादाम को भूनकर भी खाया जा सकता है।
- दूध में अदरक का पाउडर मिला कर पेस्ट बना माथे पर लगाने से भी तनाव कम होता है।
- गुलकंद:
गुलकंद कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करता है, पर तनाव दूर करने में यह बेहद कारगर है।
#डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज?
आयुर्वेद में डिप्रेशन के इलाज के लिए रसायन औषधि खाने की सलाह दी जाती है। रसायन
आमलकी रसायन,आंवला, ब्राह्मी घृत, शंखपुष्पी, बृहती, कंठकारी, हरड़, शोयनाक, गंभारी, पृष्टपर्णी, बला सालपर्णी, जीवंती, मूण्डूकर्णी, शतावरी, मेधा, महामेधा, वृष्भक, मुक्ता, पिपली से बनाए जाते हैं।
अश्वगंधा,
सर्पगंधा,
शंख पुष्पी,
ब्रह्मी,
मंडूकपर्णी आदि मानसिक शांति के लिए बहुत कारगर है।इनसे बनाने प्रोडक्ट प्रयोग करने चाहिए।
#आयुर्वेदिक औषधियों:-
आयूर्वेदिक शास्त्रीय योग जो डिप्रेशन मे उपयोगी होती है।
ब्रनिका सीरप
अश्वगंधा चूर्ण
अश्वगंधारिष्ट,
सारस्वतारिष्ट,
स्मृति सागर रस,
स्वर्ण भस्म,
तथा जठामांसी,ब्रह्मी के योग बहुत लाभदायक होते है।
#उदासी कैसे दूर करे
- संगीत सुने और गुनगुनाए संगीत सुनने से मानसिक तनाव और ब्लड प्रेशर दूर होता है।
- गेम खेलें ।
- अपनों के साथ समय गुजारे ।
- योग करें।
- पेंटिंग करें ।
- खुली हवा में घूमे।
नोट:- कोई भी औषधि का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर करें।
धन्यवाद!
गुरुवार, 7 अप्रैल 2022
रक्तचाप कैसे कम करें?How to lower blood pressure? In hindi
How to lower blood pressure?
रक्तचाप कैसे कम करें?
सवाल-जवाब।
Dr.VirenderMadhan.
#Blood pressure|रक्तचाप क्या है?
जिस प्रकार रबड का पाईप नर्म और ढीला ढाला होता है जब उससे पीनी की टंकी मे लगाकर पीनी चलाते हैं तो पाईप टाईट हो जाता है यह पानी के प्रैशर से ही टाईट होता है इसे पानी का प्रैशर कहते है इसी प्रकार रक्तवाहिनियों पर रक्त का प्रैशर होता है।
रक्तचाप (अंग्रेज़ी:ब्लड प्रैशर) रक्तवाहिनियों में बहते रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों पर द्वारा डाले गये दबाव को कहते हैं। धमनियां वह नलिका है जो पंप करने वाले हृदय से रक्त को शरीर के सभी ऊतकों और इंद्रियों तक ले जाते हैं।
#रक्तचाप|blood pressure के बढने के क्या कारण होते है।?
High BP- कुछ बीमारियों के कारण कोलेस्ट्रॉल धमनियों पर जमा हो जाता है और उनके लुमेन को संकुचित कर देते हैं जिससे उनके दीवार पर दबाव बढ़ जाता है।
[हाई ब्लड प्रेशर के कारण]
* गलत खानपान (प्रज्ञापराध) :-
उच्च रक्तचाप के कारण में खानपान खराब होना भी शामिल है।
* किडनी से जुड़ी बीमारियां
बीपी बढ़ने का कारण किडनी से जुड़ी बीमारियां भी हैं।
* आलस्य
ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण आलस्य भी है।
* मौसम में बदलाव
सर्दियों के मौसम में अक्सर तापमान में उतार-चढ़ाव देखा जाता है।
* तनाव
मानसिक तनाव से ब्लड प्रेशर बढने का बहुत बडा कारण है।
उम्र:
जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है तो उच्च रक्तचाप होने का खतरा बढ़ जाता है
हेरीडीटीकल :-
उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास (बीमारी पीढ़ियों में चलती है)
*आपके भोजन में नमक की अधिक मात्रा का प्रयोग करना।
* व्यायाम की कमी होना।
*अधिक वजन होना
* धूम्रपान
* ज़्यादा मात्रा में शराब पीना
- ऐसी कुछ परिस्थितियाँ निम्न हैं, जिनके कारण उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा हो सकती है:
- गुर्दे के रोग
- हार्मोन समस्याएँ
- ऐसी कुछ दवाइयाँ जिनसे उच्च रक्तचाप उत्पन्न हो सकता है,
- कुछ नशीली दवाइयाँ
#बीपी बढ़ने के क्या लक्षण है?
- अगर इंसान को अचानक धुंधला दिखने लगे या उसे आई साइट में दिक्कत महसूस होने लगे तो ये ब्लड प्रेशर की बीमारी का संकेत हो सकता है. इसके अलावा
* कन्फ्यूजन होना,
* चक्कर आना।
* सिरदर्द,
* नाक से खुन आना।
*छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ भी ब्लड प्रेशर की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं
#हाई ब्लड प्रेशर को तुरन्त कैसे कम करे?
या
#दवा के बिना दबाव को कैसे कम करें
#हाय ब्लड प्रेशर को कैसे कम करे,
इन सब का उत्तर एक ही है।
* कम मात्रा मे (नमक )सोडियम खाएं
* पोटेशियम की मात्रा बढ़ाएं
रोजाना एक्सरसाइज करें
* धूम्रपान और सिगरेट छोड़े ...
* उच्च रक्तचाप को प्रबंधित करने के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव आवश्यक हैं?
*वजन कम करें और इसे बनाए रखें।
* अधिक अल्कोहल का सेवन न करें।
* योग, प्राणायाम और व्यायाम जैसे एक्सरसाइज को नियमित रूप से करें।
#बीपी कम करने के लिए क्या खाएं?
- फल और सब्जियां अधिक खाएं।
- डेयरी खाद्य पदार्थ चुनते समय कम वसा वाले विकल्पों का चयन करें।
- संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रॉल और ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
- साबुत अनाज, नट्स का सेवन अधिक करना चाहिए।
#बीपी कम करने के लिए क्या खाना पीना चाहिए?
- हाई ब्लड प्रेशर के लिए डाइट में क्या-क्या शामिल करें? गेहूं, मूंग की दाल, मसूर की दाल, सब्ज़ियों में परवल, सिंघाड़ा, टमाटर, लौकी, तोरई, करेला, कद्दू, हरे पत्तेदार सब्ज़ियां और मौसमी सब्ज़ियां खानी चाहिए। साथ ही खाने में ज़ीरा भी शामिल करना चाहिए।
#High blood pressure|उच्च रक्तचाप मे कौन कौन से फल खा सकते है?
अगर आपको शुगर नहीं है तो आप
किवी,
आम,
खरबूजे,
केला,
स्टोबेरी आदि खा सकते है?
#हाई ब्लड प्रेशर का आयुर्वेदिक ईलाज?
- High blood pressure|उच्च रक्तचाप वाले रोगी को इन उपायों को जरूर करना चाहिए।
अजवाइन
*अजवाइन की पत्तियों का चूर्ण 2 ग्राम पानी से लें।
* दालचीनी
दालचीनी का चूर्ण या दालचीनी का पानी पीने से बी०पी० कंट्रोल मे रहता है।शुगर मे भी उपयोगी है।
* अर्जुन की छाल
अजुर्न की छाल का चूर्ण 3-6 ग्राम पानी से दिन मे दो बार लेना चाहिए। या अर्जुन की छाल की चाय की तरह काढा बनाकर पी लें।यह B.P. मे, हृदय रोगों मे बहुत लाभकारी है।
* त्रिफला
त्रिफला चूर्ण 1-1 चम्मच सवेरे शाम पानी से लें। या या
गुरु त्रिफला रस 20मि०ली० दिन मे 2 बार लें।
* सर्पगंधा:-
सर्पगंधा चूर्ण या सर्पगंधा घन वटी 1-1सवेरे शाम लें।यह तंत्रिका तंत्र को शांत रखता है।
मानसिक तनाव को कम करता है।
* जटामांसी
जटामांसी धमनियों को सख्त होने से बचाता है यह वातनाशक है मानसिक तनाव को शांत करने में मदद करता है।
* शंखपुष्पी और अश्वगंधा
शंखपुष्पी और अश्वगंधा मानसिक रूप से लाभकारी है तथा इम्यूनिटी को बढते है तथा रक्तचाप को संतुलित रखने में सहायक होते है।
* लहसुन
लहसुन खाने से कोलेस्ट्रोल कम होता है तथा रक्तचाप ठीक रहता है।
* लौकी का जूस
लौकी का जूस पीने से पित्त रोग शांत होते है तथ ब्लड प्रैशर,हृदय रोगों से बचाता है।
#उच्च रक्तचाप|High blood pressure की आयुर्वेदिक दवा (औषधि) ?
- Brainica Syrup (Guru pharmaceuticals) की 2-2 चम्मच सवेरे शाम लेने से रक्तचाप सामान्य हो जाता है। निन्द्रा अच्छी तरह से आती है।
- मुक्तावटी
सारस्वतारिष्ट
अश्वगंधारिष्ट
लेते रहना चाहिए।
नोट:- कोई भी औषधि लेने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य करलें।
आशा है कि आपकी समस्या का हल मिल गया होगा।
क्या लेख आपके लिए उपयोगी है ? कोमेंट मे जरुर बतायें।
धन्यवाद!
डा०वीरेंद्र मढान।
बुधवार, 6 अप्रैल 2022
अगर चीनी (sugar) बिल्कुल खाना बंद कर दें तो क्या होगा?In hindi.
अगर चीनी (sugar) बिल्कुल खाना बंद कर दें तो क्या होगा?In hindi.
- जो व्यक्ति दिन कम से कम 5 कप चाय और 1–2 मिठाई के बिना ख़त्म ही नहीं होता था परन्तु फिर चीनी को हाथ भी नहीं लगाये।उसे कोई रोग या डायबिटीज नही है। चीनी छोड़ दे....तो
#चीनी के नुकसान?
- पहली बात जानने की है कि चीनी एक धीमा और खतरनाक जहर है और उसे आप जितनी जल्दी छोड़ेंगे आपके लिए वरदान होगा।
चीनी छोड़ ने से क्या होगा?
* चीनी पूर्ण रूप से छोड़ देने से पहले एक हफ्ते तक आपके साथ निम्नलिखित चीजें होंगी:
चीनी की आदत आपका शरीर बुरी तरह चीनी को खोजेगा। थोडा स्वयं पर संयम रखें और चीनी खाने से बचें।
आपको ऐसा लगेगा कि जो भी हो कुछ मीठा अवश्य खाना चाहिए।अपने उपर संयम रखें।आपको भुख लगना भी स्वाभाविक है आप कुछ ओर खा सकते है। चीनी नही खानी।
अगर कमजोरी महसूस हो तो अच्छा भोजन कर सकते है।
- अगर 100 व्यक्ति चीनी छोडना चाहे तो 90 व्यक्ति पहले 7 दिनों में दूबारा चीनी खाने लगते है।
#चीनी छोडने से लाभ।
अगर आप 7 दिनों तक चीनी छोड़ सकते है तो अच्छे रिजल्ट मिलने शुरू हो जाते हैं।
आपकी पाचनशक्ति अच्छी होने लगती है।पेट हल्का रहने लगता है।भुख बढ जाती है।
सारा भोजन पच जाता है।गैस ,तेजाब कम हो जाती है।शौच ठीक से आती है।आलस्य समाप्त हो जाता है।बिना कारण होने वाली थकान नही होती है। एकाग्रता बढ़ेगी।
अगर 1-2 महीने चीनी छोड़ दें।तो आश्चर्य जनक परिणाम मिलने लगते है।
आपका वजन सामान्य हो जाता है।
त्वचा सोफ्ट हो जाती है।
चर्बी कम हो जाती है।पेट नरम हो जाता है।
कुछ और महीनों के बाद चीनी की चीचें आपको अच्छी नही लगेगी।
आपकी मधुमेह, डाइबिटीज बिना औषघि के ठीक हो सकती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता आश्चर्यजनक रूप से बढ़ेगी।
परन्तु चीनी छोडना आपको मुश्किल लगेगा।बहुत से लोग चीनी छोड़ कर शुगरफ्री लेना शुरू कर देते है। वह चीनी से भी अधिक खतरनाक होता है।
#क्या खायें?
अगर आपको मीठा खाने का मन है तो आप फल खा सकते है। गुड खा सकते है ध्यान रहे गुड शुद्ध होना चाहिये चीनी मिला हुआ नही होना चाहिये।
आप खुब खजुर ,अंजीर किशमिश आदि खा सकते है।प्रकृतिक मीठा ले सकते है जुस पी सकते है।(गन्ने का रस छोडकर)यदि आप डाइबिटीज के मरीज है तो अधिक गुड से परहेज़ करना चाहिए।
#चीनी एकदम छोड़ने से क्या हो सकता है?
बिल्कुल मीठा छोड़ ने से हल्के चक्कर आ सकते है।हाथों पैरों मे चींटियां सी चलने जैसे लगने लगता है।झुनझुनी सी होने लगती है।
इसके लिए आप गुड या शहद खा सकते है। यह बहुत अच्छा उपाय है।
चीनी छोडने का निर्णय लेना मतलब जिन जिन चीचों मे चीनी मिलाई जाती है उन सभी पदार्थों को छ़ोडना।
फिर पायेंगे आप स्वास्थ्य निखार, रोगप्रतिरोधक क्षमता,वृद्धावस्था मे सुधार, तन व मन की खुशी।दीर्घायु।
“ध्यान रहें चीनी बन्द हुई है मीठा नही।”
धन्यवाद!
“दही” खाने के फायदे और नुकसान.जाने हिन्दी में।
“दही” खाने के फायदे और नुकसान.जाने हिन्दी में।
दही को संस्कृत में “दधि” बोलते हैं तथा फारसी मे - दोग, अंग्रजी मे- Curdled Milk “(Curd)” कहते है।
Dr_Virender_Madhan.
#दही किसे कहते है|दही क्या है?
-थक्के के रूप में जमा दूध जिसे जामन या खटाई डाल कर जमाया जाता है ; दधि। खटाई के द्वारा जमाया हुआ दूध को दही कहते है।
#दही खाने के फायदे?
दही बल देताहै।
दही खाने से immunity बढती है।
हड्डियों को मजबूत करता है।
#आयुर्वेद के अनुसार दही के गुण:-
दही गरम, अग्नि को दीप्त करती है। दही स्निग्ध, थोडा कषैली होती है, भारी ,पाक मे खठ्ठी होती है।
#दही खाने से नुकसान?
श्वास, पित्त, रक्तविकार, सूजन, मेद (चर्बी), तथा कफकारक होती है।
अधिक दही खाने से खून खराब होता है।शरीर पर चर्बी बढती है।कफ से होने वाले रोग बढ.जाते है।
#दही कितने तरह की होती है ?
दही के पांच भेद:-
दही 5प्रकार की होती है।
मन्द , स्वादु , स्वादूम्ल , अम्ल ,अत्यम्ल,
* मन्द दही
मन्द दही, दूध से थौडी गाढी होती है। मन्द दही मल,मूत्र को बढाने वाला होता है।त्रिदोषज, दाह को बढाता है
* स्वादु दही
स्वादू दही अच्छी गाढी होती है।स्वादिष्ट होती है अम्लरस रहित होती है।
यह अभिष्यन्दी होती है शक्ति, मेद , कफबर्ध्दक होती है।रक्तपित्त को स्वच्छ करने वाला और वातनाशक होती है।
*स्वाद्वम्ल दही
खट्टा, मीठा, कषैला,यह दही सामान्य होती है।
अम्लदही:-
यह दही बहुत खट्टी होती है।यह पित्त ,कफ,रक्त विकार होती है।
अग्नि प्रदिप्त करती है।
अत्यम्ल दही -
यह भी अम्लदही के सामान गुण वाली होती है यह दांतों को खट्टा कर देती है।
#सबसे अच्छी दही कौन सी होती है?
*गौ की दही:-
गाय की दही विशेष कर मीठी, स्वादिष्ट, रूचिकर, पवित्र, अग्निप्रदीपक, हृदयप्रिय, तृप्तिकारक, वातनाशक होती है।
*भैस की दही:-
अधिक स्निग्ध, कफकारक, पित्त, वातनाशक , होती है।पाक मे मीठी, भारी ,बृष्य (शरीर को भारी करने वाला ) ,रक्तविकार करने वाला होता है।
* बकरी का दही:-
गर्म ,ग्राही ,हल्का, त्रिदोषनाशक, अग्निप्रदीपक, होता है।श्वास कास, क्षय , बवासीर, तथा दुर्बलता मे बहुत उपयोगी होता है।
#शर्करा (शक्कर) सहित दही के गुण:-
मीठी दही में कई पोषक तत्व होते हैं. जो पेट से लेकर कई अन्य बीमारियों को भी दूर करते हैं. दही में फॉस्फोरस और कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है. इससे आपके दांत और हड्डियां मजबूत बनती हैं.
<खाण्ड से मीठी दही सर्व श्रेष्ठ दही होती है।>
तृष्णा,पित्त, वातरोग नाशक होता है।पुष्टिकर होता है।तर्पण,बलकारक होता है।
#दही किस समय नही खाना चाहिए?
आयुर्वेदिक शास्त्रों में दही रात मे खाना निषेध है क्य़ोंकि दही रात मे खाने दोष कुपित हो कर रोग पैदा हो जाते है।
अगर खाना ही पडे तो उसमें शक्कर, बूरा, शहद, धी आदि डाल कर खाना चाहिए।
रात मे दही छाछ न खाना ही श्रेष्ठतम है।
#दही कौन सी ऋतु मे खायें कौन सी ऋतु में न खायें?
दही को हेमन्त,शिशिर, और वर्षा मे खाना अच्छा है।
तथा शरद, ग्रीष्म, और बसंत ऋतु मे दही खाना अच्छा नहीं है।
#बिना विधि के दही खाने से क्या नुकसान होता है?
आयुर्वेद के अनुसार - दही को गलत समय पर गलत ऋतु मे खाने से ज्वर,रक्तविकार, पितविकार, विसर्प, कुष्ठरोग, पांडू (पिलिया), भ्रम (चक्कर आना) आदि रोग हो जाते हैं।
धन्यवाद!
#डा०वीरेंद्र मढान.